यह ब्लॉग खोजें

गुरुवार, 22 मई 2014

क्या_CCI_वालो_के_भी_अच्छे_दिन_आएंगे_?

लिंक से हटकर और कुछ लोगो के भविष्य के लिए 5 मिनिट का समय निकालकर पोस्ट पर आये
तस्वीरो में जो सीमेंट फैक्ट्री है, वह #CCI (सीमेंट कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया) की नीमच (म.प्र.) जिले के #नयागांव की है ।
इस #फैक्ट्री के बारे में कुछ जानकारी आपको दे दू


1) यह फैक्ट्री एक समय में विश्व की चौथी बेहतरीन फैक्ट्री थी ।
2) यह फैक्ट्री किसी समय में एशिया की नंबर वन की फैक्ट्री थी ।
3) इस फैक्ट्री में सभी वर्ग के करीबन 10000 मजदूर, अधिकारी कार्य करते थे ।
4) इस फैक्ट्री पर करीबन 55000-60000 लोगो का जीवन निर्भर था ।
5) इस फैक्ट्री में स्वयं की माइंस (खदान) है, जिसमे उच्च स्तर के पत्थर है, जो की बेहतरीन सीमेंट का निर्माण कर सकते है और जो की कई वर्षो तक खत्म नहीं होंगे ।
6) इस फैक्ट्री में स्वयं की माइंस के साथ स्वयं का डेम (बाँध) भी है, जिससे इसे पानी की कमी कभी नहीं होगी ।
7) इस फैक्ट्री में मौजूद प्लांट एक बेहतरीन और मजबूत प्लांट है ।
8) इस फैक्ट्री और यहा के कर्मचारियों की वजह से नीमच शहर का मार्केट भी अच्छा चलता था ।

परन्तु इस फैक्ट्री को उस समय की निकम्मी सरकार और लोकल लीडर ने गर्त में डाल दिया ।
इस फैक्ट्री को जानभूझकर नुक्सान में डालकर बंद करवाया गया और सभी की नौकरियां गई, जिस कारण कई लोग ब्लडप्रेशर, हाईपर टेंशन , हार्ट-अटैक और डिप्रेशन से बीमार हुए और कइयों की जाने गई ।
इस फैक्ट्री को चलाने के लिए उस समय की सरकार के वाणिज्यिक मंत्री से भी मुलाकाते की गए पर कोई सुनवाई नहीं हुई ।

#क्या_CCI_वालो_के_भी_अच्छे_दिन_आएंगे_?

अगर आप दूसरों पर.. अच्छाई करोगे तो.. आपके साथ भी.. अच्छा ही होगा ..!!

एक बार एक लड़का अपने स्कूल की फीस भरने के लिए एक दरवाजे से दूसरे दरवाजे तक कुछ सामान बेचा करता था,
एक दिन उसका कोई
सामान नहीं बिका और उसे बड़े जोर से भूख भी लग रही थी. उसने तय किया कि अब वह जिस भी दरवाजे पर जायेगा, उससे खाना मांग
लेगा...
पहला दरवाजा खटखटाते ही एक लड़की ने दरवाजा खोला, जिसे देखकर वह घबरा गया और बजाय खाने के उसने पानी का एक
गिलास माँगा....
लड़की ने भांप लिया था कि वह भूखा है, इसलिए वह एक...... बड़ा गिलास दूध का ले आई. लड़के ने धीरे-धीरे दूध पी लिया...
" कितने पैसे दूं?"
लड़के ने पूछा.
" पैसे किस बात के?"
लड़की ने जवाव में कहा.
"माँ ने मुझे सिखाया है कि जब भी किसी पर दया करो तो उसके पैसे नहीं लेने चाहिए."
"तो फिर मैं आपको दिल से धन्यवाद देता हूँ." जैसे ही उस लड़के ने वह घर छोड़ा, उसे न केवल शारीरिक तौर पर शक्ति मिल चुकी थी , बल्कि उसका भगवान् और आदमी पर भरोसा और भी बढ़ गया था....
सालों बाद वह लड़की गंभीर रूप से बीमार पड़
गयी. लोकल डॉक्टर ने उसे शहर के बड़े अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया...
विशेषज्ञ डॉक्टर होवार्ड केल्ली को मरीज देखने के लिए बुलाया गया. जैसे ही उसने लड़की के कस्बे का नाम सुना, उसकी आँखों में
चमक आ गयी...
वह एकदम सीट से उठा और उस लड़की के कमरे में गया. उसने उस लड़की को देखा, एकदम पहचान लिया और तय कर लिया कि वह उसकी जान बचाने के लिए
जमीन-आसमान एक कर देगा....
उसकी मेहनत और लग्न रंग लायी और उस लड़की कि जान बच गयी.
डॉक्टर ने अस्पताल के ऑफिस में जा कर उस
लड़की के इलाज का बिल लिया....
उस बिल के कौने में एक नोट लिखा और उसे उस लड़की के पास भिजवा दिया. लड़की बिल का लिफाफा देखकर घबरागयी...
उसे मालूम था कि वह बीमारी से तो वह बच गयी है लेकिन बिल कि रकम जरूर उसकी जान ले लेगी...
फिर भी उसने धीरे से बिल खोला, रकम को देखा और फिर अचानक उसकी नज़र बिल के कौने में पैन से लिखे नोट पर गयी...
जहाँ लिखा था, "एक गिलास दूध द्वारा इस बिल
का भुगतान किया जा चुका है." नीचे उस नेक डॉक्टर
होवार्ड केल्ली के हस्ताक्षर थे.
ख़ुशी और अचम्भे से उस लड़की के गालों पर आंसू टपक पड़े उसने ऊपर कि और दोनों हाथ उठा कर
कहा, " हे भगवान..! आपका बहुत-बहुत धन्यवाद..
आपका प्यार इंसानों के दिलों और हाथों के द्वारा न जाने कहाँ- कहाँ फैल चुका है."
अगर आप दूसरों पर.. अच्छाई करोगे तो.. आपके साथ भी.. अच्छा ही होगा ..!!

यहां अक्सर गोले,गेंद की शक्ल की बिजलियां देखी जाती हैं- Dr. Sudhir Vyas

एक और अत्यंत रोचक जानकारी आप मित्रों से शेयर कर रहा हूँ -
रूस के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है वोल्गोग्राद ओबलस्त (इलाका), यहां बहुत से ऐसे स्थान हैं जिन्हें लेकर लोगों में कई किंवदंतियाँ प्रचलित हैं, जो पीढ़ी दर पीढ़ी यहां के निवासी सुनाते आए हैं ..!
कई ऐतिहासिक पुस्तकों में भी इनका उल्लेख मिलता है, पहेलियों और रहस्यों से भरे ये स्थान पुराविदों, इतिहासकारों और क्षेत्रविदों के अध्ययन का विषय हमेशा से रहे हैं अब स्थानीय प्रशासन ने यहां की अदभुत विशेषताओं की वजह से यहाँ पर्यटन-स्थलियां विकसित करने का फैसला किया है..!
यहां दोन नदी के तट पर चाक पत्थर की पहाडियां हैं, एल्टन नाम की रोगहर गुणों वाली झील है, इस इलाके में सराय-बेक नाम की प्राचीन नगरी है| माना जाता है कि यह “स्वर्णिम ओर्दा” नामक राज्य की राजधानी थी,, यहीं पर है वह बस्ती जिसमें स्तेपान राज़िन और येमेल्यान पुगाचोव जैसे विद्रोहियों का जन्म हुआ था ,, लोग इस बस्ती को “बाज का घरौंदा” कहते हैं,, तीन सौ साल तक यहां जितने भी बालक पैदा होते रहे उन सब ने बड़े होकर आज़ादी और न्याय की लड़ाई का नेतृत्व किया| पुराविदों की खोजें यह दिखाती हैं कि यहाँ कभी सरमाती और सुमेर कबीले रहते थे..!!
यहां अंतरिक्षीय आगंतुकों (एलियन/परग्रही) के बारे में भी अनेक किस्से-कहानियां प्रचलित हैं, बीसवीं सदी के आरंभ में यहां एक उल्का-पिंड गिरा था, आज तक इसके टुकड़ों को विशेषज्ञ खोज रहे हैं,, कहते हैं कि जहां यह उल्का-पिंड गिरा था वहां तब से अंतरिक्षीय ऊर्जा संकेंद्रित होने लगी है और यहां आजकल रात को विचित्र किरणें दिखती हैं..!!
वोल्गोग्राद ओबलस्त इलाके का एक और रहस्यमय स्थान है “मेदवेदित्सक्या ग्रिदा” (भालुई श्रृंखला), इस टीलों की श्रृंखला में कई असाधारण परिघटनाएं होती रहती हैं जिनकी कोई व्याख्या अब तक वैज्ञानिक नहीं कर पाए हैं| यहां का एक सबसे रहस्यमय स्थान है “गोला बिजलियों” यानि गेंदनुमा बिजली की ढलान,, यहां अक्सर गोले,गेंद की शक्ल की बिजलियां देखी जाती हैं, इससे भी अधिक आश्चर्य की बात यह है कि इनका “व्यवहार” ऐसा होता है मानो ये विवेकसम्पन्न यानि बुद्धिमान हों और चुनाव संपन्न हो कि किस पर और कहां पर गिरना है और कहां व किस पर नहीं गिरनाहैं.. पूरी दुनिया में गेंद / गोला नुमा बिजली बस यहीं पाई जाती हैं और यह वैश्विक रूप से पैरानॉर्मल व मौसम विभागों का आधिकारिक दस्तावेजों द्वारा मानना है।

by Dr. Sudhir Vyas

“अपने लिए तो सभी करते हैं दूसरों के लिए कर के देखो “

“साँवरिया”

आप सभी साँवरिया सेठ के बारे मैं जानते होंगे | साँवरिया सेठ प्रभु श्री कृष्ण का ही एक रूप है जिन्होंने भक्तो के लिए कई सारे रूप धरकर समय समय पर भक्तों की इच्छा पूरी की है | कभी सुदामा को तीन लोक दान करके, कभी नानी बाई का मायरा भरके, कभी कर्मा बाई का खीचडा खाकर, कभी राम बनके कभी श्याम बनके, प्रभु किसी न किसी रूप में भक्तों की इच्छा पूरी करते हैं | और आप, मैं और सभी मनुष्य तो केवल एक निमित्त मात्र है | भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि “मैं सभी के लिए समान हूँ ” मनुष्य को अपने कर्मो का फल तो स्वयं ही भोगना पड़ता है | आप सभी लोग देखते हैं कि कोई मनुष्य बहुत ही उच्च परिवार जेसे टाटा बिरला आदि में जन्म लेता है और कोई मनुष्य बहुत ही निम्न परिवार जेसे आदिवासी आदि के बीच भी जन्म लेता है कोई मनुष्य जन्म से ही बहुत सुन्दर होता है कि कोई भी उस पर मोहित हो जाये और कोई मनुष्य इतना बदसूरत पैदा होता है कि लोग उसको देखकर दर जाए, किसी के पास तो इतना धन होता है कि वो धन का बिस्तर बनवाकर भी उसपर सो सकता है और कोई दाने दाने का भी मोहताज़ है, कोई शारीरिक रूप से इतना बलिष्ठ होता है कि कोई उसका मुकाबला नहीं कर सकता और इसके विपरीत कोई इतना अपंग पैदा होता है जिसको देखकर हर किसी को दया आ जाये | कई बच्चे जन्म लेते ही मार दिए जाते है या जला दिए जाते है या किसी ना किसी अनीति का शिकार हो जाते है जबकि उन्होंने तो कुछ भी नहीं किया तो फिर नियति का एसा भेदभाव क्यों ?
क्या भगवान् को उन पर दया नहीं आती ?

आप सोच रहे होंगे कि इसका मतलब भगवान ने भेदभाव किया, नहीं !!!
आपने देखा होगा एक ही न्यायाधीश किसी को फांसी कि सजा देता है और किसी को सिर्फ अर्थ दंड देकर छोड़ देता है
तो क्या न्यायाधीश भेदभाव करता है ?
नहीं ना !
हम जानते हैं कि हर व्यक्ति को उसके अपराध के अनुसार दंड मिलता है बिलकुल उसी प्रकार मनुष्य का जन्म, सुन्दरता, कुल आदी उसके कर्मों के अनुसार ही निर्धारित होते है इसलिए मनुष्य को अपने कर्मों का आंकलन स्वयं ही कर लेना चाहिए और कलियुग में तो पग पग पर पाप स्वतः ही हो जाते है किन्तु पुण्य करने के लिए प्रयत्न करने पड़ते हैं इसीलिए
“अपने लिए तो सभी करते हैं दूसरों के लिए कर के देखो “

मैं एक बहुत ही साधारण इंसान हूँ | जीवन में कई सारे अनुभव से गुजरते हुए में आज अपने आप को आप लोगों के सामने स्थापित कर पाया हूँ . बचपन से लेकर आज तक आप सभी लोगो ने अपने जीवन में कई लोगो को भूखे सोते देखा होगा, कई लोग ऐसे भी होते हैं जिनके पास पहनने को कपडे नहीं है, किसी को पढना है पर किताबें नहीं है, कई बालक नहीं चाहते हुए भी किस्मत के कारण भीख मांगने को मजबूर हो जाते है | इन सभी परिस्थितियों को हम सभी अपने जीवन में भी कही ना कही देखते ही हैं लेकिन बहुत कम लोग ही उन पर अपना ध्यान केन्द्रित करते है या उन लोगो के बारे में सोच पाते है किन्तु भगवान् की दया से आज मुझे उन सभी की मदद करने की प्रेरणा जागृत हुई और इसलिए आज मेने एक संकल्प लिया है उन अनाथ भाई बहिनों की मदद करने का, जिनका इस दुनिया में भगवान् के अलावा कोई नहीं है और मेने निश्चय किया है कि उन भाइयों की मुझसे जिस भी प्रकार कि मदद होगी मैं करूँगा | मैं इसमें अपना तन -मन -धन मुझसे जितना होगा बिना किसी स्वार्थ के दूंगा . आज दिनांक 31-07-2009 से सावन के महीने में भगवान का नाम लेकर इस अभियान हेतु इस वेबसाइट की शुरुआत कर रहा हूँ | और इस वेबसाइट को बनाने का मेरा और कोई मकसद नहीं है बस मैं सिर्फ उन निस्वार्थ लोगो से संपर्क रखना चाहता हूँ जो इस तरह की सोच रखते है और दुसरो को मदद करना चाहते है मुझे उनसे और कुछ नहीं चाहिए बस मेरे इस संकल्प को पूरा करने के लिए मुझे अपनी शुभकामनाये और आशीर्वाद ज़रूर देना ताकि मैं बिना किसी रुकावट के गरीब लोगो की मदद कर सकूँ .

Sawariya Key chain frontये वेबसाइट आप जेसे लोगों से संपर्क रखने के उद्देश्य से बनाई है
अगर आप मेरे इस काम मैं सहयोग करना चाहते हैं तो अपनी श्रद्धानुसार तन-मन-धन से जिस भी प्रकार आप से हो सके आपके स्वयं के क्षेत्र में ही आप अपने घर मैं जो भी चीज़ आपके काम नहीं आ रही हो जैसे – कपडे , बर्तन , किताबे इत्यादि को फेंके नहीं और उन्हें किसी गरीब के लिए इकठ्ठा कर के रखे और यदि कोई पैसे की मदद करने की इच्छा रखता हो तो वो भी खुद ही रोजाना अपनी जेब खर्च में से बचत करना शुरू कर दे ताकि वो भी किसी गरीब के काम आ सके इस तरह एक दिन बचाते बचाते बिना किसी अतिरिक्त खर्च के आपके पास बहुत सारे कपडे , बर्तन , किताबें और पैसे हो जायेंगे जो की उन लोगो के काम आ जायेंगे जिनके पास कुछ भी नहीं है |

कलियुग में पाप तो स्वतः हो जाते हैं किन्तु पुण्य करने के लिए प्रयत्न करने पड़ते है | ये वेबसाइट आप जेसे लोगों से संपर्क रखने के उद्देश्य से बनाई है
अगर आप मेरे इस काम मैं सहयोग करना चाहते हैं तो अपनी श्रद्धानुसार तन-मन -धन से जिस भी प्रकार आप से हो सके आपके स्वयं के क्षेत्र में ही आप अपने घर मैं जो भी चीज़ आपके काम नहीं आ रही हो जैसे – कपडे , बर्तन , किताबे इत्यादि को फेंके नहीं और उन्हें किसी गरीब के लिए इकठ्ठा कर के रखे और यदि कोई पैसे की मदद करने की इच्छा रखता हो तो वो भी खुद ही रोजाना अपनी जेब खर्च में से बचत करना शुरू कर दे ताकि वो भी किसी गरीब के काम आ सके इस तरह एक दिन बचाते बचाते बिना किसी अतिरिक्त खर्च के आपके पास बहुत सारे कपडे , बर्तन , किताबें और पैसे हो जायेंगे जो की उन लोगो के काम आ जायेंगे जिनके पास कुछ भी नहीं है |

कलियुग में पाप तो स्वतः हो जाते हैं किन्तु पुण्य करने के लिए प्रयत्न करने पड़ते है |

“अपने लिए तो सभी करते हैं दूसरों के लिए कर के देखो ” – Kailash Chandra Ladha

कलियुग में राष्ट्र सेवा, गौ सेवा, और दीन दुखियों की सेवा ही सबसे बड़ा पुण्य का काम है “साँवरिया” का मुख्य उद्देश्य सम्पूर्ण भारत में गरीबों, दीन दुखियों, असहाय एवं निराश्रितों के उत्थान के लिए यथाशक्ति प्रयास करना है “साँवरिया” के अनुसार यदि भारत का हर सक्षम व्यक्ति अपने बिना जरुरत की वस्तु/कपडे/किताबे और अपनी धार्मिक कार्यों के लिए की गयी बचत आदि से सिर्फ एक गरीब असहाय व्यक्ति की सहायतार्थ देना शुरू करे तो भारत से गरीबी, निरक्षरता, बेरोजगारी और असमानता को गायब होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा | आज भी देश में ३० करोड़ से ज्यादा भाई बहिन भूखे सोते हैं अतः भारत के उच्च परिवारों की जन्मदिन/विवाह समारोह एवं कार्यक्रमों में बचे हुए भोजन पानी जो फेंक दिया जाता है यदि वही भोजन उसी क्षेत्र मैं भूखे सोने वाले गरीब और असहाय व्यक्तियों तक पहुंचा दिया जाये तो आपकी खुशिया दुगुनी हो जाएगी और आपके इस प्रयास से देश में भुखमरी से मरने वाले लोगो की असीम दुआए आपको मिलेगी तथा देश में भुखमरी के कारण होने वाली लूटपाट/ चोरी/ डकेती जैसी घटनाएँ कम होकर देश में भाईचारे की भावना फिर से पनपने लगेगी और एक दिन एसा भी आएगा जब देश में कोई भी भूखा नहीं सोयेगा |

“साँवरिया” का लक्ष्य ऐसे भारत का सपना साकार करना है जहाँ न गरीबी/ न निरक्षरता/न आरक्षण/ न असमानता/ न भुखमरी और न ही भ्रष्टाचार हो| चारो ओर सभी लोग सामाजिक और आर्थिक रूप से सक्षम और विकसित हो, जहाँ डॉलर और रुपया की कीमत एक समान हो और मेरा भारत जो पहले भी विश्वगुरु था उसका गौरव फिर से पहले जैसा हो जाये |

“सर्वे भवन्तु सुखिनः ”

तभी अच्छे दिन वास्तविकता में आ पायेंगे।

सुप्रभातम् मित्रों,
"गर तू सच्चा नागरिक है तो...
जगह जगह यहाँ वहाँ तू मत थूक
मेहनत के पैसे को धुएँ मे मत फूँक
गलियों कूंचो मे तू कचरा मत फैला
हो सके तो खुद उठा अपना मैला ।
गर तू सच्चा नागरिक है तो...
बात बात पर तू प्रशासन को मत कोस
खुद काम कर जगा अपने अंदर का जोश
न खिला किसी को ,न खुद खा तू घूस
खूब चूसा है देश को,अब और मत चूस। "

आईये इन लाईनों को ही अपनी व्यक्तिगत प्राथमिकता और जिम्मेदारियां मानते हुऐ सम्मानित, सबल और सुरक्षित भारतदेश के नागरिक होने का सपना साकार करें, तभी अच्छे दिन वास्तविकता में आ पायेंगे।
मंगलकामनाएँ मित्रों

function disabled

Old Post from Sanwariya