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मंगलवार, 22 जनवरी 2019

राजस्थान पत्रिका:- भाजपा विरोध से देश विरोध तक

*मेरी पीड़ा जरूर पड़े*

राजस्थान पत्रिका:-

भाजपा विरोध से देश विरोध तक

संपादक महोदय,
(आदरणीय या माननीय कहने का अब मन नहीं करता, और ना ही हम पाठकों के मन में आपके प्रति ऐसा मान रहा)

जब से पढ़ना सीखा है, शायद उससे पहले से आपके अखबार से नाता था। 'हो सकता है मैं आपके विचारों से सहमत न हो पाऊं फिर भी विचार प्रकट करने के आपके अधिकारों की रक्षा करूंगा - वाल्तेयर' ये पंक्तियां जब पहली बार 8 साल की उम्र से अखबार पढ़ना शुरू किया था, तब समझ नहीं आयी थी, पर जैसे जैसे उम्र बढ़ी, आपके अखबार के इन पंक्तियों को आत्मसात करते देखना, हमारे लिए गर्वोन्नत होने का एक संपूर्ण कारण था। आज भी याद है कि जब पत्रिका को पहली बार एक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिला तो हमें लगा जैसे पत्रिका का पाठक होने के नाते उस पुरस्कार पर हमारा भी कोई हक़ है, अधिकार है जैसे।
जिस दिन बारिशों के कारण, हॉकर मौहल्ले में पेपर नहीं डाल पाता था, दिन भर एक बेचैनी रहती थी की आज पत्रिका नहीं पढ़ पाए । ये ही हालत तब भी होती थी जब कोई पड़ोसी अखबार ले जाता और वापस नहीं लाता था।
ख़ैर, आज आप 'राजस्थान पत्रिका' को उस मुकाम पर ले आये हैं, जहां थोड़ी ज्यादा देर अखबार की ओर देख ले तो उबकाई सी आने लगती हैं।

वसुंधरा सरकार ने शायद अपने शासन के पहले ही साल में आपको विज्ञापन देना बंद कर दिया था, जिसके विरोध में आप सुप्रीम कोर्ट में जीत कर आये। और उसके बाद वसुंधरा सरकार के विरुद्ध, भाजपा के विरुद्ध आपका एजेंडा क्रिस्टल क्लियर दिख रहा था। पर कोई बात नहीं। देश की 99% प्रतिशत मीडिया वैसे भी किसी ना किसी के चरणों में दण्डवत है। आप भी कहीं लेट गए हैं तो कोई घोर आश्चर्य नहीं। पर ये भाजपा या वसुंधरा या मोदी के विरोध में होते होते आप कब देश के विरोधी होने लग गए, आपको पता ही नहीं चला। डॉ भार्गव के लिखे अद्भुत वेद-वेदांग के लेखों की जगह कब योगेंद यादव जैसे लोगों ने ले ली, जिनका हर हफ्ते एक आर्टिकल आपके अखबार में होना तय है।
चलिये, ये सब भी कुछ नहीं।

पर आज तो जो हद हुई है, शायद अक्षम्य है। आज के जोधपुर ग्रामीण के बिलाड़ा पीपाड़ संस्करण की एक फोटो संलग्न कर रहा हूँ। जयपुर में कांग्रेस अध्यक्ष की एक रैली हुई जिसकी हैडलाइन 'किसान-युवा अब फ्रंट फुट पर खेलेंगे' आपके पहले पेज पर छाया हुआ है। पहले पेज का 10% रूटीन विज्ञापन को देने के बाद बाकी में से लगभग 60% आपने इस रैली को समर्पित किया है, वो भी ठीक। जयपुर की इस रैली को प्रदेश के हर शहर, हर ग्रामीण संस्करण में आपने पहले पेज पे दिया है। और उतने ही 60% कवरेज के साथ। ये बात और है कि अभी तो कोई चुनाव भी नहीं नजदीक के एक महीने में, और एक बात और ये भी कि आपने सरदार पटेल को समर्पित 'स्टेचू ऑफ यूनिटी' के प्रधानमंत्री द्वारा किये गए उद्घाटन को आपने 14वें पेज पर छापा था। और आज जब, देश का हर एक मीडिया हाउस, हर अखबार 'आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS)' को दिए जाने वाले 10% आरक्षण के लिए पारित हुए 124वें संशोधन को प्राथमिकता देता है, यह किसी आश्चर्य से कम नहीं कि आपने लगभग हर ग्रामीण संस्करण में इसे दरकिनार कर पीछे की ओर फेक दिया है। और हां, हर शहर में आखिरी पेज पर 'संघ के निर्देश पर सरकार ने खेला सामान्य वर्ग के आरक्षण का दावं' - ये लिखने से आप नहीं चूके। कांग्रेस सरकार द्वारा घोषित कर्जमाफी जो लोगों को बस सरकारी सहायता पे निर्भर बना देती है, उसपर आपके तेवर के लिए तो सब प्रतीक्षा ही करते रह गए। 
(और अगली बार दांव ढंग से लिखियेगा, प्रदेश के सबसे बड़े अखबार है, ऐसी छोटी गलतियां शोभा नहीं देती)
चलिये, ये सब भी कुछ नहीं। ये भी सहन कर लेंगे। बाकी, जानते हम सब हैं कि कांग्रेस की तरफ से राजस्थान, मध्यप्रदेश में फ्रंट फुट पर कौन खेल रहा है। आपके दिसंबर18 के चुनावों में की गई मेहनत कांग्रेस कभी नहीं भुला सकती, जब आप कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से भी ज्यादा ओवरटाइम कर रहे थे कांग्रेस की सरकार तीनों राज्यों में बनाने के लिए। वो प्रधानमंत्री मोदी को 'चैंपियन ऑफ अर्थ' से सम्मानित होने पर झरोखा नामक आपके कार्टून कोने में 'किसमें, जुमलेबाजी में' लिखते हुए ये भूल जाना कि वो सम्मान सिर्फ़ मोदी को ही नहीं, अपितु देश को था। पर इस बात में भी चूंकि 'मोदी' शामिल था, और आपकी राजनैतिक मजबूरियाँ हर बीतते दिन के साथ कांच जैसे साफ होती जा रही हैं, इसे भी हम भूल जाते हैं।

पर आज बिलाड़ा संस्करण में पहले पेज के अंत में आईएएस शाह फैसल के इस्तीफे को प्रमुखता मिली। मिलनी भी थी, क्योंकि मोदी के विरोध में कोई भी हो, आपका साथ उसे मिलना अवश्यम्भावी है। ख़ैर, हैडलाइन पर ही आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूँगा।

'हत्याओं पर केन्द्र के रवैये से खफा आईएएस टॉपर ने छोड़ी नौकरी'।

'हत्याएं..??' जहां देश के सैनिक घर-बार, परिजनों को छोड़ दुर्गम परिस्थितियों में देश की संप्रभुता की रक्षा कर रहे हैं, असंख्य पत्थर खा कर भी संयम रखते हैं, भीड़ की आड़ ले छुपे आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुँचाने में वहां की भीड़ द्वारा फेंके गए पत्थरों की अति होने पर जवाब में भीड़ को तितर बितर करते हैं तो वो 'हत्याएं' हैं..?
कश्मीर के रास्ते से यही सब जो देश भर में मनमर्जियों से धमाके करके जो कोहराम मचाते थे, उन्हें 5 साल से रोका हुआ है। उन धमाकों में जो असंख्य निर्दोष निहत्थे भारतीय मरे थे, उनकी मौत को 'हत्या' कहते हैं। जब 8-10 सैनिकों के दल पर 500-1000 की भीड़, बस आतंकियों को बचाने के लिए बस पत्थरों की बारिश कर देती हैं, उसे 'हत्या' कहते हैं।

आतंकवादियों को ख़त्म करना, नेस्तनाबूद कर देना हत्याएं नहीं होती। उनके समर्थन पर पत्थरबाज़ी करने वालों को रोकना, वो भी पूरी सावधानी के साथ कि जनहानि ना हो, हत्या नहीं होती। अगर इन आतंकियो को ना रोका जाए, और फिर जब ट्रेनों में, सड़को पर, मंदिरों में लोगों के चीथड़े उड़ जाते हैं, उसे किस अलंकार से सुशोभित करेंगी आपकी कलम..?
'हत्याएं' ये ही शब्द पाकिस्तान उपयोग में लेता है, संयुक्त राष्ट्र और दूसरे अंतराष्ट्रीय मंचों पर, कश्मीर मुद्दे पर भारत को घसीटने के लिए।

आपका विरोध वसुंधरा से, मोदी से, भाजपा से, यहां तक कि आज की तारीख में वृहत हिन्दू समुदाय से हैं (जो आपके संस्करण के 16वें एवं 'अंतिम' पेज की खबर, हैडलाइन और कंटेंट से पता चलता है), वो भी सहनीय है। पर एक पार्टी के चरणों मे आज आप देश-विरोध पर आमदा हो गए हैं। और ये आज की खबर किसी देश-द्रोह से कम नहीं।

जिस अखबार से हमारा बचपन, हमारी सुबह की चाय, गांवों की हथाई, चुल्हे चौखट से निपट कर अखबार बांचते सांस लेने वाली गृहिणियों का क्षणिक विश्राम, और ना जाने क्या-क्या जुड़ा था। 60 साल की उस विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा को आपने अपने मौद्रिक और बुद्धजीवी कहलाने के लालच में पिछले 5 सालों में नाली में बहा दिया है। मेरे खुद के परिवार ने 40 सालों के नाता पिछले ही हफ्ते तोड़ा है।

शायद आप अपने इस अखबार को उस मुकाम तक ले आये हैं, जहां से पीछे मुड़ना अब आपके लिए संभव नहीं। वो कहता हैं ना, if you are going through hell, keep going. बाकी अब तो देश के विरोध में खड़े होने का ठान ही लिया है तो उसमें भी लगे रहिये।
हो सकता है, हम आपके विचारों से सहमत न हो पाएं फिर भी विचार प्रकट करने के आपके अधिकारों की रक्षा करेंगे, पर शायद इस राष्ट्र की कीमत पर नहीं। जब जब जरूरी होगा, ऐसे ही याद दिलाता रहूंगा।

शुभकामनाएं सहित,

आपकी गिरती हुई (या बहुत गिर चुकी) पत्रकारिता से निराश,
आपका एक भूतपूर्व पाठक।

मंगलवार, 15 जनवरी 2019

वर्तमान शिक्षा प्रणाली:- बड़ा जरूर है पढ़े जरूर

*वर्तमान शिक्षा प्रणाली:-*
       *बड़ा जरूर है पढ़े जरूर🙏🏻*

*कोचिंग का इंजेक्शन लगा कर लौकी की तरह भावी इंजीनियर और डॉक्टर की पैदावार की जाती है।*

अब नेचुरल देसी नस्ल छोटी रह जाती है जो तनाव में आकर या तो मुरझा जाती है या बाजार में बिकने लायक ही नही रहती।

*अब मैं आपको तीस साल पहले ले जाता हूँ  जब सरकारी स्कूलों का दौर था।*

*जब एक औसत लड़के को साइंस ना देकर स्कूल वाले खुद ही लड़के को भट्टी में झोकने से रोक देते थे।*

*आर्ट्स और कामर्स देकर लड़कों को शिक्षक बाबू,पटवारी,नेता और व्यापारी बनाने की तरफ मोड़ देते थे मतलब साफ है कि पानी को छोटी-छोटी नहरो में छोड़ कर योग्यता के हिसाब से अलग अलग दिशाओ में मोड़ दो ताकि बाढ़ का खतरा ही पैदा ना हो।*

*शिक्षक लड़के के गलती करने पर उसको डंडे से पीट-पीटकर साक्षर बनाने पर अड़े रहते और तनाव झेलने के लिये मजबूत कर देते थे।पापा-मम्मी से शिकायत करो तो दो झापड़ पापा-मम्मी भी जड़ देते थे और गुरुजी से सुबह स्कूल आकर ये और कह जाते थे कि अगर नहीं पढ़े तो दो डंडे हमारी तरफ से भी लगाना आप*।

*अब पक्ष और विपक्ष एक होता देख लड़का पिटने के बाद सीधा फील्ड में जाकर खेलकूद करके अपना तनाव कम कर लेता था।खेलते समय गिरता पड़ता और कभी-कभी छोटी-मोटी चोट भी लग जाती तो मिट्टी डाल कर चोट को सुखा देता,पर कभी तनाव में नहीं आता। दसवीं आते-आते लड़का लोहा बन जाता था।*

*तनावमुक्त होकर मैदान में तैयार खड़ा हो जाता था।हर तरह के तनाव को झेलने के लिए.......*

*फिर आया कोचिंग और प्राईवेट स्कूलों का दौर यानी की शिक्षा स्कूल से निकल कर ब्रांडेड शोरुम में आ गई। शिक्षा सोफेस्टीकेटेड हो गई। बच्चे को गुलाब के फूल की तरह ट्रीट किया जाने लगा। मतलब बच्चा 50% लाएगा तो भी साइंस में ही पढ़ेगा। हमारा मुन्ना तो डॉक्टर ही बनेगा। हमारा बच्चा IIT से B.tech करेगा । शिक्षक अगर हल्के से भी मार दे तो पापा-मम्मी मानवाधिकार की किताब लेकर मीडिया वालों के साथ स्कूल पर चढ़ाई कर देते हैं कि हमारे मुन्ना को हाथ भी कैसे लगा दिया?मीडिया वाले शिक्षक के गले में माइक घुुसेड़ कर पूछने लग जाते हैं कि आप ऐसा कैसे कर सकते हैं?यहाँ से आपका बच्चा सॉफ्ट टॉय बन गया*

*बिलकुल टेडी बियर की तरह। अब बच्चा स्कूल के बाद तीन-चार कोचिंग सेंटर में भी जाने लग गया। खेलकूद तो भूल ही गया। फलाने सर से छूटा तो ढिमाके सर की क्लास में पहुंच गया। बचपन किताबों में उलझ गया और बच्चा कॉम्पटीशन के चक्रव्युह में ही उलझ गया बेचारा।*

*क्यों भाई आपका मुन्ना केवल डॉक्टर और इंजीनियर ही क्यों बनेगा वो आर्टिस्ट,सिंगर,खिलाड़ी,किसान और दुकानदार से लेकर नेता और कारखाने का मालिक क्यों नहीं बनेगा। हजारों फील्ड हैं अपनी योग्यता के अनुसार कार्य करने के वो क्यों ना चुनो। अभी कुछ दिनों पहले मेरे महंगे जूते थोड़े से फट गऐ पता किया एक लड़का अच्छी तरह से रिपेयर करता है कि ये पता ही नहीं चलता कि जूते रिपेयर भी हुए हैं । उसके पास गया तो उसने 200 रुपये मांगे रिपेयर करने के और कहा एक हफ्ते बाद मिलेगें जी। उस लड़के की आमदनी का हिसाब लगाया तो पता चला की लगभग एक लाख रुपये महीने कमाता है*।

*यानी की पूरा बारह लाख पैकेज। वो तो कोटा नहीं गया। उसने अपनी योग्यता को हुनर में बदल दिया और अपने काम में मास्टर पीस बन गया। कोई शेफ़ बन कर लाखों के पैकेज़ में फाइव स्टार होटल में नौकरी कर रहा है*
*तो कोई हलवाई बन कर बड़े-बड़े इवेंट में खाना बना कर लाखों रुपये ले रहा है कोई डेयरी फार्म खोल कर लाखों कमा रहा है। कोई दुकान लगा कर लाखों कमा रहा है तो कोई कंस्ट्रक्शन के बड़े-बड़े ठेके ले रहा है। तो कोई फर्नीचर बनाने के ठेके ले रहा है। कोई रेस्टोरेंट खोल कर कमा रहा है तो कोई कबाड़े का माल खरीद कर ही अलीगढ़ जैसे शहर में ही लाखों कमा रहा है तो कोई सब्जी बेच कर भी 20-25 हजार महीने का कमा रहा है तो कोई चाय की रेहड़ी लगा कर ही 40-50 हजार महीने के कमा रहा है तो कोई हमारे यहाँ कचोरी-समोसे और पकोड़े-जलेबी बेच कर ही लाखों रुपये महीने के कमा रहा है।*

*मतलब साफ है भैया कमा वो ही रहा है जिसने अपनी योग्यता और उस कार्य के प्रति अपनी रोचकता को हुनर में बदला और उस हुनर में मास्टर पीस बना। जरुरी नहीं है कि आप डॉक्टर और इंजीनियर ही बनें आप कुछ भी बन सकते हैं आपमें उस कार्य को करने का जुनून हो बस। हाँ तो अभिभावको/प्रियजनों अपने बच्चों को टैडीबीयर नहीं बल्कि लोहा बनाओ लोहा। अपनी मर्जी की भट्टी में मत झोको उसको।*

*उसे पानी की तरह नियंत्रित करके छोड़ो वो अपना रास्ता खुद बनाने लग जाएगा।*

*पर बच्चों पर नियंत्रण जरुर रखो । अगर वो अनियंत्रित हुआ तो पानी की तरह आपके जीवन में बाढ़ ला देगा*।

*कहने का मतलब ये है की शिक्षा को नेचुरल ही रहने दो,क्यों सिंथेटिक बना कर बच्चे का जीवन और अपनी खुशियों को बरबाद कर रहे हो।बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार आगे बढ़ने में सहयोग देंl*
www.sanwariyaa.blogspot.com

शनिवार, 12 जनवरी 2019

आप भले ही *"लाखों की घड़ी" हाथ में क्यूँ ना पहने हो पर "समय" तो "प्रभु के ही हाथ" में हैं न

रात के ढाई बजे था, एक सेठ को नींद नहीं आ रही थी,
वह घर में चक्कर पर चक्कर लगाये जा रहा था।
पर चैन नहीं पड़ रहा था ।
आखिर  थक कर नीचे उतर आया और कार निकाली
शहर की सड़कों पर निकल गया। रास्ते में एक मंदिर दिखा सोचा थोड़ी देर इस मंदिर में जाकर भगवान के पास बैठता हूँ।
प्रार्थना करता हूं तो शायद शांति मिल जाये।

वह सेठ मंदिर के अंदर गया तो देखा, एक दूसरा आदमी पहले से ही भगवान की मूर्ति के सामने बैठा था, मगर उसका उदास चेहरा, आंखों में करूणा दर्श रही थी।

सेठ ने पूछा " क्यों भाई इतनी रात को मन्दिर में क्या कर रहे हो ?"

आदमी ने कहा " मेरी पत्नी अस्पताल में है, सुबह यदि उसका आपरेशन नहीं हुआ तो वह मर जायेगी और मेरे पास आपरेशन के लिए पैसा नहीं है "

उसकी बात सुनकर सेठ ने जेब में जितने रूपए थे  वह उस आदमी को दे दिए। अब गरीब आदमी के चहरे पर चमक आ गईं थीं ।

सेठ ने अपना कार्ड दिया और कहा इसमें फोन नम्बर और पता भी है और जरूरत हो तो निसंकोच बताना।

उस गरीब आदमी ने कार्ड वापिस दे दिया और कहा
"मेरे पास उसका पता है " इस पते की जरूरत नहीं है सेठजी

आश्चर्य से सेठ ने कहा "किसका पता है भाई
"उस गरीब आदमी ने कहा
*_"जिसने रात को ढाई बजे आपको यहां भेजा उसका"_*

*।। जय श्री राधेकृष्ण ।।🙏🆎🙏🏻*

*इतने अटूट विश्वास से सारे कार्य पूर्ण हो जाते है*

*घर से जब भी बाहर जाये*

*तो घर में विराजमान अपने प्रभु से जरूर मिलकर जाएं*
*और*
*जब लौट कर आए तो उनसे जरूर मिले*
*क्योंकि*
*उनको भी आपके घर लौटने का इंतजार रहता है*
💐💐💐🙏💐💐💐

"घर" में यह *नियम* बनाइए की जब भी आप घर से बाहर निकले तो घर में मंदिर के पास दो मिनट खड़े रह कर *प्रभु चलिए..आपको साथ में रहना हैं*🙏

*✍🏼सांवरिया ✍🏼*
www.sanwariya.org

ऐसा बोल कर ही निकले क्यूँकि आप भले ही *"लाखों की घड़ी" हाथ में क्यूँ ना पहने हो पर "समय" तो "प्रभु के ही हाथ" में हैं न*🆎👍👍👍👍👍

शुक्रवार, 11 जनवरी 2019

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी ने अभिनेता संदेश गौर के म्यूजिक वीडियो "पगली तेरे लिए" का "टीज़र" लॉन्च किया

केंद्रीय मंत्री "नितिन गडकरी" जी ने अभिनेता संदेश गौर के म्यूजिक वीडियो "पगली तेरे लिए" का "टीज़र" लॉन्च किया।

नागपुर/मुंबई :    
नागपुर से संसद सदस्य और भारत सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाज़रानी, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी जी ने अभिनेता सन्देश गौर के हिंदी म्यूजिक वीडियो "पगली तेरे लिए” के "टीज़र" को नागपुर शहर में लॉन्च किया | कार्यक्रम में मंत्री श्री नितिन गडकरी जी के साथ विधायक विकास कुंभारे, विधायक डॉक्टर मिलिंद माने, उत्तर नागपुर भा.ज.पा के अध्यक्ष दिलीप गौर और भोई समाज पंच कमेटी के अध्यक्ष नंदकिशोर गौर की उपस्तिथि में  "टीज़र" लॉन्च नागपुर शहर में सम्पन्न हुआ।
इस गीत को “जी म्यूजिक कंपनी” द्वारा रिलीज़ किया जा रहा है| इसके अलावा अभिनेता सन्देश गौर हिंदी फिल्म “मीराधा”, मराठी फिल्म “झिंग प्रेमाची” और "भला मानुष" में बतौर मुख्य अभिनेता व अनेकों टीवी धारावाहिक, शार्ट फिल्म और वेब सीरीज में अपनी अभिनय से दर्शकों का दिल जीत चुके है और बहुत जल्द एक नई हिंदी फिल्म में नजर आने वाले है |


इस हिंदी म्यूजिक वीडियो “पगली तेरे लिए” में अभिनेता "सन्देश गौर" के साथ अमेरिका की रहने वाली मॉडल और अभिनेत्री “मिश्का तरकर” भी नज़र आयेंगी |
इस वीडियो के गीतकार/संगीतकार और गायक है रतन रवानी | रतन रवानी इससे पहले हिंदी फिल्म “मीराधा” और "दयाबाई" जैसी फिल्मों में संगीत देने के साथ-साथ अपनी सुरीली आवाज़ से दशकों का मन मोह चुके है|

इस म्यूजिक वीडियो के डायरेक्टर और कैमरामैन रेनू जी और जय नंदन कुमार हैं| इस म्यूजिक वीडियो का निर्माण “तरकर एंटरटेनमेंट और बॉलीवुड एंटरटेनमेंट” प्रोडक्शन कंपनी के अंतर्गत किया गया हैं. इस म्यूजिक वीडियो के निर्माता राकेश एस.पी. श्रीवास्तव और योगेंद्र शर्मा हैं|

इस म्यूजिक वीडियो की शूटिंग लोनावाला, खंडाला, वसई फोर्ट, गोराई बीच पर की गयी है | ये एक रोमांटिक गीत है | 
 
इस गाने का शूट निर्देशक रेनू जय ने बहुत ही शानदार तरीके से फिल्माया है | सह निर्देशक की भूमिका निभाई है सुमित शर्मा, सागर शाहू और उत्कर्ष कृष्णा ने, असिस्टेंट कैमरामैन है उज्ज्वला खापरे और नितिन कौशिक, पोस्टर डिज़ाइन किया है भर्ती शौकीन ने, सेट डिज़ाइनर रेणुका गौर, कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर ग्रिशा धनविजय और बेंज़ी मेनन, एडिटर अनिल राय, डी आई जैकी, ग्राफ़िक्स वीएफएक्स योगेश भाटिया , मेकअप योंग वू, फोटोग्राफर उज्ज्वला खापरे, पोस्ट प्रोडक्शन जे एस स्टूडियो, प्रोडक्शन कंट्रोलर मनीष राठी, प्रोडक्शन प्रबंधक शिवम गौर, सोशल मीडिया ईशान कामदार, मीडिया परामर्श रितेश श्रीवास्तव का इस म्यूजिक वीडियो में सहयोग है |


बुधवार, 9 जनवरी 2019

गायत्री मंत्र का संकलन

जय जय माँ
ॐ नमो नारायण
जय जय माँ
ॐ नमो नारायण
🚩146, गायत्री मंत्र का संकलन।।
॥ गायत्रीमन्त्राः ॥
         सर्व गायत्री
1 सूर्य ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥

2 ॐ आदित्याय विद्महे सहस्रकिरणाय धीमहि तन्नो भानुः प्रचोदयात् ॥

3 ॐ प्रभाकराय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ॥

4 ॐ अश्वध्वजाय विद्महे पाशहस्ताय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ॥

5 ॐ भास्कराय विद्महे महद्द्युतिकराय धीमहि तन्न आदित्यः प्रचोदयात् ॥

6 ॐ आदित्याय विद्महे सहस्रकराय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ॥

7 ॐ भास्कराय विद्महे महातेजाय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ॥

8 ॐ भास्कराय विद्महे महाद्द्युतिकराय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ॥

9 चन्द्र ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे महाकालाय धीमहि तन्नश्चन्द्रः प्रचोदयात् ॥

10 ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृतत्वाय धीमहि तन्नश्चन्द्रः प्रचोदयात् ॥

11 ॐ निशाकराय विद्महे कलानाथाय धीमहि तन्नः सोमः प्रचोदयात् ॥

12 अङ्गारक, भौम, मङ्गल, कुज ॐ वीरध्वजाय विद्महे विघ्नहस्ताय धीमहि तन्नो भौमः प्रचोदयात् ॥

13 ॐ अङ्गारकाय विद्महे भूमिपालाय धीमहि तन्नः कुजः प्रचोदयात् ॥

14 ॐ चित्रिपुत्राय विद्महे लोहिताङ्गाय धीमहि तन्नो भौमः प्रचोदयात् ॥

15 ॐ अङ्गारकाय विद्महे शक्तिहस्ताय धीमहि तन्नो भौमः प्रचोदयात् ॥

16 बुध ॐ गजध्वजाय विद्महे सुखहस्ताय धीमहि तन्नो बुधः प्रचोदयात् ॥

17 ॐ चन्द्रपुत्राय विद्महे रोहिणी प्रियाय धीमहि तन्नो बुधः
प्रचोदयात् ॥

18 ॐ सौम्यरूपाय विद्महे वाणेशाय धीमहि तन्नो बुधः प्रचोदयात् ॥

19 गुरु ॐ वृषभध्वजाय विद्महे क्रुनिहस्ताय धीमहि तन्नो गुरुः प्रचोदयात् ॥

20 ॐ सुराचार्याय विद्महे सुरश्रेष्ठाय धीमहि तन्नो गुरुः प्रचोदयात् ॥

21 शुक्र ॐ अश्वध्वजाय विद्महे धनुर्हस्ताय धीमहि तन्नः शुक्रः प्रचोदयात् ॥

22 ॐ रजदाभाय विद्महे भृगुसुताय धीमहि तन्नः शुक्रः प्रचोदयात् ॥

23 ॐ भृगुसुताय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नः शुक्रः प्रचोदयात् ॥

24 शनीश्वर, शनैश्चर, शनी ॐ काकध्वजाय विद्महे खड्गहस्ताय धीमहि तन्नो मन्दः प्रचोदयात् ॥

25 ॐ शनैश्चराय विद्महे सूर्यपुत्राय धीमहि तन्नो मन्दः प्रचोदयात् ॥

26 ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे मृत्युरूपाय धीमहि तन्नः सौरिः प्रचोदयात् ॥

27 राहु ॐ नाकध्वजाय विद्महे पद्महस्ताय धीमहि तन्नो राहुः प्रचोदयात् ॥

28 ॐ शिरोरूपाय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहुः प्रचोदयात् ॥

29 केतु ॐ अश्वध्वजाय विद्महे शूलहस्ताय धीमहि तन्नः केतुः प्रचोदयात् ॥

30 ॐ चित्रवर्णाय विद्महे सर्परूपाय धीमहि तन्नः केतुः प्रचोदयात् ॥

31 ॐ गदाहस्ताय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नः केतुः प्रचोदयात् ॥

32 पृथ्वी ॐ पृथ्वी देव्यै विद्महे सहस्रमर्त्यै च धीमहि तन्नः पृथ्वी प्रचोदयात् ॥

33 ब्रह्मा ॐ चतुर्मुखाय विद्महे हंसारूढाय धीमहि तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात् ॥

34 ॐ वेदात्मनाय विद्महे हिरण्यगर्भाय धीमहि तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात् ॥

35 ॐ चतुर्मुखाय विद्महे कमण्डलुधराय धीमहि तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात् ॥

36 ॐ परमेश्वराय विद्महे परमतत्त्वाय धीमहि तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात् ॥

37 विष्णु ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् ॥

38 नारायण ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् ॥

39 वेङ्कटेश्वर ॐ निरञ्जनाय विद्महे निरपाशाय (?) धीमहि तन्नः श्रीनिवासः प्रचोदयात् ॥

40 राम ॐ रघुवंश्याय विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि तन्नो रामः प्रचोदयात् ॥

41 ॐ दाशरथाय विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि तन्नो रामः प्रचोदयात् ॥

42 ॐ भरताग्रजाय विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि तन्नो रामः प्रचोदयात् ॥

43 ॐ भरताग्रजाय विद्महे रघुनन्दनाय धीमहि तन्नो रामः प्रचोदयात् ॥

44 कृष्ण ॐ देवकीनन्दनाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नः कृष्णः प्रचोदयात् ॥

45 ॐ दामोदराय विद्महे रुक्मिणीवल्लभाय धीमहि तन्नः कृष्णः प्रचोदयात् ॥

46 ॐ गोविन्दाय विद्महे गोपीवल्लभाय धीमहि तन्नः कृष्णः प्रचोदयात् ।

47 गोपाल ॐ गोपालाय विद्महे गोपीजनवल्लभाय धीमहि तन्नो गोपालः प्रचोदयात् ॥

48 पाण्डुरङ्ग ॐ भक्तवरदाय विद्महे पाण्डुरङ्गाय धीमहि तन्नः कृष्णः प्रचोदयात् ॥

49 नृसिंह ॐ वज्रनखाय विद्महे तीक्ष्णदंष्ट्राय धीमहि तन्नो नारसिꣳहः प्रचोदयात् ॥

50 ॐ नृसिंहाय विद्महे वज्रनखाय धीमहि तन्नः सिंहः प्रचोदयात् ॥

51 परशुराम ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि तन्नः परशुरामः प्रचोदयात् ॥

52 इन्द्र ॐ सहस्रनेत्राय विद्महे वज्रहस्ताय धीमहि तन्न इन्द्रः प्रचोदयात् ॥

53 हनुमान ॐ आञ्जनेयाय विद्महे महाबलाय धीमहि तन्नो हनूमान् प्रचोदयात् ॥

54 ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि तन्नो हनूमान् प्रचोदयात् ॥

55 मारुती ॐ मरुत्पुत्राय विद्महे आञ्जनेयाय धीमहि तन्नो मारुतिः प्रचोदयात् ॥

56 दुर्गा ॐ कात्यायनाय विद्महे कन्यकुमारी च धीमहि तन्नो दुर्गा प्रचोदयात् ॥

57 ॐ महाशूलिन्यै विद्महे महादुर्गायै धीमहि तन्नो भगवती प्रचोदयात् ॥

58 ॐ गिरिजायै च विद्महे शिवप्रियायै च धीमहि तन्नो दुर्गा प्रचोदयात् ॥

59 शक्ति ॐ सर्वसंमोहिन्यै विद्महे विश्वजनन्यै च धीमहि तन्नः शक्तिः प्रचोदयात् ॥

60 काली ॐ कालिकायै च विद्महे श्मशानवासिन्यै च धीमहि तन्न अघोरा प्रचोदयात् ॥

61 ॐ आद्यायै च विद्महे परमेश्वर्यै च धीमहि तन्नः कालीः प्रचोदयात् ॥

62 देवी ॐ महाशूलिन्यै च विद्महे महादुर्गायै धीमहि तन्नो भगवती प्रचोदयात् ॥

63 ॐ वाग्देव्यै च विद्महे कामराज्ञै च धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात् ॥

64 गौरी ॐ सुभगायै च विद्महे काममालिन्यै च धीमहि तन्नो गौरी प्रचोदयात् ॥

65 लक्ष्मी ॐ महालक्ष्मी च विद्महे विष्णुपत्नीश्च धीमहि तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ॥

66 ॐ महादेव्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ॥

67 सरस्वती ॐ वाग्देव्यै च विद्महे विरिञ्चिपत्न्यै च धीमहि तन्नो वाणी प्रचोदयात् ॥

68 सीता ॐ जनकनन्दिन्यै विद्महे भूमिजायै च धीमहि तन्नः सीता प्रचोदयात् ॥

69 राधा ॐ वृषभानुजायै विद्महे कृष्णप्रियायै धीमहि तन्नो राधा प्रचोदयात् ॥

70 अन्नपूर्णा ॐ भगवत्यै च विद्महे माहेश्वर्यै च धीमहि तन्न अन्नपूर्णा प्रचोदयात् ॥

71 तुलसी ॐ तुलसीदेव्यै च विद्महे विष्णुप्रियायै च धीमहि तन्नो बृन्दः प्रचोदयात् ॥

72 महादेव ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ॥

73 रुद्र ॐ पुरुषस्य विद्महे सहस्राक्षस्य धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ॥

74 ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ॥

75 शङ्कर ॐ सदाशिवाय विद्महे सहस्राक्ष्याय धीमहि तन्नः साम्बः प्रचोदयात् ॥

76 नन्दिकेश्वर ॐ तत्पुरुषाय विद्महे नन्दिकेश्वराय धीमहि तन्नो वृषभः प्रचोदयात् ॥

77 गणेश ॐ तत्कराटाय विद्महे हस्तिमुखाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ॥

78 ॐ तत्पुरुषाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥

79 ॐ तत्पुरुषाय विद्महे हस्तिमुखाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ॥

80 ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥

81 ॐ लम्बोदराय विद्महे महोदराय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥

82 षण्मुख ॐ षण्मुखाय विद्महे महासेनाय धीमहि तन्नः स्कन्दः प्रचोदयात्॥

83 ॐ षण्मुखाय विद्महे महासेनाय धीमहि तन्नः षष्ठः प्रचोदयात् ॥

84 सुब्रह्मण्य ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महासेनाय धीमहि तन्नः षण्मुखः प्रचोदयात् ॥

85 ॐ ॐ ॐकाराय विद्महे डमरुजातस्य धीमहि! तन्नः प्रणवः प्रचोदयात् ॥

86 अजपा ॐ हंस हंसाय विद्महे सोऽहं हंसाय धीमहि तन्नो हंसः प्रचोदयात् ॥

87 दक्षिणामूर्ति ॐ दक्षिणामूर्तये विद्महे ध्यानस्थाय धीमहि तन्नो धीशः प्रचोदयात् ॥

88 गुरु ॐ गुरुदेवाय विद्महे परब्रह्मणे धीमहि तन्नो गुरुः प्रचोदयात् ॥

89 हयग्रीव ॐ वागीश्वराय विद्महे हयग्रीवाय धीमहि तन्नो हंसः प्रचोदयात् ॥

90 अग्नि ॐ सप्तजिह्वाय विद्महे अग्निदेवाय धीमहि तन्न अग्निः प्रचोदयात् ॥

91 ॐ वैश्वानराय विद्महे लालीलाय धीमहि तन्न अग्निः प्रचोदयात् ॥

92 ॐ महाज्वालाय विद्महे अग्निदेवाय धीमहि तन्नो अग्निः प्रचोदयात् ॥

93 यम ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे महाकालाय धीमहि तन्नो यमः प्रचोदयात् ॥

94 वरुण ॐ जलबिम्बाय विद्महे नीलपुरुषाय धीमहि तन्नो वरुणः प्रचोदयात् ॥

95 वैश्वानर ॐ पावकाय विद्महे सप्तजिह्वाय धीमहि तन्नो वैश्वानरः प्रचोदयात् ॥

96 मन्मथ ॐ कामदेवाय विद्महे पुष्पवनाय धीमहि तन्नः कामः प्रचोदयात् ॥

97 हंस ॐ हंस हंसाय विद्महे परमहंसाय धीमहि तन्नो हंसः प्रचोदयात् ॥

98 ॐ परमहंसाय विद्महे महत्तत्त्वाय धीमहि तन्नो हंसः प्रचोदयात् ॥

99 नन्दी ॐ तत्पुरुषाय विद्महे चक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो नन्दिः प्रचोदयात् ॥

100 गरुड ॐ तत्पुरुषाय विद्महे सुवर्णपक्षाय धीमहि तन्नो गरुडः प्रचोदयात् ॥

101 सर्प ॐ नवकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नः सर्पः प्रचोदयात् ॥

102 पाञ्चजन्य ॐ पाञ्चजन्याय विद्महे पावमानाय धीमहि तन्नः शङ्खः प्रचोदयात् ॥

103 सुदर्शन ॐ सुदर्शनाय विद्महे महाज्वालाय धीमहि तन्नश्चक्रः प्रचोदयात् ॥

104 अग्नि ॐ रुद्रनेत्राय विद्महे शक्तिहस्ताय धीमहि तन्नो वह्निः प्रचोदयात् ॥

105 ॐ वैश्वानराय विद्महे लाललीलाय धीमहि तन्नोऽग्निः प्रचोदयात् ॥

106 ॐ महाज्वालाय विद्महे अग्निमथनाय धीमहि तन्नोऽग्निः प्रचोदयात् ॥

107 आकाश ॐ आकाशाय च विद्महे नभोदेवाय धीमहि तन्नो गगनं प्रचोदयात् ॥

108 अन्नपूर्णा ॐ भगवत्यै च विद्महे माहेश्वर्यै च धीमहि तन्नोऽन्नपूर्णा प्रचोदयात् ॥

109 बगलामुखी ॐ बगलामुख्यै च विद्महे स्तम्भिन्यै च धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात् ॥

110 बटुकभैरव ॐ तत्पुरुषाय विद्महे आपदुद्धारणाय धीमहि तन्नो बटुकः प्रचोदयात् ॥

111 भैरवी ॐ त्रिपुरायै च विद्महे भैरव्यै च धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात् ॥

112 भुवनेश्वरी ॐ नारायण्यै च विद्महे भुवनेश्वर्यै धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात् ॥

113 ब्रह्मा ॐ पद्मोद्भवाय विद्महे देववक्त्राय धीमहि तन्नः स्रष्टा प्रचोदयात् ॥

114 ॐ वेदात्मने च विद्महे हिरण्यगर्भाय धीमहि तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात् ॥

115 ॐ परमेश्वराय विद्महे परतत्त्वाय धीमहि तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात् ॥

116 चन्द्र ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृततत्त्वाय धीमहि तन्नश्चन्द्रः प्रचोदयात् ॥

117 छिन्नमस्ता ॐ वैरोचन्यै च विद्महे छिन्नमस्तायै धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात् ॥

118 दक्षिणामूर्ति ॐ दक्षिणामूर्तये विद्महे ध्यानस्थाय धीमहि तन्नो धीशः प्रचोदयात् ॥

119 देवी ॐ देव्यैब्रह्माण्यै विद्महे महाशक्त्यै च धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात् ॥

120 धूमावती ॐ धूमावत्यै च विद्महे संहारिण्यै च धीमहि तन्नो धूमा प्रचोदयात् ॥

121 दुर्गा ॐ कात्यायन्यै विद्महे कन्याकुमार्यै धीमहि तन्नो दुर्गा प्रचोदयात् ॥

122 ॐ महादेव्यै च विद्महे दुर्गायै च धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात् ॥

123 गणेश ॐ तत्पुरुषाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ॥

124 ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ॥

125 गरुड ॐ वैनतेयाय विद्महे सुवर्णपक्षाय धीमहि तन्नो गरुडः प्रचोदयात् ॥

126 ॐ तत्पुरुषाय विद्महे सुवर्णपर्णाय (सुवर्णपक्षाय) धीमहि तन्नो गरुडः प्रचोदयात् ॥

127 गौरी ॐ गणाम्बिकायै विद्महे कर्मसिद्ध्यै च धीमहि तन्नो गौरी प्रचोदयात् ॥

128 ॐ सुभगायै च विद्महे काममालायै धीमहि तन्नो गौरी प्रचोदयात् ॥

129 गोपाल ॐ गोपालाय विद्महे गोपीजनवल्लभाय धीमहि तन्नो गोपालः प्रचोदयात् ॥

130 गुरु ॐ गुरुदेवाय विद्महे परब्रह्माय धीमहि तन्नो गुरुः प्रचोदयात् ॥

131 हनुमत् ॐ रामदूताय विद्महे कपिराजाय धीमहि तन्नो हनुमान् प्रचोदयात् ॥

132 ॐ अञ्जनीजाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि तन्नो हनुमान् प्रचोदयात् ॥

133 हयग्रीव ॐ वागीश्वराय विद्महे हयग्रीवाय धीमहि तन्नो हंसः प्रचोदयात् ॥

134 इन्द्र, शक्र ॐ देवराजाय विद्महे वज्रहस्ताय धीमहि तन्नः शक्रः प्रचोदयात् ॥

135 ॐ तत्पुरुषाय विद्महे सहस्राक्षाय धीमहि तन्न इन्द्रः प्रचोदयात् ॥

136 जल ॐ ह्रीं जलबिम्बाय विद्महे मीनपुरुषाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् ॥

137 ॐ जलबिम्बाय विद्महे नीलपुरुषाय धीमहि तन्नस्त्वम्बु प्रचोदयात् ॥

138 जानकी ॐ जनकजायै विद्महे रामप्रियायै धीमहि तन्नः सीता प्रचोदयात् ॥

139 जयदुर्गा ॐ नारायण्यै विद्महे दुर्गायै च धीमहि तन्नो गौरी प्रचोदयात् ॥

140 काली ॐ कालिकायै विद्महे श्मशानवासिन्यै धीमहि तन्नोऽघोरा प्रचोदयात् ॥

141 काम ॐ मनोभवाय विद्महे कन्दर्पाय धीमहि तन्नः कामः प्रचोदयात् ॥

142 ॐ मन्मथेशाय विद्महे कामदेवाय धीमहि तन्नोऽनङ्गः प्रचोदयात् ॥

143 ॐ कामदेवाय विद्महे पुष्पबाणाय धीमहि तन्नोऽनङ्गः प्रचोदयात् ॥

144 कामकलाकाली ॐ अनङ्गाकुलायै विद्महे मदनातुरायै धीमहि तन्नः कामकलाकाली प्रचोदयात् ।। व

145 ॐ दामोदराय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नः कृष्णः प्रचोदयात् ॥7

146 ॐ देवकीनन्दनाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नः कृष्ण  प्रचोदयात ।🙏🌹🙏
॥ गायत्रीमन्त्राः ॥
         सर्व गायत्री
1 सूर्य ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥

2 ॐ आदित्याय विद्महे सहस्रकिरणाय धीमहि तन्नो भानुः प्रचोदयात् ॥

3 ॐ प्रभाकराय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ॥

4 ॐ अश्वध्वजाय विद्महे पाशहस्ताय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ॥

5 ॐ भास्कराय विद्महे महद्द्युतिकराय धीमहि तन्न आदित्यः प्रचोदयात् ॥

6 ॐ आदित्याय विद्महे सहस्रकराय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ॥

7 ॐ भास्कराय विद्महे महातेजाय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ॥

8 ॐ भास्कराय विद्महे महाद्द्युतिकराय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ॥

9 चन्द्र ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे महाकालाय धीमहि तन्नश्चन्द्रः प्रचोदयात् ॥

10 ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृतत्वाय धीमहि तन्नश्चन्द्रः प्रचोदयात् ॥

11 ॐ निशाकराय विद्महे कलानाथाय धीमहि तन्नः सोमः प्रचोदयात् ॥

12 अङ्गारक, भौम, मङ्गल, कुज ॐ वीरध्वजाय विद्महे विघ्नहस्ताय धीमहि तन्नो भौमः प्रचोदयात् ॥

13 ॐ अङ्गारकाय विद्महे भूमिपालाय धीमहि तन्नः कुजः प्रचोदयात् ॥

14 ॐ चित्रिपुत्राय विद्महे लोहिताङ्गाय धीमहि तन्नो भौमः प्रचोदयात् ॥

15 ॐ अङ्गारकाय विद्महे शक्तिहस्ताय धीमहि तन्नो भौमः प्रचोदयात् ॥

16 बुध ॐ गजध्वजाय विद्महे सुखहस्ताय धीमहि तन्नो बुधः प्रचोदयात् ॥

17 ॐ चन्द्रपुत्राय विद्महे रोहिणी प्रियाय धीमहि तन्नो बुधः
प्रचोदयात् ॥

18 ॐ सौम्यरूपाय विद्महे वाणेशाय धीमहि तन्नो बुधः प्रचोदयात् ॥

19 गुरु ॐ वृषभध्वजाय विद्महे क्रुनिहस्ताय धीमहि तन्नो गुरुः प्रचोदयात् ॥

20 ॐ सुराचार्याय विद्महे सुरश्रेष्ठाय धीमहि तन्नो गुरुः प्रचोदयात् ॥

21 शुक्र ॐ अश्वध्वजाय विद्महे धनुर्हस्ताय धीमहि तन्नः शुक्रः प्रचोदयात् ॥

22 ॐ रजदाभाय विद्महे भृगुसुताय धीमहि तन्नः शुक्रः प्रचोदयात् ॥

23 ॐ भृगुसुताय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नः शुक्रः प्रचोदयात् ॥

24 शनीश्वर, शनैश्चर, शनी ॐ काकध्वजाय विद्महे खड्गहस्ताय धीमहि तन्नो मन्दः प्रचोदयात् ॥

25 ॐ शनैश्चराय विद्महे सूर्यपुत्राय धीमहि तन्नो मन्दः प्रचोदयात् ॥

26 ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे मृत्युरूपाय धीमहि तन्नः सौरिः प्रचोदयात् ॥

27 राहु ॐ नाकध्वजाय विद्महे पद्महस्ताय धीमहि तन्नो राहुः प्रचोदयात् ॥

28 ॐ शिरोरूपाय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहुः प्रचोदयात् ॥

29 केतु ॐ अश्वध्वजाय विद्महे शूलहस्ताय धीमहि तन्नः केतुः प्रचोदयात् ॥

30 ॐ चित्रवर्णाय विद्महे सर्परूपाय धीमहि तन्नः केतुः प्रचोदयात् ॥

31 ॐ गदाहस्ताय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नः केतुः प्रचोदयात् ॥

32 पृथ्वी ॐ पृथ्वी देव्यै विद्महे सहस्रमर्त्यै च धीमहि तन्नः पृथ्वी प्रचोदयात् ॥

33 ब्रह्मा ॐ चतुर्मुखाय विद्महे हंसारूढाय धीमहि तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात् ॥

34 ॐ वेदात्मनाय विद्महे हिरण्यगर्भाय धीमहि तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात् ॥

35 ॐ चतुर्मुखाय विद्महे कमण्डलुधराय धीमहि तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात् ॥

36 ॐ परमेश्वराय विद्महे परमतत्त्वाय धीमहि तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात् ॥

37 विष्णु ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् ॥

38 नारायण ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् ॥

39 वेङ्कटेश्वर ॐ निरञ्जनाय विद्महे निरपाशाय (?) धीमहि तन्नः श्रीनिवासः प्रचोदयात् ॥

40 राम ॐ रघुवंश्याय विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि तन्नो रामः प्रचोदयात् ॥

41 ॐ दाशरथाय विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि तन्नो रामः प्रचोदयात् ॥

42 ॐ भरताग्रजाय विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि तन्नो रामः प्रचोदयात् ॥

43 ॐ भरताग्रजाय विद्महे रघुनन्दनाय धीमहि तन्नो रामः प्रचोदयात् ॥

44 कृष्ण ॐ देवकीनन्दनाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नः कृष्णः प्रचोदयात् ॥

45 ॐ दामोदराय विद्महे रुक्मिणीवल्लभाय धीमहि तन्नः कृष्णः प्रचोदयात् ॥

46 ॐ गोविन्दाय विद्महे गोपीवल्लभाय धीमहि तन्नः कृष्णः प्रचोदयात् ।

47 गोपाल ॐ गोपालाय विद्महे गोपीजनवल्लभाय धीमहि तन्नो गोपालः प्रचोदयात् ॥

48 पाण्डुरङ्ग ॐ भक्तवरदाय विद्महे पाण्डुरङ्गाय धीमहि तन्नः कृष्णः प्रचोदयात् ॥

49 नृसिंह ॐ वज्रनखाय विद्महे तीक्ष्णदंष्ट्राय धीमहि तन्नो नारसिꣳहः प्रचोदयात् ॥

50 ॐ नृसिंहाय विद्महे वज्रनखाय धीमहि तन्नः सिंहः प्रचोदयात् ॥

51 परशुराम ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि तन्नः परशुरामः प्रचोदयात् ॥

52 इन्द्र ॐ सहस्रनेत्राय विद्महे वज्रहस्ताय धीमहि तन्न इन्द्रः प्रचोदयात् ॥

53 हनुमान ॐ आञ्जनेयाय विद्महे महाबलाय धीमहि तन्नो हनूमान् प्रचोदयात् ॥

54 ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि तन्नो हनूमान् प्रचोदयात् ॥

55 मारुती ॐ मरुत्पुत्राय विद्महे आञ्जनेयाय धीमहि तन्नो मारुतिः प्रचोदयात् ॥

56 दुर्गा ॐ कात्यायनाय विद्महे कन्यकुमारी च धीमहि तन्नो दुर्गा प्रचोदयात् ॥

57 ॐ महाशूलिन्यै विद्महे महादुर्गायै धीमहि तन्नो भगवती प्रचोदयात् ॥

58 ॐ गिरिजायै च विद्महे शिवप्रियायै च धीमहि तन्नो दुर्गा प्रचोदयात् ॥

59 शक्ति ॐ सर्वसंमोहिन्यै विद्महे विश्वजनन्यै च धीमहि तन्नः शक्तिः प्रचोदयात् ॥

60 काली ॐ कालिकायै च विद्महे श्मशानवासिन्यै च धीमहि तन्न अघोरा प्रचोदयात् ॥

61 ॐ आद्यायै च विद्महे परमेश्वर्यै च धीमहि तन्नः कालीः प्रचोदयात् ॥

62 देवी ॐ महाशूलिन्यै च विद्महे महादुर्गायै धीमहि तन्नो भगवती प्रचोदयात् ॥

63 ॐ वाग्देव्यै च विद्महे कामराज्ञै च धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात् ॥

64 गौरी ॐ सुभगायै च विद्महे काममालिन्यै च धीमहि तन्नो गौरी प्रचोदयात् ॥

65 लक्ष्मी ॐ महालक्ष्मी च विद्महे विष्णुपत्नीश्च धीमहि तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ॥

66 ॐ महादेव्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ॥

67 सरस्वती ॐ वाग्देव्यै च विद्महे विरिञ्चिपत्न्यै च धीमहि तन्नो वाणी प्रचोदयात् ॥

68 सीता ॐ जनकनन्दिन्यै विद्महे भूमिजायै च धीमहि तन्नः सीता प्रचोदयात् ॥

69 राधा ॐ वृषभानुजायै विद्महे कृष्णप्रियायै धीमहि तन्नो राधा प्रचोदयात् ॥

70 अन्नपूर्णा ॐ भगवत्यै च विद्महे माहेश्वर्यै च धीमहि तन्न अन्नपूर्णा प्रचोदयात् ॥

71 तुलसी ॐ तुलसीदेव्यै च विद्महे विष्णुप्रियायै च धीमहि तन्नो बृन्दः प्रचोदयात् ॥

72 महादेव ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ॥

73 रुद्र ॐ पुरुषस्य विद्महे सहस्राक्षस्य धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ॥

74 ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ॥

75 शङ्कर ॐ सदाशिवाय विद्महे सहस्राक्ष्याय धीमहि तन्नः साम्बः प्रचोदयात् ॥

76 नन्दिकेश्वर ॐ तत्पुरुषाय विद्महे नन्दिकेश्वराय धीमहि तन्नो वृषभः प्रचोदयात् ॥

77 गणेश ॐ तत्कराटाय विद्महे हस्तिमुखाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ॥

78 ॐ तत्पुरुषाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥

79 ॐ तत्पुरुषाय विद्महे हस्तिमुखाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ॥

80 ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥

81 ॐ लम्बोदराय विद्महे महोदराय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥

82 षण्मुख ॐ षण्मुखाय विद्महे महासेनाय धीमहि तन्नः स्कन्दः प्रचोदयात्॥

83 ॐ षण्मुखाय विद्महे महासेनाय धीमहि तन्नः षष्ठः प्रचोदयात् ॥

84 सुब्रह्मण्य ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महासेनाय धीमहि तन्नः षण्मुखः प्रचोदयात् ॥

85 ॐ ॐ ॐकाराय विद्महे डमरुजातस्य धीमहि! तन्नः प्रणवः प्रचोदयात् ॥

86 अजपा ॐ हंस हंसाय विद्महे सोऽहं हंसाय धीमहि तन्नो हंसः प्रचोदयात् ॥

87 दक्षिणामूर्ति ॐ दक्षिणामूर्तये विद्महे ध्यानस्थाय धीमहि तन्नो धीशः प्रचोदयात् ॥

88 गुरु ॐ गुरुदेवाय विद्महे परब्रह्मणे धीमहि तन्नो गुरुः प्रचोदयात् ॥

89 हयग्रीव ॐ वागीश्वराय विद्महे हयग्रीवाय धीमहि तन्नो हंसः प्रचोदयात् ॥

90 अग्नि ॐ सप्तजिह्वाय विद्महे अग्निदेवाय धीमहि तन्न अग्निः प्रचोदयात् ॥

91 ॐ वैश्वानराय विद्महे लालीलाय धीमहि तन्न अग्निः प्रचोदयात् ॥

92 ॐ महाज्वालाय विद्महे अग्निदेवाय धीमहि तन्नो अग्निः प्रचोदयात् ॥

93 यम ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे महाकालाय धीमहि तन्नो यमः प्रचोदयात् ॥

94 वरुण ॐ जलबिम्बाय विद्महे नीलपुरुषाय धीमहि तन्नो वरुणः प्रचोदयात् ॥

95 वैश्वानर ॐ पावकाय विद्महे सप्तजिह्वाय धीमहि तन्नो वैश्वानरः प्रचोदयात् ॥

96 मन्मथ ॐ कामदेवाय विद्महे पुष्पवनाय धीमहि तन्नः कामः प्रचोदयात् ॥

97 हंस ॐ हंस हंसाय विद्महे परमहंसाय धीमहि तन्नो हंसः प्रचोदयात् ॥

98 ॐ परमहंसाय विद्महे महत्तत्त्वाय धीमहि तन्नो हंसः प्रचोदयात् ॥

99 नन्दी ॐ तत्पुरुषाय विद्महे चक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो नन्दिः प्रचोदयात् ॥

100 गरुड ॐ तत्पुरुषाय विद्महे सुवर्णपक्षाय धीमहि तन्नो गरुडः प्रचोदयात् ॥

101 सर्प ॐ नवकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नः सर्पः प्रचोदयात् ॥

102 पाञ्चजन्य ॐ पाञ्चजन्याय विद्महे पावमानाय धीमहि तन्नः शङ्खः प्रचोदयात् ॥

103 सुदर्शन ॐ सुदर्शनाय विद्महे महाज्वालाय धीमहि तन्नश्चक्रः प्रचोदयात् ॥

104 अग्नि ॐ रुद्रनेत्राय विद्महे शक्तिहस्ताय धीमहि तन्नो वह्निः प्रचोदयात् ॥

105 ॐ वैश्वानराय विद्महे लाललीलाय धीमहि तन्नोऽग्निः प्रचोदयात् ॥

106 ॐ महाज्वालाय विद्महे अग्निमथनाय धीमहि तन्नोऽग्निः प्रचोदयात् ॥

107 आकाश ॐ आकाशाय च विद्महे नभोदेवाय धीमहि तन्नो गगनं प्रचोदयात् ॥

108 अन्नपूर्णा ॐ भगवत्यै च विद्महे माहेश्वर्यै च धीमहि तन्नोऽन्नपूर्णा प्रचोदयात् ॥

109 बगलामुखी ॐ बगलामुख्यै च विद्महे स्तम्भिन्यै च धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात् ॥

110 बटुकभैरव ॐ तत्पुरुषाय विद्महे आपदुद्धारणाय धीमहि तन्नो बटुकः प्रचोदयात् ॥

111 भैरवी ॐ त्रिपुरायै च विद्महे भैरव्यै च धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात् ॥

112 भुवनेश्वरी ॐ नारायण्यै च विद्महे भुवनेश्वर्यै धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात् ॥

113 ब्रह्मा ॐ पद्मोद्भवाय विद्महे देववक्त्राय धीमहि तन्नः स्रष्टा प्रचोदयात् ॥

114 ॐ वेदात्मने च विद्महे हिरण्यगर्भाय धीमहि तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात् ॥

115 ॐ परमेश्वराय विद्महे परतत्त्वाय धीमहि तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात् ॥

116 चन्द्र ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृततत्त्वाय धीमहि तन्नश्चन्द्रः प्रचोदयात् ॥

117 छिन्नमस्ता ॐ वैरोचन्यै च विद्महे छिन्नमस्तायै धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात् ॥

118 दक्षिणामूर्ति ॐ दक्षिणामूर्तये विद्महे ध्यानस्थाय धीमहि तन्नो धीशः प्रचोदयात् ॥

119 देवी ॐ देव्यैब्रह्माण्यै विद्महे महाशक्त्यै च धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात् ॥

120 धूमावती ॐ धूमावत्यै च विद्महे संहारिण्यै च धीमहि तन्नो धूमा प्रचोदयात् ॥

121 दुर्गा ॐ कात्यायन्यै विद्महे कन्याकुमार्यै धीमहि तन्नो दुर्गा प्रचोदयात् ॥

122 ॐ महादेव्यै च विद्महे दुर्गायै च धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात् ॥

123 गणेश ॐ तत्पुरुषाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ॥

124 ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ॥

125 गरुड ॐ वैनतेयाय विद्महे सुवर्णपक्षाय धीमहि तन्नो गरुडः प्रचोदयात् ॥

126 ॐ तत्पुरुषाय विद्महे सुवर्णपर्णाय (सुवर्णपक्षाय) धीमहि तन्नो गरुडः प्रचोदयात् ॥

127 गौरी ॐ गणाम्बिकायै विद्महे कर्मसिद्ध्यै च धीमहि तन्नो गौरी प्रचोदयात् ॥

128 ॐ सुभगायै च विद्महे काममालायै धीमहि तन्नो गौरी प्रचोदयात् ॥

129 गोपाल ॐ गोपालाय विद्महे गोपीजनवल्लभाय धीमहि तन्नो गोपालः प्रचोदयात् ॥

130 गुरु ॐ गुरुदेवाय विद्महे परब्रह्माय धीमहि तन्नो गुरुः प्रचोदयात् ॥

131 हनुमत् ॐ रामदूताय विद्महे कपिराजाय धीमहि तन्नो हनुमान् प्रचोदयात् ॥

132 ॐ अञ्जनीजाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि तन्नो हनुमान् प्रचोदयात् ॥

133 हयग्रीव ॐ वागीश्वराय विद्महे हयग्रीवाय धीमहि तन्नो हंसः प्रचोदयात् ॥

134 इन्द्र, शक्र ॐ देवराजाय विद्महे वज्रहस्ताय धीमहि तन्नः शक्रः प्रचोदयात् ॥

135 ॐ तत्पुरुषाय विद्महे सहस्राक्षाय धीमहि तन्न इन्द्रः प्रचोदयात् ॥

136 जल ॐ ह्रीं जलबिम्बाय विद्महे मीनपुरुषाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् ॥

137 ॐ जलबिम्बाय विद्महे नीलपुरुषाय धीमहि तन्नस्त्वम्बु प्रचोदयात् ॥

138 जानकी ॐ जनकजायै विद्महे रामप्रियायै धीमहि तन्नः सीता प्रचोदयात् ॥

139 जयदुर्गा ॐ नारायण्यै विद्महे दुर्गायै च धीमहि तन्नो गौरी प्रचोदयात् ॥

140 काली ॐ कालिकायै विद्महे श्मशानवासिन्यै धीमहि तन्नोऽघोरा प्रचोदयात् ॥

141 काम ॐ मनोभवाय विद्महे कन्दर्पाय धीमहि तन्नः कामः प्रचोदयात् ॥

142 ॐ मन्मथेशाय विद्महे कामदेवाय धीमहि तन्नोऽनङ्गः प्रचोदयात् ॥

143 ॐ कामदेवाय विद्महे पुष्पबाणाय धीमहि तन्नोऽनङ्गः प्रचोदयात् ॥

144 कामकलाकाली ॐ अनङ्गाकुलायै विद्महे मदनातुरायै धीमहि तन्नः कामकलाकाली प्रचोदयात् ।। व

145 ॐ दामोदराय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नः कृष्णः प्रचोदयात् ॥7

146 ॐ देवकीनन्दनाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नः कृष्ण  प्रचोदयात ।🙏🌹🙏

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