कानपुर
के एक युवा वैज्ञानिक ने गौ मूत्र से जलने वाला एक लैंप तैयार किया है और
हाल ही में इसका तरीका भी प्रदर्शित किया गया। वैज्ञानिक सभाबहादुर सिंह ने
प्रदर्शन के बाद बताया कि वैज्ञानिकों ने गौ-मूत्र से जलने वाला ज्योति
लैम्प बनाकर बिजली के घोर अभाव में उजाला फैलाकर नई दिशा दी है।
उनका कहना है कि यह लैम्प देशी गाय के मूत्र से ही प्रकाश पैदा करेगा। एक बार चार्ज होने पर 400 घंटे तक प्रकाश मिलने का दावा किया गया है। सिंह का कहना है कि इस लैम्प के जरिए मोबाइल भी चार्ज किया जा सकता है। लैंप के डिस्चार्ज होने पर उसे पुन: गो-मूत्र डालने से रीचार्ज किया जा सकता है। लैम्प की कीमत मात्र 200 रुपया बताई गयी है।
वैज्ञानिक का यह भी दावा है गोबर से बनाई गयी गैस से मोटरसाइकिल भी चलाई जा सकती है। एक किलो गैस से मोटरसाइकिल 70 किलोमीटर चलेगी।
उनका कहना है कि यह लैम्प देशी गाय के मूत्र से ही प्रकाश पैदा करेगा। एक बार चार्ज होने पर 400 घंटे तक प्रकाश मिलने का दावा किया गया है। सिंह का कहना है कि इस लैम्प के जरिए मोबाइल भी चार्ज किया जा सकता है। लैंप के डिस्चार्ज होने पर उसे पुन: गो-मूत्र डालने से रीचार्ज किया जा सकता है। लैम्प की कीमत मात्र 200 रुपया बताई गयी है।
वैज्ञानिक का यह भी दावा है गोबर से बनाई गयी गैस से मोटरसाइकिल भी चलाई जा सकती है। एक किलो गैस से मोटरसाइकिल 70 किलोमीटर चलेगी।