नवरात्रि यानि माँ दुर्गा की पूजा आराधना के पावन नौ दिन. अधिकतर लोगों को चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के बारे में पता रहता है. लेकिन इनके अलावा माघ गुप्त नवरात्रि और आषाढ़ गुप्त नवरात्रि भी आती हैं.
Gupt Navratri 2022 : कार्यसिद्धि, तंत्र-मंत्र साधना के लिए विशेष शुभ माने जाने वाले गुप्त नवरात्र 2 फरवरी 2022 से शुरु होने जा रहे हैं। गुप्त नवराज्र में कार्य सिद्धि सहित मनोकामना पूर्ति के लिए गुप्त साधनाएं की जाती हैं।
गुप्त नवरात्रि पर इस बार दो विशेष योग रवियोग व सर्वार्थसिद्धि योग बन रहे हैं.
गुप्त अर्थात् छिपा हुआ. इस नवरात्रि में गुप्त विद्याओं की सिद्धि हेतु साधना की जाती है. गुप्त नवरात्रि में तंत्र साधनाओं का महत्व होता है और तंत्र साधना को गुप्त रूप से ही किया जाता है. इसीलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं.
इसके साथ ही गुप्त नवरात्रि में दस महा विद्या देवियां तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुनेश्वरी, छिन्नमस्ता, काली, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी की भी गुप्त तरीके से पूजा-उपासना की जाती है. पर इस बार रवियोग व सर्वार्थसिद्धि योग बन रहे हैं, जिससे माँ दुर्गा की पूजा-उपासना का कई गुना अधिक फल प्राप्त होगा.
2 फरवरी 2,022 दिन बुधवार से माँ दुर्गा के नौ स्वरूप माँ शैल पुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघण्टा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री की पूजा होगी.
गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की आराधना के साथ ही 10
महाविद्याओं की पूजा की जाती है। इस नवरात्र में तंत्र साधना का विशेष
महत्व माना गया है। ज्योतिष के जानकार एस के उपाध्याय के अनुसार ऐसे में इस
बार ग्रह नक्षत्रों के लिहाज से गुप्त नवरात्र विशेष रहने वाले हैं।
*गुप्त नवरात्रि पूजा विधि*
गुप्त नवरात्रि के समय घट स्थापना उसी प्रकार की जाती है जिस प्रकार से चैत्र और शारदीय नवरात्रि में होती है. प्रातः एवं सांयकाल की पूजा में माँ को लौंग और बताशे का भोग लगाना चाहिए. इसके पश्चात् माँ को शृंगार का सामान अर्पित करें.
गुप्त नवरात्रि में अधिकतर लोग व्रत नहीं रखते हैं. लेकिन गुप्त नवरात्रि में नौ दिनों में प्रातः और सांय दोनों समय पर दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें. *ॐ दुं दुर्गायै नमः* मंत्र का जाप करें. इससे आपके जीवन की सारी समस्याएं दूर हो सकती हैं.
इसके साथ ही सप्त श्लोकी दुर्गा का पाठ करना भी उत्तम होता है. नवरात्रि के नवमी के समय कन्याओं को भोजन कराकर उन्हें दक्षिणा देनी चाहिए.
*घट स्थापना मुहूर्त*
2 फरवरी 2022 दिन बुधवार प्रातः 7 बजकर 10 मिनट से प्रातः 8 बजकर 02 मिनट तक