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शुक्रवार, 13 मार्च 2020

घर में सैनिटाइज़र बनाना बेहद आसान है

बाजार में सैन‍िटाइजर की कीमतें आसमान छू रही है तो आप हाथों की सफाई के लिए घर पर भी हैंड सैन‍िटाइजर बना सकते है। आइए जानते हैं तो कैसे बनाएं होममेड सैन‍िटाइजर। वो भी सिर्फ 3 चीजों की मदद से। ये सैनिटाइजर पूरी तरह नैचुरल है और सुरक्षित है। आइए जानते हैं कैसे बनाएं। 
बाजार के सैनिटाइजर में होता है अल्कोहल बाजार के सैनिटाइजर में होता है अल्कोहल सेंटर फॉर ड‍िजीज कंट्रोल और प्रिवेशन नें कोरोना वायरस ने बचने के ल‍िए अल्‍कोहल युक्‍त हैंड सेन‍िटाइजर का यूज करने के ल‍िए कहा है। वो भी ऐसा सैन‍िटाइजर जिसमें कम से कम 60 प्रतिशत अल्‍कोहल होना जरुरी है। बाजार के सैन‍िटाइजर में अल्‍कोहल होता है। लेक‍िन जरुरी नहीं है क‍ि ये आपको सूट करें। इसल‍िए यहां नेचुरल सैन‍िटाइजर बनाने की विधि सीखें। 
 
डब्‍लूएचओ ने जारी की एडवाइजरी ऐसे बनाएं हैंड सैनिटाइज़र ऐसे बनाएं हैंड सैनिटाइज़र 
 
 घर में सैनिटाइज़र बनाना बेहद आसान है 
और इसे बनाने के लिए आपको सिर्फ़ 3 सामानों की ज़रूरत पड़ेगी। सामग्री: 
1. वोडका (सबसे सस्ती वाली भी चलेगी) 
2. एलोवेरा जेल 
3. एसेंशियल ऑयल 
इसके साथ ही प्लास्टिक या कांच की नई और साफ़ बोतल की भी ज़रुरत पड़ेगी। तरीका- तरीका- सबसे पहले प्लास्टिक/कांच की बोतल में 2/3 तक वोडका भरें। वोडका में 35 से 40 परसेंट एल्कोहल होता है। एल्कोहल का इस्तेमाल मेडिकल औज़ारों तक को साफ़ करने के लिए किया जाता है। अब इसमें कुछ बूंद एसेंशियल ऑयल की डालें। मार्केट में तरह-तरह के एसेंशियल ऑयल जैसे पेपरमिंट, टी-ट्री, लेमन और लैवेंडर आदि। आप अपनी पसंद की खुशबू के हिसाब से ये एसेंशियल ऑयल चुन सकते हैं। अब आखिर में इसमें डालें एलोवेरा जेल। आपको अपना सैनिटाइज़र कितना गाढ़ा रखना है, उस हिसाब से आप इसमें एलोवेरा जेल मिला सकते हैं। एलोवेरा जेल डालने का मकसद ये है कि बार-बार इस्तेमाल से एल्कोहल आपके हाथों को बहुत ड्राय कर देता है। ऐसे में एलोवेरा जेल आपके हाथों को सॉफ़्ट रखने में मदद करता है। इन तीनों को मिलाकर आप एक बोतल में बंद कर दें।

ऐसे करें इस्‍तेमाल
अगर आप सही तरीके से हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करते हैं, तो ये आपको तमाम बीमारियों और त्वचा रोगों से बचाता है। जब भी आप घर से बाहर हों, तो कुछ भी खाने या मुंह को छूने से पहले अपने हथेली के बीच के हिस्से में इस होममेड नैचुरल सैनिटाइजर को 2 बार स्प्रे करें। अब अपनी हथेलियों को आपस में रगड़ें, ताकि हथेली के बैक्टीरिया साफ हो जाएं। इसके बाद हथेली के पिछले हिस्सों को रगड़ें, ताकि पूरा हाथ साफ हो जाए। जरूरत हो तो आप 1-2 स्प्रे और कर सकते हैं। घर पर बनाए हैंड सैनिटाइजर के फायदे घर पर बनाए हैंड सैनिटाइजर के फायदे बाजार में मिलने वाले हैंड सैनिटाइजर में कुछ ऐसे केमिकल्स होते हैं, जो आपकी त्वचा के लिए सुरक्षित नहीं माने जाते हैं। कई वैज्ञानिक रिसर्च करके इस बारे में बता चुके हैं कि केमिकलयुक्त सैनिटाइजर के ज्यादा प्रयोग से त्वचा के कैंसर का खतरा बढ़ता है। घर पर बना ये सैनिटाइजर पूरी तरह नैचुरल और सुरक्षित होता है, क्योंकि इसे बनाने के लिए सिर्फ प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल किया गया है।

जेल बेस्‍ड हैंड सैनिटाइजर बनाने का तरीका

जेल बेस्‍ड हैंड सैनिटाइजर बनाने की सामग्री-
  • एलो वेरा जेल
  • टी ट्री ऑइल- 3 बूंद
  • लेवेंडर ऑइल - 4 बूंद
  • स्‍क्‍वीज बॉटल
बनाने का तरीका-
  1. सबसे पहले एक स्‍क्‍वीज बॉटल में एलो वेरा जेल डालें। बॉटल को पूरा ऊपर तक न भरें।
  2. अगर एलो वेरा जेल बेहद गाढा है तो फिर आप उसमें रोज वॉटर मिला सकती हैं।
  3. उसके बाद इसमें 5 बूंद टी ट्री ऑइल की मिलाएं। (यह बैक्‍टीरिया और वायरस का खात्‍मा करने के लिये बेस्‍ट है)
  4. अब इसमें 6-7 बूंद लेवेंडर ऑइल मिक्‍स करें।
  5. बॉटल को बंद करें और अच्‍छी तरह से शेक कर लें, जिससे सारी चीजें मिक्‍स हो जाएं।

उपयोग करने के फायदे-
ये हर्बल हैंड सैनिटाइजर बिना हल्‍कोहल और कैमिकल के तैयार किया जा सकता है। जिसमें टी ट्री ऑइल की प्रॉपर्टीज हाथों के जर्म्‍स का खात्‍मा करेगी। यही नहीं इसे लगाने से हाथ भी बिल्‍कुल ड्राई नहीं होंगे।

लीजिये आपका होममेड हैंड सैनिटाइजर बन कर तैयार है। आप इसे आराम से अपनी पॉकेट में या पर्स में कैरी कर सकती हैं। यह हाथों पर बेहद सॉफ्ट है और खुशबूदार है।

बचे हुए साबुनों से बनाएं ‘Hand Wash’

 बचे हुए साबुनों से बनाएं  ‘Hand Wash’

घर में बचे हुए साबुन के तुकड़ों को आप अगर फेक देती हैं तो अब से उन्हें बचा कर रखें क्योंकि आप उनसे घर पर ही एंटीसेप्टिक हैंड वॉश बना सकती हैं।  
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शरीर की साफ सफाई उतनी ही जरूरी है, जितना की स्वास्थ के लिए सेहतमंद भोजन होता है। खासतौर पर हाथों की सफाई और भी जरूरी हो जाती है क्योंकि यह शरीर को वह अंग है जिसे सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। खाना खाने से लेकर चेहरे को साफ करने तक के लिए आप हाथों का ही इस्तेमाल करती हैं। ऐसे में अगर आपके हाथ साफ नहीं होंगे तो आपको किसी भी तरह का शारीरिक संक्रमण हो सकता है। इस संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है कि आप अच्छे एंटीसेप्टिक हैंड वॉश का इस्तेमाल करें। वैसे तो बाजार में आपको बहुत सारे हैंड वॉश मिल जाएंगे। ये हैंड वॉश अच्छे होने के साथ सुगंधित भी होते हैं। मगर, इनमें कैमिकल और कास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है, जो आपके हाथों की त्वचा को नुक्सान पहुंचा सकता है। आप चाहें तो घर पर ही बेहद आसानी से हैंड वॉश बना सकती हैं। घर पर ही साबुन बनाने के लिए आपको सबसे पहले कुछ चीजों को इकट्ठा करना होगा। यह चीजें आपको घर पर ही आसानी से मिल जाएंगी।
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सामग्री 
  • 6 से 7 साबुन के छोटे-छोटे बचे हुए तुकड़े
  • 5 बड़ा चम्मच डिटॉल या सैवलॉन 
  • 1 नींबू का रस 
  • 1 कप पानी
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विधि 
  • अगर आप पहले बार हैंड वॉश बना रही हैं तो आपको सबसे पहले साबुन के छोटे-छोटे टुकड़ों को इक्ट्ठा करना चाहिए। इसके बाद उन्हें कद्दूकस करना चाहिए आप चाहें तो उसे ग्राइंडर में महीन पीस सकती हैं। 
  • साबुन के पाउडर में पानी मिला कर उसे एक बार फिर से ग्राइंडर में पीस लें। ध्यान रखें। पानी की मात्रा इतनी होनी चाहिए कि हैंड वॉश ज्यादा पतला या गाढ़ा न हो। 
  • इसके बाद इसमें डिटॉल और नीबूं का रस डाल कर इसमें अच्छे से मिलाएं और फिर इस मिश्रण को एक ऐसी बॉटल में भरें जिसे दबाने पर यह मिश्रण थोड़ी सी मात्रा में बाहर निकल सके।
  • अगर आप इसमें सुगंध चाहती हैं तो अपनी पसंद के किसी भी एरोमा ऑयल को भी इसमें मिक्स कर सकती हैं। 
  • अगर आपको लगता हैं कि आपका हैंड वॉश आपके हाथों को ज्यादा ड्राए न करें इसके लिए आपको या तो ग्लीसरीनयुक्त साबुन का पाउडर बनाना चाहिए या फिर हैंड वॉश में ही थोड़ी सी ग्लीसरीन मिला देनी चाहिए। 
  • इन सभी के साथ आपको सबसे आखिर में हैंड वॉश में सैनेटाइजर मिलाना चाहिए। 

हैंड सैनिटाइजर घर पर ही बनाया जा सकता है

घर पर ही बनाया जा सकता है खुशबूदार हैंड सैनिटाइजर

बाजार के महंगे सैनिटाइजर की जगह आप घर पर ही नैचुरल खुशबूदार सैनिटाइजर बना सकती है। यह हाथों के बैक्टीरिया को मारेगा और हथेलियों को मुलायम बनाएगा। 
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हाथ शरीर का वो अंग हैं जिसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है। हाथों की मदद से ही हम खाना खा पाते हैं, लिख पाते हैं किसी वस्तु को पकड़ पाते हैं और किसी चीज स्पर्श कर पाते हैं। ऐसे में हाथ ही शरीर का वह अंग है जो सबसे ज्यादा गंदा होता है। गंदे हाथों से अगर आप कुछ खाती हैं या फिर अपनी ही त्वचा को स्पर्श करती हैं तो इससे संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। गंदे हाथों से खाना खाने से वह गंदगी पेट के अंदर जा कर बड़ी बीमारियों को न्योता तक दे देती है। ऐसे में हाथों बार-बार साफ करना बहुत जरूरी है। हाथों को एंटीसेप्टिक सोप से तो धोना ही चाहिए साथ ही जब आप हाथों कों पानी से वॉश न कर पाएं तो इस स्थिति में हैंड सैनिटाइजर का यूज करना चाहिए। हैंड सैनिटाइजर वैसे तो बेहद काम की चीज हैं मगर, इसका ज्यादा इस्तेमाल भी बीमारी की जड़ हो सकता है। खासतौर पर आपकी त्वचा के लिए यह खतरा पैदा कर सकता है। ऐसा तब होता है जब आप कैमिकल और एल्कॉहलयुक्त हैंड सैनिटाइजर का यूज करती हैं। मगर, यह पहचान पाना कि कौन सा सैनिटाइजर अच्छा है और कौन सा बुरा यह थोड़ा मुश्किल है इसलिए हम आपको बताएंगे कि आप घर पर ही कैसे नैचुरल सैनिटाइजर बना सकती हैं। यह बेहद आसान है और आपको बाजार के महंगे सैनिटाइजर सस्ता भी पड़ेगा। 

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माइल्ड हैंड सैनिटाइजर 

यह हर्बल हैंड सैनिटाइजर जेल आपकी स्किन के लिए सेफ है। खासतौर पर बच्चों की कोमल त्वचा के लिए यह सैनिटाइजर बहुत ही अच्छा है। इसे यूज करने से हाथों की त्वचा ड्राय नहीं होती बल्कि इससे त्वचा को नरिशमेंट मिलता है। आपको इसमें एलोवेरा मिलाना चाहिए। 

सामग्री 
  • 1/4 कप एलोवेरा जैल 
  • 20 ड्रॉप्स जर्म डिस्ट्रॉयर एसेंशियल ऑयल 
विधि 
इन दोनों ही इंग्रीडियंट्स को अच्छे से मिलाएं और एक रीयूजेबल सिलिकॉन ट्यूब में इसे स्टोर करके रखें। इसका इस्तेमाल तब करें जब आपको लगे कि आपके हाथ गंदे हैं। 

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स्ट्रॉन्ग हैंड सेनिटाइजर 

यह बाजार में मिलने वाले सैनिटाइजर की तरह ही होता है। इसे आप कमर्शियल वर्जन ही कह सकते हैं मगर, इसमें ट्रिक्लोसन तत्व नहीं मिला होता है। इसलिए यह आपके हाथो के लिए सेफ होता है। अगर आप बहुत ज्यादा डस्ट वाले एरिया में रहती हैं या फिर काम करती हैं तो आपको इसका इस्तेमाल करना चाहिए। 
सामग्री 
  • 1 बड़ा चम्मच रबिंग एल्कॉहल 
  • 1/2 छोटा चम्मच वेजिटेबल ग्लीसरीन 
  • ¼ कप एलोवेरा जैल 
  • 10 ड्रॉप्स दालचीनी एसेंशियल ऑयल 
  • 10 ड्रॉप्स टी-ट्री एसेंशियल ऑयल 
  • डिसटिल वॉटर 
विधि 
इस सैनिटाइजर को बनाने के लिए सबसे पहले एलोवेरा जैल में ग्लीसरीन और एल्कॉहल मिलाएं। इसके बाद इसमें दालचीनी एसेंशियल ऑयल मिलाएं। टी ट्री ऑयल में वैसे तो अपनी खुशबू होती ही है लेकिन अगर आप इसे और खुशबूदार बनाना चाहते हैं तो इसमें  लेमनग्रास, ऑरेंज, लेवेंटर और पिपरमिंट में से किसी भी एक एसेंशियल ऑयल की बूंदें मिश्रण में डालें। इसके बाद आखिरी में डिसटिल वॉटर मिला कर इसे पंप वाली बॉटल में भरें।  जहां एक तरफ अल्कोहल और टी ट्री ऑयल के मिश्रण के कारण इस सेनिटाइजर के इस्तेमाल से हाथ के सारे बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। वहीं इसमें मिले एलोवेरा जैल से हथेलियां मुलायम हो जाती हैं।एक बार इसे घर पर बना लेने के बाद आप कभी भी बाज़ार से सैनेटाइजर नहीं खरीदेंगें।

बुधवार, 11 मार्च 2020

Corona Virus: होम्योपैथ में कोरोना से बचाव व इलाज संभव, आयुष मंत्रालय ने दवा को दी हरी झंडी

Corona Virus: होम्योपैथ में कोरोना से बचाव व इलाज संभव, आयुष मंत्रालय ने दवा को दी हरी झंडी

कोरोना वायरस के संक्रमण (Corona Virus infection) से जूझते चीन (China) के लिए भारत से राहत भरी खबर है। बिहार के गया में आयोजित मगध होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन (Magadh Homeopathic Medical Association) के 17वें सेमिनार (Seminar) में जमशेदपुर के सीनियर होम्‍योपैथिक डॉक्‍टर  व सिंहभूम होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज (Jamshedpur Homeopathic Medical College) के प्राचार्य (Principal) डॉ. कुलवंत सिंह (Dr. Kulwant Singh) ने दी है। उन्‍होंने बताया कि वायरस से सुरक्षा के लिए एहतियात के तौर पर होम्योपैथिक दवा आर्सेनिक अल्बम-30 (Arsenic Album 30) का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह दवा सुरक्षा के लिए इस्‍तेमाल के अलावा रोग होने पर भी इस्तेमाल की जा सकती है।
आयुष मंत्रालय ने आर्सेनिक अल्बम-30 दवा को किया अधिसूचित
उन्होंने बताया कि हाल ही में आयुष मंत्रालय ने कोरोना वायरस को लेकर विशेषज्ञों के साथ बैठक की थी, जिसमें केंद्रीय होम्योपैथिक परिषद और केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद के विशेषज्ञों के साथ इसपर चर्चा की गई। उसके बाद आर्सेनिक अल्बम-30 दवा को आयुष मंत्रालय ने अधिसूचित किया है। इससे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है।

इनफ्लुएंजा से मिलते-जुलते हैं कोरोना वायरस के लक्षण
डॉ. कुलवंत सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस के लक्षण इनफ्लुएंजा से मिलते-जुलते हैं। इसमें सर्दी-जुकाम, नाक बहना और तेज बुखार, उल्टी जैसी तकलीफें होती हैं। इसमें होम्योपैथ की आर्सेनिक अल्बम-30 दवा दी जा सकती है। इस दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है। यह बहुत पुरानी दवा है। करीब ढाई सौ वर्ष पहले इस दवा को ईजाद किया गया था।

डॉक्‍टर की सलाह पर ऐसे ली जा सकती दवा
सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी के वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड ने माना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने में होम्योपैथ की दवा 'आर्सेनिक एल्बम-30’ कारगर है। यह दवा डॉक्‍टर की सलाह पर तीन दिन तक खाली पेट ली जा सकती है। संक्रमण कायम रहने पर एक माह बाद दोबारा दवा ली जा सकती है। 
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