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मंगलवार, 6 अगस्त 2019

अनुच्छेद 35A और अनुच्छेद 370 क्या है

अनुच्छेद 35A और अनुच्छेद 370 क्या है और यह जम्मू कश्मीर को क्या अधिकार देता है?
अनुच्छेद 35A, 14 मई 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने एक आदेश पारित किया था. इस आदेश के जरिए भारत के संविधान में एक नया अनुच्छेद 35A जोड़ दिया गया था.  भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 में जम्मू कश्मीर को एक विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है. वर्तमान भारत सरकार इन दोनों अनुच्छेदों को हटाकर जम्मू-कश्मीर को मिलने वाले सभी विशेष अधिकार समाप्त करना चाहती है.
What is article 35A
अनुच्छेद 35A और अनुच्छेद 370 भारत के संविधान में दो ऐसे अनुच्छेद है जो कि जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष अधिकार प्रदान करते हैं. अनुच्छेद 370 को भारतीय संविधान में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु और जम्मू कश्मीर के महाराजा हरी सिंह के मध्य हुए समझौते के बाद जोड़ा गया था.
“दिल्ली एग्रीमेंट” सन 1952 में जम्मू और कश्मीर के तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख अब्दुल्ला और भारत के प्रधानमंत्री नेहरु के बीच हुआ था. इस समझौते में भारत की नागरिकता को जम्मू और कश्मीर के निवासियों के लिए भी खोल दिया गया था अर्थात जम्मू और कश्मीर के नागरिक भी भारत के नागरिक मान लिए गये थे. सन 1952 के दिल्ली अग्रीमेंट के बाद ही 1954 का विविदित कानून ‘अनुच्छेद 35A’ बनाया गया था.
(शेख अब्दुल्ला और नेहरु जी दिल्ली एग्रीमेंट” पर हस्ताक्षर करते हुए)
ज्ञातव्य है कि जम्मू-कश्मीर का संविधान 1956 में बनाया गया था. इस संविधान के मुताबिक जम्मू-कश्मीर का स्थायी नागरिक वह व्यक्ति है जो 14 मई 1954 को राज्य का नागरिक रहा हो या फिर उससे पहले के 10 वर्षों से राज्य में रह रहा हो. साथ ही उसने वहां संपत्ति हासिल की हो.
अनुच्छेद 35A क्या है?
अनुच्छेद 35A संविधान में शामिल प्रावधान है जो जम्मू और कश्मीर विधानमंडल को यह अधिकार प्रदान करता है कि वह यह तय करे कि जम्मू और कश्मीर का स्थायी निवासी कौन है और किसे सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में विशेष आरक्षण दिया जायेगा, किसे संपत्ति खरीदने का अधिकार होगा, किसे जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव में वोट डालने का अधिकार होगा, छात्रवृत्ति तथा अन्य सार्वजनिक सहायता और किसे सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों का लाभ मिलेगा. अनुच्छेद 35A में यह प्रावधान है कि यदि राज्य सरकार किसी कानून को अपने हिसाब से बदलती है तो उसे किसी भी कोर्ट में चुनौती नही दी जा सकती है.
अनुच्छेद 35A, जम्मू-कश्मीर को राज्य के रूप में विशेष अधिकार देता है. इसके तहत दिए गए अधिकार 'स्थाई निवासियों' से जुड़े हुए हैं.  इसका मतलब है कि j& K राज्य सरकार को ये अधिकार है कि वो आजादी के वक्त दूसरी जगहों से आए शरणार्थियों और अन्य भारतीय नागरिकों को जम्मू-कश्मीर में किस तरह की सहूलियतें दे अथवा नहीं दे.
अनुच्छेद 35A भारतीय संविधान में कब जुड़ा?
अनुच्छेद 35A,14 मई 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने एक आदेश पारित किया था. इस आदेश के जरिए भारत के संविधान में एक नया अनुच्छेद 35A जोड़ दिया गया.
अनुच्छेद 35A में मुख्य प्रावधान क्या हैं?
1. यह अनुच्छेद किसी गैर कश्मीरी व्यक्ति को कश्मीर में जमीन खरीदने से रोकता है.
2. भारत के किसी अन्य राज्य का निवासी जम्मू & कश्मीर का स्थायी निवासी नही बन सकता है और इसी कारण वहां वोट नही डाल सकता है.
3. अगर जम्मू & कश्मीर की कोई लड़की किसी बाहर के लड़के से शादी कर लेती है तो उसके सारे अधिकार खत्म हो जाते हैं. साथ ही उसके बच्चों के अधिकार भी खत्म हो जाते हैं.
4. यह अनुच्छेद भारत के नागरिकों के साथ भेदभाव करता है क्योंकि इस अनुच्छेद के लागू होने के कारण भारत के लोगों को जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासी प्रमाणपत्र से वंचित कर दिया जबकि पाकिस्तान से आये घुसपैठियों को नागरिकता दे दी गयी. अभी हाल ही में कश्मीर में म्यांमार से आये रोहिंग्या मुसलमानों को भी कश्मीर में बसने की इज़ाज़त दे दी गयी है.
वर्तमान में इसे हटाने की मांग क्यों हो रही है?
1. इसे हटाने के लिए पहली दलील यह है कि इसे संसद के जरिए लागू नहीं करवाया गया था.
2. देश के विभाजन के वक्त बड़ी तादाद में पाकिस्तान से शरणार्थी भारत आए. इनमें लाखों की तादाद में शरणार्थी जम्मू-कश्मीर राज्य में भी रह रहे हैं और उन्हें वहां की नागरिकता दे दी गयी है.
3. जम्मू & कश्मीर सरकार ने अनुच्छेद 35A के जरिए इन सभी भारतीय नागरिकों को जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासी प्रमाणपत्र से वंचित कर दिया. इन वंचितों में 80 फीसद लोग पिछड़े और दलित हिंदू समुदाय से हैं.
4. जम्मू & कश्मीर में विवाह कर बसने वाली महिलाओं और अन्य भारतीय नागरिकों के साथ भी जम्मू & कश्मीर सरकार अनुच्छेद 35A की आड़ लेकर भेदभाव करती है.
वर्तमान स्थिति क्या है?
लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में शिकायत की थी कि अनुच्छेद 35A के कारण संविधान प्रदत्त उनके मूल अधिकार जम्मू-कश्मीर राज्य में छीन लिए गए हैं, लिहाजा राष्ट्रपति के आदेश से लागू इस धारा को केंद्र सरकार फौरन रद्द करे.
ऊपर दिए गए तर्कों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि जम्मू & कश्मीर को अनुच्छेद 35A और अनुच्छेद 370 के कारण बहुत से विशेष अधिकार मिले हुए हैं जिससे ऐसा लगता है कि भारत के अन्दर एक और भारत मौजूद है जिसका अपना अलग संविधान है, नागरिकता है और अपना राष्ट्रीय झंडा है. ऐसी स्थिति भारत की एकता और अखंडता के लिए बहुत बड़ा खतरा है इसलिए भारत सरकार को इस मुद्दे को बिना किसी देरी के सुलझाना चाहिए

मशीन बन गए हैं हम सब,इंसान जाने कहाँ खो गये हैं!

*जाने क्यूं*
जाने क्यूँ,
अब शर्म से,
चेहरे गुलाब नहीं होते।
जाने क्यूँ,
अब मस्त मौला मिजाज नहीं होते।
पहले बता दिया करते थे,
दिल की बातें।
जाने क्यूँ,
अब चेहरे,
खुली किताब नहीं होते।
सुना है,
बिन कहे,
दिल की बात,
समझ लेते थे।
गले लगते ही,
दोस्त हालात,
समझ लेते थे।
तब ना फेस बुक था,
ना स्मार्ट फ़ोन,
ना ट्विटर अकाउंट,
एक चिट्टी से ही,
दिलों के जज्बात,
समझ लेते थे।
सोचता हूँ,
हम कहाँ से कहाँ आगए,
व्यावहारिकता सोचते सोचते,
भावनाओं को खा गये।
अब भाई भाई से,
समस्या का समाधान,
कहाँ पूछता है,
अब बेटा बाप से,
उलझनों का निदान,
कहाँ पूछता है,
बेटी नहीं पूछती,
माँ से गृहस्थी के सलीके,
अब कौन गुरु के,
चरणों में बैठकर,
ज्ञान की परिभाषा सीखता है।
परियों की बातें,
अब किसे भाती है,
अपनों की याद,
अब किसे रुलाती है,
अब कौन,
गरीब को सखा बताता है,
अब कहाँ,
दोस्त दोस्त को गले लगाता है
जिन्दगी में,
हम केवल व्यावहारिक हो गये हैं,
मशीन बन गए हैं हम सब,
इंसान जाने कहाँ खो गये हैं!
इंसान जाने कहां खो गये हैं....!

रविवार, 4 अगस्त 2019

सौंफ से करें वजन कम


सौंफ से करें वजन कम

आजकल फैशन इतनी चरम सीमा पर पहुंच गया है कि आपका फिट रहना बहुत जरुरी है। लेकिन अगर आपका वजन जरुरत से ज्यादा है तो आप स्टाइलिश कपड़े नहीं पहन पाते है, जिसके कारण आपको शर्मिंदगी उठानी पड़ती है। ऐसे में आपको चिंता सताने लगती है कि वेट कैसे कम करें (weight kaise kam kare) जिसके चलते आप थक हार के डाइटिंग और कुछ दवाओं का सहारा लेते है। लेकिन आपको बता दें कि इन दवाओं का असर तब तक ही सीमित रहता जब तक आप इनका इस्तेमाल करते है। अगर आप भी वजन कम करने की दौड़ में शामिल है तो आपको बता दें कि अब आपको ज्यादा मशक्कत करने की जरुरत नहीं है। आप रसोई में उपलब्ध सौंफ का प्रयोग भी कर सकते है। जी हां! सौंफ का प्रयोग हमारे घरो में मसाले के रूप में लंबे समय से किया जा रहा है। खास तौर पर हमारे खाने के जायके को बढ़ाने के लिए के लिए किया जाता है। लेकिन आपको बता दें कि सौफ वजन को कम करने में कारगर साबित हुआ है। सौंफ के बीज दिखने में छोटे लगते है लेकिन इनमें गुणों का खजाना होता है। सौंफ के बीज में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम जैसे मिनरल्स और विटामिन ए और सी जैसे विटामिन्स मौजूद होते है। इसके अलावा ये प्राकृतिक रुप से आपका मैटाबॉलिज्म रेट (metabolism rate) बढ़ता है जिसके चलते आपका वजन कम हो जाता है। तो चलिए सबसे पहले जानते है संजय चौबे से कि ये सौंफ के बीज से वजन कम करने के उपाय बताने जा रहे है।
सौंफ के बीज मेटाबॉलिजम को बढ़ावा देता है
वजन कम करने के आसान तरीके, आपको बता दें कि सौंफ के बीज मेटाबॉलिजम को बढ़ाने का सबसे बेहतर उपचार है। वजन बढ़ने से मेटाबॉलिजम का सीधा ताल्लुख होता है। अगर आपका मेटाबॉलिजम बढ़ता है तो वो आपके पेट में मौजूद कैलोरी का बर्न करता है। दूसरी तरह कम मेटाबॉलिजम से हमारे शरीर में फैट जमा रहता है। जिसके चलते सौंफ के बीज प्राकृतिक प्रक्रिया के जरिए मैटाबॉलिजम रेट को बढ़ावा देता है। इसलिए इसका सेवन करने से शरीर का वजन कम होता है।
वजन घटाने के विभिन्न उत्तम तरीके – पतला होने का घरेलू तरीका
सौंफ के बीज भूख को कम करता है
ये समझना काफी आसान है कि जितनी कम कैलोरी हम लेंगे उतना ही कम हमारे शरीर में फैट जमा होगा। इसलिए जब आप वजन कम करने की प्रक्रिया पर है तो ये पता होना बेहद जरुरी है कि आप दिन में कितनी कैलोरी ले रहे है। आपको बता दें कि सौंफ के बीज में भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है जिसके चलते ये आपकी भूख को दबा देता है। दरअसल फाइबर आपकी भूख मिटा देता है जिसके चलते आपको ज्यादा भूख लगनी कम हो जाती है। इस प्रक्रिया के जरिए आप के पेट में कम कैलोरी जाएगी और आपका वजन तेजी से कम होगा।
सौंफ के बीज देते है बेहतर नींद
सौंफ के बीज पीट्यूटरी ग्लैंड (pituitary gland) को मेलाटोनिन (melatonin ) को निकालने के लिए उत्तेजित करते है जो की बेहतर नींद के लिए जिम्मेदार होता है। मोटापा कम करने के घरेलू नुस्खे, आपको बता दें कि अधयय के माध्यम से कई बार सिद्ध हो चुका है कि अच्छी नींद लेने से वजन और तनाव कम होता है। जिसका आपकी पूरी सेहत पर असर पड़ता है और पाचन, शरीर में अवशोषण और मेटाबॉलिजम में सुधार आता है।
सौंफ के बीज शरीर में अतिरिक्त पानी को निकालता है
जब शरीर में अतिरिक्त पानी मौजूद होता है उससे आपका शरीर वास्तव से ज्यादा भारी लगता है। सौंफ के बीज में डी-यूरेटिक प्रॉपर्टी (di-uretic property) होती है जिसकी मदद से आपके शरीर में अतिरिक्त पानी नहीं रहता है। अतिरिक्त पानी के साथ-साथ ये आपके  शरीर में से टॉक्सिन्स (toxins) भी निकालता है जो आपके शरीर के वजन को कम करने में मदद करता है।
पतले होने का घरेलू उपाय
जानें वजन कम करने के लिए कैसे करें सौंफ का सेवन
वजन घटाने के उपाय, अगर आप सौंफ के बीज से अपना वजन कम करना चाहते है तो बेहतर होगा अगर उसके पानी का सेवन करें। ऐसे में आपको सुबह और खाने से आधे घंटे पहले सौंफ के पानी का सेवन करना लाभदायक माना जाता है। इसके अलावा आप सौंफ के बीज को खाना खाने से पहले चबा भी सकते है। खाना खाने के बाद सौंफ के बीज को चबाने से आपकी पाचन क्रिया में सुधार आता है। ये आपकी सूजन जैसी परेशानी में सहायता करता है और आपके पेट और कमर की एक इंच चर्बी कम करता है। इसी के साथ इस बात को जरुर ध्यान रखें कि ज्यादा सौंफ के बीज खाने से आप जल्दी या ज्यादा वजन नहीं घटा सकते है। आपको एक प्रक्रिया और दिनचर्या के अनुसार चलना होगा। तो सौंफ के बीज का पानी आप दिन भर में 1 लीटर पानी का सेवन कर  सकते है। आपका दिन में 1 चम्मच से ज्यादा सौंफ के बीज खाना नुकसानदायक साबित हो सकता है।
इसके अलावा सौंफ के बीज खाने से पहले और बाद में खाने की बजाय सुबह सौंफ का पानी पीना ज्यादा लाभदायक होता है। इससे आपका जल्दी वजन भी घटेगा। तो चलिए जानते है कि आपको कैसे सौंफ के बीज का पानी बनाना होगा।
वेट लॉस टिप्स - विधि 1 (Method 1)
वजन कम करने के घरेलू उपाय, सौंफ के बीज का पानी बनाने के लिए 1 लीटर पानी कमरे के तापमान के बराबर लें और इसमें 2 चम्मच सौंफ ड़ाल दें। एक बर्तन में इसे कर के रात भर भीगे रहने दें। सुबह उठकर आप देखेंगे कि पानी का रंग बदल चुका होगा। पानी का रंग पीला हो चुका होगा। इस पानी को आप हर सुबह खाली पेट 1 ग्लास पानी पिएं। इसके बाद आप थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाना खाने से पहले ले सकते है। फिर बची सौंफ को आप फैकने की बजाय चबा सकते है। ये एक पहली प्रक्रिया जिसके तहत आप अपना वजन आसानी से घटा सकते है। अब हम आपको सौंफ के बीज को लेने का दूसरा तरीका बताएंगे।
वेट लॉस टिप्स - विधि 2 (Method 2)
पुरुषों के लिये बेली फैट कम करने के टिप्स
वजन घटाने में मददगार सौंफ के बीज के दूसरे तरीके से भी आप लाभ उठा सकती है। वेट लॉस करने का तरीका, ये तरीका ज्यादा प्रभावी साबित हो सकता है क्योंकि आपको इसमें सौंफ के बीज को पानी में ड़ालकर उबालना होगा। ये ज्यादा प्रभावी इसलिए होगा क्योंकि आपको इस प्रक्रिया के तरह गर्म पानी भी मिल रहा है। गर्म पानी के बारे में तो हर कोई जानता है कि इसका सेवन करने से वजन घटाया जा सकता है। ऐसे में सौंफ के बीज का पानी आपके लिए लाभदायक साबित होगा। इस विधि में 1 ग्लास पानी लें और उसमें 2 चम्मच सौंफ के बीज ड़ाल दें। सौंफ के बीज ड़ालते ही उसमें उबाल आने तक का इंतजार करें। इसके बाद उस पानी को ढ़क दें और ठंड़ा होने दें। जब मिश्रण कमरे के तापमान के बराबर आ जाएं तब आप इसका सेवन कर सकते है।
सौंफ के बीज को अपने खाने में शामिल करें (Include fennel seeds in your dishes)
वेट लॉस करने के उपाय, इस बात में कोई संदेह नहीं है कि सौंफ की भारतीय व्यंजन में अह्म भूमिका निभाता है।सौंफ का प्रयोग नमकीन और मीठा दोनों ही चीजों में किया जाता है। सौंफ की तासीर काफी ठंडी होती है। इस कारण इसका उपयोग ठंडी चीजों में भी किया जाता है। इसके अलावा आप इसका इस्तेमाल सुबह नाश्त में सब्जी के साथ या फिर चटनी में कर सकते है। ये मसाला खाने के स्वाद को दोगुना करने की क्षमता रखता है। जिसके चलते आप आसानी से घर बैठे अपना वजन कम कर सकते है।
हालांकि इस बात का हमेशा ध्यान रखें की सौंफ का सेवन करने से आपका मैटाबॉलिजम रेट बढ़ता है जिसके चलते आपके शरीर का फैट तेजी से बर्न होता है। ये आपके शरीर की फाइबर की मात्रा की पूर्ती करता है और शरीर में से अतिरिक्त पानी को बहार निकाल फैकता है। जिससे आपका वजन तेजी से घटने लगता है। अगर आप सौंफ के बीज सावधानी से रोजाना और योजना के अनुसार सौंफ को लें तो आपके शरीर पर जल्दी असर पड़ेगा। आपके लिए बेहतर होगा अगर आप इसके साथ साथ रोजना व्यायाम करें अगर बेहतर परिणाम प्राप्त करने की उम्मीद करते है।
तो सबसे पहले अपने दिनचर्या में बदलाव कर नियमित रुप से उचित आहार लें। इसी के साथ वो व्यायाम करें जिसकी आपके शरीर को जरुरत है। इसके बाद सौंफ के बीज को अपनी डाइट में शामिल करें। इस प्रक्रिया से आपका तेजी से वजन कम होगा

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शनिवार, 27 जुलाई 2019

पीपल, बेल, वट, आंवला व अशोक ये पांचो वृक्ष पंचवटी कहे गये हैं।

पंचवटी वाटिका
पीपल, बेल, वट, आंवला व अशोक ये पांचो वृक्ष पंचवटी कहे गये हैं। इनकी स्थापना पांच दिशाऒं में करनी चाहिए। पीपल पूर्व दिशा में, बेल उत्तर दिशा में, वट (बरगद) पश्चिम दिशा में, आंवला दक्षिण दिशा , आग्नये कोण में अशोक की तपस्या के लिए स्थापना करनी चाहिए । पांच वर्षों के पश्चात चार हाथ की सुन्दर वेदी की स्थापना बीच मॆं करनी चाहिए । यह अनन्त फलों कॊ देने वाली व तपस्या का फल देने प्रदान करने वाली है।

पंचवटी का महत्व

1 औषधीय महत्व
इन पांच वृक्षों में अद्वितीय औषधीय गुण है । आंवला विटामिन "c" का सबसे समृद्ध स्त्रोत ह एवं शरीर को रोग प्रतिरोधी बनाने की महौषधि है। बरगद का दूध बहुत बलदायी होता है। इसके प्रतिदिन प्रयोग से शरीर का कायाकल्प हो जाता है। पीपल रक्त विकार दूर करने वाला वेदनाशामक एवं शोथहर होता है। बेल पेट सम्बन्धी बीमारियों का अचूक औषधि है तो अशोक स्त्री विकारों को दूर करने वाला औषधीय वृक्ष है।
इस वृक्ष समुह में फलों के पकने का समय इस प्रकार निर्धारित है कि किसी न किसी वृक्ष पर वर्ष भर फल विधमान रहता है। जो मौसमी रोगों के निदान हेतु सरलता से उपलब्ध होता है। गर्मी में जब पाचन सम्बन्धी विकारों की प्रबलता होती है तो बेल है। वर्षाकाल में चर्म रोगों की अधिकता एवं रक्त विकारों में अशॊक परिपक्व होता है। शीत ऋतु में शरीर के ताप एवं उर्जा की आवश्यकता को आंवला पूरा करता है

2 पर्यावरणीय महत्व
बरगद शीतल छाया प्र्दान करने वाला एक विशाल वृक्ष है। गर्मी के दिनों में अपरान्ह में जब सुर्य की प्रचन्ड किरणें असह्य गर्मी प्रदान करत हैं एवं तेज लू चलता है तो पचवटी में पश्चिम के तरफ़ स्थित वट वृक्ष सघन छाया उत्पन्न कर पंचवटी को ठ्न्डा करत है।
पीपल प्रदुषण शोषण करने वाला एवं प्राण वायु उत्पन्न करन वाला सर्वोतम वृक्ष है
अशोक सदाबहार वृक्ष है यह कभी पर्ण रहित नहीं रहता एवं सदॆव छाया प्रदान करत है।
बेल की पत्तियों, काष्ठ एवं फल में तेल ग्रन्थियां होती है जो वातावरण को सुगन्धित रखती हैं।
पछुआ एवं पुरुवा दोनों की तेज हवाऒं से वातावरण में धूल की मात्रा बढती है जिसकॊ पुरब व पश्चिम में स्थित पीपल व बरगद के विशाल पेड अवशोशित कर वातावरण को शुद्ध रखते हैं।

3 धार्मिक महत्व
बेल पर भगवान शंकर का निवास माना गया है तो पीपल पर विष्णु एवं वट वृक्ष पर ब्रह्मा का। इस प्रकार प्रमुख त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश का पंचवटी में निवास है एवं एक ही स्थल पर तीनो के पूजन का लाभ मेलता है।

4 जैव विविधता संरक्षण
पंचवटी में निरन्तर फल उपलब्ध होने से पक्षियों एवं अन्य जीव जन्तुऒं के लिए सदैव भोजन उपलब्ध रहता है एवं वे इस पर स्थाई निवास करते हैं। पीपल व बरगद कोमल काष्टीय वृक्ष है जो पक्षियॊं के घोसला बनाने के उपयुक्त है ।

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शुक्रवार, 26 जुलाई 2019

अब कोई रीति या परंपरा बची है?

संभलने की जरूरत है !!

*1. चोटियां छोड़ी ,*
*2. टोपी, पगड़ी छोड़ी ,*
*3. तिलक, चंदन छोड़ा*
*4. कुर्ता छोड़ा ,धोती छोड़ी ,*
*5. यज्ञोपवीत छोड़ा ,*
*6. संध्या वंदन छोड़ा ।*
*7. रामायण पाठ, गीता पाठ छोड़ा ,*
*8. महिलाओं, लड़कियों ने साड़ी छोड़ी, बिछिया छोड़े, चूड़ी छोड़ी , दुपट्टा, चुनरी छोड़ी, मांग बिन्दी छोड़ी।*
*9. पैसे के लिये, बच्चे छोड़े (आया पालती है)*
*10. संस्कृत छोड़ी, हिन्दी छोड़ी,*
*11. श्लोक छोड़े, लोरी छोड़ी ।*
*12. बच्चों के सारे संस्कार (बचपन के) छोड़े ,*
*13. सुबह शाम मिलने पर राम राम छोड़ी ,*
*14. पांव लागूं, चरण स्पर्श, पैर छूना छोड़े ,*
*15. घर परिवार छोड़े (अकेले सुख की चाह में संयुक्त परिवार)।*
*अब कोई रीति या परंपरा बची है? ऊपर से नीचे तक गौर करो, तुम कहां पर हिन्दू हो, भारतीय हो, सनातनी हो, ब्राह्मण हो, क्षत्रिय हो, वैश्य हो*या कुछ और हो
*कहीं पर भी उंगली रखकर बता दो कि हमारी परंपरा को मैंने ऐसे जीवित रखा है।*
जिस तरह से हम धीरे धीरे बदल रहे हैं- जल्द ही समाप्त भी हो जाएंगे।

बौद्धों ने कभी सर मुंड़ाना नहीं छोड़ा!
सिक्खों ने भी सदैव पगड़ी का पालन किया!
मुसलमानों ने न दाढ़ी छोड़ी और न ही 5 बार नमाज पढ़ना!
ईसाई भी संडे को चर्च जरूर जाता है!
फिर हिन्दू अपनी पहचान-संस्कारों से क्यों दूर हुआ?
कहाँ लुप्त हो गयी- गुरुकुल की शिखा, यज्ञ, शस्त्र-शास्त्र, नित्य मंदिर जाने का संस्कार ?
हम अपने संस्कारों से विमुख हुए, इसी कारण हम विलुप्त हो रहे हैं।

अपनी पहचान बनाओ!
अपने मूल-संस्कारों को अपनाओ!!!

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