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गुरुवार, 27 सितंबर 2012

गौ हत्यारे होने से बचिए

गौ हत्यारे होने से बचिए----------- ----------

भारतमे करीब ३६००० कतलखाने है जिसमे हर साल करीब ४ करोड़ गाय, भैंस इत्यादि का कतल होता है | गाय कत्ल होने के बाद मांस उत्पन्न होता है और मांसाहारी लोग उसे भरपूर खाते है | भारत के बीस प्रतिशत लोग मांसाहारी है जो रोज मांस खाते है और सब तरह का मांस खाते है | मांस से जो तेल निकलता है उसे tellow कहते है जैसे गाय की मांस से जो तेल निकलता है उसे beef tellow और
सूअर की मांस से जो तेल निकलता है उसे pork tellow कहते है |

इस तेल का सबसे जादा उपियोग चेहरे में लगाने वाली क्रीम बनाने में होती है जैसे Fair & Lovely , Ponds , Emami इत्यादि |

रक्त का भी भरपूर उपियोग होता है औषधि बनाने में जैसे एक दावा बनती है जो गर्भबती माताओं को दिया जाता है खून की कमी को दूर करने के लिए उसका नाम है Dexorange और ये दावा सभी डॉक्टर लिखते है क्योकि इसमें कोमिसन जादा मिलता है |
रक्त से बहुत बड़े पैमाने पर Lipstick और Nailpolish बनता है फिर चाय बनाने वाली कंपनिया चाय बनाने में इसी रक्त का उपियोग करते है | चाय की पत्तियों को सुखा के डिब्बे में बंद करके विदेश में बेचा जाता है और जो पत्तीओं का निचे के हिस्से को जैसे टुटा हुआ डंठल सुखाके पकेट में बंध करके भारत मे बेचा जाता है लेकिन वो चाय नही है तोह उसको चाय जैसा बनाने के लिए मतलब चाय का रंग लाने के लिए रक्त को सुखाके इसमें मिलाके बेचते है | इसका तकनिकी नाम Tea Dust होता है मतलब चाय की धुल |
हड्डीयों का सबसे जादा उपियोग Shaving Cream, Tooth Paste, Tooth Powder बनाने में होता है | हड्डीयों को पहले सुखाया जाता है फिर bone crasher में दाल कर उसका पाउडर बनाते है और इसी पाउडर का उपियोग पेस्ट, टूथ पाउडर, सेभिंग क्रीम बनाने में होती है आजकल टेलकम पाउडर में भीइसका उपियोग होने लगा है |
चमड़ी का सबसे जादा उपियोग क्रिकेट के बल बनाने में, फुटबल बनाने में, जूता बनाने में, पर्स बनाने में, बेल्ट बनाने में होताहै |
गाय की बड़ी आंत से जिलेटिन बनता है जिसका बहुत जादा उपियोग आइसक्रीम, चोकोलेट, Maggi . Pizza , Burger , Hotdog , Chawmin इत्यादि में भरपूर होता है | आजकल जिलेटिन का उपियोग साबूदाना में होने लगा है |
इससे बचने का उपाय राजीव भाई बताते है की जिस बस्तु का टीवी में बहुत जाहिरात आते है उसका उपियोग मत करना |

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भारत में गोहत्या का सत्य-इतिहास,

भारत में गोहत्या का सत्य-इतिहास,


विकृत इतिहास पढ़कर हमारी धारणाए भी बधिर हो जाती है! स्वय के लिए अपमान क्या है और सन्मान जनक क्या है इसे जानने का विवेक हम खो बैठते है! पिछले ६५ वर्षों में गाँधी-नेहरु का भारत में सीधा शासन रहा! जिसके दौरान हमे असत्य हिंदु-निंदक इतिहास का विष पिलाया गया! जो सबसे गंदी गाली इस विकृत इतिहास के माध्यम से हमें गाँधी-नेहरुजी ने दी वो ये की भारतवासी १००० वर्ष मुस्लिम शासकों के गुलाम रहे! इस गाली को हमारे देश बंधू पिछले अनेक वर्षों से झेल रहे है! जिसका परिणाम ये हुआ की हम ऐसी गाली खा खा कर हम में आज आत्म ग्लानी (Lack of Self Confidence) की भावना उत्पन्न हुई है! अच्छे बुरे की सुध बुध भी खो बैठे है! ये हिंदु-निंदक नेहरु शासन द्वारा फैलाया गया विष कैसे हमरी सोचने की शक्ति को नष्ट करता है इसका एक जीता जगता उदाहरण हम देखते है!
स्वर्गीय राजीव दीक्षित को कौन नहीं जानता! उनके गौउ रक्षा पर अनेक व्याख्यान हुए है! इस व्याख्यान में जो जानकारी बताई गयी है, दुर्भाग्यवष वो अर्ध सत्य है! श्री. राजीवजी बताते है की भारत में गोहत्या का आरंभ ब्रिटिश शासको द्वारा शुरू हुआ! उससे पहले संपूर्ण भारत में गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध था! ब्रिटिश-राज आरंभ होने से पहले मुघल या मुस्लिम सत्ता में गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध था! यह एक आश्चर्यजनक विरोधाभास है! यह एक जीवित इतिहास है की भारत में १०,००० से अधिक भव्य मंदिर इस्लामी शासन काल में ध्वस्त किये गए! इस प्रत्येक मंदिर को तोड़ने से पहले, इस्लामी आक्रामक गाय की हत्या करके मंदिर की पवित्रता भंग करते थे! फिर उन पुजारियों की हत्या करके सारे मंदिर को ध्वस्त करके उस वास्तु का रूपांतर मस्जिद में किया जताता था! श्री.राजीव दीक्षित ने जिस ब्रिटिश प्रमाण पत्रों का संदर्भा दिया है उसमे स्पष्ट लिखा है, की ब्रिटिश सत्ता भारत में आरंभा होने से पहले गोहत्या पर संपूर्ण प्रतिबन्ध था!

यह शत प्रतिशत सत्य है, किन्तु उससे भी बड़ा सत्य यह है की भारत में ब्रिटिश सत्ता आने से पूर्व (इ.स. १८२०), सरे भारत में से मुस्लिम सत्ता लगभग १५० वर्ष पहले नष्ट हो चुकी थी! ब्रिटिश सेनाओको भारत पर विजय प्राप्त करने के लिए जितने भी भीषण युद्ध लड़ने पड़े वह सरे एक शक्तिशाली हिन्दू साम्राज्य से लड़ने पड़े, यह महत्वपूर्ण बात श्री. राजीवजी कहने में भूल गए! यह पराक्रमी हिन्दू साम्राज्य था छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा स्थापन किया गया हिन्दवी स्वराज्य! संपूर्ण उत्तर भारत (इसमें आज का सारा पाकिस्तान और अफगानिस्तान का बहुत बड़ा भाग आता था) मराठा और सीख जैसे हिन्दू साम्राज्यों की सत्ता में था! इन महा पराक्रमी हिन्दू साम्राज्यों के कारण भारत में अंग्रेजो से पहले समृधि और गोहत्या पर संपूर्ण प्रतिबन्ध था! भारतीयों की इस पराक्रमी इतिहास को हमें स्वाभिमानपूर्वक स्वीकारना चाहिए! इन शक्तिशाली हिन्दू शासन के चलते ही भारत में स्त्रियों को वेश्या बनाना अंग्रेज़ आने से पहले नहीं था!
जिस असुरी इच्छा से इस्लामी आक्रमको ने देव, धर्मं, स्त्री और गोमाता का नाश किया वहा भारत के इतिहास का सबसे भयानक कला अध्याय है! यदी छत्रपति शिवाजी ने इस्लामी सत्ता को आवाहन न दिया होता [शिवाजी महाराज की मृत्य के उपरांत मराठा सेनाओ ने १७१८ में दिल्ली जित कर मोगल सत्ता उत्तर भारत से नष्ट कर दी, इतना ही नहीं इस घटना के २ वर्ष उपरांत हिन्दू मराठा सेनापति रघुनाथ राव पेशवा ने लाहोर, पेशवर से अटक (जो अफगानिस्तान का द्वार है) तक का भारत इस्लामी सत्ता से मुक्त करके लाल किल्ले पर भगवा फहराया] तो आज भारत अपनी संस्कृती समेत नष्ट हो चुका होता (कभी ना भुलो ३५० वर्ष पुर्व कवी भुषण की पंक्तिया “काशीहु की कला जाती माथुरा मस्जिद बन जाती न होते शेर शिवाजी तो सुन्नत होती सबकी”)! शुरवीर हिन्दू-सीख महाराजा रंणजित सिंह ने तो काबुल कंधार पर विजय प्राप्त कर ८०० वर्ष की मुस्लिम सत्ता को उखाड फेका!

यदि ये दो पराक्रमी हिन्दू सत्ता न होती तो समस्त भारत में नाम के लिए भी कोई भारतीय / हिन्दू न बचता न कोई गोमाता बचती! इस सत्य का जगता प्रमाण है कवी भूषण की लिखी हुई शिव बावनी!

तेज तमा अंस पर !कान्हा जिमि कंस पर!
त्यों म्लेंच्छ बंस पर! शेर शिवराज है !!
इसका अर्थ है जिस प्रकार भगवन श्री कृष्ण कंस पर आरूढ़ हो कर उसका वध करते है,
उसे प्रकार शेर शिवराज सारे मल्लेच्छ सुल्तानों के वंश का अकेले संहार करते है!



हमें इस ऐतिहासिक सत्य को अब स्वीकारना चाहिए की भारत में हिन्दू सत्ता होने के कारण गोहत्या अंग्रेज आने से पहले भारत में बंद हो चुकी थी! और कसियो को गोरक्षा का प्रमाण पत्र देना अब हमें बंद करना चाहिए!

"अशोक चिन्ह" को बाबा साहिब अंबेडकर ने क्यों अपनाया था ?

क्या आप जानते हैं ??
"अशोक चिन्ह" को बाबा साहिब अंबेडकर ने क्यों अपनाया था ?

शायद आजादी के इतने साल बाद भी किसी ने इस ओर ध्यान क्यों नहीं दिया। इसका कारण सिर्फ इतना था कि आजादी के बाद बाबा साहिब अंबेडकर का सिर्फ एक सपना आरक्षण भी जो १० साल में पूरा होना था अब तक नहीं कर पाए, बस उसको वोट बेंक का आधार बनाकर रख दिया।
अशोक चिन्ह लेकर वे अशोक की तरह का शासन देने का सपना पाले हुए थे, जिसको हमारे नेताओ
ने पूरा करने की पहल तक नहीं की।

१. अशोक के शासन की तरह से राज्य की सड़कों के दोनों ओर फलदार पेड़ लगाये जाए (पर वृक्षारोपण में बेकार पेड़ लगाये गए जिनका प्रयोग इमारती लकड़ी में भी नहीं होता और
ना किसी प्रकार के पशुओं के चारे में इस्तेमाल होता क्यों ?)
२. अशोक ने अपने राज्य में जगह जगह पर रुकने के सराय बनवाई थी। (और हमारी सरकारों ने उस ओर क्या ध्यान दिया ? सभी को मालूम है कि सरकारी गेस्ट हॉउस किस के लिए हैं और वहां पर क्या होता है ?)
३. अशोक के राज्य में सभी कत्लगाहों को बंद कर दिया था। ( क्योंकि उसके स्थान पर पूर्ति फलो से हो जाती थी, ये तो मुगलों के आने बाद आरम्भ हुए थे जिसको ब्रिटिश के आने बाद भी चालू रखा गया था और आज भी चालू है जिसे बाबा साहिब बंद करना चाहते थे।)
४. अशोक के राज्य में जगह जगह पर शुद्ध पानी के प्याऊ लगवाये गए थे यहाँ तक प्रत्येक गाव में कुएँ खुदवाए गए थे। (आजादी के बाद कुएँ सिर्फ कागजो पर खोदे गए थे) क्यों कुछ गलत है क्या ?

अब अशोक चिन्ह राष्ट्रीय प्रतीक रखकर भारत सरकार ये काम ना करके क्या अशोक चिन्ह का अपमान नहीं कर रही है ? क्या इस चिन्ह को रखने का अधिकार है ? क्या ये हमारा अपमान नहीं है क्या ? क्या ये इस देश के संविधान के निर्माता का जो उन्होंने चिन्ह को अपनाया है उसका अपमान नहीं है ?
यह आप सबको फैसला करना है कि गलती अगर होती है तो उसका सुधार भी होता है, पर कब जब समय निकल जाये तब .....!!

[चाणक्य शर्मा]

जय हिन्द, जय भारत !
वन्दे मातरम्

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