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शुक्रवार, 20 मार्च 2020

कोरोना ने इंसान का असली रूप दिखा दिया #corona


अभी BBC News पर विश्लेषण देख रहा था, इसमें ये बताया गया कि चीन में हज़ारों शवों को, उनके परिवारों से पूछे बिना कहाँ दफनाया गया, ये केवल सरकार जानती हैं, इटली में किसी भी शव को कोई कंधा देने नहीं आ रहा। वे इंसान जब जिंदा थे तो अकेले हो गये थे और मरे तो लावारिस।चलो कोरोना ने इंसान का असली रूप दिखा दिया।
इसी बीच एक विद्वान यूनियन का प्रेरक लेख पढ़ने को मिला जिसमें भारतीयों के सोशल मीडिया के द्वारा किये जा रहे उपयोग को हास्यास्पद बताया है।
उन्होंने लिखा कि जिंदा रहना है तो सीरियस हो जाओ वरना आने वाले दो सप्ताह की कल्पना मुश्किल होगी
देश-दुनियां में कोई मुसीबत भारत के लोगों के मजाक, हंसी ठिठोली का साधन बन जाती है। पूरी दुनियां में कोहराम मचाए कोविड 19 का जितना मजाक भारत में बन रहा उसका आधा मजाक भी पूरी दुनियां के लोग मिलकर नहीं बना पा  रहे हैं क्योंकि चीन, जापान, फ्रांस, इटली, ईरान समेत तमाम देशों ने अपनी आंखों के सामने अपनों की लाशें देखी हैं। उनको इसके खतरे का ना सिर्फ अंदाजा हुआ बल्कि उसे भुगता भी है। भारत में अभी सिर्फ तीन लाशें ही सामने आई हैं क्योंकि अभी हम वायरस फैलने के सैकंड स्टेज पर चल रहे हैं। कल्पना करना मुश्किल होगा जिस दिन ये तीसरी स्टेज पर पहुंचेगी। जिन देशोें में ये तीसरे चरण में पहुंचा उससे 100 गुना बुरी हालत भारत की होगी क्योंकि यहां के लोगों को इस वायरस के प्रकोप से बचने के बजाय उसकी मजाक बनाने में वक्त बीतता है। मेरे एक मित्र ने कल मुझसे हाथ मिलाने की कोशिश की। मैंने हाथ जोड़ दिए तो उन्होंने मेरा मजाक बनाने के लिए वे दूसरे व्यक्ति के गले मिल लिए। बोले, देखें मुझे कैसे होता है कोराेना ? उनके इस अंदाज ने मुझे भारत में कोरोना के वायरस के तीसरे स्टेज की कल्पना का भयावह दृश्य सामने ला दिया। वजह ये है कि विदेश में सरकार किसी पार्टी की हो लेकिन वो अपनी सरकार के प्रत्येक आदेश का गंभीरता से पालन करते हैं और जो पालन नहीं करते उनके साथ वहां की सेना पालन करवाना जानती है। हमारे देश में हम जाति, धर्म, राज्य, राजनीतिक पार्टी और सेखी बघारने के लिए नियमों को तोड़ने में आनंदित होते हैं। मैं जानता हूं कि भारत सरकार, सभी राज्यों की सरकारें, स्वास्थ्य महकमा इस अंदेशे को भांप चुकी हैं। स्कूल, कॉलेज, ट्रेन, मॉल्, मंदिर सब धीरे-धीरे बंद हो रहे हैं लेकिन कुछ राक्षसी मानसिकता के लोग जो इसे गंभीरता से नहीं समझना चाहते वे खुद भी मरेंगे और दूसरों को खतरे में डालेंगे। मेरा विनम्र आग्रह है कि सरकार जो भी कह रही उसका पालन करें। हाथ साफ करें बार बार, किसी से हाथ ना मिलाएं। एक मीटर की दूरी से बात करें, साथ में खाना ना खाएं, कुछ अंदेशा हो तो चिकित्सक को दिखाएं। वरना जिस दिन मजाक बनाने वालों की मां, बाप, पत्नी, बेटा, बेटी या कोई और करीबी इसकी चपेट में आया उस दिन उनकी सारी मजाक धरी रह जाएगी और फिर चुनाव के वक्त् वे सरकार को कोसोंगे कि सरकार ने हमारे परिजन की जान नहीं बचाई या पर्याप्त उपचार नहीं मिला। सरकार अभी इजाज के मामले में कई देशों से आगे हैं लेकिन जिस तरह वहां की जनता से वहां की सरकारों का साथ दिया उस तरह हम भी अपनी केन्द्र और अपनी-अपनी राज्य सरकार के आदेशों का पालन करें, गंभीर हो जाएं वरना आने वाले दो सप्ताह बाद वो नजारा देखने को मिलेगा जिसकी कल्पना नहीं कर पाओगे। पता नहीं कल्पना करने लायक बचोगे भी या नहीं पर अगर सरकार का साथ दिया। सही तरीके से चले। खुद पर और परिवार पर ध्यान दिया तो हमारे डाक्टरों के पास इसक पूरा इलाज है। 14 लोग ठीक करके घर भेज दिए हैं। जो भर्ती है उनमें से ज्यादातर की तबियत में सुधार हो रहा है। मेरा आप सभी से विनम्र निवेदन है कि प्लीज भविष्य को बचाने के लिए वर्तमान में थोड़ी सावधानी बरतें। 
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सलाम है डाक्टर-नर्सिंग स्टॉफ को
आज पूरे देश की शान हमारे चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ बन चुके हैं। खुद की जान खतरे में डाल कर कई घंटे और कई दिनों तक अपने घर से दूर रहकर आमजनों की जान बचाने में जुटे हैं। उनको सेल्यूट है। हम सब उन चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ के परिवारों को सांत्वना और भरोसा दें। 
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जिंदा रहे तो हथाई भी होगी जोधपुर शहर की आदत है हथाई करने की। वे इस स्थिति को नहीं भांप रहे। मैं इस कल्चर का विरोध नहीं कर रहा पर आग्रह है कि कुछ दिनों के लिए झुंड में न रहें, बैठें तो भी दूरी बनाकर, घरों में रहें ताकि ना आप किसी को वायरस दे सको और ना आप अपने घर में दूसरे से वायरस ला सके। 
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क्या होगा अगर कुछ दिन ये नहीं करोगे तो 
1. क्या होगा अगर कुछ दिन दोस्तों के साथ बात नहीं कर पाओगे, फोन पर कर लो।
2. क्या होगा अगर कुछ दिन बाजार नहीं जाओगे, नंगे तो नहीं हो इतने कपड़े तो घर पर होंगे।
3. क्या होगा अगर अपनी मांगें मनवाने के लिए कुछ दिन धरना-प्रदर्शन विरोध नहीं करोगे जब सब ठीक हो जाए तब कर लेना।
4. क्या हो जाएगा अगर कहीं घूमने नहीं जाओगे तो जब सब सामान्य हो जाए तब चले जाना।
5. क्या होगा अगर दिन में 10 बार हाथ धो लोगे। 
6. क्या होगा अगर मजाक उड़ाने की बजाय लोगों को जागरुक करने के लिए मैसेज करोगे।
7. क्या होगा जो जागरुक मैसेज दूसरों को फॉरवर्ड करते हो उसका खुद भी पालन कर लोगे।
8. क्या फर्क पड़ता है कि सरकार किसकी है और वे क्या कह रहे हैं, मतलब इतना रखो वो आपके हित के लिए कर रहे हैं।
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क्योंकि मौत ना जाति, ना धर्म, ना क्षेत्र, ना उम्र, ना राज्य, ना इलाका और ना लिंग और ना सूरत देखकर आती है। 
इसलिए मेरी विनम्र अपील, अभी वक्त है। मान जाओ। मेरी पोस्ट पढ़कर कुतर्क करने की बजाय जितने शब्द अच्छे लगे उसे  पालन कर लो। वरना कुछ लोगों के लिए लिखने वाले की पोस्ट पर कुर्तक और तर्क करने की आदत होती है और तर्क-कुर्तक भी करना है तो कर लेंगे चार महीने बाद सब सामान्य हो जाएगा अभी अपनी, अपने परिवार, मित्रों पड़ोसियों के हित में सोचें। 
.............धन्यवाद, कुछ शब्द बुरे लगें तो हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं।
🙏 जोधपुर राजस्थान का एक संवेदनशील, जिम्मेदार और सजग नागरिक।
#corona
www.sanwariya.org 
www.sanwariyaa.blogspot.com

कोरोना महामारी अथवा साज़िश (विस्तृत रिपोर्ट) सारा खेल समझे

कोरोना महामारी अथवा साज़िश (विस्तृत रिपोर्ट) सारा खेल समझे
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आज संसार भयभीत है कि कोरोना से उसका बचाव कैसे हो, पर क्या आप वास्तव में भयभीत हैं? अथवा आपको भयभीत होने पर मज़बूर किया जा रहा है भविष्य के व्यवसाय को सुरक्षित करने हेतु, आइये कुछ चरणों में इसे जानने का प्रयत्न करते हैं|

क्या है कोरोना:- कोरोना जैसे लगभग ३२०००० वायरस/बैक्टीरिया संसार में हम सबके आस पास रहते हैं और जब कभी भी हमें कोई फ्लू होता है तो वो इनकी ही वजह से होता है, साधारणतः फ्लू उचित भोजन लेने से तीन दिन में स्वतः ही समाप्त हो जाता है| कोरोना भी इसी प्रकार का एक फ्लू है जो किसी भी उत्तम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले को कुछ हानि नहीं पहुंचा सकता| २-४ दिन पूर्व ही "New England Journal of Medicine" ने एक पेपर पब्लिश करके बताया है कि कोरोना से मृत्यु का खतरा मात्र ०.१% है अर्थात १००० लोगों को यदि कोरोना हो तो मात्र एक कि मृत्यु होगी अतः ये साधारण सर्दी-जुकाम-बुख़ार की भांति ही है|

यदि यह साधारण फ्लू ही है तो इतना हल्ला क्यूँ:- दरअसल जिसे आप महामारी समझ रहे हैं वास्तव में वो एक व्यवसायिक संधि है जो अमेरिका और चीन के बीच में हुई है, संधि का आधार है कि कोरोना वायरस को नियंत्रित करने हेतु जो भी उपकरण अथवा दवाइयां अभी अथवा भविष्य में बिकेंगी उनका लाभ चीन और अमेरिका में आपस में बांटा जायेगा और इन सबका निर्माण वो ही पेटेंट कानून के आधार पर कर पाएंगे| अभी आपको ये गप्प लगेगी पर इसकी असलियत जानने हेतु मैं आपको कुछ पीछे ले जाना चाहता हूँ, १९८४ में इसी प्रकार से अमेरिका ने अफवाह फैलाई एचआईवी वायरस की और लोगों को इतना डरा दिया कि यदि किसी पीड़ित का हाथ छू गया, रुमाल छू गया तब भी यह फ़ैल जाएगा| चारों ओर बस एचआईवी का ही भय था और इसी बीच उस समय इन लोगों ने जांच हेतु उपकरण और बचाव हेतु खूब वस्तुएं बेंची, उपरांत इसका टीका बना दिया जो कि अब हर बच्चे को पैदा होने के कुछ समय में ही लगा दिया जाता है, डॉक्टर भी प्रायः किसी भी रोग में इसकी जांच करवाते रहते हैं पर इसके पीछे की सच्चाई ये है कि १९८४ से आजतक एक भी कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसमें एचआईवी का वायरस पाया गया हो अथवा किसी की मृत्य एचआईवी से हुई हो, यदि ऐसा कोई शोधपत्र आपके पास हो तो अवश्य हमें उपलब्ध करावें, लोग एड्स से मरे हैं पर इसको एड्स से मत जोड़िए क्यूंकि एड्स एक शारीरिक रोग है और एचआईवी एक वायरस दोनों का आपस में कोई सम्बन्ध नहीं है| स्मृति में रहे कि एचआईवी के लिए अमेरिका और फ़्रांस ने आपस में संधि की थी| इस प्रकार की ही कहानी टीबी की है| ऐसी और भी बीमारियां हैं पर इन दोनों का ही लगभग हर देश प्रतिवर्ष हज़ारों करोड़ का बजट बनाता है और पैसा अमेरिका के पास जाता है क्यूंकि दवाइयों व उपकरण बनाने के पेटेंट उनके पास हैं, यह उनकी सदैव के लिए बनी एक स्थाई आय है| इसी प्रकार का एक बजट कुछ दिनों में कोरोना का बनेगा और उनके अभी हो रहे कुछ आर्थिक नुकसान से लाखों गुना बढ़के उन्हें प्रतिवर्ष मिलने वाले हैं| यह हानि नहीं उनका इन्वेस्टमेंट है लाइफटाइम फिक्स रिटर्न के लिए|

फिर लोग मर कैसे रहे:- आपके मन में प्रश्न होगा कि लोग तो मर रहे हैं, पर कैसे पता चला है कि मरने वाला कोरोना से मरा है| इसकी जांच हेतु बस एक ही परिक्षण होता है जिसे पीसीआर टेस्ट कहते हैं पर संभवतः आपको नहीं पता कि ये जांच प्रामाणिक नहीं है, यह जांच यदि किन्हीं भी १०० स्वस्थ लोगों पर भी की जाएगी तब भी ये उनमें से एक को कोरोना का पॉज़िटिव केस बताएगी क्यूंकि इसके बारे में कहा जाता है कि "PCR test can detect Corona with 99% specificity" और स्वयं इसके निर्माता श्री कैरी मलिस ने कहा था कि "" The PCR test is for genetic sequencing of the virus and not a test for the virus itself". इसके साथ ही यदि आप तमाम देशों में होने वाले परीक्षण और पॉजिटव मिले मामलों का औसत निकालेंगे तो आपको ज्ञात हो जाएगा कि यह किट कैसे कार्य करती है अतः जो लोग मर रहे हैं वो या तो बहुत कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के चलते मर रहे हैं अथवा वो जिन्हें पहले से ही कोई गंभीर रोग है और वो वृद्ध हैं अथवा उन्हें ज़बरदस्ती कोरोना से मरा बताया जा रहा है| प्रतिवर्ष पूरे विश्व में लगभग १ करोड़ ७० लाख लोग वायरस व बैक्टीरियल इन्फेक्शन से मरते हैं पर उनमें से अधिकांश का बाज़ार बन चुका है अतः उन पर कोई चर्चा नहीं है| उदाहरण हेतु टीबी, टीबी से पूरे विश्व में प्रतिवर्ष लगभग १५ लाख लोग मरते हैं और इनमें से ५ लाख तो मात्र भारत में ही मरते हैं पर इसके बचाव हेतु आपको कुछ नहीं बताया जाता क्यूंकि इसके हज़ारों करोड़ का बाज़ार बना हुआ है पर कोरोना टीबी की तुलना में बिल्कुल भी हानिकारक नहीं है पर इसका इतना भयभीत कर देने वाला प्रचार बस इसलिए ही हो रहा है क्यूंकि आप डरेंगे नहीं तो इनकी उपकरण और दवाइयां कौन खरीदेगा? प्रतिवर्ष ऐसे ही बाज़ार खड़े किये जाते हैं कभी स्वाइन फ्लू, कभी बर्ड फ्लू, कभी डेंगू, कभी चिकेनगुनिया, कभी इबोला और कभी कोरोना के नाम पे और इन सबकी दवाएं व उपकरण बनाने के पेटेंट लगभग सदैव अमेरिका के पास ही रहते हैं| क्या आपको लगता है कि ये पहले वाले वायरस - बैक्टीरिया सब कोरोना के भय से कहीं दुबक के बैठ गए हैं नहीं ये भी उतने ही मौजूद हैं बल्कि कोरोना से बहुत अधिक हैं पर उनको इसलिए नहीं दिखाया जा रहा क्यूंकि उनका बाज़ार स्थापित हो चुका है, सरकारें उसका बजट बनाती हैं और सब मिल बांटके खाते हैं| संभवतः अब आपको कुछ खेल समझ आया हो|

फिर क्या करें:- कुछ भी न करिए, सबसे पहले तो भयभीत होना बंद करिये| अपना भोजन और रोग प्रतिरोधक क्षमता उचित रखिए कभी भी जीवन में ऐसा कोई रोग आपको नहीं लगेगा|

सैनिटाइज़र का उपयोग करें अथवा नहीं:- सेनेटाइजर का उपयोग आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को और दुर्बल कर देगा और बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपना हर सामान बेचने में बहुत चतुर तो हैं ही साथ में वो एड सेल भी बखूबी करते हैं। देखिए, हमारे हाथों में सदैव विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया रहते हैं जिन्हें विज्ञान की भाषा में फ्रेंडली अर्थात शरीर हेतु मित्र बैक्टीरिया बोला जाता है जो कि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत बनाये रखने में सहायतार्थ होते हैं, जब आप सेनेटाइजर का उपयोग करते हैं तो दूषित बैक्टीरिया तो आपके पास पहले ही नहीं होता है पर उसके चक्कर में आपके ये मित्र बैक्टीरिया पूर्ण रूप से समाप्त हो जाते हैं और जिसके कारण आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बड़ा आघात लगता है व आप शीघ्र ही बीमार पड़ने लगते हैं और इस प्रकार पहले कंपिनयां आपको सेनेटाइजर बेचती हैं और फिर बाद में वही कंपनियां दवा। दूसरी बात बैक्टीरिया मारने हेतु जो रसायन आपने अपने हाथों में डाला और पश्चात उन्हीं हाथों से कुछ खाया तो निसंदेह वो विष्कारी रसायन आपके शरीर में भी जाएगा जो कि घातक है, क्या आप डिटोल अपने हाथों में चुपड़ के मुंह से चाट सकते हैं??

मास्क पहनें अथवा नहीं:- प्रथम बात तो ये कि यह वायरस वायु में घूमने वाला वायरस नहीं है अतः इसका मास्क से कोई लेना देना नहीं है यह शारीरिक स्पर्श से ही फैलता है दूसरी बात कि यह अथवा कोई भी वायरस इतने सूक्ष्म होते हैं कि वो शरीर के किसी भी छिद्र से भीतर जा सकते हैं यहां तक कि रोमछिद्रों से भी, तो ऐसे में आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता ही आपको बचाएगी कोई सेनेटाइजर अथवा मास्क नहीं, उसको मज़बूत रखिए और आनंद में रहिए|

डिसइंफेक्टेंट डालें अथवा नहीं:- यह एक मूर्खतापूर्ण कृत्य है, ऐसे विषैले पदार्थ डालने से लोगों के ऊपर और भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, आज से लगभग ३० - ४० वर्ष पूर्व टीबी व अन्य संक्रमित रोगों से बचने हेतु प्रतिदिन सरकारों की ओर से डीडीटी का छिड़काव किया जाता था पर अब ३० वर्ष बाद शोध में ये निकल के सामने आया कि उस डीडीटी के छिड़काव के कारण ही पोलियो नामक खतरनाक बीमारी का जन्म हुआ था अतः इन सबसे दूर रहें तो ही उत्तम है|

विशेष नोट - उपरोक्त में से अधिकांश जानकारियां देश विदेश के जाने माने चिकित्सक व जनमानस की भलाई हेतु "एचआईवी सदी का सबसे बड़ा धोखा" व "हार्ट माफिया" जैसी पुस्तकें लिख चुके श्री विश्वरूप रॉय चौधरी जी के वक्तव्यों से ली गयी हैं|


कोरोनावायरस से लड़ने का फॉर्मूला, वजन के मुताबिक पिएं मौसमी जूस और नारियल पानी, सिर्फ 3 दिन में होगा असर -बिस्वरूप रॉय चौधरी

    संक्रमण के लक्षण दिखने पर फॉलो करें 3 दिन का डाइट प्लान,
     ताजा जूस बिना छाने पिएं,डाइट में शामिल करें टमाटर और खीरा

कोरोनावायरस से सिर्फ चीन में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। केरल में सोमवार तक 3 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। वायरस से संक्रमण का दायरा बढ़ रहा है। एक्सपर्ट के मुताबिक, संक्रमण के लक्षण दिखने पर बचाव के तौर पर डॉक्टरी सलाह लें और लिक्विड डाइट की मात्रा बढ़ाएं। मेडिकल न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी के मुताबिक, संतरा-मौसमी और नारियल पानी की मात्रा बढ़ाकर 3 दिन में संक्रमण और वायरस को खत्म किया जा सकता है। ध्यान रखें जूस को छानना नहीं है वरना इसमें मौजूद फायबर कम हो जाएंगे। और न ही पैकेज्ड जूस का इस्तेमाल करें। मशहूर न्यूट्रशनिस्ट और डायबिटीज एक्सपर्ट डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी ने भास्कर के साथ शेयर किया 3 दिन का डाइट प्लान जो संक्रमण के असर को कम करेगा।

लक्षण दिखने ही फॉलो करें 3 दिन का प्लान

पहला दिन : सिर्फ जूस और नारियल पानी पीएं

संक्रमण के लक्षण महसूस होने के पहले ही दिन डाइट में संतरा-मौसमी का जूस और नारियल पानी लें। दिनभर में कुल कितने गिलास जूस और नारियल पानी पीना है, यह अपने वजन के मुताबिक तय करें। जैसे जितना शरीर का वजन है उसे 10 से भाग दें। जिनकी संख्या आएगी उसका दोगुना लिक्विड डाइट लें। जैसे आपका वजन 80 किलो है। 10 से भाग देने पर संख्या 8 आएगी। अब दिनभर में आठ गिलास जूस और 8 गिलास नारियल पानी पीना है।

दूसरा दिन : टमाटर-खीरा शामिल करें

दूसरे दिन डाइट में थोड़ा बदलाव करें। जैसे जितना शरीर का वजन है उसे 20 से भाग दें। जिनकी संख्या आएगी उसका दोगुना लिक्विड डाइट लें। जैसे आपका वजन 80 किलो है। 20 से भाग देने पर संख्या 4 आएगी। अब दिनभर में 4 गिलास जूस और 4 गिलास नारियल पानी पीना है। इसके अलावा अपने वजन को 5 से गुणा करें जितनी संख्या आए उतने ग्राम टमाटर और खीरा खाना है।

तीसरा दिन : हल्का खाने से शुरुआत करें

दिनभर की डाइट को तीन हिस्सों में बांटें।

ब्रेकफास्ट में केवल जूस और नारियल पानी ही लें। मात्रा कितनी लेनी है, इसके लिए जितना आपका वजन है उसे 30 से भाग दें। जितनी संख्या आए उसे दोगुना करें, इतने गिलास जूस और नारियल पानी पीना है।

लंच : अपने वजन को 5 से गुणा करें, जितनी मात्रा आती है उतने ग्राम टमाटर और खीरा खाएं।

डिनर : रात के खाने में घर का पका कम मसाला और कम तेल वाला हल्का भोजन करें।


कैसे काम करता है ये प्लान

डॉ. बिस्वरूप चौधरी के मुताबिक, नारियल पानी और विटामिन-सी से युक्त जूस शरीर में पहुंचकर रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है। बुखार के बाद शरीर का बढ़ा हुआ तापमान सामान्य करता है। संक्रमण के असर को घटाता है।

क्यों आसानी से फैलता है संक्रमण

दुनिया में 3 लाख 20 हजार ऐसे वायरस हैं जो हमेशा से इंसानों को संक्रमित करते आए हैं, इनसे से 209 को पहचानकर नाम दिया गया है। कोरोनोवायरस उनसे से भी एक है। वायरस कोई भी हो ये तभी आसानी से संक्रमित करते हैं जब शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। इससे लड़ने के लिए सबसे पहले शरीर की इम्युनिटी बढ़ाएं क्योंकि बचाव ही बेहतर इलाज है।


https://youtu.be/sk7F2YgiYRs

आशा है कि हमारे ये लेख आपको इन वैश्विक प्रोपगंडा से बचा पाएगा और आप एक भयभीत नहीं बल्कि मज़बूत इंसान बन पाएंगे| जय हिन्द|

गुरुवार, 19 मार्च 2020

कोरोना ने इंसान का असली रूप दिखा दिया #corona

अभी BBC News पर विश्लेषण देख रहा था, इसमें ये बताया गया कि चीन में हज़ारों शवों को, उनके परिवारों से पूछे बिना कहाँ दफनाया गया, ये केवल सरकार जानती हैं, इटली में किसी भी शव को कोई कंधा देने नहीं आ रहा। वे इंसान जब जिंदा थे तो अकेले हो गये थे और मरे तो लावारिस।चलो कोरोना ने इंसान का असली रूप दिखा दिया।
इसी बीच एक विद्वान यूनियन का प्रेरक लेख पढ़ने को मिला जिसमें भारतीयों के सोशल मीडिया के द्वारा किये जा रहे उपयोग को हास्यास्पद बताया है।
उन्होंने लिखा कि जिंदा रहना है तो सीरियस हो जाओ वरना आने वाले दो सप्ताह की कल्पना मुश्किल होगी
देश-दुनियां में कोई मुसीबत भारत के लोगों के मजाक, हंसी ठिठोली का साधन बन जाती है। पूरी दुनियां में कोहराम मचाए कोविड 19 का जितना मजाक भारत में बन रहा उसका आधा मजाक भी पूरी दुनियां के लोग मिलकर नहीं बना पा  रहे हैं क्योंकि चीन, जापान, फ्रांस, इटली, ईरान समेत तमाम देशों ने अपनी आंखों के सामने अपनों की लाशें देखी हैं। उनको इसके खतरे का ना सिर्फ अंदाजा हुआ बल्कि उसे भुगता भी है। भारत में अभी सिर्फ तीन लाशें ही सामने आई हैं क्योंकि अभी हम वायरस फैलने के सैकंड स्टेज पर चल रहे हैं। कल्पना करना मुश्किल होगा जिस दिन ये तीसरी स्टेज पर पहुंचेगी। जिन देशोें में ये तीसरे चरण में पहुंचा उससे 100 गुना बुरी हालत भारत की होगी क्योंकि यहां के लोगों को इस वायरस के प्रकोप से बचने के बजाय उसकी मजाक बनाने में वक्त बीतता है। मेरे एक मित्र ने कल मुझसे हाथ मिलाने की कोशिश की। मैंने हाथ जोड़ दिए तो उन्होंने मेरा मजाक बनाने के लिए वे दूसरे व्यक्ति के गले मिल लिए। बोले, देखें मुझे कैसे होता है कोराेना ? उनके इस अंदाज ने मुझे भारत में कोरोना के वायरस के तीसरे स्टेज की कल्पना का भयावह दृश्य सामने ला दिया। वजह ये है कि विदेश में सरकार किसी पार्टी की हो लेकिन वो अपनी सरकार के प्रत्येक आदेश का गंभीरता से पालन करते हैं और जो पालन नहीं करते उनके साथ वहां की सेना पालन करवाना जानती है। हमारे देश में हम जाति, धर्म, राज्य, राजनीतिक पार्टी और सेखी बघारने के लिए नियमों को तोड़ने में आनंदित होते हैं। मैं जानता हूं कि भारत सरकार, सभी राज्यों की सरकारें, स्वास्थ्य महकमा इस अंदेशे को भांप चुकी हैं। स्कूल, कॉलेज, ट्रेन, मॉल्, मंदिर सब धीरे-धीरे बंद हो रहे हैं लेकिन कुछ राक्षसी मानसिकता के लोग जो इसे गंभीरता से नहीं समझना चाहते वे खुद भी मरेंगे और दूसरों को खतरे में डालेंगे। मेरा विनम्र आग्रह है कि सरकार जो भी कह रही उसका पालन करें। हाथ साफ करें बार बार, किसी से हाथ ना मिलाएं। एक मीटर की दूरी से बात करें, साथ में खाना ना खाएं, कुछ अंदेशा हो तो चिकित्सक को दिखाएं। वरना जिस दिन मजाक बनाने वालों की मां, बाप, पत्नी, बेटा, बेटी या कोई और करीबी इसकी चपेट में आया उस दिन उनकी सारी मजाक धरी रह जाएगी और फिर चुनाव के वक्त् वे सरकार को कोसोंगे कि सरकार ने हमारे परिजन की जान नहीं बचाई या पर्याप्त उपचार नहीं मिला। सरकार अभी इजाज के मामले में कई देशों से आगे हैं लेकिन जिस तरह वहां की जनता से वहां की सरकारों का साथ दिया उस तरह हम भी अपनी केन्द्र और अपनी-अपनी राज्य सरकार के आदेशों का पालन करें, गंभीर हो जाएं वरना आने वाले दो सप्ताह बाद वो नजारा देखने को मिलेगा जिसकी कल्पना नहीं कर पाओगे। पता नहीं कल्पना करने लायक बचोगे भी या नहीं पर अगर सरकार का साथ दिया। सही तरीके से चले। खुद पर और परिवार पर ध्यान दिया तो हमारे डाक्टरों के पास इसक पूरा इलाज है। 14 लोग ठीक करके घर भेज दिए हैं। जो भर्ती है उनमें से ज्यादातर की तबियत में सुधार हो रहा है। मेरा आप सभी से विनम्र निवेदन है कि प्लीज भविष्य को बचाने के लिए वर्तमान में थोड़ी सावधानी बरतें। 
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सलाम है डाक्टर-नर्सिंग स्टॉफ को
आज पूरे देश की शान हमारे चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ बन चुके हैं। खुद की जान खतरे में डाल कर कई घंटे और कई दिनों तक अपने घर से दूर रहकर आमजनों की जान बचाने में जुटे हैं। उनको सेल्यूट है। हम सब उन चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ के परिवारों को सांत्वना और भरोसा दें। 
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जिंदा रहे तो हथाई भी होगी जोधपुर शहर की आदत है हथाई करने की। वे इस स्थिति को नहीं भांप रहे। मैं इस कल्चर का विरोध नहीं कर रहा पर आग्रह है कि कुछ दिनों के लिए झुंड में न रहें, बैठें तो भी दूरी बनाकर, घरों में रहें ताकि ना आप किसी को वायरस दे सको और ना आप अपने घर में दूसरे से वायरस ला सके। 
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क्या होगा अगर कुछ दिन ये नहीं करोगे तो 
1. क्या होगा अगर कुछ दिन दोस्तों के साथ बात नहीं कर पाओगे, फोन पर कर लो।
2. क्या होगा अगर कुछ दिन बाजार नहीं जाओगे, नंगे तो नहीं हो इतने कपड़े तो घर पर होंगे।
3. क्या होगा अगर अपनी मांगें मनवाने के लिए कुछ दिन धरना-प्रदर्शन विरोध नहीं करोगे जब सब ठीक हो जाए तब कर लेना।
4. क्या हो जाएगा अगर कहीं घूमने नहीं जाओगे तो जब सब सामान्य हो जाए तब चले जाना।
5. क्या होगा अगर दिन में 10 बार हाथ धो लोगे। 
6. क्या होगा अगर मजाक उड़ाने की बजाय लोगों को जागरुक करने के लिए मैसेज करोगे।
7. क्या होगा जो जागरुक मैसेज दूसरों को फॉरवर्ड करते हो उसका खुद भी पालन कर लोगे।
8. क्या फर्क पड़ता है कि सरकार किसकी है और वे क्या कह रहे हैं, मतलब इतना रखो वो आपके हित के लिए कर रहे हैं।
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क्योंकि मौत ना जाति, ना धर्म, ना क्षेत्र, ना उम्र, ना राज्य, ना इलाका और ना लिंग और ना सूरत देखकर आती है। 
इसलिए मेरी विनम्र अपील, अभी वक्त है। मान जाओ। मेरी पोस्ट पढ़कर कुतर्क करने की बजाय जितने शब्द अच्छे लगे उसे  पालन कर लो। वरना कुछ लोगों के लिए लिखने वाले की पोस्ट पर कुर्तक और तर्क करने की आदत होती है और तर्क-कुर्तक भी करना है तो कर लेंगे चार महीने बाद सब सामान्य हो जाएगा अभी अपनी, अपने परिवार, मित्रों पड़ोसियों के हित में सोचें। 
.............धन्यवाद, कुछ शब्द बुरे लगें तो हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं।
🙏 जोधपुर राजस्थान का एक संवेदनशील, जिम्मेदार और सजग नागरिक।
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शुक्रवार, 13 मार्च 2020

घर में सैनिटाइज़र बनाना बेहद आसान है

बाजार में सैन‍िटाइजर की कीमतें आसमान छू रही है तो आप हाथों की सफाई के लिए घर पर भी हैंड सैन‍िटाइजर बना सकते है। आइए जानते हैं तो कैसे बनाएं होममेड सैन‍िटाइजर। वो भी सिर्फ 3 चीजों की मदद से। ये सैनिटाइजर पूरी तरह नैचुरल है और सुरक्षित है। आइए जानते हैं कैसे बनाएं। 
बाजार के सैनिटाइजर में होता है अल्कोहल बाजार के सैनिटाइजर में होता है अल्कोहल सेंटर फॉर ड‍िजीज कंट्रोल और प्रिवेशन नें कोरोना वायरस ने बचने के ल‍िए अल्‍कोहल युक्‍त हैंड सेन‍िटाइजर का यूज करने के ल‍िए कहा है। वो भी ऐसा सैन‍िटाइजर जिसमें कम से कम 60 प्रतिशत अल्‍कोहल होना जरुरी है। बाजार के सैन‍िटाइजर में अल्‍कोहल होता है। लेक‍िन जरुरी नहीं है क‍ि ये आपको सूट करें। इसल‍िए यहां नेचुरल सैन‍िटाइजर बनाने की विधि सीखें। 
 
डब्‍लूएचओ ने जारी की एडवाइजरी ऐसे बनाएं हैंड सैनिटाइज़र ऐसे बनाएं हैंड सैनिटाइज़र 
 
 घर में सैनिटाइज़र बनाना बेहद आसान है 
और इसे बनाने के लिए आपको सिर्फ़ 3 सामानों की ज़रूरत पड़ेगी। सामग्री: 
1. वोडका (सबसे सस्ती वाली भी चलेगी) 
2. एलोवेरा जेल 
3. एसेंशियल ऑयल 
इसके साथ ही प्लास्टिक या कांच की नई और साफ़ बोतल की भी ज़रुरत पड़ेगी। तरीका- तरीका- सबसे पहले प्लास्टिक/कांच की बोतल में 2/3 तक वोडका भरें। वोडका में 35 से 40 परसेंट एल्कोहल होता है। एल्कोहल का इस्तेमाल मेडिकल औज़ारों तक को साफ़ करने के लिए किया जाता है। अब इसमें कुछ बूंद एसेंशियल ऑयल की डालें। मार्केट में तरह-तरह के एसेंशियल ऑयल जैसे पेपरमिंट, टी-ट्री, लेमन और लैवेंडर आदि। आप अपनी पसंद की खुशबू के हिसाब से ये एसेंशियल ऑयल चुन सकते हैं। अब आखिर में इसमें डालें एलोवेरा जेल। आपको अपना सैनिटाइज़र कितना गाढ़ा रखना है, उस हिसाब से आप इसमें एलोवेरा जेल मिला सकते हैं। एलोवेरा जेल डालने का मकसद ये है कि बार-बार इस्तेमाल से एल्कोहल आपके हाथों को बहुत ड्राय कर देता है। ऐसे में एलोवेरा जेल आपके हाथों को सॉफ़्ट रखने में मदद करता है। इन तीनों को मिलाकर आप एक बोतल में बंद कर दें।

ऐसे करें इस्‍तेमाल
अगर आप सही तरीके से हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करते हैं, तो ये आपको तमाम बीमारियों और त्वचा रोगों से बचाता है। जब भी आप घर से बाहर हों, तो कुछ भी खाने या मुंह को छूने से पहले अपने हथेली के बीच के हिस्से में इस होममेड नैचुरल सैनिटाइजर को 2 बार स्प्रे करें। अब अपनी हथेलियों को आपस में रगड़ें, ताकि हथेली के बैक्टीरिया साफ हो जाएं। इसके बाद हथेली के पिछले हिस्सों को रगड़ें, ताकि पूरा हाथ साफ हो जाए। जरूरत हो तो आप 1-2 स्प्रे और कर सकते हैं। घर पर बनाए हैंड सैनिटाइजर के फायदे घर पर बनाए हैंड सैनिटाइजर के फायदे बाजार में मिलने वाले हैंड सैनिटाइजर में कुछ ऐसे केमिकल्स होते हैं, जो आपकी त्वचा के लिए सुरक्षित नहीं माने जाते हैं। कई वैज्ञानिक रिसर्च करके इस बारे में बता चुके हैं कि केमिकलयुक्त सैनिटाइजर के ज्यादा प्रयोग से त्वचा के कैंसर का खतरा बढ़ता है। घर पर बना ये सैनिटाइजर पूरी तरह नैचुरल और सुरक्षित होता है, क्योंकि इसे बनाने के लिए सिर्फ प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल किया गया है।

जेल बेस्‍ड हैंड सैनिटाइजर बनाने का तरीका

जेल बेस्‍ड हैंड सैनिटाइजर बनाने की सामग्री-
  • एलो वेरा जेल
  • टी ट्री ऑइल- 3 बूंद
  • लेवेंडर ऑइल - 4 बूंद
  • स्‍क्‍वीज बॉटल
बनाने का तरीका-
  1. सबसे पहले एक स्‍क्‍वीज बॉटल में एलो वेरा जेल डालें। बॉटल को पूरा ऊपर तक न भरें।
  2. अगर एलो वेरा जेल बेहद गाढा है तो फिर आप उसमें रोज वॉटर मिला सकती हैं।
  3. उसके बाद इसमें 5 बूंद टी ट्री ऑइल की मिलाएं। (यह बैक्‍टीरिया और वायरस का खात्‍मा करने के लिये बेस्‍ट है)
  4. अब इसमें 6-7 बूंद लेवेंडर ऑइल मिक्‍स करें।
  5. बॉटल को बंद करें और अच्‍छी तरह से शेक कर लें, जिससे सारी चीजें मिक्‍स हो जाएं।

उपयोग करने के फायदे-
ये हर्बल हैंड सैनिटाइजर बिना हल्‍कोहल और कैमिकल के तैयार किया जा सकता है। जिसमें टी ट्री ऑइल की प्रॉपर्टीज हाथों के जर्म्‍स का खात्‍मा करेगी। यही नहीं इसे लगाने से हाथ भी बिल्‍कुल ड्राई नहीं होंगे।

लीजिये आपका होममेड हैंड सैनिटाइजर बन कर तैयार है। आप इसे आराम से अपनी पॉकेट में या पर्स में कैरी कर सकती हैं। यह हाथों पर बेहद सॉफ्ट है और खुशबूदार है।

बचे हुए साबुनों से बनाएं ‘Hand Wash’

 बचे हुए साबुनों से बनाएं  ‘Hand Wash’

घर में बचे हुए साबुन के तुकड़ों को आप अगर फेक देती हैं तो अब से उन्हें बचा कर रखें क्योंकि आप उनसे घर पर ही एंटीसेप्टिक हैंड वॉश बना सकती हैं।  
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शरीर की साफ सफाई उतनी ही जरूरी है, जितना की स्वास्थ के लिए सेहतमंद भोजन होता है। खासतौर पर हाथों की सफाई और भी जरूरी हो जाती है क्योंकि यह शरीर को वह अंग है जिसे सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। खाना खाने से लेकर चेहरे को साफ करने तक के लिए आप हाथों का ही इस्तेमाल करती हैं। ऐसे में अगर आपके हाथ साफ नहीं होंगे तो आपको किसी भी तरह का शारीरिक संक्रमण हो सकता है। इस संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है कि आप अच्छे एंटीसेप्टिक हैंड वॉश का इस्तेमाल करें। वैसे तो बाजार में आपको बहुत सारे हैंड वॉश मिल जाएंगे। ये हैंड वॉश अच्छे होने के साथ सुगंधित भी होते हैं। मगर, इनमें कैमिकल और कास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है, जो आपके हाथों की त्वचा को नुक्सान पहुंचा सकता है। आप चाहें तो घर पर ही बेहद आसानी से हैंड वॉश बना सकती हैं। घर पर ही साबुन बनाने के लिए आपको सबसे पहले कुछ चीजों को इकट्ठा करना होगा। यह चीजें आपको घर पर ही आसानी से मिल जाएंगी।
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सामग्री 
  • 6 से 7 साबुन के छोटे-छोटे बचे हुए तुकड़े
  • 5 बड़ा चम्मच डिटॉल या सैवलॉन 
  • 1 नींबू का रस 
  • 1 कप पानी
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विधि 
  • अगर आप पहले बार हैंड वॉश बना रही हैं तो आपको सबसे पहले साबुन के छोटे-छोटे टुकड़ों को इक्ट्ठा करना चाहिए। इसके बाद उन्हें कद्दूकस करना चाहिए आप चाहें तो उसे ग्राइंडर में महीन पीस सकती हैं। 
  • साबुन के पाउडर में पानी मिला कर उसे एक बार फिर से ग्राइंडर में पीस लें। ध्यान रखें। पानी की मात्रा इतनी होनी चाहिए कि हैंड वॉश ज्यादा पतला या गाढ़ा न हो। 
  • इसके बाद इसमें डिटॉल और नीबूं का रस डाल कर इसमें अच्छे से मिलाएं और फिर इस मिश्रण को एक ऐसी बॉटल में भरें जिसे दबाने पर यह मिश्रण थोड़ी सी मात्रा में बाहर निकल सके।
  • अगर आप इसमें सुगंध चाहती हैं तो अपनी पसंद के किसी भी एरोमा ऑयल को भी इसमें मिक्स कर सकती हैं। 
  • अगर आपको लगता हैं कि आपका हैंड वॉश आपके हाथों को ज्यादा ड्राए न करें इसके लिए आपको या तो ग्लीसरीनयुक्त साबुन का पाउडर बनाना चाहिए या फिर हैंड वॉश में ही थोड़ी सी ग्लीसरीन मिला देनी चाहिए। 
  • इन सभी के साथ आपको सबसे आखिर में हैंड वॉश में सैनेटाइजर मिलाना चाहिए। 

हैंड सैनिटाइजर घर पर ही बनाया जा सकता है

घर पर ही बनाया जा सकता है खुशबूदार हैंड सैनिटाइजर

बाजार के महंगे सैनिटाइजर की जगह आप घर पर ही नैचुरल खुशबूदार सैनिटाइजर बना सकती है। यह हाथों के बैक्टीरिया को मारेगा और हथेलियों को मुलायम बनाएगा। 
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हाथ शरीर का वो अंग हैं जिसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है। हाथों की मदद से ही हम खाना खा पाते हैं, लिख पाते हैं किसी वस्तु को पकड़ पाते हैं और किसी चीज स्पर्श कर पाते हैं। ऐसे में हाथ ही शरीर का वह अंग है जो सबसे ज्यादा गंदा होता है। गंदे हाथों से अगर आप कुछ खाती हैं या फिर अपनी ही त्वचा को स्पर्श करती हैं तो इससे संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। गंदे हाथों से खाना खाने से वह गंदगी पेट के अंदर जा कर बड़ी बीमारियों को न्योता तक दे देती है। ऐसे में हाथों बार-बार साफ करना बहुत जरूरी है। हाथों को एंटीसेप्टिक सोप से तो धोना ही चाहिए साथ ही जब आप हाथों कों पानी से वॉश न कर पाएं तो इस स्थिति में हैंड सैनिटाइजर का यूज करना चाहिए। हैंड सैनिटाइजर वैसे तो बेहद काम की चीज हैं मगर, इसका ज्यादा इस्तेमाल भी बीमारी की जड़ हो सकता है। खासतौर पर आपकी त्वचा के लिए यह खतरा पैदा कर सकता है। ऐसा तब होता है जब आप कैमिकल और एल्कॉहलयुक्त हैंड सैनिटाइजर का यूज करती हैं। मगर, यह पहचान पाना कि कौन सा सैनिटाइजर अच्छा है और कौन सा बुरा यह थोड़ा मुश्किल है इसलिए हम आपको बताएंगे कि आप घर पर ही कैसे नैचुरल सैनिटाइजर बना सकती हैं। यह बेहद आसान है और आपको बाजार के महंगे सैनिटाइजर सस्ता भी पड़ेगा। 

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माइल्ड हैंड सैनिटाइजर 

यह हर्बल हैंड सैनिटाइजर जेल आपकी स्किन के लिए सेफ है। खासतौर पर बच्चों की कोमल त्वचा के लिए यह सैनिटाइजर बहुत ही अच्छा है। इसे यूज करने से हाथों की त्वचा ड्राय नहीं होती बल्कि इससे त्वचा को नरिशमेंट मिलता है। आपको इसमें एलोवेरा मिलाना चाहिए। 

सामग्री 
  • 1/4 कप एलोवेरा जैल 
  • 20 ड्रॉप्स जर्म डिस्ट्रॉयर एसेंशियल ऑयल 
विधि 
इन दोनों ही इंग्रीडियंट्स को अच्छे से मिलाएं और एक रीयूजेबल सिलिकॉन ट्यूब में इसे स्टोर करके रखें। इसका इस्तेमाल तब करें जब आपको लगे कि आपके हाथ गंदे हैं। 

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स्ट्रॉन्ग हैंड सेनिटाइजर 

यह बाजार में मिलने वाले सैनिटाइजर की तरह ही होता है। इसे आप कमर्शियल वर्जन ही कह सकते हैं मगर, इसमें ट्रिक्लोसन तत्व नहीं मिला होता है। इसलिए यह आपके हाथो के लिए सेफ होता है। अगर आप बहुत ज्यादा डस्ट वाले एरिया में रहती हैं या फिर काम करती हैं तो आपको इसका इस्तेमाल करना चाहिए। 
सामग्री 
  • 1 बड़ा चम्मच रबिंग एल्कॉहल 
  • 1/2 छोटा चम्मच वेजिटेबल ग्लीसरीन 
  • ¼ कप एलोवेरा जैल 
  • 10 ड्रॉप्स दालचीनी एसेंशियल ऑयल 
  • 10 ड्रॉप्स टी-ट्री एसेंशियल ऑयल 
  • डिसटिल वॉटर 
विधि 
इस सैनिटाइजर को बनाने के लिए सबसे पहले एलोवेरा जैल में ग्लीसरीन और एल्कॉहल मिलाएं। इसके बाद इसमें दालचीनी एसेंशियल ऑयल मिलाएं। टी ट्री ऑयल में वैसे तो अपनी खुशबू होती ही है लेकिन अगर आप इसे और खुशबूदार बनाना चाहते हैं तो इसमें  लेमनग्रास, ऑरेंज, लेवेंटर और पिपरमिंट में से किसी भी एक एसेंशियल ऑयल की बूंदें मिश्रण में डालें। इसके बाद आखिरी में डिसटिल वॉटर मिला कर इसे पंप वाली बॉटल में भरें।  जहां एक तरफ अल्कोहल और टी ट्री ऑयल के मिश्रण के कारण इस सेनिटाइजर के इस्तेमाल से हाथ के सारे बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। वहीं इसमें मिले एलोवेरा जैल से हथेलियां मुलायम हो जाती हैं।एक बार इसे घर पर बना लेने के बाद आप कभी भी बाज़ार से सैनेटाइजर नहीं खरीदेंगें।

बुधवार, 11 मार्च 2020

Corona Virus: होम्योपैथ में कोरोना से बचाव व इलाज संभव, आयुष मंत्रालय ने दवा को दी हरी झंडी

Corona Virus: होम्योपैथ में कोरोना से बचाव व इलाज संभव, आयुष मंत्रालय ने दवा को दी हरी झंडी

कोरोना वायरस के संक्रमण (Corona Virus infection) से जूझते चीन (China) के लिए भारत से राहत भरी खबर है। बिहार के गया में आयोजित मगध होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन (Magadh Homeopathic Medical Association) के 17वें सेमिनार (Seminar) में जमशेदपुर के सीनियर होम्‍योपैथिक डॉक्‍टर  व सिंहभूम होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज (Jamshedpur Homeopathic Medical College) के प्राचार्य (Principal) डॉ. कुलवंत सिंह (Dr. Kulwant Singh) ने दी है। उन्‍होंने बताया कि वायरस से सुरक्षा के लिए एहतियात के तौर पर होम्योपैथिक दवा आर्सेनिक अल्बम-30 (Arsenic Album 30) का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह दवा सुरक्षा के लिए इस्‍तेमाल के अलावा रोग होने पर भी इस्तेमाल की जा सकती है।
आयुष मंत्रालय ने आर्सेनिक अल्बम-30 दवा को किया अधिसूचित
उन्होंने बताया कि हाल ही में आयुष मंत्रालय ने कोरोना वायरस को लेकर विशेषज्ञों के साथ बैठक की थी, जिसमें केंद्रीय होम्योपैथिक परिषद और केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद के विशेषज्ञों के साथ इसपर चर्चा की गई। उसके बाद आर्सेनिक अल्बम-30 दवा को आयुष मंत्रालय ने अधिसूचित किया है। इससे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है।

इनफ्लुएंजा से मिलते-जुलते हैं कोरोना वायरस के लक्षण
डॉ. कुलवंत सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस के लक्षण इनफ्लुएंजा से मिलते-जुलते हैं। इसमें सर्दी-जुकाम, नाक बहना और तेज बुखार, उल्टी जैसी तकलीफें होती हैं। इसमें होम्योपैथ की आर्सेनिक अल्बम-30 दवा दी जा सकती है। इस दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है। यह बहुत पुरानी दवा है। करीब ढाई सौ वर्ष पहले इस दवा को ईजाद किया गया था।

डॉक्‍टर की सलाह पर ऐसे ली जा सकती दवा
सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी के वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड ने माना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने में होम्योपैथ की दवा 'आर्सेनिक एल्बम-30’ कारगर है। यह दवा डॉक्‍टर की सलाह पर तीन दिन तक खाली पेट ली जा सकती है। संक्रमण कायम रहने पर एक माह बाद दोबारा दवा ली जा सकती है। 
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इन 50 घरेलु नुस्खों को जीवन में याद रखेगें तो कभी डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा

इन 50 घरेलु नुस्खों को जीवन में याद रखेगें तो कभी डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा:-

साधारण छोटे-छोटे प्रयोग जिनको आप अवश्य अपनाए कुछ प्रयोग नीचे दिए गए है जो आपके घर में ही उपलब्ध है अजमाए और लाभ ले:-

(1) *अजवायन का साप्ताहिक प्रयोग:-*

सुबह खाली पेट सप्ताह में एक बार एक चाय का चम्मच अजवायन मुँह में रखें और पानी से निगल लें। चबाएँ नहीं। यह सर्दी,खाँसी,जुकाम, बदनदर्द,कमर-दर्द, पेट दर्द, कब्जियत और घुटनों के दर्द से दूर रखेगा। 10 साल से नीचे के बच्चों को आधा चम्मच 2 ग्राम और 10 से ऊपर सभी को एक चम्मच यानी 5 ग्राम लेना चाहिए !

(2) *मौसमी खाँसी के लिये सेंधा नमक :-*

सेंधा नमक की लगभग 5 ग्राम डली को चिमटे से पकड़कर आग पर, गैस पर या तवे पर अच्छी तरह गर्म कर लें। जब लाल होने लगे तब गर्म डली को तुरंत आधा कप पानी में डुबो कर निकाल लें और नमकीन गर्म पानी को एक ही बार में पी जाएँ। ऐसा नमकीन पानी सोते समय लगातार दो-तीन दिन पीने से खाँसी, विशेषकर बलगमी खाँसी से आराम मिलता है। नमक की डली को सुखाकर रख लें एक ही डली का बार बार प्रयोग किया जा सकता है।

(3) *बैठे हुए गले के लिये मुलेठी का चूर्ण:-*

मुलेठी के चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर खाने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है या सोते समय एक ग्राम मुलेठी के चूर्ण को मुख में रख कर कुछ देर चबाते रहे। फिर वैसे ही मुँह में रख कर जाएँ। प्रातः काल तक गला साफ हो जायेगा। गले के दर्द और सूजन में भी आराम आ जाता है।

(4) *मुँह और गले के कष्टों के लिये सौंफ और मिश्री:-*

भोजन के बाद दोनों समय आधा चम्मच सौंफ चबाने से मुख की अनेक बीमारियाँ और सूखी खाँसी दूर होती है, बैठी हुई आवाज़ खुल जाती है,गले की खुश्की ठीक होती है और आवाज मधुर हो जाती है।

(5) *खराश या सूखी खाँसी के लिये अदरक और गुड़:-*

गले में खराश या सूखी खाँसी होने पर पिसी हुई अदरक में गुड़ और घी मिलाकर खाएँ। गुड़ और घी के स्थान पर शहद का प्रयोग भी किया जा सकता है। आराम मिलेगा।

(6) *पेट में कीड़ों के लिये अजवायन और नमक:-*

आधा ग्राम अजवायन चूर्ण में स्वादानुसार काला नमक मिलाकर रात्रि के समय रोजाना गर्म जल से देने से बच्चों के पेट के कीडे नष्ट होते हैं। बडों के लिये- चार भाग अजवायन के चूर्ण में एक भाग काला नमक मिलाना चाहिये और दो ग्राम की मात्रा में सोने से पहले गर्म पानी के साथ लेना चाहिये।

(7) *अरुचि के लिये मुनक्का हरड़ और चीनी:-*

भूख न लगती हो तो बराबर मात्रा में मुनक्का (बीज निकाल दें), हरड़ और चीनी को पीसकर चटनी बना लें। इसे पाँच छह ग्राम की मात्रा में (एक छोटा चम्मच), थोड़ा शहद मिला कर खाने से पहले दिन में दो बार चाटें।

(8) *बदन के दर्द में कपूर और सरसों का तेल:-*

10 ग्राम कपूर, 200 ग्राम सरसों का तेल- दोनों को शीशी में भरकर मजबूत ठक्कन लगा दें तथा शीशी धूप में रख दें। जब दोनों वस्तुएँ मिलकर एक रस होकर घुल जाए तब इस तेल की मालिश से नसों का दर्द, पीठ और कमर का दर्द और, माँसपेशियों के दर्द शीघ्र ही ठीक हो जाते हैं।

(9) *जोड़ों के दर्द के लिये बथुए का रस:-*

बथुआ के ताजा पत्तों का रस पन्द्रह ग्राम प्रतिदिन पीने से गठिया दूर होता है। इस रस में नमक-चीनी आदि कुछ न मिलाएँ। नित्य प्रातः खाली पेट लें या फिर शाम चार बजे। इसके लेने के आगे पीछे दो-दो घंटे कुछ न लें। दो तीन माह तक लें।

(10) *पेट में वायु-गैस के लिये मट्ठा और अजवायन:-*

पेट में वायु बनने की अवस्था में भोजन के बाद 125 ग्राम दही के मट्ठे में दो ग्राम अजवायन और आधा ग्राम काला नमक मिलाकर खाने से वायु-गैस मिटती है। एक से दो सप्ताह तक आवश्यकतानुसार दिन के भोजन के पश्चात लें।
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(11) *फटे हाथ पैरों के लिये सरसों या जैतून का तेल:-*

नाभि में प्रतिदिन सरसों का तेल लगाने से होंठ नहीं फटते और फटे हुए होंठ मुलायम और सुन्दर हो जाते है। साथ ही नेत्रों की खुजली और खुश्की दूर हो जाती है।

(12) *सर्दी बुखार और साँस के पुराने रोगों के लिये तुलसी:-*

तुलसी की 21 पत्तियाँ स्वच्छ खरल या सिल बट्टे (जिस पर मसाला न पीसा गया हो) पर चटनी की भाँति पीस लें और 10 से 30 ग्राम मीठे दही में मिलाकर नित्य प्रातः खाली पेट तीन मास तक खाएँ। दही खट्टा न हो। यदि दही माफिक न आये तो एक-दो चम्मच शहद मिलाकर लें। छोटे बच्चों को आधा ग्राम तुलसी की चटनी शहद में मिलाकर दें। दूध के साथ भूलकर भी न दें। औषधि प्रातः खाली पेट लें। आधा एक घंटे पश्चात नाश्ता ले सकते हैं।

(13) *अधिक क्रोध के लिये आँवले का मुरब्बा और गुलकंद:-*

बहुत क्रोध आता हो तो सुबह आँवले का मुरब्बा एक नग प्रतिदिन खाएँ और शाम को गुलकंद एक चम्मच खाकर ऊपर से दूध पी लें। क्रोध आना शांत हो जाएगा।

(14) *घुटनों में दर्द के लिये अखरोट:-*

सवेरे खाली पेट तीन या चार अखरोट की गिरियाँ खाने से घुटनों का दर्द मैं आराम हो जाता है।

(15) *काले धब्बों के लिये नीबू और नारियल का तेल:-*

चेहरे व कोहनी पर काले धब्बे दूर करने के लिये आधा चम्मच नारियल के तेल में आधे नीबू का रस निचोड़ें और त्वचा पर रगड़ें, फिर गुनगुने पानी से धो लें।

(16) *कोलेस्ट्राल पर नियंत्रण सुपारी से:-*

भोजन के बाद कच्ची सुपारी 20 से 40 मिनट तक चबाएँ फिर मुँह साफ़ कर लें। सुपारी का रस लार के साथ मिलकर रक्त को पतला करने जैसा काम करता है। जिससे कोलेस्ट्राल में गिरावट आती है और रक्तचाप भी कम हो जाता है।

(17) *मसूढ़ों की सूजन के लिये अजवायन:-*

मसूढ़ों में सूजन होने पर अजवाइन के तेल की कुछ बूँदें पानी में मिला कर कुल्ला करने से सूजन में आराम आ जाता है।

(18) *हृदय रोग में आँवले का मुरब्बा:-*

आँवले का मुरब्बा दिन में तीन बार सेवन करने से यह दिल की कम जोरी, धड़कन का असामान्य होना तथा दिल के रोग में अत्यंत लाभ होता है, साथ ही पित्त,ज्वर,उल्टी, जलन आदि में भी आराम मिलता है।

(19) *शारीरिक दुर्बलता के लिये दूध और दालचीनी:-*

दो ग्राम दालचीनी का चूर्ण सुबह शाम दूध के साथ लेने से शारीरिक दुर्बलता दूर होती है और शरीर स्वस्थ हो जाता है। दो ग्राम दाल चीनी के स्थान पर एक ग्राम जायफल का चूर्ण भी लिया जा सकता है।

(20) *हकलाना या तुतलाना दूर करने के लिये दूध और काली मिर्च:-*

हकलाना या तुतलाना दूर करने के लिये 10 ग्राम दूध में 250 ग्राम काली-मिर्च का चूर्ण मिला कर रख लें। 2-2 ग्राम चूर्ण दिन में दो बार मक्खन के साथ मिला कर खाएँ।

(21) *श्वास रोगों के लिये दूध और पीपल :-*

एक पाव दूध में 5 पीपल डालकर गर्म करें, इसमें चीनी डाल कर सुबह और ‘शाम पीने से साँस की नली के रोग जैसे खाँसी, जुकाम, दमा, फेफड़े की कमजोरी तथा वीर्य की कमी आदि रोग दूर होते हैं।

(22) *अच्छी नींद के लिये मलाई और गुड़:-*

रात में नींद न आती हो तो मलाई में गुड़ मिला कर खाएँ और पानी पी लें। थोड़ी देर में नींद आ जाएगी।

(23) *कमजोरी को दूर करने का सरल उपाय:-*

एक-एक चम्मच अदरक व आंवले के रस को दो कप पानी में उबाल कर छान लें। इसे दिन में तीन बार पियें। स्वाद के लिये काला नमक या शहद मिलाएँ।

(24) *घमौरियों के लिये मुल्तानी मिट्टी:-*

घमौरियों पर मुल्तानी मिट्टी में पानी मिलाकर लगाने से रात भर में आराम आ जाता है।

(25) *पेट के रोग दूर करने के लिये मट्ठा:-*

मट्ठे में काला नमक और भुना जीरा मिलाएँ और हींग का तड़का लगा दें। ऐसा मट्ठा पीने से हर प्रकार के पेट के रोग में लाभ मिलता है। यह बासी या खट्टा नहीं होना चाहिये।

(26) *खुजली की घरेलू दवा:-*

फटकरी के पानी से खुजली की जगह धोकर साफ करें, उस पर कपूर को नारियल के तेल मिलाकर लगाएँ लाभ होगा।

(27) *मुहाँसों के लिये संतरे के छिलके:-*

संतरे के छिलके को पीसकर मुहाँसों पर लगाने से वे जल्दी ठीक हो जाते हैं। नियमित रूप से ५ मिनट तक रोज संतरों के छिलके का पिसा हुआ मिश्रण चेहरे पर लगाने से मुहाँसों के धब्बे दूर होकर रंग में निखार आ जाता है।

(28) *बंद नाक खोलने के लिये अजवायन की भाप:-*

एक चम्मच अजवायन पीस कर गरम पानी के साथ उबालें और उसकी भाप में साँस लें। कुछ ही मिनटों में आराम मालूम होगा।

(29) *चर्मरोग के लिये टेसू और नीबू :-*

टेसू के फूल को सुखा कर चूर्ण बना लें। इसे नीबू के रस में मिलाकर लगाने से हर प्रकार के चर्मरोग में लाभ होता है।

(30) *माइग्रेन के लिये काली मिर्च, हल्दी और दूध:-*

एक बड़ा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण एक चुटकी हल्दी के साथ एक प्याले दूध में उबालें। दो तीन दिन तक लगातार रहें। माइग्रेन के दर्द में आराम मिलेगा।

(31) *गले में खराश के लिये जीरा:-*

एक गिलास उबलते पानी में एक चम्मच जीरा और एक टुकड़ा अदरक डालें ५ मिनट तक उबलने दें। इसे ठंडा होने दें। हल्का गुनगुना दिन में दो बार पियें। गले की खराश और सर्दी दोनों में लाभ होगा।

(32) *सर्दी जुकाम के लिये दालचीनी और शहद:-*

एक ग्राम पिसी दाल चीनी में एक चाय का चम्मच शहद मिलाकर खाने से सर्दी जुकाम में आराम मिलता है।

(33) *टांसिल्स के लिये हल्दी और दूध:-*

एक प्याला (200 मिली ली।) दूध में आधा छोटा चम्मच (2 ग्राम) पिसी हल्दी मिलाकर उबालें। छानकर चीनी मिलाकर पीने को दें। विशेषरूप से सोते समय पीने पर तीन चार दिन में आराम मिल जाता है। रात में इसे पीने के बात मुँह साफ करना चाहिये लेकिन कुछ खाना पीना नहीं चाहिये।

(34) *ल्यूकोरिया से मुक्ति:-*

ल्यूकोरिया नामक रोग कमजोरी,चिडचिडापन, के साथ चेहरे की चमक उड़ा ले जाता हैं। इससे बचने का एक आसान सा उपाय- एक-एक पका केला सुबह और शाम को पूरे एक छोटे चम्मच देशी घी के साथ खा जाएँ 11-12 दिनों में आराम दिखाई देगा। इस प्रयोग को 21 दिनों तक जारी रखना चाहिए।

(35) *मधुमेह के लिये आँवला और करेला:-*

एक प्याला करेले के रस में एक बड़ा चम्मच आँवले का रस मिला कर रोज पीने से दो महीने में मधुमेह के कष्टों से आराम मिल जाता है।

(36) *मधुमेह के लिये काली चाय:-*

मधुमेह में सुबह खाली पेट एक प्याला काली चाय स्वास्थ्यवर्धक होती है। चाय में चीनी दूध या नीबू नहीं मिलाना चाहिये। यह गुर्दे की कार्यप्रणाली को लाभ पहुँचाती है जिससे मधुमेह में भी लाभ पहुँचता है।

(37) *उच्च रक्तचाप के लिये मेथी:-*

सुबह उठकर खाली पेट आठ-दस मेथी के दाने निगल लेने से उच्चरक्त चाप को नियंत्रित करने में सफलता मिलती है।

(38) *माइग्रेन और सिरदर्द के लिये सेब:-*

सिरदर्द और माइग्रेन से परेशान हों तो सुबह खाली पेट एक सेब नमक लगाकर खाएँ इससे आराम आ जाएगा।

(39) *अपच के लिये चटनी:-*

खट्टी डकारें, गैस बनना, पेट फूलना, भूक न लगना इनमें से किसी चीज से परेशान हैं तो सिरके में प्याज और अदरक पीस कर चटनी बनाएँ इस चटनी में काला नमक डालें। एक सप्ताह तक प्रतिदिन भोजन के साथ लें, आराम आ जाएगा।

(40) *मुहाँसों से मुक्ति:-*

जायफल, काली मिर्च और लाल चन्दन तीनो का पावडर बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। रोज सोने से पहले 2-3 चुटकी भर के पावडर हथेली पर लेकर उसमें इतना पानी मिलाए कि उबटन जैसा बन जाए खूब मिलाएँ और फिर उसे चेहरे पर लगा लें और सो जाएँ, सुबह उठकर सादे पानी से चेहरा धो लें। 15 दिन तक यह काम करें। इसी के साथ प्रतिदिन 250 ग्राम मूली खाएँ ताकि रक्त शुद्ध हो जाए और अन्दर से त्वचा को स्वस्थ पोषण मिले। 15-20 दिन में मुहाँसों से मुक्त होकर त्वचा निखर जाएगी।

(41) *जलन की चिकित्सा चावल से:-*

कच्चे चावल के 8-10 दाने सुबह खाली पेट पानी से निगल लें। 21 दिन तक नियमित ऐसा करने से पेट और सीन की जलन में आराम आएगा। तीन माह में यह पूरी तरह ठीक हो जाएगी।

(42) *दाँतों के कष्ट में तिल का उपयोग:-*

तिल को पानी में 4 घंटे भिगो दें फिर छान कर उसी पानी से मुँह को भरें और 10 मिनट बाद उगल दें। चार पाँच बार इसी तरह कुल्ला करे, मुँह के घाव, दाँत में सड़न के कारण होने वाले संक्रमण और पायरिया से मुक्ति मिलती है।

(43) *विष से मुक्ति:-*

10-10 ग्राम हल्दी, सेंधा नमक और शहद तथा 5 ग्राम देसी घी अच्छी तरह मिला लें। इसे खाने से कुत्ते, साँप, बिच्छु, मेढक, गिरगिट, आदि जहरीले जानवरों का विष उतर जाता है।

(44) *खाँसी में प्याज:-*

अगर बच्चों या बुजुर्गों को खांसी के साथ कफ ज्यादा गिर रहा हो तो एक चम्मच प्याज के रस को चीनी या गुड मिलाकर चटा दें, दिन में तीन चार बार ऐसा करने पर खाँसी से तुरंत आराम मिलता है।

(45) *स्वस्थ त्वचा का घरेलू नुस्खा:-*

नमक, हल्दी और मेथी तीनों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें, नहाने से पाँच मिनट पहले पानी मिलाकर इनका उबटन बना लें। इसे साबुन की तरह पूरे शरीर में लगाएँ और 5 मिनट बाद नहा लें। सप्ताह में एक बार प्रयोग करने से घमौरियों, फुंसियों तथा त्वचा की सभी बीमारियों से मुक्ति मिलती है। साथ ही त्वचा मुलायम और चमकदार भी हो जाती है।

(46) *पेट साफ रखे अमरूद:-*

कब्ज से परेशान हों तो शाम को चार बजे कम से कम 200 ग्राम अमरुद नमक लगाकर खा जाएँ, फायदा अगली सुबह से ही नज़र आने लगेगा। 10 दिन लगातार खाने से पुराने कब्ज में लाभ होगा। बाद में जब आवश्यकता महसूस हो तब खाएँ।

(47) *पपीते के बीज के स्वास्थ्य हमारा:-*

पके पपीते के बीजों को खूब चबा-चबा कर खाने से आँखों की रोशनी बढ़ती है। इन बीजों को सुखा कर पावडर बना कर भी रखा जा सकता है। सप्ताह में एक बार एक चम्मच पावडर पानी से फाँक लेन पर अनेक प्रकार के रोगाणुओं से रक्षा होती है।

(48) *मुलेठी पेप्टिक अलसर के लिये:-*

मुलेठी के बारे में तो सभी जानते हैं। यह आसानी से बाजार में भी मिल जाती है। पेप्टिक अल्सर में मुलेठी का चूर्ण अमृत की तरह काम करता है। बस सुबह शाम आधा चाय का चम्मच पानी से निगल जाएँ। यह मुलेठी का चूर्ण आँखों की शक्ति भी बढ़ाता है। आँखों के लिये इसे सुबह आधे चम्मच से थोड़ा सा अधिक पानी के साथ लेना चाहिये।

(49) *सरसों का तेल केवल पाँच दिन:-*

रात में सोते समय दोनों नाक में दो दो बूँद सरसों का तेल पाँच दिनों तक लगातार डालें तो खाँसी -सर्दी और साँस की बीमारियाँ दूर हो जाएँगी। सर्दियों में नाक बंद हो जाने के दुख से मुक्ति मिलेगी और शरीर में हल्कापन मालूम होगा।

(50) *भोजन से पहले अदरक:-*

भोजन करने से दस मिनट पहले अदरक के छोटे से टुकडे को सेंधा नमक में लपेट कर [थोड़ा ज्यादा मात्रा में ] अच्छी तरह से चबा लें। दिन में दो बार इसे अपने भोजन का आवश्यक अंग बना लें, इससे हृदय मजबूत और स्वस्थ बना रहेगा, दिल से सम्बंधित कोई बीमारी नहीं होगी और निराशा व अवसाद से भी मुक्ति मिल जाएगी
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गुरुवार, 5 मार्च 2020

कोरोनावायरस से लड़ने का फॉर्मूला -बिस्वरूप रॉय चौधरी

कोरोनावायरस से लड़ने का फॉर्मूला, वजन के मुताबिक पिएं मौसमी जूस और नारियल पानी, सिर्फ 3 दिन में होगा असर -बिस्वरूप रॉय चौधरी

  • संक्रमण के लक्षण दिखने पर फॉलो करें 3 दिन का डाइट प्लान,
  •  ताजा जूस बिना छाने पिएं,डाइट में शामिल करें टमाटर और खीरा

कोरोनावायरस से सिर्फ चीन में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। केरल में सोमवार तक 3 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। वायरस से संक्रमण का दायरा बढ़ रहा है। एक्सपर्ट के मुताबिक, संक्रमण के लक्षण दिखने पर बचाव के तौर पर डॉक्टरी सलाह लें और लिक्विड डाइट की मात्रा बढ़ाएं। मेडिकल न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी के मुताबिक, संतरा-मौसमी और नारियल पानी की मात्रा बढ़ाकर 3 दिन में संक्रमण और वायरस को खत्म किया जा सकता है। ध्यान रखें जूस को छानना नहीं है वरना इसमें मौजूद फायबर कम हो जाएंगे। और न ही पैकेज्ड जूस का इस्तेमाल करें। मशहूर न्यूट्रशनिस्ट और डायबिटीज एक्सपर्ट डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी ने भास्कर के साथ शेयर किया 3 दिन का डाइट प्लान जो संक्रमण के असर को कम करेगा।
लक्षण दिखने ही फॉलो करें 3 दिन का प्लान
पहला दिन : सिर्फ जूस और नारियल पानी पीएं
संक्रमण के लक्षण महसूस होने के पहले ही दिन डाइट में संतरा-मौसमी का जूस और नारियल पानी लें। दिनभर में कुल कितने गिलास जूस और नारियल पानी पीना है, यह अपने वजन के मुताबिक तय करें। जैसे जितना शरीर का वजन है उसे 10 से भाग दें। जिनकी संख्या आएगी उसका दोगुना लिक्विड डाइट लें। जैसे आपका वजन 80 किलो है। 10 से भाग देने पर संख्या 8 आएगी। अब दिनभर में आठ गिलास जूस और 8 गिलास नारियल पानी पीना है।
दूसरा दिन : टमाटर-खीरा शामिल करें
दूसरे दिन डाइट में थोड़ा बदलाव करें। जैसे जितना शरीर का वजन है उसे 20 से भाग दें। जिनकी संख्या आएगी उसका दोगुना लिक्विड डाइट लें। जैसे आपका वजन 80 किलो है। 20 से भाग देने पर संख्या 4 आएगी। अब दिनभर में 4 गिलास जूस और 4 गिलास नारियल पानी पीना है। इसके अलावा अपने वजन को 5 से गुणा करें जितनी संख्या आए उतने ग्राम टमाटर और खीरा खाना है।
तीसरा दिन : हल्का खाने से शुरुआत करें
दिनभर की डाइट को तीन हिस्सों में बांटें।
ब्रेकफास्ट में केवल जूस और नारियल पानी ही लें। मात्रा कितनी लेनी है, इसके लिए जितना आपका वजन है उसे 30 से भाग दें। जितनी संख्या आए उसे दोगुना करें, इतने गिलास जूस और नारियल पानी पीना है।
लंच : अपने वजन को 5 से गुणा करें, जितनी मात्रा आती है उतने ग्राम टमाटर और खीरा खाएं।
डिनर : रात के खाने में घर का पका कम मसाला और कम तेल वाला हल्का भोजन करें।

कैसे काम करता है ये प्लान
डॉ. बिस्वरूप चौधरी के मुताबिक, नारियल पानी और विटामिन-सी से युक्त जूस शरीर में पहुंचकर रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है। बुखार के बाद शरीर का बढ़ा हुआ तापमान सामान्य करता है। संक्रमण के असर को घटाता है।
क्यों आसानी से फैलता है संक्रमण
दुनिया में 3 लाख 20 हजार ऐसे वायरस हैं जो हमेशा से इंसानों को संक्रमित करते आए हैं, इनसे से 209 को पहचानकर नाम दिया गया है। कोरोनोवायरस उनसे से भी एक है। वायरस कोई भी हो ये तभी आसानी से संक्रमित करते हैं जब शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। इससे लड़ने के लिए सबसे पहले शरीर की इम्युनिटी बढ़ाएं क्योंकि बचाव ही बेहतर इलाज है।

https://youtu.be/sk7F2YgiYRs

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