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शनिवार, 10 जुलाई 2021

माता पिता की अति महत्वाकांक्षा से 27-28-32 उम्र की कुँवारी लड़कियाँ घर बैठी हैं


*समाज की आज की परिस्थिति को उजागर करता एक लेख* 
 
 *माता पिता की अति महत्वाकांक्षा से  27-28-32 उम्र  की  कुँवारी लड़कियाँ घर बैठी हैं* 

 *अगर अभी भी माँ-बाप नहीं जागे तो स्थितियाँ और विस्फोटक हो सकती है।* 
 
*हमारा समाज आज बच्चों के विवाह को लेकर इतना सजग हो गया है कि आपस मे रिश्ते ही नहीं हो पा रहे हैं।*
        
*समाज में आज 27-28-32 उम्र तक की बहुत सी कुँवारी लडकियाँ घर बैठी है क्योंकि इनके सपने हैसियत से भी बहुत ज्यादा है इस प्रकार के कई उदाहरण है।*
*ऐसे लोगो के कारण समाज की  छवि बहुत खराब हो रही है।*
*सबसे बडा मानव सुख,*
*सुखी वैवाहिक जीवन होता है।*
*पैसा भी आवश्यक है।*
 *लेकिन कुछ हद तक।*
*पैसे की वजह से अच्छे रिश्ते ठुकराना गलत है।* *पहली प्राथमिकता सुखी संसार व अच्छा घर-परिवार होना चाहिये।*
*ज्यादा धन के चक्कर मे अच्छे रिश्तों को नजर-अंदाज करना गलत है।* *"संपति खरीदी जा सकती है लेकिन गुण नही।"*
*मेरा मानना है कि घर-  परिवार और लडका अच्छा देखें लेकिन ज्यादा के चक्कर मे अच्छे रिश्ते हाथ से नही जाने दें।*
*सुखी वैवाहिक जीवन जियें।*
*30 की उम्र के बाद विवाह नही होता समझौता होता है और मेडिकल स्थिति से भी देखा जाए  तो उसमें बहुत सी समस्याएँ उत्पन्न होती है।*
*"आज उससे भी बुरी स्थिति कुंडली मिलान के कारण हो गई हैं।"*
*आप सोचिए जिनके साथ कुंडली मिलती है लेकिन घर और लड़का अच्छा नहीं और जहाँ लड़के में सभी गुण हैं वहां कुण्डली नहीं मिलती और हम सब कुछ अच्छा होने के कारण भी कुण्डली की वजह से रिश्ता छोड़ देते हैं,*
*आप सोच के देखें जिन लोगो के 36 में से 20 या फिर 36 /36 गुण भी मिल गए फिर भी उनके जीवन मे तकलीफें हो रही है।*
*क्योंकि हमने लडके के गुण नही देखे।*
*"कुंडली मिलान के गुण देखे।"*
*"पंडितों ने पढे लिखे आधुनिक समाज को एक सदी और पीछे धकेल दिया कुंडली मिलान, कुण्डली मिलान इस चक्कर में अच्छे रिश्ते नही हो पा रहे हैं।*
*और ये कुन्डली का बिज़नेस आज करोड़ों रुपए का हो गया है,*
*सुबह टेलीविजन चालू करते ही पण्डित जी आपका भविष्य बताने लग जाते है और उनको खुद के भविष्य का पता नहीं होता कि उनकी बेटा या बेटी की आगे स्थिति क्या होंगी।"*
*आजकल समाज में लोग बेटी के रिश्ते के लिए (लड़के में) चौबीस टंच का सोना खरीदने जाते है,*
*देखते-देखते चार पांच साल व्यतीत हो जातें है,*
*उच्च "शिक्षा" या "जॉब" के नाम पर भी समय व्यतीत कर देते हैं।*
*लड़के देखने का अंदाज भी समय व्यतीत का अनोखा उदाहरण हो गया है?*
*खुद का मकान है कि नही?*
*अगर है तो फर्नीचर कैसा है?*
*घर में कमरे कितने हैं?*
*गाडी है की नही?*
*है तो कौनसी है?*
*रहन-सहन, खान-पान कैसा है?*
*कितने भाई-बहन हैं?*
*बंटवारे में माँ-बाप किनके गले पड़े हैं?*
*बहन कितनी हैं,*
*उनकी शादी हुई है कि नहीं?*
*माँ-बाप का स्वभाव कैसा है?*
*घर वाले, नाते-रिश्तेदार आधुनिक ख्यालात के हैं कि नही?*
*बच्चे का कद क्या है?*
*रंग-रूप कैसा है?*
*शिक्षा, कमाई, बैंक बैलेंस कितना है?*
*लड़का-लड़की सोशल मीडिया पर एक्टिव है कि नहीं?*
*उसके कितने दोस्त हैं?*
*सब बातों पर पूछताछ पूरी होने के बाद भी कुछ प्रश्न पूछने में और सोशल मीडिया पर वार्तालाप करने में और समय व्यतीत हो जाता है।*
*हालात को क्या कहे माँ -बाप की नींद ही खुलती है 30 की उम्र पर।*
*फिर चार-पाँच साल कि यह दौड़-धूप बच्चों की जवानी को बर्बाद करने के लिए काफी है।*
*इस वजह से अच्छे रिस्ते हाथ से निकल जाते हैं।*
*और माँ-बाप अपने ही बच्चों के सपनों को चूर चूर-चूर कर देते हैं।*
*"एक समय था जब खानदान देख कर रिश्ते होते थे।"*
*वो लम्बे भी निभते थे।* *समधी-समधन में मान मनुहार थी।*
*सुख-दु:ख में साथ था।*
*रिश्ते-नाते कि अहमियत का अहसास था।*
*चाहे धन-माया कम थी मगर खुशियाँ घर-आँगन में झलकती थी।*
*कभी कोई ऊँची-नीची बात हो जाती थी तो आपस में बड़े-बुजुर्ग संभाल लेते थे।*
*तलाक शब्द रिश्तों में था ही नही,*
*दाम्पत्य जीवन खट्टे-मीठे अनुभव में बीत जाया करता था।*
*दोनों एक-दूसरे के बुढ़ापे की लाठी बनते थे।*
*और पोते-पोतियों में संस्कारो के बीज भरते थे।*
*अब कहां हैं वो संस्कार?* 
*आँख की शर्म तो इतिहास हो गई।*
 *नौबत आ जाती है रिश्तों में समझौता करने की।*
*लड़का-लड़की अपने समाज के नही होंगे तो भी चलेगा,*
*ऐसी बातें भी सामने आ रही है।*
*आज समाज की लडकियाँ और लड़के खुले आम दूसरी जाति की तरफ जा रहे है और दोष दे रहे हैं कि समाज में अच्छे लड़के या लड़कियाँ मेरे लायक नही हैं।*
*कारण लडकियाँ आधुनिकता की पराकाष्ठा पार कर गई है।*
*"जब ये लड़के-लड़कियाँ मन से मैरिज करते है तब ये कुंडली मिलान का क्या होता हैं तब तो कुंडली की कोई बात नहीं होती‌"*
*यही माँ बाप सब कुछ मान लेते हैं।*
*तब कोई कुण्डली, स्टेटस, पैसा, इनकम बीच में कुछ भी नही आता।*
*अगर अभी भी माँ-बाप नही जागेंगे तो स्थितियाँ और विस्फोटक हो जाएगी।*
*समाज के लोगो को समझना होगा लड़कियों की शादी 22-23-24 में हो जाये और लड़का 25-26 का हो।*
*"सब में सब गुण नही मिलते।"*
*पीतल घर में मत लाओ।*
*घर, गाड़ी, बंगला से पहले व्यवहार तोलो।*
*माँ बाप भी आर्थिक चकाचोंध में बह रहे है ।*
*पैसे की भागम-भाग में मिलों पीछे छूट गए हैं, रिश्ते-नातेदार।*
*टूट रहे हैं घर परिवार।* *सूख रहा है प्रेम और प्यार।*
*परिवारों का इस पीढ़ी ने ऐसा तमाशा किया है कि आने वाली पीढ़ियां सिर्फ किताबों में पढ़ेंगी "संस्कार"।*
*"समाज को अब जागना जरूरी है"*
*"अन्यथा रिश्ते ढूढते रह जाएंगे।"*
                     *धन्यवाद*
                          🙏🙏

रात को पैर के तलवे में जलन होती है घरेलू उपाय है?


रात को पैर के तलवे में जलन होती है घरेलू उपाय है?

पैर के तलवे में जलन होने कारण निम्नलिखित में से किसी बीमारी के लक्षण का परिणाम हो सकता है -

  • शरीर में कैल्शियम या विटामिन बी की कमी।
  • किडनी सम्बन्धी रोग।
  • रक्त वाहिनियों में सूजन।
  • थायराइड हार्मोन का असंतुलित होना।
  • शरीर में रक्त शर्करा /डायबिटीज का स्तर बढ़ा होना आदि।

पैर के तलवे में जलन का उपचार उसके कारणों के आधार पर किया जाना चाहिए। यदि शरीर में किसी विटामिन या मिनरल्स की कमी के कारण जलन की समस्या है, तो विटामिन और कैल्शियम से युक्त फल, सब्जियों और अनाज के सेवन से नियंत्रित करना संभव होगा। किसी भी प्रकार के उपचार लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना आवशयक है, तभी पैरों के तलवे की जलन की समस्या का निदान हो पाना संभव है। इसके अतिरिक्त कुछ घरेलू उपचार अपना कर भी पैरों के जलन से तुरंत राहत पाया जा सकता है-

  • पैरों की जलन कम करने में मेहंदी की ताज़ी पत्तियों का लेप बहुत कारगर होता है। दरअसल मेहंदी की तासीर ठंडी होती है, जिसके कारण इसकी पत्तियों को पीस कर पैरों के तलवे में लेप लगाने से जलन में तुरंत आराम मिलता है।
  • गुनगुने नारियल के तेल में एक चम्मच अदरक का रस मिश्रित करें। अब इस मिश्रण से पैर के तलवे की मालिश करें। नारियल के तेल 2और अदरक की तासीर गर्म होने के कारण इसके मिश्रण से मालिश करने पर रक्त नलिकाओं में रक्त का संचार सुचारू रूप से होने में मदद मिलती है।जिससे तलवे की जलन की समस्या दूर होती है।
  • दो चम्मच हल्दी पाउडर को पानी में मिलाकर लेप बना लें। इस लेप को पैरों के तलवे में लगाने के लिए प्रयोग करें। दरअसल हल्दी में सूजनरोधी गुण पाया जाता है। जिससे तलवे के सूजन, दर्द और जलन से राहत पहुँचता है।
  • करेले की ताज़ी पत्तियों को पीस कर लेप तैयार करें। अब इस लेप को तलवे पर लगाने के लिए प्रयोग करें। इससे भी पैरों के तलवे की जलन में राहत मिलती है।

चित्र स्त्रोत गूगल

कितने लोग Amazon से 100-150 रूपये कमाते हैं?

100–150 रूपये बस ?

में महीने के २०००-३००० कमा लेता हु और मेरे लिये ये काफी है क्युकी में एक स्टूडेंट हु और २०००-३००० में अपना खर्चा भी पूरा कर लेता हु चलिए अब बताता हु की कैसे कमा रहा हु में अमेज़न से

प्रोडक्ट को सस्ते दाम में खरीद के OLX में बेच कर

जी हाँ सही सुना यही करके में हर महीने २००० से ३००० का मुनाफा कर लेता हु

सस्ते में कैसे खरीदेंगे ?

जैसे में खरीदता हु ये देखिये

39000 वाला फ़ोन मात्र 21900 में खरीद लिए और उसको में OLX पे बेच सकती थी आराम से 30000 में तो कोई भी खरीद लेते और मेरे को 8000 का फ़ायद होता, मगर मेने अपने भाई को गिफ्ट कर दिया ये फ़ोन क्यूंकि उसपे फ़ोन नहीं था और उसे ऑनलाइन क्लास के लिए फ़ोन की जरुरत थी

आप निचे वाली स्क्रीनशॉट देखिये बादमे बताता हु सस्ते में कैसे खरीदना है सामान

ये देखिये ३० रस का फिलिप्स का बल्ब

रुकिए जरा सबर कीजिये आपको सब बताऊंगा की ये सब सस्ता सामान कैसे मिलता है

65 रूपये का पजामा सेट जिसका मर्केट में मूल्य 350 रूपए है

तो ये सब हमको कैसे मिलेगा इतने सस्ते में ?

एक्चुअली ये एक टेलीग्राम चैनल है जहा पर ऐसे सस्ते और अचे डील्स आते है, जैसा की अपने ऊपर पिक्चर में देखा

जब भी किसी ऑनलाइन प्रोडक्ट का दाम गिरता है ये चैनल वालो को मालूम पद जाता है और ये चैनल में पोस्ट करे देते है

यहाँ आपको रोज़ाना सस्ते और काम दाम वाले प्रोडक्ट्स देखने मिलेंगे

और कभी कभी तो एकदम सस्ते

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जी है ये बिलकुल फ्री है और आप इस चैनल को अभी ज्वाइन कर सकते है

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पक्षियों के बारे में कुछ ऐसे तथ्य क्या हैं जिनसे आप भयभीत हो जाते हैं?

पक्षियों के बारे में कुछ ऐसे तथ्य क्या हैं जिनसे आप भयभीत हो जाते हैं?


१: एक गंजा गरुड की पकड़ एक वयस्क मानव की तुलना में लगभग १० गुना ज्यादा होती है। और उनके पास बड़े पंजे होते हैं, इसलिए यदि यह एक बाज चाहता तो अपने पंजे को आपकी बांह में कहीं भी डाल सकता है; यह शायद हड्डी नहीं तोड़ सकता, लेकिन आपका निश्चित रूप से खून बह जाता।


(एक सुनहरा गरुड चित्रित किया गया है, गंजा गरुड नहीं है, लेकिन वही ताक़त सभी ईगल के लिए जाते हैं।)

2: एक शुतुरमुर्ग 2,000 पाउंड प्रति वर्ग इंच की ताकत से लात मार सकता है और 45 मील प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है।


3: गिद्धों को चार मील दूर से 3 फुट के शव को देखने में सक्षम होने के लिए जाना जाता है, इसलिए यह आपको देखने से पहले ही आपको देख सकता है, और एक गिद्ध प्रजाति को 37, 000 फीट की ऊंचाई तक उड़ते हुए ट्रैक किया गया है, वाणिज्यिक एयरलाइनर इतनी ऊंचाई पर उड़ते हैं (यदि विमान बहुत ऊंचे जा रहे हैं) जहां आप ऑक्सीजन की कमी से 30 सेकंड से भी कम समय में ही मर जाएंगे।


4: एक बड़े कुत्ते के समान मैकॉ के काटने की शक्ति होती है, इसलिए अपनी उंगली न डालें।


5: ईगल्स को जीवित हिरणों और प्रोनहॉर्न की सवारी करते हुए और उन्हें जीवित खाते हुए देखा गया है, चट्टानों से बकरियों को खींचने का उल्लेख भी है (वे छोटे बच्चों को ले जाने के लिए जाने जाते हैं इसलिए सावधान रहें)।


6: अत्यधिक निराधार अफवाहें हैं कि बाज़ हिरणों को बाहर ले जाने के लिए हैरिस हॉक्स (पक्षियों का वजन 1-3 पाउंड) के पैक का उपयोग कर सकते हैं।


7: विशालकाय पेट्रेल का अस्तित्व, पक्षी जो एक अल्बाट्रॉस, एक चील और एक गिद्ध के बीच एक क्रॉस की तरह हैं, वे समुद्र में रहते हैं और अल्बाट्रॉस की तरह मछली खाते हैं, लेकिन सील के बच्चे और पेंगुइन का शिकार करते है और तट पर शवों को कहते हैं उप-अंटार्कटिक द्वीप।


स्पष्ट करने के लिए: ये तथ्य मुझे इन पक्षियों से डराते नहीं हैं, बल्कि मुझे केवल उनकी सराहना करते हैं और उनका अधिक सम्मान करते हैं।

कुपुत्र (कपूत) होने की पराकाष्ठा


कुपुत्र (कपूत) होने की पराकाष्ठा 

चार्जशीट के मुताबिक, सुनील ने अपनी 62 साल की मां की चाकू गोदकर हत्या की एवं शव को नमक मिर्च लगाकर खाया भी था...। आरोपी के मुंह पर मां के शरीर का खून लगा हुआ था..।


पुलिस की जांच में, बुजुर्ग महिला का शव अलग-अलग हिस्सों में कटा हुआ मिला था..। हर हिस्से पर नमक-मिर्च लगी थी..। पुलिस ने सुनील को जब पकड़ा तो उसके मुंह पर खून लगा था..।

बाद में उसने मां के अंग को खाने की बात कबूल भी की..।

2017 में अपनी मां की निर्ममता से हत्या करने और फिर उसके दिल, गुर्दे और आंतें निकाल कर उसमें नमक-मिर्च लगाकर खाने वाले शख्स को स्थानीय अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है…।


गुरुवार को आरोपी को सजा सुनाते हुए जिला अदालत के जज महेश जाधव ने कहा कि ऐसा जघन्य मामला आज तक नहीं देखने को मिला है, इसलिए आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। 35 साल का सुनील कुचिकोरवी वारदात के बाद से ही जेल में बंद था। हालांकि, उसके पास अभी सजा के खिलाफ अपील करने के कई विकल्प मौजूद हैं..।

शराब के लिए पैसे नहीं देने पर की थी हत्या :-
जांच में सामने आया कि सुनील शराब का आदी था और वारदात वाले दिन वह अपनी मां से शराब खरीदने के लिए पैसे मांगने गया था। मां ने मना किया तो गुस्से में उनका कत्ल कर दिया। इसके बाद आरोपी ने उसके शरीर के दाहिने हिस्से को चीर दिया और दिल, गुर्दे, आंत और अन्य अंगों को निकालकर रसोई के पास रख दिया और खाने लगा। इस मामले में 12 लोगों की गवाही हुई, जिसमें आरोपी के रिश्तेदार और पड़ोसी शामिल हैं। सभी ने बताया कि शराब पीने के बाद आरोपी आउट ऑफ कंट्रोल हो जाता था..।

बिच्छू अपनी माँ को क्यों खा जाता है?


बिच्छू अपनी माँ को क्यों खा जाता है?



बिच्छू एक ऐसा जीव है जो जन्म लेते ही अपनी मां को खा जाता है इस कारण वह अपनी मां को देख नहीं पाता है। बिच्छू के पैदा होते ही बिच्छू अपनी मां की पीठ पर चिपक जाते हैं और अपनी मां को खाने लगते हैं क्योंकि उनकी मां का शरीर ही उनका आहार होता है और यह बिच्छू अपनी मां के शरीर को तब तक खाते हैं जब तक बिच्छू जिंदा रहता है, और जब बिच्छू का सारा शरीर और मांस खत्म हो जाता है तब वह अपनी मां के पेट से उतर जाते हैं और स्वतंत्र होकर अपना जीवन यापन करते हैं अर्थात बिच्छू अपनी मां के शरीर को खाकर बड़ा होता है और बड़ा होने के बाद जब वह शरीर के सारे मांस को खा जाता है तो वह दूसरी जगह चला जाता है। बिच्छू के जहर में पाए जाने वाले रसायन को क्लोरोटोक्सिन कहा जाता है।


क्या ब्रांडेड घी वाकई शुद्ध है?

क्या पतंजलि का घी वाकई शुद्ध है?

तो चलिए हम भी आपसे कुछ पुछें ,,,

क्या अमूल, महान, गोपीकृष्ण, इंडाना, सरस, एवरी डे, या मदर डेयरी जैसे ब्रांडेड घी तो शुद्ध हैं,,,??

किसी भी खाद्य पदार्थों की शुद्धता के मापदंड पैकेट्स पर लिखित रूप में तो हो सकता है बेहद खूबसूरत और आकर्षक हों,,,पर वास्तविकता क्या है ये या तो ईश्वर जानता है या उसे बनाने वाले निर्माता,,,

हमारे देश में किसी भी सरकार को खाद्य पदार्थों की शुद्धता को लेकर मैंने अपने जीवन में कभी गंभीर नहीं देखा,, हमारे यहां साल में एक बार खाद्य विभाग के दिवाली से पंद्रह दिन पहले जागने का रिवाज है,, जिसमें मिठाई ,तेल घी वालों की सेंपलिंग का कार्य , कुछ सड़े मावे और मिठाइयों को नाली में डाल कर नष्ट करने जैसे वीरता पूर्ण कार्यों का फोटो सेशन अखबारों में देखने का सौभाग्य मिलता है,, फिर बाजार में शेष बची शुद्ध मिठाई और दूध को हम खा पीकर अपनी सेहत बनाते हैं,, फिर,,

,


जिन दुकानों पर घटिया और सड़ी मिठाई मिली थी उस पर कभी कोई कार्रवाई हुई या नहीं उसकी कोई खबर नहीं मिलती,,,

हमसें तो पशु ठीक हैं जो सूंघ कर पता तो लगा लेते हैं कि ये खाने योग्य है अथवा नहीं,,,हम तो सरकारी तंत्र के भरोसे बैठे वो जीव हैं जिन्हें fssai की अनुमति के बिना ही उसका लोगो इस्तेमाल कर पचास रुपए का पाम आयल छः सौ के भाव कोई भी खिला कर भाग जाता है,,,और हम खा कर अपने दिल को थपकी देकर कहते रहते हैं,,,


आल इज वेल,,,आल इज वेल

फोटो : गूगल बाबा की देन

शुक्रवार, 9 जुलाई 2021

10 जुलाई को है शनि अमावस्या, शनिदेव की पूजा का जाने समय, साढ़ेसाती और ढैय्या से मिलेगी राहत।



Shani Amavasya July 2021: शनि देव की पूजा के लिए 10 जुलाई 2021 शनिवार का दिन बहुत ही उत्तम है. इस दिन आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है. इस अमावस्या की तिथि को शनि अमावस्या या शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जाता है.

शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या जिन लोगों पर बनी हुई है, उनके लिए शनि अमावस्या की तिथि बहुत ही महत्वपूर्ण है. वर्तमान समय में मिथुन राशि, तुला राशि, धनु राशि, मकर राशि और कुंभ राशि पर शनि की विशेष दृष्टि है.

मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या और धनु,मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है.

शनि देव का फल (Mahima Shani Dev Ki)
ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को नवग्रहों में न्याय करने वाला देवता माना गया है. इसके साथ ही शनि को मेहनत यानि परिश्रक का कारक भी माना गया है. शनि एक राशि में लगभग ढाई वर्ष तक रहते हैं, शनि की चाल बहुत ही धीमी बताई गई है. यही कारण है कि शनि देव एक राशि से दूसरी राशि में जाने पर लगभग ढाई साल का समय लेते हैं. शनि व्यक्ति को कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं. इसलिए जिन लोगों पर साढ़ेसाती, ढैय्या या फिर शनि की महादशा, अंर्तदशा चल रही है उन्हें गलत कार्य और आदतों से दूर रहना चाहिए.

शनि अमावस्या शुभ मुहूर्त
10 जुलाई को शनिवार के दिन अमावस्या की तिथि प्रात: 06 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी. शनि देव की पूजा अमावस्या की तिथि के समापन से पूर्व करना उत्तम है. इस दिन शनि चालीसा और शनि मंत्र के साथ शनि आरती का पाठ करें. ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं. पूजा के बाद शनि से जुड़ी चीजों का दान अवश्य करें. एबीपी

शब्दों का अपना एक संसार होता है


*-शब्दों का संसार-*

शब्द *रचे* जाते हैं,
शब्द *गढ़े* जाते हैं,
शब्द *मढ़े* जाते हैं,
शब्द *लिखे* जाते हैं,
शब्द *पढ़े* जाते हैं,
शब्द *बोले* जाते हैं,
शब्द *तौले* जाते हैं,
शब्द *टटोले* जाते हैं,
शब्द *खंगाले* जाते हैं,

*#अंततः*

शब्द *बनते* हैं,
शब्द *संवरते* हैं,
शब्द *सुधरते* हैं,
शब्द *निखरते* हैं,
शब्द *हंसाते* हैं,
शब्द *मनाते* हैं,
शब्द *रूलाते* हैं,
शब्द *मुस्कुराते* हैं,
शब्द *खिलखिलाते* हैं,
शब्द *गुदगुदाते* हैं, 
शब्द *मुखर* हो जाते हैं,
शब्द *प्रखर* हो जाते हैं,
शब्द *मधुर* हो जाते हैं,

*#फिर भी-*

शब्द *चुभते* हैं,
शब्द *बिकते* हैं,
शब्द *रूठते* हैं,
शब्द *घाव* देते हैं,
शब्द *ताव* देते हैं,
शब्द *लड़ते* हैं,
शब्द *झगड़ते* हैं,
शब्द *बिगड़ते* हैं,
शब्द *बिखरते* हैं
शब्द *सिहरते* हैं,

*#किंतु-*

शब्द *मरते* नहीं,
शब्द *थकते* नहीं,
शब्द *रुकते* नहीं,
शब्द *चुकते* नहीं,

*#अतएव-*

शब्दों से *खेले* नहीं,
बिन सोचे *बोले* नहीं,
शब्दों को *मान* दें,
शब्दों को *सम्मान* दें,
शब्दों पर *ध्यान* दें,
शब्दों को *पहचान* दें,
ऊँची लंबी *उड़ान* दे,
शब्दों को *आत्मसात* करें...
*उनसे उनकी* बात करें,
शब्दों का *अविष्कार* करें...
ध्यान से *सुने* .....
गहन *सार्थक विचार* करें.....
व *ध्यान से समझें*, फिर *उत्तर दें*
*#क्योंकि-*

*शब्द* *अनमोल* हैं...
ज़ुबाँ से निकले *बोल* हैं,
शब्दों में *धार* होती है,
शब्दों की *महिमा अपार* होती,
शब्दों का *विशाल भंडार* होता है,

*और सच तो यह है कि-*
*शब्दों का अपना एक संसार होता है*
💐💐💐💐💐🙏🙏🙏🙏🙏

गुरुवार, 8 जुलाई 2021

अर्ध नग्न महिलाओं को देख कर 90℅ कौन मजे लेता है?


*अर्ध नग्न महिलाओं को देख कर  90℅ कौन मजे लेता है??⁉*  
*नारी स्वतंत्रता पर सच्चाई जाने, समझें???* एक लेख
👇👇👇👇👇👇👇

एक दिन मोहल्ले में किसी ख़ास अवसर पर महिला सभा का आयोजन किया गया, सभा स्थल पर महिलाओं की संख्या अधिक और पुरुषों की कम थी..!!
मंच पर तकरीबन  *पच्चीस वर्षीय खुबसूरत युवती, आधुनिक वस्त्रों से* *सुसज्जित, माइक थामें कोस रही थी पुरुष समाज को..!!*

वही पुराना आलाप.... कम और छोटे कपड़ों को जायज, और कुछ भी पहनने की स्वतंत्रता का बचाव करते हुए, पुरुषों की गन्दी सोच और खोटी नीयत का दोष बतला रही थी.!!

तभी अचानक सभा स्थल से... तीस बत्तीस वर्षीय सभ्य, शालीन और आकर्षक से दिखते नवयुवक ने खड़े होकर अपने विचार व्यक्त करने की अनुमति मांगी..!!

अनुमति स्वीकार कर माइक उसके हाथों मे सौप दिया गया .... हाथों में माइक आते ही उसने बोलना शुरु किया..!!

"माताओं, बहनों और भाइयों, मैं आप सबको नही जानता और आप सभी मुझे नहीं जानते कि, आखिर मैं कैसा इंसान हूं..?? 

लेकिन पहनावे और शक्ल सूरत से मैं आपको कैसा लगता हूँ बदमाश या शरीफ..??

सभास्थल से कई आवाजें गूंज उठीं... पहनावे और बातचीत से तो आप शरीफ लग रहे हो... शरीफ लग रहे हो... शरीफ लग रहे हो....

बस यही सुनकर, अचानक ही उसने अजीबोगरीब हरकत कर डाली... सिर्फ हाफ पैंट टाइप की अपनी  अंडरवियर छोड़ कर के बाक़ी सारे कपड़े मंच पर ही उतार दिये..!!

ये देख कर .... पूरा सभा स्थल आक्रोश से गूंज उठा, मारो-मारो गुंडा है, बदमाश है, बेशर्म है, शर्म नाम की चीज नहीं है इसमें.... मां बहन का लिहाज नहीं है इसको, नीच इंसान है, ये छोड़ना मत इसको....

ये आक्रोशित शोर सुनकर... अचानक वो माइक पर गरज उठा... 

"रुको... पहले मेरी बात सुन लो, फिर मार भी लेना , चाहे तो जिंदा जला भी देना मुझको..!!

अभी अभी तो....ये बहन जी कम कपड़े , तंग और बदन नुमाया छोटे-छोटे कपड़ों की पक्ष के साथ साथ स्वतंत्रता की दुहाई देकर गुहार लगाकर..."नीयत और सोच में खोट" बतला रही थी...!!

तब तो आप सभी तालियां बजा-बजाकर सहमति जतला रहे थे..फिर मैंने क्या किया है..?? 

सिर्फ कपड़ों की स्वतंत्रता ही तो दिखलायी है..!!

"नीयत और सोच" की खोट तो नहीं ना और फिर मैने तो, आप लोगों को... मां बहन और भाई भी कहकर ही संबोधित किया था..फिर मेरे अर्द्ध नग्न होते ही.... आप में से किसी को भी मुझमें "भाई और बेटा" क्यों नहीं नजर आया..?? 

मेरी नीयत में आप लोगों को खोट कैसे नजर आ गया..??

मुझमें आपको सिर्फ "मर्द" ही क्यों नजर आया? भाई, बेटा, दोस्त क्यों नहीं नजर आया? आप में से तो किसी की "सोच और नीयत" भी खोटी नहीं थी... फिर ऐसा क्यों?? "

सच तो यही है कि..... झूठ बोलते हैं लोग कि... 
"वेशभूषा" और "पहनावे" से कोई फर्क नहीं पड़ता

हकीकत तो यही है कि मानवीय स्वभाव है कि किसी को सरेआम बिना "आवरण" के देख लें तो कामुकता जागती है मन में...
रूप, रस, शब्द, गन्ध, स्पर्श ये बहुत प्रभावशाली कारक हैं  इनके प्रभाव से “विस्वामित्र” जैसे मुनि के मस्तिष्क में विकार पैदा हो गया था..जबकि उन्होंने सिर्फ रूप कारक के दर्शन किये..आम मनुष्यों की विसात कहाँ..??
दुर्गा शप्तशती के देव्या कवच में श्लोक 38 में भगवती से इन्हीं कारकों से रक्षा करने की प्रार्थना की गई है..

“रसे_रुपे_च_गन्धे_च_शब्दे_स्पर्शे_च_योगिनी।
सत्त्वं_रजस्तमश्चैव_रक्षेन्नारायणी_सदा।।”

रस रूप गंध शब्द स्पर्श इन विषयों का अनुभव करते समय योगिनी देवी रक्षा करें तथा सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण की रक्षा नारायणी देवी करें.!!

अब बताइए, हम भारतीय हिन्दु महिलाओं को "हिन्दु संस्कार" में रहने को समझाएं तो स्त्रियों की कौन-सी "स्वतंत्रता" छीन रहे हैं..??

*सोशल मीडिया पर अर्ध-नग्न होकर नाचती 90% कन्याएँ-महिलाएँ..हिंदू हैं..और मज़े लेने वाले 90% कौन है⁉.ये बताने की भी ज़रूरत है क्या..‼?*
*आँखे खोलिए…संभालिए अपने आप को और अपने समाज को, क्योंकि भारतीय समाज और संस्कृति का आधार नारीशक्ति है और धर्म विरोधी, अधर्मी, चांडाल (बॉलीवुड, वामपंथी,मिशनरी) ये हमारे समाज के आधार को तोड़ने का षड्यंत्र कर रहे हैं..!!*

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