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बुधवार, 14 जून 2023

हर मंगलवार को आप मंदिर में पहुंचने की आदत डालें

आवश्यक
संदेश

भाइयों मंगलवार आ रहा है। हर मंगलवार को आप मंदिर में पहुंचने की आदत डालें जिस तरह ईसाई रविवार को चर्च जरूर जाता है। और मुसलमान शुक्रवार को मस्जिद जरूर जाता है। हमें भी मंगलवार का दिन तय करना पड़ेगा बल और बुद्धि का दिवस शक्ति का दिवस हनुमान जी का दिवस।
आप सभी को शिकायत होती है कि हिंदू कभी हिंदू के लिए खड़ा नहीं होता। कैसे होगा क्या आपने ऐसा कोई नियम बना रखा है जिसमें आप कम से कम सप्ताह में एक बार एक दूसरे से मिले।
आइए हम अपने वीरान पड़े मंदिरों को शक्ति और संगठन स्थल के रूप में विकसित करें।

               हर मंगलवार शाम को 7:00 से 7:30 के बीच आप चाहे कहीं भी है मंदिर अवश्य पहुंचे । हनुमान चालीसा एवं आरती का समय यही होता है।
आप अपने घर पर हैं तो घर के पास के मंदिर में ।दुकान पर है तो दुकान के पास के मंदिर में ऑफिस में है तो ऑफिस के पास किसी मंदिर में ।अगर आप यात्रा पर भी हैं तो आप जहां भी हैं वहां पर आसपास किसी भी मंदिर में हर मंगलवार 7:00 से 7:30 के बीच जरूर पहुंचे।
कल्पना कीजिए भारतवर्ष में लाखों लाखों मंदिर है अगर हर मंदिर में सिर्फ 50 से 100 लोग भी पहुंचेंगे और एक साथ उनके घंटों की शंख की और आरती की आवाजें गूंज आएगी तो एक मिश्रित संगीत जब पूरे भारतवर्ष में हर मंगलवार ठीक 7:00 से 7:30 के बीच में गूंजेगा तो यह आवाज पूरी दुनिया में जाएगी इसका असर बहुत ही दूरगामी होगा। विश्वास कीजिए आज की सभी समस्याएं कपूर की तरह उड़ जाएगी इतनी बड़ी संख्या में जब हिंदू अपने मंदिरों में पहुंचेगा वह भी हर सप्ताह तो किसी माई के लाल में हिम्मत नहीं होगी कि हिंदू को छेड़ सके।
हो सके तो अपने साथ अपने बीवी बच्चों को भी लेकर मंदिर जाए जब आप इस तरह से नियमित रूप से हर मंगलवार मंदिर पहुंचेंगे तो वहां आपके आस पड़ोस में एक ही जो लोग हैं वह भी आपसे मिलेंगे आपकी जान पहचान बढ़ेगी आपस में संबंध बढ़ेंगे और फिर आप एक दूसरे के सुख दुख में भी शामिल होंगे इसी तरह से हम सभी एकता के सूत्र में बंध जाएंगे।
अगर संदेश पसंद आया है तो इसे सभी ग्रुपों में प्रसारित करें। और आज ही प्रण करें चाहे हम कुछ भी कर रहे हैं हर मंगलवार 7:00 से 7:30 के बीच हम मंदिर जरूर पहुंचेंगे अपने लिए नहीं अपने समाज और अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए। ध्यान रहे अब यह आवश्यक हो चुका है अगर आप इसे अभी भी डालते रहे तो बहुत बड़े खतरे में आप पढ़ने वाले हैं। जितना शीघ्र आप इसे शुरू करेंगे इतना जल्दी आप एक दूसरे से एकता के सूत्र में बंध जाएंगे।

               जय श्री राम

इस संदेश को कम से कम पांच ग्रुप मैं जरूर भेजे
  कुछ लोग नही भेजेंगे लेकिन मुझे यकीन है आप जरूर भेजेंगे

                 जय श्री राम

मंगलवार, 13 जून 2023

विकास लड्ढा को मिली शेयर बाजार के 'टेक्निकल एनिलिसिस' में डॉक्टरेट की उपाधि

विकास लड्ढा को मिली
शेयर बाजार के 'टेक्निकल एनिलिसिस' में डॉक्टरेट की उपाधि

किंग ऑफ निफ्टी के डायरेक्टर हैं अहमदाबाद (भीलवाड़ा) निवासी श्री विकास लड्ढा
* आर्थिक जगत में धन का महत्व और उसकी उपयोगिता को हर कोई समझता है। विशेषकर कोरोना और उसके बाद उपजे हालातों पर दृष्टिपात करें तो पाएंगे की परिस्थितियां विकट से विकटतम प्रतीत होती जा रही है।

विशेषज्ञों के दावे कुछ भी कहते हों लेकिन व्यवसायिक हलचल चिंताजनक जरूर हुई है। तमाम व्यवसायों पर नजर डाले तो एक ही कहानी सामने आती है की उत्पादन तो बढ़ा है लेकिन खरीददार कम हो गए हैं, जहां खरीददार हैं, वहां वस्तु के दामों का अवमूल्यन हुआ है। ऐसे में उत्पादित वस्तु के मुनाफे का प्रतिशत कम से कमतर होता जा रहा है।

विभिन्न व्यवसायों पर रिसर्च करने पर ज्ञात हुआ की शेयर बाजार एक ऐसा व्यवसाय है, जिसे व्यवसायिक बुद्धि और नफे-नुकसान की सीमा को तय करते हुए अच्छी कंपनियों में निवेश किया जाए तो बेहतर रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है। बस एक अड़चन आती है की शेयर में निवेश की जानकारी किससे प्राप्त की जाए ? यह जानकारी अनेक ब्रोकर और बड़े-बड़े समूह भी उपलब्ध करवाते हैं लेकिन अनिश्चितता के साथ। ऐसे में जोखिम बढ़ने के साथ नुकसान का डर भी रहता है। लेकिन पिछले कुछ महीनों से "किंग ऑफ निफ्टी" ग्रुप ने कमाल का प्रदर्शन किया है। इनके द्वारा बताए गए फंडों से निवेशकों ने मुनाफा भी कमाया है और पूर्व में हुए नुकसान की भरपाई भी की है।

किंग ऑफ निफ्टी के डायरेक्टर श्री विकास लड्ढा, अहमदाबाद (भीलवाड़ा) से बातचीत करने पर सामने आया की वो व्यक्तिगत रूप से निवेशकों को कोचिंग भी उपलब्ध करवाते हैं। केश, डिलिवरी, इंट्राडे, निफ्टी 50, 100, बैंक निफ्टी, गोल्ड, सिल्वर, सहित कमोडिटी में भी खरीद और बेचान के लेवल्स बताते हैं। यही नहीं इनके खरीद और बेचान की एक्यूरेसी भी 95% सही जाती है। यह देखकर आश्चर्य होता है की एक महीने पहले, एक दिन पहले और बाजार खुलने के 15 मिनट पहल ही बता देते हैं की बाजार की चाल क्या रहेगी। वर्षों की मेहनत के साथ और गुरु - गोविंद की कृपा के बिना अनिश्चितता वाले शेयर बाजार की इतनी सटीक जानकारी देना संभव नहीं है।

Dr. Vikas Laddha - 9785609947


सीखने के लिए उम्र नहीं, जज्बे की जरूरत होती है। जो दूसरों के कंधों पर जिंदगी गुजारने की सोचते हैं वो सफलता के लिए मोहताज ही रहते हैं। लेकिन जिन्होंने ठान ली मंजिल वो उसे पाकर ही रहते हैं। दोस्तों ये अल्फाज़ मेरे या आपके लिए नहीं, हर उस बन्दे के लिए है जो ईश्वर में आस्था रख, निकल पड़ता हैं अपने जुनून को पाने के लिए। वो बढ़ते रहे मंजिल की ओर, कारवां बनता गया। 

हम यहां बात कर रहे हैं उस शख्सियत की जो हमारे बीच से निकलकर उस मंजिल पर पहुंच चुका है जहां सफलता हर कदम पर उनका कदम चूमेगी। विकास लड्ढा, गांव की मिट्टी से निकला एक ऐसा बंदा जिसने अपनी मेहनत लगन और ईमानदारी से कर्म को साक्षी रखते हुए जा खड़ा हुआ शेयर बाजार के उस मैदान पर, जहां अनुभवी लोग भी हवा के मामूली ठंडे झोंके से ही सिहर उठते हैं। 

किंग ऑफ निफ्टी के डायरेक्टर विकास लड्ढा ने शेयर बाजार में ' टेक्निकल एनेलिसिस ' पर अनुसंधान कर डॉक्टरेट (पीएचडी) की उपाधि प्राप्त की। पिछले दिनों 11 जून 2023 को अमेरिकन ईस्ट कोस्ट यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने से पूर्व भी एमबीए, एमएसडब्ल्यू, एलएलबी और डीएलएल जेसी डिग्री आपके हाथ में थी। डीएलएल में राजस्थान टॉपर और गोल्ड मेडलिस्ट होने के बावजूद भी पीएचडी प्राप्त करने के जुनून ने इनको उस और आकर्षित किया जिस और बहुत कम लोग देखते हैं। इनकी मेहनत लगन और ईश्वर के आशीर्वाद से आज ये उस मुकाम पर जा खड़े हुए हैं जहां से पीछे मुड़कर देखना अब संभव नहीं। आज अपनी मेहनत और श्याम कृपा के दम पर अपने स्टूडेंट्स को शेयर बाजार की ऑनलाइन तकनीकी शिक्षा देते हुए निफ्टी और अन्य स्टॉक्स पर अपनी राय रखते हैं और पेपर ट्रेड से आमजन को शिक्षित करते हैं। हालंकि आप सेबी से अधिकृत नहीं हैं लेकिन तकनीकी रूप से  मजबूत हैं। अब डॉक्टरेट की उपाधि 'सोने पर सुहागा' के रूप में चार चांद लगाएगी।





आपको कोटिश: बधाई!!

सोमवार, 12 जून 2023

तबाह और बर्बाद हो गयी ये तमाम सेक्युलर लड़कियां, मिला सिर्फ आंसू, प्रताड़ना, शोषण, मुस्लिम बच्चे और तलाक, इनके शौहर लाइफ में मस्त, ये हो गयी गुमनाम

तबाह और बर्बाद .........
..........  हो गयी ये तमाम सेक्युलर लड़कियां, मिला सिर्फ आंसू, प्रताड़ना, शोषण, मुस्लिम बच्चे और तलाक, इनके शौहर लाइफ में मस्त, ये हो गयी गुमनाम


अगर आप से पुछा जाये की आज सैफ अली खान से निकाह करने वाली अमृता सिंह कहाँ पर है, आमिर खान से निकाह करने वाली रीना दत्ता कहाँ पर है ? ओमर अब्दुल्ला से निकाह करने वाली पायल नाथ कहाँ पर है ? मोहम्मद अजहरुद्दीन से निकाह करने वाली संगीता बिजलानी कहाँ पर है, फरहान अख्तर से निकाह करने वाली अनुराधा कहाँ पर है ? और नवाजुद्दीन सिद्दीकी से निकाह करने वाली अंजना किशोर पांडे कहाँ पर है ?

ये सब अब गुमनाम हो चुकी है, इनका कोई अतापता नहीं है, पर हां जिन लोगो से इन्होने निकाह किया था वो अपनी जिंदगी में मस्त है, या तो वो और किसी महिला के साथ है या फिर अपने काम काज में व्यस्त है, ये आराम से है

आज अंजना किशोर पांडे की खबर सामने आई थी जो की नवाजुद्दीन सिद्दीकी की बीवी बन कर आलिया सिद्दीकी बन गयी थी, अंजना ने आज कहा की - वो 10 साल से शोषण की शिकार है, 10 साल तक लाश बनकर रही है और अब वो और शोषण बर्दास्त नहीं कर सकती, अंजना ने ये भी कहा की अब वो आलिया से वापस अंजना किशोर पांडे बन चुकी है और नवाजुद्दीन सिद्दीकी से तलाक चाहती है

सेक्युलर निकाह करने वाली इन तमाम महिलाओं की कहानी लगभग एक सी ही है, चाहे वो अंजना किशोर पांडे हो, अमृता सिंह हो, रीना दत्ता हो, संगीता बिजलानी हो, अनुराधा हो, पायल नाथ हो, ये लिस्ट काफी लम्बी है और यहाँ पर दिव्या भारती को तो बिलकुल नहीं भुला जा सकता, वो तो मर चुकी है

सेक्युलर निकाह करने वाली ये तमाम महिलाएं अब गुमनाम होकर जी रही है, इनको अपने जीवन में मिला तो मिला तलाक, इनको मुस्लिम बच्चे भी मिले, इन सभी के अगर बच्चे है तो वो मुस्लिम ही है, इनके शौहर अब या तो दूसरी महिलाओं से निकाह कर अपनी जिंदगी आराम से जी रहे है या अपनी जिंदगी में वो बिजी होकर मस्त है, जबकि ये महिलाएं गुमनाम है, इनकी जिंदगी अब तबाह और बर्बाद हो चुकी है और ये अपने जीवन के अंत का ही इंतज़ार कर रही है

सेक्युलर निकाह करने वाली तमाम महिलाओं ने ये ही सोचा था की उनके शौहर बड़े अच्छे है और वो जीवन भर अपने शौहर के साथ सुखी जीवन व्यतीत करेंगी, इन सेक्युलर महिलाओं और इनके सेक्युलर शौहरों का जीवन कुछ दिन ठीक भी चला, बेगम शौहर ने जीवन में आनंद भी लिया पर आख़िरकार आनंद ख़त्म होने लगा और जीवन में रह गया सिर्फ मानसिक प्रताड़ना, सपनो का टूटना, शोषण और तलाक और साथ ही साथ मुस्लिम बच्चे

कहा जा सकता है की इन सेक्युलर निकाहों का रिजल्ट काफी दर्दनाक निकला जहाँ पर आंसू, सपनो के टूटने, शोषण, पछतावे के अलावा कुछ नहीं मिला, कुछ नहीं मिला😠😠
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  काफिर कन्या🇮🇱
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शुक्रवार, 9 जून 2023

पूरी दुनियाँ मिलकर भी इंसानी उंगली पर अलग अलग लकीरों वाली एक फिंगरप्रिंट नहीं बना सकती।

ईश्वर का करिश्मा...
इंसानी शरीर की उँगलियों में लकीरें तब बनने लगती हैं जब इंसान माँ के गर्भ में 4 माह तक पहुँचता है, ये लकीरें एक रेडियोएक्टिव लहर की सूरत में मांस पर बनना शुरू होती हैं इन लहरों को भी आकार DNA देता है। मगर हैरत की बात ये है कि पड़ने वाली लकीरें किसी सूरत में भी पूर्वजों और धरती पे रहने वाले इंसानों से मेल नहीं खातीं।

यानी लकीरें बनाने वाला इस तरह से समायोजन रखता है कि वो खरबों की तादाद में इंसान जो इस दुनियाँ में हैं और जो दुनियाँ में नहीं रहे उनकी उँगलियों में मौजूद लकीरों की शेप और उनके एक एक डिजाइन से अच्छे से परिचित है।

यही वजह है कि वो हर बार एक नए अंदाज का डिजाइन उसके उँगलियों पर बनाकर के ये साबित करता है...
है कोई मुझ जैसा निर्माता?
है कोई मुझ जैसा कारीगर ?
 है कोई मुझ जैसा आर्टिस्ट ?
है कोई मुझ जैसा कलाकार ?

हैरानी की सोच इस बात पर खत्म हो जाती है कि अगर जलने से जख्म लगने या किसी वजह से ये फिंगरप्रिंट मिट जाए तो दुबारा हु बहु वही लकीरें जिनमें एक कोशिका की कमी नहीं होती, दोबारा या बार बार जाहिर हो जाती है।

पूरी दुनियाँ मिलकर भी इंसानी उंगली पर अलग अलग लकीरों वाली एक फिंगरप्रिंट नहीं बना सकती।

कोई तो है जो चला रहा है।
जय हो सनातन धर्म और संस्कृति की 🙏🚩❣️

बुधवार, 7 जून 2023

बहुत भयानक आहट सुनाई दे रही है देश में...?*आप ने सुनी?

*बहुत भयानक आहट सुनाई दे रही है देश में...?*
आप ने सुनी?

👉पूरे देश में सभी रेलवे लाइनों के दोनों ओर बांग्लादेशी जिहादी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं  ने झुग्गियां बना ली हैं। 
....
👉हर स्टेशन पर सौ मीटर के अंदर मस्जिद-मजार ज़रूर मिल जाएगी।एक ही झटके में और एक ही कॉल पर पूरे भारत का रेलवे नेटवर्क जाम कर देने की स्थिति में वे आ चुके हैं!

...
👉सभी स्टेशनों, प्लेटफॉर्म्स, रेलवे लाइनों के आस पास बनी अवैध मजारों में संदिग्ध किस्म के लोग दिन रात मंडराते रहते हैं और रेकी करते रहते हैं...?

👉उनकी गठरियों में क्या सामान बिना टिकट देश भर में फैलाया जा रहा है, कोई चेक नहीं करता।

मज़ारों-मस्जिदों में किस तरह के गोदाम और काम चल रहे हैं, इससे प्रशासन आँखें बंद किये है...
हमारे शहरों में  जितने हाईवे निकलते हैं। किसी पर भी बढ़ जाइये, तो हर तीन चार किलोमीटर पर एक नई मजार बनी मिल जाएगी  बिल्कुल रोड पर।

 👉अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि कुछ तो षड़यंत्र चल रहा है। यदि पूरे देश में हालात यही हैं तो कितनी खतरनाक स्थिति है आप स्वयं समझ सकते हैं....

👉देश की राजधानी दिल्ली को जिहादियों ने लगभग चारों तरफ से घेर लिया है बल्कि दिल्ली के भीतर नई दिल्ली, जहां हमारी केन्द्र सरकार रहती है उसे भी पूरी तरह से घेर लिया है। हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से देवबंद तक तो जमात का गढ़ ही हो गया है..

👉जब भी कभी हालात बिगड़े तो राजधानी पूरी तरह से जाम मिलेगी, रेलवे लाइनें जाम मिलेंगी, हाईवेज जाम मिलेंगे। आपको भागने का मौका कहीं नहीं मिलेगा।

👉ट्रेने उड़ा दी गयीं, सड़कों पर चक्का जाम कर दिया तो न आप तक मदद आ पाएगी, न आप कहीं भाग पाएंगे...

👉सोचिए तब इस अशांतिप्रिय समुदाय के देश के भीतर फैले देशद्रोही क्या हालत करेंगे आप सोच भी नहीं सकते....?

👉कैसे एक आवाज पर सड़कें रोकी जानी है, पुलिस चौकियों, सुरक्षा बलों पल हमले होने हैं, इसकी रिहर्सल शाहीन बाग और दिल्ली दंगों में की जा चुकी है.. 

👉कौन कहाँ से कमांड करेगा, हर शहर में कौन कहाँ से लीड लेगा, कौन कहाँ फॉलो करेगा, कैसे मैसेज पास होंगे, कैसे गजवाए हिंद अमलीजामा पहनेगा....तैयारी पूरी दिखती है...

👉इंतजार है तो शायद सिर्फ पाकिस्तानी और बाँग्लादेशी आर्मी के ग्रीन सिग्नल और तालिबानी लड़ाकों का...

👉साथ ही निजामे मुस्तफा में सारे तकनीकी काम सुचारू रूप से चलाने में दक्षता प्राप्त करने का इसीलिये बच्चों को शिक्षा दिलाने में अचानक इनकी रुचि बढ़ गयी है..

👉साथ ही हिजाब-नकाब-हलाल दुकानों, और शहर के उन हिस्सों में भी, जहाँ इनकी आबादी नहीं है!

👉सहारनपुर, मुजफ्फरपुर, मेरठ, अलीगढ़, गाजियाबाद, मेवात, अलवर, गुड़गांव चारों तरफ से दिल्ली तालिबानी मानसिकता से घिर चुकी है....?

👉याद रहे अशांतिप्रिय मजहब का प्रत्येक व्यक्ति ना केवल घातक हथियारों से लैस है बल्कि मार काट में भी पूर्णतः निपुण है, और हैवानियत को शेरदिली और दयाभाव को बुज़दिली और कमजोरी तथा छल कपट करना, घात लगाकर रहना इनकी परवरिश है।

👉सोचिए विभिन्न राजनीतिक दलों के जाति के नाम पर बांटने वाले नेता, क्या हमें, हमारे परिवारों को इन देशद्रोहियों के हाथों से बचा पाएंगे?
हमें छोड़िये, क्या खुद को बचा पाएंगे?

👉हा पुलिस-प्रशासन है..
लेकिन उससे भी पहले, अपनी सुरक्षा आपकी अपनी भी जिम्मेदारी है, 
कायर न बनिये,
 तैयार रहिये, 
*👉इसलिये देश, धर्म-संस्कृति, समाज, घर-परिवार की सुरक्षा हेतु संगठित होना आरंभ करें एवं लेख को अधिक से अधिक संख्या में शेयर करें, अपने सभी मित्रों-शुभचिंतकों तक पहुँचाएं, और उनसे भी आगे फारवर्ड करके सबको अलर्ट करने को कहें।*

🚩🚩🚩🚩💪🇮🇳

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