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बुधवार, 1 अगस्त 2018

याद रहे, आप सिर्फ हिन्दू हैं ! एक रहे सशक्त रहे !

जो लोग इस मूर्खतापूर्ण धारणा के शिकार हैं कि जाति ने हिंदुओं को गुलाम बनाया, उनके हास्यास्पद अज्ञान पर तरस ही की जा सकती है ।
कुछ बातें उनके ध्यान में लाना आवश्यक है :
एक : इस्लाम और ईसाइयत विश्व के विशाल क्षेत्र में फैले हैं जहां केवल हिंदू धर्म नहीं था. अतः यदि किसी इलाके में इस्लाम और ईसाइयत का फैलना उस इलाके की गुलामी हैं तो जाहिर है कि उसके पीछे जाति कारण सब जगह तो नहीं थी।
2. स्वयं अरब पहले सनातन धर्म का ही उपासक था तो वहां इस्लाम फैलने का क्या कारण था?
3. जिन लोगों ने भारत में इस्लाम को रोका, वह सब के सब जाति व्यवस्था के प्रति पूरी तरह श्रद्धा वान लोग थे।
4  इस्लाम में भयंकर जाति प्रथा है जिसके विषय में अनेक प्रामाणिक तथ्य हम क्रमशः देंगे। यह जाति प्रथा भारत के मुसलमानों में नहीं ,भारत से बाहर फैले हुए इस्लाम में है और हिंदू समाज से कई गुना अधिक है। अतः बिना जानकारी के चाहे जो बोलना बकवास है ।उसका समाज के लिए कोई उपयोग नहीं है।
5 समस्त यूरोप में फैमिली और हाउसेस यानी कुलों और कुल समूहों की प्रबल मान्यता आज भी है
6  सर्वाधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत को गुलाम कहना स्वयं में एक अपराध है क्योंकि भारत एक भी दिन गुलाम नहीं रहा।
7  गुलाम उसे कहते हैं जो किसी बाहर वाले शासक के अधीन हो। भारत के सभी मुसलमान हिंदू पूर्वजों की ही संततियां हैं। यहां बाहर से कभी किसी ने आक्रमण नहीं किया।
8 भारत में ऐसी एक भी लड़ाई नहीं हुई जिसमें एक और मुसलमान हो और दूसरी और हिंदू। हर लड़ाई में दोनों ओर से हिंदू और मुसलमान दोनों ही शामिल थे। तब यह दो समूहों की भिड़ंत थी ना कि हिंदू और मुसलमान की। इसलिए किसी एक की हार को दूसरे की गुलामी नहीं कहा जा सकता।
9 भारत का ऐसा एक भी मुसलमान राजा या जागीरदार नहीं हुआ जिसके दीवान हिंदू न हो और जिसके सेनापति हिंदू न हो। इस प्रकार जिसे मुस्लिम शासन कहा जाता है वह हिंदू मुस्लिम साझा शासन था।
10  मूर्खों ,झूठे लोगों ,लफंगों और चापलूसों ने जिन्हें हिंदुस्तान का बादशाह कहा, वह सब के सब दिल्ली से आगरा के बीच के जागीरदार थे।
उसी अवधि में विशाल भारतवर्ष में 20 से अधिक इन जागीरदारों से बड़े-बड़े इलाके के राजा हिंदू थे। इसलिए दिल्ली आगरा क्षेत्र के जागीरदार के मुसलमान होने पर और वहां भी राजपूतों की साझेदारी होते हुए भी समस्त भारतवर्ष को मुसलमानों की गुलामी में रहा बताना देशद्रोह है ।
यद्यपि यह देशद्रोह मूर्खता पूर्वक अधिक किया जाता है और उसके पीछे भयंकर अज्ञान है
11 अंग्रेजों का शासन भी वस्तुतः भारत के राजाओं और लोगों की पूर्णता सहमति और साझीदारी से ही चला था और अंग्रेजों का राज लगभग आधे भारत में ही था ।
शेष भारत में भारतीय राजा शासन कर रहे थे।
12  जैसा भव्य और गौरवशाली प्रतिरोध भारत में इस्लाम और ईसाइयत को मिला वैसा विश्व में कहीं भी नहीं मिला इसका कारण जाति व्यवस्था से संपन्न और समृद्ध  हिंदू समाज ही है।
13  जो लोग भारत में जाति व्यवस्था की समाप्ति चाहते हैं ,वह विशाल हिंदू समाज के करोड़ों लोगों को किसी एक नए संगठन के अधीन लाने को इच्छुक हैं और इस प्रकार वह करोड़ों लोगों को कुछ 100 लोगों के नियंत्रण वाले किसी संगठन की गुलामी में ही लाना चाहते हैं ।

इस प्रकार जो लोग हिंदू समाज को गुलाम बनाना चाहते हैं केवल वही जाति व्यवस्था का विरोध करते हैं।
14 यह भी स्पष्ट है कि ब्राम्हण क्षत्रिय और उच्च कुलों  वाले वैश्यों के अतिरिक्त शेष कोई भी लोग अपनी जाति छोड़ने को किसी भी प्रकार तैयार नहीं है ।
इस प्रकार जाति व्यवस्था की समाप्ति के नाम पर सारा आग्रह ब्राह्मणों का जाति संहार या जाति नाश ,जाति विलोप,   क्षत्रियों का जाति संहार या जाति नाशऔर श्रेष्ठ वैश्यों का भी जातिविलोप ही है ।इस प्रकार जाति व्यवस्था के नाम पर बड़े हिस्सेकी , लोगों की विशाल जनसंख्या की पहचान छीन कर उन्हें पहचान विहीन बना देना और फिर  शेष(आरक्षित) लोगों की जाति को गरिमा मंडित करना ही है।
जिन कमाल के लोगों को ऐसा लगता है कि ऊंची जाति के लोग तथाकथित ऊंची जाति के लोग तथाकथित निचली जाति में विवाह करने लगे या इसका उल्टा होने लगे तो उससे हिंदू समाज में जान आ जाएगी ,उनको केवल यह बता दूं कि यह काम लाखों वर्षों से हो रहा है।
अगर उन्हें अपने हिंदू समाज के आधारभूत तत्व भी पता नहीं हैं तो बेहतर है कि वह थोड़ा शांत रहें और कुछ पढ़ने लिखने की आदत डालें ।
ऐसी मूर्खतापूर्ण बकवास से वे  केवल हंसी के पात्र बनते हैं।

ब्राह्मणों का निम्नतम जातियों से और निम्न जाति के लोगों का उच्च जाति के लोगों से विवाह लाखों वर्षों से हो रहा है और उसे दंडनीय अथवा अनुचित भी लाखों वर्षों से माना जा रहा है।
हिंदू समाज विश्व का एकमात्र समाज है जहां परस्पर विरोधी दिखने वाली सैकड़ों सैकड़ों परंपराएं साथ-साथ चल रही हैं। और इन महापुरुषों का सुझाव भी उनमें से एक धारा बन सकता है ।
कृपया ना तो स्वयं को अनोखा माने, ना ही  हिंदू समाज को कोई उपदेश दें।
हो सके तो हिंदू समाज के विषय में कुछ पढ़ें और जानें।

17 वीं शताब्दी से 1947 ईस्वी के पहलेतक  अनेक भ्रांतियां और विकृतियों के कारण  कुछ अज्ञानी और अहंकारी लोगों के द्वारा कुछ इलाकों में कुछ अहंकारी लोगों के द्वारा निश्चय ही गलत व्यवहार हुआ। परंतु यह अनुचित व्यवहार भी राष्ट्रव्यापी नहीं था।
तब भी 1947 ईस्वी तक हिंदू समाज को कानूनन बहुत से अधिकार प्राप्त थेऔर जाति एक एक मान्य इकाई थी। इसलिए उस समय तक जातिगत भेदभाव के विरुद्ध बातें करना और आवाज उठाना एक पुण्य कार्य था।
15 अगस्त 1947 ईस्वी के बाद से 1 यूरो भारतीय पंथ ने समस्त भारतवर्ष में हिंदू समाज को पूरी तरह अधिकारहीन कर दिया और हिंदू समाज की परंपरागत इकाइयों के पास एक भी अधिकार कानून नहीं बचा। केवल मुंह से बातें करने की स्वतंत्रता तो सबको है।
इसके साथ ही समस्त समाज की सर्वानुमति से किसी भी प्रकार का ऊंच नीच का भेदभाव बरतना या मुंह से बोलना दंडनीय अपराध घोषित हो गया।
बाद में तो मूल संविधान की भावना के विपरीत कतिपय विशेष जातियों को इस संदर्भ में विशेष अधिकार दे दिया गया कि वह यदि झूठे आरोप भी लगा दें तो बिना छानबीन के गिरफ्तारी हो जाएगी और इस प्रकार यह संविधान की मूल भावना का पूर्ण उल्लंघन था।
डॉ भीमराव अंबेडकर कभी भी इतनी गलत और विषमता मूलक बात को स्वीकार कर ही नहीं सकते थे ।यह जिन लोगों ने किया ,वे संविधान विरोधी और हिंदू समाज के तोड़क लोग हैं। उनका स्वयंको समाज मे न्याय की चिंता करनेवाले बताना स्पष्ट झूठ है।

इसके बाद लोकतंत्र के स्वाभाविक परिवेश के कारण और भारतीय समाज की परंपरागत मान्यताओं के कारण उन तथाकथित तिरस्कृत जातियों के लोग राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति न्यायाधीश उच्चाधिकारी मुख्य मंत्री केंद्रीय मंत्री सहित लाखों पदों पर विराजमान हैं।
इसके बाद से हिंदू समाज के तथाकथित जाति व्यवस्था की तथाकथित बुराई का गाना गाना और इस बहाने हिंदू समाज  का एक काल्पनिक और झूठा इतिहास रच कर उसे लांछित करना एक फैशन बन गया है जो किसी भी स्वस्थ और स्वाभाविक राष्ट्र में एक दंडनीय अपराध होना चाहिए।
85 करोड़ या 100 करोड़ की आबादी में यदि कुलों की, कुल समूहों की  यानी जातियों की कोई पहचान नहीं रहेगी तो दो ही मार्ग है : या तो सब व्यक्तियों का कोई एक ID नंबर होगा और वे उस से ही पहचाने जाएं अथवा नयी नयी- जातियां बनाएं जिन्हें यूनियन संगठन ,पेशेवर संगठन कहते हैं और उनके आधार पर लोगों की पहचान बने ।जोकि जाति का ही एक नया रूप है और बदतर रूप  है।

अंतरजातीय विवाह व्याकरणकी दृष्टिसे गलत शब्द है।जैसे अंतरराष्ट्रीय का अर्थहै राष्ट्रोंके मध्य,वैसेही अंतरजातीय का अर्थ है जातियोंके मध्य।जबकि  विवाह व्यक्तियोंके मध्य होताहै।वह यातो अनुलोम होताहै याप्रतिलोम।अंतरजातीय विवाह शब्द हिन्दू धर्म से पूर्णतः अनभिज्ञ व्यक्तियोंके दिमागकी खुजली की उपजहै।

बनिया कंजूस होता है,
नाई चतुर होता है,
ब्राह्मण धर्म के नाम पे बेबकूफ बनाता है,
यादव की बुद्धि कमजोर होती है,
राजपूत अत्याचारी होते हैं,
चमार गंदे होते हैं,
जाट और गुर्ज्जर बेवजह लड़ने वाले होते हैं,
मारवाड़ी लालची होते हैं...

और ना जाने ऐसी कितनी परम ज्ञान की बातें सभी हिन्दुओं को आहिस्ते - आहिस्ते सिखाई गयी !
नतीजा हिन् भावना, एक दूसरे जाती पे शक, आपस में टकराव होना सुरु हुआ और अंतिम परिणाम हुआ की मजबूत, कर्मयोगी और सहिष्णु हिन्दू समाज आपस में ही लड़कर कमजोर होने लगा !

उनको उनका लक्ष्य प्राप्त हुआ ! हजारों साल से आप साथ थे...आपसे लड़ना मुश्किल था..अब आपको मिटाना आसान है !

आपको पूछना चाहिए था की अत्याचारी राजपूतों ने सभी जातियों की रक्षा के लिए हमेशा अपना खून क्यों बहाया ?
आपको पूछना था की अगर चमार, दलित को ब्राह्मण इतना ही गन्दा समझते थे तो बाल्मीकि रामायण जो एक दलित ने लिखा उसकी सभी पूजा क्यों करते हैं ?
अपने नहीं पूछा की आपको सोने का चिड़ियाँ बनाने में मारवाड़ियों और बनियों का क्या योगदान था ?
जिस डॉम को आपने नीच मान लिया, उसी के दिए अग्नि से आपको मुक्ति क्यों मिलती है ?
जाट और गुर्जर अगर लड़ाके नहीं होते तो आपके लिए अरबी राक्षसों से कौन लड़ता ?

जैसे ही कोई किसी जाती की कोई मामूली सी भी बुरी बात करे, टोकिये और ऐतराज़ कीजिये !

याद रहे, आप सिर्फ हिन्दू हैं !
एक रहे सशक्त रहे !
मिलजुल कर मजबूत भारत का निर्माण करें !

✍🏻
रामेश्वर मिश्रा पंकज

आज का पंचांग 1 August 2018

.          *।। ॐ  ।।*
    🌞 *सुप्रभातम्* 🌞
««« *आज का पंचांग* »»»
कलियुगाब्द....................5120
विक्रम संवत्..................2075
शक संवत्.....................1940
मास.............................श्रावण
पक्ष...............................कृष्ण
तिथी............................चतुर्थी
प्रातः 10.20 पर्यंत पश्चात पंचमी
रवि.........................दक्षिणायन
सूर्योदय..............05.58.22 पर
सूर्यास्त..............07.08.29 पर
सूर्य राशि..........................कर्क
चन्द्र राशि........................मीन
नक्षत्र.......................पूर्वाभाद्रपद
प्रातः 11.13 पर्यंत पश्चात उत्तराभाद्रपद
योग............................अतिगंड
दोप 02.38 पर्यंत पश्चात सुकर्मा
करण..............................बालव
प्रातः 10.20 पर्यंत पश्चात कौलव
ऋतु..................................वर्षा
दिन..............................बुधवार

📿 *आंग्ल मतानुसार* :-
01 अगस्त सन 2018 ईस्वी ।

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
दोपहर 12.32 से 02.10 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा - यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

☸ शुभ अंक...............2
🔯 शुभ रंग...............हरा

💮 चौघडिया :-
प्रात: 06.00 से 07.38 तक लाभ ।
प्रात: 07.38 से 09.16 तक अमृत ।
प्रात: 10.54 से 12.32 तक शुभ ।
दोप. 03.47 से 05.25 तक चंचल ।
सायं 05.25 से 07.03 तक लाभ ।
रात्रि 08.25 से 09.47 तक शुभ ।

📿 *आज का मंत्र* :-
।।ॐ लोकमात्रेभ्यो नम: ।।

*सुभाषितम्* :-
विद्वत्वं च नृपत्वं च, न एव तुल्ये कदाचन् ।
स्वदेशे पूज्यते राजा, विद्वान् सर्वत्र पूज्यते ॥
अर्थात :-
विद्वता और राज्य अतुलनीय हैं, राजा को तो अपने राज्य में ही सम्मान मिलता है पर विद्वान का सर्वत्र सम्मान होता है॥

🍃 *आरोग्यं* :-
*डायबिटीज कंट्रोल करने के आयुर्वेदिक उपाय -*

*1. हल्दी का सेवन -*
डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए आप आहार में हल्दी के सेवन में वृद्धि कीजिए। आपको बहुत ही फायदा मिलेगा। करक्यूमिन हल्दी में सक्रिय घटक है, जो टाइप 2 मधुमेह को रोकने में मदद कर सकते हैं।

*2. मेथी दाना -*
मधुमेह या डायबिटज को कंट्रोल करने के लिए के निश्चित रूप से आपके घर में मेथी दाना का भंडार होना चाहिए। इसके लिए आप मेथी दाना अंकुरित का सेवन कर सकते हैं या सुबह में खाली पेट मेथी का पानी पी सकते हैं। डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए मेथी के बीज उपयोगी हो सकता है। बीज में फाइबर और अन्य रसायनों होते हैं जो डायबिटीज के लिए अच्छा होता है। इसका बीज शरीर को शुगर का उपयोग करने में सुधार करने में मदद कर सकता है और इंसुलिन की मात्रा को बढ़ा सकता है।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
आकस्मिक व्यय से तनाव रहेगा। अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होगा। विवेक से कार्य करें। स्थानीय धर्मस्थल की परिवार के साथ यात्रा होगी। पार्टनर से मतभेद समाप्त होगा। नौकरी में अधिकारी का सहयोग तथा विश्वास मिलेगा। पारिवारिक व्यस्तता रहेगी।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
लेनदारी वसूल होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। शत्रु भय रहेगा। व्यापार-व्यवसाय में ग्राहकी अच्छी रहेगी। नौकरी में कार्य व्यवहार, ईमानदारी की प्रशंसा होगी। मशक्कत करने से लाभ होगा। चिंता होगी। शत्रु पराजित होंगे।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
कारोबारी नए अनुबंध होंगे। नई योजना बनेगी। मान-सम्मान मिलेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्त्री कष्ट संभव। कलह से बचें। कार्य में सफलता, शत्रु पराजित होंगे। विवेक से कार्य बनेंगे। पेट रोग से ‍पीड़ित होने की संभावना। वस्त्राभूषण की प्राप्ति के योग।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
यात्रा सफल रहेगी। विवाद न करें। लेन-देन में सावधानी रखें। कानूनी बाधा दूर होगी। देव दर्शन होंगे। राज्य से लाभ होने की संभावना। मातृपक्ष की चिंता। वाहन-मशीनरी का प्रयोग सावधानी से करें। धनागम की संभावना। मित्र मिलेंगे। विवाद न करें।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
प्रेम-प्रसंग में जोखिम न लें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। झंझटों में न पड़ें। आगे बढ़ने के मार्ग मिलने की संभावना। शत्रु पराजित होंगे। लाभ होगा। स्वास्थ्य ठीक न हो। अनजाना भय सताएगा। राज्य से लाभ। शत्रु शांत होंगे।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
बेचैनी रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। राजकीय बाधा दूर होगी। नेत्र पीड़ा की संभावना। धनलाभ एवं बुद्धि लाभ होगा। शत्रु से परेशान होंगे। अपमान होने की संभावना। कष्ट की संभावना। धनहानि। कष्ट-पीड़ा। शारीरिक पीड़ा होगी।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। भागदौड़ रहेगी। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। धनागम सुस्त रहेगा। कार्य के प्रति अनमनापन रहेगा। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। कुछ लाभ की संभावना। चिंताएं कुछ कम होंगी।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
लेन-देन में सावधानी रखें। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। शत्रु पर विजय, हर्ष के समाचार मिलने की संभावना। कुसंग से हानि। धनागम सुखद रहेगा। प्रेमिका मिलेगी। कुछ आय होगी। माता को कष्ट रहेगा।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
भय, पीड़ा व भ्रम की स्थिति बन सकती है। व्यर्थ भागदौड़ होगी। भय-पीड़ा, मानसिक कष्ट की संभावना। लाभ तथा पराक्रम ठीक रहेगा। दु:समाचार प्राप्त होंगे। हानि तथा भय की संभावना, पराक्रम से सफलता, कलहकारी वातावरण बनेगा। भयकारक दिन रहेगा।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। घर-बाहर अशांति रह सकती है। प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा के योग बनेंगे। कुछ कष्ट होने की संभावना। लाभ के योग बनेंगे। स्त्री वर्ग को कष्ट। कुसंग से कष्ट। कलहकारक दिन रहेगा। अपनी तरफ से बात को बढ़ावा न दें।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
शुभ समाचार प्राप्त होंगे। पुराने मित्र व संबंधी मिलेंगे। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। आय में वृद्धि होगी। विरोध की संभावना, धनहानि, गृहस्‍थी में कलह, रोग से घिरने की संभावना, कुछ कार्यसिद्धि की संभावना। चिंताएं जन्म लेंगी। स्त्री पीड़ा, कुछ लाभ की आशा करें।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
रोजगार में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। परिवार की चिंता रहेगी। लाभ होगा। अस्वस्थता का अनुभव करेंगे। चिंता से मुक्ति नहीं मिलेगी। शत्रु दबे रहेंगे। कलह-अपमान से बचें। संभावित यात्रा होगी। सावधानी बरतना होगी।

☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

मंगलवार, 31 जुलाई 2018

आज का पंचांग 31 july 2018

.          ।। *🕉* ।।
   🌞 *सुप्रभातम्* 🌞
««« *आज का पंचांग* »»»
कलियुगाब्द................5120
विक्रम संवत्..............2075
शक संवत्.................1940
रवि....................दक्षिणायन
मास.........................श्रावण
पक्ष...........................कृष्ण
तिथी.......................तृतीया
प्रातः 08.42 पर्यंत पश्चात चतुर्थी
सूर्योदय..........05.57.13 पर
सूर्यास्त..........07.08.56 पर
सूर्य राशि.....................कर्क
चन्द्र राशि..................कुम्भ
नक्षत्र.....................शतभिषा
प्रातः 08.59 पर्यंत पश्चात पूर्वाभाद्रपद
योग..........................शोभन
दोप 02.22 पर्यंत पश्चात अतिगंड
करण.........................विष्टि
प्रातः 08.42 पर्यंत पश्चात बव
ऋतु............................वर्षा
दिन......................मंगलवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :- 
31 जुलाई सन 2018 ईस्वी |

☸ शुभ अंक.............4
🔯 शुभ रंग...........काला

👁‍🗨 *राहुकाल :*
दोप 03.48 से 05.26 तक ।

🚦 *दिशाशूल :-*
उत्तरदिशा - यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 09.16 से 10.54 तक चंचल
प्रात: 10.54 से 12.32 तक लाभ
दोप. 12.32 से 02.10 तक अमृत
दोप. 03.48 से 05.26 तक शुभ
रात्रि 08.26 से 09.48 तक लाभ ।

📿 *आज का मंत्र :-*
|| ॐ विघ्नेश्वराय नमः ||

🎙 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् न ब्रूयात् सत्यमप्रियं।
प्रियं च नानृतं ब्रूयात् एष धर्मः सनातनः॥ 
अर्थात :-
सत्य बोलें, प्रिय बोलें पर अप्रिय सत्य न बोलें और प्रिय असत्य न बोलें, ऐसी सनातन रीति है ॥

🍃 *आरोग्यं :-*
*जले हुए घाव के घरेलू उपचार :-*

*7. टूथपेस्ट -*
टूथपेस्ट न केवल आपके दांत को साफ कर सकता है बल्कि कई घरेलू उपचारों में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। जल जाने पर टूथपेस्ट भी एक कारगर घरेलू उपचार है जिससे जलन तो कम होती ही है, साथ ही त्वचा पर फफोले भी नहीं पड़ते।

*8. तिल -*
आयरन, फाइबर और मैग्नीशियम से भरपूर तिल नरम त्वचा को बढ़ावा देता है। तिल का तेल त्वचा के लिए फायदेमंद है क्योंकि यह आपको चेहरे की झुर्रियां, शुष्क त्वचा की समस्याओं आदि से छुटकारा पाने में मदद करता है। जले हुए घाव का इलाज के लिए तिल का उपायोग राहत पहुंचाने में सहायक है। तिल को पीसकर जले हुए स्थान पर लगाने से जलन और दर्द नहीं होगा।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
योजना फलीभूत होगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। प्रमाद न करें।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
अध्यात्म में रुचि रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
विवाद को बढ़ावा न दें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। धनार्जन होगा। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। प्रसन्नता रहेगी।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
परीक्षा आदि में सफलता मिलेगी। उन्नति होगी। संपत्ति के कार्य लाभदायक रहेंगे। धनार्जन होगा।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। धनार्जन होगा। स्वादिष्‍ट भोजन का आनंद मिलेगा।प्रसन्नता रहेगी।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
विवाद को बढ़ावा न दें। शोक समाचार मिल सकता है। दौड़धूप अधिक रहेगी। लाभ के अवसर हाथ से निकलेंगे।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
मान-सम्मान मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। मेहनत का फल मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। प्रसन्नता रहेगी। अच्छे समाचार मिलेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
परीक्षा व साक्षात्कार में सफलता मिलेगी। नवी‍न वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। यात्रा, निवेश व नौकरी लाभदायक रहेंगे।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
चोरी, चोट व रोग आदि से बाधा व हानि संभव है। व्ययवृद्धि होगी। कर्ज लेना पड़ सकता है, धैर्य रखें।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
यात्रा सफल रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। डूबी हुई रकम प्राप्त होगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे।

☯ आज मंगलवार है अपने नजदीक के मंदिर में संध्या 7 बजे सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ में अवश्य सम्मिलित होवें |

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

सोमवार, 30 जुलाई 2018

आज का पंचांग 30 July 2018

.              ।। 🕉 ।।
*🙏🌹जय श्री राम🌹🙏*
🚩 🌞 *सुप्रभातम्* 🌞 🚩
◆««« *आज का पंचांग* »»»◆
कलियुगाब्द......................5120
विक्रम संवत्.....................2075
शक संवत्........................1940
मास...............................श्रावण
पक्ष.................................कृष्ण
तिथी.............................द्वितीया
प्रातः 06.40 पर्यंत पश्चात तृतीया
रवि..........................दक्षिणायन
सूर्योदय...............05.57.48 पर
सूर्यास्त................07.09.14 पर
सूर्य राशि...........................कर्क
चन्द्र राशि.........................कुम्भ
नक्षत्र.............................धनिष्ठा
प्रातः 06.22 पर्यंत पश्चात शतभिषा
योग.............................सौभाग्य
दोप 01.47 पर्यंत पश्चात शोभन
करण..................................गर
प्रातः 06.40 पर्यन्त पश्चात वणिज
ऋतु...................................वर्षा
दिन..............................सोमवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
30 जुलाई सन 2018 ईस्वी ।

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
प्रात: 07.38 से 09.16 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
पूर्व दिशा- यदि आवश्यक हो तो दर्पण देखकर यात्रा प्रारंभ करें।

☸ शुभ अंक..............3
🔯 शुभ रंग.............लाल

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 06.00 से 07.38 तक अमृत
प्रात: 09.16 से 10.54 तक शुभ
दोप. 02.10 से 03.48 तक चंचल
अप. 03.48 से 05.26 तक लाभ
सायं 05.26 से 07.04 तक अमृत
सायं 07.04 से 08.26 तक चंचल ।

📿 *आज का मंत्र* :-
|| ॐ त्रिलोचनाय नमः ||

 *संस्कृत सुभाषितानि* :-
गुरु शुश्रूषया विद्या पुष्कलेन् धनेन वा ।
अथ वा विद्यया विद्या चतुर्थो न उपलभ्यते ॥
अर्थात :
विद्या गुरु की सेवा से, पर्याप्त धन देने से अथवा विद्या के आदान-प्रदान से प्राप्त होती है। इसके अतिरिक्त विद्या प्राप्त करने का चौथा तरीका नहीं है ।

🍃 *आरोग्यं* :-
*जले हुए घाव के घरेलू उपचार :-*

*5. तुलसी -*
तुलसी को एक आश्चर्यजनक जड़ी बूटी के रूप में माना जाता है जो हमें त्वचा और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। तुलसी के तेल का एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण इसे इरिटेशन, छोटे घावों और घावों के लिए एक उत्कृष्ट उपाय है। इसके अलावा जले हुए हिस्से पर तुलसी के पत्तों का रस लगाना भी काफी प्रभावशाली माना जाता है। इससे जले हुए वाले भाग पर दाग बनने की संभावना कम होती है ।

*6. नमक पानी -*
नमक पानी कोलन और पाचन तंत्र को साफ करने में मदद के लिए जाना जाता है। इसके अलावा यह फफोले का उपचार करने में भी काफी फायदेमंद है। जलने पर तुरंत पानी में नमक डालकर गाढ़ा घोल बनाएं, और प्रभावित स्थान पर लगाएं, इससे ठंडक भी मिलेगी और त्वचा पर फफोले भी नहीं पड़ेंगे।

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। आय में वृद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। शत्रु सक्रिय रहेंगे। सावधानी रखें। आय में वृद्धि होगी।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
कुसंगति से कष्ट होगा। अध्यात्म में रुचि रहेगी। कानूनी बाधा दूर होगी। लभा के अवसर प्राप्त होंगे।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यवसाय ठीक चलेगा।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। कानूनी अड़चन दूर होगी। आय बढ़ेगी।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। रोजगार प्राप्त होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। जोखिम न उठाएं।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। बेचैनी रहेगी। जोखिम न लें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
वस्तुएं संभालकर रखें। विवाद को बढ़ावा न दें। दु:खद समाचार मिल सकता है। जोखिम न लें।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
अज्ञात भय सताएगा। प्रयास सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
अतिथियों का आगमन होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। प्रसन्नता रहेगी। आत्मसम्मान बना रहेगा।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
बेरोजगारी दूर होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। अचानक लाभ होगा।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
अप्रत्याशित खर्च होंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। जोखिम न लें।

☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।
                   
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

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