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रविवार, 10 मार्च 2013

हर मुश्किल की काट है शिव अभिषेक


हर मुश्किल की काट है शिव अभिषेक


भगवान शंकराचार्य ने ज्योर्तिलिंग रामेश्वरम पर गंगा जल चढ़ाकर जगत को शिव के जलाभिषेक का महत्व बताया।


शिवलिंग का जल से अभिषेक कलह को जीवन से दूर कर सुख और शांति देने वाली मानी गई है। इसलिए शास्त्रों में मनो...रथ पूर्ति व संकट मुक्ति के लिए अलग-अलग तरह की धारा से शिव का अभिषेक करना शुभ बताया गया है। इन धाराओं को अर्पण करते समय महामृत्युंज मंत्र, गायत्री मंत्र, रुद्र मंत्र, पंचाक्षरी मंत्र, षडाक्षरी मंत्र जरुर बोलना चाहिए।


जानते हैं अलग-अलग धाराओं से शिव अभिषेक का फल -


- जब किसी का मन बेचैन हो, निराशा से भरा हो, परिवार में कलह हो रहा हो, अनचाहे दु:ख और कष्ट मिल रहे हो तब शिव लिंग पर दूध की धारा चढ़ाना सबसे अच्छा उपाय है। इसमें भी शिव मंत्रों का उच्चारण करते रहना चाहिए।


- वंश की वृद्धि के लिए शिवलिंग पर शिव सहस्त्रनाम बोलकर घी की धारा अर्पित करें।


- शिव पर जलधारा से अभिषेक मन की शांति के लिए श्रेष्ठ मानी गई है।


- भौतिक सुखों को पाने के लिए इत्र की धारा से शिवलिंग का अभिषेक करें।


- बीमारियों से छुटकारे के लिए शहद की धारा से शिव पूजा करें।


- गन्ने के रस की धारा से अभिषेक करने पर हर सुख और आनंद मिलता है।


- सभी धाराओं से श्रेष्ठ है गंगाजल की धारा। शिव को गंगाधर कहा जाता है। शिव को गंगा की धार बहुत प्रिय है। गंगा जल से शिव अभिषेक करने पर चारों पुरुषार्थ की प्राप्ति होती है। इससे अभिषेक करते समय महामृत्युंजय मन्त्र जरुर बोलना चाहिए। सोमवार, प्रदोष या चतुर्दशी तिथि को शिव का ऐसी धाराओं से अभिषेक व पूजा से भगवान शिव के साथ शक्ति, श्री गणेश और धनलक्ष्मी का आशीर्वाद भी मिलता है।

शिवरात्रि का पर्व है आया संग उत्सव माहोल ले आया

आज के सन्दर्भ में शिव पार्वती का विवाह एक सजग उदाहरण व् मिसाल है
माँ भगवती की जिद्द के मैं तो जटाधारी शिव से ही ब्याह रचाऊँगी और उनके पिता प्रजापति दक्ष की हर नकामयाब कोशिश इस विवाह को रोकने की ......आज भी हर प्रेमी जोड़े ( जो शिद्दत से प्यार करते हैं और एक दूजे से शादी करना चाहते है ) के लिए पूर्ण रूपेण उत्साह और प्रेरणा का आधार बिंदु है ....


शिवरात्रि का पर्व है आया
संग उत्सव माहोल ले आया
रंग अनोखा मंदिर में छाया
नर नारी बालक ने मिलकर
शिव्-पार्वती का ब्याह रचाया || जय माँ गौरा जय भोले नाथ ||

ले बेल-पत्र , धतुरा और भांग
पहुच रहे सब जन तेरे द्वार
मनाने को पावन ये त्यौहार
तुझ वैरागी ने जब तज वैराग
बसाया घर संसार माँ गौरा के साथ || जय माँ गौरा जय भोले नाथ ||

अजब बारात, हैरान घरात
राख लपेट, ओढ़ मृग छाल,
गले में पहन नागो का हार
पहुचे शिव माँ गौरा के द्वार
देव गन्धर्व कर रहे पुष्प फुहार || जय माँ गौरा जय भोले नाथ ||

नयनाभिराम छवि अति प्यारी
शिव पार्वती की जोड़ी न्यारी
हर लड़का लड़की मनाये मन में
ब्याह रचाने को मिले साथी मनोहार
ऐसा तुम्हारा अर्धनारीश्वर अवतार || जय माँ गौरा जय भोले नाथ ||

लो शिवरात्रि का पर्व है आया
संग उत्सव माहोल ले आया
रंग अनोखा मंदिर में छाया
नर नारी बालक ने मिलकर
शिव्-पार्वती का ब्याह रचाया || जय माँ गौरा जय भोले नाथ ||

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