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शनिवार, 21 अगस्त 2021

सावधान आपके वीडीओ फोटो को किया जा रहा नंगा और बेचा जा रहा पोर्न साइट पर


सावधान आपके वीडीओ फोटो को किया जा रहा नंगा और बेचा जा रहा पोर्न साइट पर


मार्केट में आया एक एप्प जिसके जरिए महिलाओ लड़कियो के निजी फोटो वीडीओ को एडिट कर उन्हे अश्लील तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है यंहा तक की नगा दिखाया जाकर पोर्न साइटों पर भी अपलोड किया जा रहा है

महिलाए हो जाए सावधान वरना जिंदगी हो जाएगी बर्बाद

 लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप 'टेलीग्राम' (Telegram) को लेकर एक बेहद परेशान करने वाली खबर सामने आई है. इस मैसेजिंग ऐप (Messeging App) ने पिछले दिनों में बहुत अधिक लोकप्रियता पाई है, क्योंकि इस पर किये जा रहे मैसेज और अन्य मीडिया की न सिर्फ प्राइवेसी (privacy) का पक्का इंतजाम होता है बल्कि इसपर बड़ी फाइलें भी आसानी से शेयर (share) की जा सकती हैं. लेकिन अब यह ऐप एक कंट्रोवर्सी में फंस गई है. समस्या बनकर आया है एक डीपफेक टूल (deepfake tool), जिसके जरिए इस पर कपड़े पहने फोटो के भी कपड़े उतारे जा सकते हैं. इसके जरिए इस ऐप पर नाबालिग लड़कियों (Minor girls) को निशाना बनाया जा रहा है और उन्हें परेशान किया जा रहा है.

कही आपके फोटो भी तो नही आ गए इसमे
 
इसके जरिए अब तक दस हजार महिलाओं और लड़कियों की बिना सहमति वाली एक लाख न्यूड तस्वीरें (Nude Photos) ऑनलाइन साझा की जा चुकी हैं. ये तस्वीरें जुलाई 2019 और 2020 के बीच एआई-बॉट (AI Bot) का उपयोग करके बनाई गई थीं. पीड़ितों में से अधिकांश की ये निजी तस्वीरें (personal photos) थी, जिन्हें सोशल मीडिया (Social Media) से लिया गया था. ये सभी महिलाएं थीं और कुछ देखने से ही 'नाबालिग' लग रही थीं. यह बिना नाम का 'बॉट' कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Learning) और मशीन लर्निंग का उपयोग करता है. जो टेलीग्राम (Telegram) मैसेजिंग ऐप पर शेयर की कई फोटोज पर काम करता है.

सामान्य लोगों की निजी तस्वीरों को बॉट ने बनाया न्यूड

इसके बारे में रिपोर्ट करने वालों का कहना है कि किसी की भी तस्वीर लेकर इस पर उसे नग्न किये जाने का खतरा बना रहता है. उन्होंने बताया है कि इस बॉट द्वारा जिन महिलाओं और लड़कियों के 'फेक' न्यूड बनाये गये, वे सामान्य लोगों की निजी तस्वीरें थीं.

सोशल मीडिया पर शेयर की गई कम उम्र की लड़कियों की तस्वीरों को मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम पर एक डीपफेक बॉट द्वारा नग्न करने के लिए नकली किया जा रहा है. एक नई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. रिपोर्ट लेखकों के अनुसार, ये परेशान करने वाली फोटोज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के एक साधारण प्रयोग पर आधारित हैं और इसी के जरिए बनाई गई हैं. ये बिल्कुल वास्तविक लग सकती हैं.

अब बिना झंझट के पाये 20 लाख का लोन , मोदी सरकार ने आसान किये SHG के लिए नियम

 अब बिना झंझट के पाये 20 लाख का लोन ,
मोदी सरकार ने आसान किये SHG के लिए नियम

 स्वयं सहायता समूहों के लिए अच्छी खबर है. भारत सरकार ने स्वयं सहायता समूहों (SHG) को बढ़ावा देने के लिए दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के तहत एसएचजी के लिए कोलैटरल फ्री लोन को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का निर्णय लिया है.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक पत्र के माध्यम से SHG के लिए कोलैटरल फ्री लोन को बढ़ाने के संबंध में सार्वजनिक, निजी और स्मॉल फाइनेंस बैंकों को सूचित किया है.

वित्तीय सेवा विभाग ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस अधिसूचना की जानकारी दी. वित्तीय सेवा विभाग ने ट्वीट में कहा, “स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के बीच के ऋण के लिए अब कोई कोलैटरल की आवश्यकता नहीं है. माइक्रो यूनिट्स (CGFMU) योजना के लिए क्रेडिट गारंटी फंड में संशोधन अधिसूचित हो गया है.”

सरकार का यह निर्णय 1 अप्रैल, 2021 के मास्टर सर्कुलर में संशोधन है. ​​10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के बीच के ऋण के लिए स्वयं सहायता समूहों से कोई कोलैटरल नहीं लिया जाना चाहिए और एसएचजी के बचत बैंक खाते के अगेंस्ट कोई ग्रहणाधिकार नहीं होना चाहिए. हालांकि, संपूर्ण ऋण (बकाया ऋण के बावजूद, भले ही वह बाद में 10 लाख रुपये से कम हो) माइक्रो यूनिट्स के लिए क्रेडिट फंड (CGFMU) के तहत कवरेज के लिए पात्र होगा.

स्वयं सहायता समूह कैसे बनाएं।
 स्वयं सहायता समूह बनाने के लिए सबसे पहले अपने समूह का नाम चुन लें। फिर अपने समूह में कम से कम 10 महिलाओं और अधिक से अधिक 20 महिलाओं का एक ग्रुप बना लें (18 से 40 वर्ष तक की)। उस ग्रुप को आपको रजिस्टर कराना होता है
 स्वयं सहायता समूह का पंजीकरण आप 3 तरीकों से करा सकते है।
 अपने ब्लॉक में जाकर अपने सहायता समूह का पंजीयन करा सकते हैं।
 सबसे पहले अपने सहायता समूह ग्रुप का नाम रख ले और फिर जितने भी महिलाएं इस ग्रुप में जुड़ना चाहती हैं।  वे सभी महिलाएं जाकर अपने ब्लॉक के ग्राम विकास अधिकारी से अपने ग्रुप का पंजीयन करा सकती है।
 अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर स्वयं सहायता समूह का पंजीकरण करा सकते हैं।
आप कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भी अपने स्वयं सहायता समूह को को रजिस्टर करा सकती हैं। इसके लिए आपको अपने ग्रुप की महिलाओं के पास आधार कार्ड और पैन कार्ड अनिवार्य है। सभी ग्रुप की महिलाओं के आधार और पैन कार्ड को कॉमन सर्विस सेंटर पर ले जाकर अपने ग्रुप का पंजीकरण करा सकते हैं।
खुद से ऑनलाइन आवेदन करके स्वयं सहायता समूह का पंजीकरण करा सकते है।
घर बैठे ऑनलाइन फॉर्म भरके अपने स्वयं साहयता समूह का पंजीकरण करा सकते है। इसके लिए इस बेबसाईट पर जाकर https://www.kviconline.gov.in/ घर बैठे आवेदन कर सकते हैं। इसमें आवेदन करने के कुछ ही दिनों में आप का समूह का रजिस्ट्रेशन नंबर मिल जाता है और आपका समूह पंजीकृत हो जाता है।
स्वयं साहयता समूह के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें ?
स्वयं साहयता समूह को पंजीकरण के लिए सबसे पहले आपको अपने मोबाइल या लैपटॉप के किसी भी ब्राउज़र में https://www.kviconline.gov.in/ वेबसाइट को खोल लेना है। फिर आपके सामने एक फॉर्म खुलकर आ जायेगा। जो भी जानकरी उस फॉर्म में माँगी गई हो वे सभी जानकारी उस फॉर्म को भर दें। जैसे -

सबसे पहले सेल्फ हेल्प ग्रुप का नाम। ( कोई भी सेल्फ हेल्प ग्रुप का नाम चयन करके डाल सकते हो )

सेल्फ हेल्प ग्रुप के अध्यक्ष का नाम।

सेल्फ हेल्प ग्रुप में उसका पद नाम।

आधार कार्ड

पैन कार्ड

सेल्फ हेल्प ग्रुप का पता भरे।

सेल्फ हेल्प ग्रुप के द्वारा खुलवाया गया बैंक खाता की जानकरी भरें।

जब सभी सही-सही जानकारी भरने के बाद जब आप फॉर्म सबमिट कर दोगे  तो कुछ  ही दिनों के बाद आपका स्वयं साहयता ग्रुप का पंजीकरण कर दिया जायेगा और आपको स्वयं साहयता ग्रुप का पंजीकरण नंबर दे दिया जायेगा।

क्या स्वयं सहायता समूहों का पंजीकरण कराना आवश्यक है?

उ. नहीं, यह आवश्यक नहीं की स्वयं सहायता समूहों का पंजीकरण हो। परन्तु यह आवश्यक है की समूह को प्रभावी तरीकों से चलाने के लिए तथा इसकी गतिविधियों पर नियंत्रण रखने के लिए आवश्यक नियम क़ानून बनाए जाए।

समूहों का बैंक में खाता कब और कैसे खोला जाता हैं?

उ. जैसे ही स्वयं सहायता समूह का गठन होगा तथा समूह कुछ बैठक कर लेगा, वह अपने पास के चयनित बैंक शाखा में या नजदीकी सीबीएस शाखा में या नजदीकी सीबीएस शाखा (जिसे बाद में नोडल शाखा के रूप में चयनित किया जा सकता है)  में खाता खोल सकता है। यह बहुत  जरूरी है कि स्वयं सहायता समूह अपने पैसे तथा बचत को सुरक्षित रखे तथा साथ ही समूह के लेन-देन में पारदर्शिता को बनाए। बैंक में बचत खाता खोलना वास्तव में समूह तथा बैंक में बचत खाता खोलना वास्तव ने समूह तथा बैंक के बीच एक रिश्त्ते की शूरूआत है। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस संबंध में आदेश दिया है कि सभी बैंक पंजीकृत या अपंजीकृत स्वयं सहायता समूहों का बचत खाता खोलें।
समूह के बचत खाता खोलने के लिए निम्न कागजातों की आवश्यकता होगी:-

समूह की ओर से पारित एक प्रस्ताव जिसमें समूह का खाता खोलने तथा खाता को संचलित करने वाले सदस्यों का नाम हो।

समूह के कार्यकारिणी तथा प्रबंध समिति या उनके प्रतिनिधि के उन सदस्यों का फोटो जो समूह के खाते का संचालन करेंगे।

खाते का संचालन करने वाले सदस्यों का फोटो पहचान पत्र तथा आवासीय प्रमाण पत्र।

समूह के सदस्यों का एक सामूहिक फोटो।

यदि शाखा प्रबंधक को जरूरत पड़ती है तो समूह का नियम कानून तथा खाता बही दिखाने को बोल सकते हैं।

जेनेरिक आधार को बनाये पार्टनर, पाये अपना रोजगार, कमाई होगी लाखो में, करे यू आवेदन

 जेनेरिक आधार को बनाये पार्टनर, पाये अपना रोजगार,
कमाई होगी लाखो में, करे यू आवेदन

जब से कोरोना आय़ा है तब से लोगों के सामने रोजगार की चुनौतियां बरकरार हैं। आज भी लोग रोजगार को लेकर काफी परेशान हैं। फिर चाहे वे नौकरी कर रहे हैं या फिर कारोबार। यदि आपके सामने भी ऐसी चुनौति है तो यह खबर आपके काफी काम आएगी। दरअसल एक मेडिकल स्टार्टअप है, जो लोगों को कमाई का मौका दे रहा है।

अहम बात यह है कि इस स्टार्टअप में देश के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा ने निवेश किया हुआ है। इस मेडिकल स्टार्टअप का नाम है जेनेरिक आधार। जानते हैं कि कैसे जेनेरिक आधार लोगों को कमाई का मौका दे रही है।

जेनेरिक आधार दे रही फ्रेंचाइजी
जेनेरिक आधार एक जेनेरिक दवाओं का स्टार्टअप है। ये स्टार्टअप लोगों को फ्रेंचाइजी लेने का मौका दे रही है। आप इस कंपनी क फ्रेंचाइजी लेकर तगड़ी कमाई कर सकते हैं। एक बार पैसा लगा कर कोई भी मेडिकल स्टोर खोल सकता है। मेडिकल स्टोर से तगड़ी कमाई की जा सकती है। जेनेरिक आधार से कोई भी फ्रेंचाइजी ले सकता है। ये कंपनी 1000 तरह की दवाएं आपको देगी, जो सारी की सारी जेनेरिक होंगी। इन पर 80 फीसदी तक डिस्काउंट होता है, जो ग्राहकों के लिए काफी फायदेमंद होता है।

कितना करना होगा निवेश
यदि आप जेनेरिक आधार के पार्टनर बनना चाहते हैं तो आपको सिर्फ 1 बार पैसा लगाना होगा। आपको 1 लाख रु में इस स्टार्टअप की फ्रेंचाइजी मिल जाएगी। बात करें मुनाफे की तो जेनेरिक आधार पर फ्रेंचाइजी लेने वालों को दवाओं पर 40 फीसदी तक का मार्जिन देगी। आम तौर पर बड़ी दवा कंपनियां इसका आधा या उससे भी कम मार्जिन देती हैं, जिससे मुनाफा कम रह जाता है।

कंपनी दिलाएगी ऑर्डर
यदि आपके शहर में दवाओं का कोई ऑर्डर जेनेरिक आधार के पास आता है तो ये ऑर्डर कंपनी आपको दिलाएगी। कंपनी ने अपने कुछ रिटेलर्स की जानकारी दी है, जो हर महीने 10 लाख रु तक कमा रहे हैं। वैसे मेडिकल स्टोर के लिए जरूरी है कि आपकी लोकेशन अच्छी हो। दूसरे अलग-अलग शहरों का भी कमाई पर असर पड़ता है। जेनेरिक आधार की फ्रेंचाइजी पहले से अपना मेडिकल स्टोर चलाने वालों के अलावा नया स्टोर शुरू करने वालो को भी मिल सकती है।

जानिए आवेदन का प्रोसेस
इसके लिए कंपनी की वेबसाइट (https://genericaadhaar.com) पर जाएं। यहां पहुंच कर बिजनेस अपॉर्च्युनिटीज ऑप्शन पर क्लिक करें। इस पर क्लिक करने से एक फॉर्म खुलेगा। ज्यादा जानकारी के लिए आप इस लिंक (https://genericaadhaar.com/franchise-opportunities.php) पर भी जा सकते हैं। यहां आपको अपनी सारी डिटेल दर्ज करनी होगी। इनमें नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और शहर आदि शामिल हैं।

डायरेक्ट कॉल करें
फ्रेंचाइजी के मामले में अधिक जानकारी के लिए आप सीधे कॉल कर सकते हैं।
इनमें पश्चिम भारत के लिए +91 9653373636,
उत्तर भारत के लिए +91 9653373640,
पूर्वी भारत के लिए +91 9653373641 और
दक्षिण भारत के लिए +91 9653373639 नंबर है।

कंपनी की वेबसाइट के अनुसार सिटी मास्टर फ्रैंचाइज़ी के लिए
आप +91 9653373639 पर कॉल कर सकते हैं।
फार्मा सेक्टर ने कोरोना काल में काफी तरक्की की है। किसी के लिए यह बिजनेस अच्छे मुनाफे का हो सकता है।

मोदी सरकार की एक और सौगात, मासिक पेंशन हुई 10 हजार

मोदी सरकार की एक और सौगात, मासिक पेंशन हुई 10 हजार


60 साल की उम्र तक आते-आते लोग अपनी जमा पूंजी किसी सेफ और सिक्योर स्कीम में लगाकर बेहतर रिटर्न की जुगत में रहते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (Pradhan Mantri Vaya Vandana Yojana) ऐसे बुजुर्गों के लिए रामबाण साबित हो रही है। इस योजना की खास बात ये है कि 60 की उम्र वाला एक मुश्त राशि जमा करता है तो तुरंत पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है। 10 साल बाद उसे मूलधन वापस कर दिया जाता है।

ये पेंशन भी आपको 10 साल तक ही लगातार मिलती है। इसमें ब्याज दर एफडी के मुकाबले ज्यादा दिया जाता है जिसकारण से ये योजना काफी पापुलर हो रही है।

इस योजना का लाभ इसलिए भी है कि 10 साल बाद यदि आप पैसा किसी दूसरे मद में लगाना चाहते हैं तो आप स्वतंत्र हैं। इस योजना की अवधि खत्म हो गई थी जिसे सरकार ने बढ़ाकर अब 31 मार्च 2023 तक कर दिया है। यानी 31 मार्च 2023 तक निवेश करने पर इस योजना का लाभ अगले 10 के लिए लिया जा सकता है। इस योजना में मूलधन सेफ रहता है। इस निवेश करने पर इनकम टैक्स में भी छूट मिलती है। हालांकि मिलने वाला रिटर्न छूट के दायरे से बाहर है। फिलहाल इसमें ब्याज दर 7.4 फीसदी है।

जानिए कैसे मिलेंगे हर माह 10 हजार रुपए:
इस योजना में आप यदि अपनी गढ़ी कमाई से होने वाली सेविंग्स के 15 लाख निवेश करते हैं तो आपको हर माह 10 हजार रुपए पेंशन के रूप में मिलते हैं। वहीं आपका 15 लाख रुपए अकाउंट में सेफ रहता है। यदि पति-पत्नी दोनों ने मिलकर निवेश किया है और निवेश की रकम 30 लाख रुपए है तो पति-पत्नी दोनों का मिलाकर 20 हजार रुपए प्रति माह मिलेंगे। इस पॉलिसी की अवधि 10 साल की है।

ये जानकारी भी बेहद जरूरी:
इस योजना में 10 साल बाद आपको मूलधन वापस मिल जाता है। यदि पॉलिसी खरीदने वाले व्यक्ति की मृत्यु इन 10 सालों के भीतर हो जाती है तो मूलधन नॉमिनी के खते में चला जाता है। योजना से जुड़ी ज्यादा जानकारी चाहिए तो फोन नंबर पर 022-67819281 या 022-67819290 पर कॉल कर सकते हैं। एलआईसी ने इसके लिए एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया है।
1800-227-717 नंबर पर फोन करके इस योजना से जुड़ी जानकारी ले सकते हैं। इस योजना पर लोन भी ले सकते हैं: इस पॉलिसी के माध्यम से खरीद मूल्य पर 75% तक का लोन भी प्राप्त किया जा सकता है। यह लोन सुविधा पॉलिसी अवधि के 3 वर्ष पूरा होने के बाद ही प्राप्त की जा सकती है। इस योजना से खरीद मूल्य का 98% तक की किसी इमरजेंसी के लिए निकासी भी की जा सकती है।

औषधीय पौधों की खेती, रोजगार को आसान बनाये जुड़े इन संस्थानों से ,ये दे रहे अवसर

 औषधीय पौधों की खेती, रोजगार को आसान बनाये जुड़े इन संस्थानों से ,ये दे रहे अवसर

कोरोनाकाल में प्रदूषण और कई गंभीर ​बीमारियों से बचने के लिए नैचुरल प्रोडक्ट्स (Natural Products) और मेडिसीन का बाजार लगातार तेजी से बढ़ रहा है. साथ ही इनमें लगने वाले नैचुरल प्रोडक्ट्स की मांग भी तेजी से बढ़ रही है. इसमें लागत तो कम है ही और लंबे समय तक कमाई भी सुनिश्चित होती है.
मेडिसिनल प्‍लांट (Medicinal Plant) की खेती के लिए न तो लंबे-चौड़े फार्म की जरूरत है और न ही इन्‍वेस्‍टमेंट की. इस फार्मिंग के लिए अपने खेत बोने की भी जरूरत नहीं है. इसे आप कॉन्ट्रैक्ट पर भी ले सकते हैं. आजकल कई कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट पर औषधियों की खेती करा रही है. इनकी खेती शुरू करने के लिए आपको कुछ हजार रुपए ही खर्च करने की जरूरत है, लेकिन कमाई लाखों में होती है.

ये कंपनियां करा रही हैं कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग
तुलसी की खेती भी पतंजलि, डाबर, वैद्यनाथ आदि आयुर्वेद दवाएं बनाने वाली कंपनियां कांट्रेक्‍ट फार्मिंग करा रही हैं. जो फसल को अपने माध्‍यम से ही खरीदती हैं. तुलसी के बीज और तेल का बड़ा बाजार है. हर दिन नए रेट पर तेल और तुलसी बीज बेचे जाते हैं.

जरूरी है ट्रेनिंग
मेडिसिनल प्‍लांट की खेती के लिए जरूरी है कि आपके पास अच्‍छी ट्रेनिंग हो जिससे कि आप भविष्‍य में धोखा न खाएं. लखनऊ स्थित सेंट्रल इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमैटिक प्‍लांट (सीमैप) इन पौधों की खेती के लिए ट्रेनिंग देता है.

सीमैप के माध्‍यम से ही दवा कंपनियां आपसे कांट्रेक्‍ट साइन भी करती हैं, इससे आपको इधर-उधर नहीं जाना पड़ेगा.
कुछ पौधों को छोटे-छोटे गमलों में उगाए जा सकते हैं

ज्‍यादातर हर्बल प्‍लांट (Herbal Plants) जैसे तुलसी, आर्टीमीसिया एन्‍नुआ, मुलैठी, एलोवेरा आदि बहुत कम समय में तैयार हो जाते हैं. इनमें से कुछ पौधों को छोटे-छोटे गमलों में भी उगाए जा सकते हैं.

इनकी खेती शुरू करने के लिए आपको कुछ हजार रुपए ही खर्च करने की जरूरत है, लेकिन कमाई लाखों में होती है. इन दिनों कई ऐसी दवा कंपनियां देश में है जो फसल खरीदने तक का कांट्रेक्‍ट करती हैं, जिससे कमाई सुनिश्चित हो जाती है.

3 लाख की होगी कमाई
आमतौर पर तुलसी को धार्मिक मामलों से जोड़कर देखा जाता है लेकिन, मेडिसिनल गुण वाली तुलसी की खेती से कमाई की जा सकती है. तुलसी के कई प्रकार होते हैं, जिनसे यूजीनोल और मिथाईल सिनामेट होता है. इनके इस्‍तेमाल से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की दवाएं बनाई जाती हैं. 1 हेक्‍टेयर पर तुलसी उगाने में केवल 15 हजार रुपए खर्च होते हैं लेकिन, 3 महीने बाद ही यह फसल लगभग 3 लाख रुपए तक बिक जाती है.

अब ऋण लेने हुआ आसान, कम ब्याज त्वरित कार्यवाही से 5 लाख तक के ऋण प्रदान कर रहे ये बैंक


 अब ऋण लेने हुआ आसान, कम ब्याज त्वरित कार्यवाही से 5 लाख तक के ऋण प्रदान कर रहे ये बैंक

 कोरोना महामारी के बीच कई सरकारी के बैंकों ने घोषणा की थी कि वे 5 लाख रुपये तक के कोलैटरल फ्री पर्सनल लोन (Personal Loans) प्रदान करेंगे. यह लोगों को कोविड-19 से संबंधित इलाज के लिए मेडिकल खर्चों में मदद करने के लिए पेश किया गया था. यह मई की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा घोषित कोविड -19 राहत उपायों (Covid-19 Relief Measures) का भी हिस्सा था. इस लोन योजना के तहत 25 हजार से 5 लाख रुपये की पेशकश की जा रही है. लोन को चुकाने की अवधि पांच साल है और बैंक इसके लिए कोई
प्रोसेसिंग फीस नहीं लेंगे.
तीन से छह महीने का लोन मोराटोरियम
अलग-अलग बैंकों में तीन से छह महीने का लोन मोराटोरियम भी है.

लोन एक रियायती दर पर आता है जो वेतनभोगी, गैर-वेतनभोगी व्यक्तियों और यहां तक ​​कि पेंशनभोगियों के लिए 6.85 फीसदी से शुरू होता है. यह लोन कोलैटरल फ्री है यानी कि बिना किसी गवाह या सिक्योरिटी के लोन दिया जाएगा. इसका उपयोग स्वयं या परिवार के सदस्यों के लिए किया जा सकता है.

किसे मिलेगा यह लोन
इस लोन का फायदा उठाने के लिए कुछ शर्तें भी हैं. बैंक को आपकी कोविड -19 स्टेट्स के प्रमाण की आवश्यकता होगी जो बताए कि आपका टेस्ट पॉजिटिव हुआ है. आपको पैसे के उपयोग के लिए एक अंडरटेकिंग भी देना होगा कि यह वास्तव में कोविड-19 इलाज के लिए है. बैंक के वे ग्राहक इसका लाभ उठा सकते हैं जिन्होंने पिछले 12 महीनों से वेतन प्राप्त किया है. बैंक से रिटेल लोन लेने वाले भी इस लोन के लिए योग्य हो सकते हैं. गैर-वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए नियमित रूप से दाखिल इनकम टैक्स रिटर्न के साथ बैंक के साथ एक सेविंग या करंट अकाउंट बनाए रखना होगा.

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
स्टेट बैंक की लोन स्कीम के तहत 25 हजार से 5 लाख रुपये तक का लोन मिलेगा. लोन पर 8.5 फीसदी की दर से ब्याज लगेगा. लोन को चुकाने की अवधि 5 साल है.

पंजाब नेशनल बैंक
पंजाब नेशनल बैंक 'PNB Sahyog RIN COVID' के ब्रांड बैनर के तहत कोविड-19 के इलाज के लिए लोन प्रदान करता है. यह लोन केवल बैंक के साथ वेतनभोगी व्यक्तियों को पेश किया जाता है, जिन्हें पिछले 12 महीनों से वेतन मिल रहा हो. लोन पर 8.5 फीसदी की दर से ब्याज लगेगा. अधिकतम छह महीने के वेतन के औसत से छह गुना लोन मिल सकेगा. हलांकि यह 3 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होगी.

बैंक ऑफ बड़ौदा
जिन लोगों ने पहले बैंक से लोन लिया है वे इस लोन के लिए आवेदन करने के पात्र हैं. ऐसे ग्राहक जो कम से कम छह महीने से बैंक के साथ रिलेशनशिप हैं या पिछले 3 महीनों से नियमित इंस्टॉलमेंट दे रहे हों, वे भी पात्र हैं.

बैंक ऑफ इंडिया
बैंक ऑफ इंडिया भी केवल बैंक के मौजूदा ग्राहकों और उन लोगों को लोन प्रदान करता है जिनके पास बैंक के साथ मौजूदा पर्सनल या हाउसिंग लोन हो. लोन पर 6.85 फीसदी की दर से ब्याज लगेगा. छह महीने की लोन मोराटोरियम साथ लोन को चुकाने की अवधि 3 साल है.

यूनियन बैंक
बैंक ग्राहकों को 8.5 फीसदी ब्याज दर के साथ अधिकतम पांच साल की अवधि के लिए लोन की पेशकश कर रहा है.

केनरा बैंक
यह बैंक 'Suraksha Personal Loan' के नाम से लोन प्रदान करता है. यह कोविड -19 मेडिकल लोन के समान कार्य करता है. इसके तहत 25 हजार से लेकर अधिकतम 5 लाख रुपये का लोन मुहैया कराया जाएगा. इसमें छह महीने की लोन मोराटोरियम भी है.

आजकल माताये बहने फैशन के चलते कैसा अनर्थ कर रही है पुरा पढें


 🕉️ स्त्रियों के बाल सुंदरता और सौभाग्य का प्रतीक वही खुले बाल , शोक और अशुद्दि की निशानी

यत्र नार्येषु पूजतः रमन्ते तत्र देवताः

आजकल माताये बहने फैशन के चलते कैसा अनर्थ कर रही है पुरा पढें
     
रामायण में बताया गया है, जब देवी सीता का श्रीराम से विवाह होने वाला था, उस समय उनकी माता सुनयना ने उनके बाल बांधते हुए उनसे कहा था, विवाह उपरांत सदा अपने केश बांध कर रखना।

बंधे हुए लंबे बाल आभूषण सिंगार होने के साथ साथ संस्कार व मर्यादा में रहना सिखाते हैं।

ये सौभाग्य की निशानी है ,  
एकांत में केवळ अपने पति के लिए इन्हें खोलना।

हजारो लाखो वर्ष पूर्व हमारे ऋषि मुनियो ने शोध कर यह अनुभव किया कि सिर के काले बाल को पिरामिड नुमा बनाकर सिर के उपरी ओर या शिखा के उपर रखने से वह सूर्य से निकली किरणो को अवशोषित  करके शरीर को ऊर्जा प्रदान करते है। जिससे चेहरे की आभा चमकदार , शरीर सुडौल व बलवान होता है।

यही कारण है कि गुरुनानक देव व अन्य सिक्ख गुरूओ ने बाल रक्षा के असाधारण महत्त्व को समझकर धर्म का एक अंग ही बना लिया। लेकिन वे कभी भी बाल को खोलकर नही रखे ,

ऋषी मुनियो व साध्वीयो ने हमेशा बाल को बांध कर ही रखा। भारतीय आचार्यो ने बाल रक्षा का प्रयोग , साधना काल में ही किया इसलिय आज भी किसी लंबे अनुष्ठान , नवरात्री पर्व , श्रावण मास , तथा श्राद्ध पर्व आदि में नियम पूर्वक बाल रक्षा कर शक्ति अर्जन किया जाता है।

महिलाओं के लिए केश सवांरना अत्यंत आवश्यक है उलझे एवं बिखरे हुए बाळ अमंगलकारी कहे गए है। -  कैकेई का कोपभवन में बिखरे बालों में रुदन करना और अयोध्या का अमंगल होना।

पति से वियुक्त तथा शोक में डुबी हुई स्त्री ही बाल खुले रखती है --- जैसे अशोक वाटिका में सीता

रजस्वला स्त्री , खुले बाल रखती है ,जैसे ---
चीर हरण से पूर्व द्रोपदी , उस वक्त द्रोपदी रजस्वला थी ,जब दुःशासन खींचकर लाया
तब द्रोपदी ने प्रतीज्ञा की थी कि-- मैं अपने बाल तब बाँधुंगी जब दुःसासन के रक्त से धोऊँगी ---

जब रावण देवी सीता का हरण करता है तो उन्हें केशों से पकड़ कर अपने पुष्पक विमान में ले जाता है।  अत: उसका और उसके वंश का नाश हो गया।

महाभारत युद्ध से पूर्व कौरवों ने द्रौपदी के बालों पर हाथ डाला था, उनका कोई भी अंश जीवित न रहा।

कंस ने देवकी की आठवीं संतान को जब बालों से पटक कर मारना चाहा तो वह उसके हाथों से निकल कर महामाया के रूप में अवतरित हुई।

कंस ने भी अबला के बालों पर हाथ डाला तो उसके भी संपूर्ण राज-कुल का नाश हो गया।।

सौभाग्यवती स्त्री के बालों  को सम्मान की निशानी कही गयी है।
दक्षिण भारतीय की कुछ महिलाएं मनन्त - संकल्प आदि के चलते बाळा जी  में केश मुंडन करवा लेती हैं ।

लेकिन भारत के अन्य क्षेत्रो में ऐसी कोई प्रथा नहीं है । कोई महिला जब विधवा हो जाती हैं तभी उनके बाल छोटे करवा दिए जाते हैं। या जो विधवा महिलाये  अपने पति के अस्थि विसर्जन को तीर्थ जाती है। वे ही बाल मुंडन करवाती है अर्थात विधवा ही मुण्डन करवाती हैं , सौभाग्यवती नहीं।

गरुड पुराण के अनुसार बालों में काम का वास रहता है |  बालों का बार बार स्पर्श करना दोष कारक बताया गया है। क्योकि बालों को अशुध्दी माना गया है इसलिय कोई भी जप अनुष्ठान ,चूड़ाकरण , यज्ञोपवीत, आदि-२ शुभाशुभ कृत्यों में क्षौर कर्म कराया जाता है  तथा शिखाबन्धन कर पश्चात हस्त प्रक्षालन कर शुद्ध किया जाता है।

दैनिक दिनचर्या में भी स्नान पश्चात बालों में तेल लगाने के बाद उसी हाथ से शरीर के किसी भी अंग में तेल न लगाएं हाथों को धो लें।

भोजन आदि में बाल आ जाय तो उस भोजन को ही हटा दिया जाता है।

 मुण्डन या बाळ कटाने के बाद शुद्ध स्नान आवश्यक बताया गया है। बडे यज्ञ अनुष्ठान आदि में मुंडन तथा हर शुद्धिकर्म में सभी बालो (शिरस्, मुख और कक्ष) के मुण्डन का विधान हैं ।

बालों के द्वारा बहुत सा तन्त्र क्रिया होती है जैसे वशीकरण यदि कोई स्त्री खुले बाल करके निर्जन स्थान या... ऐसा स्थान जहाँ पर किसी की अकाल मृत्यु हुई है.. ऐसे स्थान से गुजरती है तो अवश्य ही प्रेत बाधा का योग बन जायेगा.।।

वर्तमान समय में पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव से महिलाये खुले बाल करके रहना चाहते हैं, और जब बाल खुले होगें तो आचरण भी स्वछंद ही होगा।भारतीय महिलाओ में भी इस फैशन रुपी कुप्रथा का प्रवाह शुरु हो चुका है।

अनेक वैज्ञानिको  जैसे इंग्लैंड के डॉ स्टैनले हैल , अमेरिका के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ गिलार्ड थॉमस आदि ने पश्चिम देश के महिलाओ  की बडी संख्या पर निरीक्षण के आधार पर लिखा कि केवल 4 प्रतिशत महिलाय ही शारीरिक रूप से पत्नी व माँ बनने के योग्य है शेष 96 प्रतिशत स्त्रिया , बाल कटाने के कारण पुरुष भाव को ग्रहण कर लेने के कारण माँ बनने के लिये अयोग्य है  

हिन्दू ऋषियों द्वारा किये वैज्ञानिक आविष्कार


 हिन्दू ऋषियों द्वारा किये वैज्ञानिक आविष्कार

हिन्दू धर्म कितना पुराना हैं ये तो किसी को भी ज्ञात नहीं पर यह ज़रूर कहा जाता हैं कि सबसे सनातन धर्म हैं और कई सदियों से चले आ रहे इस धर्म को मानने वाले कई ऐसे व्यकित भी हुए जिन्हें हम ऋषि-मुनि कहते हैं ।
आज की ज़ुबान में इन ऋषि-मुनियों को वैज्ञानिक कहा जाता हैं ।

इन ऋषियों के द्वारा पुरातन काल में कई ऐसे अविष्कार हुए जो दुनिया में पहले किसी ने नहीं किये ।

आज हम ऐसे ही हिन्दू ऋषियों द्वारा किये वैज्ञानिक अविष्कार के बारे में बात करेंगे ।

1. ऋषि पतंजलि-

हम सब ने पतंजलि का नाम ज़रूर सुना हैं । बाबा रामदेव द्वारा चलाई जाने वाली एक योग संस्था जो कि हरिद्वार में स्थित हैं । लेकिन ये पतंजलि वह संस्था नही बल्कि ऋषि पतंजलि हैं जिन्होंने ने “योगशास्त्र” लिखा था । आज पुरे विश्व में जिस योग की क्रांति हुई है, वह ऋषि पतंजलि का ही अविष्कार हैं ।

2. आचार्य चरक-

आचार्य चरक के द्वारा ही “चरकसंहिता” लिखी गयी थी । चरक संहिता को “आयुर्वेदग्रन्थ” के नाम से भी जाना जाता हैं ।

3. महर्षि सुश्रुत-

महर्षि सुश्रुत को शल्यचिकित्सा का आविष्कारक माना जाता हैं । शल्य चिकित्सा को सर्जरी भी कहा जाता हैं । महर्षि सुश्रुत द्वारा लिखे गए “सुश्रुतसंहिता” में उन्होंने करीब 300 तरह की शल्य क्रिया का उल्लेख किया हैं । उनके द्वारा ही सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले उपकरण और उन के उपयोग की विधि महर्षि सुश्रुत द्वारा ही लिखी गयी थी ।

4. आचार्य कणाद-

आचार्य कणाद को “परमाणुशास्त्र” का रचयिता माना जाता हैं । इनके द्वारा ये पता लगाया गया था कि द्रव्य यानि लिक्विड के भी परमाणु होते हैं ।

5. आचार्य विश्वामित्र-

वैसे तो आचार्य विश्वामित्र अपने मेनका प्रसंग के लिय बहुचर्चित हैं पर इनके द्वारा प्रक्षेपात्र यानि मिसाइल का अविष्कार किया गया था । आचार्य विश्वामित्र ने यह विद्या भगवान् शिव से प्राप्त की थी ।

6. आचार्य भारद्वाज-

हवाई जहाज के अविष्कार की बात जब भी हो तो राईट बंधू का नाम लिया जाता हैं । लेकिन विमान निर्माण के पीछे के पूरी खोज आचार्य भारद्वाज द्वारा लिखे गए “विमानशास्त्र” में कई सदी पहले ही कर दी गयी थी ।

7. गर्ग मुनि-

जब ग्रह-नक्षत्रों की बात आती हैं तो हम ज्योतिषियों के पास जाते हैं पर इस पूरी विद्या के पीछे गर्ग मुनि द्वारा लिखे गए नक्क्षत्र विद्या का शास्त्र हैं । जिसे स्वयं गर्ग मुनि ने लिखा था ।

8. भास्कराचार्य-

आप ने “सिद्धांत शिरोमणि” सुना हैं? शायद ही सुना होगा । लेकिन गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत ज़रूर सुना होगा जिसे न्यूटन के सिद्धांत के नाम से ज्यादा जाना जाता हैं । लेकिन “सिद्धांत शिरोमणि” में भास्कराचार्य ने पहले ही इस सिद्धांत की व्याख्या कर दी थी जिसमें कहा गया था कि “आकाश से प्रथ्वी की ओर आने वाली कोई भी वस्तु गुरुत्वाकर्षण के कारण नीचे ही आएगी” इस सिद्धांत को स्वयं आचार्य ने लिखा था ।

9. बौद्ध्यन ऋषि-

बौद्ध्यन ऋषि ने त्रिकोणमिति का सिद्धांत का अविष्कार किया था । जिसे आज पईथागोरस प्रमेय के नाम से ज्यादा जाना जाता हैं ।

10. आचार्य चाणक्य-

चाणक्य को हम सभी अखंड भारत के रचियता के रूप में पहले से जानते हैं लेकिन आज हम जिस ‘अर्थशास्त्र” को पढ़ते हैं उसकी रचना स्वयं आचार्य चाणक्य ने की ।

हम WhatsApp पर बिना किसी का नंबर सेव कर के भी मैसेज कर सकते हैं

 

हम WhatsApp पर बिना किसी का नंबर सेव कर के भी मैसेज कर सकते हैं

हां बिल्कुल कर सकते हैं मैं जो लिंक दे रहा हूं इस लिंक में मेरा मोबाइल नंबर हटाके उसका नंबर डाल दो जिससे चैट करनी है। बिना सेव किए ही ये नंबर तुम्हें उस व्हाट्सएप पर ले जायेगा:

https://wa.me/message/MGAXBXAZ7MHOG1

कैसे पता करें कि मोबाइल सर्विलांस पर लगा है?

आज के युग में सर्विलांस की इतनी नई नई तकनीक आ गई है के पता करना मुश्किल हो जाता है लेकिन फिर भी कुछ सामान्य से लक्षण है जो सर्विलांस को बता देते है।

1 मोबाइल की बैटरी : सर्विलांस करने वाली अप्लिकेशन को बहुत मेहनत करनी पड़ती है और इस वजह से वो बैटरी भी बहुत प्रयोग करती है। अगर आपको ऐसा लगे के अचानक आपका मोबाइल जल्दी डिस्चार्ज होने लगा है तो समझ जाइए के कोई अप्लिकेशन अपना काम अंजाम दे रही है।

2 मोबाइल डाटा : जैसा की मोबाइल की बैटरी के साथ होता है वैसा ही डाटा के साथ होता है और सर्विलांस वाली एप्लीकेशन डाटा का प्रयोग बहुत ज्यादा करती है इसलिए अपने मोबाइल में डाटा मीटर इंस्टाल करे जो आपकी खपत के बारे में जानकारी देगा।

3 फोन का अजीब व्यवहार करना : जब भी ऐसी कोई अप्लिकेशन चलेगी तो उसकी वजह से बाकी अपलिकेधन को चलने में समस्या होगी इसलिए फोन अजीब तरह से काम करने लगेगा और हल्का हल्का से लेग मिलेगा जिससे समझ जाना चाहिए के कुछ गडबड है।

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