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गुरुवार, 6 जून 2013

टूटे-फूटे बर्तन घर में न रखें

टूटे-फूटे बर्तन घर में न रखें
कई बार हम सभी प्रकार की उपलब्धियों के बावजूद अपने रोजमर्रा की सामान्य जीवन शैली में दुखी और खिन्न रहते हैं। वास्तु दोष मूलतः हमारे रहन सहन की प्रणाली से उत्पन्न होता है। प्राचीन काल में वास्तु शास्त्री ही मकान की बुनियाद रखने से पहले आमंत्रित किए जाते थे और उनकी सलाह पर ही घर के मुख्य द्वार रसोईघर, शयन कक्ष, अध्ययन शाला और पूजा गृह आदि का निर्णय लिया जाता था।

आजकल के शहरी जीवन और तड़क-भड़क की जिन्दगी में हम नियमों को ताक में रखकर मनमाने ढंग से घर या मकान का निर्माण कर लेते हैं। जब भारी लागत लगाने के बावजूद भी घर के सदस्यों का सुख चैन गायब हो जाता है, तब हमें यह आभास होता है कि मकान बनाते समय कहां पर चूक हुई है। अतः मकान बनाने से पहले ही हम यहां पर कुछ वास्तु टिप्स दे रहे हैं, जिनका अनुशरण करके आप अपने घर-मकान, दुकान या कारखाने में आने वाली बाधाओं से मुक्ति पा सकते हैं ।

1. उत्तर अथवा पूर्व में बड़ा खुला स्थान नाम, धन और प्रसिद्धि का माध्यम होता है। अपने मकान, फार्म हाउस कॉलोनी के पार्क फैक्टरी के उत्तर-पूर्व, पूर्व या उत्तरी भाग में शांत भाव से बैठना या नंगे पैर धीमे-धीमे टहलना सोया भाग्य जगा देता है।

2. दक्षिण-पश्चिम में अधिक खुला स्थान घर के पुरूष सदस्यों के लिए अशुभ होता है, उद्योग धंधों में यह वित्तीय हानि और भागीदारों में झगड़े का कारण बनता है।

3. घर या कारखाने का उत्तर-पूर्व (ईशान) भाग बंद होने पर ईश्वर के आशीर्वाद का प्रवाह उन स्थानों तक नहीं पहुंच पाता। इसके कारण परिवार में तनाव, झगड़े आदि पनपते हैं और परिजनों की उन्नति विशेषकर गृह स्वामी के बच्चों की उन्नति अवरूद्ध हो जाती है। ईशान में शौचालय या अग्नि स्थान होना वित्तीय हानि का प्रमुख कारण है ।

4. सुबह जब उठते हैं तो शरीर के एक हिस्से में सबसे अधिक चुंबकीय और विद्युतीय शक्ति होती है, इसलिए शरीर के उस हिस्से का पृथ्वी से स्पर्श करा कर पंच तत्वों की शक्तियों को संतुलित किया जाता है।

5. सबसे पहले उठकर हमें इस ब्रह्मांड के संचालक परमपिता परमेश्वर का कुछ पल ध्यान करना चाहिए। उसके बाद जो स्वर चल रहा है, उसी हिस्से की हथेली को देखें, कुछ देर तक चेहरे का उस हथेली से स्पर्श करें, उसे सहलाएं। उसके बाद जमीन पर आप उसी पैर को पहले रखें, जिसकी तरफ का स्वर चल रहा हो। इससे चेहरे पर चमक सदैव बनी रहेगी।

6. व्यापार में आने वाली बाधाओं और किसी प्रकार के विवाद को निपटाने के लिए घर में क्रिस्टल बॉल एवं पवन घंटियां लटकाएं।

7. घर में टूटे-फूटे बर्तन या टूटी खाट नहीं रखनी चाहिए। टूटे-फूटे बर्तन और टूटी खाट रखने से धन की हानि होती है।

8. घर के वास्तुदोष को दूर करने के लिए उत्तर दिशा में धातु का कछुआ और श्रीयंत्र युक्त पिरामिड स्थापित करना चाहिए, इससे घर में सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

सोना मिलना या गुम होना, समझें क्या है ये इशारा...

सोना मिलना या गुम होना, समझें क्या है ये इशारा...

सोना एक मूल्यवान धातु तो है ही साथ इसे पवित्र और पूज्य धातु माना जाता है। सोना खरीदने के लिए हमारे यहां मुर्हूत देखा जाता है माना जाता है कि अच्छे मुहूर्त में खरीदे गए सोने से घर में लक्ष्मी का स्थाई निवास होता है। लेकिन सिर्फ यही नहीं हमारे यहां सोने के बारे में एक और मान्यता प्रचलित है। वह यह कि कहीं से सोना मिलना या सोना गुम होना ज्योतिष के अनुसार एक अच्छा शकुन नहीं माना गया है।

दरअसल ज्योतिष की माने तो गुरु ग्रह का रंग पीला होता है और इस ग्रह का प्रभाव सोने जैसी मूल्यवान धातु पर होता है। गुरु को परिवार का कारक माना गया है। इसीलिए सोना खोने पर गुरु के अशुभ प्रभावों का सामना करना पड़ता है। कहा जाता है कि गुरु के नाराज हो जाने यानी रुठ जाने पर परिवारिक कलह का सामना करना पड़ता है। साथ ही दांपत्य सुख में भी कमी आती है। अगर किसी को सोना मिलता है और वह जब तक घर में रखा होता है। तब तक परिवार का कोई न कोई सदस्य बीमार रहता है या घर में हमेशा कलह बना रहता है। यदि किसी को सोना मिलता है तो उस सोने को बेचकर उसका कुछ भाग दान कर देने से उसका अशुभ प्रभाव खत्म हो जाता है। अगर घर में किसी महिला या बच्चे से सोना गुम हो जाता है तो इसे अशुभ संकेत माना जाता है कहा जाता है कि सोना गुम होने पर घर में कलह होता है और दांपत्य जीवन में कड़वाहट आने लगती है।

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