बिच्छू काटने पर बहुत दर्द होता है जिसको बिच्छू काटता है उसके सिवा और
कोई जान नही सकता कितना भयंकर कष्ट होता है। तो बिच्छू काटने पर एक दावा है
उसका नाम है Silicea 200 इसका लिकुइड 5 ml घर में रखे । बिच्छू काटने पर
इस दावा को जिव पर एक एक ड्रोप 10-10 मिनट अंतर पर तिन बार देना है ।
बिच्छू जब काटता है तो उसका जो डंक है न उसको अन्दर छोड़ देता है वोही दर्द
करता है । इस डंक को बाहर निकलना आसान काम नही है, डॉक्टर के पास जायेंगे
वो काट करेगा चीरा लगायेगा फिर खिंच के निकालेगा उसमे उसमे ब्लीडिंग भी
होगी तकलीफ भी होगी । ये मेडिसिन इतनी बेहतरीन मेडिसिन है के आप इसके तिन
डोस देंगे 10-10 मिनट पर एक एक बूंद और आप देखेंगे वो डंक अपने आप निकल कर
बाहर आ जायेगा। सिर्फ तिन डोस में आधे घन्टे में आप रोगी को ठीक कर सकते
है। बहुत जबरदस्त मेडिसिन है ये Silicea 200. और ये मेडिसिन मिट्टी से बनती
है,वो नदी कि मिट्टी होती है न जिसमे थोड़ी बालू रहती है उसी से ये मेडिसिन
बनती है । ये दवा आपको किसी भी होमियोपैथिक दवाईयो की दुकान पर मिल जाएगी
इस मेडिसिन को और भी बहुत सारी काम में आती है । अगर आप सिलाई मशीन में
काम करती है तो कभी कभी सुई चुव जाती है और अन्दर टूट जाती है उस समय भी आप
ये मेडिसिन ले लीजिये ये सुई को भी बाहर निकाल देगा। आप इस मेडिसिन को और
भी कई केसेस में व्यवहार कर सकते है जैसे कांटा लग गया हो , कांच घुस गया
हो, ततैया ने काट लिया हो, मधुमखी ने काट लिया हो ये सब जो काटने वाले
अन्दर जो छोड़ देते है वो सब के लिए आप इसको ले सकते है । बहुत तेज दर्द
निवारक है और जो कुछ अन्दर छुटा हुआ है उसको बाहर निकलने की मेडिसिन है ।
बहुत सस्ता मेडिसिन है 5 ml सिर्फ 10 रूपए की आती है इससे आप कम से कम 50
से 100 लोगों का भला कर सकते है ।ये दवा आपको किसी भी होमियोपैथिक दवाईयो
की दुकान पर मिल जाएगी
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अगर
घरेलु कुत्ता काटे तो कोई दिककत नही है पर पागल कुत्ता कटे तो समस्या है।
सड़क वाला कुत्ता काटले तो आप जानते है नही उसको इंजेक्शन दिए हुए है या
नही, उसने काट लिया तो आप डॉक्टर के पास जायेंगे फिर वो 14 इंजेक्शन लगाएगा
वो भी पेट में लगाता है, उससे बहुत दर्द होता है और खर्च भी हो जाता है कम
से कम 50000 तक कई बार, गरीब आदमी के पास वो भी नही है ।
कुत्ता कभी भी काटे, पागल से पागल कुत्ता काटे, घबराइए मत, चिंता मत करिए
बिलकुल ठीक होगा वो आदमी बस उसको एक दावा दे दीजिये । दावा का नाम है
Hydrophobinum 200 और इसको 10-10 मिनट पर जीभ में तिन ड्रोप डालना है । ये
दवा आपको किसी भी होमियोपैथिक दवाईयो की दुकान पर मिल जाएगी, कितना भी पागल
कुत्ता काटे आप ये दवा दे दीजिये और भूल जाइये के कोई इंजेक्शन देना है।
इस दावा को सूरज की धुप और रेफ्रीजिरेटर से बचाना है। रेबिस सिर्फ पागल
कुत्ता काटने से ही होता है पर साधारण कुत्ता काटने से रेबिस नही होता।
आवारा कुत्तों अगर काट दिया है तो राजीव भाई के अनुसार आप अपना मन का बहम
दूर करने के लिए ये दवा दे सकते है लेकिन उससे कुछ नही होता वो हमारा मन का
वहम है जिससे हम परेशान रहते है, और कुछ डर डॉक्टरों ने बिठा रखा है के
इंजेक्शन तो लेना ही पड़ेगा। अपने शरीर में थोड़े बहुत resistance सबके पास
है अगर कुत्ते के काटने से उनके लारग्रंथी के कुछ वायरस चले भी गये है तो
उनको ख़तम करने के लिए हमारे रक्त में काफी कुछ है और वो ख़तम कर ही लेता है ।
लेकिन क्योंकि मन में भय बिठा दिया है शंका हो जाती है हमको confirm नही
होता जबतक 20000-50000 खर्च नही कर लेते ये उस समय लिए राजीव भाई ने ये
दावा लेने की बात कही है। और इसका एक एक ड्रोप 10-10 मिनट में जीभ पे तीन
बार डाल के छोड़ दीजिये । 30 मिनट में ये दवा सब काम कर देगा। ये दवा आपको
किसी भी होमियोपैथिक दवाईयो की दुकान पर मिल जाएगी
कई बार कुत्ता
घर के बच्चो से साथ खेल रहा होता है और गलती से उसका कोई दाँत लग गया तो आप
उस जखम में थोडा हल्दी लगा दीजिये पर साबुन से उस जखम को बिलकुल मत धोये
नही तो वो पक जायेगा; हल्दी Antibiotic, Antipyretic, Antititetanatic,
Antiinflammatory है।
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चीकू खाने के फायदे--
- चीकू हमारे ह्रदय और रक्त वाहिकाओं के लिए बहुत लाभदायक होता है।
- चीकू कब्ज और दस्त की बिमारी को ठीक करने बहुत सहायक होता है।
- चीकू खाने से gastrointestinal CANCER के होने का खतरा कम होता है।
- चीकू में Beta-Cryptoxanthin होता है जो की फेफड़ो के कैंसर के होने के खतरे को कम करता है।
- चीकू एनिमिया होने से भी रोकता है।
-यह हृदय रोगों और गुर्दे के रोगों को भी होने से रोकता है।
- चीकू खाने से आंतों की शक्ति बढती है और आंतें अधिक मजबूत होती हैं।
- चीकू की छाल बुखार नाशक होती है। इस छाल में टैनिन होता है।
- चीकू के फल में थोड़ी सी मात्रा में संपोटिन नामक तत्व रहता है। चीकू के
बीज मृदुरेचक और मूत्रकारक माने जाते हैं। चीकू के बीज में सापोनीन एवं
संपोटिनीन नामक कड़वा पदार्थ होता है।
- चीकू शीतल, पित्तनाशक, पौष्टिक, मीठे और रूचिकारक हैं।
- चीकू के पे़ड की छाल से चिकना दूधिया- `रस-चिकल` नामक गोंद निकाला जाता
है। उससे चबाने का गोंद च्युंइगम बनता है। यह छोटी-छोटी वस्तुओं को जो़डने
के काम आता है। दंत विज्ञान से संबन्धित शल्य क्रिया में `ट्रांसमीशन
बेल्ट्स` बनाने में इसका उपयोग होता है। `
- चीकू ज्वर के रोगियों के लिए पथ्यकारक है।
- भोजन के एक घंटे बाद यदि चीकू का सेवन किया जाए तो यह निश्चित रूप से लाभ कारक है।
- चीकू के नित्य सेवन से धातुपुष्ट होती है तथा पेशाब में जलन की परेशानी दूर होती है