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मंगलवार, 7 अगस्त 2018

ये 21 करोड़ हिंदू-सिख कहां गए

मतांतरण_का_भयावह_सच

मजहब के आधार पर सामने आई जनगणना रिपोर्ट के सांस्कृतिक-राजनीतिक निहितार्थ हैं। आजादी के बाद देश में पहली बार हिंदुओं की आबादी 80 प्रतिशत से कम हुई है। देश के सात राज्यों- मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, पंजाब, मणिपुर और लक्षद्वीप में हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक हैं। यह स्थापित सत्य है कि देश के जिस किसी भी हिस्से में हिंदू और हिंदू परंपराओं का क्षय हुआ है, वहां अलगाववाद की समस्या बढ़ी है। भारत में पंथनिरपेक्षता और बहुलतावाद संविधान के किसी अनुच्छेद के कारण नहीं है। यह सनातन संस्कृति के सहिष्णु जीवन दर्शन और उदार मान्यताओं के कारण ही संभव हो पाया है। भारत में बहुलतावाद और पंथनिरपेक्षता तभी तक अक्षुण्ण रहेंगी, जब तक हिंदू और हिंदू मान्यताएं अक्षत रहेंगी। अन्यथा क्या कारण है कि भारत की कोख से ही जन्मे पाकिस्तान और बांग्लादेश में पंथनिरपेक्षता और बहुलतावाद के लिए कोई स्थान नहीं है? क्यों भारतीय संसाधनों से पल रही कश्मीर घाटी में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगते हैं? क्यों घाटी की संस्कृति के मूल ध्वजवाहकों, कश्मीरी पंडितों को खदेड़ भगाया गया? नागालैंड जैसे पूवरेत्तर के कुछ राज्यों में चर्च समानांतर सरकार चलाता है। चर्च द्वारा चलाए जा रहे मतांतरण से पूवरेत्तर के जनसांख्यिक स्वरूप में तो अंतर आया ही है, स्थानीय नागरिकों के एक बड़े वर्ग में भारत के प्रति स्वाभाविक लगाव को भी क्षति पहुंची है। 1जब कभी चर्च के मतांतरण अभियान पर प्रश्न खड़ा होता है, सेक्युलरिस्ट उसके संरक्षण में सड़कों पर उतर आते हैं। 2011 की जनगणना के आंकड़े चर्च के दावों की कलई खोलते हैं। 2001 से 2011 के बीच ईसाई समुदाय की आबादी वृद्धि दर स्थिर पाई गई। देश का ईसाई समुदाय सभी मजहबी समुदायों (पारसियों को छोड़कर) से संपन्न और साक्षर है। 1991 से 2011 के बीच ईसाई समुदाय की आबादी 1.9 प्रतिशत प्रति वर्ष से अधिक की दर से बढ़ी, जबकि इस काल अवधि में हिंदुओं की आबादी 1.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी। अधिक साक्षरता दर और समृद्धि के कारण ईसाई समाज में परिवार नियोजन के प्रति स्वाभाविक जागरूकता है। कम प्रजनन दर के कारण ईसाई समुदाय की आबादी की वृद्धि दर में गिरावट आनी चाहिए थी। सिखों में भी संपन्नता और साक्षरता अन्य समुदायों से अधिक है। 1991 से 2011 के बीच सिखों की आबादी 1.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी। यदि 2001 से 2011 के बीच ईसाई समुदाय की आबादी में 1.2 प्रतिशत की दर से ही वृद्धि हुई होती तो उनकी कुल वास्तविक आबादी 2 करोड़ 41 लाख होनी चाहिए थी, जबकि 2011 में उनकी आबादी 2 करोड़ 78 लाख पाई गई। यह जो 37 लाख का अंतर है, यह वास्तव में चर्च द्वारा मतांतरित कराए गए लोगों की संख्या है। इस हिसाब से 1991 से 2011 के बीच चर्च ने हर साल दूसरे मत के मानने वाले 1.7 लाख लोगों को ईसाइयत में दीक्षित किया। 1भारत में मिशनरी प्रचारक मतांतरण अभियान के लिए आदिवासी और दलित-वंचित वर्ग को ही निशाना बनाते आए हैं। मतांतरण के लिए झूठ, फरेब और प्रलोभन से चर्च को परहेज नहीं है। 2011 जनगणना के मजहबी आंकड़े आंखें खोलने वाले हैं। 2001 की जनगणना के अनुसार देश की कुल आबादी में मुसलमानों का अनुपात 13.4 प्रतिशत था, जो 2011 में बढ़कर 14.2 प्रतिशत हो गया है। पिछले चार सालों (2011-2015) में वास्तविक वृद्धि का अनुमान नहीं लगाया जा सकता, किंतु 2001 से 2011 के बीच के दस सालों में यह वृद्धि 24.6 फीसद की दर से हुई है। इस अवधि में हिंदुओं की वृद्धि दर गिर कर 16.8 प्रतिशत आ गई। 1991-2001 के दशक में यह वृद्धि दर 19.9 प्रतिशत थी। 2001 में हिंदुओं की आबादी 80.5 फीसद थी, जो 2011 में घटकर 79.8 प्रतिशत हो गई। असम के अलावा देश के अन्य भागों में रह रहे अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहयांग मुसलमानों की जनगणना में गिनती नहीं की गई है। यदि उनकी संख्या जोड़ दी जाए तो तस्वीर और भी भयावह होगी। एक ओर जहां कई राज्यों में हिंदुओं की वृद्धि दर में गिरावट दर्ज की गई है वहीं सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मुस्लिम आबादी में वृद्धि दर्ज की गई है। ऐसे कई राज्य, जहां मुस्लिमों की आबादी दर में भारी वृद्धि दर्ज की गई है वहां उनकी साक्षरता दर भी उच्च है। 1वस्तुत: मुसलमान राजनीतिक रूप से अत्यधिक साक्षर हैं, इसीलिए वे अपनी बड़ी संख्या को एक सुरक्षा के रूप में देखते हैं। कोई आश्चर्य नहीं कि चुनाव के दौरान सेक्युलर दलों में मुसलमानों का थोक वोट पाने के लिए होड़ लगती है और बदले में मुस्लिम समुदाय के कट्टरपंथी रहनुमा ज्यादा से ज्यादा राजनीतिक दोहन की जुगत में रहते हैं। किंतु इस ब्लैकमेलिंग और तुष्टीकरण के खेल से मुस्लिम समुदाय का भला हो सकता है? विभाजन के समय पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में हिंदू धर्मावलंबियों की आबादी उस क्षेत्र की कुल आबादी का 30 प्रतिशत थी और पश्चिमी पाकिस्तान (अब पाकिस्तान) में हिंदू-सिखों की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत से अधिक थी। भरतीय उपमहाद्वीप में हिंदू-सिख कुल जनसंख्या के 75 प्रतिशत से थोड़ा कम और मुसलमान 24 प्रतिशत से कम थे। आज भारत की आबादी 121 करोड़, पाकिस्तान 20 करोड़ से कम और बांग्लादेश 20 करोड़ अर्थात् तीनों देशों की कुल आबादी 161 करोड़ है। यदि हिंदुओं की आबादी इस कुल आबादी में उतने ही प्रतिशत (अर्थात् 75 प्रतिशत) रहती जितनी विभाजन के समय थी तो इन तीनों देशों की कुल आबादी में हिंदुओं की आबादी 120 करोड़ के लगभग होती। इसके विपरीत इस उपमहाद्वीप में हिंदुओं की कुल आबादी 98 करोड़ (भारत 96 करोड़, पाकिस्तान 50 लाख और बांग्लादेश 1 करोड़ 60 लाख) है। ये 21 करोड़ हिंदू-सिख कहां गए? कटु सत्य है कि हिंदुओं की आबादी का प्रतिशत भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश, तीनों में कम हुआ है। आंशिक सत्य तो यह भी है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में लाखों हिंदुओं को तलवार के दम पर मजहब बदलने के लिए मजबूर किया गया। हिंदुओं की घटती वृद्धि दर बहुलतावाद और पंथनिरपेक्ष जीवन मूल्यों के लिए खतरा साबित हो सकती है।
           आज वर्तमान का सच जानोगे तो पैरों के नीचे से जमीन खिसक जायेगी

 

सोमवार, 6 अगस्त 2018

आज का पंचांग 6 August 2018

.                 ।। 🕉 ।।
   🚩 🌞 *सुप्रभातम्* 🌞 🚩
📜««« *आज का पंचांग* »»»📜
कलियुगाब्द........................5120
विक्रम संवत्.......................2075
शक संवत्..........................1940
मास.................................श्रावण
पक्ष...................................कृष्ण
तिथी.................................नवमी
प्रातः 09.52 पर्यंत पश्चात दशमी
रवि.............................दक्षिणायन
सूर्योदय..................06.00.22 पर
सूर्यास्त...................07.05.18 पर
सूर्य राशि..............................कर्क
चन्द्र राशि............................वृषभ
नक्षत्र..............................कृत्तिका
दोप 02.01 पर्यंत पश्चात रोहिणी
योग....................................वृद्धि
प्रातः 09.05 पर्यंत पश्चात ध्रुव
करण..................................गरज
प्रातः 09.52 पर्यन्त पश्चात वणिज
ऋतु.....................................वर्षा
दिन................................सोमवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
06 अगस्त सन 2018 ईस्वी ।

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
प्रात: 07.40 से 09.18 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
पूर्व दिशा- यदि आवश्यक हो तो दर्पण देखकर यात्रा प्रारंभ करें।

☸ शुभ अंक..............4
🔯 शुभ रंग.............लाल

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 06.02 से 07.40 तक अमृत
प्रात: 09.17 से 10.54 तक शुभ
दोप. 02.08 से 03.46 तक चंचल
अप. 03.46 से 05.26 तक लाभ
सायं 05.23 से 07.00 तक अमृत
सायं 07.00 से 08.23 तक चंचल ।

📿 *आज का मंत्र* :-
|| ॐ महावीर्याय नमः ||

 *संस्कृत सुभाषितानि* :-
न ही कश्चित् विजानाति किं कस्य श्वो भविष्यति।
अतः श्वः करणीयानि कुर्यादद्यैव बुद्धिमान्॥
अर्थात :
कल क्या होगा यह कोई नहीं जानता है इसलिए कल के करने योग्य कार्य को आज कर लेने वाला ही बुद्धिमान है ॥

🍃 *आरोग्यं* :-
*बुढ़ापा रोकने की औषधि -*

*1. हल्दी -*
एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर हल्दी एक असाधारण जड़ी बूटी है। इसमें मौजूद करक्यूमिन एक एंटी-एजिंग के रूप में काम करता है। अर्थात यह बुढ़ापा रोकने की औषधि है। इसका व्यापक रूप से भारत के कई हिस्सों में घावों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। हल्दी त्वचा के लिए सबसे अच्छी एंटी एंजिंग जड़ी बूटियों में से एक है क्योंकि यह त्वचा की देखभाल के लिए विशेषज्ञों की पसंदीदा पसंद भी बन गई है। यह जड़ी बूटी विभिन्न त्वचा के रोगों को कम कर सकता है। यह त्वचा के ऊतकों के कारण होने वाले नुकसान को कम करता है और उम्र बढ़ने के शुरुआती संकेतों को रोकता है।

*2. गोटू कोला -*
भारत के आयुर्वेद चिकित्सा में प्राचीन काल से ही कई बूटियों का उपयोग चिकित्सकीय प्रयोजनों में किया जाता है। गोटू कोला एक औषधीय जड़ी बूटी है जो भारत, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया और चीन जैसे देशों में पाया जाता है। इन देशों में, गोटू कोला को पारंपरिक रूप से एंटी-एजिंग गुणों के लिए उपयोग किया जाता है। यह कोशिकाओं को पुन: उत्पन्न करने में मदद करता है और स्वस्थ त्वचा को भी सुनिश्चित करता है। इस अद्भुत जड़ी बूटी ने कई मामलों में शरीर पर एंटी-स्ट्रेस अर्थात तनाव के खिलाफ प्रभाव को भी प्रदर्शित करता है। इसके अलावा उम्र बढ़ने के साथ मानसिक कमजोरी को दूर करने के लिए यह एक प्रभावी टॉनिक है।

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
ईष्ट मित्रों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। चिंता रहेगी। संतान की प्रगति संभव है। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। भूमि व संपत्ति संबंधी कार्य होंगे। पूर्व कर्म फलीभूत होंगे। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
बेरोजगारी दूर होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। प्रसन्नता रहेगी। परिवार में सुखद वातावरण रहेगा। व्यापार में इच्छित लाभ होगा। सत्कार्य में रुचि बढ़ेगी। प्रियजनों का पूर्ण सहयोग मिलेगा। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
अप्रत्य‍ाशित खर्च होंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य कमजोर होगा। व्यावसायिक चिंताएं दूर होंगी। प्रयास में आलस्य व विलंब नहीं करना चाहिए। स्वयं के सामर्थ्य से ही भाग्योन्नति के अवसर आएंगे। विरोधी परास्त होंगे।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
यात्रा सफल रहेगी। लेनदारी वसूल होगी। आय में वृद्धि होगी। लेन-देन में सावधानी रखें। स्वास्थ्य के प्रति सावधानी रखें। संतान के कार्यों में उन्नति के योग हैं। कार्यक्षमता एवं कार्यकुशलता बढ़ेगी। रुके हुए काम समय पर होने की संभावना है। धन प्राप्ति के योग हैं।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
नई योजना बनेगी। रुके कार्य बनेंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। व्ययवसाय ठीक चलेगा। लाभ होगा। प्रियजनों से पूरी मदद मिलेगी। यात्रा कष्टप्रद हो सकती है। धैर्य एवं संयम बना रहेगा। निजीजनों में असंतोष का वातावरण रहेगा। आर्थिक चिंता रहेगी।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
शत्रु भय रहेगा। शारीरिक कष्ट संभव है। कोर्ट व कचहरी के कार्य बनेंगे। अध्यात्म में रुचि रहेगी। भूमि-आवास की समस्याओं में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय सामान्य चलेगा। कर्म के प्रति पूर्ण समर्पण व उत्साह रखें। व्यापार में नई योजनाओं से लाभ होगा।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। बुद्धि एवं तर्क से कार्य के प्रति सफलता के योग बनेंगे। सकारात्मक विचारों के कारण प्रगति के योग आएंगे। ईश्वर पर आस्था बढ़ेगी।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। आय बढ़ेगी। कार्यपद्धति में विश्वसनीयता बनाएं रखें। मित्रों में वर्चस्व बढ़ेगा। आजीविका में नए प्रस्ताव मिलेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की ओर ध्यान दें। मांगलिक आयोजन होंगे।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
चोट व रोग से बाधा संभव है। बेरोजगारी दूर होगी। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। नौकरी में अधिकारियों का उचित सहयोग नहीं रहेगा। लेन-देन के विषय में विवाद हो सकता है। राजकीय क्षेत्र के व्यक्तियों से संबंध बढ़ेंगे जो आपको लाभ प्रदान करेंगे।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
रोग व भय का माहौल बन सकता है। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। उत्तम मनोबल से समस्याओं का हल निकलेगा। दिखावे एवं आडंबरों से दूर रहना चाहिए। दांपत्य जीवन शुभतापूर्ण रहेगा। लापरवाही की प्रवृत्ति का त्याग करें।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
भागदौड़ रहेगी। शोक संदेश मिल सकता है। विवाद से क्लेश होगा। व्यवसाय सामान्य रहेगा। कार्य निर्णय बहुत ही शांति से विचार करके करना चाहिए। व्यापार में नए अनुबंध लाभकारी रहेंगे। व्यर्थ के कार्यों से तनाव की पूर्ण संभावना रह सकती है।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
थोड़े प्रयास से ही कार्यसिद्धि होगी। मान-सम्मान मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। चिंता रहेगी। व्यापार में कर्मचारियों पर अधिक विश्वास न करें। आर्थिक स्थिति मध्यम रहेगी। संतान पर नजर रखें। समाज में प्रसिद्धि के कारण सम्मान में बढ़ोतरी होगी। अर्थ संबंधी काम होंगे।

☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।
                   
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

रविवार, 5 अगस्त 2018

भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु में क्या अंतर है ?

भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु में क्या अंतर है ?*

भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु के मध्य अंतर को सरल भाषा में इस उदाहरण द्वारा समझा जा सकता है । कोई उच्च पद पर आसीन व्यक्ति यदि अपने कार्यालय में जाता है तो उसे सभी आदर-सत्कारपूर्ण व्यव्हार करते हैं । और जब वही व्यक्ति घर जाता है तो उसके निकटतम परिवारजन उसके साथ साधारण व्यक्ति जैसा व्यवहार करते हैं । यहाँ तक की वह व्यक्ति अपने पुत्र या पौत्र को कंधे पर बैठाकर घुमाता है । घरेलु सम्बन्ध , कार्यालय के सम्बन्ध की तुलना में अंतरंग होता है ।

जैसे व्यक्ति एक ही है पर व्यावहारिक आदान-प्रदान अलग-अलग है । उसी प्रकार भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु एक ही हैं परंतु वैकुण्ठ में तथा गोलोक वृंदावन में व्यावहारिक सम्बन्ध अलग अलग हैं ।
वह धाम जहाँ उनके स्वांश (विष्णु या नारायण) निवास करते हैं, वैकुण्ठ कहलाते हैं जहाँ भगवान नारायण रूप में रहते हैं | तात्विक दृष्टि से गोलोक तथा वैकुंठ में कोई अंतर नहीं है किन्तु वैकुंठ में भगवान की सेवा भक्तों द्वारा असीम ऐश्वर्य द्वारा की जाती हैं जबकि गोलोक में उनकी सेवा शुद्ध भक्तों द्वारा सहज स्नेह भाव में की जाती है |
भगवान श्री कृष्ण, विष्णु के रूप में उसी प्रकार विस्तार करते हैं जिस प्रकार एक जलता दीपक दूसरे को जलाता है | यधपि दोनों दीपक की शक्ति में कोई अंतर नहीं होता तथापि श्री कृष्ण आदि दीपक के समान हैं *(ब्रह्म संहिता ५.४६)* |

भगवान श्री कृष्ण अवतारी हैं, जिनके सर्व प्रथम तीन पुरुष अवतार हैं |
*पहले अवतार कारणोंदकशायी विष्णु (महाविष्णु)*, जिनके उदर में समस्त ब्रह्माण्ड हैं तथा प्रत्येक श्वास चक्र के साथ ब्रह्माण्ड प्रकट तथा विनिष्ट होते रहते हैं |
*दूसरे अवतार है; गर्भोदकशायी विष्णु *– जो प्रत्येक ब्रह्माण्ड में प्रविष्ट करके उसमे जीवन प्रदान करते हैं तथा जिनके नाभि कमल से ब्रह्मा जी उत्पन्न हुए |
*तीसरे अवतार हैं; क्षीरोदकशायी विष्णु* – जो परमात्मा रूप में प्रत्येक जीव के हृदय में तथा सृष्टि के प्रत्येक अणु में उपस्थित होकर सृष्टि का पालन करते हैं *(चै च मध्य लीला २०.२५१)* |
ब्रह्माजी कहते हैं: जिनके श्वास लेने से ही अनन्त ब्रह्मांड प्रवेश करते हैं तथा पुनः बाहर निकल आते हैं, वे महाविष्णु कृष्ण के अंशरूप हैं | अतः मै गोविंद या कृष्ण की पूजा करता हूँ जो समस्त कारणों के कारण हैं *(ब्रह्म संहिता ५.४८)*

*भगवान कृष्ण अपने स्वांश नारायण या विष्णु से श्रेष्ठ हैं क्योंकि उनमे ४ विशेष दिव्य गुण हैं: (चै च.मध्य लीला २३.८४)*
*१. लीला माधुर्य : उनकी अद्भुत लीलायें,*
*२. भक्त माधुर्य : माधुर्य-प्रेम के कार्यकलापो में सदा अपने प्रिय भक्तों से घिरा रहना (यथा गोपियाँ),*
*३. रूप माधुर्य : उनका अद्भुत सोन्दर्य*
*४. वेणु माधुर्य : उनकी बाँसुरी की अद्भुत ध्वनि |*

भगवान कृष्ण लक्ष्मीजी के मन को भी आकृष्ट करते हैं | लक्ष्मीजी ने रासलीला में सम्मलित होने के लिए कठिन तपस्या की, लेकिन शामिल नहीं हो पाई क्योकि गोपियों के भाव/शरीर में ही रास लीला में प्रवेश किया जा सकता था | जब गोपियाँ रास लीला के समय कृष्ण को ढूँढ रही थी तो कृष्ण एक बगीचे में नारायण के चतुर्भुज रूप में प्रकट हो गए किन्तु वे गोपियों की प्रेमदृष्टि को आकृष्ट नहीं कर पाए, इससे कृष्ण की सर्वोत्कृष्टता सिद्ध होती है । *(चै च.मध्य लीला ९.१४७-१४९)*

आज का पंचांग 5 august 2018

.           ।। 🕉 ।।
🚩   *सुप्रभातम्* 🚩
««« *आज का पंचांग* »»»
कलियुगाब्द...............5120
विक्रम संवत्.............2075
शक संवत्................1940
मास........................श्रावण
पक्ष ........................कृष्ण
तिथी......................अष्टमी
प्रातः 11.16 पर्यंत पश्चात नवमी
रवि....................दक्षिणायन
सूर्योदय.........05.59.17 पर
सूर्यास्त.........07.06.34 पर
सूर्य राशि.....................कर्क
चन्द्र राशि....................मेष
नक्षत्र........................भरणी
दोप 02.47 पर्यंत पश्चात कृत्तिका
योग.............................गंड
प्रातः 11.14 पर्यंत पश्चात वृद्धि
करण........................कौलव
प्रातः 11.16 पर्यन्त पश्चात तैतिल
ऋतु.............................वर्षा
दिन.........................रविवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
05 अगस्त सन 2018 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक.................5
🔯 शुभ रंग.................लाल

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
संध्या 05.24 से 07.01 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
पश्चिमदिशा - यदि आवश्यक हो तो दलिया, घी या पान का सेवनकर यात्रा प्रारंभ करें।

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 07.39 से 09.17 तक चंचल
प्रात: 09.17 से 10.54 तक लाभ
प्रात: 10.54 से 12.31 तक अमृत
दोप. 02.09 से 03.46 तक शुभ
सायं 07.01 से 08.23 तक शुभ
रात्रि 08.23 से 09.46 तक अमृत
रात्रि 09.46 से 11.09 तक चंचल ।

📿 *आज का मंत्रः*
|| ॐ वामदेवर्षये नमः ||

 *संस्कृत सुभाषितानि* :-
क्षमा बलमशक्तानाम् शक्तानाम् भूषणम् क्षमा।
क्षमा वशीकृते लोके क्षमयाः किम् न सिद्ध्यति॥
अर्थात :-
क्षमा निर्बलों का बल है, क्षमा बलवानों का आभूषण है, क्षमा ने इस विश्व को वश में किया हुआ है, क्षमा से कौन सा कार्य सिद्ध नहीं हो सकता है॥

🍃 *आरोग्यं* :-
*स्ट्रोक के उपचार -*

4. धूम्रपान दो अलग-अलग तरीकों से क्लॉट गठन को तेज करता है। यह आपके रक्त को मोटा करता है, और यह धमनियों में प्लाक बिल्डअप की मात्रा को बढ़ाता है। एक स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम के साथ, धूम्रपान से दूरी सबसे शक्तिशाली जीवन शैली में परिवर्तनों में से एक है जो आपको स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद करेगी।

5. उच्च रक्त शर्करा या हाई ब्लड शुगर होने से रक्त वाहिकाओं का समय के साथ नुकसान होता है, जिससे क्लॉट्स उनके अंदर बनने की संभावना अधिक होती है।

6. एट्रियल फाइब्रिलेशन अनियमित दिल की धड़कन का एक रूप है जो क्लॉट्स को दिल में बनने का कारण बनता है। ये क्लॉट्स मस्तिष्क में भी जा सकते हैं, जिससे स्ट्रोक पैदा होता है।

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। वरिष्ठ जन सहायता करेंगे। अप्रत्याशित लाभ होगा। यात्रा होगी। व्यावसायिक अथवा निजी काम से सुखद यात्रा हो सकती है। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी। दूसरों से न उलझें। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
अप्रत्याशित खर्च होंगे। तनाव रहेगा। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम न लें। नए संबंधों के प्रति सतर्क रहें। भूल करने से विरोधी बढ़ेंगे। कार्यक्षेत्र का विकास एवं विस्तार होगा। उपहार मिल सकता है। संतान की चिंता दूर होगी।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
रुका हुआ धन मिल सकता है। निवेश शुभ रहेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। स्वयं के ही प्रयासों से जनप्रियता एवं मान-सम्मान मिलेगा। रुका काम समय पर पूरा होने से आत्मविश्वास बढ़ेगा। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा, नई योजनाएं बनेंगी।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
वरिष्ठ जन सहायता करेंगे। रुके कार्यों में गति आएगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। रोजगार बढ़ेगा। सतर्कता से कार्य करें। संतान के व्यवहार से सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी आ सकती है। व्यापार में नए अनुबंध आज नहीं करें। आर्थिक तंगी रहेगी।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
तंत्र-मंत्र में रुचि बढ़ेगी। यात्रा मनोरंजक रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। बाहरी सहायता से काम होंगे। ईश्वर में रुचि बढ़ेगी। कामकाज की अनुकूलता रहेगी। व्यावसायिक श्रेष्ठता का लाभ मिलेगा। आपसी संबंधों को महत्व दें। पूंजी संचय की बात बनेगी।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
चोट व रोग से बचें। जल्दबाजी से हानि होगी। दूसरों पर विश्वास हानि देगा। कार्य में बाधा होगी। पत्नी से आश्वासन मिलेगा। स्वयं के निर्णय लाभप्रद रहेंगे। मानसिक संतोष, प्रसन्नता रहेगी। नए विचार, योजना पर चर्चा होगी। दूसरों की नकल न करें।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ होगा। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। कार्यों में विलंब से चिंता होगी। मानसिक उद्विग्नता रहेगी। पारिवारिक जीवन संतोषप्रद रहेगा।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। प्रसन्नता बनी रहेगी। व्यापार में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कार्य के विस्तार की योजनाएं बनेंगी। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न करें। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। प्रसन्नता रहेगी। धनार्जन होगा। रोजगार में उन्नति एवं लाभ की संभावना है। लाभदायक समाचार मिलेंगे। सामाजिक एवं राजकीय ख्याति में अभिवृद्धि होगी। व्यापार अच्छा चलेगा।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
शोक समाचार मिल सकता है। काम में मन नहीं लगेगा। विवाद से बचें। मेहनत अधिक होगी। आवास संबंधी समस्या हल होगी। आलस्य न करें। सोचे काम समय पर नहीं हो पाएंगे। व्यावसायिक चिंता रहेगी। संतान के व्यवहार से कष्ट होगा।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। कार्य पूर्ण होंगे। आय बढ़ेगी। मनोरंजक यात्रा होगी। प्रसन्नता रहेगी। सहयोगी मदद नहीं करेंगे। व्ययों में कटौती करने का प्रयास करें। परिवार में प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। व्यापार के कार्य से बाहर जाना पड़ सकता है।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
पुराने मित्र व संबंधी मिलेंगे। अच्‍छी खबर मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। जोखिम न लें। लाभ होगा। कार्यपद्धति में विश्वसनीयता बनाएं रखें। आर्थिक अनुकूलता रहेगी। रुका धन मिलने से धन संग्रह होगा। राज्यपक्ष से लाभ के योग हैं। नई योजनाओं की शुरुआत होगी।

☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

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