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गुरुवार, 9 जून 2022

अगर रास्ते में आते जाते वक्त भूत प्रेतों का डर लगता हो तो क्या करना चाहिए?

मैं आपको एक छोटा सा उपाय बताने जा रहा हूँ जिसको करने से आप किसी भी तरीके के भूत प्रेत से दूर रहेंगे, किसी भी तरीके की आत्मा से दूर रहेंगे। ये उपाय खासकर उन लोगों के लिए है जो लोग ट्रेवल करते हैं। जो लोग ज्यादा से ज्यादा घर से बाहर रहते हैं। जिनका एक जगह पर रह कर काम करने का ऑक्यूपेशन नहीं है। मैंने पहले भी एक उत्तर लिखा था जिसमें मैंने पाँच गलतियों का वर्णन किया है, जिनको करने से आप पर भूत चिपक सकता है

अगर आपको लगता है कि आप किसी भी ऐसे स्थान पर जाते हैं या फिर किसी भी ऐसी जर्नी में जाते हैं जो सेफ नहीं है या फिर आपको ऐसा अंदेशा होता है कि वहाँ पर कोई चीज है जो आप पर अटैक कर सकती है तो ये उपाय आपको काफी मदद करेगा।

मुझे उस उत्तर में भी बहुत लोगों ने पूँछा था कि ये पाँच गलतियाँ अक्सर लोग करते हैं तो आप कोई इसकी रेमेडी बताएं जिससे हम आगे अगर कभी भी कहीं पर ट्रेवल करते हैं तो हमें इस तरीके की दिक्कत का सामना न करना पड़े, न ही कोई ऐसा अंदेशा हो कि हमने ऐसी गलती कर दी है।

ये बहुत छोटा है और बहुत ज्यादा कारगर है। आप इसको अपनाइए और आप खुद देखेंगे कि आप हर तरीके से अच्छा फील करेंगे। ये उपाय में आपको बस करना क्या है आपको एक छोटा सा कालीमिर्च का दाना लेना है और जब भी आप घर से बाहर निकलें तो कालीमिर्च का दाना मुंह में डाल लें और उसको चबा लें। ऐसा करने से किसी भी तरीके की नकारात्मकता, किसी भी तरीके की निगेटिव एनर्जी आप पर अटैक नहीं करेगी। इसका मेन रीजन ये है कि जो कालीमिर्च है, नमक है, ये ऐसी चीजें होती हैं जो निगेटिविटी को दूर करते हैं, निगेटिविटी की काट हैं ये।

 नमक का पोंछा घर में लगाना चाहिए। वो इसीलिए बताया गया था क्योंकि नमक का एक बहुत ही कमाल का रोल है निगेटिव एनर्जी को दूर भगाने में और कालीमिर्च भी उसी फैमिली से आती है जिस फैमिली से नमक और रॉक सॉल्ट वगैरह आते हैं, वही श्रेणी है, वही गुण हैं किसी भी तरीके की नकारात्मकता को दूर करने के।

आप ऐसा भी कर सकते हैं कि आप थोड़ी सी साबुत कालीमिर्च हमेशा अपने पास रखें। अगर आप दस ग्राम भी कालीमिर्च अपने साथ रखें तो कहीं भी आप ट्रेवल करके जा रहे हैं, बीच में रास्ते में कोई भी सुनसान एरिया आता है तो आप कालीमिर्च मुंह में डाल कर चबा लें। इससे हाजमा तो होगा ही होगा, आपको इस तरीके के कोई भी बुरे अंदेशे नहीं रहेंगे।

चित्र स्त्रोत : Google

 

प्रयागराज में गर्ल्स हॉस्टल की असुरक्षा

 

प्रयागराज में गर्ल्स हॉस्टल की असुरक्षा

प्रयागराज विश्व भर में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक शहर के नाम से प्रसिद्ध है। इस शहर में देश भर से लड़के और लड़कियां पढ़ने आते हैं। यहां लगभग 120 से ज्यादा गर्ल्स हॉस्टल हैं।

प्रयागराज के कचहरी रोड पर एक डाक्टर के बेटे आशीष खरे ने अपने घर में गर्ल्स हॉस्टल बना रखा है। आशीष खरे ने आनलाईन स्पाई कैमरा मंगवाकर बाथरूम के शावर में लगवा रखा था। यह व्यक्ति लड़कियों को नहाते हुए देखता था।

जितनी भी लड़कियां बाथरूम में नहाने जातीं वह सभी का वीडियो बनाता था। एक दिन शावर से पानी कम आ रहा था एक लड़की ने शावर हिलाया तो कैमरा नीचे गिर गया जिससे यह व्यक्ति पकड़ा गया।

कैमरा निकलते ही लड़कियां रोने लगीं और मुंह छिपाकर वहां से निकलने लगीं। पुलिस ने आशीष खरे के घर से कंप्यूटर, 9 हार्ड डिस्क, डिजिटल वीडियो रिकार्डर, लड़कियों के न्यूड फोटो वीडियो, 100 से अधिक लड़कियों के फोटो और फोन नंबर बरामद किए।

लड़कियों के वीडियो और फोटो को वह व्यक्ति पोर्न साईट पर बेंच सकता है, उनको ब्लैकमेल कर सकता है, उन्हें वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर कर सकता है।

(आरोपी )

https://www.livehindustan.com/uttar-pradesh/story-prayagraj-spy-camera-installed-in-washroom-of-girls-hostel-son-of-doctor-arrested-6581896.html

आशीष ने अपने जुर्म को स्वीकार कर लिया है और जिस टेक्निशियन ने कैमरा फिट किया था उसे पुलिस खोज रही है। लेकिन इतनी शर्मनाक हरकत करने वाले आशीष खरे को मात्र 2 घंटे में जमानत मिल गई, ये लोग जिन किराएदारों के पैसे से घर चलाते हैं उनके साथ ऐसी घटिया हरकत करते हैं।

पुलिस भी इतनी कमजोर धारा लगाती है कि आरोपी को तुरंत जमानत मिल गई। लड़कियों को हास्टल लेते समय विशेष सावधानी रखनी चाहिए खासकर प्रयागराज में, प्रयागराज में मकान मालिक के रुप में भेड़िए बैठे हैं जिनका पुलिस और प्रशासन भी कुछ नहीं कर सकता।

सबसे खराब पैकेजिंग डिजाइन क्या हैं?

 

अंतिम तस्वीर बहुत बढ़िया है ……!

मुझे वास्तव में कुछ दिलचस्प दिखा आइये देखते हैं

1. मूल प्रोडक्ट से 30% ज्यादा ।

2. नीचे की तरफ अतिरिक्त जगह!

3. यह चालाकी है

4. वास्तव में बड़ा 😅

5. गमी बीयर कप!

6. यही कारण है कि मैं विश्वास नहीं करता !

7. हमें स्क्रू मिल रहा है

8.

9.

10.

11. यह सिर्फ असभ्यता है।

12. मैकडॉनल्ड्स में एक छोटे और मध्यम ऑरेंज जूस के बीच का अंतर।

यह एक खेल है !


बुधवार, 8 जून 2022

यह थी महान मुगलों की महान संस्कृति जिसका महिमा मंडन करते करते महाझूठे कपोल कल्पित इतिहासकार नही थकते

महान आसुरी संस्कृति ---
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मुमताज महल से शाहजहाँ को इतना प्रेम था कि उसके मरने पर उसने उससे उत्पन्न १७ वर्ष की अपनी स्वयं की सगी बेटी जहाँआरा को ही अपनी बादशाह बेगम बना लिया था। यद्यपि शाहजहाँ की आठ बेगमों में से तीन जीवित थीं। किन्तु शाहजहाँ को १७ वर्ष की बेटी जहाँआरा ही “बादशाह बेगम”  बनने योग्य लगी। जहाँआरा दारा शिकोह की समर्थक थी और बाप को कैद किये जाने पर बाप के साथ रही। किन्तु बाप के मरने पर औरंगजेब से दोस्ती करके अपनी छोटी बहन रोशनआरा को हटाकर औरंगजेब की “बादशाह बेगम” बन गयी। पहले अपने सगे बाप की बेगम थी फिर अपने भाई की बेगम बन गई। बाद में औरंगज़ेब ने अपनी सगी बेटी जीनत को अपनी “बादशाह बेगम” बनाया। इसी क्रम में मुगल बादशाह फर्रूखसियर ने भी अपनी ही बेटी को अपनी “बादशाह बेगम” बनाया था। शाहजहाँ ने अपनी बेटी तथा औरंगजेब ने अपनी दो बहनों और बेटी को बारी−बारी से अपनी “बादशाह बेगम” बनाया। यह मुगलों की महान सभ्यता थी। उनकी बेगमों की सूची अंतर्जाल पर उपलब्ध है। मुगलों की कब्रें खोदकर जबतक उन सबका DNA टेस्ट नहीं होता तब तक कहना कठिन है कौन अपनी बहन वा बेटी का क्या था। मुगल क्रूर थे लेकिन नालायक निकम्मे और भ्रष्ट थे। उनके दरबारी मुल्लाओं का तर्क था कि अपने द्वारा रोपे वृक्ष का फल खाने से किसी को रोकना अन्याय है। इसलिए मुगल बादशाह लोग अपनी बेटियों के साथ शादी कर लेते थे। 
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औरंगजेब ने अपनी बेटी जुब्दत−उन−निसा की शादी दाराशिकोह के बेटे से करायी, किन्तु दूसरी बेटी को अपनी “बादशाह बेगम” बनाया और तीसरी को बीस वर्षों तक जेल में रखा। अकबर ने स्वयं दो मुगल शहजादियों से शादी की — रुकैया और सलमा जो उसकी बहनें थीं (कजिन)। अकबर की सभी बेटियों की शादी हुई, केवल एक के सिवा जो जहाँगीर के साथ आजीवन रही। जहाँगीर ने अपनी तीन बहनों (कजिन) से शादी की। जहाँगीर की दो बेटियाँ थीं जिनमें से एक की शादी उसकी सौतेली माँ नूरजहाँ ने वैमनस्य के कारण नहीं होने दी और दूसरी की शादी जहाँगीर के भतीजे से हुई। उस भतीजे के बाप दानियाल की माँ कौन थी इसपर सारे समकालीन लेखक मौन हैं किन्तु उसका बाप अकबर था यह सब लिखते थे। दानियाल की माँ अनारकली थी, जिससे अकबर ने दानियाल को पैदा किया और जब अनारकली से सलीम का चक्कर चला तो अकबर ने अनारकली को जीवित दीवार में चिनवा दिया।
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यह थी महान मुगलों की महान संस्कृति जिसका महिमा मंडन करते करते महाझूठे कपोल कल्पित इतिहासकार नही थकते। जय हो !! जय हो !! आप सब की जय हो॥

सोमवार, 6 जून 2022

जिला स्तरीय सब जूनियर प्रतियोगिता संपन्न लक्ष्यराज रहे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी

जिला स्तरीय सब जूनियर प्रतियोगिता संपन्न
लक्ष्यराज रहे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी

 जोधपुर 6 जून जोधपुर
वुशु संघ और आचार्य स्पोर्ट्स गुरुकुल के संयुक्त तत्वाधान में
16 वीं जिला स्तरीय वुशु प्रतियोगिता संपन्न हुई

जानकारी देते हुए जोधपुर वुशु संघ के अध्यक्ष सुरेश डोसी ने बताया कि 16 वीं जिला स्तरीय वुशु प्रतियोगिता राजकीय नवीन सीनियर सेकेंडरी स्कूल मोहनपुरा में आयोजित हुई

तीन दिवसीय इस प्रतियोगिता के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में लेफ्टिनेंट कर्नल अपर्णा बिसेन अध्यक्षता समाजसेवी सुरेश सोनी कार्यक्रम के विशेष अतिथि पुनीत राव, डॉक्टर पृथ्वी सिंह भाटी, रविंद्र जांगिड़, चेतन कालीराणा ,कैलाश चंद्र लढा ,रामस्वरूप पोटलिया ,राजस्थान प्रो बॉक्सिंग के डायरेक्टर हेमंत शर्मा जिला ओलंपिक संघ के अध्यक्ष पूनम सिंह शेखावत थे 

प्रतियोगिता में बालक वर्ग के तालु  इवेंट में लक्ष्यराज सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे बालिका वर्ग में मनीषा भाटी ,सांशु वर्ग  के बालिका में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चित्रांशी चौहान, बालक वर्ग में नवदीप ,सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे विजेता खिलाड़ी दिनांक 17 से 19 जून तक हनुमानगढ़ में आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगे

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