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सोमवार, 10 अक्तूबर 2022

पत्थरचट्टा पौधे की विशेषता - इनके औषधीय गुण

 

पथरचट्टा औषधीय गुणों वाला पौधा है जिसका उपयोग किडनी से जुड़े रोगों और मूत्र विकारों के इलाज के लिए किया जाता है। यह सदाबहार पौधा है जो पूरे भारत में पाया जाता है।

खोखले डंठल वाला यह लाल या हरे रंग का पौधा लम्बाई में 3-4 फीट का होता है। इसके पत्ते थोड़े मोटे और थोड़ी-थोड़ी दूरी पर होते हैं।

यह पथरी के इलाज के साथ-साथ पेट से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसमें रेचक गुण होते है जिससे यह बवासीर (पाइल्स) की समस्या से राहत प्रदान करता है। इसके अलावा यह त्रिदोष (वात, पित्त और कफ) का शमन करता है। पथरचट्टा पेट फूलने की समस्या, अल्सर, घावों को ठीक करने और रक्त को शुद्ध करने में भी मदद करता है। किडनी की पथरी और इसी तरह की अन्य समस्याओं को ठीक करने के लिए यह बहुत लाभकारी है।

👉.किडनी को बनाए हेल्‍दी

आयुर्वेद में इसे गुर्दे की पथरी के लिए रामबाण माना जाता है. अगर इसका काढा पिया जाए तो पेशाब में जलन, पेशाब का रुक-रुककर आना, दर्द होना जैसी पेशाब की समस्याओं को ठीक किया जा सकता है.

👉2.इंफ्लामेशन को करे ठीक

आप इसके 4-5 पत्तों को पीसकर एक लेप तैयार कर सकते हैं और उसे घाव, चोट वाली जगह पर लगा सकते हैं. ऐसा करने से आपको तुरंत आराम मिलेगा. शरीर पर हुए रैशेज या खुजली की समस्या भी इससे ठीक होगी

👉4.खूनी दस्त के इलाज के लिए

पत्थरचट्टे का सेवन से खूनी दस्त को रोकने में काफी मदद मिलती है. इसके लिए आप इसके पत्तों से रस निकालें और उसमें चुटकी भर पीसा हुआ जीरा और आधा चम्मच देशी घी डालकर अच्छी तरह मिला लें. इस मिश्रण का सेवन दिन में दो बार करें. आपको आराम मिलेगा.

👉5.हाई ब्‍लड प्रेशर को करे नियंत्रित

इसके सेवन से हाई ब्‍लड प्रेशर की समस्‍या को भी ठीक किया जा सकता है. आप इसके पत्तों का रस निकालकर पांच-पांच बूंद पानी में मिलाकर रोज खाली पेट पिएं

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