एक श्रीमान जी के घर पर खाने का प्रोग्राम चल रहा था.
कोई खास बडा प्रोग्राम नही था, बस नजदीक के रिश्तेदारो और दोस्तो को बुलाया हुआ था.
होगेँ लगभग चालीस-पचास महमान.
यजमान सबको आग्रह करके खाना परोस रहे थे और महमान भी अपनी-अपनी थाली पकवानो से छला-छल कर रहे थे.
उसी समय यजमान का ध्यान एक औरत पर गया,
वह अपने बच्चे को धीमी आवाज मेँ धमका रही थी.
यजमान उस औरत के पास जाकर कारण पुछा, तो उस औरत ने कहा,
‘देखो ना भाईसाहब ! यह कुछ खाता ही नही.
रोज ऐसा ही करता है.
मैँ तो इसको खिलाने से तंग आ गई हु.
अब आप ही बताओ, इसको धमकाऊ नही तो क्या करु ?’
‘अरे ! इसमेँ धमकाने की कौनसी बात? यजमान नेँ उस औरत को बोला !’.
फिर सामने खडे एक महमान की तरफ इशारा करके बोले,
‘वह मेरे दोस्त डाक्टर मेहता है, और वह आपको ऐसी दवाई देगेँ कि आपका लडका तुरंत खाना खाने लग जाएगा.
मेरा लडका भी पहले ऐसा ही करता था.
Dr. मेहता साहब की दवाई के बाद वो अब टाईम पर खाना खा लेता है.
वह औरत डाक्टर मेहता के पास जाकर बोली: ‘इस जगह आपको पुछने की माफी माँगती हु,
डाकटर साहब ! क्या मेँ मेरे लडके को आपके क्लिनिक पर ला सकती हु ? इसको बिल्कुल भुख नही लगती !’
डा. मेहता :‘ जरुर ला सकती है आप !
मैँ खाना खाने के बाद आपको मेरा कार्ड आपको दुंगा.
कार्ड पर लिखे नम्बर पर आप फोन करके जरुर आ सकते हो.’
उसी समय एक दस साल की एक कामवाली लकडी,जो सब के ग्लास मेँ पानी भर रही थी, वह यह बात ध्यान से सुन रही थी.
डाक्टर खाना खाकर पेन्ट्री मेँ हाथ धोने गये तब जग मेँ पानी भरने के बहाने वो लडकी भी डाक्टर के पास चली गई.
डाक्टर को अकेला देखकर उनको बोला : ‘डाक्टर साहब ! मैँ आपके साथ एक बात कर सकती हु ?’
‘बोल ना बेटा ! तु क्यो बात नही कर सकती? एक क्या दो बाते कर ना !’ एकदम भावनात्मक रुप से डाक्टर ने जवाब दिया.
लडकी : ‘डाक्टर साहब ! मेरा एक छोटा भाई है.
मैँ, मेरी माँ और मेरा भाई हम तीन ही लोग है घर मेँ.
मेरे बापु गुजर गये है.
माँ रोज बीमार ही रहती है.
मैँ काम करती हु लेकिन इस से हमारा गुजारा नही चल पाता.
इसिलिए मैँ यह बात करना चाहती हु कि क्या भुख ना लगे ऐसी कोई दवाई आती है?
अगर ऐसी दवाई आती है तो मुझे खरीदनी है !’
डाक्टर यह बात सुनकर स्तब्ध रह गये.
दोस्तो, इस वार्ता को पढकर सिर्फ एक ही ख्याल आता है कि कितने लोग भुखे पेट सोते है.. :(
दोस्तो कही भी कभी भी कोई भी का भुखा मिले तो उसको पैसे देने के बजाय कुछ खाने की चीज जरुर दे..
"पैसे कि कीमत तो कोई भी लगा सकता है लेकिन किसी की भुख की नही