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शनिवार, 10 दिसंबर 2022

प्राचीन भारत का इतिहास का रहस्य

 

प्राचीन भारत का इतिहास का रहस्य (Mystery of Ancient India)

संस्कृत दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है। संस्कृत शब्द का अर्थ है परिपूर्ण भाषा। भाषाओ को लिपियों में लिखने का चलन भारत में ही शुरू हुआ था। प्राचीन समय में ब्राह्मी और देवनागरी लिपि का चलन था। इस दोनों लिपियों से ही दुनियाभर में अन्य लिपियों का जन्म हुआ था। ब्राह्मी लिपि को महान सम्राट अशोक ने धम्मलिपि नाम दिया था। हड़प्पा संस्कृति के लोग भी इसी लिपि का उपयोग करते थे। उस समय में संस्कृत भाषा को भी इसी लिपि में लिखा जाता था।

शोध कर्ताओ के अनुसार ब्राह्मी लिपि से देवनागरी, तमिल लिपि, मलयालम लिपि, सिंहल लिपि, बांग्ला लिपि, रंजना, प्रचलित नेपाल, भुंजिमोल, कोरियाली, थाई, उड़िया लिपि, गुजराती लिपि, गुरुमुखी, कन्नड़ लिपि, तेलुगु लिपि, तिब्बती लिपि, बर्मेली, लाओ, खमेर, जावानीज, खुदाबादी लिपि, यूनानी लिपि निकली है।

जैन पौराणिक कथाओ में बताया गया है कि ऋषभदेव की ब्राह्मी ने लेखन की खोज की। इसलिए उसे ज्ञान की देवी सरस्वती के साथ जोड़ते है। हिन्दू धर्म में इनको शारदा भी कहते है। प्राचीन दुनिया में कुछ प्रमुख नदिया भी थी। दुनिया की शुरुवात मानव आबादी इन नदियों के पास बसी थी। सबसे समृद्ध, सभ्य और बुद्धिमान सभ्यता सिंधु और सरस्वती नदी के किनारे बसी थी। इसका एक प्रमाण भी मौजूद है। दुनिया का पहला धार्मिक ग्रन्थ सरस्वती नदी के किनारे बैठ कर लिखा गया था।

मोसोपोटामिया, सुमेरियन, असीरिया और बेबीलोन सभ्यता का विकास दजला और फरात नदी के किनारे पर हुआ था। नील नदी के किनारे मिस्र की सभ्यता का विकास हुआ था। इसी तरह भारत में भी सिंधु, हड़प्पा, मोहनजोदड़ो आदि सभ्यताओं का विकास सिंधु और सरस्वती नदी के किनारे हुआ था।

प्राचीन भारत की खेल की दुनिया – तरंज और फूटबाल का अविष्कार भारत में हुआ था। प्राचीन भारत बहुत ही सभ्य और समृद्ध देश था। आज के समय के बहुत से अविष्कार प्राचीन काल भारत के निष्कर्षों पर आधारित हैं।

मौर्य, गुप्त और विजयनगरम साम्राज्य के दौरान बने मंदिरो को देख कर हर कोई हैरान हो जाता है। कृष्ण की द्वारिका के अवशेषों की जांच से पता चला है कि प्राचीन काल में भी मंदिर और महल बहुत ही भव्य होते थे।

वृंदावन की बात करे। तो आज भी वह एक ऐसा मंदिर है। जो अपने आप खुलता और बंद हो जाता है।मान्यता के अनुसार रात के समय में वह पर कोई भी नहीं होता। लोगो का कहना है। अगर कोई भी व्यक्ति इस परिसर में रुक जाता है। तो वो मृत्यु को प्राप्त हो जाता है।

संगीत में सामवेद सबसे प्राचीन ग्रन्थ है। संगीत और वाद्ययंत्रों का अविष्कार भी प्राचीन भारत में हुआ था। नृत्य, कला, योग और संगीत से हिन्दू धर्म का गहरा नाता रहा है। प्राचीन भारत में ही वीणा, चांड, घटम्, पुंगी, डंका, तबला, शहनाई, बीन, मृदंग, ढोल, डमरू, घंटी, ताल, सितार, सरोद, पखावज, संतूर आदि का अविष्कार हुआ था।

जानकारी स्त्रोत: इंटरनेट

इन बातों की हवा निकाल देते हैं तो दुनिया की इस सुरंग से हमारा गुज़रना आसान हो जाएगा।

 

एक स्कूल ने अपने युवा छात्रों के लिए एक मज़ेदार यात्रा का आयोजन किया,

रास्ते में वे एक सुरंग से गुज़रे, जिसके नीचे से पहले बस ड्राइवर गुज़रता था।

सुरंग के किनारे पर लिखा था पांच मीटर की ऊँचाइ।

बस की ऊंचाई भी पांच मीटर थी इसलिए ड्राइवर नहीं रुका। लेकिन इस बार बस सुरंग की छत से रगड़ कर बीच में फंस गई, इससे बच्चे भयभीत हो गए।

बस ड्राइवर कहने लगा "हर साल मैं बिना किसी समस्या के सुरंग से गुज़रता हूं, लेकिन अब क्या हुआ?

एक आदमी ने जवाब दिया :

सड़क पक्की हो गई है इसलिए सड़क का स्तर थोड़ा बढ़ा दिया गया है।

वहाँ एक भीड़ लग गयी..

एक आदमी ने बस को अपनी कार से बांधने की कोशिश की, लेकिन रस्सी हर बार रगड़ी तो टूट गई, कुछ ने बस खींचने के लिए एक मज़बूत क्रेन लाने का सुझाव दिया और कुछ ने खुदाई और तोड़ने का सुझाव दिया।

इन विभिन्न सुझावों के बीच में एक बच्चा बस से उतरा और बोला "टायरों से थोड़ी हवा निकाल देते हैं तो वह सुरंग की छत से नीचे आना शुरू कर देगी और हम सुरक्षित रूप से गुज़र जाएंगे।

बच्चे की शानदार सलाह से हर कोई चकित था और वास्तव में बस के टायर से हवा का दबाव कम कर दिया इस तरह बस सुरंग की छत के स्तर से गुज़र गई और सभी सुरक्षित बाहर आ गए।

घमंड, अहंकार, घृणा, स्वार्थ और लालच से हम लोगो के सामने फुले होते हैं। अगर हम अपने अंदर से इन बातों की हवा निकाल देते हैं तो दुनिया की इस सुरंग से हमारा गुज़रना आसान हो जाएगा।

    

गुरुवार, 8 दिसंबर 2022

तांबे के बर्तन में रखे पानी का पुरा फायदा उठाने का सही तरीका

 तांबे के बर्तन में रखे पानी का पुरा फायदा उठाने का सही तरीका है की रात्री में सोते समय तांबे के साफ बर्तन में एक लीटर तक पानी रख दें और सुबह उठकर खाली पेट धीरे-धीरे पिएं ।

तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे

🔷️ तांबे का पानी पाचनतंत्र को मजबूत करता है और बेहतर पाचन में सहायता करता है। तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से अतिरिक्त वसा को कम करने में बेहद मदद मिलती है।

🔷️ तांबे में एंटी-इन्फलेमेटरी गुण होते हैं।जो शरीर में दर्द,सूजन तथा एठन की समस्या नहीं होने देते।

🔷️ आर्थराईटीस की समस्या से निपटने में भी तांबे का पानी फायदेमंद होता है।

🔷️ तांबे के बर्तन में रखा पानी पूरी तरह शुद्ध माना जाता है। यह डायरिया,पीलिया,डीसेंट्री और अन्य प्रकार की बिमारियों को पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म कर देता है।

🔷️ अमेरिका के कैंसर सोसायटी के अनुसार-तांबा कैंसर की शुरुवात को रोकने में मदद करता है और इसमें कैंसर विरोधी तत्व मौजूद होते हैं।

🔷️ यह दिल को स्वस्थ बनाए रखकर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर बैड कॉलेस्ट्रॉल को कम करता है। इसके अलावा यह हार्ट अटैक के खतरे को भी कम करता है। यह वात,पित्त और कफ की समस्या को दुर करने में मदद करता है।

🔷️ तांबा यानी कापर,सिधे तौर पर आपके शरीर में कापर की कमी को पुरा करता है और बिमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया से सुरक्षा देता है।

🔷️ एनीमिया की समस्या में भी इस बर्तन में रखा पानी पीने से लाभ मिलता है। यह खाने से आयरन को आसानी से सोख लेता है,जो एनीमिया से निपटने के लिए बेहद जरुरी है।पानी पीने के क्या-क्या फायदे हैं?

🔷️ शरीर की अतिरिक्त सफाई के लिए तांबे का पानी कारगर होता है। इसके अलावा यह लीवर और किडनी को स्वस्थ रखता है और किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन से निपटने में तांबे के बर्तन में रखा पानी लाभप्रद होता है।

भगवान कहाँ है और उन पर क्यों विश्वास करें ?

एक दिन एक महिला को (किसी धार्मिक स्थल से) सेवा का हुकुम आया, महिला सेवा में चली गयी । थोड़ी देर बाद महिला को फ़ोन आया की उसके बेटे का ऐक्सिडेंट हो गया वो महिला भगवान जी से आज्ञा लेकर हॉस्पिटल पहुँची ।

महिला ने भगवान से प्रार्थना की और अपने बेटे की संभाल में लग गई ।

महिला की एक पड़ोसन जो उसकी दोस्त भी थी बोली बहन तेरे भगवान जी कैसे है

तू दिन रात सेवा में लगी रहती है और उन्होंने तेरे साथ क्या किया….

तेरे बेटे का ऐक्सिडेंट हो गया ।

वो महिला बोली मुझे तो अपने भगवान जी पर पूरा भरोसा है। वो जो करते है बिल्कुल सही करते हैं इसमें भी कोई राज की बात होगी। मेरे भगवान जी किसी का बुरा नही करते,जो होता है अच्छा ही होता है ।

कुछ दिनो बाद बच्चा ठीक हो गया । महिला फिर से सेवा में लग गयी। फिर कुछ दिन बाद पता चला की बेटे का फिर ऐक्सिडेंट हो गया है….. अब पड़ोसन फिर कहने लगी बहन तुझे तेरे भगवान जी ने क्या दिया*

तो महिला बोली कुछ घटनाएँ हमारी परीक्षा के लिए भी होती हैं। ज़रुर मेरे भगवानजी मुझे कुछ समझाना चाहते हैं।

मैं  नही डोलूंगी ।

महिला भक्ति करती रही ,भगवान जी के सामने विनती करती रही……

धीरे धीरे बेटा फिर ठीक हो गया ।

अब बेटे का तीसरी बार फिर ऐक्सिडेंट हो गया तो पड़ोसन बोली बहन तू नही मानेगी! तू मुझे अपने बेटे की कुंडली दे,मैं अपने महाराज को दिखाऊँगी। महिला बोली ठीक है,तू भी अपने मन की तसल्ली कर ले लेकिन मेरा विश्वास नही डोलेगा।

मेरे भगवानजी सब ठीक कर देंगे ।

अब पड़ोसन कुंडली लेकर अपने पंडित जी के पास गयी और बोली महाराज जी इस बच्चे का बार बार ऐक्सिडेंट हो जाता है कुछ उपाय बताइए । महाराज बोले ये क्या ले आयी बहन, जिस किसी की भी ये कुंडली है,वो तो कई साल पहले मर चुका है।

तो बहन बोली नही महाराज मेरी सहेली का बेटा है और आज भी ज़िंदा है पर बार बार चोट लग जाती है ।

पंडित जी बोले जो भी है…..

कुंडली के हिसाब से उसकी मृत्यु कई साल पहले हो जानी चाहिए थी जरुर कोई शक्ति है जो उसे बचा लेती है।

 वो बहन की आँखें भर आईं।

दौडी दौड़ी उस महिला के पास आकर चरणो में गिर गयी बोली बहन मुझे भी अपने भगवान जी के पास ले चल । पूछने पर सारी बात बताई  और फिर बहन ने भी भगवान जी की शरण ले ली और सेवा करने लगी।

शिक्षा:-कहने का भाव ये है कि हमारा विश्वास कभी नही डोलना चाहिए। भगवान जी हर पल हमारी रक्षा करते है।

जय श्रीराम

गुरुवार, 1 दिसंबर 2022

जोड़ो का दर्द ठीक करने का उपाय

जोड़ो का दर्द ठीक करने का उपाय
• यदि घुटने की गद्दी घिस जाना, कैल्शियम कम होना,घुटने के हड्डियों के बीच अंतर कम या ज्यादा हों जाना इत्यादि
• ‎अपथ्य भोजन :- (तीन से 6 माह तक क्या न खायें)
केला,सब खट्टे फल,खट्टे पदार्थ,ठंडे पदार्थ,सब सूखे मेवे, उड़द की दाल । जोड़ो के दर्द में कब्ज की मुख्य भूमिका होती है इसलिये पेट का साफ रहना अतिआवश्यक है।

पथ्य :- दोपहर से पहले चने के दाने के बराबर चुना थोड़े से गुड़ व देशी गाय के घी के साथ खाएं। कम से कम 20 मिंट हल्के कपड़े पहन कर धूप में बैठे।
तेल लगाने हेतु आवश्यक सामग्री व बनाने की विधि :-
1 लीटर सरसो तेल
4 लहसुन की गांठे ( कुचली हुई)
4 बड़े चमच्च मेथी दाना चूर्ण
4 चम्मच सौठ चूर्ण
4 चम्मच अजवायन चूर्ण

1 लीटर सरसो तेल में कुचला हुया लहसुन डालकर भूरे होने तक धीमी आंच पर गर्म करें
उसके बाद सभी चूर्ण डालकर काला होने तक गर्म करें व ठंडा होने पर बिना छाने किसी काँच या स्टेन्स स्टील के बर्तन में सुरक्षित रखें व इसे घुटने या दर्द वाले जोड़ो पर व 2 से 3 इंच ऊपर नीचे तक लगाए । ( मालिश न करें)

घुटने हेतु विशेष व्यायाम :-
• पैर के पंजे व अँगुली में तेल लगाएं व पैर और घुटने के तनाव कम करने हेतु अँगुली को बारी बारी से उल्टा सीधा घुमाए।

• ‎एक पैर के अंगूठे को हाथ से पकड़कर जमीन से 6 इंच ऊपर उठाएं व एक झटका देकर धीरे से जमीन पर रख दे।

• ‎पैरो के दोनों पंजो को जोड़कर ज्यादा से ज्यादा जमीन,मुह,दाएं व बाएं घड़ी के विपरीत दिशा में ले जाएं।

• ‎दोनो पैरो की एड़ियों  एक साथ उठाकर पंजो के बल खड़े हो जाइए व दोनो घुटनो को जांघो की ओर खिंचे परिणामस्वरूप दोनो पैरों की पिंडलियां व जांघे सख्त हो जाएगी।

💐 घुटनों के दर्द को ठीक करने में कब्ज को दूर करना आवश्यक है इसके लिये निम्न उपयो
को करें:-
• सबेरे उठकर दो ग्लास गुनगुना पानी घुट घुट कर पियें
• ‎कब्ज रहने तक छिलके वाली मूंग की दाल खाये
• ‎भोजन चबा चबा कर करें
• ‎एक भोजन पूणतः पचने के बाद ही दूसरा भोजन करें
• ‎भोजन के दौरान पानी न पिएं भोजन के बाद एक या दो घुट ही पानी पिये उसके डेढ़ घण्टे बाद पानी जरूर पियें
• ‎पानी हमेशा बैठकर व घुट घुट भर कर पियें

कब्ज से बचने हेतु निम्न उपयोग कर सकते हैं

• ‎भोजन के पश्चात बेल की कैंडी जरूर खाये
‎या
• ‎2 चम्मच त्रिफला (1:2:3) वाला गर्म दूध या गर्म पानी के साथ
या
• ‎रात्रि भोजन में चुकन्दर की सब्जी जरूर खाएं
या
• ‎रात्रि भोजन के बाद 10 मुनक्के एक गिलास दूध में उबालकर मुनक्के खा ले व दूध पी जाएं
या
• ‎2 अंजीर 10 मुंनके बीज निकालकर रात को पानी मे भिगो दें दोपहर भोजन के बाद एक अंजीर 5 मुंनके खाये बचे एक अंजीर 5 मुंनके शाम
या
• ‎छोटी हरड़ को अरण्ड के तेल में भूनकर मसलकर रख ले सुबह 4 बजे आधा चम्मच इसे सेवन कर एक गिलास पानी पी पुनः सो जाएं
या
• ‎2 चम्मच अरण्ड का तेल गरम पानी या दूध के साथ

3 से 6 माह उपर्योक्त नियम का पालन कर आप अपना स्वास्थ्य व समृद्धि बचा सकते हैं

जब घुटने बदलने की नौबत आये उससे पहले यह प्रयोग जरूर अपनाये विनती है :- हरसिंगार एक पौधा है जिसके सफेद रंग के फूल होते है ये फूल रात को खिलकर सुबह गिर जाते है इस पौधे के 6 से 7 पत्तों को सिल बट्टे पर पीसकर इसकी चटनी बना ले और एक गलास पानी में उबाले। उबलते उबलते जब यह आधा रहा जाये तो इसको गुनगुना करके रात को रख दे सुबह प्रतिदिन खाली पेट पीये। ऐसा करने से जोड़ो के दर्द से आपको मुक्ति मिलेगी। इस औषधि के साथ कोई अन्य दवा नहीं लेनी है। यह उपाय सबसे ज्यादा कारगर और सफल है।

कनेर के पत्तों को उबालकर उसको उसके पत्तों की चटनी बना ले और तिल के तेल में मिलाकर घुटनों पर मालिश करे ऐसा करने से आपको दर्द से मुक्ति मिलेगी।

 आपके घुटनों में दर्द रहता है तो रोज रात को 2 चम्मच मैथी को एक ग्लास पानी में भिगो कर रख दे। और प्रात: काल खाली पेट मेथी को चबा चबा कर खाने से और मेथी का पानी पीने से आपको कभी भी घुटनो का दर्द नही होगा।
एक ग्लास दूध में 4-5 लहसुन की कलियाँ डाल कर अच्छी तरह से उबाले और गुनगुना पीने से भी घुटनों के दर्द में आराम मिलता है।

 हर रोज आधा कच्चा नारियल खाने से बुढ़ापे में भी कभी आपको घुटनों के दर्द का परेशानी नही होगी।

 5 अखरोट प्रतिदिन खाली पेट खाने से आपके घुटने में कभी कष्ट नही होगा।

रोज रात को सोने से पहले एक ग्लास दूध ने हल्दी डाल कर पीने से आपको हड्डियों में दर्द की समस्या से मुक्ति मिलेगी।

एक दाल के दाने के बराबर थोड़ा सा चूना (जो आप पान में लगा कर खाते है) को दही में या पानी में मिला कर पीने से आपको हड्डियों में कभी दर्द नही होगा। चूने के पानी को हमेशा सीधे बैठकर ही पिए इससे आपको जल्दी आराम होगा। यह औषधि सिर्फ 1 महीने पीने से ही शरीर की किसी भी हड्डी में दर्द हो तो वो जल्दी ठीक हो जाएगा।

सुबह और शाम को भद्र आसन करने से आपको लाभ मिलेगा।

  हड्डियों के दर्द से बचने के लिए आप अपने भोजन में 25% फल और सब्जियों को शामिल करेगे तो आपको कभी भी हड्डियों के दर्द का सामना नहीं करना पड़ेगा।

 नारियल, सेब, संतरे, मौसमी, केले, नाशपति, तरबूज और खरबूजे आदि फलों का सेवन हर रोज जरुर करे।

 गोभी, सोयाबीन, हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ खीरे, ककड़ी, गाजर, और मेथी को अवश्य शामिल करे।

 दूध और दूध से बनी चीजे भरपूर मात्रा में खाए और कच्चा पनीर भी भोजन में शामिल करे, ऐसा करने से आपके जोड़ों के दर्द में कमी आएगी।

 मोटा अनाज, मकई, बाजरा, चोकर वाले आटे की रोटियों का जरुर उपयोग करे। क्योंकि इनमे वो सभी तत्व होता है जो आपकी हड्डियों और जोड़ो के दर्द से मुक्ति दिलाता है।

 अगर अत्यधिक सर्दी की वजह से  घुटनों में बहुत अधिक पीड़ा है तो सरसों के तेल में लहसुन और अजवायन को पकाये और फिर जब यह तेल गुनगुना हो जाये तो घुटनों पर मालिश करे, उनका दर्द छू मंतर हो जायेगा।

नीचे बताई गयी सामग्री को मिला कर हल्दी का एक दर्द निवारक पेस्ट बना लीजिये :
1 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
1 छोटा चम्मच पीसी हुई चीनी, या बूरा या शहद या चीनी
1 चुटकी चूना (जो पान में लगा कर खाया जाता है) और आवश्यकतानुसार पानी।

इन सभी को अच्छी तरह मिला लीजिये। एक लाल रंग का गाढ़ा पेस्ट बन जाएगा। सोने से पहले यह पेस्ट अपने घुटनों पे लगाइए। इसे सारी रात घुटनों पे लगा रहने दीजिये। सुबह साधारण पानी से धो लीजिये। कुछ दिनों तक प्रतिदिन इसका इस्तेमाल करने से सूजन, खिंचाव, चोट आदि के कारण होने वाला घुटनों का दर्द पूरी तरह ठीक हो जाएगा।

 21 छोटा चम्मच सोंठ का पाउडर लीजिये और इसमें थोडा सरसों का तेल मिलाइए। इसे अच्छी तरह मिला कर गाड़ा पेस्ट बना लीजिये। इसे अपने घुटनों पर मलिए। इसका प्रयोग आप दिन या रात कभी भी कर सकते हैं। कुछ घंटों बाद इसे धो लीजिये। यह प्रयोग करने से आपको घुटनों के दर्द में बहुत जल्दी आराम मिलेगा।

4-5 बादाम,5 6 काली मिर्च,10 मुनक्का,5 6 अखरोट प्रतिदिन सुबह खाये

खजूर विटामिन ए, बी, सी, आयरन व फोस्फोरस का एक अच्छा प्राकृतिक स्रोत है. इसलिए, खजूर घुटनों के दर्द सहित सभी प्रकार के जोड़ों के दर्द के लिए बहुत असरकारक है.

एक कप पानी में 7-8 खजूर रात भर भिगोयें। सुबह खाली पेट ये खजूर खाएं और जिस पानी में खजूर भिगोये थे, वो पानी भी पीयें। ऐसा करने से घुटनों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, और घुटनों के दर्द में बहुत लाभ मिलता है।

नारियल भी घुटनों के दर्द के लिए बहुत अच्छी औषधी है। रोजाना सूखा नारियल खाएं। नारियल का दूध पीयें। घुटनों पर दिन में दो बार नारियल के तेल की मालिश करें इससे घुटनों के दर्द में अद्भुत लाभ होता है। ईश्वर से यही प्रार्थना है कि आपको इन आसान और कारगर उपायो से लाभ मिले।

होमओपैथी के द्वारा

जोड़ के दर्द दो तरह के होते हैं l छोटे जोड़ों के दर्दो को गठिया कहते हैं, इन जोड़ों का दर्द जब काफी पुराना हो जाता है तब जोड़ विकृत यानि टेढ़े – मेढ़े हो जाते हैं तब इसे पुराना संधि प्रदाह (arthritis deformans) कटे हैं l बड़े जोड़ों तथा पुट्ठे के दर्दो को वात रोग (rheumatism) कहते हैं l वात रोग (gout) में जोड़ों की गांठें सूज जाती है, बुखार हो जाता है, बेहद दर्द और बेचैनी होती है l कारण : ओस या सर्दी लगना, देर तक भीगना, अधिक मांस, खटाई या ठंडी वस्तुएं खाना, शराब का अधिक सेवन करना व विलासिता, आदि l

●  मुख्य दवा l जब पेशाब में यूरिक एसिड व युरेट्स काफी मात्रा में आये – (अर्टिका युरेन्स Q, 10 बूंद दिन में 3 बार)

●  छोटे जोडों में दर्द व सुजन, दर्द कटने या चुभने जैसा; रात में या चलने फिरने से बढ़े – (कोल्चिकम 6 या 30, दिन में 3 बार)

●  जब दर्द एक जोड़ से दुसरे जोड़ में चलता-फिरता रहे – (पल्साटिला 30, दिन में 4 बार)

●  रोग खासकर पैर के अंगूठे में सूजन के साथ l ठण्ड या बर्फ की पट्टी से रोग घटे l दर्द नीचे से ऊपर की ओर जाये – (लीडम पाल 6 या 30, दिन में 4 बार)

●  जब रोग अचानक ठंड के कारण शुरू हो – (एकोनाइट 6 या 30, दिन में 4 बार)

●  जब गठिया रोग चर्म रोगों के साथ शुरू हो – (सल्फर 30, दिन में 3 बार)

● जब रोग ठण्ड से बढ़े l सेकने व चलने फिरने से आराम आये – (रस टक्स 30 या 200, दिन में 3 बार)

●   मौसम बदलने के साथ रोग की पुनरावृत्ति – (कल्केरिया कार्ब 30 या 200, दिन में 3 बार)

●   हाथ पैर के छोटे छोटे जोड़ों में दर्द  व सूजन – (स्टेफिसेगिरिया 30 या 200, दिन में 3 बार)

● शराबियों में जोड़ों का दर्द – (नक्स वोमिका 30 या 200, दिन में 3 बार)

● जब दर्द स्थान बदलता रहे l हिलने डुलने से रोग बढ़े – (स्टैलेरिया मीडिया Q, दिन में 3 बार)

●  अंगुलियों के जोडों का दर्द – (लाइकोपोडियम 30, दिन में 3 बार)

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