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सोमवार, 7 अक्तूबर 2013

रामजी ने इस खास कारण से किया था एक स्त्री का वध

रामजी ने इस खास कारण से किया था एक स्त्री का वध

रामायण में अब तक आपने पढ़ा.....सोते समय असावधानी की अवस्था में भी राक्षस तुम पर आक्रमण नहीं कर पाएंगे। बला और अतिबला का अभ्यास करने से तीनों लोकों में तुम्हारे समानता करने वाला कोई न होगा। किसी के प्रश्र का उत्तर देने में भी कोई तुम्हारी तुलना नहीं कर सकेगा। इन दोनों विद्याओं के प्राप्त हो जाने पर कोई तुम्हारी समानता नहीं कर सकेगा। इन दोनों विद्याओं का अध्ययन कर लेने पर इस भूतल पर तुम्हारे यश का विस्तार होगा। ये दोनों विद्याएं ब्रह्माजी की तेजस्वी पुत्रियां है। मैंने इन दोनों को तुम्हे देने का विचार किया अब आगे.....
उसके बाद जब विश्वामित्र आगे बढ़े तो उन्होंने ताटका नामक राक्षसी के बारे में बताया तब श्रीराम ने कहा कि मुनि में तो एक क्षत्रिय हूं तो स्त्री का वध कै से कर सकता हूं।यह बात सुनकर विश्वामित्र मुस्कुराए और उन्होंने श्रीराम को विरोचन की पुत्री मंथरा की कथा सुनाई। उनकी कथा सुनकर रामजी ने कहा अयोध्या मेरे पिता महामना महाराज दशरथ ने अन्य गुरुजनों के बीच मुझे यह उपदेश दिया था कि बेटा:
तुम पिता के कहने से पिता के वचनों का गौरव रखने के लिए कुशिकनंदन विश्वामित्र की आज्ञा का निशक्त होकर पालन करना। कभी भी उनकी बात की अवहेलना न करना। इसलिए मैं पिताजी के उपदेश को सुनकर आप ब्रह्मावादी महात्मा की आज्ञा से ताटकावध संबंधी कार्य को उत्तम मानकर करूंगा- इसमें संदेह नहीं। गौ, ब्राह्मण तथा समूचे देश का हित करने के लिए मैं आप जैसे अनुपम प्रभावशाली महात्मा के आदेश का पालन करने को सब प्रकार से तैयार हूं।

जब महालक्ष्मी करेंगी आपको मालामाल उससे पहले मिलेंगे ऐसे संकेत

जब महालक्ष्मी करेंगी आपको मालामाल उससे पहले मिलेंगे ऐसे संकेत

महालक्ष्मी कब और किस अपनी कृपा बरसाएंगी यह बता पाना काफी मुश्किल है। ऐसे में जब आप लाख कोशिश करें और फिर भी महालक्ष्मी मेहरबान न हो तो निराशा घेर सकती है। शास्त्रों के अनुसार कुछ ऐसे संकेत बताए गए हैं जिनसे यह मालूम हो जाता है कि अब किस्मत चमकेगी और महालक्ष्मी मेहरबान होंगी।
यहां दिए गए फोटो में जानिए खास संकेत जो आपके मालामाल होने के इशारा करते हैं...

जब किसी व्यक्ति के सपनो में पानी, हरियाली, लक्ष्मीजी का वाहन उल्लू दिखाई दे तो समझ लेना चाहिए कि बहुत जल्द किस्मत बदलेगी।
यदि सपने में सफेद सांप, सोने के जैसा सांप दिखे तो निकट भविष्य में लक्ष्मी आपको मालामाल कर देती है।

जब आपके आपके घर या ऑफिस में अचानक उल्लू आ जाए तो समझ लेना चाहिए कि आपको भविष्य में कोई बड़ा धन लाभ होने वाला है। शास्त्रों के अनुसार महालक्ष्मी का वाहन उल्लू ही है अत: यह घर में आए तो शुभ फल देता है।

सप्ताह के सातों दिन अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा के निर्धारित किए गए हैं। शास्त्रों के अनुसार शुक्रवार का दिन महालक्ष्मी की पूजा करने पर विशेष कृपा दिलवाता है। इस दिन यदि कोई लड़की आपको सिक्का दे तो यह शुभ संकेत है। ऐसा होने पर समझ लेना चाहिए आपको निकट भविष्य में धन लाभ होने वाला है।

आमतौर पर सांप से सभी डरते हैं लेकिन शास्त्रों के अनुसार सांप और धन का खास रिश्ता है। यदि आपके घर के आसपास विशेष रूप से सफेद सांप दिखाई देने लगे तो समझ लेना चाहिए कि उस स्थान पर जमीन के अंदर खजाना छिपा हो सकता है

मंत्र दे सकते हैं रोगों से मुक्ति

मंत्र दे सकते हैं रोगों से मुक्ति
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मंत्रों की शक्ति किसी से छिपी नहीं है। मंत्रों में इतनी ताकत है कि यदि गहरी आस्था के साथ मंत्रोच्चार किया जाए तो कई बीमारियां बिना किसी औषधि के ही समाप्त हो सकती हैं। अथर्ववेद में मंत्रों से रोग निदान, तंत्र-मंत्र साधना सहित कई अनूठे रहस्य बताए गए हैं।

वैदिक काल में वेद मंत्रों की साधना से न जाने कितने ही रोगियों के रोगनाश, आत्मिक उन्नति के उदाहरण मिलते हैं। इसी बात को महाभाष्यकार पतंजलि, वेद भाष्यकार सायण जैसे विद्वानों से कई बार साबित किया है। आइए अथर्ववेद के प्रथम कांड के प्रथम भाग के कुछ विशिष्ट मंत्रों से रोगमुक्ति के लिए जाप पाठ व ध्यान करें।

गुर्दे सम्बंधी रोगों के लिए
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मूत्र, पथरी और गुर्दे सम्बंधी रोगी किसी भी रविवार से प्रात:काल सूर्य के समक्ष ताम्र पत्र में शुद्ध जल भरे। उस जल में पत्थरचट्टा के दो तीन पत्तों का रस डालकर सूर्य ताप में दो-तीन घंटे रहने दे। फिर उस जल को पीते हुए सूर्य को देखते हुए इस मंत्र का 101 बार पाठ करें -

विद्या शरस्य पितरं सूयंü शतवृष्णयम्।
अमूर्या उप सूर्ये याभिर्वा सूर्य सह।।
ता नो हिन्वन्त्वध्वरम्।। ॐ भास्कराय नम:।

स्वस्थ प्रसूति के लिए
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अथर्ववेद में सामान्य डिलीवरी के लिए सूर्य उपासना के साथ सूर्य देव को जल का अर्घ देकर व प्रात:काल सूर्य ताप का अधिकाधिक सेवन करना उत्तम माना गया है। एक स्वस्थ प्रसूति व तेजस्वी संतान प्राप्ति
के लिए रविवार से इस मंत्र के प्रतिदिन 51 बार

पाठ करें -
वि ते भिनçùमेहनं वि योनिं वि गवीनिके।
वि मातरं च पुत्रं च विकुमारं
जरायुणाव जरायु पद्यताम्।।

अस्थि रोग निदान के लिए
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शरीर में हड्डियों की व्याधि जोडों में दर्द व (सर्वाइकल पेन) आदि के निदान के लिए शुद्ध जल में घृतकुमारी का थोड़ा रस डालकर रविवार से प्रात: दो तीन घंटे सूर्य की किरणों में रखें। सूरज भगवान के सामने इस मंत्र का रविवार से 101 बार पाठ करें। आगामी सवा तीन माह तक इस क्रिया को करने से काफी राहत मिलती है
अंगे अंके शोचिषा शिश्रियाणं नमस्यन्तस्त्वा हविषा विधेम। ॐ सूर्याय नम:।।

दिल के रोगों के निदान के लिए
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दिल से सम्बंधी बीमारियों के निदान के लिए सूर्य उपासना सर्वोत्तम मानी गई हैं। अथर्वा ऋषि के अनुसार प्रतिदिन प्रात: व सायंकाल सूर्योपासना
करें और ॐ रवये नम: के साथ साथ कम से कम 50-60 बार सूर्य की ओर मुंह करके सूर्य ध्यान के साथ तालियां बजाएं। प्राणायाम करें व इस मंत्र
का रविवार या सोमवार कम से कम 21 बार जाप करें-
मुंच शीर्षक्तया उत कास एनं
परस्पराविशेषा यो अस्य।
ॐ आदित्याय नम:

सामान्य व्याधि निदान के लिए
रविवार से प्रतिदिन सूर्य को जल का अर्घ देकर प्रात: काल सूर्य ताप लें। सूर्य किरणों को अपने आवास में आने का मार्ग प्रशस्त करें। रविवार को लाल वस्त्र व लाल अनाज का दान करें और इस मंत्र का 51 बार प्रतिदिन जाप करें -
ॐ विश्वानि देव सवितुर्दुरितानि
परासुव: यत् भद्रं तन्न: आसुव:।।
इसी प्रकार सूर्य स्तोत्रम् के पाठ भी काफी लाभकारी सिद्ध होते हैं।

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