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बुधवार, 20 अक्तूबर 2021

एड़ी में दर्द की शिकायत तेज़ी से क्यों बढ़ रही है, इससे बचने का क्या उपाय है?

आजकल लोगों में एड़ी में दर्द की शिकायत बहुत देखी जा रही है। इस समस्या के बढ़ने के कई कारण हैं जैसे-

  • अक्सर महिलाओं के एड़ियो में ज़्यादा दर्द होता है ऐसा इसलिए क्योंकि वो अक्सर गलत जूते-चप्पलों का चुनाव कर लेती हैं और इन्हे पहन कर चलने से एड़ी में दर्द होने लगता है।
  • अगर आपके एड़ी में पहले कभी चोट लगी है तो मौसम बदलने के साथ ही ये दर्द फिर से पनपने लगता है। और फिर दर्द बढ़ जाता है। अगर इस रोग पर ध्यान ना दिया जाए तो ये चोट घाव में भी तब्दिल हो सकता है।
  • एड़ियों में दर्द का एक और जो सबसे बड़ा कारण है वो है मोच। पूराने मोच भी दर्द में तब्दिल हो जाते हैं। इसके अलावा गठिया के कारण भी दर्द की शिकायत हो सकती है।
  • शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण भी एड़ियों में दर्द होने लगता है।

इन घरेलू उपचारों की मदद से आप एड़ी के दर्द से आराम पा सकते हैं-

  • अगर आपके एड़ी में ज़्यादा दर्द है तो सोने से पहले हल्दी वाला दूध पिएं ये किसी भी दर्द के लिए बहुत पायदेमंद है।
  • ऐड़ी में दर्द हो तो कुछ दिनों तक हील को नज़रअंदाज़ करें। क्योंकि हील पहनने से एड़ी दर्द की समस्या और बढ़ सकती है।
  • आधे बाल्टी गर्म पानी में पैरों को डालकर थोड़ी देर बैठें। इससे सूजन और दर्द खत्म होता है।
  • एड़ियों के दर्द से छुटकारा पाने के लिए एक सूती कपड़े में बर्फ के कुछ टुकड़े डालकर दिन में 4 से 5 बार एड़ी को सेंके।

दिल की बीमारी होने से पहले शरीर किस तरह के संकेत देने लगता है?


 

[1]

दिल जब थक जाता है तो वह अपने संकेत पहले से देने लगता है देखें दिल ये संकेत हम तक कैसे पहुंचाता है।

  • जब थकान बहुत महसूस हो रही हो यह पहला लक्षण है यह थकान रोजमर्रा की थकान से ज्यादा होती है। थोड़ा सा काम करते ही थकान होने लगती है। अपने रोजमर्रा के काम मुश्किल लगते हैं।
  • सांस फूलने लगती है और पसीना ज्यादा आने लगता है। अगर किसी को एकदम ठंडा पसीना आने लगा है और साथ में थोड़ा सांस फूल रही है, और थकावट हो रही है तो यह हार्टअटैक के लक्षण है
  • चेस्ट पेन या हार्ट बर्न जैसी समस्या जो चलने में भी बनी रहती है।
  • हार्ट अटैक का सबसे आम लक्षण है बाएं हाथ की तरफ चलता हुआ दर्द। लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि दिल की समस्या को सिर्फ बाएं हाथ के दर्द से ही देखा जाए, ऐसा कई बार हुआ है खासतौर पर महिलाओं के साथ कि ये किसी भी तरफ हो सकता है।[2]
  • अगर लगातार गले के पीछे, जबड़े में या पीठ में दर्द बना हुआ है या किसी एक जगह बार-बार दर्द हो रहा है और ये समझ नहीं आ रहा है कि कौन सी मांसपेशी इसके लिए जिम्मेदार है या यूं कहें कि दर्द शिफ्ट हो रहा है तो भी ये चिंता की बात है।
  • जब दिल की किसी धमनी या आर्टरी में ब्लॉकेज होने लगता है तो हर कोई इस भावना को अलग तरीके से समझाता है किसी के अनुसार सीने में जलन हो रही है, एसिडिटी जैसी फीलिंग है, किसी को चुभन महसूस होती है तो किसी को लगता है कि सीने पर कोई भारी सामान रखा हुआ है। पर अगर दिल की बीमारी से जुड़ी बात है तो छाती में कुछ न कुछ जरूर महसूस होगा क्योंकि दिल ठीक से काम नहीं कर रहा।[3]
  • चक्कर आना और आंखों के आगे अंधेरा छाना और ऐसा बार-बार होता है तो चिंता की बात है।
  • दिल के ठीक से काम न करने का असर किडनी पर भी पड़ता है और वो भी अपना काम सही से नहीं कर पाती, इसलिए पैरों में सूजन हो जाती है। ये भी एक ऐसा लक्षण है जिससे समझ आता है कि दिल को जैसे खून पंप करना चाहिए वैसे नहीं कर रहा है। जब दिल एकदम सही से खून पंप नहीं कर पाता तो इससे मांसपेशियों में सूजन आ जाती है.
  • अगर किसी को ये लगता है कि उसके दिल की धड़कन आम तौर पर कई बार तेज़ हो रही है और ये कुछ सेकंड्स से ज्यादा समय के लिए है तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।[4]

फुटनोट

[2] दिल की बीमारी होने से पहले शरीर देने लगता है ये 8 संकेत[3] दिल की बीमारी होने से पहले शरीर देने लगता है ये 8 संकेत[4] दिल की बीमारी होने से पहले शरीर देने लगता है ये 8 संकेत

कभी-कभी प्लास्टिक की कुर्सी को छूने पर करंट क्यों लगता हैं?


कभी कभी आपको प्लास्टिक की कुर्सी, कार का दरवाजे का हैंडल, फाउंटेन को छूने मात्र से करंट लग जाता है, ऐसा क्यों होता है आइये जानते हैं।

आप शायद नहीं जानते होंगे कि स्टैटिक/स्थायी बिजली क्या होती है। यह सब एक छोटी चीज से शुरू होता है जिसे परमाणु कहा जाता है। दुनिया में सब कुछ परमाणुओं से बना है - आपकी पेंसिल से आपकी नाक तक। एक परमाणु इतना छोटा है कि आप इसे अपनी आंखों से नहीं देख सकते हैं - आपको एक विशेष माइक्रोस्कोप की आवश्यकता होगी। दुनिया के सभी सामानों के लिए ब्लॉक बनाने के रूप में परमाणुओं के बारे में सोचें।

प्रत्येक छोटे परमाणु भी सूक्ष्म चीजों से बने होते हैं:

प्रोटॉन (कहते हैं: PRO-stanza), जिसमें एक सकारात्मक चार्ज है।

इलेक्ट्रॉनों (कहते हैं: hi-LEK-trahnz), जिसमें एक नकारात्मक चार्ज है।

न्यूट्रॉन (कहते हैं: NEW-trahns), जिनके पास कोई चार्ज नहीं है।

अधिकांश समय, परमाणुओं में प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉनों की समान संख्या होती है और परमाणु चार्ज तटस्थ (सकारात्मक या नकारात्मक नहीं) होता है। सकारात्मक और नकारात्मक चार्ज संतुलित नहीं होने पर स्थैतिक बिजली बनाई जाती है। प्रोटॉन और न्यूट्रॉन बहुत घूमते नहीं हैं, लेकिन इलेक्ट्रॉनों को सभी जगह कूदना पसंद है!

जब किसी वस्तु (या व्यक्ति) में अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं, तो इसका ऋणात्मक आवेश होता है। विपरीत आरोप वाली चीजें हमेशा एक-दूसरे के प्रति आकर्षित होती हैं, इसलिए सकारात्मक आरोप नकारात्मक की तलाश करते हैं और नकारात्मक सकारात्मक की तलाश करते हैं। बस यही स्टैटिक चार्ज कारण है कि आपको प्लास्टिक की कुर्सी से भी छोटा करंट लग जाता है।

कभी आप धूप में प्लास्टिक की कुर्सी रख कर बैठें, आप गौर करेंगे कि आपके रोम के केश कुर्सी की तरफ आकर्षित होकर खड़े हो जाएंगे, आपके कंघे द्वारा छोटे कागज़ के टुकड़े आकर्षित होते हैं, ऐसा भी static चार्ज के कारण ही होता है।

आशा करता हूँ कि यह आपको समझने में सहायक होगा।

सरसों कच्ची धानी व पक्की धानी तेल में क्या अंतर होता है?

कच्ची धानी अर्थात पुराने जमाने में बैलों से चलने वाले कोल्हू होते थे उन्हें ही कच्ची घानी कहते हैं।

वह एक पत्थर/ लकड़ी की काफी बड़ी ओखली नुमा होता था, जिसमे एक लकड़ी के लम्बे मूसल को घुसा कर रखा जाता था। उस ओखली व मूसल के बीच के खाली स्थान में वह तिलहन डाला जाता था जिसका तेल निकालना हो।

उस मूसल को बैलों की सहायता से घुमाया जाता था, दोनों के बीच आकर तिलहन का तेल निकल जाता था, जिसे साइड में लगी टोंटी से निकाल लिया जाता था।

आज भी कुछ जगह इसका प्रयोग करके तेल निकला जाता है वही वास्तविक कच्ची घानी का तेल कहलाता है। आजकल यह विधि लगभग समाप्ति के कगार पर है, कारण उसे निकालना काफी महंगा पड़ता है। साथ ही आधुनिक मोटर से चलने वाली मशीन (आयल एक्सपेलर) के मुकाबले कम तेल निकलता है, अतः वह सामान्य रिफाइंड तेल से चार गुनी कीमत में बिकता है।

दूसरी है पक्की घानी - आजकल इसी सिद्धांत पर कुछ मोटर से चलने वाली घानी भी प्रचलित हैं हैं। उनसे भी तेल कम ही निकलता है, पर शीघ्र निकलता है। इसे ही पक्की घानी भी कहते हैं।

तीसरी है आधुनिक मोटर से चलने वाली "आयल एक्सपेलर मशीन", यह मशीन भी ठंडी विधि से ही तेल निकालती है, पर इससे तेल कुछ अधिक व शीघ्र निकलता है, कम नमी युक्त व साफ होता है।

उपरोक्त सभी विधियों से निकलने वाला तेल रिफाइड या फिलटर्ड नहीं कहलाता, इस तेल में नमी की काफी मात्रा होती है, कारण तेल निकालते समय तिलहन को कुछ गीला करना पड़ता है। इस तेल को आप खरीद कर 1 माह से अधिक स्टोर नहीं कर सकते।

यहां मैं तीनो मशीनों के चित्र प्रस्तुत कर रहा हूँ।

यह सभी चित्र गूगल से साभार

सेहत और सीरत का संगम प्रोटीन पाउडर घर मे बनाये, रहेगा शुद्ध और किफायती भी



 सेहत और सीरत का संगम प्रोटीन पाउडर घर मे बनाये, रहेगा शुद्ध और किफायती भी


आजकल मार्किट में नाना प्रकार के हेल्थ पाउडर प्रचलित है बूस्ट, बोर्नविटा होर्लिक्स वगैराह वगैरह।। अब इन पाउडर में क्या तो डाला जाता है और क्या ये सेहत के लिए फायदेमंद भी है या नही .. पर बिना जाने हम खरीद रहे है और उपयोग भी कर रहे है.. ये पाउडर किन वस्तुओं से बने है और इतने महंगे क्यो है ये भी हम नही जानते।

पर ये तो सत्य हैं कि इन सबको केवल मार्केटिंग, विज्ञापन के जरिये ही इतना पॉपुलर किया गया है वास्तविकता कुछ और है

चलिए आज हम आपको घर मे ही शुध्द सात्विक और किफायती हेल्थ पाउडर का फार्मूला दे रहे है जिसमे शामिल हर सामग्री के बारे में आप शत प्रतिशत जानते और मानते हैं।

मार्केट का  प्रोटीन पाउडर क्यों.?
अपने घर पर ही बनाइये..

सामग्री
-150 ग्राम बादाम
-100 ग्राम मूंगफली
-100 ग्राम तिल्ली की बारीक खली
-150 ग्राम अखरोट गिरी
-150 ग्राम मिल्क पाउडर
-50 ग्राम तरबूज के बीज
-20 ग्राम दालचीनी पाउडर
-10 ग्राम छोटी इलायची के दाने।
-20 ग्राम चॉकलेट या अन्य फ्लेवर पाउडर
-150 ग्राम भुने चने (आप चाहे तो उपयोग नही भी कर सकते है )

मूंगफली, बादाम को भिगो कर उनके छिलके उतार कर सुखा कर ही काम में लें क्योंकि छिलकों में कुछेक हानिकारक पदार्थ हो सकते हैं।

सभी चीजों को मिक्सर ग्राइंडर में डालकर एक साथ पीस लें।

बस हो गया घर पर बनाया हुआ प्रोटीन पाउडर तैयार

आप चाहें तो मिल्क पाउडर के साथ फ्लेवर के लिए थोड़ा वनीला, चॉकलेट या कॉफी पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

सेवन का  तरीका..
– सुबह और शाम दिन में दो बार एक गिलास दूध के साथ इसे पिएं, मिलेगा बेहतरीन फायदा।

ध्यान रखिये, जितना किलो आपका वजन, उतने ही ग्राम प्रोटीन आपको रोज चाहिये...

(सुबह शाम चीनी की जगह शहद या फिर मिश्री डालकर पियें ये चीजें, गजब की ताकत मिलेगी)

– जिम जाने वाले इस पाउडर को 5 से 6 चम्मच लें।

– बच्चे जो जिम नहीं जाते हैं वो भी दूध के साथ इस पाउडर को सिर्फ 3 से 4 ही चम्मच ले सकते हैं।

– बुजुर्ग भी इस पाउडर को दिन में 4 से 5 चम्मच लेंगे तो उनकी हड्डियों को कैल्शियम मिलेगा।

– गर्भवती महिलाएं भी तंदुरुस्त बच्चा पाने के लिए 4 से 5 चम्मच प्रोटीन पाउडर का सेवन कर सकती हैं।

उबलना चाहें तो उबालें, अन्यथा वैसे ही लें क्योंकि दूध पाउडर इसमें है ही।

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