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गुरुवार, 11 अक्तूबर 2012

टमाटर सिर्फ एक सब्जी नहीं बल्कि ये अपने आप में एक संपूर्ण औषधी है

...टमाटर.............
यदि आप टमाटर जैसा लाल लाल दिखना चाहते है तो अपने भोजन में टमाटर का सेवन शुरू कर दीजिये. आप टमाटर को कच्चा ,पकाकर ,और सूप के रूप में सेवन कर सकते है .खट्टा-मीठा टमाटर पकाने के बाद खाने के जायके को जितना बढ़ाता है। उतना ही अधिक लाभ सलाद के रूप में लेने पर भी करता है।

टमाटर में प्रोटीन, विटामिन, वसा आदि तत्व विद्यमान होते हैं। कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है इसके अलावा भी टमाटर खाने से कई लाभ होते हैं। टमाटर सिर्फ एक सब्जी नहीं बल्कि ये अपने आप में एक संपूर्ण औषधी है
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* डायबिटीज में टमाटर - एक करेला एक ककड़ी(खीरा),एक टमाटर के नियमित सेवन से डायबिटीज, आंखों व पेशाब संबंधी रोगों, पुरानी कब्ज व त्वचा के रोगों का उपचार होता है।

* टमाटर लीवर और किडनी को उत्तेजित करता है जिससे शरीर में उनके कार्य उचित गति से होतेरहते हैं .दिन में तीन बार एक-एक गिलास टमाटर का सूप पीजिये .२५० ग्राम टमाटर को एक लीटर पानी मेंउबालने के पश्चात मसल देने से सूप तैयार हो जाता है ,आप इसमें स्वाद के अनुसार चीनी या नमक और थोड़ी सी काली मिर्च और भुना जीरा मिला सकते हैं.

* टमाटर के गूदे में कच्चा दूध व नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे पर चमक आती है।

* भोजन करने से पहले दो या तीन पके टमाटरों को काटकर उसमें पिसी हुई कालीमिर्च, सेंधा नमक एवं हरा धनिया मिलाकर खाएं। इससे चेहरे पर लाली आती है व पौरूष शक्ति बढ़ती है।

* पेट में कीड़े होने पर सुबह खाली पेट टमाटर में पिसी हुई कालीमिर्च लगाकर खाने से लाभ होता है।या उसमे हींग का छौंका लगा दीजिये ,अब उसे पी जाइए ,सारेकीड़े मर जायेंगे.

* टमाटर को पीसकर चेहरे पर इसका लेप लगाने से त्वचा की कांति और चमक दो गुना बढ़ जाती है। मुँहासे, चेहरे की झाइयाँ और दाग-धब्बे दूर करने में मदद मिलती है।

** कैन्सर रोग में टमाटर - टमाटर खाने वालों को कैन्सर रोग नहीं होता।कैंसर प्रतिरोधक क्षमता छुपाये हुए है. अगर किसी को कैंसर हो गया हो तो उसके भोजन में ६० % हिस्सा टमाटर का कर दीजिये.जितनी कोशिकाएं नष्ट हो चुकी हैं उनकी संख्या में और बढ़ोत्तरी नहीं होगी और कैंसर नियंत्रित रहेगा।लाइकोपीन की वजह से यह कैसर कैंसर रोकने में फायदेमंद है।

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प्रात: बिना कुल्ला किए पका टमाटर खाना स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होता है।टमाटर के नियमित सेवन से पेट साफ रहता है।

मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012

संकटमोचक हनुमान की उपासना

संकटमोचक हनुमान की उपासना मानवीय जीवन के दु:ख, भय और चिंता को दूर करने के लिए अचूक मानी जाती है। श्री हनुमान साधना की इसकड़ी में बजरंग बाण का जप और पाठ हनुमान जयंती, शनिवार व मंगलवार के दिन करने का महत्व है। इस दिन यथाशक्ति श्री हनुमान की प्रसन्नता के लिए व्रत भी रख सकतेहैं।


- सुबह स्नान कर पवित्रता के साथ भगवा या सिंदूरी वस्त्र पहनें। तब मंदिर या घर के ही देवालय में बजरंग बाण का जप किया जा सकता है। इसके लिए तन के साथ मन की पवित्रता और शांत स्थान का जरूर ध्यान रखें।
- श्री हनुमान की मूर्ति या तस्वीर के सामने कुश के आसन पर बैठें।
- बजरंग बाण के जप प्रयोग की शुरुआत पवित्रीकरण और संकल्प के साथ करें।
- संकल्प में मात्र बजरंग बाण के जप का ही न हो, बल्कि इसके साथ यह भी संकल्प करें कि मनोरथ पूर्ति और कष्ट शमन होने पर श्री हनुमान की तन, मन, धन से यथाशक्ति सेवा करेंगे।
- शास्त्रों में हनुमान साधना मेंदीपदान का बहुत महत्व बताया गया है। अत: पंचधानों यानि गेंहू, चावल, मूंग, उड़द और काले तिल के मिश्रित आटे में गंगाजल मिलाकर एक दीपक बनाएं।
- इस दीपक में सुगंधित तेल भरें औरउसमें एक कच्चे सूत की मोटी बत्तीजो सिंदूरी रंग में रंगी हो, को जलाएं। बजरंग बाण के पाठ और अनुष्ठान पूर्ण होने तक यह दीपक प्रज्जवलित रखें।
- श्री हनुमान को गुग्गल की धूप में लगाएं।
- इसके बाद श्री राम और श्री हनुमान का ध्यान कर श्री हनुमान की मूर्ति पर ध्यान लगाकर स्थिर मन से बजरंग बाण का जाप शुरू करें। जाप करते समय अशुद्ध उच्चारण से बचें।
- पूरे बजरंग बाण का पाठ की एक माला जप करें। एक माला संभव न होने पर 11, 21, 31 इसी तरह की संख्या में जप भी कर सकते हैं।
- जप पूरे होने पर गुग्गल धूप, दीप,नैवेद्य अर्पण करें। नैवेद्य मेंविशेष रुप से गुड़, चने या गुड़ औरआटे का मीठा चूरमा, लाल अनार या मौसमी फलों का भोग लगाएं।
इस तरह बजरंग बाण का ऐसा पाठ तन, मन और धन से जुड़े सभी कलह और संताप दूर करता है।

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