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सोमवार, 12 नवंबर 2012

प्याज में है औषधीय गुण :

प्याज में है औषधीय गुण :-दिखने में साधारण-सा प्याज एक बेहतरीन सब्जी भी है और एक बेजोड़ औषधि भी। आइये जानते हैं इसके औषधीय गुण :-- हम प्याज का सलाद एवं सब्जी के रूप में तो उपयोग करते ही हैं, - यह एक बेहतरीन औषधि भी है। - प्याज अजीर्ण और पतले दस्त में लाभकारी है। - यह जीवाणुरोधी, तनावरोधी व दर्द निवारक, मधुमेह नियंत्रक, प्रदाह निवारक, पथरी हटाने वाला और गठियारोधी भी है। - कहा तो यह भी गया है कि त्वच
ा पर घिसने से यह बालों में वृद्धि करता है। - लू-लपट में घर से निकलने के पूर्व जेब में प्याज रखकर निकलने की हिदायत तो बुजुर्ग देते ही रहते हैं।- वैज्ञानिकों का दावा है कि प्याज खाने से दिल संबंधी रोगों का खतरा बहुत हद तक घट जाता है :-वैज्ञानिकों की मानें तो भारतीय खाने में प्याज का इस्तेमाल बैड कोलेस्ट्रोल को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे हर्ट अटैक और स्ट्रोक्स का खतरा कम रहता है। गौरतलब है कि शरीर में कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ने से ही हर्ट अटैक आता है। प्याज का सेवन शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ाने में भी मददगार साबित होता है। हांगकांग के वैज्ञानिकों ने लाल प्याज के शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव को जानने के लिए यह अध्ययन किया था। इसके लिए वैज्ञानिकों ने उच्च-कोलेस्ट्रोल युक्त आहार में प्याज को शामिल कर उसके प्रभाव को जानने की कोशिश की। वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन लोगों ने आठ सप्ताह तक प्याज का सेवन किया था, उनके शरीर में बैड कोलेस्ट्रोल के स्तर में 20 फीसदी तक की कमी आई। इस अध्ययन के आधार पर हांगकांग के चाइनीज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक झेन यू चेन ने दावा किया है कि प्याज का नियमित सेवन करने से ह्वदय संबंधी बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है।

दीपावली की रात इन 7 स्थानों पर दीपक लगाना न भूलें...

दीपावली की रात इन 7 स्थानों पर दीपक लगाना न भूलें...

दीपावली की रात महादेवी लक्ष्मी को मनाने का सबसे अच्छा समय रहता है। शास्त्रों के अनुसार बताया गया है कि दीपावली की रात में कुछ विशेष स्थानों पर दीपक लगाने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। यहां जानिए दिवाली की रात को कहां-कहां दीपक लगाना चाहिए। जिससे आपकी पैसों से जुड़ी समस्याएं समाप्त हो सकती हैं।
शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि
दीपावली रात देवी महालक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं। अत: इस रात को देवी को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न उपाय बताए गए हैं।

1. धन प्राप्ति की कामना करने वाले व्यक्ति को दीपावली की रात मुख्य दरवाजे की चौखट के दोनों ओर दीपक अवश्य लगाना चाहिए।
2. घर के आंगन में भी दीपक लगाना चाहिए। ध्यान रखें यह दीपक बुझना नहीं चाहिए।
3. हमारे घर के आसपास वाले चौराहे पर रात के समय दीपक लगाना चाहिए। ऐसा करने पर पैसों से जुड़ी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।
4. घर के पूजन स्थल में दीपक लगाएं, जो पूरी रात बुझना नहीं चाहिए। ऐसा करने पर महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
5.किसी बिल्व पत्र के पेड़ के नीचे दीपावली की शाम दीपक लगाएं। बिल्व पत्र भगवान शिव का प्रिय वृक्ष है। अत: यहां दीपक लगाने पर उनकी कृपा प्राप्त होती है।
6. घर के आसपास जो भी मंदिर हो वहां रात के समय दीपक अवश्य लगाएं।
7.पीपल के पेड़ के नीचे दीपावली की रात एक दीपक अवश्य लगाकर आएं। ऐसा करने पर आपकी धन से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाएंगी।::::::

श्री हनुमान का यह रूप है – पंचमुखी हनुमान।


श्री हनुमान का यह रूप है – पंचमुखी हनुमान।

मान्यता के अनुशार पंचमुखीहनुमान का अवतार भक्तों का कल्याण करने के लिए हुवा हैं। हनुमान के पांच मुख क्रमश:पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण और ऊ‌र्ध्व दिशा में प्रतिष्ठित हैं।
पंचमुखीहनुमानजी का अवतार मार्गशीर्ष कृष्णाष्टमी को माना जाता हैं। रुद्र के अवतार हनुमान ऊर्जा के प्रतीक माने जाते हैं। इसकी आराधना से बल, कीर्ति, आरोग्य और निर्भीकता बढती है।
रामायण के अनुसार श्री हनुमान का विराट स्वरूप पांच मुख पांच दिशाओं में हैं। हर रूप एक मुख वाला, त्रिनेत्रधारी यानि तीन आंखों और दो भुजाओं वाला है। यह पांच मुख नरसिंह, गरुड, अश्व, वानर और वराह रूप है। हनुमान के पांच मुख क्रमश:पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण और ऊ‌र्ध्व दिशा में प्रतिष्ठित माने गएं हैं।
पंचमुख हनुमान के पूर्व की ओर का मुख वानर का हैं। जिसकी प्रभा करोडों सूर्यो के तेज समान हैं। पूर्व मुख वाले हनुमान का पूजन करने से समस्त शत्रुओं का नाश हो जाता है।
पश्चिम दिशा वाला मुख गरुड का हैं। जो भक्तिप्रद, संकट, विघ्न-बाधा निवारक माने जाते हैं। गरुड की तरह हनुमानजी भी अजर-अमर माने जाते हैं।
हनुमानजी का उत्तर की ओर मुख शूकर का है। इनकी आराधना करने से अपार धन-सम्पत्ति,ऐश्वर्य, यश, दिर्धायु प्रदान करने वाल व उत्तम स्वास्थ्य देने में समर्थ हैं। है।
हनुमानजी का दक्षिणमुखी स्वरूप भगवान नृसिंह का है। जो भक्तों के भय, चिंता, परेशानी को दूर करता हैं।
श्री हनुमान का ऊ‌र्ध्वमुख घोडे के समान हैं। हनुमानजी का यह स्वरुप ब्रह्मा जी की प्रार्थना पर प्रकट हुआ था। मान्यता है कि हयग्रीवदैत्य का संहार करने के लिए वे अवतरित हुए। कष्ट में पडे भक्तों को वे शरण देते हैं। ऐसे पांच मुंह वाले रुद्र कहलाने वाले हनुमान बडे कृपालु और दयालु हैं।
हनुमतमहाकाव्य में पंचमुखीहनुमान के बारे में एक कथा हैं।
एक बार पांच मुंह वाला एक भयानक राक्षस प्रकट हुआ। उसने तपस्या करके ब्रह्माजीसे वरदान पाया कि मेरे रूप जैसा ही कोई व्यक्ति मुझे मार सके। ऐसा वरदान प्राप्त करके वह समग्र लोक में भयंकर उत्पात मचाने लगा। सभी देवताओं ने भगवान से इस कष्ट से छुटकारा मिलने की प्रार्थना की। तब प्रभु की आज्ञा पाकर हनुमानजी ने वानर, नरसिंह, गरुड, अश्व और शूकर का पंचमुख स्वरूप धारण किया। इस लिये एसी मान्यता है कि पंचमुखीहनुमान की पूजा-अर्चना से सभी देवताओं की उपासना के समान फल मिलता है। हनुमान के पांचों मुखों में तीन-तीन सुंदर आंखें आध्यात्मिक, आधिदैविक तथा आधिभौतिक तीनों तापों को छुडाने वाली हैं। ये मनुष्य के सभी विकारों को दूर करने वाले माने जाते हैं।
भक्त को शत्रुओं का नाश करने वाले हनुमानजी का हमेशा स्मरण करना चाहिए।
विद्वानो के मत से पंचमुखी हनुमानजी की उपासना से जाने-अनजाने किए गए सभी बुरे कर्म एवं चिंतन के दोषों से मुक्ति प्रदान करने वाला हैं।
पांच मुख वाले हनुमानजी की प्रतिमा धार्मिक और तंत्र शास्त्रों में भी बहुत ही चमत्कारिक फलदायी मानी गई है

आप स्पेशल हैं, इस बात को कभी मत भूलिए.

एक जाने-माने स्पीकर ने हाथ में पांच सौ का नोट लहराते हुए अपनी सेमीनार शुरू की. हाल में बैठे सैकड़ों लोगों से उसने पूछा ,” ये पांच सौ का नोट कौन लेना चाहता है?” हाथ उठना शुरू हो गए.

फिर उसने कहा ,” मैं इस नोट को आपमें से किसी एक को दूंगा पर उससे पहले मुझे ये कर लेने दीजिये .” और उसने नोट को अपनी मुट्ठी में चिमोड़ना शुरू कर दिया. और फिर उसने पूछा,” कौन है जो अब भी यह नोट लेना चाहता है?” अभी भी लोगों के हाथ उठने शुरू हो गए.

“अच्छा” उसने कहा,” अगर मैं ये कर दूं ? “ और उसने नोट को नीचे गिराकर पैरों से कुचलना शुरू कर दिया. उसने नोट उठाई , वह बिल्कुल चिमुड़ी और गन्दी हो गयी थी.

“ क्या अभी भी कोई है जो इसे लेना चाहता है?”. और एक बार फिर हाथ उठने शुरू हो गए.

“ दोस्तों , आप लोगों ने आज एक बहुत महत्त्वपूर्ण पाठ सीखा है. मैंने इस नोट के साथ इतना कुछ किया पर फिर भी आप इसे लेना चाहते थे क्योंकि ये सब होने के बावजूद नोट की कीमत घटी नहीं,उसका मूल्य अभी भी 500 था.

जीवन में कई बार हम गिरते हैं, हारते हैं, हमारे लिए हुए निर्णय हमें मिटटी में मिला देते हैं. हमें ऐसा लगने लगता है कि हमारी कोई कीमत नहीं है. लेकिन आपके साथ चाहे जो हुआ हो या भविष्य में जो हो जाए , आपका मूल्य कम नहीं होता. आप स्पेशल हैं, इस बात को कभी मत भूलिए.

कभी भी बीते हुए कल की निराशा को आने वाले कल के सपनो को बर्बाद मत करने दीजिये. याद रखिये आपके पास जो सबसे कीमती चीज है, वो है आपका जीवन.”

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