यह ब्लॉग खोजें

रविवार, 28 अप्रैल 2024

इसी साल जनवरी में कर्नाटक के मंगलुरू में स्वामी कोरगज्जा मंदिर की दानपेटी से एक कंडोम निकला था, जिसके बाद से वहाँ हड़कंप था।

 

खबर थोड़ी सी पुरानी है, पर किसी भी चैनल ने शायद नही दिखाई।

इसी साल जनवरी में कर्नाटक के मंगलुरू में स्वामी कोरगज्जा मंदिर की दानपेटी से एक कंडोम निकला था, जिसके बाद से वहाँ हड़कंप था।

मंदिर की पवित्रता को लगातार भंग किया जा रहा था, श्रद्धालु विवश थे और पुलिस लाचार क्योंकि औरधी पकड़ से बाहर थे।

भक्तों का विश्वास था कि स्वामी कोरसज्जा ऐसा नीच खत्म करने वालों को अवश्य सजा देंगे, और उनका विश्वास आखिरकार रंग लाया…

लेकिन तीन दिन पहले अचानक दूसरे समुदाय के दो लड़के मंदिर में आए और पुजारी के सामने माफी के लिए गिड़गिड़ाने लगे।

उन दोनों ने पुजारी को बताया

कि अपने साथी नवाज के साथ मिल कर उन्होंने ही कुछ दिन पहले मंदिर की दानपेटी में कंडोम डाला था।

नवाज माफी माँगने के लिए जिंदा नहीं था। दानपेटी में कंडोम डालने के बाद उसे एक दिन खून की उल्टियाँ हुईं और फिर पेचिश से उसके मल से खून निकला। अंत में वह अपने घर की दीवारों पर सिर मारते हुए मर गया। मरते समय उसने उन्हें बताया कि कोरगज्जा उन सब पर नाराज हैं।

अब्दुल रहीम और अब्दुल तौफीक ही जिंदा हैं। लेकिन वक्त बीतने के साथ रहीम को भी खून की उल्टियाँ शुरू हो गई हैं। बिलकुल वैसे ही जैसे नवाज को हुई थी। उसके बाद दोनों अपनी जान जाने के डर से घबराकर पुजारी की शरण में जाकर माफी की भीख माँग करने लगे। भगवान के सामने खड़े होकर दोनों ने सब स्वीकार कर लिया और दया की भीख माँगने लगे।

पहली दफा नहीं है जब स्वामी कोरगज्जा की शरण में इस तरह कोई माफी माँगने पहुँचा हो। 4 साल पहले मनोज पंडित नाम के एक आदमी ने स्वामी कोरगज्जा को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी। लेकिन बाद में उसकी हालत ऐसी हो गई कि वो गुरपुर के वज्रदेही मठ में माफी माँगने चला आया। मनोज ने स्वीकारा की उसे कोरगज्जा की आस्था के बारे में नहीं पता था।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी करें

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

function disabled

Old Post from Sanwariya