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मंगलवार, 13 जून 2023

विकास लड्ढा को मिली शेयर बाजार के 'टेक्निकल एनिलिसिस' में डॉक्टरेट की उपाधि

विकास लड्ढा को मिली
शेयर बाजार के 'टेक्निकल एनिलिसिस' में डॉक्टरेट की उपाधि

किंग ऑफ निफ्टी के डायरेक्टर हैं अहमदाबाद (भीलवाड़ा) निवासी श्री विकास लड्ढा
* आर्थिक जगत में धन का महत्व और उसकी उपयोगिता को हर कोई समझता है। विशेषकर कोरोना और उसके बाद उपजे हालातों पर दृष्टिपात करें तो पाएंगे की परिस्थितियां विकट से विकटतम प्रतीत होती जा रही है।

विशेषज्ञों के दावे कुछ भी कहते हों लेकिन व्यवसायिक हलचल चिंताजनक जरूर हुई है। तमाम व्यवसायों पर नजर डाले तो एक ही कहानी सामने आती है की उत्पादन तो बढ़ा है लेकिन खरीददार कम हो गए हैं, जहां खरीददार हैं, वहां वस्तु के दामों का अवमूल्यन हुआ है। ऐसे में उत्पादित वस्तु के मुनाफे का प्रतिशत कम से कमतर होता जा रहा है।

विभिन्न व्यवसायों पर रिसर्च करने पर ज्ञात हुआ की शेयर बाजार एक ऐसा व्यवसाय है, जिसे व्यवसायिक बुद्धि और नफे-नुकसान की सीमा को तय करते हुए अच्छी कंपनियों में निवेश किया जाए तो बेहतर रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है। बस एक अड़चन आती है की शेयर में निवेश की जानकारी किससे प्राप्त की जाए ? यह जानकारी अनेक ब्रोकर और बड़े-बड़े समूह भी उपलब्ध करवाते हैं लेकिन अनिश्चितता के साथ। ऐसे में जोखिम बढ़ने के साथ नुकसान का डर भी रहता है। लेकिन पिछले कुछ महीनों से "किंग ऑफ निफ्टी" ग्रुप ने कमाल का प्रदर्शन किया है। इनके द्वारा बताए गए फंडों से निवेशकों ने मुनाफा भी कमाया है और पूर्व में हुए नुकसान की भरपाई भी की है।

किंग ऑफ निफ्टी के डायरेक्टर श्री विकास लड्ढा, अहमदाबाद (भीलवाड़ा) से बातचीत करने पर सामने आया की वो व्यक्तिगत रूप से निवेशकों को कोचिंग भी उपलब्ध करवाते हैं। केश, डिलिवरी, इंट्राडे, निफ्टी 50, 100, बैंक निफ्टी, गोल्ड, सिल्वर, सहित कमोडिटी में भी खरीद और बेचान के लेवल्स बताते हैं। यही नहीं इनके खरीद और बेचान की एक्यूरेसी भी 95% सही जाती है। यह देखकर आश्चर्य होता है की एक महीने पहले, एक दिन पहले और बाजार खुलने के 15 मिनट पहल ही बता देते हैं की बाजार की चाल क्या रहेगी। वर्षों की मेहनत के साथ और गुरु - गोविंद की कृपा के बिना अनिश्चितता वाले शेयर बाजार की इतनी सटीक जानकारी देना संभव नहीं है।

Dr. Vikas Laddha - 9785609947


सीखने के लिए उम्र नहीं, जज्बे की जरूरत होती है। जो दूसरों के कंधों पर जिंदगी गुजारने की सोचते हैं वो सफलता के लिए मोहताज ही रहते हैं। लेकिन जिन्होंने ठान ली मंजिल वो उसे पाकर ही रहते हैं। दोस्तों ये अल्फाज़ मेरे या आपके लिए नहीं, हर उस बन्दे के लिए है जो ईश्वर में आस्था रख, निकल पड़ता हैं अपने जुनून को पाने के लिए। वो बढ़ते रहे मंजिल की ओर, कारवां बनता गया। 

हम यहां बात कर रहे हैं उस शख्सियत की जो हमारे बीच से निकलकर उस मंजिल पर पहुंच चुका है जहां सफलता हर कदम पर उनका कदम चूमेगी। विकास लड्ढा, गांव की मिट्टी से निकला एक ऐसा बंदा जिसने अपनी मेहनत लगन और ईमानदारी से कर्म को साक्षी रखते हुए जा खड़ा हुआ शेयर बाजार के उस मैदान पर, जहां अनुभवी लोग भी हवा के मामूली ठंडे झोंके से ही सिहर उठते हैं। 

किंग ऑफ निफ्टी के डायरेक्टर विकास लड्ढा ने शेयर बाजार में ' टेक्निकल एनेलिसिस ' पर अनुसंधान कर डॉक्टरेट (पीएचडी) की उपाधि प्राप्त की। पिछले दिनों 11 जून 2023 को अमेरिकन ईस्ट कोस्ट यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने से पूर्व भी एमबीए, एमएसडब्ल्यू, एलएलबी और डीएलएल जेसी डिग्री आपके हाथ में थी। डीएलएल में राजस्थान टॉपर और गोल्ड मेडलिस्ट होने के बावजूद भी पीएचडी प्राप्त करने के जुनून ने इनको उस और आकर्षित किया जिस और बहुत कम लोग देखते हैं। इनकी मेहनत लगन और ईश्वर के आशीर्वाद से आज ये उस मुकाम पर जा खड़े हुए हैं जहां से पीछे मुड़कर देखना अब संभव नहीं। आज अपनी मेहनत और श्याम कृपा के दम पर अपने स्टूडेंट्स को शेयर बाजार की ऑनलाइन तकनीकी शिक्षा देते हुए निफ्टी और अन्य स्टॉक्स पर अपनी राय रखते हैं और पेपर ट्रेड से आमजन को शिक्षित करते हैं। हालंकि आप सेबी से अधिकृत नहीं हैं लेकिन तकनीकी रूप से  मजबूत हैं। अब डॉक्टरेट की उपाधि 'सोने पर सुहागा' के रूप में चार चांद लगाएगी।





आपको कोटिश: बधाई!!

सोमवार, 12 जून 2023

तबाह और बर्बाद हो गयी ये तमाम सेक्युलर लड़कियां, मिला सिर्फ आंसू, प्रताड़ना, शोषण, मुस्लिम बच्चे और तलाक, इनके शौहर लाइफ में मस्त, ये हो गयी गुमनाम

तबाह और बर्बाद .........
..........  हो गयी ये तमाम सेक्युलर लड़कियां, मिला सिर्फ आंसू, प्रताड़ना, शोषण, मुस्लिम बच्चे और तलाक, इनके शौहर लाइफ में मस्त, ये हो गयी गुमनाम


अगर आप से पुछा जाये की आज सैफ अली खान से निकाह करने वाली अमृता सिंह कहाँ पर है, आमिर खान से निकाह करने वाली रीना दत्ता कहाँ पर है ? ओमर अब्दुल्ला से निकाह करने वाली पायल नाथ कहाँ पर है ? मोहम्मद अजहरुद्दीन से निकाह करने वाली संगीता बिजलानी कहाँ पर है, फरहान अख्तर से निकाह करने वाली अनुराधा कहाँ पर है ? और नवाजुद्दीन सिद्दीकी से निकाह करने वाली अंजना किशोर पांडे कहाँ पर है ?

ये सब अब गुमनाम हो चुकी है, इनका कोई अतापता नहीं है, पर हां जिन लोगो से इन्होने निकाह किया था वो अपनी जिंदगी में मस्त है, या तो वो और किसी महिला के साथ है या फिर अपने काम काज में व्यस्त है, ये आराम से है

आज अंजना किशोर पांडे की खबर सामने आई थी जो की नवाजुद्दीन सिद्दीकी की बीवी बन कर आलिया सिद्दीकी बन गयी थी, अंजना ने आज कहा की - वो 10 साल से शोषण की शिकार है, 10 साल तक लाश बनकर रही है और अब वो और शोषण बर्दास्त नहीं कर सकती, अंजना ने ये भी कहा की अब वो आलिया से वापस अंजना किशोर पांडे बन चुकी है और नवाजुद्दीन सिद्दीकी से तलाक चाहती है

सेक्युलर निकाह करने वाली इन तमाम महिलाओं की कहानी लगभग एक सी ही है, चाहे वो अंजना किशोर पांडे हो, अमृता सिंह हो, रीना दत्ता हो, संगीता बिजलानी हो, अनुराधा हो, पायल नाथ हो, ये लिस्ट काफी लम्बी है और यहाँ पर दिव्या भारती को तो बिलकुल नहीं भुला जा सकता, वो तो मर चुकी है

सेक्युलर निकाह करने वाली ये तमाम महिलाएं अब गुमनाम होकर जी रही है, इनको अपने जीवन में मिला तो मिला तलाक, इनको मुस्लिम बच्चे भी मिले, इन सभी के अगर बच्चे है तो वो मुस्लिम ही है, इनके शौहर अब या तो दूसरी महिलाओं से निकाह कर अपनी जिंदगी आराम से जी रहे है या अपनी जिंदगी में वो बिजी होकर मस्त है, जबकि ये महिलाएं गुमनाम है, इनकी जिंदगी अब तबाह और बर्बाद हो चुकी है और ये अपने जीवन के अंत का ही इंतज़ार कर रही है

सेक्युलर निकाह करने वाली तमाम महिलाओं ने ये ही सोचा था की उनके शौहर बड़े अच्छे है और वो जीवन भर अपने शौहर के साथ सुखी जीवन व्यतीत करेंगी, इन सेक्युलर महिलाओं और इनके सेक्युलर शौहरों का जीवन कुछ दिन ठीक भी चला, बेगम शौहर ने जीवन में आनंद भी लिया पर आख़िरकार आनंद ख़त्म होने लगा और जीवन में रह गया सिर्फ मानसिक प्रताड़ना, सपनो का टूटना, शोषण और तलाक और साथ ही साथ मुस्लिम बच्चे

कहा जा सकता है की इन सेक्युलर निकाहों का रिजल्ट काफी दर्दनाक निकला जहाँ पर आंसू, सपनो के टूटने, शोषण, पछतावे के अलावा कुछ नहीं मिला, कुछ नहीं मिला😠😠
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  काफिर कन्या🇮🇱
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शुक्रवार, 9 जून 2023

पूरी दुनियाँ मिलकर भी इंसानी उंगली पर अलग अलग लकीरों वाली एक फिंगरप्रिंट नहीं बना सकती।

ईश्वर का करिश्मा...
इंसानी शरीर की उँगलियों में लकीरें तब बनने लगती हैं जब इंसान माँ के गर्भ में 4 माह तक पहुँचता है, ये लकीरें एक रेडियोएक्टिव लहर की सूरत में मांस पर बनना शुरू होती हैं इन लहरों को भी आकार DNA देता है। मगर हैरत की बात ये है कि पड़ने वाली लकीरें किसी सूरत में भी पूर्वजों और धरती पे रहने वाले इंसानों से मेल नहीं खातीं।

यानी लकीरें बनाने वाला इस तरह से समायोजन रखता है कि वो खरबों की तादाद में इंसान जो इस दुनियाँ में हैं और जो दुनियाँ में नहीं रहे उनकी उँगलियों में मौजूद लकीरों की शेप और उनके एक एक डिजाइन से अच्छे से परिचित है।

यही वजह है कि वो हर बार एक नए अंदाज का डिजाइन उसके उँगलियों पर बनाकर के ये साबित करता है...
है कोई मुझ जैसा निर्माता?
है कोई मुझ जैसा कारीगर ?
 है कोई मुझ जैसा आर्टिस्ट ?
है कोई मुझ जैसा कलाकार ?

हैरानी की सोच इस बात पर खत्म हो जाती है कि अगर जलने से जख्म लगने या किसी वजह से ये फिंगरप्रिंट मिट जाए तो दुबारा हु बहु वही लकीरें जिनमें एक कोशिका की कमी नहीं होती, दोबारा या बार बार जाहिर हो जाती है।

पूरी दुनियाँ मिलकर भी इंसानी उंगली पर अलग अलग लकीरों वाली एक फिंगरप्रिंट नहीं बना सकती।

कोई तो है जो चला रहा है।
जय हो सनातन धर्म और संस्कृति की 🙏🚩❣️

बुधवार, 7 जून 2023

बहुत भयानक आहट सुनाई दे रही है देश में...?*आप ने सुनी?

*बहुत भयानक आहट सुनाई दे रही है देश में...?*
आप ने सुनी?

👉पूरे देश में सभी रेलवे लाइनों के दोनों ओर बांग्लादेशी जिहादी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं  ने झुग्गियां बना ली हैं। 
....
👉हर स्टेशन पर सौ मीटर के अंदर मस्जिद-मजार ज़रूर मिल जाएगी।एक ही झटके में और एक ही कॉल पर पूरे भारत का रेलवे नेटवर्क जाम कर देने की स्थिति में वे आ चुके हैं!

...
👉सभी स्टेशनों, प्लेटफॉर्म्स, रेलवे लाइनों के आस पास बनी अवैध मजारों में संदिग्ध किस्म के लोग दिन रात मंडराते रहते हैं और रेकी करते रहते हैं...?

👉उनकी गठरियों में क्या सामान बिना टिकट देश भर में फैलाया जा रहा है, कोई चेक नहीं करता।

मज़ारों-मस्जिदों में किस तरह के गोदाम और काम चल रहे हैं, इससे प्रशासन आँखें बंद किये है...
हमारे शहरों में  जितने हाईवे निकलते हैं। किसी पर भी बढ़ जाइये, तो हर तीन चार किलोमीटर पर एक नई मजार बनी मिल जाएगी  बिल्कुल रोड पर।

 👉अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि कुछ तो षड़यंत्र चल रहा है। यदि पूरे देश में हालात यही हैं तो कितनी खतरनाक स्थिति है आप स्वयं समझ सकते हैं....

👉देश की राजधानी दिल्ली को जिहादियों ने लगभग चारों तरफ से घेर लिया है बल्कि दिल्ली के भीतर नई दिल्ली, जहां हमारी केन्द्र सरकार रहती है उसे भी पूरी तरह से घेर लिया है। हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से देवबंद तक तो जमात का गढ़ ही हो गया है..

👉जब भी कभी हालात बिगड़े तो राजधानी पूरी तरह से जाम मिलेगी, रेलवे लाइनें जाम मिलेंगी, हाईवेज जाम मिलेंगे। आपको भागने का मौका कहीं नहीं मिलेगा।

👉ट्रेने उड़ा दी गयीं, सड़कों पर चक्का जाम कर दिया तो न आप तक मदद आ पाएगी, न आप कहीं भाग पाएंगे...

👉सोचिए तब इस अशांतिप्रिय समुदाय के देश के भीतर फैले देशद्रोही क्या हालत करेंगे आप सोच भी नहीं सकते....?

👉कैसे एक आवाज पर सड़कें रोकी जानी है, पुलिस चौकियों, सुरक्षा बलों पल हमले होने हैं, इसकी रिहर्सल शाहीन बाग और दिल्ली दंगों में की जा चुकी है.. 

👉कौन कहाँ से कमांड करेगा, हर शहर में कौन कहाँ से लीड लेगा, कौन कहाँ फॉलो करेगा, कैसे मैसेज पास होंगे, कैसे गजवाए हिंद अमलीजामा पहनेगा....तैयारी पूरी दिखती है...

👉इंतजार है तो शायद सिर्फ पाकिस्तानी और बाँग्लादेशी आर्मी के ग्रीन सिग्नल और तालिबानी लड़ाकों का...

👉साथ ही निजामे मुस्तफा में सारे तकनीकी काम सुचारू रूप से चलाने में दक्षता प्राप्त करने का इसीलिये बच्चों को शिक्षा दिलाने में अचानक इनकी रुचि बढ़ गयी है..

👉साथ ही हिजाब-नकाब-हलाल दुकानों, और शहर के उन हिस्सों में भी, जहाँ इनकी आबादी नहीं है!

👉सहारनपुर, मुजफ्फरपुर, मेरठ, अलीगढ़, गाजियाबाद, मेवात, अलवर, गुड़गांव चारों तरफ से दिल्ली तालिबानी मानसिकता से घिर चुकी है....?

👉याद रहे अशांतिप्रिय मजहब का प्रत्येक व्यक्ति ना केवल घातक हथियारों से लैस है बल्कि मार काट में भी पूर्णतः निपुण है, और हैवानियत को शेरदिली और दयाभाव को बुज़दिली और कमजोरी तथा छल कपट करना, घात लगाकर रहना इनकी परवरिश है।

👉सोचिए विभिन्न राजनीतिक दलों के जाति के नाम पर बांटने वाले नेता, क्या हमें, हमारे परिवारों को इन देशद्रोहियों के हाथों से बचा पाएंगे?
हमें छोड़िये, क्या खुद को बचा पाएंगे?

👉हा पुलिस-प्रशासन है..
लेकिन उससे भी पहले, अपनी सुरक्षा आपकी अपनी भी जिम्मेदारी है, 
कायर न बनिये,
 तैयार रहिये, 
*👉इसलिये देश, धर्म-संस्कृति, समाज, घर-परिवार की सुरक्षा हेतु संगठित होना आरंभ करें एवं लेख को अधिक से अधिक संख्या में शेयर करें, अपने सभी मित्रों-शुभचिंतकों तक पहुँचाएं, और उनसे भी आगे फारवर्ड करके सबको अलर्ट करने को कहें।*

🚩🚩🚩🚩💪🇮🇳

गद्देदार बिस्तर छोड़ #खाट#चारपाई#खटिया पर सोएं, सर्वाइकल (गर्दन), कमर व कूल्हों के दर्द को करें अलविदा

*🩸गद्देदार बिस्तर छोड़ #खाट#चारपाई#खटिया पर सोएं, सर्वाइकल (गर्दन), कमर व कूल्हों के दर्द को करें अलविदा*
*👉क्या हमारे पूर्वज वैज्ञानिक थे?*
*⭐सोने के लिए खाट हमारे पूर्वजों की सर्वोत्तम खोज है। क्या हमारे पूर्वजों को लकड़ी को चीरना नहीं आता था? वे भी लकड़ी चीरकर उसकी पट्टियाँ बनाकर डबल बेड बना सकते थे ?*
*🎯गर्दन, कमर और कूल्हों के दर्द से राहत दे सकता है खाट पर सोना, हम बता रहे हैं कैसे:*
*🌿आपने खुद या अपने परिवार के सदस्यों को कमर दर्द की शिकायत करते सुना होगा। इसके साथ ही वे तुरंत अपना बिस्तर लेकर ज़मीन पर पहुंच जाते है। ऐसा माना जाता है कि अगर आपकी पीठ, कमर या गर्दन में दर्द की परेशानी है तो नीचे सोने से आपको राहत मिलेगी। अक्सर ऐसा होता है कि हम गद्दे खरीदते समय नरम और मुलायम देख कर ले तो लेते हैं, लेकिन बाद में हमारी कमर, गर्दन या पीठ में तकलीफ होने लगती है। इसके लिए विशेषज्ञ आपको खाट पर सोने का सुझाव देते हैं।*
*🌿डबल बेड बनाना कोई रॉकेट सायंस नहीं है। लकड़ी की पट्टियों में कीलें ही ठोंकनी होती हैं। चारपाई भी भले कोई रॉकेट सायंस नहीं है, लेकिन एक समझदारी है कि कैसे शरीर को अधिक आराम मिल सके।*
*🌿चारपाई बनाना एक कला है। उसे रस्सी से बुनना पड़ता है और उसमें दिमाग और श्रम लगता है।जब हम सोते हैं, तब सिर और पांव के मुकाबले पेट को अधिक खून की जरूरत होती है,क्योंकि रात हो या दोपहर में लोग अक्सर खाने के बाद ही सोते हैं। पेट को पाचनक्रिया के लिए अधिक खून की जरूरत होती है। इसलिए सोते समय चारपाई की झोली ही इस स्वास्थ का लाभ पहुंचा सकती है।*
*🌿दुनिया में जितनी भी आरामकुर्सियां देख लें, सभी में चारपाई की तरह झोली बनाई जाती है। बच्चों का पुराना पालना सिर्फ कपडे की झोली का था, लकडी का सपाट बनाकर उसे भी बिगाड़ दिया गया है। चारपाई पर सोने से कमर और पीठ का दर्द का दर्द कभी नही होता है। दर्द होने पर चारपाई पर सोने की सलाह दी जाती है।*
*🌿डबलबेड के नीचे अंधेरा होता है , उसमें रोग के कीटाणु पनपते हैं, वजन में भारी होता है तो रोज-रोज सफाई नहीं हो सकती।*
*🌿चारपाई को रोज सुबह खड़ा कर दिया जाता है और सफाई भी हो जाती है, सूरज का प्रकाश बहुत बढ़िया कीटनाशक है। खटिये को धूप में रखने से खटमल इत्यादि विषाणु भी नहीं लगते हैं।*
*🌿अगर किसी को डॉक्टर Bed Rest लिख देता है तो दो तीन दिन में उसको English Bed पर लेटने से Bed -Soar शुरू हो जाता है । भारतीय चारपाई ऐसे मरीजों के बहुत काम की होती है । चारपाई पर Bed Soar नहीं होता क्योकि इसमें से हवा आरपार होती रहती है ।*
*🌿गर्मियों में इंग्लिश Bed गर्म हो जाता है इसलिए AC की अधिक जरुरत पड़ती है जबकि सनातन चारपाई पर नीचे से हवा लगने के कारण गर्मी बहुत कम लगती है ।*

*🎯क्यों होता है बार-बार कमर में दर्द?*
*💦1. तनाव: कमर दर्द अक्सर तनाव या चोट लगने के कारण होता है। तनावग्रस्त मांसपेशियां या लिगामेंट्स (ligaments), मांसपेशी में ऐंठन, खराब डिस्क, चोट, फ्रैक्चर, या गिरना कई कारण हैं, जिससे आपकी कमर में दर्द हो सकता है। यदि आप कुछ गलत तरीके से या कोई भरी वजन उठाते है तो आपको दर्द होने की संभावना है।*
*💦2. स्ट्रक्चर की समस्या (Structural Problems): कुछ स्ट्रक्चर की समस्या के कारण भी आपको कमर दर्द हो सकता है। टूटा या उभरा हुआ डिस्क, गठिया रीढ़ की हड्डी में परेशानी, ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis), आदि विकार भी आपकी कमर में दर्द का कारण हो सकते हैं।*
*💦3. गलत मूवमेंट या मुद्रा (Posture): कंप्यूटर या पढ़ते समय ज्यादा देर तक झुक कर बैठे रहने से भी कमर दर्द की समस्या होती है। इस रोजमर्रा की गतिविधि से आपका पॉश्चर (posture) खराब हो जाता है और आपको दर्द का सामना करना पड़ता है।*
*💥तो क्या वाकई कमर दर्द में राहत देता है खाट पर सोना?*
*🔥1. पुराने दर्द में आराम दिलाता है: खाट पर सोना एक अजीब सुझाव लग सकता है। आप सबके पास बिस्तर है, है न? आप अपने आरामदेह गद्दों और मुलायम तकिये पर रात को सोने के आदी हो गए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि खाट पर सोने से कमर दर्द से राहत मिलती है। जी हां, यह वाकई फायदेमंद हैं। कभी-कभी सोते समय आपका शरीर गलत पॉश्चर (posture) में होने के कारण दर्द हो सकता है। यह एक नरम गद्दे और ज्यादा फूले हुए तकिये के कारण हो सकता है। आप इसे महसूस नहीं कर सकते क्योंकि आप गद्दीदार जगह पर सोते हैं। लेकिन इन स्थितियों में सोने से जोड़ों पर दबाव पड़ सकता है। लंबे समय तक ऐसे सोने से यह दर्द और पीड़ा का कारण बनता है।*
*खाट पर सोना इसे ठीक कर सकता है क्योंकि इस पर आप गद्देदार महसूस नहीं करेंगे और गलत मुद्रा में सोने पर तुरंत सीधे हो जाएंगे। शुरुआत में यह असहज महसूस होगा, लेकिन कुछ दिनों में यह आपके लिए आरामदायक आदत साबित होगी।*
*🔥2. गलत मुद्रा (posture) को ठीक करता है खाट पर सोना: दिन भर जब आप लगातार कंप्यूटर पर काम करते हैं, तो आपकी कमर आगे की ओर झुकने लगती है। इसलिए रात को आपको एक ऐसे बिस्तर की जरूरत होती है, जो आपको आराम देने के साथ-साथ आपके पॉश्चर को भी ठीक रखे खाट पर सोना आपकी इन दोनों जरूरतों को पूरा करता है। पतली रस्सियों से बनी खाट आपकी सभी मांसपेशियों को उनकी जरूरत के हिसाब से आराम देती है।*
*🔥3. ब्लड सर्कुलेशन को करे बेहतर :खाट पर सोने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। जी हां, जैसे कि हमने आपको बताया कि नर्म गद्दों पर सोने से अक्सर नसें और मसापेशियां दब जाती हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है। तो अगरआप खाट पर सोते हैं तो इसकी संभावना कम होती है।*
*🔥4. सायटिका के दर्द से मिले राहत: खाट पर सोने से आप सायटिका के दर्द से राहत पा सकते हैं। सायटिका का दर्द एक बुरे सपने जैसा हो सकता है। इसकी वजह से आपको शरीर या नशों पर गलत जगह दबाव पड़ सकता है। सायटिका की एक नश है जो कमर और कूल्हों से होते हुए आपके पैरों की ओर जाती है। माना जाता है कि खाट पर सोने से सायटिका के दर्द में आराम मिलता है।*
*🔥5. गर्दन और कूल्हों के दर्द से मिले छुट्टी: खाट पर सोने से आपकि रीड़ की हड्डी सही एवं ठीक स्थति में रहती है जिससे कमर दर्द के अलावा आपको गर्दन और कूल्हों के दर्द से भी छुटकारा मिल सकता है।*
*💫अपने आरामदायक बिस्तर को बदलकर खाट पर सोए और कमर दर्द को कहें अलविदा!*
*🌿बान की चारपाई पर सोने से सारी रात Automatically सारे शरीर का Acupressure होता रहता है ।*
*🌜🌚गर्मी में छत पर चारपाई डालकर सोने का आनंद ही कुछ और है !मच्छरदानी लगा के खुले आकाश के नीचे ठंडी ताज़ी हवा, बदलता मोसम, तारों की छाँव,चन्द्रमाँ की चाँदनी व शीतलता जीवन में उमंग भर देती है ।*
*👉सस्ते प्लास्टिक की रस्सी और पट्टी आ गयी है, लेकिन वह सही नही है ! स्वदेशी चारपाई के बदले हजारों रुपये की दवा और डॉक्टर का खर्च बचाया जा सकता है!*
*🌈चारपाई मतलब हमारी देशी भाषा में खाट....*

*💧हर घर में एक स्वदेशी बाण की बुनी हुई(प्लास्टिक की नहीं) #खाट#चारपाई#खटिया होनी चाहिए ।*
*💦हमारे भारतीय पूर्वजों की सोच और समझ को मैं वंदन नमन करता हूँ !*
*#खाट#चारपाई#खटिया*
*अमरीका में ऑनलाइन एक लाख रुपए से भी ज्यादा में बिक रही है जूट रस्सी की खाट*

अंक विद्या में गुम हुई वस्तु के बारे में प्रश्र किया जाए तो उसका जवाब बहुत हद तक सच साबित होता है।

व्यापार मे कोई भी सामान खोना/चोरी होना आम बात है।

अंक विद्या में गुम हुई वस्तु के बारे में प्रश्र किया जाए तो उसका जवाब बहुत हद तक सच साबित होता है।
जैसे...सर्व प्रथम आप 1 से 108 के बीच का एक अंक मन मे सोचे।और उस अंक को 9 से भाग दें।

 शेष जो अंक आये तो आगे लिखे अनुसार उसका उत्तर होगा।

* शेष अंक 1 ( सूर्य का अंक है )पूर्व में मिलने की आशा है।

* शेष अंक 2 ( चंद्र का अंक है )वस्तु किसी स्त्री के पास होने की आशा है पर वापस नहीं मिलेगी।

* शेष अंक 3 ( गुरु का अंक है )वस्तु वापिस मिल जायेगी। मित्रों और परिवार के लोगों से पूछें।

* शेष अंक 4 ( राहु का अंक है )ढूढ़ने का प्रयास व्यर्थ है। वस्तु आप की लापरवाही से खोई है।

* शेष अंक 5 ( बुध का अंक है )आप धैर्य रख्खें वस्तु वापस मिलने की आशा है।

* शेष अंक 6 ( शुक्र का अंक है )वस्तु आप किसी को देकर भूल गए हैं।घर के दक्षिण पूर्व या रसोईघर में ढूंढने की चेष्टा करें ।

* शेष अंक 7 ( केतु का अंक है )चिंता न करें खोई वस्तु मिल जायेगी।

* शेष अंक 8 ( शनि का अंक है )खोई वस्तु मिलने की आशा नहीं है। वस्तु को भूल जाएँ तो अच्छा है।

* शेष अंक 9 या 0 ( मंगल का अंक है )यदि खोई वस्तु आज मिल गई तो ठीक अन्यथा मिलनेकी कोई आशानहीं है।

उदाहरण :- के लिए अगर प्रश्नकर्ता ने 83 अंक कहा है तो 83 को 9 से भाग दें 83÷9 = 2शेष आया 2 जो चंद्मा का अंक है।वस्तु किसी स्त्री के पास है पर वापस नहीं मिलेगी ।


🌹🌹🙏🙏🚩🚩9414259672 
*ज्योतिष एंव वास्तु निःशुल्क परामर्श हेमराज लढा अहमदाबाद*
  ( *तहनाल भीलवाड़ा वाले*)

मंगलवार, 6 जून 2023

कुछ विशेष ग्रह योग जो देंगे इंजीनियरिंग फील्ड में सफलता

कुछ विशेष ग्रह योग जो देंगे इंजीनियरिंग फील्ड में सफलता
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आज का युग तकनीक का युग है आज प्रत्येक क्षेत्र में टेक्नोलॉजी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। कार्यक्षेत्र में इंजीनियरिंग एक ऐसा क्षेत्र है, जिसकी जरूरत हर जगह पड़ती है। पहले सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग जैसी गिनी-चुनी शाखाएं ही हुआ करती थी, लेकिन जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बढ़ी, वैसे-वैसे इंजीनियरिंग की अनेक ब्रांच सामने आई। वर्तमान में शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र या कार्य हो जिसमे मशीनों, और स्वचलित यंत्रों का प्रयोग ना होता हो ग्रामीण क्षेत्रों में खेती से लेकर शहरों में बनने वाली मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स तक और छोटे से मोबाईल से लेकर बड़ी–बड़ी गाड़ियों के निर्माण में इंजीनियर्स और इंजीनियरिंग ही आज अपनी प्रधान भूमिका निभा रही है ऐसे में जब प्रत्येक क्षेत्र में मशीनों और टेक्नोलॉजी अपनी अहम भूमिका निभा रही हो तो इंजीनियरिंग एक अच्छे करियर के रूप में सामने आई है| 

अब तो यह युग पूरी तरह से तकनीक पर आधारित हो गया है इसलिए इंजीनियरिंग का उपयोग हर जगह बड़ी मात्रा में हो रहा है। इसके साथ ही इंजीनियर्स की डिमांड भी तेजी से बढ़ी है, हालांकि योग्य और कुशल इंजीनियरों की कमी आज भी बनी हुई है और इस फील्ड में कॉम्पीटिशन भी बहुत बढ़ गया है। आज के समय में बहुत बड़ी मात्रा में युवा इंजीनियरिंग में करियर बनाने के लिए प्रयासरत रहते हैं, कुछ को सफलता मिल पाती है पर बहुत से इस क्षेत्र में आगे बढ़ने से वंछित भी रह जाते हैं तो वास्तविक रूप से  किसी व्यक्ति के लिए इंजीनियरिंग का क्षेत्र अच्छा और सफलतादायक है या नहीं इसमें ज्योतिष शास्त्र हमारी सहायता और मार्गदर्शन करता है क्योंकि ज्योतिषीय दृष्टि में हमारी कुंडली में बने ग्रह योग ही हमारी प्रतिभा और करियर के क्षेत्र को सुनिश्चित करते हैं  हमारी जन्मकुंडली हमारे जीवन का प्रतिरूप ही होती है जिसके विश्लेषण से हम अपने करियर के लिए सर्वश्रेष्ठ क्षेत्र का चुनाव कर सकते हैं, यदि आप भी अपने बच्चों को इंजीनियर बनाना चाहते हैं तो पहले उनकी जन्मकुंडली दिखा लें, क्योंकि ज्योतिष सही कॅरियर चुनने में बड़ी मदद करता है। तो आईये जानते हैं कौन से ग्रह और ग्रह योग व्यक्ति को इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षेत्रों में सफलता दिलाते हैं।

वैदिक ज्योतिष में मंगल और शनि से इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षेत्र के बारे में विचार किया जाता है। शनि को लौह से जुड़े पदार्थों, मशीनों, औजारों, उपकरणों, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि का प्रतिनिधि ग्रह माना जाता है। और मंगल विद्युत का कारक होकर मशीनों को संचालित करने का कार्य करता है तो वहीँ निर्माण कार्यों की तकनीक भी मंगल ग्रह को ही माना गया है, शनि और मंगल ही तकनीकी कार्यों और टेक्नोलॉजी में अपनी विशेष भूमिका निभाते हैं और व्यक्ति को तकनीकी समझ और तकनीकी कार्यों में रुचि पैदा करते हैं अतः निष्कर्षतः शनि और मंगल की अच्छी स्थिति ही व्यक्ति को इंजीनियरिंग के क्षेत्र से जोड़ती है  अतः कुंडली में यदि शनि और मंगल बलि और शुभ स्थिति में हों या करियर को प्रभावित कर रहे हों तो व्यक्ति को तकनीकी कार्यों और इंजीनियरिंग में सफलता मिलती है। इसमें भी विशेष रूप से शनि मेकैनिकल इंजीनियरिंग और गाड़ियों, वाहनों और मशीनों से जुड़े कार्यों में सफलता देता है तो मंगल इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, सिविल इंजीनियरिंग, विद्युत् क्षेत्र और निर्माण कला से जुड़े तकनीकी क्षेत्र में सफलता देता है शनि और मंगल में से तुलनात्मक दृष्टि से जो अधिक बलवान और शुभ स्थिति में हो उससे सम्बंधित क्षेत्र ही श्रेष्ठ और सफलतादायक होता है। इसके अलावा वायुतत्व राशियों (मिथुन,तुला,कुम्भ) का दशम भाव (करियर का भाव) लग्न और पंचम भाव में होना भी बुद्धिपरक और गहन अध्ययन वाले कार्यों में सहायक होता है तथा कुंडली में बुद्धिकारक बुध ज्ञान कारक बृहस्पति और पंचम भाव का बलि होना अच्छी शिक्षा और बौद्धिक क्षमता देकर इंजीनियरिंग की सफलता में अपनी सहायक भूमिका निभाते हैं। कुंडली में शनि और मंगल का पीड़ित होना इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बाधक बनता है और व्यक्ति को प्रयास करने पर भी अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाती।

इंजीनियर बनने के कुछ खास योग –
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जन्मकुंडली में मंगल और शनि की स्थिति के साथ दशम और एकादश भाव का अध्ययन करना भी जरूरी है। क्योंकि दशम भाव आजीविका का स्थान है और एकादश आय स्थान होता है। इन दोनों घरों में बुध और बृहस्पति जैसे शुभ ग्रहों की उपस्थिति के साथ शनि-मंगल का शुभ योग हो तो जातक विशेष सफलता अर्जित करता है। 

मंगल इलेक्ट्रॉनिक्स का कारक है शनि मशीनों का कारक है तथा बुध कम्प्यूटर फील्ड का कारक है अतः इन तीनो ग्रहों का संयुक्त रूप से बली होना कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी में सफलता देता है।

यदि कुंडली में शनि स्व उच्च राशि (मकर,कुम्भ,तुला) में होकर शुभ भाव में हो तो इंजीनियरिंग और तकनीकी कार्यों में सफलता देता है।

दशम स्थान का बलवान शनि जातक को एक सफल इंजीनियर तो बनाता ही है, ऐसा व्यक्ति विदेशों से धन अर्जित भी करता है। 

दशम भाव में बलवान मंगल की उपस्थिति भी इस फील्ड में सफलता दिलाता है। मंगल का स्व राशि मेष, वृश्चिक में होना और शुभ ग्रहों की दृष्टि होने से इलेक्ट्रॉनिक्स, बिल्डिंग निर्माण क्षेत्रों के लिए शुभ होता है। 

कुंडली में शनि की प्रधानता होने पर व्यक्ति मेकैनिकल, वाहन और मशीनों से जुड़े तकनीकी कार्यों में आगे बढ़ता है तथा मंगल की प्रधानता सिविल इंजीनियरिंग, निर्माण कार्य, और इलेक्ट्रिकल क्षेत्र में सफलता देता है।

लग्नस्थ बुध पर मंगल या शनि की दृष्टि हो तथा बृहस्पति द्वितीय भाव में स्थित हो अथवा इन तीनों ग्रहों का किसी भी रूप में शुभ संबंध बन रहा हो तो जातक कंप्यूटर इंजीनियर होता है|

शनि यदि चतुर्थ भाव में हो तो दशम भाव पर दृष्टि होने से भी टेक्नीकल फील्ड में सफलता मिलती है।

 मंगल का स्व उच्च राशि (मेष,वृश्चिक मकर) में शुभ स्थान में होना भी इंजीनियरिंग में सफलता देता है।

दशम भाव पर शनि की दृष्टि हो, बुध शनि की राशि में, या शनि बुध की युति या बुध पर शनि की दृष्टि का प्रभाव हो तो जातक को कंप्यूटर इंजीनियर के रूप में अच्छी सफलता प्राप्त होती है।

कुंडली में शुभ भावों में शनि और मंगल का योग होना भी व्यक्ति को इंजीनियरिंग और तकनीकी कार्यों से जोड़ता है।

शनि से त्रिकोण में मंगल यदि शुभ और बली स्थिति में हो तो यह भी व्यक्ति को इंजीनियरिंग के क्षेत्र से जोड़ता है।

मंगल यदि बली होकर दशम भाव में हो तो इंजीनियरिंग में सफलता मिलती है।

बली स्थिति में स्थित मंगल की दशम भाव पर दृष्टि पड़ना भी इंजीनियरिंग के क्षेत्र से जोड़ता है।

ज्योतिषीय दृष्टि से शनि और मंगल इंजीनियरिंग और तकनीकी कार्यों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और इस क्षेत्र में किस व्यक्ति को किस स्तर की सफलता मिलेगी, यह उसकी व्यक्तिगक कुंडली के बल पर निर्भर करता है पर यहाँ एक विशेष बात यह भी है कि शनि और मंगल का बली होना व्यक्ति में तकनीकी कार्यों के प्रति रुचि और प्रतिभा तो देता है परंतु अच्छी शिक्षा और बौद्धिक क्षमता के बिना इस क्षेत्र में आगे बढ़ना संभव नहीं होता अतः कुंडली में पंचम भाव, पंचमेश, बुध और बृहस्पति जितनी अच्छी स्थिति में होंगे उतनी ही अच्छी प्रतिभा और सफलता व्यक्ति को देंगे यदि ये उपरोक्त घटक कुंडली में पीड़ित या कमजोर होने से व्यक्ति अच्छी शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाता है, और ऐसे में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ना भी संभव नहीं हो पाता इसलिए शिक्षा के इन घटकों का बली होना भी बहुत आवश्यक है, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि और मंगल तो बहुत बलवान हों परंतु शिक्षा के ग्रह कमजोर होने से उसकी शिक्षा पूरी न हो पाए तो ऐसा व्यक्ति तकनीकी कार्यों से जुड़कर मिस्त्री या तकनीकी कारीगर के रूप में अपनी आजीविका चलाता है।


सोमवार, 5 जून 2023

विश्व पर्यावरण दिवस पर अपनी राशि के अनुसार लगाएं पौधे, बदल सकता है भाग्य

विश्व पर्यावरण दिवस पर अपनी राशि के अनुसार लगाएं पौधे, बदल सकता है भाग्य

हर साल 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस दिन प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए लोग पौधारोपण करते हैं। पेड़-पौधे ऐसी सम्पदा हैं जो मनुष्य को हर प्रकार से लाभ पहुंचाते हैं। इनके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। ये वातावरण को शुद्ध रखने के साथ ही हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार बनाकर रखते हैं। सनातन धर्म में भी पेड़ पौधों को काफी महत्व दिया जाता है। सदियों से देवी-देवताओं के साथ पेड़-पौधों की भी पूजा करने की परंपरा चली आ रही है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति की राशि किसी न किसी वृक्ष का प्रतिनिधित्व करती है। इसलिए व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति के लिए राशि अनुसार पेड़ लगाने चाहिए। ऐसे में इस बार विश्व पर्यावरण दिवस पर अपनी राशि के अनुसार एक पौधा जरूर लगाएं। इससे पर्यावरण तो बचेगा ही साथ में आपकी किस्मत भी चमक सकती है। 

मेष राशि
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मेष राशि के स्वामी मंगल देव हैं। ऐसे में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए मेष राशि के जातकों को हमेशा लाल रंग के पुष्प वाले पौधे लगाने चाहिए। इसके अलावा इस राशि वालों को लाल चंदन, गूलर आदि पौधे लगाने से सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है।

वृषभ राशि
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वृषभ राशि के स्वामी शुक्र देव हैं, इसलिए इस राशि के जातकों को सफेद रंग के पुष्प वाले पौधे लगाने चाहिए। इसके अलावा आप जामुन, गूलर या खैर के पौधे भी लगा सकते हैं। इससे आर्थिक उन्नति होगी।

मिथुन राशि
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मिथुन राशि के स्वामी युवा ग्रह बुध देव हैं। ऐसे में इस राशि के जातकों को हरे पत्ते वाले पेड़ लगाने चाहिए। तुलसी, शीशम व बांस के पौधे को लगाने से मिथुन राशि वालों को जीवन में मनचाही सफलता मिल सकती है।

कर्क राशि
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कर्क राशि के स्वामी चंद्रदेव हैं, इसलिए इस राशि के जातकों को चंद्रदेव की शुभता को पाने के लिए अपने आसपास औषधीय पौधे जैसे तुलसी, नीम, आदि के पौधे लगाने चाहिए। 

सिंह राशि
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सिंह राशि के स्वामी सूर्यदेव हैं। ऐसे में सूर्य देव की शुभता पाने के लिए सिंह राशि के जातकों को लाल रंग के पुष्प वाले पौधे लगाने चाहिए। इसके अलावा आपको नाग-केसर और बरगद आदि का पेड़ भी लगाना चाहिए।

कन्या राशि
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मिथुन राशि राशि की तरह कन्या राशि के भी स्वामी बुध देव हैं, इसलिए इस राशि वालों को भी हरे रंग के पौधे लगाने चाहिए। कन्या राशि के जातकों को तुलसी, शीशम व बांस के पेड़ को लगाने पर शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। 

तुला राशि
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तुला राशि के स्वामी शुक्र ग्रह हैं। ऐसे में आपको अपने राशि स्वामी ग्रह की शुभता को पाने के लिए सफेद फूल के पौधे लगाना चाहिए। आप रीठा, बेल या अर्जुन का पौधा लगा सकते हैं। 

वृश्चिक राशि
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मेष की तरह वृश्चिक राशि के स्वामी भी मंगलदेव हैं। ऐसे में इस राशि के लोगों को लाल रंग के पुष्प वाले पौधे विशेष रूप से लगाना चाहिए। 

धनु राशि
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धनु राशि स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। ऐसे में धनु राशि के लोगों को पीले रंग के फूल वाले पौधे लगाने चाहिए। इसके अलावा आप मोलश्री, चीड़ व सलाल जैसे पेड़ लगा सकते हैं।

मकर राशि
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मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं। ऐसे में आपको नीले रंग के पुष्प वाले पौधे लगाने चाहिए। आपके लिए शमी, साल, कटहल या जलवेतस के पौधे लगाना शुभ साबित होता है।

कुंभ राशि
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कुंभ राशि के स्वामी भी शनिदेव हैं, इसलिए शनि देव की कृपा पाने के लिए कुंभ राशि के लोगों को नीले रंग के पुष्प वाले पौधे जैसे शमी का पेड़ विशेष रूप से लगाना चाहिए।

मीन राशि
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मीन राशि के भी स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। ऐसे में आपको पीले रंग के पुष्प या फल वाले पौधे लगाने चाहिए। आम, महुआ आदि के पौधे लगाने से आपको शुभ फल की प्राप्ति हो सकती है।

शुक्रवार, 2 जून 2023

कितना महान है हमारा सनातन धर्म। नमन है हमारे ऋषि मुनियों को

🌹सुप्रभात 🌹
कितना महान है हमारा सनातन धर्म। नमन है हमारे ऋषि मुनियों को। इस फ़ोटो के चारों ओर तीन घेरे बने हुए हैं। जो सबसे पहला घेरा है उसमें 27 नक्षत्रों के नाम हैं और उनके पौधों के भी नाम साथ में लिखे हुए हैं। 
दूसरे घेरे में 12 राशियों के नाम लिखे हैं और साथ में उनके पौधों के नाम भी लिखे हुए हैं। तीसरे घेरे में नौ ग्रहों के नाम लिखे हैं और उनसे संबंधित पेड़ पौधों के नाम भी लिखे हुए हैं। जहाँ पर पेड़ पौधे जड़ी बूटी और वृक्ष के नाम लिखे हुए हैं तो उनमें उन नक्षत्रों का या उन राशियों का या उन ग्रहों का वास होता है। यदि हम उनपर पौधों जड़ी बूटियों या वृक्षों की पूजा करते हैं या उनको हम रतन की तरह धारण करते हैं तब भी हमें वे जड़ी बूटियाँ पेड़ पौधे वृक्ष लाभ प्रदान करते हैं।

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गौ भक्त राजा दिलीप जी की कथा

🔴गौ भक्त राजा दिलीप जी की कथा🔴

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राजा दिलीप का कोई पुत्र नहीं था इसीलिए वो अपने गुरु वसिष्ठ के पास गये। गुरु ने कहा की तुमसे एक अपराध हुआ हैं इसीलिए तुम्हे पुत्र नहीं हो पा रहा । तुम्हारा अपराध हैं की तुम एक बार देवता की युद्ध मैं मदद करके वापस लोट रहे थे, रास्ते में देवताओ को भी भोग और मोक्ष देने वाली कामधेनु एक विशाल वट वृक्ष के निचे आराम कर रही थी। और अन्य कई गौ मातायें चारा चर रही थी। बस शिघ्रता वस तुमने अपना विमान रोक कर निचे उतर कर कामधेनु माता एवं गौमाताओं  को प्रणाम नहीं किया अंजान मार दिया। 

जबकि रास्ते में कही भी गौवंश दिखे उनको राह देते हुए दायें होकर प्रणाम करना चाहिए ये बात तुम्हें भी गुरुजनों ने पूर्व में बताई थी। यहाँ गौ अपराध और गुरु आज्ञा का उलंघन हुआ इसीलिए तुम्हारे यहाँ पुत्र की प्राप्ति नहीं हो सकती। (जरा सोचो हम तो कभी प्रणाम नहीं करते क्या हमारे पुत्र होंगे ? आजकल पुत्र कहाँ पैदा हो रहे हैं आज तो लड़के पैदा हो रहे हैं। जो हमेशा माँ बाप से लड़ाई करे वो लड़का। ) महाराजा दिलीप गुरु जी के पास जाकर रोने लगे गुरूजी कोई तो उपाय होगा। गुरु वसिष्ठ ने कहा जा ये नंदिनी गौमाता को ले जा और इस नंदनी गौ माता की संतुष्ट होते ही पुत्र रत्न की प्राप्ति हो सकती है। नंदनी गौ माता ही कामधेनु गाय की पुत्री थी। अब तुम्हे पुत्र केवल गौमाता दे सकती हैं। 

राजा दिलीप ने नंदनी गौ माता की बहुत सेवा की। जब गौ माता चले तो वो भी चलते थे । जब गौ माता खाए तभी वो खाता थे । एक दिन गौ माता ने दिलीप राजा की परीक्षा करनी चाही। जैसे ही प्रकृति का सौन्दर्य निहारते राजा दिलीप की दृष्टि फिरि  नंदिनी गौ माता गुफा मैं चली गई।उस गुफा मैं एक शेर था। शेर ने गौ माता को पकड़ लिया। और गौ माता करुण पुकार कर डकारने लगी और राजा दिलीप से मदद की गुहार लगाने लगी। याद रहे राजा दिलीप गुरु कृपा से चर – अचर सभी प्राणियों की भाषा समझ लेते थे दिलीप राजा ने शेर के ऊपर जैसे ही धनुष – बाण संधान किया उनका हाथ जहां का वहा जाम हो गया वे निसक्त से हो गए क्योकि यह सब खेल नंदनी गाय का था गाय का एक रूप भगवती दुर्गा भी है वही देव – दानव – यक्ष किन्नर और मानवों को शक्ति प्रदान करती है। 

यहाँ तक की भगवान शिव की परा शक्ति भी यह गौमाता ही है। जब हाथ जकड गया राजा दिलीप मुहँ से ही चिल्लये मेरे गुरु जी की गौमाता को छोड़ दो और बदले में मुझे खा जाओ मुझे कोई दुःख नहीं होगा मगर हे शिंघ राज आपने इस नंदनी गाय को आघात पहुचाया तो मैं जीतेजी भी मरा ही समझो । शेर ने कहाँ की अरे तू तो एक राजा हैं मुझे गाय को खाने दे और वसिष्ठ जी को इस गाय के बदले दूसरी हजार गाय दे देना क्यों ऐसी बेवकूफी कर रहा हैं। दिलीप ने कहा नहीं ये गौ माता को छोड़ दे और मुझे खा ले बस मैं और कुछ नहीं जानता। 

बस गौ माता हमसे इतना प्यार चाहती हैं और गौ माता ने राजा से कहाँ की बस मैं तुमसे प्रसन्न हूँ , मैं तो तुम्हारी परीक्षा ले रही थी। ऐसा कह कर गौमाता ने अपना समस्त वैभव राजा को दिखा दिया और राजा ने कहा की मुझे पुत्र चाहिए। और गौमाता की कृपा से दिलीप राजा ने रघु जैसा पुत्र प्राप्त किया जिनके नाम पर ही आगे रघुवंश चला । इसी रघुवंश में आगे जाकर स्वयं भगवान् राम के रूप में नारायण प्रगट हुए
जय श्रीराम! !

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