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मंगलवार, 4 फ़रवरी 2020

मूंगफली भिगोकर खाने वालों को बादाम से भी ज्‍यादा मिलती है ताकत

मूंगफली भिगोकर खाने वालों को बादाम से भी ज्‍यादा मिलती है ताकत

ब्लड सर्कुलेशन ठीक रख कर हार्ट के साथ कई बीमारियों से बचाता है।इससे आप डायबिटीज जैसी बीमारी से बचे रहते है।रोजाना भीगी हुई मूंगफली का सेवन ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है।

आमतौर पर लोग सर्दियों में मूंगफली का सेवन ज्‍यादा करते हैं। लेकिन रोजाना भीगी मूंगफली के कुछ दाने खाने से आपकी कई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं दूर हो सकती है। इसे भिगोकर खाने से इसमें मौजूद न्यूट्रिएंट्स और आयरन ब्लड सर्कुलेशन ठीक रख कर हार्ट के साथ कई बीमारियों से बचाता है। आइए जानते है रोजाना भीगी हुई मूंगफली खाने से सेहत को क्या फायदे होते है।

 डायबिटीज

रोजाना भीगी हुई मूंगफली का सेवन ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है। इससे आप डायबिटीज जैसी बीमारी से बचे रहते है। इसलिये यदि आपको भी शुगर की समस्या है तो रोज सुबह को पानी में रात भर भिगोये गये मूंगफली के दाने पचास ग्राम जरूर खायें । फाइबर से भरपूर मूंगफली को भिगो कर इसका सेवन करने से डाइजेशन सिस्टम ठीक रहता है। सर्दी में इसका सेवन शरीर को अंदर से गर्मी और एनर्जी देता है।

 गैस और एसिडिटी

पोटेशियम,मैग्नीज, कॉपर, केल्सियम,आयरन, सेलेनियम के गुणों से भरपूर मूंगफली को भिगो कर सुबह खाली पेट खाने से गैस और एसिडिटी की परेशानी दूर होती है। सर्दियों में भीगी हुई मूंगफली का गुड़ के साथ सेवन करने से जोड़ो और कमर दर्द की समस्या दूर हो जाती है। यह शरीर में कैल्शियम की पूर्ति करने का एक बहुत अच्छा साधन है।

 आंखों की रोशनी

बच्चों को सुबह भीगी मूंगफली के कुछ दाने खिलाने से इसमें मौजूद विटामिन आंखों की रोशनी और याद्दाश्त तेज करते है। मूंगफली को खाने से शरीर में खून की कमी भी पूरी हो जाती है। इसके अलावा इससे शारीरिक उर्जा और स्फूर्ती भी बनी रहती है। मूंगफली को इन्ही गुणों के कारण शायद गरीबों का बादाम कहा जाता है ।

 कैंसर से सुरक्षा

मूंगफली में मौजूद तैलीय अंश गीली खांसी और भूख न लगने की समस्या को दूर करते है। रोजाना इसके कम से कम 20 दाने खाना महिलाओं को कैंसर से दूर रखता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, आयरन, नियासिन, फोलेट, कैल्शियम और जिंक शरीर को कैंसर सेल्स से लड़ने में मदद करते है।

 सेहत का खजाना है मूंगफली

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 100 ग्राम कच्ची मूंगफली में 1 लीटर दूध के बराबर प्रोटीन होता है। मूंगफली में प्रोटीन की मात्रा 25 प्रतिशत से भी अधिक होती है। साथ ही मूंगफली पाचन शक्ति बढ़ाने में भी मदद करती है। 250 ग्राम भूनी मूंगफली में जितनी मात्रा में खनिज और विटामिन पाए जाते हैं, वो 250 ग्राम मांस से भी प्राप्त नहीं हो सकते। मूंगफली में न्यूहट्रियन्टीस, मिनरल, एंटी-ऑक्सीडेंट और विटामिन जैसे पदार्थ पाए जाते हैं। इसमें प्रोटीन, चिकनाई और शर्करा पाई जाती है। एक अंडे के मूल्य के बराबर मूंगफलियों में जितनी प्रोटीन व ऊष्मा होती है, उतनी दूध व अंडे से संयुक्त रूप में भी नहीं होती।

मूंगफली के खाने से दूध, बादाम और घी की पूर्ति हो जाती है। एक सर्वे के मुताबिक जिन लोगों के रक्त में ट्राइग्लाइसेराइड का लेवल अधिक होता है, वे अगर मूंगफली खाएं, तो उनके ब्लड के लिपिड लेवल में ट्राइग्लाइसेराइड का लेवल 10 फीसदी कम हो जाता है। अगर आप सर्दी के मौसम में मूंगफली खाएंगे तो आपका शरीर गर्म रहेगा। यह खाँसी में उपयोगी है व फेफड़े को बल देती है। एक बात ध्यान रखने की है कि मूंगफली पाचन शक्ति को बढ़ाती है, रुचिकर होती है, लेकिन गरम प्रकृति के व्यक्तियों को हानिकारक भी है।

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स्वास्थ्यवर्धक खजूर

स्वास्थ्यवर्धक खजूर

खजूर मधुर, शीतल, पौष्टिक व सेवन करने के बाद तुरंत शक्ति-स्फूर्ति देनेवाला है | यह रक्त, मांस व वीर्य की वृद्धि करता है | ह्रदय व मस्तिष्क को शक्ति देता है | वात, पित व कफ इन तीनों दोषों का शामक है | यह मल व मूत्र को साफ लाता है | खजूर में कार्बोहाइड्रेटस, प्रोटीन्स, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नेशियम, लोह आदि प्रचुर मात्रा में पाया जाता है | ' अमेरिकन कैंसर सोसाइटी ' के अनुसार शारीर को एक दिन में २०-३५ ग्राम डाएटरी फाइबर (खाद्य पदार्थों में स्थित रेशा) की जरुरत होती है, जो खजूर खाने से पूरी हो जाती है |
खजूर रात भर पानी में भिगोकर सुबह लेना लाभदायक है | खजूर रक्त को बढाता है और यकृत (लीवर) के रोगों में लाभकारी है | रक्ताल्पता में इसका नियमित सेवन लाभकारी है | निम्बू के रस में खजूर की चटनी बनाकर खाने से भोजन की अरुचि मिटती है | खजूर का सेवन बालों को लम्बा, घना और मुलायम बनाता है |
औषधि-प्रयोग :-
* कब्जनाशक : खजूर में रेचक गुण भरपूर है | ८-१० खजूर २०० ग्राम पानी में भिगों दें, दुबह मसलकर इनका शरबत बना लें | फिर इसमें ३०० ग्राम पानी और डालकर गुनगुना गर्म करें | खाली पेट चाय की की तरह पी जायें | कुछ देर बाद दस्त होगा | इससे आँतों को बल और शारीर को सुफुर्ती भी मिलेगी | उम्र के अनुसार खजूर की मात्रा कम-जयादा करें |
* नशा निवारक : शराबी प्राय: नशे की झोंक में इतनी शराब पी जाता है की उसका यकृत नष्ट होकर मृत्यु का कारन बन सकता है | इस स्थिति में ताजे पानी में खजूर को अच्छी तरह मसलते हुए शरबत बनायें | यह शरबत पीने से शराब का विषैला प्रभाव नष्ट होने लगता है |
* आँतों की पुष्टि : खजूर आँतों के हनिकारक जीवाणुओं को नष्ट करता है, साथ ही खजूर के विशिष्ट तत्त्व ऐसे जीवाणुओं को जन्म देते हैं जो आँतों को विशेष शक्तिशाली तथा अधिक सक्रिय बनाते हैं |
*हृदय रोगों में : लगभग ५० ग्राम गुठलीरहित छुहारे (खारक) २५० मी. ली. पानी में रात को भिगो दें | सुबह छुहारों को पीसकर पेस्ट बना के उसी बचे हुए पानी में घोल लें | इसे प्रात: खली पेट पी जाने से कुछ ही माह में ह्रदय को पर्याप्त सबलता मिलती है | इसमें १ ग्राम इलायची चूर्ण मिलाना विशेष लाभदायी है |
*तन-मन की पुष्टि : बच्चों को दूध में खजूर उबाल के देने से उन्हें शारीरिक-मानसिक पोषण मिलता है व शारीर सुदृढ़ बनता है |
*शैयामुत्र : जो बच्चे रात्रि में बिस्तर गीला करते हों, उनेह दो छुहारे रात्रि में भिगोकर सुबह दूध में उबाल के दें |
*बच्चों के दस्त में : बच्चों के दाँत निकलते समय उन्हें बार बार गारे दस्त होते हों या पेचिश पड़ती हो तो खजूर के साथ शहद को अछि तरह फेंटकर एक-एक चमच दिन में २-३ बार चटाने से लाभ होता है | 

मस्तिष्क व हृदय की कमजोरीः रात को खजूर भिगोकर सुबह दूध या घी के साथ खाने से मस्तिष्क व हृदय की पेशियों को ताकत मिलती है। विशेषतः रक्त की कमी के कारण होने वाली हृदय की धड़कन व एकाग्रता की कमी में यह प्रयोग लाभदायी है।

मलावरोधः रात को भिगोकर सुबह दूध के साथ लेने से पेट साफ हो जाता है।

कृशताः खजूर में शर्करा, वसा (फैट) व प्रोटीन्स विपुल मात्रा में पाये जाते हैं। इसके नियमित सेवन से मांस की वृद्धि होकर शरीर पुष्ट हो जाता है।

रक्ताल्पताः खजूर रक्त को बढ़ाकर त्वचा में निखार लाता है।

शुक्राल्पताहा खजूर उत्तम वीर्यवर्धक है। गाय के घी अथवा बकरी के दूध के साथ लेने से शुक्राणुओं की वृद्धि होती है। इसके अतिरिक्त अधिक मासिक स्राव, क्षयरोग, खाँसी, भ्रम(चक्कर), कमर व हाथ पैरों का दर्द एवं सुन्नता तथा थायराइड संबंधी रोगों में भी यह लाभदायी है।

सावधानी :

- आजकल खजूर को वृक्ष से अलग करने के बाद रासायनिक पदार्थों के द्वारा सुखाया जाता है | ये रसायन शारीर के लिए हानिकारक होते है | अत: उपयोग करने से पहले खजूर को अच्छी तरह से धों लें | धोकर सुखाने के बाद इन्हें विभिन्न प्रकार से उपयोग किया जा सकता है |

- होली के बाद खजूर खाना हितकारी नहीं है।

- Diabities वाले खजूर की जगह पर किशमिश का उपयोग करना

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अंजीर के सूखे फल बहुत गुणकारी होते हैं।

अंजीर के लाभ ::

```` अंजीर एक ऐसा फल है जो जितना मीठा है। उतना ही लाभदायक भी है।अंजीर के सूखे फल बहुत गुणकारी होते हैं। अंजीर खाने से कब्ज दूर हो जाती है। गैस और एसीडिटी से भी राहत मिलती है। साधारण कब्ज में गरम दूध में सूखे अंजीर उबाल कर सेवन से सुबह दस्त साफ होता है। इससे कफ बाहर आ जाता है। सूखे अंजीर को उबाल कर बारीक पीस कर गले की सुजन या गांठ पर बांधी जाए तो लाभ पहुंचता है। ताजे अंजीर खा कर साथ दूध का सेवन करना शक्तिवर्धक होता है। डायबिटीज के रोगी को अंजीर से लाभ पहुंचता है। 1 कब्ज:- *3 से 4 पके अंजीर दूध में उबालकर रात्रि में सोने से पूर्व खाएं और ऊपर से उसी दूध का सेवन करें। इससे कब्ज और बवासीर में लाभ होता है। *माजून अंजीर 10 ग्राम को सोने से पहले लेने से कब्ज़ में लाभ होता है। *अंजीर 5 से 6 पीस को 250 मिलीलीटर पानी में उबाल लें, पानी को छानकर पीने से कब्ज (कोष्ठबद्धता) में राहत मिलती है। *2अंजीर को रात को पानी में भिगोकर सुबह चबाकर खाकर ऊपर से पानी पीने पेट साफ हो जाता है। *अंजीर के 4 दाने रात को सोते समय पानी में डालकर रख दें। सुबह उन दानों को थोड़ा सा मसलकर जल पीने से अस्थमा में बहुत लाभ मिलता है तथा इससे कब्ज भी नष्ट हो जाती है। 2 दमा :- *दमा जिसमें कफ (बलगम) निकलता हो उसमें अंजीर खाना लाभकारी है। इससे कफ बाहर आ जाता है तथा रोगी को शीघ्र ही आराम भी मिलता है। *प्रतिदिन थोड़े-थोड़े अंजीर खाने से पुरानी कब्जियत में मल साफ और नियमित आता है। 2 से 4 सूखे अंजीर सुबह-शाम दूध में गर्म करके खाने से कफ की मात्रा घटती है, शरीर में नई शक्ति आती है और दमा (अस्थमा) रोग मिटता है।" 3 प्यास की अधिकता :- बार-बार प्यास लगने पर अंजीर का सेवन करें। 4 मुंह के छाले :- अंजीर का रस मुंह के छालों पर लगाने से आराम मिलता है। 5 प्रदर रोग :- अंजीर का रस 2 चम्मच शहद के साथ प्रतिदिन सेवन करने से दोनों प्रकार के प्रदर रोग नष्ट हो जाते हैं। 6 दांतों का दर्द :- *अंजीर का दूध रुई में भिगोकर दुखते दांत पर रखकर दबाएं। *अंजीर के पौधे से दूध निकालकर उस दूध में रुई भिगोकर सड़ने वाले दांतों के नीचे रखने से दांतों के कीड़े नष्ट होते हैं तथा दांतों का दर्द मिट जाता है।" 7 पेशाब का अधिक आना :- 3-4 अंजीर खाकर, 10 ग्राम काले तिल चबाने से यह कष्ट दूर होता है। 8 त्वचा के विभिन्न रोग :- *कच्चे अंजीर का दूध समस्त त्वचा सम्बंधी रोगों में लगाना लाभदायक होता है। *अंजीर का दूध लगाने से दिनाय (खुजली युक्त फुंसी) और दाद मिट जाते हैं। बादाम और छुहारे के साथ अंजीर को खाने से दाद, दिनाय (खुजली युक्त फुंसी) और चमड़ी के सारे रोग ठीक हो जाते है।" 9 दुर्बलता (कमजोरी) :- *पके अंजीर को बराबर की मात्रा में सौंफ के साथ चबा-चबाकर सेवन करें। इसका सेवन 40 दिनों तक नियमित करने से शारीरिक दुर्बलता दूर हो जाती है। *अंजीर को दूध में उबालकर-उबाला हुआ अंजीर खाकर वही दूध पीने से शक्ति में वृद्धि होती है तथा खून भी बढ़ता है।" 10 रक्तवृद्धि और शुद्धि हेतु :- 10 मुनक्के और 5 अंजीर 200 मिलीलीटर दूध में उबालकर खा लें। फिर ऊपर से उसी दूध का सेवन करें। इससे रक्तविकार दूर हो जाता है। 11 पेचिश और दस्त :- अंजीर का काढ़ा 3 बार पिलाएं। 12 ताकत को बढ़ाने वाला :- सूखे अंजीर के टुकड़े और छिली हुई बादाम गर्म पानी में उबालें। इसे सुखाकर इसमें दानेदार शक्कर, पिसी इलायची, केसर, चिरौंजी, पिस्ता और बादाम बराबर मात्रा में मिलाकर 8दिन तक गाय के घी में पड़ा रहने दें। बाद में रोजाना सुबह 20 ग्राम तक सेवन करें। छोटे बालकों की शक्तिक्षीण के लिए यह औषधि बड़ी हितकारी है। 13 जीभ की सूजन :- सूखे अंजीर का काढ़ा बनाकर उसका लेप करने से गले और जीभ की सूजन पर लाभ होता है। 14 पुल्टिश :- ताजे अंजीर कूटकर, फोड़े आदि पर बांधने से शीघ्र आराम होता है। 15 दस्त साफ लाने के लिए :- दो सूखे अंजीर सोने से पहले खाकर ऊपर से पानी पीना चाहिए। इससे सुबह साफ दस्त होता है। 16 क्षय यानी टी.बी के रोग :- इस रोग में अंजीर खाना चाहिए। अंजीर से शरीर में खून बढ़ता है। अंजीर की जड़ और डालियों की छाल का उपयोग औषधि के रूप में होता है। खाने के लिए 2 से 4 अंजीर का प्रयोग कर सकते हैं। 17 फोड़े-फुंसी :- अंजीर की पुल्टिस बनाकर फोड़ों पर बांधने से यह फोड़ों को पकाती है। 18 गिल्टी :- अंजीर को चटनी की तरह पीसकर गर्म करके पुल्टिस बनाएं। 2-2 घंटे के अन्तराल से इस प्रकार नई पुल्टिश बनाकर बांधने से `बद´ की वेदना भी शांत होती है एवं गिल्टी जल्दी पक जाती है। 19 सफेद कुष्ठ (सफेद दाग) :- *अंजीर के पेड़ की छाल को पानी के साथ पीस लें, फिर उसमें 4 गुना घी डालकर गर्म करें। इसे हरताल की भस्म के साथ सेवन करने से श्वेत कुष्ठ मिटता है। *अंजीर के कच्चे फलों से दूध निकालकर सफेद दागों पर लगातार 4 महीने तक लगाने से यह दाग मिट जाते हैं। *अंजीर के पत्तों का रस श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) पर सुबह और शाम को लगाने से लाभ होता है। *अंजीर को घिसकर नींबू के रस में मिलाकर सफेद दाग पर लगाने से लाभ होता है।" 20 गले के भीतर की सूजन :- सूखे अंजीर को पानी में उबालकर लेप करने से गले के भीतर की सूजन मिटती है। 21 श्वासरोग :- अंजीर और गोरख इमली (जंगल जलेबी) 5-5 ग्राम एकत्रकर प्रतिदिन सुबह को सेवन करने से हृदयावरोध (दिल की धड़कन का अवरोध) तथा श्वासरोग का कष्ट दूर होता है। 22 शरीर की गर्मी :- पका हुआ अंजीर लेकर, छीलकर उसके आमने-सामने दो चीरे लगाएं। इन चीरों में शक्कर भरकर रात को ओस में रख दें। इस प्रकार के अंजीर को 15 दिनों तक रोज सुबह खाने से शरीर की गर्मी निकल जाती है और रक्तवृद्धि होती है। 23 जुकाम :- पानी में 5 अंजीर को डालकर उबाल लें और इसे छानकर इस पानी को गर्म-गर्म सुबह और शाम को पीने से जुकाम में लाभ होता है। 24 फेफड़ों के रोग :- फेफड़ों के रोगों में पांच अंजीर एक गिलास पानी में उबालकर छानकर सुबह-शाम पीना चाहिए। 25 मसूढ़ों से खून का आना :- अंजीर को पानी में उबालकर इस पानी से रोजाना दो बार कुल्ला करें। इससे मसूढ़ों से आने वाला खून बंद हो जाता है तथा मुंह से दुर्गन्ध आना बंद हो जाती है। 26 तिल्ली (प्लीहा) के रोग में :- अंजीर 20 ग्राम को सिरके में डुबोकर सुबह और शाम रोजाना खाने से तिल्ली ठीक हो जाती है। 27 खांसी :- *अंजीर का सेवन करने से सूखी खांसी दूर हो जाती है। अंजीर पुरानी खांसी वाले रोगी को लाभ पहुंचाता है क्योंकि यह बलगम को पतला करके बाहर निकालता रहता है। *2अंजीर के फलों को पुदीने के साथ खाने से सीने पर जमा हुआ कफ धीरे-धीरे निकल जाएगा। *पके अंजीर का काढ़ा पीने से खांसी दूर हो जाती है।" 28 गुदा चिरना :- सूखा अंजीर 350 ग्राम, पीपल का फल 170 ग्राम, निशोथ 87.5 ग्राम, सौंफ 87.5 ग्राम, कुटकी 87.5 ग्राम और पुनर्नवा 87.5 ग्राम। इन सब को मिलाकर कूट लें और कूटे हुए मिश्रण के कुल वजन का 3 गुने पानी के साथ उबालें। एक चौथाई पानी बच जाने पर इसमें 720 ग्राम चीनी डालकर शर्बत बना लें। यह शर्बत 1 से 2 चम्मच प्रतिदिन सुबह-शाम पीयें। 29 बवासीर (अर्श) :- *सूखे अंजीर के 3-4 दाने को शाम के समय जल में डालकर रख दें। सुबह उन अंजीरों को मसलकर प्रतिदिन सुबह खाली पेट खाने से अर्श (बवासीर) रोग दूर होता है। *अंजीर को गुलकन्द के साथ रोज सुबह खाली पेट खाने से शौच के समय पैखाना (मल) आसानी से होता है।" 30 कमर दर्द :- अंजीर की छाल, सोंठ, धनियां सब बराबर लें और कूटकर रात को पानी में भिगो दें। सुबह इसके बचे रस को छानकर पिला दें। इससे कमर दर्द में लाभ होता है। 31 आंवयुक्त पेचिश :- पेचिश तथा आवंयुक्त दस्तों में अंजीर का काढ़ा बनाकर पीने से रोगी को लाभ होता है। 32 अग्निमान्द्य (अपच) होने पर :- अंजीर को सिरके में भिगोकर खाने से भूख न लगना और अफारा दूर हो जाता है। 33 प्रसव के समय की पीड़ा :- प्रसव के समय में 15-20 दिन तक रोज दो अंजीर दूध के साथ खाने से लाभ होता है। 34 बच्चों का यकृत (जिगर) बढ़ना :- 4-5 अंजीर, गन्ने के रस के सिरके में गलने के लिए डाल दें। 4-5 दिन बाद उनको निकालकर 1 अंजीर सुबह-शाम बच्चे को देने से यकृत रोग की बीमारी से आराम मिलता है। 35 फोड़ा (सिर का फोड़ा) :- फोड़ों और उसकी गांठों पर सूखे अंजीर या हरे अंजीर को पीसकर पानी में औटाकर गुनगुना करके लगाने से फोड़ों की सूजन और फोड़े ठीक हो जाते हैं। 36 दाद :- अंजीर का दूध लगाने से दाद ठीक हो जाता है। 37 सिर का दर्द :- सिरके या पानी में अंजीर के पेड़ की छाल की भस्म मिलाकर सिर पर लेप करने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है। 38 सर्दी (जाड़ा) अधिक लगना :- लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में अंजीर को खिलाने से सर्दी या शीत के कारण होने वाले हृदय और दिमाग के रोगों में बहुत ज्यादा फायदा मिलता है। 39 खून और वीर्यवद्धक :- *सूखे अंजीर के टुकड़ों एवं बादाम के गर्भ को गर्म पानी में भिगोकर रख दें फिर ऊपर से छिलके निकालकर सुखा दें। उसमें मिश्री, इलायची के दानों की बुकनी, केसर, चिरौंजी, पिस्ते और बलदाने कूटकर डालें और गाय के घी में 8 दिन तक भिगोकर रखें। यह मिश्रण प्रतिदिन लगभग 20 ग्राम की मात्रा में खाने से कमजोर शक्ति वालों के खून और वीर्य में वृद्धि होती है। *एक सूखा अंजीर और 5-10 बादाम को दूध में डालकर उबालें। इसमें थोड़ी चीनी डालकर प्रतिदिन सुबह पीने से खून साफ होता है, गर्मी शांत होती है, पेट साफ होता है, कब्ज मिटती है और शरीर बलवान बनता है। *अंजीर को अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर शक्तिशाली होता है, और मनुष्य के संभोग करने की क्षमता भी बढ़ती है। अंजीर अपने खट्टे-मीठे स्वाद के लिए प्रसिद्ध अंजीर एक स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक और बहु उपयोगी फल है।अंजीर कई प्रकार का होता है जिसमें से कुछ इस प्रकार के हैं।वैज्ञानिकों के अनुसार अंजीर कि इसके सूखे फल में कार्बोहाइड्रेट (शर्करा) 63 प्रतिशत, प्रोटीन 5.5 प्रतिशत, सेल्यूलोज 7.3 प्रतिशत, चिकनाई एक प्रतिशत, खनिज लवण 3 प्रतिशत, अम्ल 1.2 प्रतिशत, राख 2.3 प्रतिशत और जल 20.8 प्रतिशत होता है। इसके अलावा प्रति 100 ग्राम अंजीर में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग लोहा, विटामिन,थोड़ी मात्रा में चूना, पोटैशियम, सोडियम, गंधक, फास्फोरिक एसिड और गोंद भी पाया जाता है।

Jai Shree Krishna
Thanks,
Regards,
कैलाश चन्द्र  लढा(भीलवाड़ा)

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हर हिंदू अपने बच्चों मे यह आदत डाले...

हर हिंदू अपने बच्चों मे यह आदत डाले...
1: मंदिर घुमाने लेकर जाइये !
2: तिलक लगाने की आदत डालें !
3: देवी देवताओं की कहानियां सुनायें !
4: संकट आये तो नारायण नारायण बोलें !
5: गलती होने पर हे राम बोलने की आदत डालें !
6: गायत्री मंत्र, हनुमान चालीसा व महामृत्युन्जय मंत्र आदि याद करायें !
7: अकबर, हुमांयू, सिकन्दर के बदले शिवाजी, महाराणा प्रताप जैसे शूरवीरों की कहानियां सुनायें !
8: घर मे छोटे बच्चों से जय श्री कृष्णा, राधे राधे,
हरी बोल, जय माता दी,
राम राम कहिये, और उनसे भी जवाब मे राम राम बुलवाने की आदत डालिये !
9: बाहर जाते समय bye न कहे बच्चो से जय श्री कृष्णा कहे।
अपने धर्म का ज्ञान हमको ही देना है ! कोई और नहीं आयेगा यह सब सिखाने को     
 ( धर्मजागरण )
🚩जय श्री राम 🚩

ये वो उर्दू के शब्द जो आप प्रतिदिन प्रयोग करते हैं, इन शब्दों को त्याग कर मातृभाषा का प्रयोग करें.

हिन्दी बोलने का प्रयास करें...

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      उर्दू                हिंदी
01 ईमानदार       - निष्ठावान
02 इंतजार         - प्रतीक्षा
03 इत्तेफाक       - संयोग
04 सिर्फ            - केवल, मात्र
05 शहीद           - बलिदान
06 यकीन          - विश्वास, भरोसा
07 इस्तकबाल    - स्वागत
08 इस्तेमाल       - उपयोग, प्रयोग
09 किताब         - पुस्तक
10 मुल्क            - देश
11 कर्ज             - ऋण
12 तारीफ          - प्रशंसा
13 तारीख          - दिनांक, तिथि
14 इल्ज़ाम         - आरोप
15 गुनाह            - अपराध
16 शुक्रिया          - धन्यवाद, आभार
17 सलाम           - नमस्कार, प्रणाम
18 मशहूर           - प्रसिद्ध
19 अगर             - यदि
20 ऐतराज          - आपत्ति
21 सियासत        - राजनीति
22 इंतकाम          - प्रतिशोध
23 इज्जत           - मान, प्रतिष्ठा
24 इलाका           - क्षेत्र
25 एहसान          - आभार, उपकार
26 अहसानफरामोश - कृतघ्न
27 मसला            - समस्या
28 इश्तेहार          - विज्ञापन
29 इम्तेहान          - परीक्षा
30 कुबूल             - स्वीकार
31 मजबूर            - विवश
32 मंजूरी             - स्वीकृति
33 इंतकाल          - मृत्यु, निधन
34 बेइज्जती         - तिरस्कार
35 दस्तखत          - हस्ताक्षर
36 हैरानी              - आश्चर्य
37 कोशिश            - प्रयास, चेष्टा
38 किस्मत            - भाग्य
39 फैसला             - निर्णय
40 हक                 - अधिकार
41 मुमकिन           - संभव
42 फर्ज                - कर्तव्य
43 उम्र                  - आयु
44 साल                - वर्ष
45 शर्म                 - लज्जा
46 सवाल              - प्रश्न
47 जवाब              - उत्तर
48 जिम्मेदार          - उत्तरदायी
49 फतह               - विजय
50 धोखा               - छल
51 काबिल             - योग्य
52 करीब               - समीप, निकट
53 जिंदगी              - जीवन
54 हकीकत            - सत्य
55 झूठ                  - मिथ्या, असत्य
56 जल्दी                - शीघ्र
57 इनाम                - पुरस्कार
58 तोहफा              - उपहार
59 इलाज               - उपचार
60 हुक्म                 - आदेश
61 शक                  - संदेह
62 ख्वाब                - स्वप्न
63 तब्दील              - परिवर्तित
64 कसूर                 - दोष
65 बेकसूर              - निर्दोष
66 कामयाब            - सफल
67 गुलाम                - दास
68 जन्नत                -स्वर्ग
69 जहरनुम             -नर्क
70 खौफ                -डर
71 जश्न                  -उत्सव
72 मुबारक             -बधाई/शुभेच्छा
73 लिहाजा             -अर्थात
74 निकाह             -विवाह/शादी
75 आशिक            -प्रेमी
76 मासुका             -प्रेमिका
77 हकीम              -वैद्य
78 नवाब               -राजसाहब
79 रुह                  -आत्मा
80 खुदखुशी          -आत्महत्या
81 इजहार             -प्रस्ताव
82 बादशाह           -राजा/महाराजा
83 ख़्वाहिश          -महत्वाकांक्षा
84 जिस्म             -शरीर/अंग
85 हैवान             -दैत्य/असुर
86 रहम              -दया
87 बेरहम            -बेदर्द/दर्दनाक
88 खारिज           -रद्द
89 इस्तिफा          -त्यागपत्र
90 रोशनी            -प्रकाश
91मसिहा             -देवदुत
92 पाक              -पवित्र
93 कत्ल              -हत्या
94 कातिल           -हत्यारा

इनके अतिरिक्त हम प्रतिदिन अनगिनत उर्दू शब्द प्रयोग में लेते हैं !

भाषा बचाइये, संस्कृति बचाइये...

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