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सोमवार, 5 जुलाई 2021

छाछ : अत्यधिक तनाव कम कर दिमाग को ठंडा रखती है और इसे पीने के फायदे और नुस्खे

छाछ :अत्यधिक तनाव कम कर दिमाग को ठंडा रखती है और भी जानिए इसे पीने के फायदे और नुस्खे

 
1 छाछ का सेवन भुने जीरे के साथ किया जाए, तो पाचन अच्छे से होता है और पेट की गर्मी व अन्य समस्याओं से बचा जा सकता है। यह तरलता बनाए रखने में भी मददगार है।

 2 मोटापा अधिक होने पर छाछ को छौंककर सेंधा नमक डालकर पीने से फायदा होता है। उच्च रक्तचाप होने पर गिलोय का चूर्ण मट्ठे के साथ लेना चाहिए। वहीं सुबह-शाम मट्ठा या दही की पतली लस्सी पीने से स्मरण शक्ति तेज होती है।

 3 बार-बार हिचकी आने की समस्या हो, तो छाछ में एक चम्मच सौंठ डालकर सेवन करना लाभदायक होगा। ऊल्टी आने या जी मचलाने पर छाछ में जायफल घिसकर इसके मिश्रण को पीने से लाभ मिलता है।

 4 सौंदर्य समस्याओं के लिए भी छाछ बेहद फायदेमंद चीज है। छाछ में आटा मिलाकर बनाए गए लेप को लगाने से त्वचा की झुर्रियां कम होती हैं। इसके अलावा गुलाब की जड़ को छाछ में पीसकर चेहरे पर लगाने से मुहांसे खत्म हो जाते हैं।

 5 अगर आप अत्यधिक तनाव से गुजर रहे हैं, तो नियमित छाछ का सेवन आपके लिए लाभदायक होगा। वहीं शरीर के साथ-साथ दिमाग की गर्मी को कम करने में भी छाछ का सेवन लाभप्रद है।

 6 शरीर के किसी भाग में जल जाने पर तुरंत छाछ लगाने से लाभ होता है। खुजली की समस्या होने पर अमलतास के पत्ते छाछ में पीस लें और शरीर पर मलें। कुछ देर बाद स्नान करें। शरीर की खुजली नष्ट हो जाती है।

 7 बाल झड़ने पर भी छाछ असरकारी है। इसके लिए बासी छाछ से सप्ताह में दो दिन बालों को धोना लाभप्रद होता है।


सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः


पुराने स्टाम्प का उपयोग कब तक करना वैध है, और जानिए क्या स्टाम्प का धन रिफंड भी होता है?


पुराने स्टाम्प का उपयोग कब तक करना वैध है, और जानिए क्या स्टाम्प का धन रिफंड भी होता है?


स्टांप पेपर का इस्तेमाल कई काम में होता है. खासकर कानूनी कार्यों में इसका महत्व और बढ़ जाता है. प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री या व्यावसायिक कागजात बनवाने के लिए सरकार को कुछ शुल्क देना होता है जिसे स्टांप ड्यूटी के रूप में चुकाते हैं. यह स्टांप ड्यूटी स्टांप पेपर के रूप में दिया जाता है. केंद्र सरकार की तरफ से इंडियन स्टांप एक्ट, 1899 बनाया गया है जिसके तहत स्टांप ड्यूटी की अदायगी होती है. लेकिन राज्यों का भी अपना अलग नियम होता है जिसके मुताबिक अलग-अलग राज्यों में स्टांप ड्यूटी भिन्न हो सकती है.

सेल डीड, लीज डीड, सिक्योरिटी या जुर्माना चुकाने की नौबत आए तो उसमें स्टांप पेपर का बड़ा रोल होता है. कई बार ऐसा होता है कि लोग स्टांप पेपर खरीद कर रख लेते हैं कि आगे काम आएगा, लेकिन ऐसा नहीं होता है. कई बार स्टांप पेपर बेकार भी हो जाता है. कुछ नियमों में ऐसे बेकार हुए या पुराने पड़े स्टांप पेपर पर अलाउंस मिलता है या रिफंड मिलता है. लेकिन इसमें यह देखा जाता है कि स्टांप पेपर कितना पुराना है. ऐसे में यह सवाल अहम हो जाता है कि स्टांप पेपर कितने महीने या कितने साल पुराना चल सकता है.

*कितनी अवधि के लिए स्टांप पेपर*
बिजनेस के लिहाज में यह सवाल और भी अहम होता है कि भारत में किसी स्टांप पेपर की मियाद कितने दिनों की होती है. क्या जितने रुपये का ट्रांसजेक्शन करना है, हमें उसी हिसाब से स्टांप पेपर खरीदना चाहिए? क्या स्टांप पेपर की भी एक्पायरी होती है? क्या जिस स्टांप पेपर का इस्तेमाल नहीं हो सका, उसे रिफंड किया जाता है? ये ऐसे सवाल हैं जो अकसर उठाए जाते हैं.

*क्या कोई एक्सपायरी डेट होती है*
नियम की बात करें तो इंडियन स्टांप एक्ट किसी भी एक्सायरी डेट के बारे में जिक्र नहीं करता. यानी कि स्टांप पेपर कभी एक्सपायर नहीं होता. हालांकि इंडियन स्टांप एक्ट की धारा 54 में इसकी कुछ लिमिटेशन के बारे में जरूर बताया गया है.

*क्या अनयूज्ड स्टाम्प पेपर का रिफंड मिलता है*
धारा 54 बताती है कि अगर कोई स्टांप पेपर खरीदार के इस्तेमाल में नहीं आता है तो उस पर अलाउंस या रिफंड मिल सकता है. लेकिन यह तभी होगा जब कटा-फटा न हो. नियम के मुताबिक अगर स्टांप पेपर खरीदार के इस्तेमाल नहीं आ रहा हो तो वह उसके खरीदने के बाद 6 महीने तक रिफंड ले सकता है.

*सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या है*
इस बात को स्पष्ट करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तिरुवेंगडा पिल्लई बनाम नवनीतमाल, (2008) 4 एससीसी 530 में कहा है कि “धारा 54 में निर्धारित छह महीने की अवधि केवल स्टांप पेपर के रिफंड को पाने के लिए है न कि स्टांप पेपर के उपयोग के लिए”. कोर्ट ने यह कहते हुए निष्कर्ष निकाला कि एक स्टांप पेपर का उपयोग करने में कोई दिक्कत नहीं है जिसे दस्तावेज़ में उपयोग करने से छह महीने पहले खरीदा गया हो.

*क्या है नियम*
IndiaCorpLaw के एक विश्लेषण में कहा गया है, जैसा कि ऊपर कहा गया है, एक स्टांप पेपर की कोई समाप्ति तिथि या एक्सपायरी नहीं होती है और किसी भी समय किसी दस्तावेज़ के लिए उपयोग किया जा सकता है. हालांकि, यदि लेन-देन या उसके इस्तेमाल नहीं होने की संभावना है, तो बिना उपयोग किए गए स्टांप पेपर को वापसी के लिए खरीद के छह महीने के भीतर स्टांप कलेक्टर को वापस कर दिया जाना चाहिए. यहां यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि धारा 54 में निर्धारित सीमा अवधि में कोई छूट नहीं है.

🇮🇳 वन्दे मातरम

रविवार, 4 जुलाई 2021

परंपरा कैसे जन्म लेती है...?


परंपरा कैसे जन्म लेती है...? 😄😄

एक कैम्प में नए कमांडर की पोस्टिंग हुई....
इंस्पेक्शन के दौरान उन्होंने देखा कि कैम्प एरिया के मैदान में दो सिपाही एक बैंच की पहरेदारी कर रहे हैं.....😄

कमांडर ने सिपाहियों से पूछा कि वे इस बैंच की पहरेदारी क्यों कर रहे हैं ? 

सिपाही बोले:- हमें पता नहीं सर, लेकिन आपसे पहले वाले कमांडर साहब ने इस बैंच की पहरेदारी करने को कहा था.....😄
शायद ये इस कैम्प की परंपरा है क्योंकि......
शिफ्ट के हिसाब से चौबीसों घंटे इस बैंच की पहरेदारी की जाती है.... 😄

वर्तमान कमांडर ने पिछले कमांडर को फोन किया और उस विशेष बैंच की पहरेदारी की वजह पूछी.....? 😎

पिछले कमांडर ने बताया:- मुझे नहीं पता, लेकिन मुझसे पिछले कमांडर उस बैंच की पहरेदारी करवाते थे.......
अतः मैंने भी परंपरा को कायम रखा..... 😄

नए कमांडर बहुत हैरान हुए....😎
उन्होंने पिछले के और पिछले-पिछले 3 कमांडरों से बात की......😎
सबने उपरोक्त कमांडर जैसा ही जवाब दिया....😎
यूं ही पीछे के इतिहास में जाते नए कमांडर की बात फाइनली एक रिटायर्ड जनरल से हुई जिनकी उम्र 100 साल थी.....😎 

नए कमांडर उनसे फोन पर बोले:-
आपको डिस्टर्ब करने के लिए क्षमा चाहता हूं सर.....
मैं उस कैम्प का नया कमांडर हूं......
जिसके आप, 60 साल पहले कमांडर हुआ करते थे...😄
मैंने यहां दो सिपाहियों को एक बैंच की पहरेदारी करते देखा है.....😄
क्या आप मुझे इस बैंच के बारे में कुछ जानकारी दे सकते हैं....?ताकि मैं समझ सकूं कि, इसकी पहरेदारी क्यों आवश्यक है....? 😄😄

सामने वाला फोन पर आश्चर्यजनक स्वर में बोला:-
क्या ? उस बैंच का "ऑइल पेंट" अभी तक नहीं सूखा........?
😄😄😄

ट्रकों पर कोरोना शायरी


*ट्रक के पीछे जब हमारी गाडी होती है, तब कई बार पीछे लिखी रोचक शायरी पढने को मिलती है ।  किसी ने 'ट्रकों पर कोरोना शायरी’’ की अनूठी पहल की है और यह कोरोना शायरी भी उसी रोचक और मौजी अंदाज में लिखी हैं । इसमें अनेक भावों के साथ वैक्सीन लगवाने और मास्क का निरंतर उपयोग करने के संदेश हैं।* 

*"देखो मगर प्यार से….*
*कोरोना डरता है वैक्सीन की मार से"*
—-
*"मैं खूबसूरत हूं मुझे नजर न लगाना*
*जिंदगी भर साथ दूंगी, वैक्सीन जरूर लगवाना"*
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*"हंस मत पगली, प्यार हो जाएगा*
*टीका लगवा ले, कोरोना हार जाएगा"*
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*"टीका लगवाओगे तो बार-बार मिलेंगे*
*लापरवाही करोगे तो हरिद्वार मिलेंगे"*
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*"यदि करते रहना है सौंदर्य दर्शन रोज-रोज*
*तो पहले लगवा लो वैक्सीन के दोनों डोज"*
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*"टीका नहीं लगवाने से*
*यमराज बहुत खुश होता है।"*
*"चलती है गाड़ी, उड़ती है धूल*
*वैक्सीन लगवा लो वरना होगी बड़ी भूल"*
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*"बुरी नजर वाले तेरा मुंह काला*
*अच्छा होता है वैक्सीन लगवाने वाला"*
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*"कोरोना से सावधानी हटी,*
*तो समझो सब्जी-पूड़ी बंटी"*
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*"मालिक तो महान है, चमचो से परेशान है।*
*कोरोना से बचने का, टीका ही समाधान है।*

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

अंग्रेजो के द्वारा बनाए गए 200 काले ओर घटिया कानूनों को बदलने ओर हटाने के लिए आंदोलन 8 अगस्त 2021


पहली बार कोई सकारात्मक आन्दोलन आजाद भारत में शुरु होने की आहट हुई है। इससे नेहरु और गान्धी की कुछ नई तस्वीर सामने आयेगी जो आज तक मिडिया ने छुपाकर रक्खी गई है। में पूरी तरह से तन, मैन, धन और अपनी जानकारी के साथ इस उद्देश्य मे समरपित हुँ।       
 
मित्रों ! जानिए - मानिए - करिए सहयोग*

प्रथम बार देश के पुराने कानूनों को हटाकर, नए, न्यायपूर्ण, राष्ट्रीय कानूनों को बंधारण में लाने हेतु, 
राष्ट्रवादी - बुद्धिजीवी - संस्कृतिप्रेमीओ द्वारा संचालित एक देशव्यापी आंदोलन को जानने हेतु आपका अमूल्य समय निकालिए। 

 =🇮🇳 *राष्ट्रीय पहल* 🇮🇳==
सुप्रीम कोर्ट के राष्ट्रवादी, हिन्दूवादी वरिष्ठ वकील श्री अश्वीनी उपाध्याय 8 अगस्त 2021 को दिल्ली मे पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ की टीम के साथ उन पुराने ओर अंग्रेजो के द्वारा बनाए गए 200 काले ओर घटिया कानूनों को बदलने ओर हटाने के लिए आंदोलन करने जा रहे है जिनको बनाकर अंग्रेजो ने इस देश को लुटा था, इस देश की सनातन संस्कृति,शिक्षा पद्धति (गूरुकुल)को नष्ट किया था ओर अंग्रेजो के बाद इन घटिया कानूनों के द्वारा कांग्रेसी, वामपंथी, कम्युनिस्ट और अलगाववादी जैसी राष्ट्रविरोधी सरकारों ने इस देश को लूटा, देश का इतिहास बदला ओर इन कमजोर कानूनों की मदद से ही ये सारे राष्ट्रविरोधी राजनीतिक दल अब तक देश के खिलाफ षडयंत्र कर रहे है हिन्दूओ का धर्मांतरण कर रहे है इन कानूनों की वजह से ही देश का हिंदू देश मे ही केरल, कश्मीर, बंगाल जेसे राज्यों से पलायन करने को मजबूर हुआ ओर इन राज्यो मे हिंदु ओर हिन्दू संस्कृति कमजोर हो गई या नष्ट हो गई इस आंदोलन मे अश्वीनी उपाध्याय जी के साथ देश के उच्च शिक्षित ओर उच्च पदो पर सेवा दे चुके लोग शामिल है जो राष्ट्र को बचाना चाहते है, घुसपैठियो को भगाना चाहते है, हिन्दू सनातन संस्कृति की रक्षा करना चाहते है, जिहाद, आतंकवाद की समस्या को जड़ से खत्म करना चाहते है 
1.जनरल GD बक्क्षी (पुर्व आर्मी आफिसर)
2.कर्नल RSN सिंह (पुर्व RAW आफिसर)
3.सूशील पंडित(1990 के पीड़ित कश्मीरी पंडितों के नेता)
4.विष्णु शंकर जैन(सुप्रीम कोर्ट मे राम मंदिर के पक्षकार)
5.देवदत्त मांझी (बंगाल के राष्ट्रवादी हिन्दूवादी नेता)
6.अंकुर शर्मा (जमु कश्मीर के राष्ट्रवादी नेता)
7.आध्यात्मिक गुरु पवन सिन्हा
8.प्रोफेसर कपिल कूमार (दिल्ली मे सुभाषचंद्र बोस का म्यूजियम बनाने वाले)
9.ललित अम्बरदार (1990 के पीड़ित कश्मीरी पीड़ित)
10.नीरज अत्री (देश मे कांग्रेस ओर कम्युनिस्टों के बनाए गए  education system को उजागर करने वाले)
11.विक्रम सिंह(उ.प्र के पुर्व DGP)
12.RVS मणि(केंद्र सरकार मे पुर्व officer)
13.यति नरसिंहानंद सरस्वती जी (डासना मंदिर विवाद मे जिहादियों का विरोध करने वाले)
14.कालीचरण महाराज
15.captain सिकंदर रिजवी(पाक अधिकार वाले कश्मीर प्रांत गिलगित बाल्टिस्तान के नेता)
16.अभिनेता पूनीत  इस्सर (महाभारत के दूर्योधन)
17.वसीम रिजवी(कुरान की 26 आयतो के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने वाले) 
18. एन.के सूद (पुर्वRAW officer) 
19.मेजर गौरव आर्य(पुर्व indian army officer) 
20. विवेक अग्निहोत्री (फिल्म निर्माता, निर्देशक) 
ओर भी राष्ट्रवादी, राष्ट्रप्रेमी लोग इस आंदोलन का हिस्सा है, आयोजक है, संयोजक है
संभवतः 1947 के बाद ये देश का पहला ऐसा आंदोलन होगा जिसमे राष्ट्रीय चेतना होगी ओर देशभक्त लोग शामिल होगे अभी तक देश मे बडे़ आंदोलन(CAA एवं NRC के खिलाफ शाहीन बाग ओर किसान आंदोलन)राजनीतिक स्वार्थ के लिए ओर राष्ट्र को तोड़ने के लिए गद्दारों ने दुश्मन देशों की मदद से किए है पर यह पहला आंदोलन है जो राष्ट्रहित मे, हिन्दूधर्म के हित मे ओर भारतीय संस्कृति के हित मे है ओर 2011 के अन्ना हजारे के आंदोलन की तरह गुमराह नही होगा
याद रखना
1.भारत के 9 राज्यों मे हिन्दू 10% से कम हो चुके है वहा दुश्मन देशों के दलाल सरकार चला रहे है
2. कांग्रेस ने 2006 मे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ जाकर अप्लसंख्यक आयोग बनाया जो इन गद्दारो को कई तरह की सुविधा देता है
3. वक्फबोर्ड जमीन का कानून जिसके कारण ही मथुरा मे कृष्णजन्म भुमि पर ईदगाह बन गई
4.हमारे दिये Tax से मदरसो के मोलवी ओर जमातियो को वजीफा, पेंशन आदि दिया जा रहा है
5.हिन्दूमंदिरों के चढ़ावे, पैसे पर देश की सरकार का कब्जा है सरकार ये पैसा हिन्दू समाज के लिए उपयोग नही करती जबकि मस्जिदों का चढ़ावा, पेसा मुस्लिम समाज के लोगों के लिए ओर उनकी धार्मिक गतिविधियों के लिए ही उपयोग होता है ओर आप जानते ही हो ये गतिविधिया किस प्रकार की है
ये तो हुए वो मुद्दे जो हिन्दूधर्म, हिन्दू संस्कृति के खिलाफ है इनके अलावा ओर भी बहुत से कानून नियम हिन्दू धर्म के विरोध मे है

ओर अब वे कमजोरिया, वे मुद्दे ओर कानून जो देश को खोखला कर रहे है
6. करोड़ों रुपये का घोटाला करने के बाद भी किसी नेता को सिर्फ 7 साल की सजा क्यों??
7. भारत मे ही घुसपैठ क्यों हो रही है अमेरिका, चायना, इजराइल ओर फ्रांस मे क्यो नही?? 
8.लगभग 9 राज्यों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो चुका है उसे अल्पसंख्यक का दर्जा ओर अल्पसंख्यकों को दी जाने वाली सुविधाएं नही मिल रही क्यों??
9. देश मे मुसलमानों को अपने धर्म की शिक्षा ओर धार्मिक ग्रंथ कुरान को पढा़ने की अनुमति है पर हिन्दूओ को नही क्यों?? 
10. देश मे मिलावटखोरो के लिए भी 7 साल की सजा, बलात्कारियों के लिए भी 7 साल की सजा, धर्म परिवर्तन करवाने वालो के लिए भी 7 साल की सजा, देश से गद्दारी करने वाले के लिए भी 7 साल की सजा, करोड़ों रुपये का घोटाला करने वालो के लिए भी 7 साल की सजा ओर तो ओर कई मामलो मे देश पर हमला करने वाले, देश के खिलाफ षड्यंत्र करने वाले को भी 7 साल की सजा ही मिलती है क्यों??? 
देश की सारी समस्याओं की जड़ इस तरह के लगभग 200 से ज्यादा कानून है जो अंग्रेज़ों ने कई वर्षों पहले अपने हिसाब से देश को लुटने के लिए बनाए थे इनको बदलना हटाना बहुत आवश्यक है अभी सरकार भी देश के अनुकूल है अगर 100 करोड़ हिन्दूओ मे से 50 करोड़ हिन्दू भी अपने राष्ट्र के लिए, अपने धर्म के लिए चिंतित है ओर उनमे से 10% यानि 5 करोड़ लोग भी अगर 8 अगस्त को दिल्ली पहुँच जाते है तो सरकार को आपकी बात, आपकी मांगे माननी ही होगी
ये आंदोलन के आयोजक ओर कार्यकर्ता वो लोग है जो इस देश की सरकारी सेवाओ (सेना,खुफिया एजेंसी, पुलिस शिक्षा,ब्युरोक्रेसी) मे रह चुके है और इसलिए ये लोग सब जानते है इसलिए इनका साथ दीजिये

माना कि हर हर कोई दिल्ली नही जा सकता पर इस मेसेज को जितने लोगो को भेज सकता है भेजे हर राष्ट्रवादी हिन्दू के पास ये मेसेज होना चाहिए
.... याद रखिये 8 अगस्त 2021🇮🇳🇮🇳

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