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सोमवार, 5 जुलाई 2021

पुराने स्टाम्प का उपयोग कब तक करना वैध है, और जानिए क्या स्टाम्प का धन रिफंड भी होता है?


पुराने स्टाम्प का उपयोग कब तक करना वैध है, और जानिए क्या स्टाम्प का धन रिफंड भी होता है?


स्टांप पेपर का इस्तेमाल कई काम में होता है. खासकर कानूनी कार्यों में इसका महत्व और बढ़ जाता है. प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री या व्यावसायिक कागजात बनवाने के लिए सरकार को कुछ शुल्क देना होता है जिसे स्टांप ड्यूटी के रूप में चुकाते हैं. यह स्टांप ड्यूटी स्टांप पेपर के रूप में दिया जाता है. केंद्र सरकार की तरफ से इंडियन स्टांप एक्ट, 1899 बनाया गया है जिसके तहत स्टांप ड्यूटी की अदायगी होती है. लेकिन राज्यों का भी अपना अलग नियम होता है जिसके मुताबिक अलग-अलग राज्यों में स्टांप ड्यूटी भिन्न हो सकती है.

सेल डीड, लीज डीड, सिक्योरिटी या जुर्माना चुकाने की नौबत आए तो उसमें स्टांप पेपर का बड़ा रोल होता है. कई बार ऐसा होता है कि लोग स्टांप पेपर खरीद कर रख लेते हैं कि आगे काम आएगा, लेकिन ऐसा नहीं होता है. कई बार स्टांप पेपर बेकार भी हो जाता है. कुछ नियमों में ऐसे बेकार हुए या पुराने पड़े स्टांप पेपर पर अलाउंस मिलता है या रिफंड मिलता है. लेकिन इसमें यह देखा जाता है कि स्टांप पेपर कितना पुराना है. ऐसे में यह सवाल अहम हो जाता है कि स्टांप पेपर कितने महीने या कितने साल पुराना चल सकता है.

*कितनी अवधि के लिए स्टांप पेपर*
बिजनेस के लिहाज में यह सवाल और भी अहम होता है कि भारत में किसी स्टांप पेपर की मियाद कितने दिनों की होती है. क्या जितने रुपये का ट्रांसजेक्शन करना है, हमें उसी हिसाब से स्टांप पेपर खरीदना चाहिए? क्या स्टांप पेपर की भी एक्पायरी होती है? क्या जिस स्टांप पेपर का इस्तेमाल नहीं हो सका, उसे रिफंड किया जाता है? ये ऐसे सवाल हैं जो अकसर उठाए जाते हैं.

*क्या कोई एक्सपायरी डेट होती है*
नियम की बात करें तो इंडियन स्टांप एक्ट किसी भी एक्सायरी डेट के बारे में जिक्र नहीं करता. यानी कि स्टांप पेपर कभी एक्सपायर नहीं होता. हालांकि इंडियन स्टांप एक्ट की धारा 54 में इसकी कुछ लिमिटेशन के बारे में जरूर बताया गया है.

*क्या अनयूज्ड स्टाम्प पेपर का रिफंड मिलता है*
धारा 54 बताती है कि अगर कोई स्टांप पेपर खरीदार के इस्तेमाल में नहीं आता है तो उस पर अलाउंस या रिफंड मिल सकता है. लेकिन यह तभी होगा जब कटा-फटा न हो. नियम के मुताबिक अगर स्टांप पेपर खरीदार के इस्तेमाल नहीं आ रहा हो तो वह उसके खरीदने के बाद 6 महीने तक रिफंड ले सकता है.

*सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या है*
इस बात को स्पष्ट करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तिरुवेंगडा पिल्लई बनाम नवनीतमाल, (2008) 4 एससीसी 530 में कहा है कि “धारा 54 में निर्धारित छह महीने की अवधि केवल स्टांप पेपर के रिफंड को पाने के लिए है न कि स्टांप पेपर के उपयोग के लिए”. कोर्ट ने यह कहते हुए निष्कर्ष निकाला कि एक स्टांप पेपर का उपयोग करने में कोई दिक्कत नहीं है जिसे दस्तावेज़ में उपयोग करने से छह महीने पहले खरीदा गया हो.

*क्या है नियम*
IndiaCorpLaw के एक विश्लेषण में कहा गया है, जैसा कि ऊपर कहा गया है, एक स्टांप पेपर की कोई समाप्ति तिथि या एक्सपायरी नहीं होती है और किसी भी समय किसी दस्तावेज़ के लिए उपयोग किया जा सकता है. हालांकि, यदि लेन-देन या उसके इस्तेमाल नहीं होने की संभावना है, तो बिना उपयोग किए गए स्टांप पेपर को वापसी के लिए खरीद के छह महीने के भीतर स्टांप कलेक्टर को वापस कर दिया जाना चाहिए. यहां यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि धारा 54 में निर्धारित सीमा अवधि में कोई छूट नहीं है.

🇮🇳 वन्दे मातरम

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