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रविवार, 4 जुलाई 2021

मिर्ची बड़ा पुराण


मिर्ची बड़ा पुराण :-

यदि आपने कभी मिर्चीबड़ा का नाम नही सुना। कभी खाया नही । तो मैं बेहिचक मान लूंगा कि आप एलियन हैं।

कोई इस पृथ्वी पर जन्में और बिना मिर्चीबड़ा खाये मर जाये , ये तो हो ही नही सकता।

मिर्ची बड़े के लिए जोधपुर के एक शायर ने जोरदार जुमला जड़ा है..

वे कहते हैं-बेसन के कफ़न में लिपटा,

मिर्च का ताबूत है मिर्चीबड़ा।

बेसन के घोल में सुनहरे तले हुये कवर में लम्बी हरि मिर्ची के साथ भरे मसालेदार दुष्ट आलूओ का दल है ये। जो सदियों से नशे की तरह जोधपुरियो के दिल दिमाग पर हावी बना हुआ है।

हमारा राष्ट्रीय भोजन है ये। सुबह नाश्ते मे मिर्चीबड़ा हों, दोपहर मे भूख लगने पर मिल जाये ये या शाम को चाय के साथ ही इनके दर्शन हो जायें, किसी की मजाल नही जो इन्हे ना कह दे।

मिर्चिबड़े का भूख से कोई लेना देना नही होता। पेट भरा है, ये नियम मिर्चिबड़े पर लागू नही होता। मिर्चिबड़े सामने हों तो दिमाग काम करना बंद कर देता है। दिल मर मिटता है मिर्चीबड़े पर। ये बेबस कर देते हैं आपको। मिर्चीबड़े को कोई बंदा ना कह दे ऐसे किसी शख्स से मै अब तक मिला नही हूँ।

मिर्चीबड़े मे बडी एकता होती है। इनमें से कोई अकेला आपके पेट मे जाने को तैयार नही होता। आप पहला मिर्चीबड़ा खाते हैं तो आँखे दूसरे मिर्चीबड़े को तकने लगती है, तीसरा आपके दिमाग पर कब्जा कर लेता है और दिल की सवारी कर रहे चौथे मिर्चीबड़ेे की बात आप टाल नही पाते।

मिर्चीबड़े को देखते ही आपकी समझदारी घास चरने चली जाती हैं। आप अपने डॉक्टर की सारी सलाह, अपने कोलेस्ट्राल की खतरनाक रिपोर्ट भूल जाते हैं। पूरी दुनिया पीछे छूट जाती है आपके और आप मिर्चीबड़े के पीछे होते हैं।

मिर्चीबड़ेे को गरम गरम बनते देखना तो और भी खतरनाक है। आप कहीं भी कितने जरूरी काम से जा रहे हो, सडक किनारे किसी दुकान की कढाई मे गरम गरम तेल मे छनछनाते, झूमते सुनहरे मिर्चीबड़े आपके पाँव रोक ही लेगें। ये जादूगर होते हैं। आप को सम्मोहित कर लेते हैं ये। आप दुनिया जहान को भूल जाते हैं। आप खुद-ब-खुद खिंचे चले आते है मिर्चीबड़े की दुकान की तरफ, और तब तक खडे रहते है जब तक दुकानदार दया करके आपको मिर्चीबड़े की प्लेट ना थमा दें।

किसी मशहूर मिर्चीबड़े दुकान को ध्यान से देखिये, यहाँ जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्रियता, अमीरी, गरीबी का कोई भेद नही होता। मिर्चीबड़ेे से प्यार करने वाले एक साथ धीरज से अपनी बारी का इंतजार करते हैं। जिन बातो ने हमारे देश की एकता अखंडता बनाये रखने मे मदद की है उनमें मिर्चीबड़े को बाइज्जत शामिल किया ही जाना चाहिये।

मिर्चीबड़ा पीज्जा, बर्गर के दादा हैं। आदमी का पेट खराब करना पीज्जा, बर्गर ने मिर्चीबड़े से ही सीखा है, पर जीभ के आगे पेट की सुनता कौन है।

वो तो हम पैसे धैले के मामले मे अमेरिका से उन्नीस पडते हैं वरना पूरी दुनिया मे मैकडोनाल्ड की जगह मिर्चीबड़े कार्नर की चेन्स होतीं।

हमारे खाने पीने की दुनिया के बाद़शाह है मिर्ची बड़ेे । और हमारे देश मे बादशाह को ना कहने का नहीं झुक झुक कर सलाम करने का रिवाज है।

तो फिर जाइये, अब देर किस बात की। तुरन्त दो-चार मिर्चीबड़े उदरस्थ कीजिये और मस्त-मलंग हो कर दोबारा फिर मिर्चीबड़ा खाने के समय को निर्धारित कीजिये।

पर्यावरण को बचाना नए फलदार पेड़ लगाना एवं ऑक्सीजन देने वाले पेड़ लगाना


*बरगद एक लगाइये,पीपल रोपें पाँच।*
*घरघर नीम लगाइये,यही पुरातन साँच।।*
*यही पुरातन साँच,- आज सब मान रहे हैं।*
*भाग जाय प्रदूषण सभी अब जान रहे हैं।।*
*विश्वताप मिट जाये होय हर जन मन गदगद।*
*धरती पर त्रिदेव हैं- नीम पीपल औ बरगद।।*

*आप को लगेगा अजीब बकवास है किन्तु यह सत्य है.. .*

*पिछले 68 सालों में पीपल, बरगद और नीम के पेडों को सरकारी स्तर पर लगाना बन्द किया गया है*

*पीपल कार्बन डाई ऑक्साइड का 100% एबजार्बर है, बरगद 80% और नीम 75 %*

*अब सरकार ने इन पेड़ों से दूरी बना ली तथा इसके बदले विदेशी यूकेलिप्टस को लगाना शुरू कर दिया जो जमीन को जल विहीन कर देता है*

*आज हर जगह यूकेलिप्टस, गुलमोहर और अन्य सजावटी पेड़ो ने ले ली है*

*अब जब वायुमण्डल में रिफ्रेशर ही नही रहेगा तो गर्मी तो बढ़ेगी ही और जब गर्मी बढ़ेगी तो जल भाप बनकर उड़ेगा ही*

*हर 500 मीटर की दूरी पर एक पीपल का पेड़ लगाये तो आने वाले कुछ साल भर बाद प्रदूषण मुक्त हिन्दुस्तान होगा*

*वैसे आपको एक और जानकारी दे दी जाए*
*पीपल के पत्ते का फलक अधिक और डंठल पतला होता है*
*जिसकी वजह शांत मौसम में भी पत्ते हिलते रहते हैं और स्वच्छ ऑक्सीजन देते रहते हैं।*
*वैसे भी पीपल को वृक्षों का राजा कहते है। इसकी वंदना में एक श्लोक देखिए-*

*मूलम् ब्रह्मा, त्वचा विष्णु,*
*सखा शंकरमेवच।*
*पत्रे-पत्रेका सर्वदेवानाम,*
*वृक्षराज नमस्तुते।*
*अब करने योग्य कार्य*

*इन जीवनदायी पेड़ों को ज्यादा से ज्यादा लगाने के लिए समाज में जागरूकता बढ़ायें...*

*पर्यावरण को बचाना नए फलदार पेड़ लगाना एवं ऑक्सीजन देने वाले पेड़ लगाना*
*यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है जो हमारी भारतीय संस्कृति में लगातार रही है*
*पर्यावरण सुरक्षित मानव जीवन सुरक्षित*

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शनिवार, 3 जुलाई 2021

आपको जीवन में प्रत्येक पग पर सुझाव देने वाले मिलेंगे जो उस विषय के विशेषज्ञ नहीं हैं


*सुझाव* 
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 एक व्यक्ति ने अगरबत्ती की दुकान खोली ! नाना प्रकार की अगरबत्तियां थीं ! उसने दुकान के बाहर एक साइन बोर्ड लगाया - "यहाँ सुगन्धित अगरबत्तियां मिलती हैं ! "

दुकान चल निकली ! एक दिन एक ग्राहक उसके दुकान पर आया और कहा - आपने जो बोर्ड लगा रखा है , उसके एक विरोधाभास है ! भला अगरबत्ती सुगंधित नहीं होंगी तो क्या दुर्गन्धित होंगी ? 

उसकी बात को उचित मानते हुए विक्रेता ने बोर्ड से सुगंधित शब्द मिटा दिया ! अब बोर्ड इस प्रकार था - "यहाँ अगरबत्तियां मिलती हैं ! "

इसके कुछ दिनों के पश्चात किसी दूसरे सज्जन ने उससे कहा - आपके बोर्ड पर "यहाँ " क्यों लिखा है ? दुकान जब यहीं है तब यहाँ लिखना निरर्थक है ! 
इस बात को भी अंगीकार कर विक्रेता ने बोर्ड पर यहाँ शब्द मिटा दिया ! अब बोर्ड था - अगरबत्तियां मिलती हैं ! 

पुनः उस व्यक्ति को एक रोचक परामर्श मिला - अगरबत्तियां मिलती हैं का क्या प्रयोजन ? अगरबत्ती लिखना ही पर्याप्त है ! अतः वह बोर्ड केवल एक शब्द के साथ रह गया - "अगरबत्ती "
विडम्बना देखिये ! एक शिक्षक ग्राहक बन कर आये और अपना ज्ञान वमन किया - दुकान जब मात्र अगरबत्तियों की है तो इसका बोर्ड लगाने का क्या लाभ ? लोग तो देखकर ही समझ जायेंगे कि मात्र अगरबत्तियों की दुकान है ! इस प्रकार वह बोर्ड ही वहाँ से हट गया ! 

कालांतर में दुकान की बिक्री मंद पड़ने लगी और विक्रेता चिंतित रहने लगा ! एक दिन में उसका पुराना मित्र उसके पास आया ! अनेक वर्षों के उपरांत वे मिल रहे थे ! मित्र से इसकी स्थापना उसके चिंता ना छिप सकी और उसने इसका कारण पूछा तो व्यवसाय के गिरावट का पता चला ! 

मित्र ने सब कुछ ध्यान से देखा और कहा - तुम बिल्कुल ही मूर्ख हो ! इतनी बड़ी दुकान खोल ली और बाहर एक बोर्ड नहीँ लगा सकते थे - यहाँ सुगंधित अगरबत्तियां मिलती हैं !
www.sanwariyaa.blogspot.com

*शिक्षा:-*
आपको जीवन में प्रत्येक पग पर सुझाव देने वाले मिलेंगे जो उस विषय के विशेषज्ञ नहीं हैं परंतु लगेगा कि सारा विज्ञान, दर्शनशास्त्र , समाजशास्त्र इत्यादि उनमें अंतर्निहित है ! आप ऐसे व्यक्तियों की सुनेंगे या अनुपालन करेंगे तो आपकी स्थिति भी उस विक्रेता की भाँति हो जायेगी ! आप किसी भी विषय या निराकरण के लिये उससे सम्बन्धित विशेषज्ञों की सुने या अपने अन्तह्चेतन की क्योंकि आपको आपसे अधिक कोई नहीं जानता..!!

शुक्रवार, 2 जुलाई 2021

महेश नवमी महोत्सव 2021 - " ले आशीर्वाद बड़ो का" कार्यक्रम की शुरुवात

 जय महेश,

पश्चिमी राजस्थान प्रादेशिक माहेश्वरी युवा संगठन एवं जोधपुर जिला माहेश्वरी युवा संगठन द्वारा आयोजित  " महेश नवमी महोत्सव 2021 " के अंतर्गत आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की श्रंखला में " ले आशीर्वाद बड़ो का" कार्यक्रम की शुरुवात जोधपुर के पावटा क्षेत्र से की गई |
 सर्वप्रथम हम सबके आदरणीय एवं प्रेरणास्रोत रहे

 


स्वर्गीय श्री दामोदर जी बंग की धर्मपत्नी आदरणीया श्रीमती विमला देवी जी बंग का अभिनन्दन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया गया | उनके द्वारा युवा संगठन के इस अभूतपूर्व कार्य की भरपूर प्रशंसा की गयी एवं महेश नवमी महोत्सव २०२१ के समस्त कार्यक्रमों के सफल होने का आशीर्वाद प्रदान किया गया |

इसी क्रम में आज पावटा क्षेत्र के श्री हरनारायण जी सोमाणी, श्री भगीरथ जी लढा, श्रीमती शांति देवी लढा , श्रीमती एवं श्री रंगलाल जी सोनी, (श्री राधाकिशन जी सोनी के माताजी एवं पिताजी), श्रीमती सुन्दर देवी जी एवं चतुर्भुज जी सोनी (आसकरन जी सोनी के माताजी एवं पिताजी) श्रीमती एवं श्री देवकिशन जी सोनी, भंवरलाल जी सोनी की माताजी श्रीमती बिदामीदेवी सोनी, श्रीमती इंद्रा जी वैद्य एवं  श्री कमल जी गट्टानी की माताजी का अभिनन्दन कर आशीर्वाद प्राप्त किया|

आज के कार्यक्रम में पूर्वी क्षेत्र महिला संगठन की अध्यक्षा सुशीला जी बजाज, सोनी जी,  किशनगोपाल जी बंग, कन्हैया लाल जी मूंदड़ा एवं कार्यक्रम संयोजक रजनीश दरगड़, प्रदेश अध्यक्ष दिनेश राठी, जीतू गाँधी, संतोष गाँधी, वरुण बंग, श्रवण बंग, दीपक मंत्री ने सहयोग किया|

इसी क्रम में आज शाम को लाल सागर, खेतानाडी, महेश कॉलोनी, पावटा सी रोड, मान जी का हत्ता आदि क्षेत्र में वयोवृद्ध बन्धुजनो का आशीर्वाद प्राप्त किया जायेगा |



















इस कार्यक्रम के तहत संगठन द्वारा जोधपुर नगर निगम क्षेत्र मे निवासिन 75 + बुजुर्गों का आशीर्वाद लेने  हेतु उनके घर जाकर उनका अभिनन्दन किया जायेगा


रनिश दरगड ( कार्यक्रम संयोजक )
महेश नवमी महोत्सव 2021

दिनेश राठी( प्रदेश अध्यक्ष )
*पश्चिमी राजस्थान प्रादेशिक माहेश्वरी युवा संगठन *

जितु गाँधी ( कार्यक्रम समन्वयक )
महेश नवमी महोत्सव 2021

संतोष गाँधी ( जिला अध्यक्ष )
जोधपुर जिला माहेश्वरी युवा संगठन

इस जादुई चीज को डाल दो एक बार नींबू के पौधे में इतने फल आएंगे कि गिन नही...


इस जादुई चीज को डाल दो एक बार नींबू के पौधे में इतने फल आएंगे कि गिन नहीं पाओगे

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