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गुरुवार, 29 मार्च 2012

दिनांक 30 may 2012 (बुधवार) को महेश्वरी समाज का उत्पति दिवस "महेश नवमी " है |

दोस्तों , आप सब की अग्रिम जानकारी के लिए बता दूँ की दिनांक 30 may 2012 (बुधवार) को महेश्वरी समाज का उत्पति दिवस "महेश नवमी " है | सभी से विनम्र अनुरोध है की अपने घर,गाँव, अंचल,व प्रदेश में इस पावन पर्व को हर्षउल्लाष व धूम धाम से मनाये| महेश नवमी उत्सव का पालन करना प्रत्यक महेश्वरी का कर्त्तव्य है और समाज उथान व एकता के लिए अत्यंत आवस्यक भी है| याद रहे सामाजिक उथान व एकता पर देश का भविष्य निर्भर करता है|

"समाज एक तो देश एक" - जय महेश

पता नहीं भारतीय शिक्षा मंत्रालय और सरकार कब इस बात को समझेगी|

एक आदमी सड़क के किनारे समोसे बेचा करता था| अनपढ़ होने की वजह से वो अख़बार नहीं पढ़ता था| ऊँचा सुनने की वजह से वह न्यूज़ नहीं सुनता था और आँखें कमजोर होने की वजह से उसने कभी टेलीविजन नहीं देखा था| इसके बावजूद वह काफी समोसे बेच लेता था| उसकी बिक्री और नफे में काफी बढ़ोतरी होती गयी| उसने और ज्यादा आलू खरीदना शुरू किया| साथ ही पहले वाले चूल्हे से और बड़ा बढ़िया चूल्हा खरीद लिया| उसका व्यापार लगातार बढ़ रहा था| तभी हाल ही मैं कॉलेज से MBA की डिग्री हासिल कर चूका उसका बेटा पिता का हाथ बटाने के लिए चला आया|

उसके बाद एक अजीबोगरीब घटना घटी| बेटे ने उस आदमी से पूछा"पिता जी क्या आपको मालूम है की हम लोग एक बड़ी मंदी का शिकार बनने वाले हैं|"पिता ने जवाब दिया,"नहीं, लेकिन मुझे उसके बारे में बताओ|"बेटे ने कहा"अंतराष्ट्रीय परिस्तिथितियाँ बड़ी गंभीर हैं| घरेलूं हालत तो और भी बुरे हैं| हमें आने वाले बुरे हालत का सामना करने के लिए तैयार हो जाना चाहिए|"उस आदमी ने सोचा की उसका बेटा कॉलेज जा चूका है, अख़बार पढता है, और न्यूज़ सुनता है, इसलिए उसकी राय को हल्के ढंग से नहीं लेना चाहिए| दुसरे दिन से उसने आलू की खरीद कम कर दी, और अपना साइनबोर्ड निचे उतार दिया| उसका जोश ख़त्म हो चूका था| जल्दी ही उसकी दुकान पर आने वालों की तादात घटने लगी और उसकी बिक्री तेजी से गिरने लगी| पिता ने अपने बेटे से कहा"तुम सही कह रहे थे| हम लोग मंदी के दौर से गुजर रहे हैं| मुझे ख़ुशी है की तुमने वक्त से पहले ही सचेत कर दिया|"

इस कहानी से हमे क्या सिख मिलती है? इससे ये नतीजे निकलते हैं-

१- हम अपनी सोच के मुताबिक, खुद को आत्मसंतुष्ट करने वाली भविष्य वाणियाँ कर देते हैं|

२- कई बार हम बुद्धिमत्ता को अच्छा फैसला मानने की गलती भी कर बैठते हैं|

३- एक इन्सान ज्यादा बुद्धिमान होने के बावजूद गलत फैसले ले सकता है|

४- अपने सलाहकार सावधानी से चुनिए, लेकिन अमल अपने ही फैसले पर करिए|

५- कई लोग ज्यादा ज्ञानी हैं| उन्हें चलता फिरता विश्वकोष (encyclopedia) माना जा सकता है, पर दुःख की बात है की इसके बावजूद वे नाकामयाबी की जीती जागती मिसाल हैं|

६- अगर किसी इन्सान में आगे दी हुयी पांच खूबियाँ हों , तो वह स्कूली शिक्षा हासिल किये बिना कामयाब हो सकता है-

चरित्र ( character )
प्रतिबद्धता ( commitment )
दृढ विश्वास ( conviction )
तहजीब ( courtesy )
सहस ( courage )

विंस्टन चर्चिल ने सही ही कहा था"यूनिवर्सिटी की पहली जिम्मेदारी ज्ञान देना और चरित्र निर्माण होता है, न कि व्यापारिक और तकनिकी शिक्षा देना|"

पता नहीं भारतीय शिक्षा मंत्रालय और सरकार कब इस बात को समझेगी|

जय श्री राम|

नोट : इस ब्लॉग पर प्रस्तुत लेख या चित्र आदि में से कई संकलित किये हुए हैं यदि किसी लेख या चित्र में किसी को आपत्ति है तो कृपया मुझे अवगत करावे इस ब्लॉग से वह चित्र या लेख हटा दिया जायेगा. इस ब्लॉग का उद्देश्य सिर्फ सुचना एवं ज्ञान का प्रसार करना है

शुक्रवार, 9 मार्च 2012

अंतर्राष्ट्रीय महिलादिवस हा हा हा हा हा हा हा हा

अंतर्राष्ट्रीय महिलादिवस
हा हा हा हा हा हा हा हा
अंग्रेजों ने आकर्षण हेतु नये-नये त्योहार बनाने आरम्भ कर दिये
प्यार का इजहार दिवस
चुम्मा दिवस
वेलेंटाइन दिवस
पोलियो दिवस
एड्स दिवस
इत्यादि
अब एक उनके यहाँ और प्रचलित दिवस है ' आत्महत्या ' दिवस वो और इम्पोर्ट हो जाये तो कुछ भारत से गन्दगी साफ हो जाये
हम भारतीयों को मातृ दिवस का पर्व मनाने लिये प्रेरित करने की कोशिश करनी चाहिए और इसमें संस्कार डालना चाहिये व्रत - हवन पूजनआदि का अरे हाँ याद आया
अपने यहाँ तो साल के 18 दिन महिला दिवस मनाया जाता है  चैत्र व आश्विन की नवरात्रि
अगर इतने दिन अपनी माँ तो पवित्र स्थान पर बैठा कर पूज लो तो ये कलयुग मेँ सबसे बड़ा पुण्य होगा

गुरुवार, 8 मार्च 2012

होली के पावन त्यौहार की हार्दिक सुभकामनाये ..!!!!!


जय श्री कृष्णा सा

सभी आदरणीय पूज्यनीय माननीय सज्जनों और सभी युवक और युवतियों को होली के पावन त्यौहार की हार्दिक सुभकामनाये ..!!!!!

आप सब सावधानी से होली का त्यौहार मनाये और सीर्फ गुलाल का उपयोग करे...ये मेरी अप सब से विनती है..!!
बच्चो का ख्याल रखे की चेमिकल वाले कलर से न खेले......उनकी आँखों में जा सकता हे..सो....!!!
 









जय श्री कृष्णा

















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बुधवार, 29 फ़रवरी 2012

सफलता का रहस्य


एक बार एक नौजवान लड़के ने सुकरात से पूछा कि सफलता का रहस्य क्या है?

सुकरात ने उस लड़के से कहा कि तुम कल मुझे नदी के किनारे मिलो.वो मिले. फिर सुकरात ने नौजवान से उनके साथ नदी की तरफ बढ़ने को कहा.और जब आगे बढ़ते-बढ़ते पानी गले तक पहुँच गया, तभी अचानक सुकरात ने उस लड़के का सर पकड़ के पानी में डुबो दिया. लड़का बाहर निकलने के लिए संघर्ष करने लगा , लेकिन सुकरात ताकतवर थे और उसे तब तक डुबोये रखे जब तक की वो नीला नहीं पड़ने लगा. फिर सुकरात ने उसका सर पानी से बाहर निकाल दिया और बाहर निकलते ही जो चीज उस लड़के ने सबसे पहले की वो थी हाँफते-हाँफते तेजी से सांस लेना.

सुकरात ने पूछा ,” जब तुम वहाँ थे तो तुम सबसे ज्यादा क्या चाहते थे?”

लड़के ने उत्तर दिया,”सांस लेना”

सुकरात ने कहा,” यही सफलता का रहस्य है. जब तुम सफलता को उतनी ही बुरी तरह से चाहोगे जितना की तुम सांस लेना चाहते थे तो वो तुम्हे मिल जाएगी” इसके आलावा और कोई रहस्य नहीं है.


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