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बुधवार, 14 दिसंबर 2022

बेहोश करने वाला पौधा

 

😨. दुनिया का सबसे खतरनाक पौधा

🥦👉इसके नाम की खासियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एकोनिटम दुनिया का सबसे ख़तरनाक पौधा है क्योंकि ये आपके दिल की गति को धीमा कर देता है जिससे किसी भी व्यक्ति की मौत हो सकती है। इतना ही नहीं इसका सबसे ज़हरीला हिस्सा होता है जड़। हालांकि इसके पत्तों में भी जहर पाया जाता है। बता दें कि इन दोनों में ही न्यूरोटॉक्सिन होता है। ये वो जहर होता है, जो दिमाग पर असर करता है और इसे त्वचा भी सोख सकती है।

👉आक के पौधे को देशी भाषा में अकौआ के नाम से जाना जाता है. आक का पौधा बहुत ही विषैला होता है. इसको सूंघने मात्र से आप बेहोश हो सकते हैं, साथ ही इसके सूंघने मात्र से आपको मौत का सामना भी करना पड़ सकता है.

आक के पौधे शुष्क, उसर और ऊंची जगहों पर देखने को मिलते हैं। इस पौधे या फिर यूं कहें कि इस वनस्पति को लेकर साधारण समाज में यह भ्रान्ति फैली हुई है कि आक का पौधा बहुत ही विषैला होता है और इसके सेवन मात्र से किसी व्यकति की मौत हो सकती है। आयुर्वेद में इस बात को सत्य करार दिया गया है साथ ही इसकी गणना उपविषों में की गई है। आयुर्वेद के मुताबिक, इस पौधे का सेवन अधिक मात्रा में कर लिया जाये तो, उल्दी-दस्तके साथ-साथ मनुष्य की मृत्यु भी हो सकती है।

प्रसिद्ध "यूनिवर्स 25" का प्रयोग क्या था?

 

यूनिवर्स25 एक्सपेरिमेंट या ब्रम्हांड25 एक्सपेरिमेंट का उद्देश्य यह देखना था कि अगर किसी प्राणी के लिए पर्याप्त भोजन, और सारी सुविधाएं दे कर स्वर्ग सा वातावरण बना दिया जाए तो उन प्राणियों की क्या प्रतिक्रिया रहेगी….

डॉ. जॉन कैलहौन, एक अमेरिकी वैज्ञानिक द्वारा।

ऐसा लगता है कि यह 1970 के आसपास किया गया था।

हमने चूहों के लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन और पानी और एक बड़ी रहने की जगह के साथ एक विशेष स्थान बनाया है, जिसे "माउस स्वर्ग" कहा जा सकता है।

सबसे पहले, मैंने त्सुगई चूहों के चार जोड़े रखे।

उन्होंने जल्द ही प्रजनन करना शुरू कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप माउस की आबादी में वृद्धि हुई।

हालांकि, 315 दिनों के बाद, प्रजनन क्षमता में उल्लेखनीय गिरावट आने लगी।

जब चूहों की संख्या 600 तक पहुंच गई, तो चूहों के बीच एक पदानुक्रम का गठन किया गया, और तथाकथित "आउटकास्टर्स" दिखाई दिए।

पुरुषों के मनोवैज्ञानिक रूप से "पतन" होने के परिणामस्वरूप, बड़े चूहों ने पूरे झुंड पर हमला करना शुरू कर दिया।

नतीजतन, मादा चूहों ने अपनी और अपने बच्चों की रक्षा करने की अपनी मूल भूमिका को त्याग दिया और एक के बाद एक युवा चूहों के प्रति आक्रामकता दिखाना शुरू कर दिया (अपने क्षेत्रों और उनकी अति प्रतिक्रिया की रक्षा के लिए सामाजिक कार्रवाई करना शुरू कर दिया)।

समय के साथ, युवा चूहों की मृत्यु दर 100% तक पहुंच गई और प्रजनन दर शून्य हो गई।

लुप्तप्राय चूहों में समलैंगिकता देखी गई, और साथ ही प्रचुर मात्रा में भोजन के बावजूद नरभक्षण में वृद्धि हुई।

प्रयोग शुरू होने के दो साल बाद, इस "प्रयोगात्मक स्वर्ग" में आखिरी बच्चे का जन्म हुआ।

1973 तक, सभी "ब्रह्मांड 25" चूहों की मृत्यु हो गई थी।

वैसे, प्रयोगकर्ता ने 25 बार और दोहराया, और परिणाम हर बार समान था।

जानकारी स्त्रोत :

[1]

फुटनोट

सोमवार, 12 दिसंबर 2022

मनमोहन सिंह के समय 2004 से 2013 तक के आंकड़े देखें तो इन 10 सालों में 9,739 आतंकी घटनाएं हुईं।

 

शांतिदूत, अमित शाह आज तक के भारत के सर्वश्रेष्ठ गृह मंत्री है।

अमित शाह को कांग्रेस सरकार के गृह मंत्री पी चिदंबरम ने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में झूठा फंसाया था, बाद में कोर्ट ने गहन जांच के बाद अमित शाह को बाइज्जत बरी कर दिया था।

अमित शाह के गृह मंत्री बनने से पहले देश में सीरियल बम ब्लास्ट आम बात हुआ करती थी।

मनमोहन सिंह के समय 2004 से 2013 तक के आंकड़े देखें तो इन 10 सालों में 9,739 आतंकी घटनाएं हुईं।

मगर अमित शाह के गृह मंत्री बनने के बाद से भारत में सीरियल बम ब्लास्ट बंद हो गए हैं, यह होता है गृह मंत्री👇👇👇👇


मन्त्रों के पीछे का विज्ञान क्या है?

मन्त्रों के पीछे का विज्ञान क्या है?

किसी स्त्री की उत्तेजित आवाज़ से तुमने स्वयं में उत्तेजना महसूस की होगी, किसी व्यक्ति के गाली देने पर तुम भड़क भी गए होंगे, जरा सी डाट से तुम्हे अपमानित भी महसूस होता होगा, पड़ोस में बज रहे गाने पर कई बार तुम्हे नृत्य करने का भी मन हुआ है, किसी से प्रेम भरे शब्दो को सुनकर तुम्हारे दिल को तसल्ली मिली होगी।

देखो, यहाँ सब अनुभव की बात है। कोई दर्शन शास्त्र की बात नही है। कोई रटी रटाई बात नही है। यह सब तुम्हारे ही अनुभव की बात है। तुम किसी गाने में लड़की की अजीब वाली आवाज़ सुनकर उत्तेजित हुए होंगे। वह क्या था? शब्द शक्ति थी। शब्द स्फोट था। जिसने तुम्हारे अंदर यह उत्तेजना पैदा की। जिसने तुम में गाली सुनने के बाद क्रोध पैदा किया है, जिसने तुम में संगीत को सुनकर नृत्य के लिए विवशता पैदा की है। यह सामान्य बात है। आँखों देखी बात है। यह सब शब्द की शक्ति से सम्पन्न हुआ है।

मन्त्र भी शब्द ऊर्जा से ओतप्रोत है। जिनमे भयंकर ऊर्जा है। बड़ी तेज ऊर्जा है। यह ऊर्जा विस्फोटक भी है। प्रत्येक शब्द में ऊर्जा है और यही ऊर्जा तीनो स्तर पर कार्य करती है। आध्यात्मिक, अधिभौतिक और आधिदैविक स्तर पर कार्य करती है।

अगर तुम इस शब्दो की ऊर्जा के रूपांतरण को समझ लोगे तो तुम में सम्मोहन विधि आ जायेगी, तुम अपने शब्दों से घटनाओं को बदल सकते हो।

मन्त्र विज्ञान भी ऐसा ही है। मन्त्र शब्दों की शक्ति का ही रूप है। जिसे स्पष्ट उच्चारण करने पर प्रत्यक्ष प्रभाव होता है।

देखो, जरा सी बात है। सीधी सी बात है। इसमें कोई दुविधा नही है। सरल बात है। तुम जब कोई शब्द सुनते हो तो वह मस्तिष्क तक इलेक्ट्रोकेमिकल ट्रांसमिशन द्वारा पहुँच जाता है। तुम्हारे मस्तिष्क पर प्रभाव करता है। किसी ने गाली दी तो तुम भी गाली दे देते हो, या फिर अपमानित महसूस करते हो। तुम्हारी जैसी वृत्ति है, वैसा ही निर्णय तुम ले लेते हो। कई बार तो तुम किसी के शब्द सुनकर क्रोध में आकर अनिष्ट भी कर देते हो। क्योंकि यह शब्द तुम्हे उकसा देते है।

तुम्हारी भावना बदल देते है। जज्बात बदल देते है। तुम्हारी बॉडी पर बहुत प्रभाव करते है।

अब मन्त्र की बात कर लो। मन्त्र का हर शब्द कम्पन करता है। ब्रह्मण्ड में सब कम्पन ही तो कर रहा है। शब्द ही कम्पन करता है। करेगा ही। ऊर्जा का रूप है, कम्पन तो करेगा ही। तुम कहोगे की शब्द में कम्पन नही होता, तो तुम अपने आस कभी तेज आवाज में संगीत बजाना, ढोल बजाना, फिर देख लेना कि कैसे तुम्हारे कमरे की अलमारी में कम्पन होता है। कैसे तुम्हारे आस पास कम्पन महसूस होता है। यह सब शब्दो का कम्पन है।

मन्त्र के शब्दों में भी कम्पन है। अधिक कम्पन है। हर शब्द में अलग अलग फ्रीक्वेंसी का कम्पन है। यही कम्पन हमारे शरीर में अलग अलग प्रभाव छोड़ते है। अलग अलग तरह की ऊर्जा बदलते है। हर मन्त्र का कार्य अलग अलग होता है। क्योंकि हर शब्द की फ्रीक्वेंसी अलग अलग होती है। जब बार बार एक ही शब्द या एक ही मन्त्र को दोहराया जाता है तो frictional energy उतपन्न होती है। घर्षण शक्ति उतपन्न होती है। जब यह घर्षण शक्ति आने लगे तो अब मन्त्र अपने पूर्ण प्रभाव में आने लगता है। जैसा मन्त्र होगा वैसा ही कार्य करेगा।

मन्त्र का उच्चारण जब स्थूल स्तर पर करते है तब भी आंतरिक रूप में यह सूक्ष्म स्तर पर कम्पन करता है और सूक्ष्म स्तर पर जब कम्पन करते करते घर्षण शक्ति होने लगती है तो फिर हम में परिवर्तन शुरू हो जाता है। हममें परिवर्तन आने लगता है। हम मन्त्र के अनुरूप होने लगते है। मन्त्र की वृत्ति जैसे बनने लगते है।

हमारी वृत्ति मन्त्र से मिलने लगती है। अंत में हम स्वयं ही मन्त्र होते है। मन और बुद्धि के स्तर पर जब कम्पन होता है तो हम अब मन्त्र के उद्देश्य को पूर्ण करने पर आतुर होते है। मन्त्र चार अवस्थाओं से गुजर कर सिद्ध होता है, उसके बाद ही यह अपने पूर्ण रूप में कार्य करता है। इसके लिए मन्त्र सिद्धि की विधान है। मन्त्र सिद्धि में एक निश्चित संख्या में जो कियाजाता है। फिर उस मन्त्र ल दशांश हवन, मार्जन तर्पण आदि किया जाता है तब जाकर मन्त्र के प्रयोग शुरू होते है।

मन्त्रो के बारे में अधिक गूढ़ और विस्तृत विज्ञान है जिसको एक उत्तर में नही समझाया जा सकता।

क्योंकि मन्त्र भी हर व्यक्ति के लिए अलग अलग उपयोगी होते है। कोई मन्त्र किसी के लिए लाभ देता है तो अन्य व्यक्ति के लिए नुकसान दे सकता है। यह मन्त्र के प्रथम शब्दो से स्पष्ट पता चल जाता है।

इसलिए किसी मन्त्र को सिद्ध करने के लिए गुरु की उपयोगिता है। वह जानता है कि कौनसा मन्त्र ठीक रहेगा। कौनसा मन्त्र सही रहेगा। उस का निर्देश तुम्हे देगा। इसलिए किताब से सिद्धि नही मिलती।

मैंने मन्त्रो का प्रत्यक्ष प्रभाव देखा है। यह रजोगुणी विद्या है। स्पष्ट और लय में रहकर ध्यान के साथ जब मन्त्र उच्चारण करे तो आप कम्पन महसूस कर सकते है। इसमें कोई दोहराय नही। मैंने मन्त्रो के चमत्कार प्रत्यक्ष देखा है। इसलिए मुझे कोई संशय नही है। तुम भी मत रखो, प्रयोग करके देख लो।

चित्र स्त्रोत- गूगल


सम्राट अशोक" की "जन्म- जयंती" हमारे देश में "नहीं मनाई जाती" ??

 "सम्राट अशोक" की "जन्म- जयंती" हमारे देश में "नहीं मनाई जाती" ??
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बहुत सोचने पर भी, "उत्तर" नहीं मिलता! आप भी, इन "प्रश्नों" पर, "विचार" करें!
जिस -"सम्राट" के नाम के साथ, -"संसार" भर के, "इतिहासकार"- “महान” शब्द लगाते हैं
जिस -"सम्राट" का राज चिन्ह "अशोक चक्र"-" भारतीय", "अपने ध्वज" में लगाते है l
जिस -"सम्राट" का -"राज चिन्ह", "चारमुखी शेर" को, "भारतीय",- "राष्ट्रीय प्रतीक" मानकर,:- " सरकार" चलाते हैं l और "सत्यमेव जयते" को "अपनाया" है l
जिस देश में - "सेना का सबसे बड़ा युद्ध सम्मान", "सम्राट अशोक" के "नाम" पर, "अशोक चक्र" दिया जाता है l
जिस -"सम्राट" से -"पहले या बाद" में :- "कभी कोई ऐसा राजा या सम्राट नहीं हुआ"...l जिसने : -"अखंड भारत" (आज का नेपाल, बांग्लादेश, पूरा भारत, पाकिस्तान, और अफगानिस्तान) जितने, "बड़े भूभाग" पर:-"एक-छत्र राज" किया हो l
 सम्राट अशोक" के ही, समय में :- "२३ विश्वविद्यालयों" की "स्थापना" की गई l जिसमें :-  तक्षशिला, नालन्दा, विक्रमशिला, कंधार, आदि "विश्वविद्यालय", "प्रमुख" थे l इन्हीं "विश्वविद्यालयों" में "विदेश" से "छात्र", "उच्च शिक्षा" पाने, :- "भारत आया करते थे"
 जिस -"सम्राट" के "शासन काल" को -"विश्व" के "बुद्धिजीवी" और "इतिहासकार", "भारतीय इतिहास" का सबसे -"स्वर्णिम काल" मानते हैं
 जिस -"सम्राट" के "शासन काल" में :- "भारत"-  "विश्व गुरु" था l "सोने की चिड़िया" था l जनता -"खुशहाल" और "भेदभाव-रहित" थी l
जिस सम्राट के शासन काल में, सबसे "प्रख्यात" "महामार्ग", :- "ग्रेड ट्रंक रोड" जैसे कई -"हाईवे" बने l २,००० किलोमीटर लंबी पूरी "सडक" पर, "दोनों ओर", "पेड़" लगाये गए l "सरायें" बनायीं गईं..l मानव तो मानव..,पशुओं के लिए भी, प्रथम बार "चिकित्सा घर" (हॉस्पिटल) खोले गए  l "पशुओं को मारना बंद" करा दिया गया l
 ऐसे -"महान सम्राट अशोक", जिनकी -"जयंती" उनके -"अपने देश भारत" में :-"#क्यों नहीं मनायी जाती"#?? न ही, कोई -"छुट्टी" घोषित की गई है?*
दुख: है, कि :-जिन नागरिकों को ये -"जयंती", "मनानी" चाहिए..? वो अपना -"इतिहास" ही, "भुला" बैठे हैं l और , जो :- "जानते" हैं ? "वो":-  "ना जाने क्यों" ? "मनाना":- "नहीं चाहते"
*पिताजी का नाम - बिन्दुसार गुप्त
*माताजी का नाम - सुभद्राणी
"जो जीता, वही:- "चंद्रगुप्त" ना होकर ...? "जो जीता", वही :-"सिकन्दर" कैसे हो गया
जबकि - "ये बात" सभी जानते हैं, कि:- "सिकन्दर" की सेना ने -"चन्द्रगुप्त मौर्य" के "प्रभाव" को देखते हुए ही, :- "लड़ने से मना कर दिया" था! बहुत ही ,"बुरी तरह" से "मनोबल टूट गया था"! और "वापस लौटना" पड़ा था ।
कृपया - अपने सभी समुहों में भेजने का कष्ट करें l और हम सब मिल कर, बाक़ी साथियों को भी,"जागरूक" करें!
आइए  मिल कर - इस "ऐतिहासिक भूल" को, "सही करने" का,:-


कम से कम पांच ग्रुप मैं जरूर भेजे
कुछ लोग नही भेजेंगे
लेकिन मुझे यकीन है आप जरूर भेजेंगे🙏🙏🙏

रोचक जानकारी - इसे "Tree of Life (जीवन का पेड़)" भी कहा जाता है।

 

ऊपर के फोटो में दिख रहे दैत्याकार पेड़ का नाम है "बाओबाब"

[1]

ये मुख्यत: अफ्रीकन महाद्वीप में पाए जाते हैं। इस प्रजाति के कई पेड़ 1000 वर्ष से भी पुराने हैं।

इनका तना बड़ा ही रोचक आकार लिए हुए होता है जैसे पानी का कोई बड़ा सा ड्रम हो।

और सच में इनके इस ड्रमनुमा तने में ढेर सारा पानी भरा हुआ होता है। इनके तने का व्यास लगभग 30 फीट एवम इनकी हाइट 60 फीट तक चली जाती है। नामीबिया में एक पेड़ तो इस प्रजाति का सूमो बन चुका है जिसका व्यास करीब 87 फीट पहुंच चुका है।

इनके तनो में ये 100,000 लीटर पानी तक जमा कर सकते हैं।

जब बारिश होती है तो ये ढेर सारा पानी जमा कर लेते हैं और फिर सूखे मौसम में अपना काम चलाते हैं। तब भी पत्तियां और फल-फूल उग आते हैं। वहां इसे "Tree of Life (जीवन का पेड़)" भी कहा जाता है। सूखे के समय वे लोग इसकी छाल को खोलकर उसमें से पानी निकालते हैं।

लेकिन…लेकिन एक मिनट रुकिए ! रोचक बात इस अफ्रीकन पेड़ के बारे में नहीं है। रोचक बात तो अब मैं बताने जा रहा हूं।

इसके लिए हम आ जाते हैं सीधे 8000 किमी दूर। याने के अफ्रीका से लगभग 8000 किमी दूर इंदौर के पास मांडू या मांडव नाम की जगह पर।

यहां पर आपको हर जगह एक विशेष फल बिकता हुआ मिल जायेगा जिसे यहां कहा जाता है "मांडू की इमली"

हालांकि जब मैने इसे पहली बार खाया था तब असंतोष हुआ की इसका स्वाद इमली से काफी अलग था। ये इमली इमली जितना खट्टा नहीं होता लेकिन माना जाता है इसमें संतरे से अधिक विटामिन सी होता है।

इसके अंदर से सीताफल के जैसा सफेद गुदा फल के रूप में रहता है। जिसे सुखाकर भी वहां दुकानदार बेचते हैं।

आपको ये जानकर आश्चर्य होगा की ये मांडू की इमली बाओबाब प्रजाति के ही पेड़ का फल है। हालांकि मांडू में अफ्रीका जितने विशाल तो नहीं है लेकिन फिर भी ये मोटे तने के पेड़ जिनमे धरती से बहुत ऊपर थोड़े से पत्ते और फल लगे होते हैं बड़े अजीब लगते हैं दिखने में।

ये निश्चित तौर पर पता नहीं की अपनी जन्मस्थली से इतनी दूर ये अफ्रीका से मध्यप्रदेश कैसे आ गए। हैं ना काफी आश्चर्यजनक बात।

इसके अजीब से आकार के बारे में एक लोक कथा कहती है कि बाओबाब का पेड़ इतना ऊँचा था तो उसे अपने कद का बहुत घमंड हो गया था और वह अन्य सभी पेड़ों का मज़ाक उड़ाता था।

तो..भगवान ने इसे सबक सिखाने के बारे में सोचा। भगवान ने तब पेड़ को उखाड़ा और उसे उल्टा लगा दिया, और इसलिए इसकी शाखाएं जड़ों के गुच्छे के समान दिखती हैं।

प्रकृति बड़ी ही रोचक और अजब-गजब है और साथ ही एम.पी. अजब है…!! जैसा कि टूरिज्म वाली टैग लाइन कहती है।

इसके अलावा मांडू अपने पुराने महलों के लिए काफी फेमस है। अधिकांश अब खंडहर बन चुके हैं। फिर भी उस समय की बेहतरीन सिविल इंजीनियरिंग देखी जा सकती है।

कईं महलों में से एक जहाज महल है जो बारिश के मौसम में चारों तरफ से पानी से घिरा होता है, ऐसा प्रतीत होता है जैसे पानी का जहाज हो। बारिश के समय यहां की प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लग जाते हैं।

मेरे कैमरे के सौजन्य से मांडू की कुछ तस्वीरें:

फुटनोट

शनिवार, 10 दिसंबर 2022

 बाप ने पेट काट के बचाया बिटिया की शादी के लिए कुछ लोग आये, नीचता दिखा के चल दिए 😠

 बाप ने पेट काट के बचाया बिटिया की शादी के लिए
कुछ लोग आये, नीचता दिखा के चल दिए 😠


निवेदन :-अगर आपके सामने ऐसा कोई दृश्य दिखाई दे तो उसे टोके जरूर

  ऐसी चीज जो नाभि पर लगाते रहने से 40 साल का भी 25 साल का नजर आने लगता है

 

बचपन से ही नाभि पर साधारण देसी घी/सरसों तेल/ हींग या लौंग वाला देसी घी लगाते हमने देखा है। आजकल तो नाभि से सम्बंधित चीजों की बाढ़ जैसी आ गई है तेल लगाने से लेकर मालिश, लेप, नेवल केंडलिग, विभिन्न प्रकार के नेवल थेरपिज आदि। हमारे यहां इसका इस्तेमाल पीढ़ियों से चला आ रहा है और यह बेहद असरदार साबित होता रहा है।

सबसे पहले जान लेते हैं नाभि की महत्वता:-

  • जब हम कुंडलिनी, नाड़ी तंत्र और क्लासिकल हट योग की बात करते हैं तब आपकी नाभि को ऊर्जा के सबसे महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में देखा जाता है।
  • नाभि को प्राण की उत्पत्ति या बीज के रूप में भी देखा जाता है क्योंकि मां से गर्भ में पल रहे बच्चे को सारे पोषक तत्व नाभि (umbilical cord) से ही प्राप्त होते हैं।
  • कुंडलिनी के संदर्भ में नाभि के स्थान को मणिपुर 👆👆👆चक्र / एनर्जी चैनल के रूप में देखा जाता है इसे सोलर पलक्स …जो शरीर में ऊर्जा को बनाए रखता है…शरीर में वात पित्त और कफ जैसे दोषों को सुचारू रूप से संचालित करने में सबसे महत्वपूर्ण केंद्र है।
  • हमारे शरीर में अपानवायु और प्राणवायु को लेकर जा रही लगभग 72,000 नाड़ियों का समन्वय यहां होता है जो आपके शरीर के विभिन्न प्रकार की ऊर्जा केंद्रों से जुड़ी होती है।
  • इसके अलावा नाभि महिलाओं में एक सैक्सुअल अरुज़ल पोइंट है और पुरुष भी इस अंग की और संभवत आकर्षित होते हैं। इसी के चलते आजकल नाभि को आकर्षक बनाने के लिए सर्जरी का बिजनेस काफी फल-फूल रहा है।
  • इसके साथ ही दुनिया भर के कई कल्चरों में महत्व दिया गया है जैसे जापान में इससे संबंधित एक फेस्टिवल का आयोजन भी किया जाता है।
    [1]

आकार:-

  • नाभि विभिन्न प्रकार के आकार लिए होती है...
[2]
  • और इसका शेप खासकर गर्भवती महिलाओं में बदलता हुआ भी देखा गया है।

लाभ:-

एक छोटी सी नजर इसके लाभों पर डाल लेते हैं:-

  • नाभि मुख्यता पैंक्रियास और एड्रिनल ग्लैंड से जुड़ा होता है और यह दोनों ही हमारे शरीर में सबसे महत्वपूर्ण हारमोंस को बनाने वाले ग्लैंड हैं यदि हम नाभि पर तेल लगाते हैं तो इनका असर सीधा-सीधा इन दोनों पर पड़ता है जो इनकी कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से चलने में मदद करता है।
  • हमारे शरीर में डिटॉक्सिफिकेशन, शरीर में बन रहे खतरनाक टॉक्सिंस को शरीर से बाहर निकालने में,
  • रूखी, बेजान त्वचा को पोषित और चमकदार बनाने के लिए,
  • जिन लोगों को डाइजेस्टिव सिस्टम संबंधी रोग होते हैं जैसे खाने का समय पर ना पचना या गैस, बदहजमी, मंद जठराग्नि होना आदि में लाभदायक होता है।
  • इसके अलावा नाभि पर तेल लगाने से पीरियड के समय होने वाले दर्द में भी राहत मिलता है,
  • नाभि में तेल लगाने से पुराने से पुराना सर दर्द,
  • असमय बालों का सफेद होना, स्मरण शक्ति के लिए,
  • किडनी या लिवर सम्बंधी रोग,
  • आंखों की रोशनी के लिए,
  • महिलाओं में प्रजनन के संबंधित परेशानियां,
  • लोग स्ट्रेस के लिए भी नेवल ऑयल थेरेपी को प्राथमिकता दे रहे हैं।
    [3]

नोट:-इस में से काफी उपाय हमने खुद आजमाएं हैं।


तेल या लेप:-

  • नाभि पर विभिन्न प्रकार के तेलों या विभिन्न प्रकार के पदार्थों के लेप का प्रावधान है।
  • आप इसके लिए
  1. 🔸सरसों का तेल- जठराग्नि के लिए, 
  2. 🔹नीम का तेल -ऐक्ने के लिए,  
  3. 🔸देसी घी- एलर्जी, नजला-जुकाम, चक्रों की शुद्धि के लिए, त्वचा को जवान बनाएं रखने के लिए, 
  4. 🔹 तिल का तेल-शरीर में दर्द में राहत के लिए, 
  5. 🔸कैस्टर ऑयल-बालो सम्बंध रोगों के लिए, 
  6. 🔹 टी-ट्री आयल,  
  7. 🔸एसेंशियल ऑयल में आप अपनी पसंद से चुनाव कर सकते हैं,  
  8. 🔸इसके अलावा बादाम का तेल-आखों के लिए, 
  9. 🔹 नारियल का तेल- डेंड्रफ के लिए, आदि 

विशेष:-

  • हमें बिलकुल नहीं लगता है कि किसी चीज के केवल एक बार इस्तेमाल से आप इतना बड़ा परिवर्तन देख सकते हैं जितना कि प्रश्न में बताया गया है इसके विपरित अगर आप लंबे समय की बात करती है तो बिल्कुल ऐसा बदलाव होना कोई बड़ी बात नहीं है।
  • हमने ऐसे कई लोगों को देखा है जो अपनी उम्र से काफी वर्ष कम लगते हैं और पूछने पर वह इसी तरह की कुछ खास नियमों का पालन करते हैं जिसकी वजह से अपनी उम्र से कम नजर आतें हैं… इसके साथ ही केवल तेल या कोई थेरपी करना लाभकारी नहीं मान सकते हैं इसके लिए आपको प्राणायाम को भी साथ में बराबर तवज्जो देने पड़ती है।
  • हमारे यहां तो गाय के देसी घी को नाभि में इस्तेमाल से कायाकल्प की बात कही जाती है क्योंकि देसी घी से त्वचा , मुलायम और चमकदार बनती है, समय के साथ रिंकल्स, त्वचा का समय के साथ ढीला हो जाना आदि में चमत्कारी प्रभाव दिखाता है।
  • हम खुद भी काफी समय से सरसों और गाय के शुद्ध देसी घी का इस्तेमाल करते आ रहें हैं और यह बेहद असरदार है।
http://sanwariyaa.blogspot.com/2022/12/40-25.html

*!!! नाभि - तन्त्र !!!*

     *-: नाभि तन्त्र कुदरत की अद्भुत रचना :-*

✍🏻!! हमारा शरीर परमात्मा की अद्भुत देन है ! गर्भ की उत्पत्ति नाभी के पीछे होती है ! गर्भधारण के नौ महीनें अर्थात २७० दिन में एक सम्पूर्ण बाल स्वरूप बनता है ! नाभी के द्वारा सभी नसों का जुडाव गर्भ के साथ होता है ! और उसको माता के साथ जुडी हुई नाडी से सम्पूर्ण जरूरी पोषण पूरे गर्भकाल में मिलता रहता है ! और बच्चा गर्भ में आराम से रहता है ! नाभी हमारे पूरे सरीर का केन्द्र है ! हमारे सरीर जो बहत्तर हजार नाड़ियों का समूह है उन सब का जुड़ाव इसी नाभि से रहता है ! इसलिए मृत्यु के तीन घंटे तक नाभी गर्म रहती है ! इसलिए नाभी एक अद्भुत भाग है !!

▪️हमारी नाभि में गाय का शुद्ध घी या तेल डालने व लगाने से बहुत सारी बीमारियों व शारीरिक दुर्बलता का उपाय हो सकता है !!

*१ :-* आँखों का शुष्क हो जाना, नजर कमजोर हो जाना, दिमाग की कमजोरी, चमकदार त्वचा और बालों का झड़ना, बालों की लम्बाई, व बालों की खुस्की हटाने व चमकदार बनाने लिये उपाय !!

▪ सोने से पहले ३ से ७ बूँद गरी ( नारियल ) का तेल  नाभी में डालें और नाभी के आसपास डेढ़ इंच गोलाई में फैला देवें !!

*२ :-* घुटनों और जोड़ों का दर्द, जोड़ों से कट कट की आवाज, व स्लिप डिस्क, साइटिका, कमरदर्द आदि के लिए उपाय !!

▪ सोने से पहले ३ से ७ बूंद अण्डी ( एरण्डी ) का तेल नाभी में डालें और उसके आसपास डेढ इंच गोलाई में फैला देवें !!

*३ :-* शरीर में कम्पन्न तथा जोड़ो में दर्द और शुष्क त्वचा, होंठो का फटना, एड़ियों का फटना या एड़ियों से खाल निकलना आदि के लिए उपाय !!

▪ रात को सोने से पहले ३ से ७ बूंद सरसों का तेल नाभी में डालें और उसे चारों ओर डेढ इंच गोलाई में फैला देवें !!

*४ :-* मुंह और गाल पर होने वाले पिम्पल, झाईं, फुंसी, फोड़े, त्वचारोग, खून की खराबी, एलर्जी, छाजन,व सरीर पर दाने आदि के लिए उपाय !!

▪ नीम का तेल ३ से ७ बूंद नाभी में उपरोक्त तरीके से डालें !!

*५ :-* हमारे बालों का असमय सफेद हो जाना, बाल झड़ना, व कमजोर बाल, चेहरे पर झाइयॉ, पिंम्पल, चेहरे पर खुश्की, व चेहरे में चमक लाने के लिए उपाय !!

▪नाभि में बादाम का तेल या गाय का शुद्ध घी ३ से ७ बूंद डालने व डेढ़ इंच गोलाई में फैलाएं !!

*६ :-* शरीर का मोटापा, वजन बढ़ना, घुटनों व जोड़ो का दर्द, जोड़ों से कट कट की आवाज आना, चलने में तकलीफ होना, कन्धों का दर्द, यूरिक एसिड बढ़ना, स्लिप डिस्क, कमरदर्द, कोलेस्ट्राल बढ़ना, आदि अनेको बीमारियों के लिए उपाय !!

▪️जैतून का तेल ३ से ७ बूंद लेकर नाभि पर डालें व डेढ़ इंच गोलाई में फैलाएं !!

*नोट :-*  नाभि में तेल या घी डालने से पहले नाभि को अच्छी तरह से रुई की सहायता से साफ करलें ! फिर तेल या घी को हल्का सुहाता सुहाता गुनगुना कर लें ! फिर रात को आराम ले सीधे लेटकर नाभि में तेल या घी डालें व नाभी की गोलाई पर लगाएं ! व ऐसे ही सीधे लेटें रहें लगभग बीस मिनट तक ! ऐसे ही आप रोज या एक दिन छोड़कर भी कर सकते हैं !!

         *-: नाभी में तेल डालने का कारण :-*

✍🏻!! हमारी नाभी को मालूम रहता है ! कि हमारी कौन सी रक्तवाहिनी सूख रही है ! इसलिए वो उसी धमनी में तेल का प्रवाह कर देती है !!

*जैसे :-* जब बालक छोटा होता है ! और उसका पेट दुखता है तब हम हींग और पानी या तैल को मिलाकर उसके पेट और नाभी के आसपास लगाते हैं ! और उसका दर्द तुरंत गायब हो जाता है ! बस यही काम है ! नाभि में तेल या घी डालने का !!

बॉलीवुड के कुछ ऐसे कांड कौन से हैं जिनके बारे में अधिकतर आम लोग कभी जान नहीं पाते?

 बॉलीवुड के कुछ ऐसे कांड कौन से हैं जिनके बारे में अधिकतर आम लोग कभी जान नहीं पाते?

1. कई लोगों का दावा है कि "श्री देवी की मौत एक सुनियोजित हत्या थी"। नहीं, बोनी कपूर ने अपनी पत्नी को नहीं मारा। श्री देवी की जीवनशैली खराब थी क्योंकि वह हमेशा परिपूर्ण दिखना चाहती थीं। इस अस्वस्थ जीवनशैली के कारण उसकी मृत्यु हो गई।

2. कई लोगों का दावा है कि प्रियंका चोपड़ा और निक जोनास की शादी सिर्फ एक ड्रामा है। नहीं, प्रियंका मूर्ख नहीं है। वह अपने दम पर हॉलीवुड पहुंची। निक के साथ उसकी शादी वास्तविक है।

3. प्रियंका ने अपनी शादी की वजह से सलमान खान की फिल्म नहीं छोड़ी। उसने फिल्म छोड़ दी क्योंकि वह बाहरी शूटिंग पर मांगने वाले अनिवार्य शारीरिक संबंधों से तंग आ गई थी।

4. शाहिद कपूर कथित तौर पर अपनी पत्नी मीरा को धोखा देते हुए पकड़े गए हैं। यही कारण है कि उनकी दूसरी गर्लफ्रेंड ने उन्हें छोड़ दिया। मीरा स्क्रिप्ट रीडिंग में भाग लेती है और "सुझाव" देती है, जबकि वह फिल्मों के बारे में कुछ नहीं जानती है।

5. श्रद्धा कपूर उतनी अच्छी नहीं हैं, जितनी वह दिखाती हैं। वह अन्य अहंकारी अभिनेत्रियों की तरह है। उन्होंने स्ट्री की शूटिंग के दौरान राजकुमार राव के साथ कुछ मस्ती की।

6. ऐश्वर्या राय को प्रियंका की खूबसूरती से जलन है। ऐश्वर्या के अहंकार को चोट लगी है क्योंकि प्रियंका ने वास्तविक हॉलीवुड भूमिकाएं अर्जित कीं और पत्रिका कवर पर दिखाई दीं। ऐश्वर्या ने जो सपना देखा था, उसे प्रियंका ने हासिल कर लिया है।

7. अमिताभ बच्चन की बेटी श्वेता अपनी बुरी आदतों के कारण अपने पति से कानूनी रूप से अलग हो गई हैं। कथित तौर पर उसका अपने बचपन के दोस्त ऋतिक रोशन के साथ अफेयर था।

8. सलमान द्वारा किए गए सभी दान उनके वकीलों द्वारा सुझाए गए प्रचार स्टंट हैं। सलमान ने कभी अपने पैसे दान नहीं किए।

9. रणबीर कपूर और आलिया भट्ट का रिश्ता करण जौहर ने अपनी आगामी फिल्म ब्रह्मास्त्र को अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए बनाया है। लेकिन आलिया कपूर परिवार का हिस्सा बनने के लिए रणबीर से शादी करना चाहती हैं। वह रणबीर के साथ रहने के लिए सब कुछ कर रही है।

10. मी-टू आंदोलन आया और चला गया। इसी कारण उद्योग में फिर से उत्पीड़न की समस्या बढ़ गई है।

11. कई प्रसिद्ध लोगों ने अपने पीड़ितों से संपर्क किया है। उन्होंने उन्हें चुप रहने के लिए बहुत सारे पैसे की पेशकश की।

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