परंपरा कैसे जन्म लेती है...? 😄😄
एक कैम्प में नए कमांडर की पोस्टिंग हुई....
इंस्पेक्शन के दौरान उन्होंने देखा कि कैम्प एरिया के मैदान में दो सिपाही एक बैंच की पहरेदारी कर रहे हैं.....😄
कमांडर ने सिपाहियों से पूछा कि वे इस बैंच की पहरेदारी क्यों कर रहे हैं ?
सिपाही बोले:- हमें पता नहीं सर, लेकिन आपसे पहले वाले कमांडर साहब ने इस बैंच की पहरेदारी करने को कहा था.....😄
शायद ये इस कैम्प की परंपरा है क्योंकि......
शिफ्ट के हिसाब से चौबीसों घंटे इस बैंच की पहरेदारी की जाती है.... 😄
वर्तमान कमांडर ने पिछले कमांडर को फोन किया और उस विशेष बैंच की पहरेदारी की वजह पूछी.....? 😎
पिछले कमांडर ने बताया:- मुझे नहीं पता, लेकिन मुझसे पिछले कमांडर उस बैंच की पहरेदारी करवाते थे.......
अतः मैंने भी परंपरा को कायम रखा..... 😄
नए कमांडर बहुत हैरान हुए....😎
उन्होंने पिछले के और पिछले-पिछले 3 कमांडरों से बात की......😎
सबने उपरोक्त कमांडर जैसा ही जवाब दिया....😎
यूं ही पीछे के इतिहास में जाते नए कमांडर की बात फाइनली एक रिटायर्ड जनरल से हुई जिनकी उम्र 100 साल थी.....😎
नए कमांडर उनसे फोन पर बोले:-
आपको डिस्टर्ब करने के लिए क्षमा चाहता हूं सर.....
मैं उस कैम्प का नया कमांडर हूं......
जिसके आप, 60 साल पहले कमांडर हुआ करते थे...😄
मैंने यहां दो सिपाहियों को एक बैंच की पहरेदारी करते देखा है.....😄
क्या आप मुझे इस बैंच के बारे में कुछ जानकारी दे सकते हैं....?ताकि मैं समझ सकूं कि, इसकी पहरेदारी क्यों आवश्यक है....? 😄😄
सामने वाला फोन पर आश्चर्यजनक स्वर में बोला:-
क्या ? उस बैंच का "ऑइल पेंट" अभी तक नहीं सूखा........?
😄😄😄
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी करें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.