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बुधवार, 11 मार्च 2020

इन 50 घरेलु नुस्खों को जीवन में याद रखेगें तो कभी डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा

इन 50 घरेलु नुस्खों को जीवन में याद रखेगें तो कभी डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा:-

साधारण छोटे-छोटे प्रयोग जिनको आप अवश्य अपनाए कुछ प्रयोग नीचे दिए गए है जो आपके घर में ही उपलब्ध है अजमाए और लाभ ले:-

(1) *अजवायन का साप्ताहिक प्रयोग:-*

सुबह खाली पेट सप्ताह में एक बार एक चाय का चम्मच अजवायन मुँह में रखें और पानी से निगल लें। चबाएँ नहीं। यह सर्दी,खाँसी,जुकाम, बदनदर्द,कमर-दर्द, पेट दर्द, कब्जियत और घुटनों के दर्द से दूर रखेगा। 10 साल से नीचे के बच्चों को आधा चम्मच 2 ग्राम और 10 से ऊपर सभी को एक चम्मच यानी 5 ग्राम लेना चाहिए !

(2) *मौसमी खाँसी के लिये सेंधा नमक :-*

सेंधा नमक की लगभग 5 ग्राम डली को चिमटे से पकड़कर आग पर, गैस पर या तवे पर अच्छी तरह गर्म कर लें। जब लाल होने लगे तब गर्म डली को तुरंत आधा कप पानी में डुबो कर निकाल लें और नमकीन गर्म पानी को एक ही बार में पी जाएँ। ऐसा नमकीन पानी सोते समय लगातार दो-तीन दिन पीने से खाँसी, विशेषकर बलगमी खाँसी से आराम मिलता है। नमक की डली को सुखाकर रख लें एक ही डली का बार बार प्रयोग किया जा सकता है।

(3) *बैठे हुए गले के लिये मुलेठी का चूर्ण:-*

मुलेठी के चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर खाने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है या सोते समय एक ग्राम मुलेठी के चूर्ण को मुख में रख कर कुछ देर चबाते रहे। फिर वैसे ही मुँह में रख कर जाएँ। प्रातः काल तक गला साफ हो जायेगा। गले के दर्द और सूजन में भी आराम आ जाता है।

(4) *मुँह और गले के कष्टों के लिये सौंफ और मिश्री:-*

भोजन के बाद दोनों समय आधा चम्मच सौंफ चबाने से मुख की अनेक बीमारियाँ और सूखी खाँसी दूर होती है, बैठी हुई आवाज़ खुल जाती है,गले की खुश्की ठीक होती है और आवाज मधुर हो जाती है।

(5) *खराश या सूखी खाँसी के लिये अदरक और गुड़:-*

गले में खराश या सूखी खाँसी होने पर पिसी हुई अदरक में गुड़ और घी मिलाकर खाएँ। गुड़ और घी के स्थान पर शहद का प्रयोग भी किया जा सकता है। आराम मिलेगा।

(6) *पेट में कीड़ों के लिये अजवायन और नमक:-*

आधा ग्राम अजवायन चूर्ण में स्वादानुसार काला नमक मिलाकर रात्रि के समय रोजाना गर्म जल से देने से बच्चों के पेट के कीडे नष्ट होते हैं। बडों के लिये- चार भाग अजवायन के चूर्ण में एक भाग काला नमक मिलाना चाहिये और दो ग्राम की मात्रा में सोने से पहले गर्म पानी के साथ लेना चाहिये।

(7) *अरुचि के लिये मुनक्का हरड़ और चीनी:-*

भूख न लगती हो तो बराबर मात्रा में मुनक्का (बीज निकाल दें), हरड़ और चीनी को पीसकर चटनी बना लें। इसे पाँच छह ग्राम की मात्रा में (एक छोटा चम्मच), थोड़ा शहद मिला कर खाने से पहले दिन में दो बार चाटें।

(8) *बदन के दर्द में कपूर और सरसों का तेल:-*

10 ग्राम कपूर, 200 ग्राम सरसों का तेल- दोनों को शीशी में भरकर मजबूत ठक्कन लगा दें तथा शीशी धूप में रख दें। जब दोनों वस्तुएँ मिलकर एक रस होकर घुल जाए तब इस तेल की मालिश से नसों का दर्द, पीठ और कमर का दर्द और, माँसपेशियों के दर्द शीघ्र ही ठीक हो जाते हैं।

(9) *जोड़ों के दर्द के लिये बथुए का रस:-*

बथुआ के ताजा पत्तों का रस पन्द्रह ग्राम प्रतिदिन पीने से गठिया दूर होता है। इस रस में नमक-चीनी आदि कुछ न मिलाएँ। नित्य प्रातः खाली पेट लें या फिर शाम चार बजे। इसके लेने के आगे पीछे दो-दो घंटे कुछ न लें। दो तीन माह तक लें।

(10) *पेट में वायु-गैस के लिये मट्ठा और अजवायन:-*

पेट में वायु बनने की अवस्था में भोजन के बाद 125 ग्राम दही के मट्ठे में दो ग्राम अजवायन और आधा ग्राम काला नमक मिलाकर खाने से वायु-गैस मिटती है। एक से दो सप्ताह तक आवश्यकतानुसार दिन के भोजन के पश्चात लें।
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(11) *फटे हाथ पैरों के लिये सरसों या जैतून का तेल:-*

नाभि में प्रतिदिन सरसों का तेल लगाने से होंठ नहीं फटते और फटे हुए होंठ मुलायम और सुन्दर हो जाते है। साथ ही नेत्रों की खुजली और खुश्की दूर हो जाती है।

(12) *सर्दी बुखार और साँस के पुराने रोगों के लिये तुलसी:-*

तुलसी की 21 पत्तियाँ स्वच्छ खरल या सिल बट्टे (जिस पर मसाला न पीसा गया हो) पर चटनी की भाँति पीस लें और 10 से 30 ग्राम मीठे दही में मिलाकर नित्य प्रातः खाली पेट तीन मास तक खाएँ। दही खट्टा न हो। यदि दही माफिक न आये तो एक-दो चम्मच शहद मिलाकर लें। छोटे बच्चों को आधा ग्राम तुलसी की चटनी शहद में मिलाकर दें। दूध के साथ भूलकर भी न दें। औषधि प्रातः खाली पेट लें। आधा एक घंटे पश्चात नाश्ता ले सकते हैं।

(13) *अधिक क्रोध के लिये आँवले का मुरब्बा और गुलकंद:-*

बहुत क्रोध आता हो तो सुबह आँवले का मुरब्बा एक नग प्रतिदिन खाएँ और शाम को गुलकंद एक चम्मच खाकर ऊपर से दूध पी लें। क्रोध आना शांत हो जाएगा।

(14) *घुटनों में दर्द के लिये अखरोट:-*

सवेरे खाली पेट तीन या चार अखरोट की गिरियाँ खाने से घुटनों का दर्द मैं आराम हो जाता है।

(15) *काले धब्बों के लिये नीबू और नारियल का तेल:-*

चेहरे व कोहनी पर काले धब्बे दूर करने के लिये आधा चम्मच नारियल के तेल में आधे नीबू का रस निचोड़ें और त्वचा पर रगड़ें, फिर गुनगुने पानी से धो लें।

(16) *कोलेस्ट्राल पर नियंत्रण सुपारी से:-*

भोजन के बाद कच्ची सुपारी 20 से 40 मिनट तक चबाएँ फिर मुँह साफ़ कर लें। सुपारी का रस लार के साथ मिलकर रक्त को पतला करने जैसा काम करता है। जिससे कोलेस्ट्राल में गिरावट आती है और रक्तचाप भी कम हो जाता है।

(17) *मसूढ़ों की सूजन के लिये अजवायन:-*

मसूढ़ों में सूजन होने पर अजवाइन के तेल की कुछ बूँदें पानी में मिला कर कुल्ला करने से सूजन में आराम आ जाता है।

(18) *हृदय रोग में आँवले का मुरब्बा:-*

आँवले का मुरब्बा दिन में तीन बार सेवन करने से यह दिल की कम जोरी, धड़कन का असामान्य होना तथा दिल के रोग में अत्यंत लाभ होता है, साथ ही पित्त,ज्वर,उल्टी, जलन आदि में भी आराम मिलता है।

(19) *शारीरिक दुर्बलता के लिये दूध और दालचीनी:-*

दो ग्राम दालचीनी का चूर्ण सुबह शाम दूध के साथ लेने से शारीरिक दुर्बलता दूर होती है और शरीर स्वस्थ हो जाता है। दो ग्राम दाल चीनी के स्थान पर एक ग्राम जायफल का चूर्ण भी लिया जा सकता है।

(20) *हकलाना या तुतलाना दूर करने के लिये दूध और काली मिर्च:-*

हकलाना या तुतलाना दूर करने के लिये 10 ग्राम दूध में 250 ग्राम काली-मिर्च का चूर्ण मिला कर रख लें। 2-2 ग्राम चूर्ण दिन में दो बार मक्खन के साथ मिला कर खाएँ।

(21) *श्वास रोगों के लिये दूध और पीपल :-*

एक पाव दूध में 5 पीपल डालकर गर्म करें, इसमें चीनी डाल कर सुबह और ‘शाम पीने से साँस की नली के रोग जैसे खाँसी, जुकाम, दमा, फेफड़े की कमजोरी तथा वीर्य की कमी आदि रोग दूर होते हैं।

(22) *अच्छी नींद के लिये मलाई और गुड़:-*

रात में नींद न आती हो तो मलाई में गुड़ मिला कर खाएँ और पानी पी लें। थोड़ी देर में नींद आ जाएगी।

(23) *कमजोरी को दूर करने का सरल उपाय:-*

एक-एक चम्मच अदरक व आंवले के रस को दो कप पानी में उबाल कर छान लें। इसे दिन में तीन बार पियें। स्वाद के लिये काला नमक या शहद मिलाएँ।

(24) *घमौरियों के लिये मुल्तानी मिट्टी:-*

घमौरियों पर मुल्तानी मिट्टी में पानी मिलाकर लगाने से रात भर में आराम आ जाता है।

(25) *पेट के रोग दूर करने के लिये मट्ठा:-*

मट्ठे में काला नमक और भुना जीरा मिलाएँ और हींग का तड़का लगा दें। ऐसा मट्ठा पीने से हर प्रकार के पेट के रोग में लाभ मिलता है। यह बासी या खट्टा नहीं होना चाहिये।

(26) *खुजली की घरेलू दवा:-*

फटकरी के पानी से खुजली की जगह धोकर साफ करें, उस पर कपूर को नारियल के तेल मिलाकर लगाएँ लाभ होगा।

(27) *मुहाँसों के लिये संतरे के छिलके:-*

संतरे के छिलके को पीसकर मुहाँसों पर लगाने से वे जल्दी ठीक हो जाते हैं। नियमित रूप से ५ मिनट तक रोज संतरों के छिलके का पिसा हुआ मिश्रण चेहरे पर लगाने से मुहाँसों के धब्बे दूर होकर रंग में निखार आ जाता है।

(28) *बंद नाक खोलने के लिये अजवायन की भाप:-*

एक चम्मच अजवायन पीस कर गरम पानी के साथ उबालें और उसकी भाप में साँस लें। कुछ ही मिनटों में आराम मालूम होगा।

(29) *चर्मरोग के लिये टेसू और नीबू :-*

टेसू के फूल को सुखा कर चूर्ण बना लें। इसे नीबू के रस में मिलाकर लगाने से हर प्रकार के चर्मरोग में लाभ होता है।

(30) *माइग्रेन के लिये काली मिर्च, हल्दी और दूध:-*

एक बड़ा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण एक चुटकी हल्दी के साथ एक प्याले दूध में उबालें। दो तीन दिन तक लगातार रहें। माइग्रेन के दर्द में आराम मिलेगा।

(31) *गले में खराश के लिये जीरा:-*

एक गिलास उबलते पानी में एक चम्मच जीरा और एक टुकड़ा अदरक डालें ५ मिनट तक उबलने दें। इसे ठंडा होने दें। हल्का गुनगुना दिन में दो बार पियें। गले की खराश और सर्दी दोनों में लाभ होगा।

(32) *सर्दी जुकाम के लिये दालचीनी और शहद:-*

एक ग्राम पिसी दाल चीनी में एक चाय का चम्मच शहद मिलाकर खाने से सर्दी जुकाम में आराम मिलता है।

(33) *टांसिल्स के लिये हल्दी और दूध:-*

एक प्याला (200 मिली ली।) दूध में आधा छोटा चम्मच (2 ग्राम) पिसी हल्दी मिलाकर उबालें। छानकर चीनी मिलाकर पीने को दें। विशेषरूप से सोते समय पीने पर तीन चार दिन में आराम मिल जाता है। रात में इसे पीने के बात मुँह साफ करना चाहिये लेकिन कुछ खाना पीना नहीं चाहिये।

(34) *ल्यूकोरिया से मुक्ति:-*

ल्यूकोरिया नामक रोग कमजोरी,चिडचिडापन, के साथ चेहरे की चमक उड़ा ले जाता हैं। इससे बचने का एक आसान सा उपाय- एक-एक पका केला सुबह और शाम को पूरे एक छोटे चम्मच देशी घी के साथ खा जाएँ 11-12 दिनों में आराम दिखाई देगा। इस प्रयोग को 21 दिनों तक जारी रखना चाहिए।

(35) *मधुमेह के लिये आँवला और करेला:-*

एक प्याला करेले के रस में एक बड़ा चम्मच आँवले का रस मिला कर रोज पीने से दो महीने में मधुमेह के कष्टों से आराम मिल जाता है।

(36) *मधुमेह के लिये काली चाय:-*

मधुमेह में सुबह खाली पेट एक प्याला काली चाय स्वास्थ्यवर्धक होती है। चाय में चीनी दूध या नीबू नहीं मिलाना चाहिये। यह गुर्दे की कार्यप्रणाली को लाभ पहुँचाती है जिससे मधुमेह में भी लाभ पहुँचता है।

(37) *उच्च रक्तचाप के लिये मेथी:-*

सुबह उठकर खाली पेट आठ-दस मेथी के दाने निगल लेने से उच्चरक्त चाप को नियंत्रित करने में सफलता मिलती है।

(38) *माइग्रेन और सिरदर्द के लिये सेब:-*

सिरदर्द और माइग्रेन से परेशान हों तो सुबह खाली पेट एक सेब नमक लगाकर खाएँ इससे आराम आ जाएगा।

(39) *अपच के लिये चटनी:-*

खट्टी डकारें, गैस बनना, पेट फूलना, भूक न लगना इनमें से किसी चीज से परेशान हैं तो सिरके में प्याज और अदरक पीस कर चटनी बनाएँ इस चटनी में काला नमक डालें। एक सप्ताह तक प्रतिदिन भोजन के साथ लें, आराम आ जाएगा।

(40) *मुहाँसों से मुक्ति:-*

जायफल, काली मिर्च और लाल चन्दन तीनो का पावडर बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। रोज सोने से पहले 2-3 चुटकी भर के पावडर हथेली पर लेकर उसमें इतना पानी मिलाए कि उबटन जैसा बन जाए खूब मिलाएँ और फिर उसे चेहरे पर लगा लें और सो जाएँ, सुबह उठकर सादे पानी से चेहरा धो लें। 15 दिन तक यह काम करें। इसी के साथ प्रतिदिन 250 ग्राम मूली खाएँ ताकि रक्त शुद्ध हो जाए और अन्दर से त्वचा को स्वस्थ पोषण मिले। 15-20 दिन में मुहाँसों से मुक्त होकर त्वचा निखर जाएगी।

(41) *जलन की चिकित्सा चावल से:-*

कच्चे चावल के 8-10 दाने सुबह खाली पेट पानी से निगल लें। 21 दिन तक नियमित ऐसा करने से पेट और सीन की जलन में आराम आएगा। तीन माह में यह पूरी तरह ठीक हो जाएगी।

(42) *दाँतों के कष्ट में तिल का उपयोग:-*

तिल को पानी में 4 घंटे भिगो दें फिर छान कर उसी पानी से मुँह को भरें और 10 मिनट बाद उगल दें। चार पाँच बार इसी तरह कुल्ला करे, मुँह के घाव, दाँत में सड़न के कारण होने वाले संक्रमण और पायरिया से मुक्ति मिलती है।

(43) *विष से मुक्ति:-*

10-10 ग्राम हल्दी, सेंधा नमक और शहद तथा 5 ग्राम देसी घी अच्छी तरह मिला लें। इसे खाने से कुत्ते, साँप, बिच्छु, मेढक, गिरगिट, आदि जहरीले जानवरों का विष उतर जाता है।

(44) *खाँसी में प्याज:-*

अगर बच्चों या बुजुर्गों को खांसी के साथ कफ ज्यादा गिर रहा हो तो एक चम्मच प्याज के रस को चीनी या गुड मिलाकर चटा दें, दिन में तीन चार बार ऐसा करने पर खाँसी से तुरंत आराम मिलता है।

(45) *स्वस्थ त्वचा का घरेलू नुस्खा:-*

नमक, हल्दी और मेथी तीनों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें, नहाने से पाँच मिनट पहले पानी मिलाकर इनका उबटन बना लें। इसे साबुन की तरह पूरे शरीर में लगाएँ और 5 मिनट बाद नहा लें। सप्ताह में एक बार प्रयोग करने से घमौरियों, फुंसियों तथा त्वचा की सभी बीमारियों से मुक्ति मिलती है। साथ ही त्वचा मुलायम और चमकदार भी हो जाती है।

(46) *पेट साफ रखे अमरूद:-*

कब्ज से परेशान हों तो शाम को चार बजे कम से कम 200 ग्राम अमरुद नमक लगाकर खा जाएँ, फायदा अगली सुबह से ही नज़र आने लगेगा। 10 दिन लगातार खाने से पुराने कब्ज में लाभ होगा। बाद में जब आवश्यकता महसूस हो तब खाएँ।

(47) *पपीते के बीज के स्वास्थ्य हमारा:-*

पके पपीते के बीजों को खूब चबा-चबा कर खाने से आँखों की रोशनी बढ़ती है। इन बीजों को सुखा कर पावडर बना कर भी रखा जा सकता है। सप्ताह में एक बार एक चम्मच पावडर पानी से फाँक लेन पर अनेक प्रकार के रोगाणुओं से रक्षा होती है।

(48) *मुलेठी पेप्टिक अलसर के लिये:-*

मुलेठी के बारे में तो सभी जानते हैं। यह आसानी से बाजार में भी मिल जाती है। पेप्टिक अल्सर में मुलेठी का चूर्ण अमृत की तरह काम करता है। बस सुबह शाम आधा चाय का चम्मच पानी से निगल जाएँ। यह मुलेठी का चूर्ण आँखों की शक्ति भी बढ़ाता है। आँखों के लिये इसे सुबह आधे चम्मच से थोड़ा सा अधिक पानी के साथ लेना चाहिये।

(49) *सरसों का तेल केवल पाँच दिन:-*

रात में सोते समय दोनों नाक में दो दो बूँद सरसों का तेल पाँच दिनों तक लगातार डालें तो खाँसी -सर्दी और साँस की बीमारियाँ दूर हो जाएँगी। सर्दियों में नाक बंद हो जाने के दुख से मुक्ति मिलेगी और शरीर में हल्कापन मालूम होगा।

(50) *भोजन से पहले अदरक:-*

भोजन करने से दस मिनट पहले अदरक के छोटे से टुकडे को सेंधा नमक में लपेट कर [थोड़ा ज्यादा मात्रा में ] अच्छी तरह से चबा लें। दिन में दो बार इसे अपने भोजन का आवश्यक अंग बना लें, इससे हृदय मजबूत और स्वस्थ बना रहेगा, दिल से सम्बंधित कोई बीमारी नहीं होगी और निराशा व अवसाद से भी मुक्ति मिल जाएगी
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गुरुवार, 5 मार्च 2020

कोरोनावायरस से लड़ने का फॉर्मूला -बिस्वरूप रॉय चौधरी

कोरोनावायरस से लड़ने का फॉर्मूला, वजन के मुताबिक पिएं मौसमी जूस और नारियल पानी, सिर्फ 3 दिन में होगा असर -बिस्वरूप रॉय चौधरी

  • संक्रमण के लक्षण दिखने पर फॉलो करें 3 दिन का डाइट प्लान,
  •  ताजा जूस बिना छाने पिएं,डाइट में शामिल करें टमाटर और खीरा

कोरोनावायरस से सिर्फ चीन में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। केरल में सोमवार तक 3 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। वायरस से संक्रमण का दायरा बढ़ रहा है। एक्सपर्ट के मुताबिक, संक्रमण के लक्षण दिखने पर बचाव के तौर पर डॉक्टरी सलाह लें और लिक्विड डाइट की मात्रा बढ़ाएं। मेडिकल न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी के मुताबिक, संतरा-मौसमी और नारियल पानी की मात्रा बढ़ाकर 3 दिन में संक्रमण और वायरस को खत्म किया जा सकता है। ध्यान रखें जूस को छानना नहीं है वरना इसमें मौजूद फायबर कम हो जाएंगे। और न ही पैकेज्ड जूस का इस्तेमाल करें। मशहूर न्यूट्रशनिस्ट और डायबिटीज एक्सपर्ट डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी ने भास्कर के साथ शेयर किया 3 दिन का डाइट प्लान जो संक्रमण के असर को कम करेगा।
लक्षण दिखने ही फॉलो करें 3 दिन का प्लान
पहला दिन : सिर्फ जूस और नारियल पानी पीएं
संक्रमण के लक्षण महसूस होने के पहले ही दिन डाइट में संतरा-मौसमी का जूस और नारियल पानी लें। दिनभर में कुल कितने गिलास जूस और नारियल पानी पीना है, यह अपने वजन के मुताबिक तय करें। जैसे जितना शरीर का वजन है उसे 10 से भाग दें। जिनकी संख्या आएगी उसका दोगुना लिक्विड डाइट लें। जैसे आपका वजन 80 किलो है। 10 से भाग देने पर संख्या 8 आएगी। अब दिनभर में आठ गिलास जूस और 8 गिलास नारियल पानी पीना है।
दूसरा दिन : टमाटर-खीरा शामिल करें
दूसरे दिन डाइट में थोड़ा बदलाव करें। जैसे जितना शरीर का वजन है उसे 20 से भाग दें। जिनकी संख्या आएगी उसका दोगुना लिक्विड डाइट लें। जैसे आपका वजन 80 किलो है। 20 से भाग देने पर संख्या 4 आएगी। अब दिनभर में 4 गिलास जूस और 4 गिलास नारियल पानी पीना है। इसके अलावा अपने वजन को 5 से गुणा करें जितनी संख्या आए उतने ग्राम टमाटर और खीरा खाना है।
तीसरा दिन : हल्का खाने से शुरुआत करें
दिनभर की डाइट को तीन हिस्सों में बांटें।
ब्रेकफास्ट में केवल जूस और नारियल पानी ही लें। मात्रा कितनी लेनी है, इसके लिए जितना आपका वजन है उसे 30 से भाग दें। जितनी संख्या आए उसे दोगुना करें, इतने गिलास जूस और नारियल पानी पीना है।
लंच : अपने वजन को 5 से गुणा करें, जितनी मात्रा आती है उतने ग्राम टमाटर और खीरा खाएं।
डिनर : रात के खाने में घर का पका कम मसाला और कम तेल वाला हल्का भोजन करें।

कैसे काम करता है ये प्लान
डॉ. बिस्वरूप चौधरी के मुताबिक, नारियल पानी और विटामिन-सी से युक्त जूस शरीर में पहुंचकर रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है। बुखार के बाद शरीर का बढ़ा हुआ तापमान सामान्य करता है। संक्रमण के असर को घटाता है।
क्यों आसानी से फैलता है संक्रमण
दुनिया में 3 लाख 20 हजार ऐसे वायरस हैं जो हमेशा से इंसानों को संक्रमित करते आए हैं, इनसे से 209 को पहचानकर नाम दिया गया है। कोरोनोवायरस उनसे से भी एक है। वायरस कोई भी हो ये तभी आसानी से संक्रमित करते हैं जब शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। इससे लड़ने के लिए सबसे पहले शरीर की इम्युनिटी बढ़ाएं क्योंकि बचाव ही बेहतर इलाज है।

https://youtu.be/sk7F2YgiYRs

कोरोना वायरस (Corona Virus)


 कोरोनावायरस:-
ये उचित नहीं कि किसी व्यक्ति विशेष का नाम ऐसे पटल पर ऐसी गम्भीर बीमारी के लिए लाया जाये. यद्दपि ये ज़रूर जाना जा सकता है कि कोरोना वायरस से संक्रमित लगभग सारे व्यक्ति केरल से सम्बन्ध रखते हैं जो हालही में चीन से वापस आए हैं|
कोरोनावायरस (सीओवी) वायरस का एक बड़ा परिवार है जो सामान्य सर्दी से लेकर गंभीर बीमारियों जैसे मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS-CoV) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS-CoV) का कारण बनता है। नोवेल कोरोनावायरस (nCoV) एक नया स्ट्रेन है जो इससे पहले मनुष्यों में नहीं पाया गया है।
2019 नावेल कोरोनवायरस या वूहान कोरोनवायरस:-
2019 के नोवेल कोरोनावायरस (2019-nCoV) को अनौपचारिक रूप से वुहान कोरोनावायरस (Wuhan Corona Virus) के रूप में जाना जाता है जो एक संक्रामक वायरस है जो 2019-nCoV तीव्र श्वसन रोग संक्रमण का कारण बनता है। यह चल रहे 2019-20 वुहान कोरोनावायरस के प्रकोप का कारण है।
2019 नावेल कोरोनवायरस या वूहान कोरोनवायरस का इतिहास:-
नोवेल कोरोनावायरस (2019-nCoV) का पहला ज्ञात मानव संक्रमण दिसंबर 2019 की शुरुआत में हुआ था। 2019-nCoV का प्रकोप पहली बार दिसंबर 2019 के मध्य में वुहान में पाया गया था, जो संभवतः एक संक्रमित जानवर से उत्पन्न होता है।
यह वायरस बाद में चीन के सभी प्रांतों और एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और ओशिनिया के दो दर्जन से अधिक देशों में फैल गया।
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि शुक्रवार(07 फ़रवरी २०१९) तक 722 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 34,546 लोग मुख्य भूमि चीन में संक्रमित हैं।
भारत में 2019 नावेल कोरोनवायरस या वूहान कोरोनवायरस:-
भारत ने अब तक 3 सकारात्मक मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से सभी केरल से हैं।
कोरोनावायरस कैसे फैलता है:-
कोरोनावायरस संकर्मित व्यक्ति के खांसने और छीकने से एयर ड्रापलेट्स के ज़रिये एक से दुसरे व्यक्ति में फैलता है, ये एयर ड्रापलेट्स संकर्मित व्यक्ति के छीकने के बाद 6 मीटर की दुरी तक फैलते हैं|
इन सभी क्षेत्रों में वायरस के मानव-से-मानव प्रसार की पुष्टि की गई है। 30 जनवरी 2020, 2019-nCoV को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा एक वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल(global health emergency) नामित किया जा चुका है।
कई शुरुआती मामलों को एक बड़े समुद्री भोजन और पशु बाजार से जोड़ा गया था, और वायरस को एक जूनोटिक मूल माना जाता है।
इस वायरस और अन्य वायरस के नमूनों के जेनेटिक सीक्वेंस की तुलना SARS-CoV (79.5%) और बैट कोरोनावायरसेस (96%) के समान है। इससे ये पता चलता है कि ये वायरस मूल रूप से चमगादड़ के ज़रिये फैलता है ,हालांकि ऐसा माना जाता है कि ये वायरस पैंगोलिन के ज़रिये भी फैल सकता है।
कोरोनावायरस ज़ूनोटिक हैं, जिसका अर्थ है कि ये जानवरो और लोगों के बीच संचारित होता हैं।
विस्तृत जांच में पाया गया कि SARS-CoV को केवेट बिल्लियों से मनुष्यों और MERS-CoV से ड्रोमेडरी ऊंटों से मनुष्यों में स्थानांतरित किया गया। कई ज्ञात कोरोनावायरस उन जानवरों में घूम रहे हैं जिन्होंने अभी तक मनुष्यों को संक्रमित नहीं किया है।


कोरोनावाइरस इंडिया आ चुका है, इससे पहले कि ये मीडिया वाले उसकी खबरें दिखा दिखा कर आपको भयभीत करें और अपनी TRP बढ़ाएँ, हम आपको सिर्फ़ इतना बोलना चाहते हैं कि दुनिया में आज भी इंसानी की मौत का सबसे बड़ा कारण मलेरिया है जिससे हर साल 5 लाख से ज़्यादा मौतें होती हैं, मलेरिया के बाद रोड एक्सीडेंट्स और फ़िर आतंकवाद या युद्ध का नम्बर आता है।
कोरोनावाइरस बेशक ख़तरनाक है लेकिन इसका Mortality Rate 2% से भी कम बताया जा रहा है। ज़्यादातर मामलों में ये खुद से ठीक हो जाता है, वृद्धों और बच्चों को ज़रूर विशेष बचाव करने की ज़रूरत है।
इसीलिए बेशक खूब सावधानी रखिए, अनावश्यक यात्राएँ मत करिए, लेकिन घबराइए नहीं, हमारा देश वैसे भी भगवान भरोसे ही चलता है, गर्मियाँ क़रीब हैं, गर्मियाँ आते ही सब ठीक हो जाएगा, क्यूँकि अभी ये जिन भी देशों में फैला है इन जगहों का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम है।
इसीलिए भगवान और गर्मी दोनों पर भरोसा रखिए...सब ठीक होगा


बुधवार, 4 मार्च 2020

Corona Virus: होम्योपैथ में कोरोना से बचाव व इलाज संभव, आयुष मंत्रालय ने दवा को दी हरी झंडी


Corona Virus: होम्योपैथ में कोरोना से बचाव व इलाज संभव, आयुष मंत्रालय ने दवा को दी हरी झंडी

कोरोना वायरस के संक्रमण (Corona Virus infection) से जूझते चीन (China) के लिए भारत से राहत भरी खबर है। बिहार के गया में आयोजित मगध होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन (Magadh Homeopathic Medical Association) के 17वें सेमिनार (Seminar) में जमशेदपुर के सीनियर होम्‍योपैथिक डॉक्‍टर  व सिंहभूम होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज (Jamshedpur Homeopathic Medical College) के प्राचार्य (Principal) डॉ. कुलवंत सिंह (Dr. Kulwant Singh) ने दी है। उन्‍होंने बताया कि वायरस से सुरक्षा के लिए एहतियात के तौर पर होम्योपैथिक दवा आर्सेनिक अल्बम-30 (Arsenic Album 30) का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह दवा सुरक्षा के लिए इस्‍तेमाल के अलावा रोग होने पर भी इस्तेमाल की जा सकती है।
आयुष मंत्रालय ने आर्सेनिक अल्बम-30 दवा को किया अधिसूचित
उन्होंने बताया कि हाल ही में आयुष मंत्रालय ने कोरोना वायरस को लेकर विशेषज्ञों के साथ बैठक की थी, जिसमें केंद्रीय होम्योपैथिक परिषद और केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद के विशेषज्ञों के साथ इसपर चर्चा की गई। उसके बाद आर्सेनिक अल्बम-30 दवा को आयुष मंत्रालय ने अधिसूचित किया है। इससे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है।

इनफ्लुएंजा से मिलते-जुलते हैं कोरोना वायरस के लक्षण
डॉ. कुलवंत सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस के लक्षण इनफ्लुएंजा से मिलते-जुलते हैं। इसमें सर्दी-जुकाम, नाक बहना और तेज बुखार, उल्टी जैसी तकलीफें होती हैं। इसमें होम्योपैथ की आर्सेनिक अल्बम-30 दवा दी जा सकती है। इस दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है। यह बहुत पुरानी दवा है। करीब ढाई सौ वर्ष पहले इस दवा को ईजाद किया गया था।

डॉक्‍टर की सलाह पर ऐसे ली जा सकती दवा
सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी के वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड ने माना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने में होम्योपैथ की दवा 'आर्सेनिक एल्बम-30’ कारगर है। यह दवा डॉक्‍टर की सलाह पर तीन दिन तक खाली पेट ली जा सकती है। संक्रमण कायम रहने पर एक माह बाद दोबारा दवा ली जा सकती है। 
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शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020

कुछ ऐसे व्हाट्सएप हैक्स जो हमारे दैनिक जीवन में फायदेमंद हो सकते हैं



ज्यादातर लोग Whatsapp का इस्तेमाल करते हैं -
  1. संदेश भेजने के लिए
  2. Voice कॉल करने के लिए
  3. वीडियो कॉल करने के लिए
इस तरह हम प्रतिदिन अपना कुछ कीमती वक्त इस एप्प में invest करते हैं तो क्यों ना कुछ ऐसा किया जाए कि
जब भी हम whatsapp open करें हमें दिन भर की कुछ news , समाचार इत्यादि की जानकारी व्हाट्सएप्प में ही मिल जाये।
तो इसके लिए हमें बनाना पड़ेगा एक ग्रुप -
जिसमे एक सदस्य तो आप खुद होंगे
और दूसरे कुछ नंबर्स को जोड़ना होगा जो किसी व्यक्ति के ना होकर एक वेबसाइट द्वारा प्रदान किये गए हैं।
नंबर्स हैं - 7338876038
दूसरा नंबर- 8807020745
तीसरा नंबर- 9840891580
आप इन तीनो नंबर्स को जोड़ कर एक अपना ग्रुप बना लें -
और अपनी इच्छानुसार सेवाएं एक्टिवेट कर लें
जैसे-
हिंदी समाचार , Engliah News , स्पोर्ट्स न्यूज़ , एस्ट्रोलॉजी
चुनाव समाचार , विकिपीडिया , Daily horoscope
क्विज और गेम्स , ट्रैन का pnr स्टेटस
किसी पर्टिकुलर खेल कूद या अभिनेता या अभिनेत्री से जुड़ी खबरें इत्यादि।
ये सारी सर्विसेज मुफ्त हैं।
मैंने पहले से ही एक ग्रुप बना रखा है पर उदाहरण के लिए मैं आपको एक नया ग्रुप बना के दिखा देता हूँ।बनने के बाद ग्रुप कुछ इस तरह से दिखेगा।
आप कभी भी *info सेंड करके सारी सर्विसेज की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।
जैसे-
कुछ अन्य अच्छी सेवाएं -
जैसे- daily horoscope , कैलकुलेटर , डिक्शनरी, ट्रैन का pnr स्टेटस , करेंसी प्राइस विकिपीडिया इत्यादि।
आप इनमें से कोई भी सर्विस मुफ्त में एक्टिवेट कर सकते हैं उससे संबंधित नंबर को ग्रुप में जोड़ करके।
और जब भी चाहे उसे डिएक्टिवेट भी कर सकते हैं।
धन्यवाद।

कभी भी अपने फोन में Truecaller ऐप इंस्टॉल / इस्तेमाल न करें।.

कभी भी अपने फोन में Truecaller ऐप इंस्टॉल / इस्तेमाल न करें।.
एंड्रॉइड फोन रखने वाले ज्यादातर लोगों के फोन में यह ऐप होता है।
जो लोग नहीं जानते हैं कि True caller क्या है, यह एक ऐसा ऐप है जो आपको अज्ञात लोगों के नाम बताता है जो आपको फ़ोन करते हैं।
(आप इसे Google Play Store पर खोज सकते हैं)
क्या आप जानते हैं कि Truecaller के माध्यम से आपके सभी कॉल रिकॉर्डिंग, मैसेज, चैट और कॉन्टैक्ट आपके फोन से लीक हो रहे हैं? में इस बारे में आपको बताऊंगा, लेकिन सबसे पहले, आपको पता होना चाहिए.
Truecaller ने लोगों के फोन से डेटा एकत्र किया है और इसे अपने सर्वर पर डाला है। और फिर मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकों का उपयोग किसी विशेष फोन नंबर को असाइन करने के लिए किया जाता है। में इसे एक उदाहरण द्वारा समझाता हु :
मान लीजिए, रमेश कुमार सिंह नाम का एक व्यक्ति है, जिसका नंबर (Let’s say A, B & C) फोन में सेव किया गया है
A ने "रमेश कुमार" के रूप में अपना नाम बताया।
B ने अपना नाम "रमेश कुमार सिंह" बताया।
C ने अपना नाम "रमेश कुमार श" बताया।
तो Truecaller क्या करता है कि यह तीनों व्यक्तियों की संपर्क सूची में सामान्य नाम ढूंढता है और इसे अपने आप एक नाम बताता है। इस मामले में, आम नाम रमेश कुमार का है।
इस तरह Truecaller काम करता है।
अब इस बात की जानकारी दें कि यह ऐप आपके फोन से आपके सभी डेटा को कैसे चुरा रहा है।
जब आप Google Play Store से Truecaller इंस्टॉल करते हैं, तो ऐप इंस्टॉल करने से पहले कुछ अनुमतियों को पूछता है। लेकिन ज्यादातर लोग उन अनुमतियों को अनदेखा करते हैं और इस ऐप को अपने डिवाइस पर इंस्टॉल करते हैं। अनुमति में कैमरा, संपर्क, स्थान, एसएमएस, संग्रहण, कॉलिंग और माइक्रोफ़ोन एक्सेस शामिल है।
(प्रतिनिधित्व के लिए तस्वीर)
यदि आप Truecaller की आधिकारिक वेबसाइट पर जाते हैं और उनकी गोपनीयता नीति की जांच करते हैं, तो आप अपने फोन से एकत्र की गई जानकारी की मात्रा देखकर चौंक जाएंगे। मुझे उनके द्वारा एकत्र किए गए कई डेटा में से कुछ को सूचीबद्ध करने दें:
उपकरण का स्थान
आईपी ​​पता
डिवाइस और हार्डवेयर सेटिंग्स
ऑपरेटिंग सिस्टम
वेब ब्राउज़र
स्क्रीन संकल्प
उपयोग के आँकड़े
डिवाइस पर इंस्टॉल किए गए एप्लिकेशन
संपर्क
डिवाइस लॉग
संदेश
डिवाइस आईडी
(उनकी गोपनीयता नीति का स्क्रीनशॉट)
क्या आपको लगता है कि एक ऐप जो किसी अज्ञात कॉलर के नाम की पहचान करता है, उसे उपरोक्त सभी जानकारी की आवश्यकता है? ऐप केवल लोगों की अनभिज्ञता और लापरवाही का फायदा उठा रहा है।
इसलिए, यदि आप अपनी गोपनीयता और डेटा से प्यार करते हैं, तो इस ऐप को अपने फ़ोन से अनइंस्टॉल करें अन्यथा, आप फेसबुक और Google को दोष देते रहेंगे, और Truecaller आपके सभी डेटा को आपकी नाक के नीचे चुरा लेगा।

क्या बैंकों द्वारा दी जा रही ऑनलाइन जीरो बैलेंस अकाउंट सुविधा लेना सही है?

क्या बैंकों द्वारा दी जा रही ऑनलाइन जीरो बैलेंस अकाउंट सुविधा लेना सही है?

नहीं, भूल कर भी मत लें !!!
मैं आपको खुद अपने साथ हुई घटना बताता हूँ.
मैंने पिछले साल(2018) अगस्त में Axis बैंक में जीरो बैलेंस अकाउंट(ASAP Account) खुलवाया था. जैसा कि अंदेशा था, अकाउंट खुलवाने के बाद से ही मुझे उनके प्रमोशनल मेल और अलर्ट आने शुरू हो गए.
अभी मुश्किल से 15 दिन ही हुए थे, कि मुझे एक्सिस बैंक की तरफ से मैसेज आया "आपको अपनी KYC पूरी करनी होगी अन्यथा आपका अकाउंट बंद कर दिया जायेगा". जबकि सारी जरुरी जानकारियां और संबंधित डाक्यूमेंट्स पहले ही ऑनलाइन मांगे जा चुके थे. इस वक़्त मैं मजबूर और असहाय था क्योंकि मैंने इस अकाउंट से ट्रांजैक्शन करने शुरू कर दिए थे. खैर, मैं Axis बैंक की नजदीकी ब्रांच पर गया और KYC पूरी कर दी.
उस समय मैंने वहां मौजूद स्टाफ से भी पूछा कि आगे तो कोई दिक्कत नहीं होगी , अन्यथा मैं अपना जीरो बैलेंस अकाउंट बंद करा के नार्मल अकाउंट खुलवा लूँ. पर उन्होंने कहा कोई दिक्कत नहीं होगी.
और मैंने उनकी बात मान कर बहुत बड़ी गलती कर दी क्योंकि अभी मुझे बहुत कुछ झेलना बाकी था. साल भर मैं अपने इस ASAPअकाउंट से ट्रांजैक्शन करता रहा. पर शायद यह तूफान के आने से पहले वाली शांति थी.
कल मुझे Axis बैंक की तरफ से मैसेज आया कि आप का ASAP अकाउंट बंद कर दिया गया है.
मेरे उस अकाउंट में लगभग 30 हज़ार रूपये थे. मैं आनन-फानन भागता हुआ उनके ब्रांच पर पहुँचा, जहाँ से मैंने KYC पूरी कराई थी. वहां उन्होंने मुझे बताया कि इस अकाउंट की शर्तों में यही एक कमी है कि इसे बिना किसी पूर्वसूचना के कभी भी बंद किया जा सकता है. जब मैंने इसका कारण पूछा तो उन्होंने इसे बैंक की पालिसी कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया. अब आप को बैंकों की मनमानी और मेरी हालत का ठीक-ठीक अंदाजा लग गया होगा.
मैंने पूछा, मेरे अकाउंट में जो रूपये थे उनका क्या होगा? जवाब मिला कि वे रूपये Axis बैंक के कंपनी अकाउंट में जमा हो गए हैं और अब आपको एक जनरल अकाउंट खुलवाना पड़ेगा और तभी वे सारे रूपये आपके अकाउंट में ट्रांसफर किये जायेंगे.
फ़िलहाल मैं अपना जनरल अकाउंट खुलवाने की दौड़-भाग में लगा हुआ हूँ. उम्मीद करता हूँ कि मेरा अनुभव आपको बताने के लिए काफी है. और आप इन फ्री की चीज़ों के चक्कर में नहीं पड़ेंगे.
आप में से और भी लोग होंगे जो Kotak और Axis द्वारा चलायी जा रही इस जीरो अकाउंट सुविधा के चक्करों में पड़े होंगे और उन्हें भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा होगा. अपना अनुभव आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं.

शनिवार, 22 फ़रवरी 2020

बांद्रा स्टेशन की झोपडपट्टी में प्रतिवर्ष आग का रहस्य

*बांद्रा स्टेशन की झोपडपट्टी में प्रतिवर्ष आग का रहस्य!*

*(बांद्रा चुनावक्षेत्र हिंदुवोंका गढ़ हैं! इसी में शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे जी का निवास हैं, अब ये गढ़ ढह गया हैं, विधानसभा चुनाव में अब मुस्लिम विधायक चुनकर आया हैं, जहां पहले हिंदू ही चुनकर आता था!)*

*✒ बांद्रा स्टेशन के आसपास चारों तरफ गहरी-घनी और गंदगी से लबरेज कई झोपडपट्टी मौजूद हैं, जिनमें से अधिकाँश का नाम “नवाज़ नगर”, “गरीब नगर”, “संजय गांधी नगर”, “इंदिरा गांधी नगर” वगैरह है.*

*🤔 आप सोचेंगे इसमें ऐसी क्या ख़ास बात है, ऐसा तो भारत के कई रेलवे स्टेशनों के आसपास होता होगा…*

*🔥बांद्रा की इन झोपडपट्टी की ख़ास बात यह है कि इसमें प्रतिवर्ष (जी हाँ, बिलकुल बिना किसी खण्ड के, प्रतिवर्ष मतलब प्रतिवर्ष) बड़ी जोरदार आग लगती है. ऐसे अग्निकाण्ड देश की किसी भी झोपडपट्टी में “नियमित” रूप से नहीं होते.*
🤔 आखिर इस आगज़नी का रहस्य क्या है?? बार-बार बांद्रा स्टेशन के आसपास ही आग क्यों लगती है?? *आईये थोड़ा समझने का प्रयास करते हैं…*

*📹पिछले कुछ वर्षों में पत्रकारों ने नोट किया है कि बांद्रा झोपडपट्टी में लगने वाली यह आग हमेशा देर शाम को अथवा देर रात में ही लगती है, दिन में नहीं. ऐसी भीषण आग लगने के बाद बांद्रा स्टेशन पहुँचने वाले, वहाँ इंतज़ार करने वाले रेलवे यात्री घबराकर इधर-उधर भागने लगते हैं, डर के मारे काँपने लगते हैं. 🧐परन्तु सर्वाधिक आश्चर्य इस बात का है कि जब भी इन झोपडपट्टी में आग लगती है, तो यहाँ के निवासी बड़ी शान्ति के साथ चुपचाप खाली स्थानों, रेलवे स्टेशन के आसपास एकत्रित हो जाते हैं. उन्हें कतई भय नहीं होता, आग बुझाने की जल्दबाजी भी नहीं होती.*

*👉स्वाभाविक रूप से इन झोपडपट्टी की गलियाँ बेहद सँकरी होने के कारण अग्निशमन (फायर ब्रिगेड) और पुलिस की गाड़ियाँ अथवा एम्बुलेंस अन्दर तक नहीं पहुँच पातीं… कुल मिलाकर बात यह कि झोपडपट्टी पूरी जल जाने तक यहाँ के “निवासी” शान्ति बनाए रखते हैं.*
*🤷‍♂ इसके बाद एंट्री होती है टीवी कैमरों, चैनलों के संवाददाता और पत्रकारों की, जो गलियों में पैदल घुसकर तमाम फोटो खींचते हैं, चिल्ला-चिल्लाकर बताते हैं कि “देखो, देखो… गरीबों का कितना नुक्सान हो गया है…”. कुछ ही समय में (या अगले दिन कुछ महिलाएँ कैमरे के सामने अपनी छाती कूटते हुए पधारती हैं, रोना-धोना शुरू करती है और सरकार से मुआवज़े की माँग करती हैं.*

*🤗 ज़ाहिर है की अगले दिन की ख़बरों में, समाचार पत्रों, चैनलों इत्यादि पर झोपडपट्टी के इन “गरीबों”(??) के प्रति सहानुभूति जगाते हुए लेख और चर्चाएँ शुरू हो जाती हैं. आगज़नी के कारण जिन गरीबों का नुक्सान हुआ है, जिनकी झोंपड़ियाँ जल गयी हैं, उनका पुनर्वास हो ऐसी मांगें “नेताओं” द्वारा रखी जाती हैं. कथित बुद्धिजीवी और कथित संवेदनशील लोग आँसू बहाते हुए बांद्रा की झोपडपट्टी वाले इन गरीबों के लिए सरकार से पक्के मकान की माँग भी कर डालते हैं. ज़ाहिर है कि इतना हंगामा मचने और छातीकूट प्रतिस्पर्धा होने के कारण सरकार भी दबाव में होती है,*

 *😈जबकि कुछ सरकारें तो इसी आगज़नी का इंतज़ार कर रही होती हैं. इन कथित गरीबों को सरकारी योजनाओं के तहत कुछ मकान मिल जाते हैं, कुछ लोगों को कई हजार रूपए का मुआवज़ा मिल जाता है… इस झोपडपट्टी से कई परिवार नए मकानों या सरकार द्वारा मुआवज़े के रूप में दी गयी “नई जमीन” पर शिफ्ट हो जाते हैं…*

*👺👉इसके बाद शुरू होता है असली खेल!* 

*🐷मात्र एक सप्ताह के अन्दर ही अधिकाँश “गरीबों”(??) को आधार कार्ड, PAN कार्ड, मतदाता परिचय पत्र वगैरह मिलने शुरू हो जाते हैं!. मात्र पंद्रह दिनों के भीतर उसी जले हुए स्थान पर नई दोमंजिला झोपडपट्टी भी तैयार हो जाती है, जिसमे टीन और प्लास्टिक की नई-नकोर चद्दरें दिखाई देती हैं. कहने की जरूरत नहीं कि ऐसी झोपडपट्टी में पानी मुफ्त में ही दिया जाता है, बिजली चोरी करना भी उनका “अधिकार” होता है. झोपडपट्टी में थोड़ा गहरे अन्दर तक जाने पर पत्रकारों को केबल टीवी, हीटर, इलेक्ट्रिक सिलाई मशीनें वगैरह आराम से दिख जाता है (केवल सरकारों को नहीं दिखता.*
*👉🐷हरवर्ष नियमानुसार एक त्यौहार की तरह होने वाली इस आगज़नी के बाद रहस्यमयी तरीके से 1500 से 2000 नए-नवेले बेघर की अगली बैच न जाने कहाँ से प्रगट हो जाती है.*
*🤷‍♂ जली हुई झोपडपट्टी के स्थान पर नई झोपड़ियाँ खड़ी करने वाले ये “नए प्रगट हुए गरीब और बेघर” वास्तव में गरीब होते हैं.*

*👉इन्हें नई झोंपड़ियाँ बनाने, उन झोपड़ियों को किराए पर उठाने और ब्याज पर पैसा चलाने के लिए एक “संगठित माफिया” पहले से ही इन झोपडपट्टी में मौजूद होता है. न तो सरकार, न तो पत्रकार, न तो जनता… कोई भी ये सवाल नहीं पूछता कि जब जली हुई झोपडपट्टी में रहने वाले पूर्ववर्ती लोगों को नई जगह मिल गयी, कुछ को सरकारी सस्ते मकान मिल गए, तो फिर ये “नए गरीब” कहाँ से पैदा हो गए जो वापस उसी सरकारी जमीन पर नई झोपडपट्टी बनाकर रहने लगे??*

*🤔 कोई नहीं पूछता… नई बन रही झोपडपट्टी में ये नए आए हुए “गरीब मेहमान” हिन्दी बोलना नहीं जानते, उनकी भाषा में बंगाली उच्चारण स्पष्ट नज़र आता है…*

*🤔ये “गरीब”(??) दिन भर मुँह में गुटका-पान दबाए होते हैं (एक पान दस रूपए का या एक तम्बाकू गुटका भी शायद दस रूपए का मिलता होगा). इस झोपडपट्टी में आने वाले प्रत्येक “गरीब” के पास चारखाने की नई लुंगी और कुरता जरूर होता है… उनका पहनावा साफ़-साफ़ बांग्लादेशी होने की चुगली करता है.*

*👉नवनिर्मित झोपडपट्टी में महाराष्ट्र के अकाल-सूखा ग्रस्त क्षेत्रों का किसान कभी नहीं दिखाई देता. इन झोपडपट्टी में मराठी या हिन्दुस्तानी पहनावे वाले साधारण गरीब क्यों नहीं दिखाई देते, इसकी परवाह कोई नहीं करता. दो-चार पीढियों से कर्ज में डूबे विदर्भ का एक भी किसान बांद्रा की इन झोपडपट्टी में नहीं दिखता??*

*🤷‍♂ऐसा क्यों है कि बांद्रा स्टेशन के आसपास एक विशिष्ट पह्नावेम विशिष्ट बोलचाल वाले बांग्लाभाषी और “बड़े भाई का कुर्ता, तथा छोटे भाई का पाजामा” पहने हुए लोग ही दिखाई देते हैं??*
*👉 बांद्रा स्टेशन के आसपास चाय-नाश्ते की दुकानों, ऑटो व्यवसाय, अवैध कुली इत्यादि धंधों में एक “वर्ग विशेष” (ये धर्मनिरपेक्ष शब्द है) के लोग ही दिखाई देते हैं??*
*🔥अब अगले साल फिर से बांद्रा की इस झोपडपट्टी में आग लगेगी… फिर से सरकार मुआवज़ा और नया स्थान देगी… फिर से कहीं से अचानक प्रगट हुए “नए गरीब” पैदा हो जाएँगे… झोपडपट्टी वहीं रहेगी अतिक्रमण वैसा ही बना रहेगा… गुंडागर्दी और लूटपाट के किस्से वैसे ही चलते रहेंगे… लेकिन ख़बरदार जो आपने इसके खिलाफ आवाज़ उठाई…*

*😷 आप तो चुपचाप अपना टैक्स भरिये…. वोटबैंक राजनीति की तरफ आँख मूँद लीजिए. और हाँ!!! यदि आप ये सोच रहे हैं कि यह “गरीबी और आगज़नी का यह खेल” केवल बांद्रा स्टेशन के पास ही चल रहा है, तो आप वास्तव में बहुत नादान हैं… यह खेल बंगाल के कई जिलों में चल रहा है, देश के कई महानगरों में बड़े आराम से चल रहा है, एक दिन यह झोपडपट्टी खिसकते-खिसकते आपके फ़्लैट के आसपास भी आएगी*

*😴तब तक आप चादर ओढ़कर सो सकते है!*

*😈👺यह कोई और नही, आजकल दुनिया के मनपसंद  रोहीगया (रोहिंग्या) शांतिदूत ही है!*

शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2020

आईये जाने क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि ?

⛳ *ॐ श्री गौरीशंकराय नम:* ⛳

ॐ त्रियम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनं ! उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मोक्षिय मामृतात् !  🕉🙏🕉 


आप सभी मित्रों को महाशिवरात्रि की शुभकामनाएँ
शिव की बनी रहे आप पर छाया,
पलट दे जो आपकी किस्मत की काया,
मिले आपको वो सब इस अपनी जिन्दगी में,
जो कभी किसी ने भी न पाया
                  🚩ॐ नमःशिवाय🚩

#महाशिवरात्रि के अवसर पर आप सभी को शुभकामनाएँ । 
अपने अपने स्तर पर विष पीकर अपने देश और समाज को अमृत देते रहिए।

आईये जाने क्यों मनाई जाती है
महाशिवरात्रि ?
 
शिव का अर्थ होता है कल्याण जो कल्याणकारी है वही शिव हैं l
शिवरात्रि का अर्थ होता है भगवान शिव की रात (रात्रि ) पूरी रात्रि जागकर शिवजी का स्मरण पूजा करना ,वो शिवरात्रि बन जाती है इसलिए किसी भी मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी ‘शिवरात्रि’ कहलाती है। लेकिन फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी “महाशिवरात्रि” कहलाती है। जो भगवान शिव की अतिप्रिय रात्रि होती है।

👉महा शिवरात्रि मनाने के मुख्य रूप से 2 कारण माने गये हैं–

👉1.भगवान शिव के जन्मदिवस को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है , पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान शिवलिंग रूप में प्रकट हुए थे l इस दिन पहली बार शिवलिंग की पूजा भगवान विष्णु और ब्रह्माजी द्वारा की गयी थी यही कारण है की इस दिन शिवलिंग की पूजा की जाती है l
कहते हैं कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्यरात्रि भगवान शंकर का ब्रह्मा से रुद्र के रूप में अवतरण  हुआ था।

      👉2.जबकि कई स्थानों पर यह भी माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव का पार्वती जी के साथ विवाह हुआ था l 
शिव और पार्वती के विवाह की कथा बड़ी ही दिव्य है जो इस कथा को कहता,सुनता और पढता है उस पर भगवान शिव प्रसन्न होते हैं ,उसके जीवन में सुख ही सुख आ जाता है l

🌷महाशिवरात्रि व्रत की #कथा🌷

एक बार माँ पार्वती जी ने भगवान भोलेनाथ से पूछा, ‘ऐसा कौन-सा श्रेष्ठ, सरल व्रत-पूजन है, जिससे मृत्युलोक के प्राणी को आपकी कृपा सहज ही प्राप्त कर लेते हैं ?’

भगवान शिवजी ने पार्वती को ‘शिवरात्रि’ का व्रत बताया और यह कथा सुनाई 👇–

एक बार एक शिकारी था जिसका नाम चित्रभानु था वह पशुओं की हत्या करकेअपने परिवार को पालता था l उसने एक साहूकार से कुछ ऋण लिया, लेकिन समय पर न ऋण चुका न सका साहूकार ने गुस्सा होकर शिकारी को शिवमठ में बंदी बना लिया। संयोग से उस दिन शिवरात्रि थी l

शिकारी वहां पर बड़े ध्यान से शिव-संबंधी धार्मिक बातें सुनता रहा ,चतुर्दशी को उसने शिवरात्रि व्रत की कथा भी सुनी शाम होते ही साहूकार ने उसे अपने पास बुलाया और ऋण चुकाने के बारे में पूछा शिकारी ने कहा कि अगले दिन सारा ऋण लुटा देगा।साहूकार ने इस पर विश्वास करके उसे छोड़ दिया l

शिकारी अब जंगल में शिकार के लिए चल पड़ा लेकिन दिनभर बंदी गृह में रहने के कारण भूख-प्यास से व्याकुल था, शिकार करने के लिए वह एक तालाब के किनारे बेल-वृक्ष पर बेठ गया , बेल वृक्ष के नीचे शिवलिंग था जो विल्वपत्रों से ढका हुआ था शिकारी को शिवलिंग का पता न चला l

पड़ाव (जगह )बनाते समय उसने जो टहनियां तोड़ीं,वे संयोग से शिवलिंग पर गिर गई इस प्रकार सारा दिन भूखे-प्यासे शिकारी का व्रत भी हो गया और शिवलिंग पर बेलपत्र भी चढ़ गए l
एक पहर रात्रि बीत जाने पर एक गर्भवती हिरनी तालाब पर पानी पीने के लिए पहुंची l शिकारी ने धनुष पर तीर चढ़ाकर जैसे ही प्रत्यंचा खींची,हिरनी बोली,‘मैं गर्भिणी हूं।शीघ्र ही प्रसव करूंगी तुम एक साथ दो जीवों की हत्या करोगे,जो ठीक नहीं है मैं अपने बच्चे को जन्म देकर जल्दी ही तुम्हारे पास आ जाऊंगी,तब तुम मुझे मार लेना ,शिकारी ने प्रत्यंचा ढीली कर दी और हिरनी जंगली झाड़ियों में लुप्त हो गई l

थोड़ी देर बाद एक और हिरनी वहां से निकली शिकारी फिर से खुश हो गया नजदीक आने पर उसने धनुष पर बाण चढ़ाया तब उसे देखकर हिरनी ने निवेदन किया-मैं थोड़ी देर पहले ही ऋतु से निवृत्त हुई हूं। कामातुर विरहिणी हूं अपने प्रिय की खोज में भटक रही हूं मैं अपने पति से मिलकर जल्दी ही तुम्हारे पास आ जाऊंगी।’ शिकारी ने उसे भी जाने दिया l

दो बार शिकार को खोकर शिकारी चिंता में पड़ गया  अब रात्रि का आखिरी पहर बीत रहा था।तभी एक अन्य हिरनी अपने बच्चों के साथ वहां से निकली शिकारी ने अच्छा मौका पाकर तुरंत धनुष पर तीर चढ़ाया।वह तीर छोड़ने ही वाला था कि मृगी बोली,‘हे अपराधी!’ मैं इन बच्चों को इनके पिता के हवाले करके लौट आऊंगी . इस समय मुझे मत मारो
शिकारी हंसकर बोला- सामने आए शिकार को कैसे छोड़ दूं? मैं ऐसा मूर्ख नहीं मैं पहले ही दो बार अपना शिकार खो चुका हूँ ,मेरे बच्चे भूख-प्यास से तड़प रहे होंगे l
हिरनी ने फिर कहा,जैसे तुम्हें अपने बच्चों की ममता सता रही है,ठीक वैसे ही मुझे भी सता रही है सिर्फ बच्चों के नाम पर मैं थोड़ी देर के लिए जीवनदान मांग रही हूँ ,मेरा विश्वास करो मैं इन्हें इनके पिता के पास छोड़कर वापिस लौटने की प्रतिज्ञा करती हूँ l

शिकारी को उस पर दया आ गई उसने उस हिरनी को भी जाने दिये शिकार के अभाव में बेल-वृक्ष पर बैठा शिकारी बेलपत्र तोड़-तोड़कर नीचे फेंकता जा रहा था।सुबह होने को हुई तो एक हृष्ट-पुष्ट हिरन उसी रास्ते पर आया l
शिकारी ने सोच लिया कि इसका शिकार किया जाये  शिकारी की तनी प्रत्यंचा देखकर हिरन बड़े प्यार से विनीत स्वर में बोला- भाई! यदि तुमने मुझसे पूर्व आने वाली तीन हिरनियों तथा छोटे-छोटे बच्चों को मार डाला है,तो मुझे भी जल्दी से मार डालो, ताकि मुझे उनके वियोग में एक क्षण भी दुःख न सहना पड़े मैं उन मृगियों का पति हूँ l

यदि तुमने उन्हें जीवनदान दिया है तो मुझे भी कुछ क्षण का जीवन देने की कृपा करो  मैं उनसे मिलकर तुम्हारे सामने आ जाऊंगा l
हिरन की बात सुनते ही शिकारी के सामने पूरी रात का घटनाचक्र घूम गया,उसने सारी कथा हिरन को सुना दी l
तब हिरन ने कहा,‘मेरी तीनों पत्नियां जिस तरह प्रतिज्ञा में बंधकर गई हैं,अगर मेरी मृत्यु हो गई तो वे अपने धर्म का पालन नहीं कर पाएंगी इसलिए जैसे तुमने उन पर विश्वास करके छोड़ा है, वैसे ही मुझे भी जाने दो मैं उन सबके साथ तुम्हारे सामने जल्दी ही उपस्थित होता हूँ  l

भूखे पेट(उपवास),पूरी रात जागने के बाद और शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ने से शिकारी का हिंसक हृदय निर्मल हो गया था उसमें भगवद् शक्ति का वास हो गया था धनुष तथा बाण उसके हाथ से अपने आप ही छूट गया। भगवान शिव की कृपा से उसका हिंसक हृदय करुणा से भर गया, वह अपने पुराने बुरे कर्मों को याद करके पश्चाताप की आग में जलने लगा,थोड़ी ही देर बाद वह हिरन पुरे परिवार के साथ शिकारी के सामने आ गया, ताकि वह उनका शिकार कर सके,किंतु जंगली पशुओं की ऐसी सत्यता,सात्विकता एवं सामूहिक प्रेमभावना देखकर शिकारी को बड़ी ग्लानि हुई l

उसके नेत्रों से आंसुओं की झड़ी लग गई,उस हिरन के परिवार को न मारकर शिकारी ने अपने कठोर हृदय को जीव हिंसा से हटा सदा के लिए कोमल एवं दयालु बना लिया,
देवता भी इस घटना को देखकर दंग रह गए ।देवी-देवताओं ने पुष्प-वर्षा की तब शिकारी तथा मृग परिवार मोक्ष को प्राप्त हुए l
जो भी इस शिवरात्रि को सच्चे मन से व्रत करता है और भगवान को याद करता है l
कोई गलत काम नहीं करता है भगवान शिव उसे मोक्ष प्रदान करते है l

🌷महाशिवरात्रि के व्रत की #विधि🌷🌷 

 भगवान शिव बहुत ही भोले हैं उनके शिवलिंग पर केवल और केवल एक लोटा जल चढाने से प्रसन्न हो जाते हैं l

सुबह जल्दी उठकर स्नान करके भगवान शिव के मंदिर जाकर शिवलिंग पर गंगा जल मिलाकर दूध या जल चढ़ाना चाहिए क्योंकि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को जल चढ़ाने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।

यदि सामर्थ्य हो तो शिवलिंग को पंचामृत से स्नान करवाना चाहिए और साथ-साथ पंचाक्षर मंत्र “
#ॐ_नमः_शिवाय” ..मन्त्र का जप करते रहे इस दिन भगवान शिव को बिल्व पत्र अर्पित करना चाहिए lभगवान शिव को बिल्व पत्र बेहद प्रिय हैं l
 शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव को रुद्राक्ष, बिल्व पत्र,भांग,शिवलिंग और काशी अतिप्रिय हैं।

पंचाक्षर मन्त्र का पूरे दिन जप करना चाहिए l इस दिन लोगों से कम ही बात करके सारा दिन भगवान शिव के ध्यान और याद में गुजारना चाहिए l
रात्रि के चारों प्रहरों में भगवान शंकर की पूजा अर्चना करनी चाहिए। महामृत्युजंय मन्त्र का भी आप जप कर सकते हैं l जो इस प्रकार है —

#ॐ त्र्यम्‍बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्! 
उर्वारुकमिव बन्‍धनान् मृत्‍योर्मुक्षीय मामृतात् ll

👉इस विधि से किए गए व्रत से जागरण,पूजा, उपवास तीनों पुण्य कर्मों का एक साथ पालन हो जाता है और भगवान शिव की विशेष अनुकंपा प्राप्त होती है l रात्रि में भी भगवान शिव को जितना हो सके भगवान शिव का भजन, मन्त्र जाप,चिंतन और मनन करना है l
इस व्रत को श्रद्धा-विश्वास से करने पर भगवान शिव की कृपा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है l
मन से व्रत करने पर कन्याओं के विवाह की बाधा दूर होती है और उन्हें भगवान शिव के सामान श्रेष्ठ वर मिलता है l

भक्तों #विशेष_चेतावनी :-
 
बेल पत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं l
बेल पत्र के तीनों पत्ते पूरे हों ,टूटे न हों। इसका चिकना भाग शिवलिंग से स्पर्श करना चाहिए l
 नील कमल भगवान शिव का प्रिय पुष्प माना गया है l अन्य फूलों मे कनेर, आक, धतूरा, अपराजिता, चमेली, नाग केसर, गूलर आदि के फूल चढ़ाए जा सकते है l

जो पुष्प #वर्जित हैं वे हैं- 

कदंब, केवड़ा, केतकी...फूल ताजे हों बासी नहीं । इस दिन काले वस्त्र न पहनें ,इसमें तिल का तेल प्रयोग न करें पूजा में साबुत अक्षत ही चढाएं , टूटे चावल न चढ़ाएं शिवलिंग पर नारियल भी चढ़ा सकते हैं l

लेख पढ़ने के लिये धन्यवाद ll 

🌷जय श्री महाकाल🌷

🌷हर हर महादेव 🌷

 🌷ॐ नम:शिवाय 🌷

सोमवार, 17 फ़रवरी 2020

ऐसा कुछ जो केवल भारत में ही संभव है?


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लीजिए देखिए….
उपरोक्त सभी फोटो आपके प्रश्नानुसार है, देख के आनंद लीजिए। ये सभी फ़ोटो फेसबुक से लिए गए हैं, और ओरिजिनल हैं जो केवल भारत में ही हो सकता है।
धन्यवाद

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