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शनिवार, 5 मार्च 2011

ना ज़मीन, ना सितारे, ना चाँद, ना रात चाहिए,

ना ज़मीन, ना सितारे, ना चाँद, ना रात चाहिए,
दिल मे मेरे, बसने वाला किसी दोस्त का प्यार चाहिए,

ना दुआ, ना खुदा, ना हाथों मे कोई तलवार चाहिए,
मुसीबत मे किसी एक प्यारे साथी का हाथों मे हाथ चाहिए,

कहूँ ना मै कुछ, समझ जाए वो सब कुछ,
दिल मे उस के, अपने लिए ऐसे जज़्बात चाहिए,

उस दोस्त के चोट लगने पर हम भी दो आँसू बहाने का हक़ रखें,
और हमारे उन आँसुओं को पोंछने वाला उसी का रूमाल चाहिए,

मैं तो तैयार हूँ हर तूफान को तैर कर पार करने के लिए,
बस साहिल पर इन्तज़ार करता हुआ एक सच्चा दिलदार चाहिए,

उलझ सी जाती है ज़िन्दगी की किश्ती दुनिया की बीच मँझदार मे,
इस भँवर से पार उतारने के लिए किसी के नाम की पतवार चाहिए,

अकेले कोई भी सफर काटना मुश्किल हो जाता है,
मुझे भी इस लम्बे रास्ते पर एक अदद हमसफर चाहिए,

यूँ तो 'मित्र' का तमग़ा अपने नाम के साथ लगा कर घूमता हूँ,
पर कोई, जो कहे सच्चे मन से अपना दोस्त, ऐसा एक दोस्त चाहिए


अगर यही जीना हैं दोस्तों... तो फिर मरना क्या हैं?


शहर की इस दौड में दौड के करना क्या है?
अगर यही जीना हैं दोस्तों... तो फिर मरना क्या हैं?
पहली बारीश में ट्रेन लेट होने की फीकर हैं......
भूल गये भींगते हुए टहलना क्या हैं.......
सीरीयल के सारे किरदारो के हाल हैं मालुम......
पर माँ का हाल पूछ्ने की फ़ुरसत कहाँ हैं!!!!!!
अब रेत पर नंगे पैर टहलते क्यों नहीं........
१०८ चैनल हैं पर दिल बहलते क्यों नहीं!!!!!!!
इंटरनेट पे सारी दुनिया से तो टच में हैं.......
लेकिन पडोस में कौन रहता हैं जानते तक नहीं!!!!
मोबाईल, लैंडलाईन सब की भरमार हैं.........
लेकिन जिगरी दोस्त तक पहुंचे ऐसे तार कहाँ हैं!!!!
कब डूबते हुए सूरज को देखा था याद हैं??????
कब जाना था वो शाम का गुजरना क्या हैं!!!!!!!
तो दोस्तो इस शहर की दौड में दौड के करना क्या हैं??????
अगर यही जीना हैं तो फिर मरना क्या हैं***! !!!!!

शुक्रवार, 4 मार्च 2011

देना है तो दीजिये जनम जनम का साथ

मेरे सर पर रखदो ठाकुर,  मेरे सर पर रखदो ठाकुर
अपने ये दोनों हाथ, देना है तो दीजिये जनम जनम का साथ
देना है तो दीजिये जनम जनम का साथ

सुना हैं अपने भक्तों को तो तुम अपने गले लगते हो
एसा हमने क्या माँगा जो देने से कतराते हो
मेरे जीवन में अब करदो, मेरे जीवन में अब करदो, तुम कृपा की बरसात
देना है तो दीजिये जनम जनम का साथ,  देना है तो दीजिये जनम जनम का साथ.



पिछले जनम में सेवा देकर तुमने बड़ा एहसान किया
तुम्ही हो राम तुम्ही हो कृष्णा हमने तुम्हे पहचान लिया
चाहे दूर रहो बनवारी चाहे दूर रहो बनवारी पर होती रहे मुलाकात
देना है तो दीजिये जनम जनम का साथ , देना है तो दीजिये जनम जनम का साथ

देने वाले गिरधारी से धन और दौलत क्या मांगूं

मांगूं तो बनवारी से गाडी बंगला क्या मांगू,
मेरे जीवन में अब करदो मेरे जीवन में अब करदो  तुम करूणा की बरसात
देना है तो दीजिये जनम जनम का साथ , देना है तो दीजिये जनम जनम का साथ


बुधवार, 2 मार्च 2011

बुरा जो देखन में चला बुरा न मिलिया कोय जो दिल खोजा आपना तो मुझसे बुरा न कोय

एक आदमी डॉक्टर के  पास गया और बोला की डॉक्टर मेरे को बहुत दर्द होता है
मैं जहां भी उंगली रखता हूँ ना सब जगह दर्द है .
डॉक्टर ने बोला full body x-ray होगा ct scan होगा report आएगी फ़िर उस के आधार पर इलाज होगा .  जब report आई तो डॉक्टर हँसने लगे .
इसने कहा डॉक्टर हसते क्यों हो ? क्या है report में ?
डॉक्टर बोले तेरे report में आया है की पुरे शरीर में कही कोई भी तकलीफ नहीं है केवल तेरी उंगली का अगला  हिस्सा पक गया  है .कुछ लगा होगा तो उंगली का अगला हिस्सा पक गया है इसलिए तू जहां  भी उंगली रखता है तो दर्द होता है …
हकीकत में शरीर में कही कोई प्रॉब्लम नहीं है सिर्फ उंगली तेरी पक गयी है बस 

ऐसे ही जो TV CHANNEL भारत के महान संतो को बदनाम करने के लिए कुप्रचार करते है  ,असल में उन की बुद्धि  सड़ी हुयी है .इसलिए उनको सब जगह दोष दिखता है ..इसने ऐसा कर दिया .उसने  वैसा कर दिया ऐसी मनगढ़ंत झूठी कहानिया बनाते है और अपना और देशवासियों का जीवन और समय खराब कर रहे है .
अरे सिर्फ चैनल को चलाने से तुम्हारा फ़र्ज़ पूरा नहीं होता तुम भी तो इसी देश के वासी हो फिर अगर तुम्हे गलतियाँ नज़र आ रही है तो उसे सिर्फ देखते ही रहोगे और बढाचढा कर देशवासियों में हिंसा और उत्पात के लिए प्रेरित करने के बजाय उन्हें सही राह दिखाओ ना|
बुरा जो देखन में चला बुरा न मिलिया कोय
जो दिल खोजा आपना तो मुझसे बुरा न कोय
समझदार के लिए इशारा ही काफी है ..........

जय श्री कृष्णा 

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सोमवार, 28 फ़रवरी 2011

भारतीय संस्कृति के अनुसार सोलह संस्कार

 हिन्दू धर्म के अनुसार मानव के जन्म से लेकर मृत्यु तक कुल सोलह संस्कारों का निर्वाह किया जाता है
आज के लोगो को तो इनके नाम भी याद नहीं होंगे
फिर भी भारतीय संस्कृति की विदेशों में पूजा होती है तो कम से कम भारत के लोगो को तो ये जानना ही चाहिए

 भारतीय संस्कृति के अनुसार सोलह संस्कार
1. गर्भाधान संस्कार
2. पुंसवन संस्कार ( गोद भराई )
3. सिमंतोनयन संस्कार
4. जात कर्म संस्कार (नावण )
5. नामकरण संस्कार
6. निष्क्रमण संस्कार
7. अन्नप्राशन संस्कार
8. चूडाकर्म संस्कार
9. उपनयन संस्कार (यज्ञोपवित या जनेऊ संस्कार )
10. वेदारम्भ संस्कार (विद्या आरम्भ )
11. समावर्तन संस्कार
12. विवाह संस्कार
13. अग्न्याधान संस्कार
14. दीक्षा संस्कार
15. महाव्रत संस्कार
16. अंतिम संस्कार (दाह संस्कार )


 

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