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शनिवार, 26 जनवरी 2013

सुभाष चन्द्र बोस को ब्रिटेन को सौपने के लिए हस्ताक्षर करने वालो में नेहरू के साथ गाँधी क्यों शामिल हुए,

एक विनती है मित्रों....अधित से अधिक share करना ताकि पूरा भारत जान सके...
सुभाष चन्द्र बोस को ब्रिटेन को सौपने के लिए हस्ताक्षर करने वालो में नेहरू के साथ गाँधी क्यों शामिल हुए, जरुर पढ़िए...
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1- नेहरू, जिन्ना, मौलाना आजाद और महात्मा गाँधी ने अंग्रेजी जजों से समझौता किया यदि सुभाष चन्द्र बोस मिलते है तो उनको दोषी बनाकर कोर्ट यानि अंग्रेजों को सौंप दिया जायेगा....

2- नेहरू को गाँधी किसी भी हालत में प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे और नेहरू अन्दर ही अन्दर मुस्लिम पक्ष को मजबूत करते रहते थे और भारत में हिन्दुओ का वर्चस्व मिटाना चाहते थे. सुभाष चन्द्र बोस काफी हद तक हिंदुत्व का प्रतिनिधित्व भी थे और वह किसी भी हालत में भारत का विभाजन नहीं चाहते थे.....

3- इसीलिये नेहरू ने माउंट बैटन को नेहरू पत्र लिखा था की -" सुभाष को भारत तब तक न आने दिया जाये जब तक की भारत का बँटवारा नहीं हो जाता है," यानी नेहरू पी एम् नहीं बन जाते , इससे यह सिद्ध हो गया था की नेताजी पक्के तौर पर रूस में ही कैद थे, जिसके लिए केजीबी ने भारत के नेहरू वंश को कितना ब्लैक मेल किया होगा हम अंदाजा लगा सकते है....

4- इसी एक मुद्दे की वजह से भारत ने कभी भी अमेरिका से अच्छे सम्बन्ध नहीं बनाये जिसके लिए रूस जिम्मेदार है और भारत के नेता रूस के सामने दबते रहे क्योकि सुभाष जी इनके लिए कमजोरी बन चुके थे, कारण था सुभाष जी का असर भारत की जनता में बहुत गहरा था और उनके आने से न भारत बँटता और ना ही जिन्ना और नेहरू की कोई ख्वाइश पूरी होती |


5- नेहरू के लिए गाँधी राष्ट्रपिता कतई नहीं थे, वे एक मोहरा थे (जैसे आज का अन्ना केजरी है ) जिनको नेहरू इस्तेमाल करते थे, गाँधी अफ्रीका क्यों गए जब उन्हें पहले से मालूम था की भारत भी अंग्रेजो का गुलाम है. भारत की असली आज़ादी सुभाष और गरम दल की दें है , नेहरू को तो सिर्फ सत्ता का लालच था और उन्होंने सत्ता और अपने बीच आने वाले हर शख्स को दूर कर दिया. सुभाष जी सबसे बड़ा काँटा थे. नेहरू ने गाँधी को हर गलत काम में अगुआ बनाया जिससे की नेहरू के हर कदम को और लोगो भी समर्थन मिल जाय करे....


नेताजी सुभाष चन्द्र बोस अमर रहे.....!
नेहरुद्दीन खान की आत्मा पोर्किस्तान में एवं देल्ही के जामा मस्जिद के गन्दी गलियों में भटकती रहे !

जय हिन्दुस्तान... जय भवानी...

चीनी एक जहर है जो अनेक रोगोँ का कारण है ।

 
चीनी एक जहर है जो अनेक रोगोँ का कारण है ।
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चीनी बनाने की प्रक्रिया मेँ गंधक का सबसे अधिक प्रयोग होता है । गंधक माने पटाखोँ का मसाला ।
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गंधक अत्यंत कठोर धातु है जो शरीर मेँ चला तो जाता है परंतु बाहर नहीँ निकलता
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चीनी कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाती है जिसके कारण हृदयघात या हार्ट अटैक आता है
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चीनी शरीर के वजन को अनियन्त्रित कर देती है जिसके कारण मोटापा होता है
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चीनी रक्तचाप या ब्लड प्रैशर को बढ़ाती है ।
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चीनी ब्रेन अटैक का एक प्रमुख कारण है
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चीनी की मिठास को आधुनिक चिकित्सा मेँ सूक्रोज़ कहते हैँ जो इंसान और जानवर दोनो पचा नहीँ पाते
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चीनी बनाने की प्रक्रिया मेँ तेइस हानिकारक रसायनोँ का प्रयोग किया जाता है
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चीनी डाइबिटीज़ का एक प्रमुख कारण है
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चीनी पेट की जलन का एक प्रमुख कारण है
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चीनी शरीर मे ट्राइ ग्लिसराइड को बढ़ाती है
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चीनी पेरेलिसिस अटैक या लकवा होने का एक प्रमुख कारण है
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चीनी बनाने की सबसे पहली मिल अंग्रेजोँ ने 1868 मेँ लगाई थी । उसके पहले भारतवासी शुद्ध देशी गुड़ खाते थे और कभी बिमार नहीँ पड़ते थे ।
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चीनी से मिश्री पे आएँ और मिश्री से गुड़ पे आएँ.

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