जागो भारतियों जागो (1)
Financial
Terrorism (वित्तीय आतंकवाद)
के
खिलाफ अपनी आवाज उठायें |
मैंने सिर्फ हिन्दुस्तान
में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में पहली बार कुछ
भ्रष्टाचारी मेट्रोपोलिटन
मेजिस्ट्रेट
थोड़े से उच्च न्यायालय के जस्टिस,
रजिस्ट्रार (उच्च न्यायालय)
झूठे, जाली Arbitrator के
खिलाफ
Date
12/07/12
गैर-कानूनी, झूठा, जाली शिकायत
धारा/से. १३८ Negotiable Instrument Act के अंतर्गत माननीय उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय
के आदरणीय जस्टिस के पास किये आदेश का अनादर करके (Contempt of Court) बिना साहूकारी
लायसेन्स (Moneylenders) का धंधा करने वालों के खिलाफ अपनी लड़ाई घोषित की है|
Financial आतंकवाद चलाने वाले कई भारतीय या
विदेशी निजी बहुराष्ट्रीय बैंक, गैर बैंकिंग Financial Company व Financial
Institute का दुनिया भर में फैला हुआ आतंकवाद, आर्थिक सुधार के नाम पर ग्राहकों का
शोषण हिन्दुस्तान का सबसे धोखेबाजी व जालसाजी EMI के गिनती में छेड़खानी करते हुये और
कई प्रकार के घोटाले करते हुये ६०० लाख करोड़ रु. (सुधारा हुआ) खा जाने वाली सभी बैंकों
के अश्वमेघ यज्ञ के विजय रथ को रोका गया व चुनौती दी गई है|
ऐसा नहीं
है कि हम इस २१वीं सदी में विदेशियों के साथ मिलकर धंधा नहीं करना चाहते या
corporate घरानों के साथ मिलकर धंधा नहीं करना चाहते या Loan का रुपया नहीं भरना चाहते
अगर देखा जाये तो हम पुराने ख्यालात के भी बिलकुल नहीं है जो सच है और सबकि सुविधा
जनक है हम उसी का उपयोग करना चाहेंगे|
लेकिन
हम हमारे देश के खासकर के भ्रष्टाचारी नेताओं,
उच्च पदों पर बैठे सरकारी बाबुओं RBI से ले-देकर CVC तक CM से लेकर PM तक आर्थिक सुधार
के नाम पर जालसाजी करना, घोटाला करना, बैंकों द्वारा साहूकारी का लायसेन्स लिये बिना
बेधड़क होकर धंधा करते हुये ग्राहकों का शोषण करना| ग्राहकों से पैसा वसूली के नाम पर
गुण्डा-गर्दी करना बैंकों द्वारा जाली दस्तावेज तैयार करवा कर ग्राहकों की संपत्ति
को बिकवा देना व हथिया लेने की साजिश करना ग्राहकों से लगभग ६०० लाख करोड़ (सुधारा हुआ)
से ज्यादा खा जाना १५०% (लगभग १२.५ प्रति महीना) तक से ज्यादा वार्षिक ब्याज लेना|
जो पैसा अधिकारिक रुप से नहीं निकलता दादागिरी के जरिये उस पैसे की ग्राहकों से वसूली
करना| भ्रष्टाचारियों द्वारा कुछ जज का इस्तेमाल करते हुये ग्राहक के ऊपर जाली नाम,
पता वाला Arbitrator नियुक्त करना, जाली कार्यवाही चलाना और जाली Award पास करना, जाली
दस्तावेजों के द्वारा लोगों की संपत्ति हड़पना या बिकवा देना जिसका हम कड़ा विरोध करते
हैं, इन समाज द्रहियों के खिलाफ हमारा यह आंदोलन है)
हमारे देश में इन भ्रष्टाचारियों
ने गरीबों का शोषण करने के लिये कुछ इस तरह से जाल बिछाया है जिसमें इन लोगों ने बड़े-बड़े
देश-विदेश के नामी गिरामी NBFC निजी, बहुराष्ट्रीय बैंकों का इस्तेमाल किया है जिन
बैंकों ने देश के कानून को ताक पर रखकर पुराने जमाने में जिस प्रकार साहूकार लोग अपनी
साहूकारी करते थे और लोगों को ब्याज पर रकम देकर उनकी जमीन जायदाद हथियाते थे उस काम
को इन बैंकों ने हमारे देश में शुरु कर दिया है यह बैंक यह कार्य हमारे देश में १५
सालों से कर रहे हैं बिना गैर कानूनी काम को कानूनी रुप देते हुये साहूकारी का धंधा
करना शुरु कर दिया वो भी अधिक ब्याज पर|
कुछ भ्रष्टाचारियों ने पूरे देश पर झाडू फेरकर
पूरे देश का रुपया लूट लिया, चोरी कर डाला और करवाया पूरी न्यायपालिका को बदनाम करके
यह लुटेरे बैंकों का कुछ मेजिस्ट्रेट और जस्टिस ने लोन रिकवरी ऐजेन्ट दलाल का काम शुरु
किया है, जो पहले यह काम कुछ Recovery Agent का काम और गली के गुंडे, लुख्खे को दिया
जाता था| अब यह पढे लिखे कुछ मेजिस्ट्रेट जस्टिस, सुटेड-बूटेड, रजिस्ट्रार को दिया
गया है? ऐसा लगता है|
यह गलत आपराधिक काम करने के लिये,
सुनियोजित अपराध करने के लिये आर्थिक लेन-देन को कानूनी नियमानुसार स्वीकृति प्रदान
करने की जिम्मेदारी RBI (R.B.I. में ज्यादा से ज्यादा लोग भ्रष्ट हैं और R.B.I. के
गवर्नर की निगरानी में उनको पता होने के बावजूद भी यह काम किया जा रहा है| यहाँ तक
की पी.एम.ओ. को भी सब पता है लेकिन फिर भी उनपर कोई भी कानूनी कार्यवाही नहीं की जा
रही है|) की है मगर यह भी तय है कि यह जो खेल चल रहा है वह RBI को पूरी तरह से मालूम
है| मगर हमारे देश के भ्रष्टाचारी नेताओं द्वारा खेल को खुले आम जारी रखने की पूरी
अनुमति है यही कारण है कि यह सभी बैंक जिसमें Citi Bank, Citi Financial, Kotak
Mahindra Bank, Kotak Mahindra Prime Ltd., Reliance Capital Ltd., Gang Leader की
अगवानी के अंतर्गत, Barclays Bank PLC, India Bulls, ICICI, HDFC, G.E. Money,
ING. Vaishya, ABN Amro, HSBC, Cholamandalam DBS, और कई बैंकों ने पूरे भारत में ना
सिर्फ कई बैंकों ने पूरी दुनिया में आतंक फैलाकर रखा है|
यहाँ तक की Citi Bank ने तो जालसाज़ी व धोखाधड़ी
का इस्तेमाल करके बराक ओबामा के जरिये अमेरिकन सरकार से अरबों रुपयों का package लेकर
खा लिया है|
मैंने तीन साल पहले भारत में इन बैंकों के अश्वमेघ यज्ञ के
विजयी घोड़े को रोका है व पिछले तीन साल से यह लड़ाई जारी रखे हुये हूँ| अब वक्त आ चुका
है अपने देश को बचाने के लिये ही नहीं बल्कि अपने बच्चे के अच्छे भविष्य के लिये ही
नहीं, मेरी हर भारतवासी से यह अपील है कि घर से बाहर निकलें और इस आन्दोलन में शामिल
हों देश को बचायें जो फिर से इन भ्रष्टाचारी नेताओं के लालच की अधिकता की वजह से आर्थिक
सुधारों के नाम पर फिर से गुलाम न बन जायें| भ्रष्ट राजनेताओं ने आर्थिक सुधार के नाम
पर देश को लूटनेवाले यह लुटेरों के खिलाफ मैं एलान करता हूँ| जागो भारत जागो, देश का
तीसरा स्तंभ मीडिया जागो जब तक यह Financial आतंकवाद खत्म नहीं होता है, जब तक मेरा
ऐलान चालू रहेगा| मेरा यह ऐलान, LIC, Mutual Fund, Share Market, Insurance, Mall में
भ्रष्टाचार, Mobile Billing, Prepaid Card, Petrol, Diesel, भूमी घोटाला और ऐसे ही
एक से एक घोटाला इत्यादी| मैं मुकेश शाह
Financial आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहा हूँ इसीलिये बैंकों व NBFC बैंकों ने मुझ पर जनता
के मुद्दों पर लड़ने से रोकने के लिये कई u/s 138 of Negotiable Instrument Act के अंतर्गत
और Arbitration का जाली व झूठा मामला दर्ज किया है| मैंने कई शिकायतें Chief
Metropolitan Magistrate और Chief Justice of High Court को की है लेकिन अभी तक कोई
action नहीं लिया गया है इसलिये मैंने बैंकों और कुछ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट को चुनौती
दी है अतः मैं मुकेश शाह एलान करता हूँ कि NBFC बैंकों के गैर कानूनी मामलों (जालसाज़ी,
घोटालों) के ऊपर कानूनी कार्यवाही नहीं की जायेगी और अगर मुझे कुछ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट
गिरफ्तार करते हैं, तो अदालत में मैं सिर्फ "वन्दे मातरम्", "भारत
माता की जय", "इन्कलाब जिन्दाबाद" का नारा लगाऊँगा, जेल में आमरण अनशन
करूँगा और पेम्पलेट बाँटूंगा|
वंदे मातरम्, जय
हिंद, इन्कलाब जिन्दाबाद,
भारतमाता की जय
अधिक जानकारी
के लिये आपके साथ किया जालसाज़ी, धोखेबाज़ी, जाँच कराने के लिये, हमारे साथ लड़ाई में
शामिल होने के लिये
इंडिया अगेन्स्ट
फायनेन्शियल करप्शन (IHFC), जागो भारत जागो, ऑल इन्डिया, निजी, विदेशी बैंक, एन.बी.एफ.सी.
ग्राहक एसोसियेशन (un Regd.)
(All India Private Foreign Banks, NBFC's Customers
Association (un Regd.)
Mukesh Shah : Mob. 8080 590 801, 9833 283 031E-mail : FightCorruption1955@rediffmail.comFightAgainst India's Biggest Financial Terrorism (English) |
जय श्री कृष्णा, ब्लॉग में आपका स्वागत है यह ब्लॉग मैंने अपनी रूची के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है कहीं न कहीं से ली गई है। अगर किसी के कॉपी राइट का उल्लघन होता है तो मुझे क्षमा करें। मैं हर इंसान के लिए ज्ञान के प्रसार के बारे में सोच कर इस ब्लॉग को बनाए रख रहा हूँ। धन्यवाद, "साँवरिया " #organic #sanwariya #latest #india www.sanwariya.org/
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सोमवार, 11 फ़रवरी 2013
आपके साथ किया जालसाज़ी, धोखेबाज़ी, जाँच कराने के लिये, हमारे साथ लड़ाई में शामिल होने के लिये
रविवार, 10 फ़रवरी 2013
दिल्ली का लाल किला ... शाहजहाँ से भी कई शताब्दी पहले पृथ्वीराज चौहान द्वारा बनवाया हुवा लाल कोट है !
अभी तक आपने सुना होगा की ताज महल असली में राजपूतों का बनाया तेजो महालय शिव मंदिर है पर क्या आप जानते है की दिल्ली का लाल किला ... शाहजहाँ से भी कई शताब्दी पहले पृथ्वीराज चौहान द्वारा बनवाया हुवा लाल कोट है !
क्या कभी किसी ने सोचा है की इतिहास के नाम पर हम झूठ क्यों पढ़ रहे है ??
सारे प्रमाण होते हुए भी झूठ को सच क्यों बनाया जा रहा है ??
हम हिंदुओं की बुद्धि की आज ऐसी दशा हो गयी है की अगर एक आदमी की पीठ मे खंजर मार कर हत्या कर दी गयी हो और उसको आत्महत्या घोषित कर दिया जाए तो कोई भी ये भी सोचने का प्रयास नही करेगा की कोई आदमी खुद की पीठ मे खंजर कैसे मार सकता है....यही हाल है हम सबका की सच देख कर भी झूठ को सच माना फ़ितरत बना ली है हमने.....
**दिल्ली का लाल किला शाहजहाँ से भी कई शताब्दी पहले प्रथवीराज चौहान द्वारा बनवाया हुवा लाल कोट है**
जिसको शाहजहाँ ने बहुत तोड़ -फोड़ करके कई बदलाव किये है ताकि वो उसके द्वारा बनाया साबित हो सके..लेकिन सच सामने आ ही जाता है.
* इसके पूरे साक्ष्या प्रथवीराज रासो से मिलते है
*शाहजहाँ से २५० वर्ष पहले १३९८ मे तैमूर लंग ने पुरानी दिल्ली का उल्लेख करा है (जो की शाहजहाँ द्वारा बसाई बताई जाती है)
* सुवर (वराह) के मूह वेल चार नल अभी भी लाल किले के एक खास महल मे लगे है. क्या ये शाहजहाँ के इस्लाम का प्रतीक चिन्ह है या हमारे
हिंदुत्व के प्रमाण ?? सब जानते हैं इस्लाम सूअर से बेपनाह नफरत करता है...
* किले के एक द्वार पर बाहर हाथी की मूर्ति अंकित है राजपूत राजा लोग
गजो( हाथियों ) के प्रति अपने प्रेम के लिए विख्यात थे ( इस्लाम मूर्ति का विरोध करता है)
* दीवाने खास मे केसर कुंड नाम से कुंड बना है जिसके फर्श पर हिंदुओं मे पूज्य कमल पुष्प अंकित है, केसर कुंड हिंदू शब्दावली है जो की हमारे राजाओ द्वारा केसर जल से भरे स्नान कुंड के लिए प्रयुक्त होती रही है
* मुस्लिमों के प्रिय गुंबद या मीनार का कोई भी अस्तित्वा नही है दीवानेकहास और दीवाने आम मे.
* दीवानेकहास के ही निकट राज की न्याय तुला अंकित है , अपनी प्रजा मे से ९९% भाग को नीच समझने वाला मुगल कभी भी न्याय तुला की कल्पना भी नही कर सकता,ब्राह्मानो द्वारा उपदेषित राजपूत राजाओ की न्याय तुला चित्र से प्रेरणा लेकर न्याय करना हमारे इतिहास मे प्रसीध है
* दीवाने ख़ास और दीवाने आम की मंडप शैली पूरी तरह से 984 के अंबर के भीतरी महल (आमेर--पुराना जयपुर) से मिलती है जो की राजपूताना शैली मे बना हुवा है
* लाल किले से कुछ ही गज की दूरी पर बने देवालय जिनमे से एक लाल जैन मंदिर और दूसरा गौरीशंकार मंदिर दोनो ही गैर मुस्लिम है जो की शाहजहाँ से कई शताब्दी पहले राजपूत राजाओं ने बनवाए हुए है.
* लाल किले का मुख्या बाजार चाँदनी चौक केवल हिंदुओं से घिरा हुवा है, समस्त पुरानी दिल्ली मे अधिकतर आबादी हिंदुओं की ही है, सनलिष्ट और घूमाओदार शैली के मकान भी हिंदू शैली के ही है ..क्या शाहजहा जैसा मुस्लिम व्यक्ति अपने किले के आसपास अरबी, फ़ारसी, तुर्क, अफ़गानी के बजाय हम हिंदुओं के लिए मकान बनवा कर हमको अपने पास बसाता ???
* एक भी इस्लामी शिलालेख मे लाल किले का वर्णन नही है
* ""गर फ़िरदौस बरुरुए ज़मीं अस्त, हमीं अस्ता, हमीं अस्ता, हमीं अस्ता""--
अर्थात इस धरती पे अगर कहीं स्वर्ग है तो यही है, यही है, यही है....इस अनाम शिलालेख को कभी भी किसी भवन का निर्मांकर्ता नही लिखवा सकता .. और ना ही ये किसी के निर्मांकर्ता होने का सबूत देता है
इसके अलावा अनेकों ऐसे प्रमाण है जो की इसके लाल कोट होने का प्रमाण देते है, और ऐसे ही हिंदू राजाओ के सारे प्रमाण नष्ट करके हिंदुओं का नाम ही इतिहास से हटा दिया गया है, अगर हिंदू नाम आता है तो केवल नष्ट होने वाले शिकार के रूप मे......ताकि हम हमेशा ही अहिंसा और शांति का पाठ पढ़ कर इस झूठे इतिहास से प्रेरणा ले सके...सही है ना???..
लेकिन कब तक अपने धर्म को ख़तम करने वालो की पूजा करते रहोगे और खुद के सम्मान को बचाने वाले महान हिंदू शासकों के नाम भुलाते
रहोगे..ऐसे ही....? जागो जागो और इतिहास की सच्चाई को जानो ...मुस्लिम शाशको ने ज्यादातर लुट - पाट,तोड़ फोड़ करके हमारे मंदिरों और महलों को परिवर्तित किया है ,बाबरी मस्जिद ( जिसे देश भक्त हिन्दू वीरो ने गुलामी के प्रतीक को नेस्तनाबूद कर दिया) धार की भोजशाला जैसे कितने प्रमाण आज भी मौजूद है जो चिल्ला - चिल्ला कर हमसे कह रहे है की देखो इतिहास की सच्चाई . ..............
जय माँ भारती —
क्या कभी किसी ने सोचा है की इतिहास के नाम पर हम झूठ क्यों पढ़ रहे है ??
सारे प्रमाण होते हुए भी झूठ को सच क्यों बनाया जा रहा है ??
हम हिंदुओं की बुद्धि की आज ऐसी दशा हो गयी है की अगर एक आदमी की पीठ मे खंजर मार कर हत्या कर दी गयी हो और उसको आत्महत्या घोषित कर दिया जाए तो कोई भी ये भी सोचने का प्रयास नही करेगा की कोई आदमी खुद की पीठ मे खंजर कैसे मार सकता है....यही हाल है हम सबका की सच देख कर भी झूठ को सच माना फ़ितरत बना ली है हमने.....
**दिल्ली का लाल किला शाहजहाँ से भी कई शताब्दी पहले प्रथवीराज चौहान द्वारा बनवाया हुवा लाल कोट है**
जिसको शाहजहाँ ने बहुत तोड़ -फोड़ करके कई बदलाव किये है ताकि वो उसके द्वारा बनाया साबित हो सके..लेकिन सच सामने आ ही जाता है.
* इसके पूरे साक्ष्या प्रथवीराज रासो से मिलते है
*शाहजहाँ से २५० वर्ष पहले १३९८ मे तैमूर लंग ने पुरानी दिल्ली का उल्लेख करा है (जो की शाहजहाँ द्वारा बसाई बताई जाती है)
* सुवर (वराह) के मूह वेल चार नल अभी भी लाल किले के एक खास महल मे लगे है. क्या ये शाहजहाँ के इस्लाम का प्रतीक चिन्ह है या हमारे
हिंदुत्व के प्रमाण ?? सब जानते हैं इस्लाम सूअर से बेपनाह नफरत करता है...
* किले के एक द्वार पर बाहर हाथी की मूर्ति अंकित है राजपूत राजा लोग
गजो( हाथियों ) के प्रति अपने प्रेम के लिए विख्यात थे ( इस्लाम मूर्ति का विरोध करता है)
* दीवाने खास मे केसर कुंड नाम से कुंड बना है जिसके फर्श पर हिंदुओं मे पूज्य कमल पुष्प अंकित है, केसर कुंड हिंदू शब्दावली है जो की हमारे राजाओ द्वारा केसर जल से भरे स्नान कुंड के लिए प्रयुक्त होती रही है
* मुस्लिमों के प्रिय गुंबद या मीनार का कोई भी अस्तित्वा नही है दीवानेकहास और दीवाने आम मे.
* दीवानेकहास के ही निकट राज की न्याय तुला अंकित है , अपनी प्रजा मे से ९९% भाग को नीच समझने वाला मुगल कभी भी न्याय तुला की कल्पना भी नही कर सकता,ब्राह्मानो द्वारा उपदेषित राजपूत राजाओ की न्याय तुला चित्र से प्रेरणा लेकर न्याय करना हमारे इतिहास मे प्रसीध है
* दीवाने ख़ास और दीवाने आम की मंडप शैली पूरी तरह से 984 के अंबर के भीतरी महल (आमेर--पुराना जयपुर) से मिलती है जो की राजपूताना शैली मे बना हुवा है
* लाल किले से कुछ ही गज की दूरी पर बने देवालय जिनमे से एक लाल जैन मंदिर और दूसरा गौरीशंकार मंदिर दोनो ही गैर मुस्लिम है जो की शाहजहाँ से कई शताब्दी पहले राजपूत राजाओं ने बनवाए हुए है.
* लाल किले का मुख्या बाजार चाँदनी चौक केवल हिंदुओं से घिरा हुवा है, समस्त पुरानी दिल्ली मे अधिकतर आबादी हिंदुओं की ही है, सनलिष्ट और घूमाओदार शैली के मकान भी हिंदू शैली के ही है ..क्या शाहजहा जैसा मुस्लिम व्यक्ति अपने किले के आसपास अरबी, फ़ारसी, तुर्क, अफ़गानी के बजाय हम हिंदुओं के लिए मकान बनवा कर हमको अपने पास बसाता ???
* एक भी इस्लामी शिलालेख मे लाल किले का वर्णन नही है
* ""गर फ़िरदौस बरुरुए ज़मीं अस्त, हमीं अस्ता, हमीं अस्ता, हमीं अस्ता""--
अर्थात इस धरती पे अगर कहीं स्वर्ग है तो यही है, यही है, यही है....इस अनाम शिलालेख को कभी भी किसी भवन का निर्मांकर्ता नही लिखवा सकता .. और ना ही ये किसी के निर्मांकर्ता होने का सबूत देता है
इसके अलावा अनेकों ऐसे प्रमाण है जो की इसके लाल कोट होने का प्रमाण देते है, और ऐसे ही हिंदू राजाओ के सारे प्रमाण नष्ट करके हिंदुओं का नाम ही इतिहास से हटा दिया गया है, अगर हिंदू नाम आता है तो केवल नष्ट होने वाले शिकार के रूप मे......ताकि हम हमेशा ही अहिंसा और शांति का पाठ पढ़ कर इस झूठे इतिहास से प्रेरणा ले सके...सही है ना???..
लेकिन कब तक अपने धर्म को ख़तम करने वालो की पूजा करते रहोगे और खुद के सम्मान को बचाने वाले महान हिंदू शासकों के नाम भुलाते
रहोगे..ऐसे ही....? जागो जागो और इतिहास की सच्चाई को जानो ...मुस्लिम शाशको ने ज्यादातर लुट - पाट,तोड़ फोड़ करके हमारे मंदिरों और महलों को परिवर्तित किया है ,बाबरी मस्जिद ( जिसे देश भक्त हिन्दू वीरो ने गुलामी के प्रतीक को नेस्तनाबूद कर दिया) धार की भोजशाला जैसे कितने प्रमाण आज भी मौजूद है जो चिल्ला - चिल्ला कर हमसे कह रहे है की देखो इतिहास की सच्चाई . ..............
जय माँ भारती —
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