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शनिवार, 1 दिसंबर 2012

आयुर्वेदिक दोहे--

आयुर्वेदिक दोहे--

 
1.जहाँ कहीं भी आपको,काँटा कोइ लग जाय। दूधी पीस लगाइये, काँटा बाहर आय।।
2.मिश्री कत्था तनिक सा,चूसें मुँह में डाल। मुँह में छाले हों अगर,दूर होंय
तत्काल।।

3.पौदीना औ इलायची, लीजै दो-दो ग्राम। खायें उसे उबाल कर, उल्टी से आराम।।
4.छिलका लेंय इलायची,दो या तीन गिराम। सिर दर्द मुँह सूजना, लगा होय आराम।।
5.अण्डी पत्ता वृंत पर, चुना तनिक मिलाय। बार-बार तिल पर घिसे,तिल बाहर आ
जाय।।
6.गाजर का रस पीजिये, आवश्कतानुसार। सभी जगह उपलब्ध यह,दूर करे अतिसार।।
7.खट्टा दामिड़ रस, दही,गाजर शाक पकाय। दूर करेगा अर्श को,जो भी इसको खाय।।
8.रस अनार की कली का,नाक बूँद दो डाल। खून बहे जो नाक से, बंद होय तत्काल।।
9.भून मुनक्का शुद्ध घी,सैंधा नमक मिलाय। चक्कर आना बंद हों,जो भी इसको खाय।।
10.मूली की शाखों का रस,ले निकाल सौ ग्राम। तीन बार दिन में पियें, पथरी से
आराम।।
11.दो चम्मच रस प्याज की,मिश्री सँग पी जाय। पथरी केवल बीस दिन,में गल बाहर
जाय।।
12.आधा कप अंगूर रस, केसर जरा मिलाय। पथरी से आराम हो, रोगी प्रतिदिन खाय।।
13.सदा करेला रस पिये,सुबहा हो औ शाम। दो चम्मच की मात्रा, पथरी से आराम।।
14.एक डेढ़ अनुपात कप, पालक रस चौलाइ। चीनी सँग लें बीस दिन,पथरी दे न दिखाइ।।
15.खीरे का रस लीजिये,कुछ दिन तीस ग्राम। लगातार सेवन करें, पथरी से आराम।।
16.बैगन भुर्ता बीज बिन,पन्द्रह दिन गर खाय। गल-गल करके आपकी,पथरी बाहर आय।।
17.लेकर कुलथी दाल को,पतली मगर बनाय। इसको नियमित खाय तो,पथरी बाहर आय।।
18.दामिड़(अनार) छिलका सुखाकर,पीसे चूर बनाय। सुबह-शाम जल डाल कम, पी मुँह
बदबू जाय।।
19. चूना घी और शहद को, ले सम भाग मिलाय। बिच्छू को विष दूर हो, इसको यदि
लगाय।।
20. गरम नीर को कीजिये, उसमें शहद मिलाय। तीन बार दिन लीजिये, तो जुकाम मिट
जाय।।
21. अदरक रस मधु(शहद) भाग सम, करें अगर उपयोग। दूर आपसे होयगा, कफ औ खाँसी
रोग।।
22. ताजे तुलसी-पत्र का, पीजे रस दस ग्राम। पेट दर्द से पायँगे, कुछ पल का
आराम।।
23.बहुत सहज उपचार है, यदि आग जल जाय। मींगी पीस कपास की, फौरन जले लगाय।।
24.रुई जलाकर भस्म कर, वहाँ करें भुरकाव। जल्दी ही आराम हो, होय जहाँ पर घाव।।
25.नीम-पत्र के चूर्ण मैं, अजवायन इक ग्राम। गुण संग पीजै पेट के, कीड़ों से
आराम।।
26.दो-दो चम्मच शहद औ, रस ले नीम का पात। रोग पीलिया दूर हो, उठे पिये जो
प्रात।।
27.मिश्री के संग पीजिये, रस ये पत्ते नीम। पेंचिश के ये रोग में, काम न कोई
हकीम।।
28.हरड बहेडा आँवला चौथी नीम गिलोय, पंचम जीरा डालकर सुमिरन काया होय॥
29.सावन में गुड खावै, सो मौहर बराबर पावै॥

दुनिया का सबसे धनी गरीब देश...

दुनिया का सबसे धनी गरीब देश...


१- यदि हम गरीब होते तो विदेशी यहाँ हर प्रकार की वस्तु बेचने के लिए आते?
२- दुनिया भर के विदेशी आक्रमण क्या हमारी गुदड़ी चुराने के लिए हुए थे ?
३-चंगेज खान ने ४ करोड़ लोंगो की हत्या करके क्या अपने घोड़ो पर ईट और पत्थर लाद कर ले गया था?
४-सोमनाथ मंदिर को बार बार सोने से कौन भर देता था यदि हमारे पुरखे गरीब थे ?
५-श्रम करने वाला कभी गरीब हो ही नहीं सकता है, हमारे किसान औसत १४ घंटे काम करते है, यह गरीब क्यों है ?
६-आज हमारे देश से विदेशी कंपनिया आधिकारिक रूप से २३२००० करोड़ का शुद्ध मुनाफा लेकर वापस अपने देश जा रही है, बाकि सभी तरह का फर्जी हिसाब, उनका आयातित कच्चा माल का भुगतान , चोरी आदि जोड़ा जाय तो एह रकम २५,००,००० करोड़ सालाना बैठता है. क्या कोई गरीब देश इतना टर्न ओवर पैदा करवा सकता है ?
७-हमारे देश से दवाओ का सालाना कारोबार १०,००,००० करोड़ का है, क्या यह गरीब देश का निशानी है ?
८- हमारे देश में सालाना ६,००,००० करोड़ का जहर का व्यापर विदेशी कंपनिया कर रही है, क्या या गरीबी निशानी है ?
९- हमारे देश में १०,००० लाख करोड़ खनिज पाया जाता है और इसका दोहन भी विदेशी कंपनिया बहुत ही सस्ते भाव पर कर रही है, तो हम गरीब है ?
१०- यदि हमारे बैंक में ५,००,०००/- रूपया है तो हमारे जेब में औसत ५०००/- रूपया से ज्यादा नहीं रहता है यानि पूरे पैसे का १ % तो फिर हमारी सरकार ने २५ळाख़ः करोड़ का नोट क्यों छपवा रखा है और छपवाती ही जा रही है, इसका प्रयोग कौन कर रहा है और कैसे कर रहा है ?
११- जब हम रॉकेट और सैटेलाईट बना कर चाँद पर पहुच सकते है तो नोट छपने का काम उन विदेशी कंपनियों को क्यों दिया गया है जो हमारे पीठ में छुरा घोपकर उसी डिजाइन में थोडा सा न दिखने वाला परिपर्तन करके खरबों रुपये का नकली नोट छापकर विदेशी खुफिया तंत्रों को बेचकर हमें कंगाल बना रही है ?
१२-यदि हम गरीब होते तो क्या अंग्रेज यहाँ खाक छानने आये थे. राबर्ट क्लाइव ९०० पानी वाले जहाज भरकर सोना चांदी हीरे सिर्फ कलकत्ता से कैसे ले गया था ?
१३- यदि हम गरीब होते तो हमारे देश दे आजादी के बाद ४०० लाख करोड़ रुपया विदेशी बांको में कैसे जमा हो गया है ?
१४- हमें शुरू से ही भीख मागने की आदत पद जाये , इसके लिए हमारे स्वाभिमानी बच्चो को स्कूल में ही कटोरा पकड़ाकर खरबों की लूट जारी है, मिड दे मील दे रहे है ?
१५- हम काहिल हो जाए , इसके लिए नरेगा योजना में खरबों की लूट का पैसा कौन दे रहा है, हम गरीब इसे दे रहे है.
१६- राजस्व के नाम पर हर गली में शराब की दुकान खोली जा रही, औसत में यदि १०० रुपये की विक्री होती है तो सरकार सिर्फ २ रुपये मिलते है, क्या गरीब को शराब परोसी जाती है, भारत में ३५००० शराब की अधिकृत दुकाने है, यह लूट का पैसा क्या गरीब दे सकता है ?

सोचिये.....
हमारा देश गरीब एकदम नहीं है, इसे विदेशी शिकंजे में फंसाकर टीवी और अखबार के जरिये गरीब प्रचारित किया जाता है, जिससे हमारा रुपया १ डालर में ५० मिले क्योकि हमारे नेताओ का पैसा विदेशी बैंको मे डालर में जमा है. भारत के लोग हफ्ते में ९० घन्टा काम करते है, अमेरिका के लोग हफ्ते में ३० घंटा काम करते है, हमारे १ रुपये में ३ डालर मिलाना चाहिए, यह बहुत बड़ी साजिस है की हम आयात के नाम पर जो भी हथियार, उपकरण आदि खरीदते है, उसका ५० गुम दाम अदा करते है औए बाद में वह पैसा विदेशी खातो में जमा हो जाता है कमीशन के बतौर. चीजो को गहराई से जाने और अपने इस महान देश को बचाने की मुहीम शामिल हों, हमारा देश यदि भ्रष्टाचार से मुक्त हो जाए तो हम विकसित ही नहीं, दुनिया के सबसे धनी देश हो जाये.

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