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सोमवार, 10 अक्तूबर 2022

रोज नहाते समय करें 1 छोटा सा तांत्रिक उपाय, मालामाल हो जाएंगे

रोज नहाते समय करें 1 छोटा सा तांत्रिक उपाय, मालामाल हो जाएंगे

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वैसे तो अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन नहाना बहुत आवश्यक है लेकिन नहाते समय यदि एक छोटा उपाय करने से आपकी आर्थिक स्थिति भी सुधर जाए तो फिर क्या बात है। जी हां नहाते समय यदि एक छोटा सा तांत्रिक उपाय कर लें तो धन संबंधी मामलों की रुकावटें समाप्त हो जाती हैं।
धन संबंधी मामलों में कई बार हम ईमानदारी से पूरी मेहनत करते हैं लेकिन सकारात्मक फल प्राप्त नहीं हो पाते हैं और पैसों की तंगी बढऩे लगती है। ऐसे में अक्सर मन ख्याल आता है कि मेहनत के बाद भी हमें उचित प्रतिफल प्राप्त क्यों नहीं हो रहा है।
इसके पीछे ज्योतिषीय दोष हो सकते हैं या किसी की बुरी नजर का दोष भी हो सकता है। यदि कुंडली में किसी ग्रह दोष की बाधा है तो उसका उचित उपचार करना चाहिए। यहां एक ऐसा उपाय दिया जा रहा है जिससे बुरी नजर के दोष और कुंडली के दोषों में भी राहत मिलती है
नहाने के पानी पर अपनी इंडेक्स फिंगर यानी तर्जनी अंगुली से त्रिभुज का निशान बनाएं। इसके बाद एक अक्षर का बीज मंत्र ह्रीं पानी पर लिखें। इस प्रकार प्रतिदिन नहाने से पहले यह उपाय करें। इस तांत्रिक उपाय है अत: इस संबंध में किसी प्रकार की शंका या संदेह नहीं करना चाहिए। अन्यथा उपाय का प्रभाव निष्फल हो जाता है।तंत्र शास्त्र के अनुसार तांत्रिक उपाय बहुत जल्दी असर दिखाने वाले होते हैं। यदि कोई व्यक्ति सही तरीके से इन उपायों का प्रयोग करें तो उसकी घर की दशा बदल सकती है। ऐसा ही एक चमत्कारी उपाय है नहाते समय करने का, इस उपाय के अनुसार जिस बाल्टी में हम नहाने का पानी लेते हैं उस पानी पर यह उपाय करना होगा
इस उपाय से आपके आसपास की नकारात्मक शक्तियां निष्क्रीय हो जाती हैं और यदि आपके ऊपर किसी की बुरी नजर है तो वह भी उतर जाती है। इसके साथ ही कार्यों में आपको सफलता मिलने लगती है और मेहनत का सही फल प्राप्त होता है। इस उपाय के साथ ही इष्टदेवी-देवताओं का भी पूजन-अर्चन करते रहना चाहिए।
यह तो तांत्रिक उपाय है लेकिन शास्त्रों के अनुसार नहाते समय देवी-देवताओं के नामों का या उनके मंत्रों का उच्चारण भी किया जा सकता है। यह उपाय भी बहुत ही लाभदायक होता है और इससे स्वास्थ्य संबंधी फल भी प्राप्त होते हैं
यदि कोई व्यक्ति किसी नदी में स्नान करता है तो उसे पानी पर ऊँ लिखकर पानी में तुरंत डुबकी मार लेना चाहिए। इस उपाय से भी नदी में स्नान का अधिक पुण्य प्राप्त होता है। इसके अलावा आपके आसपास की नेगेटिव एनर्जी भी समाप्त हो जाती है।
शास्त्रों के अनुसार प्रात:काल ब्रह्म मुहूर्त में नहाना श्रेष्ठ फल प्रदान करता है। इसी वजह से हमेशा स्नान सूर्योदय से पहले ही कर लेना चाहिए।
नहाने के बाद प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए। सूर्य को जल चढ़ाने से मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।यह तो तांत्रिक उपाय है लेकिन शास्त्रों के अनुसार नहाते समय देवी-देवताओं के नामों का या उनके मंत्रों का उच्चारण भी किया जा सकता है। यह उपाय भी बहुत ही लाभदायक होता है और इससे स्वास्थ्य संबंधी फल भी प्राप्त होते हैं
नहाते समय सबसे पहले सिर पर पानी डालना चाहिए इसके बाद पूरे शरीर पर। इसके पीछे भी वैज्ञानिक कारण है, इस प्रकार नहाने से हमारे सिर एवं शरीर के ऊपरी हिस्सों की गर्मी पैरों से निकल जाती है।
काफी लोग नहाने से पहले शरीर की अच्छी मालिश करते हैं। मालिश से स्वास्थ्य और त्वचा दोनों को ही लाभ प्राप्त होता है। त्वचा की चमक बढ़ती है। इस संबंध में यह ध्यान रखना चाहिए कि मालिश के आधे घंटे बाद शरीर को रगड़-रगड़ कर नहाना चाहिए।

गरीबी दूर कर धन-दौलत से मालामाल करती है 'झाडू'

गरीबी दूर कर धन-दौलत से मालामाल करती है 'झाडू'


घर की साफ-सफाई सभी करते हैं और इस काम के लिए घरों में झाड़ू अवश्य ही रहती है। झाड़ू वैसे तो एक सामान्य सी चीज है लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। झाड़ू को लक्ष्मी का रूप माना जाता है, जब यह घर की गंदगी, धूल-मिट्टी साफ करती है तो इसका मतलब यही है कि देवी महालक्ष्मी हमारे घर से दरिद्रता को बाहर निकाल देती है।



झाड़ू के महत्व को देखते हुए वास्तु शास्त्र द्वारा कई नियम बताए गए हैं।



- जब घर में झाड़ू का इस्तेमाल न हो, तब उसे नजरों के सामने से हटाकर रखना चाहिए।



- झाड़ू को कभी भी खड़ा नहीं रखना चाहिए।



- ध्यान रहे झाड़ू पर जाने-अनजाने पैर नहीं लगने चाहिए, इससे महालक्ष्मी का अपमान होता है।



- झाड़ू हमेशा साफ रखें।



- ज्यादा पुरानी झाड़ू को घर में न रखें।



- झाड़ू को कभी जलाना नहीं चाहिए।



- शनिवार को पुरानी झाड़ू बदल देना चाहिए।



- शनिवार के दिन घर में विशेष साफ-सफाई करनी चाहिए।



- घर के मुख्य दरवाजा के पीछे एक छोटी झाड़ू टांगकर रखना चाहिए। इससे घर में लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।


तीन झाड़ू का दान और बन सकते हैं धनवान

तीन झाड़ू का दान और बन सकते हैं धनवान
यदि आप पैसों की तंगी से परेशान है। धन कमाने के आपके सभी प्रयास विफल हो जातेे है तो रविवार या सोमवार के दिन बाजार से तीन झाड़ू खरीदकर लाएं। अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त में सभी नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर पवित्र हो जाएं। इसके बाद अपने घर के आसपास किसी मंदिर में वह तीनों झाड़ू रख आएं। ध्यान रहे झाड़ू ले जाते समय और मंदिर रखते समय आपको कोई देखे नहीं। यदि किसी ने आपको देख लिया तो इस उपाय का प्रभाव समाप्त होने संभावना रहती है। यदि यह उपाय ठीक से कर लिया जाएगा तो शीघ्र ही पैसा से जुड़ी तमाम समस्याएं दूर हो जाएंगी। ध्यान रखें इसके साथ आपको अपने प्रयास भी करने पड़ेंगे। 
धन लाभ के लिए शनिवार की शाम को माह (उड़द) की दाल के दाने पर थोड़ी सी दही और सिंदूर डालकर पीपल के नीचे रख आएं। वापस आते समय पीछे मुड़कर नहीं देखें। यह क्रिया शनिवार को ही शुरू करें और 7 शनिवार को नियमित रूप से किया करें, धन की प्राप्ति होने लगेगी।
अगर घर में खर्च कम होने का नाम नहीं ले रहा हो तो हाथ में काला तिल लेकर इसे घर के सभी लोगों के सिर के ऊपर उसार कर उसे घर के उत्तर दिशा में फेंक दीजिए.
. घर में बरकत होने लगेगी.

कुछ ऎसे ही टोटके जिनसे आप न केवल धनी और सफल बन सकते हैं वरन अपने प्रेमी, पति-पत्नी को भी वश में कर सकते हैं।

तंत्र की किताबों में लिखे हैं ये 5 टोटके, कुछ ही घंटों में दिखता है असर
कई बार जीवन में ऐसी समस्याएं आती हैं जो आसानी से दूर नहीं होती लेकिन एक मामूली टोटके से तुरंत ही आराम मिल जाता है। तांत्रिकों के अनुसार मनुष्य की प्रत्येक समस्या इन टोने- टोटकों से दूर हो सकती है बशर्ते सही ढंग से और सही समय पर किया जाए। आपके लिए यहां प्रस्तुत हैं कुछ ऎसे ही टोटके जिनसे आप न केवल धनी और सफल बन सकते हैं वरन अपने प्रेमी, पति-पत्नी को भी वश में कर सकते हैं।

ऐसे दूर करें पति-पत्नी के झगड़ें

रात में सोते समय पत्नी के पलंग पर देसी कपूर तथा पति के पलंग पर कामिया सिंदूर रखना चाहिए। अगले दिन सुबह सूर्योदय के समय पति को देसी कपूर जला देना चाहिए तथा पत्नी को सिंदूर को घर में फैला देना चाहिए। यह एक तीव्र तांत्रिक उपाय है, इससे कुछ ही दिनों में पति-पत्नी का आपसी झगड़ा पूरी तरह खत्म हो जाता है।

यदि पति-पत्नी के संबंध तलाक तक पहुंच गए हों

बरगद का हरा पत्ता लेकर उस पर लाल चंदन को गंगा जल में घिसकर संबंधित व्यक्ति का नाम लिखें। इसके बाद पत्ते पर लाल गुलाब की पत्तियां रख दें और इन सबको बारीक पीस लें। जिस व्यक्ति का नाम लिखा है, उसके नाम में जितने अक्षर हैं, इस बारीक बुरादे की उतनी ही गोलियां बना लें। रोजाना एक गोली नियम से उस व्यक्ति/ महिला के घर के मेन गेट पर फेंक दें। जल्दी ही दोनों के बीच विछोह दूर होकर आपसी संबंध अनुकूल होंगे तथा वापिस मिलन होगा।

सभी को वश में करने तथा उन पर राज करने के लिए

सफेद आंकड़े के फूल को छाया में सुखा लें। इसके बाद कपिला गाय यानी सफेद गाय के दूध में मिलाकर इसे पीस लें और इसका तिलक लगाएं। ऐसा करने पर व्यक्ति का समाज में वर्चस्व हो जाता है।

अगर बॉस या व्यापारिक दुश्मन परेशान करता है

एक सफेद रंग का आधा मीटर कपड़ा लें। उस पर काजल से उस व्यक्ति का नाम केवल तर्जनी उंगली से ही लिखें। इसके बाद उस व्यक्ति के नाम में जितने अक्षर हों, उस पर उतनी ही बार थूकने से तुरंत आराम आ जाएगा।

हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए

अगर भगवान को पूरी तरह खुश करना चाहते हैं तो अपनी ऊंचाई के अनुसार नाल को गांठ बांधकर नारियल पर लपेटकर उस पर केसर या सिंदूर से स्वातिक बनाकर हनुमान चालीसा पढ़कर हनुमान जी को चढाएं।

रविवार को करें रोटी-गुड़ का ये एक छोटा-सा अचूक उपाय, जल्द बन जाएगा खुद का घर

रविवार को करें रोटी-गुड़ का ये एक छोटा-सा अचूक उपाय, जल्द बन जाएगा खुद का घर

भूमि सुख हर किसी के किस्मत में नहीं होता... यदि खुद का घर बन भी जाता है, तो कई तरह की अड़चने आती हैं, इसकी वजह है ग्रहों का अशुभ होना...

 हर कोई चाहता है उसका अपना खुद का घर हो, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद घर नहीं बन पाता। दरअसल, भूमि लाभ ग्रहों के शुभ फल पर निर्भर है। यदि कुंडली में मंगल, सूर्य कमजोर हैं...नीच के हैं या उन पर किसी पाप ग्रहों की नजर है, तो घर नहीं बनने देते। अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ लोगों के एक नहीं, बल्कि कई घर होते हैं...कई प्लॉट होते हैं। ऐसे लोगों के ग्रह बली होते हैं। वैसे भी मौजूदा दौर में मकान बनाना बहुत मुश्किल हो रहा है। यदि आप सालों से किराए के मकान में रह रहे हैं। खुद का घर नहीं बन रहा है। वैसे ऐसा तो नहीं होगा कि आप घर खरीदने या बनाने के बारे में सोचते न हो या प्लालिंग न करते हों, लेकिन कोई न कोई अड़चन आ जाती है, जिसके चलते सारी योजना धरी की धरी रह जाती है। इसका मतलब यह है कि आपकी कुंडली में ग्रह अशुभ हैं, जो खुद के घर का सुख नहीं दे रहे हैं। ऐसे में एक ऐसा अचूक उपाय है, जिसे करने से मंगल और सूर्य मजबूत होंगे और घर बनने या खरीदने में आ रही बाधाएं स्वत: ही दूर हो जाएंगी।

यदि कुंडली में गुरु नीच का है, मंगल दुश्मन घर मेें बैठा है और सूर्य पर राहु-केतु की नजर है, तो निश्चित ही घर बनने में बाधा आएगी। ऐसे में ग्रहों को शुभ बनाने के लिए आपको कम से कम लगातार 21 रविवार को एक उपाय करना होगा। रविवार को सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर सबसे पहले भगवान सूर्य को अद्र्ध दें। तांबे के लोटे में शुद्ध जल, थोड़ा गंगाजल, अक्षत, लाल गुलाब की पंखुडिय़ां, हल्का सिंदूर, चीनी मिलाकर सूर्य को अद्र्ध दें। ध्यान रहे कि अद्र्ध जब दें, तो आपकी नजरें लोटे से नीचे की ओर गिर रही धार पर हो ना कि सूर्य भगवान की ओर...। ये भी ध्यान रखें कि पानी के छींटें पैरों पर न आएं। अद्र्ध देते समय ओम घृणि सूर्याय नम: मंत्र बोलते रहें।

इसके बाद घर में एक ताजे आटे की रोटी बनवाएं। रोटी जब ठंडी हो जाए, तो उसमें पुराने गुड़ की एक साबुत भेली रख लें और किसी गौशाला में जाकर लाल गया को खिला दें। ध्यान रखें रोटी-गुड़ गाय के सामने फेंके नहीं, बल्कि हाथ से गाय को खिलाएं। इसके बाद हाथ जोड़कर गाय को प्रणाम करें और गाय के पैर पड़ें। यह उपाय लगातार करें। आप देखेंगे कि अचानक आपके घर बनने की योजना शुरू होगी और कोई बाधा भी नहीं आएगी। इस उपाय का एक और फायदा यह है कि यदि आपका घर इस उपाय के करने से बनता है, तो आपकों घर के लिए आर्थिक तंगी का सामना कभी नहीं करना पड़ेगा। यदि आप लोन लेकर घर बनाएंगे या बना हुआ खरीदेंगे, तो इसके लोन चुकाने में भी आपकों कभी कोई परेशानी नहीं आएंगी। तो देर किस बात की, कल है रविवार और बेहद शुभ मुहूर्त भी हैं। नवरात्रों का समय है। अष्टमी है...हर तरफ कन्या पूजी जाएंगी और आप यह उपाय शुरू कर सपनों के आशियानें की नींव रख सकते हैं।

आदिपुरुष फिल्म में हनुमान जी के लुक को लेकर क्या आलोचना हो रही है?

 

ये कौनसे angel से आपको हनुमान जी लग रहे है हनुमान जी के प्रति हम सबकी आस्था है लेकिन ऐसा रूप हम में से किसी की आस्था में नहीं है हनुमान जी का।

तो इसका सीधा सा मतलब है की हमारी आस्थाओं का मजाक उड़ाया जा रहा है और इसके सभी कलाकारों ने ऐसा की मजाक बनाया है इसीलिए इसका बहिष्कार हो रहा है जो की ठीक ही है

ये इनका रावण रूप है किस प्रकार से ये रावण लग रहा है मुझे तो ये रावण से ज्यादा ओसामा बिन लादेन लग रहा है

पत्थरचट्टा पौधे की विशेषता - इनके औषधीय गुण

 

पथरचट्टा औषधीय गुणों वाला पौधा है जिसका उपयोग किडनी से जुड़े रोगों और मूत्र विकारों के इलाज के लिए किया जाता है। यह सदाबहार पौधा है जो पूरे भारत में पाया जाता है।

खोखले डंठल वाला यह लाल या हरे रंग का पौधा लम्बाई में 3-4 फीट का होता है। इसके पत्ते थोड़े मोटे और थोड़ी-थोड़ी दूरी पर होते हैं।

यह पथरी के इलाज के साथ-साथ पेट से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसमें रेचक गुण होते है जिससे यह बवासीर (पाइल्स) की समस्या से राहत प्रदान करता है। इसके अलावा यह त्रिदोष (वात, पित्त और कफ) का शमन करता है। पथरचट्टा पेट फूलने की समस्या, अल्सर, घावों को ठीक करने और रक्त को शुद्ध करने में भी मदद करता है। किडनी की पथरी और इसी तरह की अन्य समस्याओं को ठीक करने के लिए यह बहुत लाभकारी है।

👉.किडनी को बनाए हेल्‍दी

आयुर्वेद में इसे गुर्दे की पथरी के लिए रामबाण माना जाता है. अगर इसका काढा पिया जाए तो पेशाब में जलन, पेशाब का रुक-रुककर आना, दर्द होना जैसी पेशाब की समस्याओं को ठीक किया जा सकता है.

👉2.इंफ्लामेशन को करे ठीक

आप इसके 4-5 पत्तों को पीसकर एक लेप तैयार कर सकते हैं और उसे घाव, चोट वाली जगह पर लगा सकते हैं. ऐसा करने से आपको तुरंत आराम मिलेगा. शरीर पर हुए रैशेज या खुजली की समस्या भी इससे ठीक होगी

👉4.खूनी दस्त के इलाज के लिए

पत्थरचट्टे का सेवन से खूनी दस्त को रोकने में काफी मदद मिलती है. इसके लिए आप इसके पत्तों से रस निकालें और उसमें चुटकी भर पीसा हुआ जीरा और आधा चम्मच देशी घी डालकर अच्छी तरह मिला लें. इस मिश्रण का सेवन दिन में दो बार करें. आपको आराम मिलेगा.

👉5.हाई ब्‍लड प्रेशर को करे नियंत्रित

इसके सेवन से हाई ब्‍लड प्रेशर की समस्‍या को भी ठीक किया जा सकता है. आप इसके पत्तों का रस निकालकर पांच-पांच बूंद पानी में मिलाकर रोज खाली पेट पिएं

आप स्पेन (Spain) के बारे में ऐसा हैं जिसे ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं?

 

  • ला टोमाटिना स्पेन में आयोजित एक वार्षिक उत्सव है जहां लोग एक-दूसरे पर हजारों टमाटर फेंकते हैं। आमतौर पर 150,000 से अधिक टमाटर फेंक दिया जाता हैं।
  • स्पेन के राष्ट्रगान में कोई शब्द नहीं है।
  • स्पेन के 47 मंजिला गगनचुंबी इमारत में कोई लिफ्ट नहीं है।
  • स्पेन में तलाक की दर बहुत कम है, और स्पेन में केवल 5% बच्चे अविवाहित माता-पिता से पैदा होते हैं।
  • स्पेन जैतून के तेल का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है। स्पेन दुनिया में कुल जैतून के तेल का लगभग 44% उत्पादन कर रहा है।
  • 2013 में स्पेन दुनिया का तीसरा सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल था (फ्रांस और अमेरिका के बाद)।
  • परंपरागत रूप से, स्पेन में दो उपनाम हैं - पहला उपनाम पिता से, और दूसरा मां से।
  • मैड्रिड दुनिया में सबसे अधिक पर्यावरण के अनुकूल स्थानों में से एक है। जिसका अर्थ है कि वे पूरे दिन सोते हैं और पूरी रात बाहर रहते हैं। मैड्रिड स्पेन की राजधानी है।
  • स्पेन में दुनिया का सबसे पुराना मौजूदा लाइटहाउस - टॉवर ऑफ़ हरक्यूलिस भी है। यह पहली शताब्दी में बनाया गया था और आज भी चालू है।
  • एफिल टॉवर जो पेरिस, फ्रांस में है, मूल रूप से बार्सिलोना, स्पेन में बनाया जाने की योजना थी।
  • स्पेन बहुत पहाड़ी है, और स्विट्जरलैंड के बाद दूसरा सबसे पहाड़ी यूरोपीय देश है।
  • हर साल स्पेन बुल्स फेस्टिवल का आयोजन करता है और हर साल 10 लाख से अधिक लोग इसे देखने के लिए आते हैं ताकि लोग स्पैनिश बैलों के साथ सड़कों पर दौड़ सकें।

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क्या आप जानते हैं कि भूत प्रेत भी आपका खाना खाते हैं ?


 क्या आप जानते हैं कि भूत प्रेत भी आपका खाना खाते हैं ?

आज मैं इस विषय में आपको कुछ गंभीर बातें बताऊंगा। एक ऐसा सत्य बताऊंगा, जो आज तक लोगों को नहीं पता।

जैसा कि हम सब जानते हैं, भूत प्रेत वो आत्माएं होती हैं, जिन्होंने अपना शरीर खो दिया है और जो इस पृथ्वी लोक पर भटक रही हैं। ये वो अभागी आत्माएं हैं, जिनके लिए न मुक्ति का द्वार खुला है और न ही इन्हें कोई नया जन्म मिला है। इन्हें नहीं पता ये कहाँ जाएं, क्या करें। ये बस हम इंसानों की दुनिया में रह रही हैं, इसी इंतजार में कि किसी दिन इनका भी वक्त आएगा, जब इन्हें इस प्रेत योनि से छुटकारा मिलेगा। पर तब तक हम इंसानों को जीते देख, खाते देख, पीते देख, मौज करते देख उनका भी मन तड़प उठता है। कुछ ऐसी इच्छाएं होती हैं, जो शरीर के नष्ट हो जाने के बाद भी बनी रहती हैं जैसे भोजन करने की इच्छा, भोग विलास की इच्छा, सेक्स करने की इच्छा, किसी प्रियजन से मोह रखने की इच्छा और ये इच्छाएं आत्मा के अंदर होती हैं, इसमें शरीर का कोई लेना देना नहीं है। हालांकि शरीर ही एक माध्यम है जिसके द्वारा हम इन इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं, जैसे भोजन की इच्छा शरीर द्वारा ही पूरी की जा सकती है। विलास की, काम की इच्छा भी शरीर के द्वारा ही पूरी की जा सकती है और अगर आप किसी को चाहते हैं, किसी से प्यार करते हैं, किसी के प्रति का आपका मोह है चाहे आपका बेटा है, चाहे बेटी, चाहे पति है, चाहे पत्नी है तो आप शारीरिक रूप से ही उसके साथ रह कर, उसको प्यार दे कर, अपना मोह और अपना प्यार प्रदर्शित कर सकते हैं। पर एक प्रेत या एक आत्मा क्या करे ! उसके पास तो शरीर है ही नहीं ! इसीलिए वो उन इच्छाओं को पूरा करने के लिए शरीर का सहारा लेती हैं। हम जैसे इंसानों का सहारा लेती हैं, जिनके पास शरीर है। सबसे ज्यादा जो एक यूँ कह लीजिए, एक कॉमन चीज है, वो है पेट की भूख। इंसानों को इसलिए होती है क्योंकि उनके पास शरीर है। उनका शरीर भोजन माँगता है, चलने के लिए। पर जो उस भोजन का स्वाद है, वो इन आत्माओं को मरणोपरांत भी याद रहता है, शरीर नष्ट हो जाने के बाद भी याद रहता है। जो इन्होंने कभी भोगा था, जब ये कभी जिंदा थे। यूँ कह लीजिए जिंदा तो ये हमेशा ही हैं, जब कभी इनके पास शरीर था। अब क्योंकि उस भोजन का स्वाद ये नहीं ले पा रहे इसलिए अक्सर काफी आत्माओं का एक ही जो है अभिलाषा रह जाती है, वो ये होती है कि हम उस भोजन की अनुभूति दुबारा करें और इसको दुबारा करने के लिए वो किसी न किसी इंसान के चिपकती हैं।

अक्सर हम लोग जब खाना खाते हैं, किसी भी तरीके का भोजन करते हैं तो हम सोचते हैं कि हम अकेले हैं पर ऐसा नहीं है। ऐसा भी हो सकता है हमारे साथ कोई आत्मा बैठी हो। हम कहीं रेस्टोरेंट में खाना खा रहे हैं, कहीं बाहर सड़क पर खाना खा रहे हैं, कोई रोल बनवा लिया, कोई भी फास्ट फूड ले लिया, बर्गर ले लिया और हम उसे खाते हुए जा रहे हैं। हम किसी भी जगह पर हैं, वहाँ पर कोई भी आत्मा बैठी हो सकती है क्योंकि हमारे को भगवान ने ये चक्षु नहीं दिए कि हम ये देख सकें कि कहाँ पर कौन है। हम उस ब्रह्मांड के पार नहीं देख सकते क्योंकि हमारे पास वो चक्षु ही नहीं हैं। इसलिए हमें नहीं पता लगता। पर असल में, हकीकत में हर वक्त, हर जगह कोई न कोई प्रेत, कोई न कोई आत्मा विचरण कर रही है, बैठी है, घूम रही है और जब आप भोजन खाते हो तो उनकी सीधा दृष्टि आपके भोजन पर जाती है, आप पर जाती है कि आप कितना सुख भोग रहे हो ! क्या बढ़िया भोग ले रहे हो ! क्या स्वाद का मजा ले रहे हो और वो इतने अभागे हैं कि इस स्वाद से वंचित हैं। तो इसीलिए वो इंसान के शरीर में प्रवेश करके उस भोजन का आनंद लेती हैं।

अक्सर ऐसा हुआ है कि आपको भूख नहीं है तब भी आप ज्यादा खा रहे हैं। आप दो रोटी खाते हैं पर अचानक से आप तीन रोटी, चार रोटी खाने लग गए। आपको ये महसूस हो रहा कि आपके पेट में जगह नहीं है पर फिर भी आपका अपने ऊपर ही कोई कंट्रोल नहीं है और आप एक के बाद एक रोटियाँ खाते जा रहे हैं। ये एक ऐसी अवस्था है जो बताती है कि जो दो रोटी के ऊपर की जो भूख है, वो आपकी नहीं किसी और की है और वो अपनी इस भूख मिटाने के लिए आपके शरीर का इस्तेमाल कर रहा है। आपके ऊपर अपना कब्जा जमा रहा है, उस रोटी को खाने के लिए, उस भोजन को खाने के लिए।

अक्सर ऐसा होता है हम ज्यादा से ज्यादा खाना खा लेते हैं। हालांकि हमारा मन नहीं था और बाद में हमारी तबियत भी खराब होती है। हम कहते हैं यार क्यों खा लिया, पता नहीं क्यों खा लिया ? मन नहीं था, तब भी खा लिया ! क्योंकि वो मन किसी और का था।

और दूसरी बात कई दफा ऐसा भी होता है कि हमें कोई चीज आज तक नहीं पसंद थी खाने की। अचानक वो पसंद आने लगे। उसका स्वाद इतना अच्छा लगने लगे कि हम यही हैरान हो जाएं कि आज तक हमें ये चीज हमें बेकार लगती थी, खाते नहीं थे और अब हम कैसे खा रहे हैं ? तो वो स्वाद उस आत्मा को पसंद है जो उस इंसान के शरीर में है, जिसके द्वारा वो उस भोजन का भोग ले रही है। अब इसमें दो बातें हो सकती हैं। जरूरी नहीं कि हर बार किसी आत्मा का ही काम हो। आपकी खुद की शारीरिक एक ये अनुभूति भी हो सकती है। पर मैक्सिमम केसेज में ये किसी न किसी प्रेत या आत्मा का काम होता है। जो अपनी इच्छा आपके द्वारा पूरी करती है और फिर निकल जाती है।

अक्सर बहुत से मानव हैं, बहुत से लोग हैं जिनके शरीर में कोई न कोई आत्मा प्रवेश करके भोजन कर रही है और उन्हें ये बात नहीं पता क्योंकि वो प्रेत या वो आत्मा वो बात उजागर होने ही नहीं देते। उनका लक्ष्य सिर्फ उस भोजन को खाना होता है, जो इंसान खा रहा है। कुछ आत्मा इतनी ताकतवर हो जाती हैं कि उन्हें शरीर में लगातार रहने की भी जरूरत नहीं पड़ती किसी के। वो एक शरीर से दूसरे शरीर में प्रवेश आसानी से कर लेती हैं, सिर्फ अपने अलग अलग अनुभूतियों को, अलग अलग चीजों को भोगने के लिए, जो वो पहले भोगा करती थीं।

कुछ लोग इतने अभागे होते हैं कि उनके शरीर में एक बार अगर किसी प्रेत ने प्रवेश किया, ये देख कर कि वो बंदा भोजन खा रहा है या मीठा खा कर आया है तो उस स्वाद को फील करने के लिए। तो वो प्रेत उसी शरीर में रह जाता है और उस शरीर को घर बना लेता है क्योंकि वो ये सोचता है कि आज ये इतना बढ़िया भोजन कर रहा है और इसके शरीर में आकर मैंने स्वाद को लिया। अगर मैं इसके शरीर में रहने लगे जाता हूँ तो मुझे तो रोज ऐसे तरीके के भोजन और पकवान खाने को मिलेंगे।

तो इसमें बहुत चीजें हैं। आप इन चीजों से न बच सकते हैं, न इससे पार जा सकते हैं। बस आप कुछ ऐसे छोटे उपाय कर सकते हैं, जिससे आपके साथ ये न हो क्योंकि अगर ये आप साथ हो रहा है तो भी आपको पता नहीं चलेगा और अगर आपके साथ नहीं हो रहा तो भी आपको पता नहीं चलेगा। ये चीज ऐसी है जिसको पता लगा पाना बहुत मुश्किल है। ये तभी पता लगती है जब आपके शरीर में बैठा प्रेत इतना पुराना हो जाता है कि वो फिर उसके बाद ठसक से अपना कब्जा जमाने के बाद आपको ये बताने की कोशिश करता है, ये दिखाने लगता है कि ये शरीर अब उसका है और तब तक पता नहीं कितने साल निकल जाते हैं, इंसान सोच भी नहीं सकता।

तो कैसे इस चीज को रोका जाए ? कैसे किसी भी प्रेत या भूत को रोका जाए कि वो आपका भोजन न खाए। जब भी आप भोजन करते हैं, चाहे आप घर में भोजन कर रहे, चाहे आप बाहर भोजन कर रहे हैं, भोजन का थोड़ा सा टुकड़ा (जो भी आप खा रहे हैं) निकाल कर एक कोने में रख दें। जिससे आपने उस आत्मा के, उस प्रेत के निमित्त का भोजन पहले ही निकाल दिया और साथ ही भोजन का थोड़ा सा टुकड़ा भगवान के चरणों में रख दें। भगवान से प्रार्थना करें भोजन करने से पहले कि हे ईश्वर मैं पनाह में आ कर इस भोजन को ग्रहण कर रहा हूँ और ये भोजन मैं आपको अर्पण करता हूँ। आप स्वयं इस भोजन को कर रहे हैं। जिस भी देव को आप मानते हैं। सिर्फ ये एक छोटी सी प्रार्थना कर लेने से और छोटा सा टुकड़ा उस भोजन में से निकाल देने से ही आपका काम बन जाएगा और उसमें छोटा सा टुकड़ा अगर आप किसी जानवर को डाल दें तो वो और भी उत्तम है।

ये छोटा सा उपाय आपको बहुत सी चीजों से बचाएगा। नजर दोष से भी बचाएगा क्योंकि अक्सर अगर कोई प्रेत नहीं देख रहा या कोई प्रेत आपका खाना नहीं खा रहा तो लोग जो आपको देख रहे, उनकी नजर लग जाती है। उस नजर को भी ये उपाय काटता है। जब एक बार आप ईश्वर को शामिल कर लेते हैं किसी भी अपने कार्य में तो फिर आपकी जीत ही जीत होती है। आपको कोई हरा नहीं सकता। आपको कोई मात नहीं दे सकता। आपका कोई बुरा नहीं कर सकता क्योंकि स्वयं आपने वो भोजन ईश्वर को अर्पण कर दिया और ईश्वर स्वयं वो भोजन कर रहे हैं और आप उनकी सत्ता में भोजन कर रहे हो। उनकी पनाह में भोजन कर रहे हो। ईश्वर से ऊपर तो कोई है ही नहीं।

कभी भी आप भोजन करें थोड़ा सा टुकड़ा निकाल दें और अपने ईश्वर को याद करें। अगर आप कोई ऐसी जगह पर भोजन कर रहे हैं जहाँ पर आपको वाकई लगता है कि जगह सुनसान है या डरावनी है या जगह ऐसी है जहाँ पर कोई न कोई ऐसी चीज हो सकती है तो आप थोड़ा सा गंगाजल ले कर अपने खाने में मिला कर उस भोजन को कर सकते हैं। तो ये कुछ ऐसी चीजें हैं, अगर आप अपने जिंदगी में इसको उतार लें तो काफी बड़ी परेशानीयों से बच सकते हैं।

11 अक्टूबर की शाम एक दीप अर्पित करें महाकाल सरकार के नाम

🪔11 अक्टूबर की शाम एक दीप अर्पित करें महाकाल सरकार के नाम..🙏

*आकाशे तारकं लिंगं पाताले हाटकेश्वरम्।☘️*
*मृत्युलोके च महाकालो लिंड्गत्रय नमोस्तु ते॥☘️*
*👉 केंद्र और राज्य की सत्ता में भाजपा के आने के बाद राष्ट्र आधारभूत संरचनाओ के साथ सांस्कृतिक क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर रहा है।* 

*👉 निरंतर केंद्र की मोदी और राज्य की शिवराज सरकार जनहित राष्ट्रहित एवं संस्कृति हित के कार्य कर रही है। भारत की सांस्कृतिक विरासत को सहेजा जा रहा है संवर्धन किया जा रहा है।*

*👉 आदरणीय प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में हमारे समृद्ध विरासत को सजोने के साथ स्थलों को पुन: स्थापित करने का भी गौरवशाली कार्य किया जा रहा है।*
*👉 केदारनाथ धाम, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, श्रीराम जन्मभूमि में सुंदर गगनचुम्बी मंदिर निर्माण, श्रीकृष्ण जन्मभूमि का सौंदर्यीकरण, सोमनाथ मंदिर प्रांगण का सौंदर्यीकरण एवं तीर्थ क्षेत्रों का कायाकल्प हो रहा है।*

*👉 सौंदर्यीकरण एवं विकाश के क्रम में देश के हृदय इस्थल मध्यप्रदेश में इस्थित महाकाल मंदिर प्रांगण भी अपने दिव्य भव्य ओजस्वी मनमोहक रूप में बनकर लोकार्पण के लिए तैयार है जो महाकाल लोक के नाम से जाना जाएगा।*

*11 अक्टूबर को आदरणीय प्रधानमंत्री जी इस दिव्य भव्य लोक का लोकार्पण करेंगे।* 
*आइए हम सभी इस स्वर्णिम अवसर को अद्भुत अविस्मरणीय यादगर बनाए।*

*👉🚩11 अक्टूबर को हम सभी आपने पास की मंदिर जाए इस हेतु अपने मित्रों से भी आग्रह करे साथ ही मंदिर में हनुमान चालीसा, सुंदर कांड एवं रामायण पाठ का सामूहिक आयोजन करे।*

*👉 शाम को अपने घरों मे रंगोली बनाए साथ ही एक दीपक जलाकर आदिशक्ति श्रीमहाकाल सरकार का इस्मरण करे।*

*👉🚩 इस दिव्य भव्य पल को अविस्मरणीय बनाना है।*

*👉 अवंतिका नगरी सज सवर रही है। हमें अपने घरों से ही दीपदान करना है।* 

*👉 अतः 1 दीपक महाकाल सरकार के नाम जलाकर अपनी चौखट में, छत में या पूजा घर मे रखना है। हम सभी मिलकर सामूहिक रूप से घर के पास की मंदिर में भी 1-1 दीप जलाकर कार्यक्रम को दिव्य भव्य बनाकर महाकाल सरकार का आशीष प्राप्त कर सकते है।*

*👉🚩 महाकाल लोक का नजारा बिल्कुल देवलोक में बदल गया है। अब इस परिसर में शिव पुराण में मौजूद भोलेनाथ के अनेक रूपों की प्रतिमाएं देखने को मिलेंगी।*
*👉 इनके अलावा महाकाल लोक के भीतर सप्तर्षियों की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैं जिनमें महर्षि कश्यप, महर्षि भारद्वाज, अत्रि, महर्षि गौतम, महर्षि विश्वामित्र, जमदग्नि और महर्षि वशिष्ठ की प्रतिमाएं हैं।* 

*👉 नवनिर्मित महाकाल लोक भारत की सनातन संस्कृति की पौराणिकता और नूतनता का अद्भुत संगम है। इसकी भव्यता आज उज्जैन को स्वर्ग लोक में बदल रही है।*

*👉🚩2019 में  प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी के नेतृत्व में इस प्रोजेक्ट का बजट दोगुने से भी अधिक कर किया जा चुका है।*
*👉 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी के कुशल नेतृत्व में ही सिंहस्थ -2016 में उज्जैन में विश्व स्तरीय अधो-संरचना का विकास किया गया था।*

*👉 अब उनके अथक प्रयासों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन से महाकाल लोक के माध्यम से उज्जैन को देश और दुनिया में नई पहचान मिल रही है।*

*👉 पहले चरण में हुए कार्यो को मानसरोवर, मध्यांचल, त्रिवेणी मंडपम, कमल सरोवर, सांध्य वाटिका, त्रिपथ एवं भैरव मंडपम, अवंतिका, कनकश्रृंगा नाम से जाना जाएगा।*

*👉 महाकाल के आंगन में छोटे एवं बड़े रूद्र सागर, हरसिद्धि मन्दिर, चार धाम मन्दिर, विक्रम टीला आदि का विकास किया गया है।*
*👉 महाकाल मंदिर प्रांगण में हुआ नवनिर्माण सबका ध्यान अनायास ही खींच रहा है जिसका निर्माण संस्कृत के महाकवि कालिदास के महाकाव्य मेघदूत में महाकाल वन के वर्णन और चित्रण के आधार पर किया गया है। इन सबके अलावा मंदिर परिसर कार, बाइक पार्किंग सुविधाओं का विकास भी किया गया है, जिनमें एक समय में कई वाहनों को पार्क किया जा सकता है।*

*👉 यहां पर पद यात्रियों के लिए  मार्ग बनाया गया है। इसमें 25 फीट ऊंची एवं 500 मीटर लंबी म्युरल वॉल बनाई गई है। शिव स्तंभ, शिव की मूर्तियां अलौकिक छटा बिखेर रहे हैं।* 
*👉 यहां पर मानसरोवर, मध्यांचल, कमल सरोवर, त्रिवेणी मंडपम, सांध्य वाटिका, अवंतिका, कनकश्रृंगी, फ्रंट एरिया और ई-रिक्शा एवं आकस्मिक वाहनों के लिए मार्ग भी बनाए गए हैं।*

*👉 बड़े रूद्र सागर की झील में साफ पानी भरा गया है। महाकाल थीम पार्क में महाकाल की कथाओं से युक्त म्यूरल वॉल, सप्त सागर के लिए डैक एरिया एवं उसके नीचे शॉपिंग और बैठक क्षेत्र सुविधाएं विकसित की गई हैं। इसी तरह त्रिवेणी संग्रहालय के समीप कार, बस और दोपहिया वाहन की मल्टीलेवल पार्किंग बन चुकी है।*

*👉 इस क्षेत्र में धर्मशाला एवं अन्न क्षेत्र भी हैं। रोड क्रॉसिंग के जरिए अब बेहतर कनेक्टिविटी विकसित की गई है। मध्यांचल में पूजन सामग्री की दुकानें, फूड कोर्ट, लेक व्यू रेस्टोरेंट, लेक फ्रंट डेवलपमेंट, जन -सुविधाएं और टॉवर सहित निगरानी एवं नियंत्रण केन्द्र की स्थापना भी की गई है, जो इस परिसर के बदलते रूप की कहानी को बयां कर रहा है।*

*🛕पहले मंदिर का परिसर 2.2 हेक्टेयर था, लेकिन अब नवनिर्मित परिसर लगभग 20 हेक्टेयर से भी अधिक का हो गया है। अब महाकाल मंदिर का परिसर इतना बड़ा हो चुका है कि लाखों श्रद्धालु एक साथ दर्शन कर सकते हैं।*

*👉 महाकाल लोक के निर्माण से भगवान शिव की जिन कथाओं का महाभारत, वेदों तथा स्कंद पुराण के अवंती खंड में उल्लेख है, वे कथाएं अब धर्मनगरी उज्जैन में जीवंत हो उठेंगी।*

*👉 साथ ही देश और दुनिया से महाकाल का दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचेंगे, जिससे उज्जैन शहर में पर्यटन नई ऊंचाइयों पर होगा।*

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