नीम:-
बहुउद्देशीय सफेद बाल, मधुमेह और कई रोग के इलाज के लिए ट्री:-
नीम सर्वौषधि पेड़ जो करे सफेद बाल काले और डायबिटीज से लेकर एड्स, कैंसर और भी कई तरह की बीमारियों का इलाज ..
सफेद बाल करे काले: सफेद बाल काले करने के लिए नीम के तेल की कुछ बूंदें नासिका छिद्रों में टपकाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं. सिर की रूसी समाप्त करने के लिए नीम के पत्तों का काढ़ा बनाकर सिर धोना चाहिए.
चर्म रोग वा सफेद दाग: शरीर पर सफेद दाग होने पर नीम के फूल, फल तथा पत्तियों को मिलाकर बारीक पीस लें. इसे पानी में मिलाकर पीने से लाभ पहुंचता है. नीम के तेल से मालिश करने से विभिन्न प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं. नीम की पत्तियों को उबालकर और पानी ठंडा करके नहाया जाए तो उससे भी बहुत फायदा होता है. घाव नीम के पत्तों को पीसकर थोड़ा शहद मिलाकर घाव पर इसका लेप करने से लाभ होता है.
दाद: दाद वाली जगहों पर लगाएं, कुछ ही दिनों में दाद का काम तमाम हो जाएगा.
अस्थमा: अस्थमा के मरीज को नीम के बीजों का तेल पान में डालकर चबाना चाहिए.
पथरी: पथरी होने पर पानी के साथ नीम की पत्तियों की राख नियमित लेने से पथरी गल कर बाहर निकल जाती है.
कफ: नीम के फूलों का सेवन करने से कफ नष्ट होता है.
अन्य लाभ: नीम की कच्ची निबोरी के सेवन से पेट के कीड़े, बवासीर व कोढ आदि रोग दूर होते हैं. खाने में अरूचि होने पर नीम के पत्तों का सेवन लाभप्रद है. यही नहीं, नीम के हरे पत्तों का रस नाक में टपकाने से सिर का दर्द दूर होता है और कान में टपकाने से कान की पीड़ा में आराम मिलता है. प्रतिदिन नीम की दातुन करने से दांतों में सडऩ, दुर्गंध व कीटाणु नहीं रहते हैं
बहुउद्देशीय सफेद बाल, मधुमेह और कई रोग के इलाज के लिए ट्री:-
नीम सर्वौषधि पेड़ जो करे सफेद बाल काले और डायबिटीज से लेकर एड्स, कैंसर और भी कई तरह की बीमारियों का इलाज ..
सफेद बाल करे काले: सफेद बाल काले करने के लिए नीम के तेल की कुछ बूंदें नासिका छिद्रों में टपकाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं. सिर की रूसी समाप्त करने के लिए नीम के पत्तों का काढ़ा बनाकर सिर धोना चाहिए.
चर्म रोग वा सफेद दाग: शरीर पर सफेद दाग होने पर नीम के फूल, फल तथा पत्तियों को मिलाकर बारीक पीस लें. इसे पानी में मिलाकर पीने से लाभ पहुंचता है. नीम के तेल से मालिश करने से विभिन्न प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं. नीम की पत्तियों को उबालकर और पानी ठंडा करके नहाया जाए तो उससे भी बहुत फायदा होता है. घाव नीम के पत्तों को पीसकर थोड़ा शहद मिलाकर घाव पर इसका लेप करने से लाभ होता है.
दाद: दाद वाली जगहों पर लगाएं, कुछ ही दिनों में दाद का काम तमाम हो जाएगा.
अस्थमा: अस्थमा के मरीज को नीम के बीजों का तेल पान में डालकर चबाना चाहिए.
पथरी: पथरी होने पर पानी के साथ नीम की पत्तियों की राख नियमित लेने से पथरी गल कर बाहर निकल जाती है.
कफ: नीम के फूलों का सेवन करने से कफ नष्ट होता है.
अन्य लाभ: नीम की कच्ची निबोरी के सेवन से पेट के कीड़े, बवासीर व कोढ आदि रोग दूर होते हैं. खाने में अरूचि होने पर नीम के पत्तों का सेवन लाभप्रद है. यही नहीं, नीम के हरे पत्तों का रस नाक में टपकाने से सिर का दर्द दूर होता है और कान में टपकाने से कान की पीड़ा में आराम मिलता है. प्रतिदिन नीम की दातुन करने से दांतों में सडऩ, दुर्गंध व कीटाणु नहीं रहते हैं