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शुक्रवार, 19 अप्रैल 2013

गर्मी में खानपान पर विशेष

गर्मी की शुरुआत हो रही है। चिकित्सक इन दिनों में खानपान पर विशेष ध्यान देने की सलाह देते हैं, ओर हमें ज्यादा से ज्यादा पेय पदार्थो का सेवन करने को कहते हैं। वजह ये है, कि गर्मी के दिनों में खूब पसीना निकलता है। इसके साथ ही शरीर से जरूरी मिनरल और साल्ट भी निकल जाते हैं। डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) न हो, इस लिए डाक्टर ज्यादा से ज्यादा पानी और पेय पदार्थ लेने की सलाह देते हैं। तो इन गर्मियों में आप और आपका परिवार इन समस्याओं से दुखी न हों गर्मी के साथियो के बारे में जानने का समय हे। इनका सेवन कर आप स्वस्थ बने रह सकते हें।
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वर्तमान में गर्मी से बचने हेतु निम्न वस्तुओं का आनंद लेकर ग्रीष्म ऋतु का मुकावला किया जा सकता है।
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ठंडाई-- पोस्ता दाना, कालीमिर्च, खरबूजे ओर ककड़ी के बीज,आदि से बनी गर्मी को दूर भगाने के लिए आप ठंडाई पी सकते हैं। भरी धूप में चलकर आने वाले मेहमानों का स्वागत भी चाय से न करके ठंडाई से करें, तो क्या कहने! इन दिनों बाजार में बने बनाए फ्लेवरों में ठंडाई उपलब्ध है। बस, जरूरत है दूध और शक्कर की। गिलास भर दूध में मिलाएं दो चम्मच ठंडाई और दो चम्मच चीनी। फिर मस्त हो पीएं और पिलाएं!
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अमरस या मैंगों शेक - फलों का राजा आम गर्मियों में ही होता है। दूध के साथ इसे मिक्सी में मेश करें। ऊपर से स्वादानुसार चीनी या शहद डाल लें। बस बन गया मैंगो शेक! गर्मियों में रोजाना इसका सेवन करें।
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पना या कच्चे आम का शर्वत-- इसके स्वाद ओर लाभ का कोई जवाव नहीं अतिथि सत्कार में इसे पेश करना मानो ग्रीष्म ऋतु के मारे को अमृत पिलाने जसा होता हे। बनाना भी आसान हे । बस कच्चे आम को पानी में पकाए, ठंडा कर मसलकर गुठली छिलका हटा कर मिक्सर में मथ कर छान लें, शक़्कर चुटकी भर नमक, ओर पिसा जीरा मिला कर पीयेँ ओर पिलाएँ ओर गर्मी, लू लगना[सन स्ट्रोक] पानी की कमी आदि से स्वयं ओर परिवार सहित मित्रों को बचाएं।
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नींबू पानी - नींबू पानी भारत का पारंपरिक पेय पदार्थ है। गर्मी के दिनों में सुबह उठते ही नींबू पानी का सेवन करें। इसे बनाने के लिए एक ग्लास पानी में एक नींबू, चीनी (स्वादानुसार) और काला नमक मिला लें। इसे रोज पीने से लू नहीं लगती।
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मसाला छाछ ओर लस्सी -- गर्मियों में छाछ का सेवन खाने के साथ नियमित रूप से करें। यह भोजन को पचाने में मदद करता है। दही Curd खाना इस ऋतु में हानि कारक है, पर मथ कर बनाई लस्सी लाभद्यक हे। पर बर्फ का प्रयोग कभी न करें। ठंडा करने के लिए बरफ या फ्रिज में रखा जा सकता हे, पर अधिक ठंडा हानी कारक ओर प्यास बढ्ने वाला होता है।
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पानी वाले फल, सब्जियां --- गर्मी के दिनों में ऐसे ढेर सारे फल और सब्जियां बाजार में उपलब्ध होते हैं जिनमें प्रचुर मात्रा में पानी होता है। इनमें तरबूज, खरबूज, खीरा, ककड़ी, संतरा, मोसम्बी, आदि प्रमुख हैं। गर्मियों में इनका ओर इनके रस का जमकर सेवन जरूर करें।

आयुर्वेद में ग्वारपाठा के औषधीय गुण

हमारे आस पास तमाम ऐसी वनस्पतियां पाई जाती हैं जिनमें औषधीय गुण मिलते हैं। समझ और सजगता का अभाव होने के कारण इनका सही प्रयोग नहीं हो पाता। इन्हीं वस्पतियों में घृतकुमारी का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। आयुर्वेद में इसे ग्वारपाठा, घी कुंवारा, स्थूलदला, कुमारी आदि नामों से इसे जाना जाता है। घृतकुमारी के पत्तों का इस्तेमाल यकृत विकार, आमवात, कोष्ठबद्धता, बवासीर, स्त्रियों के अनियमित मासिक चक्र और मोटापा घटाने के साथ ही चर्म रोग में भी लाभकारी होता है। घृतकुमारी सभी स्थानों पर पूरे वर्ष सुगमता से मिलता है। इसके गूदे में लौह, कैल्शियम, पोटैशियम एवं मैग्नीशियम पाया जाता है।
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1- एलोवेरा में 18 धातु, 15 एमिनो एसिड और 12 विटामिन मौजूद होते हैं जो खून की कमी को दूर कर रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढाते हैं।

2- एलोवेरा के कांटेदार पत्तियों को छीलकर रस निकाला जाता है। 3 से 4 चम्मदच रस सुबह खाली पेट लेने से दिन-भर शरीर में चुस्ती व स्फूर्ति बनी रहती है।

3- एलोवेरा का जूस पीने से कब्ज की बीमारी से फायदा मिलता है।

4- एलोवेरा का जूस मेहंदी में मिलाकर बालों में लगाने से बाल चमकदार व स्वस्‍थ्‍य होते हैं।

5- एलोवेरा का जूस पीने से शरीर में शुगर का स्तर उचित रूप से बना रहता है।
एलोवेरा का जूस बवासीर, डायबिटीज, गर्भाशय के रोग व पेट के विकारों को दूर करता है।

6- एलोवेरा का जूस पीने से त्वचा की खराबी, मुहांसे, रूखी त्वचा, धूप से झुलसी त्‍वचा, झुर्रियां, चेहरे के दाग धब्बों, आखों के काले घेरों को दूर किया जा सकता है।

7- एलोवेरा का जूस पीने से मच्छर काटने पर फैलने वाले इन्फेक्शन को कम किया जा सकता है।

8- एलोवेरा का जूस ब्लड को प्यूरीफाई करता है साथ ही हीमोग्लोबिन की कमी को पूरा करता है।

9- शरीर में वहाईट ब्लड सेल्स की संख्या को बढाता है।

10- एलोवेरा का जूस त्वचा की नमी को बनाए रखता है जिससे त्वचा स्‍वस्‍थ्‍य दिखती है। यह स्किन के कोलाजन और लचीलेपन को बढाकर स्किन को जवान और खूबसूरत बनाता है।

11- एलोवेरा के जूस का नियमित रूप से सेवन करने से त्वचा भीतर से खूबसूरत बनती है और बढती उम्र से त्वचा पर होने वाले कुप्रभाव भी कम होते हैं।
12- एलोवेरा के जूस का हर रोज सेवन करने से शरीर के जोडों के दर्द को कम किया जा सकता है।

13- एलोवेरा को सौंदर्य निखार के लिए हर्बल कॉस्मेटिक प्रोडक्ट जैसे एलोवेरा जैल, बॉडी लोशन, हेयर जैल, स्किन जैल, शैंपू, साबुन, फेशियल फोम आदि में प्रयोग किया जा रहा है।

14- एलोविरा जैल या ज्यूस मेहंदी में मिलाकर बालों में लगाने से बाल चमकदार होंगे।
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सावधानी: गर्भवती औरतों और पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिये घृतकुमारी-एलोविरा के आन्तरिक सेवन करने की सख्त मनाही है। —

पालक में पाए जाने वाले पोषक तत्व

पालक पोषक तत्वों से भरपूर है। इसमें मौजूद कैल्शियम और हरित तत्व हड्डियों को मजबूती प्रदान करते हैं। पालक में पाए जाने वाले विटामिन ए और सी, रेशे, फोलिक एसिड और मैग्नीशियम कैंसर से लड़ने में मदद करते है, जिसमें कोलन, फेफड़े में होने वाला कैंसर और स्तन कैंसर प्रमुख है। पालक हृदय संबंधी बीमारियों से लड़ने में भी मददगार होता है। इसके नियमित सेवन से बुजुर्गो की कमजोर होती याददाश्त भी मजबूत होती है।

भोजन में कैसे बढ़ाएं पालक की मात्रा:
पालक को महीन काटकर सलाद के साथ खाएं
कटे हुए पालक को अपने पसंदीदा सूप में डालकर खाएं
पालक और लहसुन की भुजिया बनाकर खाएं। यह काफी स्वादिष्ट होती है
पालक को ब्रेड के सैंडविच में भी लगाकर खाया जा सकता है

पालक में मौजूद कैलोरी : पालक एक ऐसी सब्जी है जिसे वजन घटाने के इच्छुक लोग भी बेफिक्र होकर खा सकते हैं। इसमें कैलोरी कम और पोषक पदार्थो की मात्रा अधिक होती है। पालक में प्रोटीन के प्रचुर मात्रा में पाए जाने के अलावा इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है।


पालक में पाए जाने वाले पोषक तत्व : इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड्स एंटीआक्सीडेंट का काम करते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करने के अलावा हृदय संबंधी बीमारियों से लड़ने में भी मददगार होता है। प्रतिदिन सलाद में इसके सेवन से पाचनतंत्र मजबूत होता है। इसमें पाया जाने वाला बीटा कैरोटिन और विटामिन सी डीएनए का क्षय होने से बचाता है। ये शरीर के जोड़ों में होने वाली बीमारी जैसे आर्थराइटिस, ओस्टियोपोरोसिस की भी संभावना को घटाता है।

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