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रविवार, 5 फ़रवरी 2023

कौनसा शब्द शुद्ध है 'चिहन' या 'चिन्ह' ?

 कौनसा शब्द शुद्ध है 'चिहन' या 'चिन्ह' ?

देखा जाए तो अधिकतर लोग चिन्ह को सही मानते हैं। गूगल पर ढूंढने पर भी कई जगह चिन्ह लिखा हुआ दिखाई देता है।

लेकिन आपने जो पूछा है, उनमें से कोई भी सही नहीं है।

सही लिखना है तो "चिह्न " लिखना सही होता है। जिसमें ह् और न दोनों मिलकर संयुक्ताक्षर बन जाते हैं।

च + ह्रस्व ई + ह् + न क्रमशः लिखने पर चिह्न लिखा जा सकता है।

इसलिए चिह्न लिखना सही है।

देखिए ऊपर अशोक चिह्न और विराम चिह्न कैसे लिखा हुआ है ? अत: चिह्न को ऐसे लिखना ही सही है।

चित्र - गूगल पर उपलब्ध, जिनका अधिकार इनके मालिकों के पास सुरक्षित हैं।



ऊद्धव शुद्ध होगा ।ब्रिज भाषा मे-ऊधौ इतनी कहियो जाय।


कौनसा शब्द शुद्ध है 'आशीर्वाद' या 'आर्शीवाद' ?

आशीर्वाद शब्द शुद्ध रूप हैं. क्योंकी "आशिष" शब्दके साथ "वाद" शब्द की संधी या जोड किया गया हैं. इसीलिये संधी पश्चात "ष"अक्षर रफार यानी "र" में परिवर्तित हो गया हैं.

>आशिष + वाद =आशीर्वाद


इन चारो में संगृहीत शुद्ध है।

हिंदी वर्तनी में शुद्ध और अशुद्ध शब्दों की सूची में 'संगृहीत' को ही शुद्ध मान कर लिखा गया है।

नीचे लिखे गए शब्द शुद्ध - अशुद्ध की तरह देखें, जिसका लिंक उत्तर के अंत में दिया गया है।

संग्रहीत, संगृहित, संग्रहित या संगृहीत इन चारो का मतलब एक ही है।

लेखन की दृष्टि से संगृहीत सही है।

'संगृहीत' का समानअर्थी शब्द 'संग्रहित' को कहा जाता है।

संगृहीत का मतलब:-

  • संग्रह किया हुआ
  • एकत्र किया हुआ
  • जमा किया हुआ
  • संचित किया हुआ

उदाहरण -

  1. प्राचीन हस्तलिखित ग्रंथशोध विभाग के तत्वावधान में अब तक कई हजार प्राचीन पांडुलिपियाँ संगृहीत हुई हैं।
  2. संग्रहालय में पुरातन जमाने की कई वस्तुएँ संग्रहित करके रखी हुई हैं।
  3. हमारे कॉलेज के पुस्तकालय में अच्छे लेखकों की बहुत सारी रचनाएँ संग्रहित की गयी हैं।
  4. मेरे बेटे को विभिन्न देश की मुद्राओं को संग्रहित करने का शौक है।

उम्मीद है इस उत्तर से दुविधा दूर हो गयी होगी।

फुटनोट -हिन्दी व्याकरण : अशुद्ध वर्तनी,


यह संस्कृत का शब्द है।

हि धातु में तुन् प्रत्यय लगाकर इसकी व्युत्पत्ति सिद्ध होती है। इसका अर्थ होता है कारण, निमित्त, प्रयोजन,उद्देश्य।

संस्कृत में इसका रूप चलता है—हेतुः, हेतू, हेतवः अर्थात्

हेतुः =(एक)कारण,

हेतू =(दो)कारण,

हेतवः =(बहुत)कारण।

किन्तु संस्कृत की वाक्य रचना एवं अन्य भाषाओं की वाक्य रचना में बहुत अन्तर है। अतः यह स्पष्ट है कि हेतु ही सही है, हेतू नहीं।


शुद्ध शब्द में "वि" उपसर्ग लगाकर प्रयोग करने से विशुद्ध शब्द का निर्माण होता है। "वि" उपसर्ग का अर्थ है "विशेष" । इस प्रकार विशुद्ध शब्द का अर्थ है विशेष रूप से शुद्ध । अंग्रेजी भाषा में शुद्ध का अर्थ Pure और विशुद्ध का आशय Refined से है।

वाक्य प्रयोग :

  1. शुद्ध घी का उपयोग स्वास्थ्य के लिए उत्तम है।
  2. विशुद्ध काली गाय का घी सर्वोत्तम है।
  3. पं. रामचन्द्र शुक्ल ने अपने निबंधों में विशुद्ध हिंदी भाषा के शब्दों का प्रयोग किया है।

कुछ अन्य शब्दों के साथ उपसर्ग" वि " का प्रयोग देखिये :

नम्र : विनम्र (विशेष रूप से नम्र)

ज्ञान : विज्ञान (विशेष ज्ञान)

जय : विजय (विशेष रूप से जीतना )

इसके अतिरिक्त वि उपसर्ग लगाने से शब्दों के अर्थ में इस प्रकार का परिवर्तन भी हो जाता है।

वि + माता = विमाता : सौतेली माता

वि + फल = विफल : निष्फल, व्यर्थ, बेकार

वि + शिष्ट = विशिष्ट : विशेष, खास।


अनुल्लंघनीय और अनुलंघनीय में क्या शुद्ध ,क्या अर्थ और प्रयोग:—

________________________________________________

उत्तर—

पहले इस शब्द का संधि- विग्रह करके इसके मूल शब्द और उसके अर्थ को समझा जाए—

अनुल्लंघनीय——

अन्,+ उत् (उपसर्ग) +लंघन(मूल शब्द) +ईय

उपसर्गों, मूल शब्द एवं प्रत्यय का अलग-अलग अर्थ देखें—

अन्=नहीं

उत्=ऊपर

लंघन =लांघना, ऊपर से निकल जाना, आगे निकल जाना|

ईय =योग्य, होना चाहिए

अब इन सभी को पुनः संधि करके एक शब्द बनने की प्रक्रिया को समझते हैं—

अन् के न् में कोई स्वर नहीं है इसलिए उसके बाद आने वाले उत् का  मात्रा के रूप में जुड़ गया|

उत् के त् के बाद लंघन के  के आने से व्यंजन संधि का एक नियम लागू हुआ, जिसके अनुसार यदि त् के बाद ल आया हो तो, पहले आया हुआ त्, ल् में परिवर्तित हो जाता है|

उदाहरण= उत्+लेख =उल्लेख

उत् +लास =उल्लास आदि |

सूत्र-- तोर्लि (पाणिनीय अष्टाध्यायी) इस सूत्र द्वारा इस नियम का विधान होता है|

अब शब्द बना— अनुल्लंघन

पुनः अनुल्लंघन में ईय प्रत्यय जुड़कर बना—

अनुल्लंघनीय

अर्थ होगा— जिसे लांघ सकना असंभव हो/जो अवहेलना या उपेक्षा योग्य न हो/ जिसके आगे न जाया जा सके!

__________________________________________

 यहाँ यह बात ध्यान देने वाली है कि--

प्रत्यय के जुड़ने पर संधि का नियम नहीं लगता!

अन्यथा—

अ+ई =ए, जो कि गुण स्वर संधि का नियम है, लागू होता तो---

समाज+ इक=सामाजिक न हो कर सामाजेक आदि बनता.. पर ऐसा नहीं होता!

_______________________________________________

अब बात करते हैं— अनुलंघनीय की|

जैसा विश्लेषण ऊपर बताया गया है कि —

उत् के त् का ल् होता है… तो आधा ल् आना ही आना है!

क्योंकि उ अकेला उपसर्ग नहीं होता… तो उत् के त् का ल् ल के साथ आना ज़रूरी है!

अत: यह सिद्ध हुआ कि अनुलंघनीय शब्द व्याकरण की कसौटी पर शुद्ध नहीं , अतः यह अशुद्ध है|

________________________________________________

अब वाक्य-प्रयोग--

• गुरुओं की आज्ञा अनुल्लंघनीय होती है|

• कैलाश पर्वत-शिखर अनुल्लंघनीय है|

• सामने एक अनुल्लंघनीय नाला पड़ा|

सबसे पहले तो मैं यह बताना चाहूँगी कि 'वर्ना' और 'वरना' दोनों में कोई अंतर नहीं है।

हिंदी वर्तनी के अनुसार क्या लिखना सही है; पहले यह देखिए।

वरना = सही वर्तनी

वर्ना = ग़लत वर्तनी

हिंदी भाषा में वरना का मतलब 'नहीं तो'(else) होता है।

वरना का दूसरा मतलब अन्यथा (otherwise) होता है।

यह एक फारसी शब्द है। वाक्य के रूप में वरना का उदाहरण इस प्रकार होगा।

  • आप खाना खा लीजिए वरना (नहीं तो) मैं भी खाना नहीं खाऊँगी।
  • अपने टेनिस खेल प्रतियोगिता की तैयारी अच्छे से करो वरना (अन्यथा) जीत नहीं पाओगे।
  • वरना का एक मतलब यह भी होता है किसी को वरण करना( स्वीकार या अंगीकार करना)। जैसे- माता सीता ने श्री राम को अपने पति के रूप में वरण(स्वीकार या अंगीकार) किया।

मेरी जानकारी यही कहती है।

क्या प्रश्नकर्ता उस हिंदी शब्दकोष का स्क्रीन शॉट साझा कर सकते हैं, जहाँ दोनों शब्द वरना और वर्ना हों, क्योंकि शब्दकोष में तो मतलब भी लिखा रहता है।


भाषा में शब्दों की शुद्धता एक जटिल विषय है। एक वर्तनी जो इस समय गलत भविष्य में शुद्ध हो सकती है यदि उसका प्रयोग भाषा के जानकारों , समाचार पत्रों प्रत्रिकाओं और पुस्तकों में व्यापक हो जाए और और लम्बे समय तक प्रचलित रहे।

वर्तनी की शुद्धता अंतत: शिक्षित समाज तय करता है . अंग्रेजी के Colour शब्द का उदाहरण लेते हैं जिसको अमरीका में color लिखा जाता है। इंग्लैंड के लोग अमरीका वालो से ये नही कह सकते कि color को colour लिखो क्योंकि colour शुद्ध है . कहा भी तो माना नही जाएगा . सब जानते हैं कि color अमेरिकन अपभ्रंश वर्तनी है और colour ही मूल रूप है। लेकिन लम्बे समय के प्रयोग से और शिक्षित समाज के अपनाने के बाद अमरीकी शब्दकोशों ने भी इसको स्थान दे दिया है , अंततः color मान्य वर्तनी है। संस्कृत के अतिरिक्त अन्य सभी भाषाओँ का चलन व्यवहार ही निर्धारित करता है। संस्कृत में भी उदाहरण है जहाँ व्यवहार व्याकरण से भिन्न हो गया है , कमल शब्द का पुलिंग के रूप में प्रयोग होना इसका उदाहरण है। यहाँ पर अन्य प्रश्न भी है यदि मूल पर जाने लगे तो मूल का मूल क्या होगा ? अर्थात यदि color का मूल colour है तो colour का मूल क्या है ? क्या उसी मूल को नहीं अपनाया जाना चाहिए ? ये तो अंतहीन प्रक्रिया हो जायेगी। इतने मूल ढूँढ पाना असंभव है।

फिर भी भाषा में ये बदलाव इतने अनियंत्रित ना हों की समझ पाना मुश्किल हो जाए इसलिए समाज को सही वर्तनियों की सूची शब्दकोशों के माध्यम से रखनी चाहिए , जिसके समय समय पर नए संस्करण प्रकाशित होते रहने चाहिए। ( प्रकाशन से बाहर शब्दकोशों को विदेशी विश्वविद्यालय ऑनलाइन प्रकाशित करा रहें हैं ये सुखद बात है। पुराने शब्दकोश बजार में फिर से उपलब्ध हो रहे हैं. )

अभिप्राय ये है कि शब्दकोश ही वर्तनी शुद्धता प्रथम आधार है , यद्यपि कुछ भी तर्क से परे नहीं है और टंकण त्रुटि इत्यादि को भी देखना होता है।


"अथवा" और "या" दोनों ही शब्द एक से अधिक विकल्पों में चयन करने के अर्थ में प्रयुक्त होते हैं। किन्तु सामान्य परिस्थितियों में "अथवा" से आरम्भ कर चयन करने के तात्पर्य में वाक्य रचना नहीं की जा सकती है, जो कि "या" के प्रयोग से हो सकती है। यथा निर्भय हाथरसी की यह कविता :

"या तो मुझसे भजन करा ले या कमरा खाली करवा दे!"

इसमें पहली बार जो "या" शब्द प्रयुक्त है उसका "अथवा" में परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। अंग्रेजी भाषा में यह वाक्य रचना "Either… or…" वाली है, जिसके समरूप वाक्य रचना में "either" के स्थान पर "या" का प्रयोग हो सकता है, किन्तु "अथवा" का नहीं।

"या" हिन्दी भाषा में फ़ारसी भाषा के इसी शब्द (یا) के समरूप में आयातित है। वहीं "अथवा" संस्कृत भाषा से हिन्दी में तत्सम रूप में लिया गया है।

हम हिन्दी में कहते हैं कि "या आज या कल" इसे फ़ारसी में "یا امروز یا فردا‎" (या इमरोज़ या फर्दा) कहेंगे। इस रूप में यह भारोपीय मूल का शब्द है।

"या" शब्द का सम्बोधनवाचक रूप में प्रयोग भी प्रयोग किया जाता है, यथा "या! अल्ला!"। इस रूप में यह अरबी भाषा से (फ़ारसी के माध्यम से) आयातित शब्द है।

"या" का चयन के अर्थ में पार्थियन भाषा के 𐫀𐫃𐫀𐫖 (आग़ाम्) से फ़ारसी भाषा में "या" के रूप में परिवर्तित होकर हिन्दी में आना हुआ है। इस शब्द का मूल अर्थ "(अथवा) इस विधि से" प्रतीत होता है। इसकी तुलना वैदिक भाषा के शब्द "अया" से की जा सकती है।

धियं वो अप्सु दधिषे स्वर्षां ययातरन्दश मासो नवग्वाः ।

अया धिया स्याम देवगोपा अया धिया तुतुर्यामात्यंहः ॥

— ऋग्वेदः ५.४५.११॥

संस्कृत में "वा" का भी प्रयोग भी "या" के अर्थ में होता है, तथा "अथवा" शब्द की व्याख्या इस प्रकार है :

अथवा¦ अव्य॰ अथेति वायते अथ + वा--का। पक्षान्तरे

“अथवा कृतवाग्द्वारे इति”

“अथवा मृदु वस्तु हिंसितु-मिति” च रघुः।

“अथ वा हेतुमान्निष्ठविरहाप्रतियोगि-नेति” भाषा॰।

— वाचस्पत्यम्

"अथवा" (वा) का प्रयोग विकल्प, सदृश्यता तथा समुच्चय ("भी", "एवं"), पुष्टिकरण में वाक्य रचना के लिए हो सकता है। तथा "वा" का एक वाक्य में "या" के समान ही दोहराव कर "Either… or…" के समरूप वाक्य रचे जा सकते हैं। यथा :

सर्वपापहरां देवि! सौभाग्यारोग्यवर्धिनीम्।

न चैनां वित्तशाठ्येन कदाचिदपि लङ्घयेत्॥

नरो वा यदि वा नारी वित्तशाठ्यात् पतत्यधः॥

— मत्स्यपुराणम् ६२.३४ ॥



प्राण कुल दस होते हैं; जिन्हें सम्मिलित रूप से संक्षेप में भी प्राण कह देते हैं। इसलिए प्राण शब्द बहुवचन है।

मुख्य प्राण ५ हैं, जिनके नाम इस प्रकार हैं:
१. प्राण,
२. अपान,
३. समान,
४. उदान, और
५. व्यान

और उपप्राण भी पाँच हैं:
१. नाग,
२. कुर्म,
३. कृकल,
४. देवदत,
५. धनञ्जय

मुख्य प्राण :-

१. प्राण :- इसका स्थान नासिका से ह्रदय तक है। नेत्र, श्रोत्र, मुख आदि अवयव इसी के सहयोग से कार्य करते हैं. यह सभी प्राणों का राजा है। जैसे राजा अपने अधिकारियों को विभिन्न स्थानों पर विभिन्न कार्यों के लिये नियुक्त करता है, वैसे ही यह भी अन्य अपान आदि प्राणों को विभिन्न स्थानों पर विभिन्न कार्यों के लिये नियुक्त करता है।

२. अपान :- इसका स्थान नाभि से पाँव तक है। यह गुदा इन्द्रिय द्वारा मल व वायु, उपस्थ (मूत्रेन्द्रिय) द्वारा मूत्र व वीर्य तथा योनी द्वारा रज व गर्भ का कार्य करता है।

३. समान :- इसका स्थान ह्रदय से नाभि तक बताया गया है। यह खाए हुए अन्न को पचाने तथा पचे हुए अन्न से रस, रक्त आदि धातुओं को बनाने का कार्य करता है।

४. उदान :- यह कण्ठ से सिर (मस्तिष्क) तक के अवयवों में रहता है। शब्दों का उच्चारण, वमन (उल्टी) को निकालना आदि कार्यों के अतिरिक्त यह अच्छे कर्म करने वाली जीवात्मा को अच्छे लोक (उत्तम योनि) में, बुरे कर्म करने वाली जीवात्मा को बुरे लोक (अर्थात सूअर, कुत्ते आदि की योनि) में तथा जिस आत्मा ने पाप – पुण्य बराबर किए हों, उसे मनुष्य लोक (मानव योनि) में ले जाता है।

५. व्यान :- यह सम्पूर्ण शरीर में व्याप्त रहता है। ह्रदय से मुख्य १०१ नाड़ीयाँ निकलती है, प्रत्येक नाड़ी की १००-१०० शाखाएँ हैं तथा प्रत्येक शाखा की भी ७२००० उपशाखाएँ है । इस प्रकार कुल ७२७२१०२०१ नाड़ी शाखा- उपशाखाओं में यह रहता है। समस्त शरीर में रक्त-संचार, ,प्राण-संचार का कार्य यही करता है तथा अन्य प्राणों को उनके कार्यों में सहयोग भी देता है ।

उपप्राण :-
१. नाग :- यह कण्ठ से मुख तक रहता है। उदगार (डकार), हिचकी आदि कर्म इसी के द्वारा होते हैं।

२. कूर्म :- इसका स्थान मुख्य रूप से नेत्र गोलक है। यह नेत्र गोलकों में रहता हुआ उन्हे दाएँ -बाएँ, ऊपर-नीचे घुमाने की तथा पलकों को खोलने बंद करने की किया करता है। आँसू भी इसी के सहयोग से निकलते है।

३. कूकल :- यह मुख से ह्रदय तक के स्थान में रहता है तथा जृम्भा (जंभाई=उबासी), भूख, प्यास आदि को उत्पन्न करने का कार्य करता है।

४. देवदत्त :- यह नासिका से कण्ठ तक के स्थान में रहता है। इसका कार्य छींक, आलस्य, तन्द्रा, निद्रा आदि को लाने का है ।

५. धनज्जय :- यह सम्पूर्ण शरीर में व्यापक रहता है। इसका कार्य शरीर के अवयवों को खींचे रखना, माँसपेशियों को सुंदर बनाना आदि है। शरीर में से जीवात्मा के निकल जाने पर यह भी बाहर निकल जाता है, फलतः इस प्राण के अभाव में शरीर फूल जाता है ।

अधिक जानकारी के लिए देखें:

प्राण क्या है?

प्राण

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BBC की डाक्युमेंट्री और कश्मीर फाईल्स में क्या फर्क है?

 

विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स और बीबीसी की डोक्युमेंट्री 'इंडिया द मोदी क्वेश्चन' में एकमात्र अंतर ये है कि एक ने सत्य को नंगी आंखों से देखा, और दूसरे ने आंखों पर हरा चश्मा लगा कर सत्य को देखा।

जिसने नंगी आंखों से सत्य को देखा, उसे लाउड स्पीकरों से गरजता आतंक दिखा, नंगी तलवारें लिए जेहादी दिखे और कटते मरते निर्दोष पंडित और हिंदु दिखे।

जिसने हरा चश्मा लगा कर सत्य को देखा उसे सत्य दिखा या नहीं दिखा, ये तो वो स्वयं ही जाने, परंतु तिस्ता सेतलवाडो और राणा अय्युबों द्वारा बड़े ही परिश्रम से गढ़ा गया झूठ अवश्य ही दिखा।

सत्य और झूठ में जो फर्क है वहीं फर्क द कश्मीर फाइल्स और इंडिया द मोदी क्वेश्चन में है।

गुजरात 2002 का संपूर्ण सत्य ये है 👇

प्रश्न यह उठता है कि बीबीसी ने इसे अनदेखा क्यों किया?

इन कारसेवकों का दोष क्या था जो उन्हें इतनी भयानक मौत दी गई?

प्रश्नकर्ता कदाचित इसका बेहतर उत्तर दे सकें!!

🙏

इमेज़ गूगल से ली है।

शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2023

सारा भरम दूर कर देगा ये पोस्ट गर्व कर देगा हिन्दु होने पर, शायद जातिवाद भी कम हो जाए पढ़कर पीढ़ियों से आरक्षण किसके पास...?

जय श्री राम।।

सारा भरम दूर कर देगा ये पोस्ट गर्व कर देगा हिन्दु होने पर, शायद जातिवाद भी कम हो जाए पढ़कर पीढ़ियों से आरक्षण किसके पास...?

गहना बनाने का आरक्षण -- सुनार
हथियार बनाने का आरक्षण -- लोहार
पत्तल बनाने का आरक्षण -- बारी
सूप बनाने का आरक्षण -- धरिकार
नाव चलाने का आरक्षण -- मल्लाह
बर्तन बनाने का आरक्षण -- ठठेरा
कपड़े सिलने का आरक्षण -- दर्जी
फर्नीचर बनाने का आरक्षण -- बढ़ई
बाल काटने का आरक्षण -- नाई
ईंट बनाने का आरक्षण -- प्रजापति
मूर्ति बनाने का आरक्षण -- शिल्पकार
घर बनाने का आरक्षण -- राजमिस्त्री
तेल पेरने का आरक्षण -- तेली
पान बेचने का आरक्षण -- बरई
दूध बेचने का आरक्षण --- ग्वाला
मांस बेचने का आरक्षण -- खटिक
जूता बनाने का आरक्षण -- चर्मकार
माला बनाने का आरक्षण -- माली
मिठाई बनाने का आरक्षण -- हलवाई
टेक्सटाइल का आरक्षण -- दर्जी
चूड़ी का आरक्षण -- मनिहार
रियल सेक्टर का आरक्षण -- कुम्हार

क्या हजार साल से किसी सुनार ने लोहार को दामाद बनाकर उसको अपने आरक्षित व्यवसाय में घुसने दिया ?
तो फिर आखिर आरक्षण का असली आनन्द कौन लिया ?

जब हजारों साल इन्ही पेशे से रोजगार लिया किसी को घुसने नही दिया, तो आज इस पेशे के कारण खुद को पिछड़ा क्यों कहते हो ?

विचार करें ?

इन सारे सम्मानित व्यवसाइयों को आज संविधान ने पिछड़ा और अछूत बना दिया है।

सनातन धर्म में जब सरकारी नौकरी नहीं होती थी, तब सबको रोजगार दिया गया, फिर अन्याय कहाँ ?

क्षत्रियों का आरक्षण क्या था -- जवानी में बलिदान होकर उनकी औरतों का विधवा होना, बच्चों का अनाथ होना। जो कोई भी नही करना चाहेगा, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया।

जाति मंदिरों में नहीं पूछी जाती है, लेकिन संविधान में पूछी जाती है, सरकारी नौकरी में पूछी जाती हैं, राशन, स्कालरशिप और हर संस्थानो में पूछी जाती है।

 

पहले के जमाने मे कमाने खाने के लिए सरकारी नौकरी तो होती नही थी।

ब्राह्मणों ने अपने लिए भिक्षा माँगना और अध्यापन रखा
यह सब व्यवसाय जिससे भारत पूरी दुनिया में सोने की चिड़िया था। भारत को सोने की चिड़िया बनाने वाले पिछड़े कैसे ?

ब्राह्मणों ने क्षत्रियों के हिस्से में बलिदान दिया और स्वयं ब्राह्मणों ने कई बार क्षत्रियों के साथ मिलकर बलिदान और त्याग किया।

फिर भी अपने हिस्से में भिक्षाटन रखा, तो फिर उन्होंने जाति व्यवस्था में अन्याय कैसे किया???

*अंग्रेजों ने मुगलों ने, मुगलों की पार्टी कांग्रेस ने, कम्युनिस्टों ने सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ के लिए हिंदुओं को जातियों में बाटा और जनजातियों में ज्यादा से ज्यादा नफरत के बीज बोए, हिंदुओं के बीच ज्यादा से ज्यादा लड़ाई करवाएं, ताकि हिंदू आपस में जितना हिंदू काफिर लड़ाई करेगा, हिंदू काफिर उतना कमजोर होगा और भारत उतना आसानी से इस्लामिक देश बनेगा,*

*यह सब एक अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा है भारत को गजवा ए हिंद के तहत इस्लामिक देश बनाने का बहुत बड़ा षड्यंत्र है जो भारत ने पिछले हजार साल से चल रहा है वही गजवा ए हिंद जो मुगलों के धर्म ग्रंथों में लिखा हुआ है जो भी व्यक्ति गजवा ए हिंद के तहत भारत को इस्लामिक देश बनाने में सहयोग करेगा, उसे मोक्ष की प्राप्ति होगी जन्नत मिलेगा 72 हूरे कुंवारी सुंदरियां मिलेगी और यह मुग़ल बहरूपिया विभिन्न राजनीतिक पार्टियों में घुसकर इसी काम में लगे हैं प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से, मंदबुद्धि जयचंद को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है जल्द ही मुग़ल जयचंद का भी इलाज करेंगे जैसे ही भारत इस्लामिक देश बनेगा जयचंद प्रजाति का भी का भी पूरा इलाज हो जाएगा, वह समय अब दूर नहीं है भारत 100 करोड़ मुगलों से घिरा हुआ देश है और भारत के अंदर 40 करोड़ तालिबानी बांग्लादेशी रोहिंग्या घुसपैठिया अलकायदा के लोग आकर बस गए हैं अवश्य विचार करें जय हिंद जय भारत*🙏🙏

गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

इंग्लैंड में पहला स्कूल 1811 में खुला उस समय भारत में 7,32,000 गुरुकुल थे, आइए जानते हैं हमारे गुरुकुल कैसे बन्द हुए।

इंग्लैंड में पहला स्कूल 1811 में खुला उस समय भारत में 7,32,000 गुरुकुल थे, आइए जानते हैं हमारे गुरुकुल कैसे बन्द हुए।

हमारे सनातन संस्कृति परम्परा के गुरुकुल में क्या क्या पढाई होती थी, ये जान लेना पहले जरूरी है। 

01 अग्नि विद्या (Metallurgy) 

02 वायु विद्या (Flight) 

03 जल विद्या (Navigation) 

04 अंतरिक्ष विद्या (Space Science) 

05 पृथ्वी विद्या (Environment) 

06 सूर्य विद्या (Solar Study) 

07 चन्द्र व लोक विद्या (Lunar Study) 

08 मेघ विद्या (Weather Forecast) 

09 पदार्थ विद्युत विद्या (Battery) 

10 सौर ऊर्जा विद्या (Solar Energy) 

11 दिन रात्रि विद्या 

12 सृष्टि विद्या (Space Research) 

13 खगोल विद्या (Astronomy) 

14 भूगोल विद्या (Geography) 

15 काल विद्या (Time) 

16 भूगर्भ विद्या (Geology Mining) 

17 रत्न व धातु विद्या (Gems & Metals) 

18 आकर्षण विद्या (Gravity) 

19 प्रकाश विद्या (Solar Energy) 

20 तार विद्या (Communication) 

21 विमान विद्या (Plane) 

22 जलयान विद्या (Water Vessels) 

23 अग्नेय अस्त्र विद्या (Arms & Ammunition) 

24 जीव जंतु विज्ञान विद्या (Zoology Botany) 

25 यज्ञ विद्या (Material Sic) 

ये तो बात हुई वैज्ञानिक विद्याओं की, अब बात करते हैं व्यावसायिक और तकनीकी विद्या की ! 

26 वाणिज्य (Commerce) 

27 कृषि (Agriculture) 

28 पशुपालन (Animal Husbandry) 

29 पक्षिपलन (Bird Keeping) 

30 पशु प्रशिक्षण (Animal Training) 

31 यान यन्त्रकार (Mechanics) 

32 रथकार (Vehicle Designing) 

33 रतन्कार (Gems) 

34 सुवर्णकार (Jewellery Designing) 

35 वस्त्रकार (Textile) 

36 कुम्भकार (Pottery) 

37 लोहकार (Metallurgy) 

38 तक्षक 

39 रंगसाज (Dying) 

40 खटवाकर 

41 रज्जुकर (Logistics) 

42 वास्तुकार (Architect) 

43 पाकविद्या (Cooking) 

44 सारथ्य (Driving) 

45 नदी प्रबन्धक (Water Management) 

46 सुचिकार (Data Entry) 

47 गोशाला प्रबन्धक (Animal Husbandry) 

48 उद्यान पाल (Horticulture) 

49 वन पाल (Horticulture) 

50 नापित (Paramedical)

जिस देश के गुरुकुल इतने समृद्ध हों उस देश को आखिर कैसे गुलाम बनाया गया होगा? 

मैकाले का स्पष्ट कहना था कि भारत को हमेशा-हमेशा के लिए अगर गुलाम बनाना है तो इसकी “देशी और सांस्कृतिक शिक्षा व्यवस्था” को पूरी तरह से ध्वस्त करना होगा और उसकी जगह “अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था” लानी होगी और तभी इस देश में शरीर से हिन्दुस्तानी लेकिन दिमाग से अंग्रेज पैदा होंगे और जब इस देश की यूनिवर्सिटी से निकलेंगे तो हमारे हित में काम करेंगे।

1850 तक इस देश में “7 लाख 32 हजार” गुरुकुल हुआ करते थे और उस समय इस देश में गाँव थे “7 लाख 50 हजार” मतलब हर गाँव में औसतन एक गुरुकुल और ये जो गुरुकुल होते थे वो सब के सब आज की भाषा में ‘Higher Learning Institute’ हुआ करते थे। उन सबमें 18 विषय पढ़ाए जाते थे और ये गुरुकुल समाज के लोग मिलके चलाते थे न कि राजा, महाराजा। 

अंग्रेजों का एक अधिकारी था G.W. Luther और दूसरा था Thomas Munro ! दोनों ने अलग अलग इलाकों का अलग-अलग समय सर्वे किया था। Luther, जिसने उत्तर भारत का सर्वे किया था, उसने लिखा है कि यहाँ 97% साक्षरता है और Munro, जिसने दक्षिण भारत का सर्वे किया था, उसने लिखा कि यहाँ तो 100% साक्षरता है।

मैकाले एक मुहावरा इस्तेमाल कर रहा है – “कि जैसे किसी खेत में कोई फसल लगाने के पहले उसे पूरी तरह जोत दिया जाता है वैसे ही इसे जोतना होगा और अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था लानी होगी।” इस लिए उसने सबसे पहले गुरुकुलों को गैरकानूनी घोषित किया | जब गुरुकुल गैरकानूनी हो गए तो उनको मिलने वाली सहायता जो समाज की तरफ से होती थी वो गैरकानूनी हो गयी, फिर संस्कृत को गैरकानूनी घोषित किया और इस देश के गुरुकुलों को घूम घूम कर ख़त्म कर दिया, उनमें आग लगा दी, उसमें पढ़ाने वाले गुरुओं को उसने मारा- पीटा, जेल में डाला।

गुरुकुलों में शिक्षा निःशुल्क दी जाती थी। इस तरह से सारे गुरुकुलों को ख़त्म किया गया और फिर अंग्रेजी शिक्षा को कानूनी घोषित किया गया और कलकत्ता में पहला कॉन्वेंट स्कूल खोला गया। उस समय इसे ‘फ्री स्कूल’ कहा जाता था। इसी कानून के तहत भारत में कलकत्ता यूनिवर्सिटी बनाई गयी, बम्बई यूनिवर्सिटी बनाई गयी, मद्रास यूनिवर्सिटी बनाई गयी, ये तीनों गुलामी ज़माने के यूनिवर्सिटी आज भी देश में मौजूद हैं।

मैकाले ने अपने पिता को एक चिट्ठी लिखी थी बहुत मशहूर चिट्ठी है वो, उसमें वो लिखता है कि “इन कॉन्वेंट स्कूलों से ऐसे बच्चे निकलेंगे जो देखने में तो भारतीय होंगे लेकिन दिमाग से अंग्रेज होंगे और इन्हें अपने देश के बारे में कुछ पता नहीं होगा। इनको अपने संस्कृति के बारे में कुछ पता नहीं होगा, इनको अपनी परम्पराओं के बारे में कुछ पता नहीं होगा, इनको अपने मुहावरे नहीं मालूम होंगे, जब ऐसे बच्चे होंगे इस देश में तो अंग्रेज भले ही चले जाएँ इस देश से अंग्रेजियत नहीं जाएगी।” 

उस समय लिखी चिट्ठी की सच्चाई इस देश में अब साफ साफ दिखाई दे रही है और उस एक्ट की महिमा देखिये कि हमें अपनी भाषा बोलने में शर्म आती है, जबकि अंग्रेजी में बोलते हैं कि दूसरों पर रोब पड़ेगा, हम तो खुद में हीन हो गए हैं जिसे अपनी भाषा बोलने में शर्म आ रही है, उस देश का कैसे कल्याण संभव है?

हमारी पुरानी शिक्षा पद्धति बहुत ही समृद्ध और विशाल थी और यही कारण था कि हम विश्वगुरु थे। हमारी शिक्षा पद्धति से पैसे कमाने वाले मशीन पैदा नहीं होते थे बल्कि मानवता के कल्याण हेतु अच्छे और विद्वान इंसान पैदा होते थे। आज तो जो बहुत पढ़ा लिखा है वही सबसे अधिक भ्रष्ट है, वही सबसे बड़ा चोर है। 

हमने अपना इतिहास गवां दिया है! 
क्योंकि अंग्रेज हमसे हमारी पहचान छीनने में सफल हुए। उन्होंने हमारी शिक्षा पद्धति को बर्बाद कर के हमें अपनी संस्कृति, मूल धर्म, ज्ञान और समृद्धि से अलग कर दिया।

आज जो स्कूलों और कॉलेजों का हाल है वो क्या ही लिखा जाए! हम न जाने ऐसे लोग कैसे पैदा कर रहें हैं जिनमें जिम्मेवारी का कोई एहसास नहीं है। जिन्हें सिर्फ़ पद और पैसों से प्यार है। हम इतने अससल कैसे होते जा रहें हैं? किसी भी समाज की स्थिति का अनुमान वहां के शैक्षणिक संस्थानों की स्थिति से लगाया जा सकता है। आज हम इसमें बहुत असफल हैं। हमने स्कूल और कॉलेज तो बना लिए लेकिन जिस उद्देश्य के लिए इसका निर्माण हुआ उसकी पूर्ति के योग्य इंसान और सिस्टम नहीं बना पाए! 

जब आप अपने देश का इतिहास पढ़ेंगे तो आप गर्व भी महसूस करेंगे और रोएंगे भी क्योंकि आपने जो गवां दिया है वो पैसों रुपयों से नहीं खरीदा जा सकता! हमें एक बड़े पुनर्जागरण की जरूरत है। सरकारें आएंगी जाएंगी, इनसे बहुत उम्मीद करना बेवकूफी होगी, जनता जब तक नहीं जागती हम अपनी विरासत को कभी पुनः हासिल नहीं कर पाएंगे! 

जागना होगा और कोई विकल्प नहीं!                  🙏🙏जय माताजी की    🙏🙏हर हर महादेव

बुधवार, 1 फ़रवरी 2023

हमारेे देश में कुछ ऐसे कानून जिसकी जानकारी नहीं होने के कारण हम अपने अधिकार से मेहरूम रह जाते है। जानिए IPC में धाराओ का मतलब

*जानिए IPC में धाराओ का मतलब .....*
*धारा 307* = हत्या की कोशिश 
*धारा 302* = हत्या का दंड
*धारा 376* = बलात्कार
*धारा 395* = डकैती
*धारा 377* = अप्राकृतिक कृत्य
*धारा 396* = डकैती के दौरान हत्या
*धारा 120* = षडयंत्र रचना
*धारा 365* = अपहरण
*धारा 201* = सबूत मिटाना
*धारा 34*   = सामान आशय
*धारा 412* = छीनाझपटी
*धारा 378* = चोरी
*धारा 141* = विधिविरुद्ध जमाव
*धारा 191* = मिथ्यासाक्ष्य देना
*धारा 300* = हत्या करना
*धारा 309* = आत्महत्या की कोशिश
*धारा 310* = ठगी करना
*धारा 312* = गर्भपात करना
*धारा 351* = हमला करना
*धारा 354* = स्त्री लज्जाभंग
*धारा 362* = अपहरण
*धारा 415* = छल करना
*धारा 445* = गृहभेदंन
*धारा 494* = पति/पत्नी के जीवनकाल में पुनःविवाह0
*धारा 499* = मानहानि
*धारा 511* = आजीवन कारावास से दंडनीय अपराधों को करने के प्रयत्न के लिए दंड। 
 ▫▪▫▪▫▪▫▪
हमारेे देश में कानूनन कुछ ऐसी हकीक़तें है, जिसकी जानकारी हमारे पास नहीं होने के कारण  हम अपने अधिकार से मेहरूम रह जाते है।

   तो चलिए ऐसे ही कुछ  
*पांच रोचक फैक्ट्स* की जानकारी आपको देते है, 
जो जीवन में कभी भी उपयोगी हो सकती है.

*(1)  शाम के वक्त महिलाओं की गिरफ्तारी नहीं हो सकती*-

कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर, सेक्शन 46 के तहत शाम 6 बजे के बाद और सुबह 6 के पहले भारतीय पुलिस किसी भी महिला को गिरफ्तार नहीं कर सकती, फिर चाहे गुनाह कितना भी संगीन क्यों ना हो. अगर 
ऐसा करते हुए पाई जाती है तो गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ शिकायत (मामला) दर्ज की जा सकती है. इससे उस पुलिस अधिकारी की नौकरी खतरे में आ सकती है.

*(2.) सिलेंडर फटने से जान-माल के नुकसान पर 40 लाख रूपये तक का बीमा कवर क्लेम कर सकते है*-

पब्लिक लायबिलिटी पॉलिसी के तहत अगर किसी कारण आपके घर में सिलेंडर फट जाता है और आपको जान-माल का नुकसान झेलना पड़ता है तो आप तुरंत गैस कंपनी से बीमा कवर क्लेम कर सकते है. आपको बता दे कि गैस कंपनी से 40 लाख रूपये तक का बीमा क्लेम कराया जा सकता है. अगर कंपनी आपका क्लेम देने से मना करती है या टालती है तो इसकी शिकायत की जा सकती है. दोषी पाये जाने पर गैस कंपनी का लायसेंस रद्द हो सकता है.

*(3) कोई भी हॉटेल चाहे वो 5 स्टार ही क्यों ना हो… आप फ्री में पानी पी सकते है और वाश रूम इस्तमाल कर सकते है*-

इंडियन सीरीज एक्ट, 1887 के अनुसार आप देश के किसी भी हॉटेल में जाकर पानी मांगकर पी सकते है और उस हॉटल का वाश रूम भी इस्तमाल कर सकते है. हॉटेल छोटा हो या 5 स्टार, वो आपको रोक नही सकते. अगर हॉटेल का मालिक या कोई कर्मचारी आपको पानी पिलाने से या वाश रूम इस्तमाल करने से रोकता है तो आप उन पर कारवाई  कर सकते है. आपकी शिकायत से उस हॉटेल का लायसेंस रद्द हो सकता है.

 *(4) गर्भवती महिलाओं को नौकरी से नहीं निकाला जा सकता*-

मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट 1961 के मुताबिक़ गर्भवती महिलाओं को अचानक नौकरी से नहीं निकाला जा सकता. मालिक को पहले तीन महीने की नोटिस देनी होगी और प्रेगनेंसी के दौरान लगने वाले खर्चे का कुछ हिस्सा देना होगा. अगर वो ऐसा नहीं करता है तो  उसके खिलाफ सरकारी रोज़गार संघटना में शिकायत कराई जा सकती है. इस शिकायत से कंपनी बंद हो सकती है या कंपनी को जुर्माना भरना पड़ सकता है.

ऐसा क्या है, जिसे हासिल करने के बाद आपको मौत का कोई दुःख नहीं होगा?

 

ऐसा क्या है, जिसे हासिल करने के बाद आपको मौत का कोई दुःख नहीं होगा?

हर एक का अलग अलग सपना होता है जिसे पूरा करने के बाद चैन से सोना पड़े तो भी कोई गम नही. हम कभी कभी किसी के आखरी यात्रा में सुनते है की वो अपना जीवन पूरा जीकर गया। हमारे पास भी एक लिस्ट है जिनके बाद चले भी जाए तो क्या गम है?

देखते है हमारी विश लिस्ट के 11 नमूने: (टोटल 101 विश है बाकी की फिर कभी आपको बतायेंगे)

  • दुनिया के सात अजूबे को देखना है.
  • हमारे जीवन के उपर एक वेब सिरीज़ बनानी है.
  • जाना है यहा सेंटोरिनी, ग्रीस।
  • पेरिस के लोक लव ब्रिज पर एक ताला लगाना है.
  • टाइम्स स्क्वायर को कैसे भूल सकते है.वहा भी जाना है.
  • हॉट एयर बलून में निकालेंगे शाही सवारी;
  • आम भारतीयों का खास सपना स्विज़र्लेंद
  • होंगकोंग डिज्नी लेंड जायेंगे.
  • एक प्राइवेट जेट खरीदना है.
  • सपनों का महल बनाना है.
  • यहा आके खूब पाप धोने है.

ये सब मेरे सपने है और मैं चाहता हु आप भी देखे कुछ सपने. क्योकि इसे कापी करना जरूरी है.

Budget 2023: टैक्स स्लैब में बदलाव - आसान भाषा में

Budget 2023: टैक्स स्लैब में बदलाव - आसान भाषा में

Live Updates of Budget 2023 : देश का आम बजट 2023-24 (Union Budget ) पेश हो गया है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश कर दिया है. उन्होंने इस बार टैक्स स्लैब में बदलाव भी किया है. नई टैक्स रिजीम चुनने वालों को सरकार बढ़ावा दे रही है और इसमें टैक्स पर ज्यादा छूट दी गई है. इससे पहले वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और वित्तमंत्रालय के अधिकारियों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सुबह मुलाकात की थी और राष्ट्रपति ने बजट को मंजूरी दी थी. इसके बाद वित्तमंत्री सीतारमण संसद भवन पहुंचीं थीं. पीएम मोदी भी संसद पहुंचे और कैबिनेट की बैठक हुई जिसके बाद वित्तमंत्री ने बजट संसद में पेश किया. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण लाल साड़ी में लाल बही-खाते में बजट लेकर संसद पहुंचीं थीं.  कैबिनेट की बैठक के बाद संसद में बजट पेश किया गया. निर्मला सीतारमण लगातार पांचवीं बार बजट पेश किया. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले ये सरकार का अंतिम पूर्ण बजट है. .

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फोटो: PTI) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन के कंधों पर लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सरकार के पूर्ण बजट को पेश करने की जिम्मेदारी है. बजट में आम आदमी के लिए क्या खास है, भविष्य की योजनाओं के लिए सरकार ने कितना निवेश किया है और किस तरह टैक्स और बजट की ओर सरकार का रुख रहा है. इन बातों पर बजट में हर किसी का ध्यान जाना है. बजट में आपके लिए क्या खास है, आसान भाषा में समझने के लिए हमारे इस ब्लॉग के साथ जुड़े रहिए...

सात लाख से कम आय वालों को कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा

 12-15 लाख रुपये सालाना आय वालों पर 20 प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा
15.5 लाख रुपये तक की आय वालों को 52 हजार रुपये का फायदा. अब तीन लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. 12-15 लाख रुपये सालाना आय वालों पर 20 प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा. 15 लाख से ऊपर सालाना आय वालों को 30 प्रतिशत तक टैक्स देना होगा.

अब यह 7 लाख सालाना से कम आय वालों को टैक्स में छूट
पर्सनल इनकम टैक्स में पांच बातें है. मिडिल क्लास को अभी 5 लाख तक कोई टैक्स नहीं देना होता है अब यह 7 लाख सालाना होगी. सालाना 7 लाख रुपये तक की आय वालों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. यह छूट नई टैक्स व्यवस्था का चयन करने वालों को मिलेगी. अब 6-9  लाख रुपये तक की सालाना आय पर 10 प्रतिशत का टैक्स.

एक्सपर्ट्स ने बताया टैक्स स्लैब में बदलाव का क्या मतलब?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा टैक्स स्लैब में जो बदलाव और छूट का ऐलान किया गया है, उसको लेकर लोगों में कन्फ्यूजन हुआ है. टैक्स स्लैब में ऐलान को कुछ प्वाइंट्स में ही आसान भाषा में समझाया है. जिससे नई और पुरानी स्लैब का कन्फ्यूजन दूर हो सके.

1.    अगर आप नई टैक्स प्रणाली के अंतर्गत अपना इनकम टैक्स भर रहे हैं, तो सरकार द्वारा स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50000 से बढ़ाकर 52500 प्रति साल कर दिया गया है. अधिकतम टैक्सपेयर अभी भी पुरानी टैक्स प्रणाली के तहत ही अपना टैक्स भरते हैं, क्योंकि उसमें कई छूट (होम लोन, घर का किराया और अन्य) मिलती हैं जो नई प्रणाली में नहीं मिलती हैं. 

2.    7 लाख रुपये तक सालाना कमाई करने वाले लोगों को अब ज़ीरो टैक्स देना होगा. ऐसा तब होगा जब वह अपना टैक्स नई प्रणाली के अंतर्गत भरते हैं और अपनी बचत से जुड़ी सभी जानकारी सरकार को देते हैं. 

3.    भारत में सर्वाधिक इनकम टैक्स 42.7 फीसदी है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है. इसे अब 39 फीसदी तक ला दिया गया है, जो कि अगले वित्तीय वर्ष से लागू किया जाएगा. ध्यान रहे कि यह टैक्स 5 करोड़ सालाना कमाने वाले लोगों को देना होता है. 

4.    अगर आप 9 लाख रुपये प्रति साल तक कमाते हैं, तब सालाना आपको 45 हज़ार रुपये तक टैक्स देना पड़ सकता है. यानी आप 5 फीसदी इनकम टैक्स दे रहे हैं.

टैक्स स्लैब में छूट का फायदा किसको

केंद्र सरकार ने नई टैक्स प्रणाली में बड़ा बदलाव किया है और 7 लाख तक की आय वाले लोगों को टैक्स में छूट दी है. यह ऐलान नई टैक्स प्रणाली में आने वाले लोगों को फायदा पहुंचाएगा, आप नई टैक्स प्रणाली में कम टैक्स देते हैं लेकिन उसके लिए आपको बाकी छूट छोड़नी पड़ती हैं.


 पुरानी टैक्स प्रणाली में आपको अधिक टैक्स देना पड़ता है, लेकिन आपको बाकी छूट भी मिलती हैं. उन्होंने यह भी बताया कि 50 फीसदी से भी आधे लोग ही नई टैक्स प्रणाली के तहत इनकम टैक्स भरते हैं. Know The Pulse और Koobera Group के सीईओ डॉ. रवि कुमार ने वित्त मंत्री के ऐलान पर कहा है कि टैक्स स्लैब में बदलाव का फायदा आम आदमी को होगा, इसका इंतज़ार हर कोई कर रहा था. 7 लाख तक टैक्स फ्री होना बढ़िया है, मैक्सिमम स्लैब में भी बदलाव हुआ है जो अच्छी खबर है.

सरकार द्वारा दो टैक्स प्रणाली को चालू रखना काफी कन्फ्यूजन वाला फैसला है. चार साल तक अगर हमारे जैसा देश दो टैक्स प्रणाली पर आगे बढ़ता है, तो यह जरूरी नहीं लगता है. सरकार पिछली टैक्स प्रणाली को स्विच ऑफ करना चाहती है, ऐसा वह नई टैक्स प्रणाली में छूट के ऐलान के साथ करना चाहती है. लेकिन इसका असर दिख नहीं रहा है.

India Budget 2023-24:

घरेलू पर्यटन के लिए देखो अपना देश पहल, मध्य वर्ग को पर्यटन के लिए प्रोत्साहित करेंगे

Budget 2023-24:
इस साल 6.5 करोड़ ITR की प्रोसेसिंग हुई

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण: चांदी पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई

केन्द्रीय बजट 2023: लैब-निर्मित हीरे के सीड्स पर कस्टम ड्यूटी में छूट

FM Nirmala Sitharaman: लिथियम आयन बैटरी के आयात पर कस्टम ड्यूटी में छूट

India Budget 2023: कुछ मोबाइल पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी में राहत

यूनियन बजट 2023: अगले साल में GDP का 5.9 फीसदी रहेगा वित्तीय घाटा (Fiscal Deficit) :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

लैब निर्मित हीरे के सीड्स पर कस्टम ड्यूटी में छूट दी गई है. रबर में भी ड्यूटी कम की गई है. 

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण: इस साल का वित्तीय घाटा (Fiscal Deficit) GDP का 6.4 प्रतिशत रहा :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

Budget 2023: महिला सम्मान बचत पत्र की शुरुआत, दो साल तक दो लाख जमा कर सकेंगी महिलाएं

Budget 2023-24: वरिष्ठ नागरिकों के लिए बचत योजना की अधिकतम सीमा 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख की गई

इलेक्ट्रिक कार भी होंगी सस्ती
इलेक्ट्रिक कार भी होंगी सस्ती. लिथियम आयन बैटरी के आयात पर कस्टम ड्यूटी में छूट दी गई है. 

क्या सस्ता क्या महंगा
टीवी सस्ता होगा. इम्पोर्ट ड्यूटी कम होगी. इलेक्ट्रिकल सामान भी सस्ता होगा. मोबाइल के पार्ट्स के दाम भी कम होंगे क्योंकि कस्टम ड्यूटी कम की गई है. चांदी पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है. इसका मतलब है कि चांदी कुछ महंगी होगी. यानि सोना चांदी और हीरा महंगा होगा

राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.9 प्रतिशत रखा गया
राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.9 प्रतिशत रखा गया है. इस साल राजस्व घाटा 6.4 प्रतिशत रहा. 

वरिष्ठ नागरिकों के लिए अधिकतक बचत सीमा 15 लाख से 30 लाख रुपये किया जाएगा. 

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण:
राज्य, केंद्र की पुरानी गाड़ियों को बदलने के लिए पर्याप्त फंड :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

FM Nirmala Sitharaman:

राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्टर बनाया जाएगा :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

यूनियन बजट 2023: GIFT शहरों में कारोबार सुगमता की कई योजनाएं :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

महिला सम्मान बचत पत्र को शुरू किया जाएगा
महिला सम्मान बचत पत्र को शुरू किया जाएगा. यह दो साल के लिए मिलेगा. यह मार्च 2025 तक के लिए होगा. दो साल तक दो लाख रुपये जमा करा सकेंगी महिलाएं. 7.5 प्रतिशत का ब्याज देने की भी घोषणा सरकार की ओर से की गई है.

यूनियन बजट 2023: कारोबार सुगमता बढ़ाने के लिए कई योजनाएं :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

Budget 2023: 47 लाख विद्यार्थियों के लिए डायरेक्ट ट्रांसफर स्कीम :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्टर  कारोबार सुगमता बढ़ाने के लिए कई योजनाएं आरंभ की जाएंगी. GIFT शहरों पर खास ध्यान. राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्टर बनाया जाएगा.

Budget 2023-24: छोटे उद्योगों को 9,000 करोड़ की क्रेडिट गारंटी :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

47 लाख छात्रों के लिए डायरेक्ट ट्रांसफर बेनेफिट स्कीम लागू की गई.

छोटे उद्योगों को 9000 करोड़ की क्रेडिट गारंटी दी जाएगी

वित्तमंत्री ने कहा, छोटे उद्योगों को 9000 करोड़ की क्रेडिट गारंटी दी जाएगी.

2023-24 बजट: वेटलैन्ड्स के विकास के लिए अमृत धरोहर योजना :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

केन्द्रीय बजट 2023:  30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर बनेंगे :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक ऐप बनाया जाएगा
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक ऐप बनाया जाएगा जिस पर हर प्रकार की जरूरी जानकारी उपलब्ध होगी. देखो अपना देश इनिशिएटिव के तहत देश के भीतर पर्यटन को बढाया जाएगा. स्वदेश दर्शन स्कीम भी लागू की जाएगी. इसके लिए 50 जगहों का चयन किया जाएगा.

Budget 2023-24: 200 कम्प्रेस्ड बायोगैस प्लान्ट के लिए 10,000 करोड़ :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

Union Budget 2023: जैव विविधता के लक्ष्य के साथ अमृत धरोहर :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

राज्यों में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर बनाए जाएंगे. 

Budget 2023: नेट-0 लक्ष्य और ऊर्जा संक्रमण पर 35,000 करोड़ :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

प्रधानमंत्री कौशन विकास योजना 4 लॉन्च प्रधानमंत्री कौशन विकास योजना 4 लॉन्च होगी. वित्तमंत्री ने कहा. 

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण: एक करोड़ किसानों को जैविक खेती से जोड़ेंगे :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

Budget 2023-24:  वैकल्पिक खाद के लिए PM प्रणाम योजना :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

Budget 2023-24  हाइड्रोजन का उत्पादन 2030 तक 5 mmt करने का लक्ष्य :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

वैकल्पिक खाद के लिए पीएम प्रणाम योजना
वैकल्पिक खाद के लिए पीएम प्रणाम योजना शुरू की जाएगी. एक करोड़ किसानों को जैविक खेती से जोड़ा जाएगा. जैविक खेती के लिए लक्ष्य के साथ काम होगा.

India Budget 2023:
नेशनल हाइड्रोजन मिशन के लिए 19,700 करोड़ :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

Union Budget 2023:
डिजिलॉकर जैसी सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

5जी टेस्टिंग के लिए 500 टेस्टिंग लैब बनाए जाएंगे.

Nirmala Sitharaman: 5जी सेवाओं के ऐप विकसित करने के लिए 100 लैब :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

यूनियन बजट 2023: 50 अतिरिक्त एयरपोर्ट,हेलीपोर्ट का पुनर्निर्माण होगा :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

नेशनल हाईड्रोजन मिशन के लिए 19700 करोड़ रुपये
डिजिलॉकर कार्यक्रम को और बढ़ाया जाएगा. नेशनल हाईड्रोजन मिशन के लिए 19700 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. हाईड्रोजन का उत्पादन 5 एमएमटी किया जाएगा. यह लक्ष्य 2030 तक हासिल किया जाएगा.

Budget 2023 : PAN को पहचान पत्र की मान्यता  सरकारी एजेसियां PAN को पहचान पत्र मानेंगी :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

50 अतिरिक्त एयरपोर्ट और हैलीपोर्ट बनाए जाएंगे.

2023-24 Budget: ई-कोर्ट के तीसरे चरण के लिए 97,000 करोड़ :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

FM Nirmala Sitharaman: KYC प्रक्रिया को आसान बनाने का लक्ष्य :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

यूनियन बजट 2023: टॉप शिक्षण संस्थानों में AI के लिए तीन केंद्र :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

केवाईसी प्रक्रिया को और आसान बनाया जाएगा. सरकारी एजेंसियां पैन कार्ड को पहचान पत्र के तौर पर मानेंगी. केवाईसी प्रक्रिया को और आसान बनाया जाएगा.

वित्तमंत्री ने कहा कि ई कोर्ट के लिए 97000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. 

Nirmala Sitharaman:

भारत में,और भारत के लिए AI विकास की योजना :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

Budget 2023-24:
अपडेट :रेलवे के लिए 2.4 लाख करोड़ रुपये का आवंटन :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

Union Budget 2023:

10,000 करोड़ सालाना शहरी विकास के लिए :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

एमएसएमई को कोरोना के दौरान हुए नुकसान की भरपाई होगी
एमएसएमई को कोरोना के दौरान हुए नुकसान की भरपाई होगी. उनकी 95 फीसदी जमा राशि वापस की जाएगी. 

FM Nirmala Sitharaman: शहरी ढाचा विकास फंड बनाया जाएगा :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

India Budget 2023: वित्तवर्ष 2024 में कृषि कर्ज़ का लक्ष्य 20 लाख करोड़ :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

Budget 2023-24: कैपिटल इन्वेस्टमेंट के लिए आवंटन GDP का 3.3 फीसदी :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

भारत में भारत के लिए एआई विकास की योजना पर काम होगा. इसके लिए तीन एक्सीलेंस सेंटर बनाए जाएंगे.

रेलवे के लिए 3.4 लाख करोड़ का आवंटन  वित्तमंत्री द्वारा रेलवे के लिए 2.4 लाख करोड़ का आवंटन किया गया है.

Union Budget 2023: कैपिटल इन्वेस्टमेंट के लिए 10 लाख करोड़ :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

निर्मला सीतारमण:  छोटे किसानों के लिए सहकारिता आधारित मॉडल :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

मैनहोल से मशीन होल में बदलने की योजना 10 हजार करोड़ रुपये हर साल शहरी विकास के लिए शहरों को मैनहोल से मशीन होल में बदलने के लिए आवंटित किए जाएंगे.

2023-24 बजट:
आधारभूत ढांचे के लिए 10 लाख करोड़ आवंटित :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

Union Budget 2023:

PM आवास योजना का आवंटन 66% बढ़ाकर 79,000 करोड़ किया गया

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण:

श्रीअन्न के लिए भारत ग्लोबल हब बनेगा :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

157 मेडिकल कॉलेजों के साथ अब नर्सिंग कॉलेज
2014 से बने 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ अब नर्सिंग कॉलेज भी बनाए जाएंगे.

बजट 2023:
कमज़ोर जनजातीय समूहों के लिए PVGT योजना :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

India Budget 2023:
प्रधानमंत्री PVGT मिशन लॉन्च होगा :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

छोटे किसानों के लिए सहकारिता आधारित मॉडल विकसित किया जाएगा.

यूनियन बजट 2023:
500 प्रखंडों में एस्पिरेशनल ब्लॉक कार्यक्रम :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

कैपिटल इनवेस्टमेंट के लिए 10 लाख करोड़
कैपिटल इनवेस्टमेंट के लिए 10 लाख करोड़ आवंटित किए गए. यह जीडीपी का 3.3 प्रतिशत है.

FM Nirmala Sitharaman:
शिक्षक प्रशिक्षण को नया रूप दिया जाएगा :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

Budget 2023-24:
बच्चों-किशोरों के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

यूनियन बजट 2023:
157 नए नर्सिंग कॉलेज बनाए जाएंगे :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

आधारभूत ढांचे के लिए 10 लाख करोड़ का आवंटन किया गया.
वित्तमंत्री ने कहा, आधारभूत ढांचे के लिए 10 लाख करोड़ का आवंटन किया गया. 

Budget 2023-24:
2022 में UPI से 126 लाख करोड़ का भुगतान हुआ :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

केन्द्रीय बजट 2023-24:
कृषि स्टार्टअप के लिए डिजिटल एक्सीलेटर फंड बनेगा :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

पीएम आवाज योजना के तहत 79000 करोड़ रुपये
पीएम आवाज योजना के तहत 79000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे. पीएम आवाज योजना में 66 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है.

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण:

PM मत्स्य योजना के लिए 6,000 करोड़ :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

India Budget 2023:

कृषि क्रेडिट कार्ड 20 लाख करोड़ बढ़ेगा :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

Budget 2023-24:
वंचितों को वरीयता दी जा रही है :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

प्रधानमंत्री PVGT योजना लागू होगी
प्रधानमंत्री PVGT योजना लागू की जाएगी. यह योजना कमजोर जनजातीय समूहों के लिए बनाई गई है. 

Budget 2023:

मोटे अनाज को हम बढ़ावा दे रहे हैं :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

2023-24 बजट:

2,200 करोड़ बागवानी की उपज के लिए :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

डिजिटल लाइब्रेरी बनाई जाएगी   बच्चों और किशोरों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी बनाई जाएगी

Nirmala Sitharaman:

खेती के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचा :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

India Budget 2023-24:

खेती में आधुनिक तकनीक बढ़ेगी :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

20 लाख करोड़ तक किसानों को कर्ज

2024 में कृषि कर्ज 20 लाख करोड़ तक करने का लक्ष्य रख गया है ताकि किसानों को सीधा लाभ मिले.

बजट 2023:

पूर्वोत्तर के लिए इस बजट में और कोशिश :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

Union Budget 2023:

हरित खेती, हरित ऊर्जा पर विशेष ज़ोर :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण:

पर्यटन के विकास को मिशन मोड में लेना है :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

FM Nirmala Sitharaman:
हमारा विश्वस्तरीय आधारभूत डिजिटल ढांचा है :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

कृषि स्टार्ट के लिए डिजिटल एक्सिलेटर फंड बनाया जाएगा
कृषि स्टार्ट के लिए डिजिटल एक्सिलेटर फंड बनाया जाएगा : सीतारमण

केंद्रीय बजट 2023:  11.7 करोड़ घरों में शौचालय बनाए गए :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

बजट 2023-24:

जी-20 की अध्यक्षता अनूठा अवसर :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

India Budget 2023:

महिलाओं के 81 लाख से ज़्यादा स्व-सहायता समूह :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

यूनियन बजट 2023:
विकास के लिए आधारभूत ढांचा बनाना लक्ष्य है :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

Budget 2023:
हमारा लक्ष्य युवाओं को अवसर देना है :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

2023-24 Budget:
यह बजट अगले 25 साल के विकास का ब्लूप्रिंट है :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

पीएम मत्सय पालन योजना के तहत एक नई स्कीम
उन्होंने कहा कि हम पीएम मत्सय पालन योजना के तहत एक नई स्कीम ला रहे हैं. जिससे इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को फायदा होगा. इसके लिए 6000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे.

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण:

9.6 करोड़ घरों में LPG कनेक्शन पहुंचा :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

Budget 2023:
14 करोड़ से ज़्यादा लोगों का जनधन खाता :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

मोटे अनाज के हम सबसे ज्यादा उत्पादक और निर्यातक
मोटे अनाज के हम सबसे ज्यादा उत्पादक और निर्यातक हैं. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा.

निर्मला सीतारमण:
EPFO में 7 करोड़ से ज़्यादा लोग जुड़े :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

मोटे अनाज को सरकार बढ़ावा देगी
सरकार ने यह भी साफ किया है कि मोटे अनाज को सरकार बढ़ावा देगी.

Union Budget 2023:

प्रति व्यक्ति आय 1.97 लाख रुपये हुई :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

2200 करोड़ रुपये बागवानी की उपज के लिए
खेती में आधुनिक तकनीका का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा. खेती के लिए बुनियादी डिजिटल ढांचा तैयार किया जाएगा. 2200 करोड़ रुपये बागवानी की उपज के लिए दिए जाएंगे.

FM Nirmala Sitharaman:

विश्व अर्थव्यवस्था में भारत का मुख्य स्थान :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

2023-24 बजट:

28 माह तक 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दिया :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

रोजगार के मुद्दे पर वित्तमंत्री ने कहा
मंत्री ने कहा कि ईपीएफओ में 7 करोड़ से ज्यादा खाते खुले.

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण:
कोविड के दौरान हमने देखा,कोई भूखा न रहे :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

वंचित लोगों को सरकार वरीयता देगी
वंचित लोगों को सरकार वरीयता के आधार पर आगे बढ़ाएगी. पूर्वोत्तर के लिए सरकार खास योजना पर काम करेगी.

आम बजट 2023:

यह नरेंद्र मोदी सरकार का 10वां आम बजट है

प्रति व्यक्ति आय 1.97 लाख रुपये हुई है

 प्रति व्यक्ति आय 1.97 लाख रुपये हुई है. निर्मला सीतारमण ने कहा.

बजट 2023-24:
यह अमृतकाल का पहला बजट है :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

पर्यटन को बढा़वा देने के लिए मिशन मोड में काम किया जाएगा.
वित्तमंत्री ने कहा कि विकास के लिए आधारभूत ढांचा बनाने का लक्ष्य है.

युवाओं को अवसर देने का लक्ष्य

पर्यटन को बढा़वा देने के लिए मिशन मोड में काम किया जाएगा.

हरित खेती और हरित ऊर्जा पर जोर रहेगा

यह बजट मोदी सरकार का 10वां आम बजट है.

यूनियन बजट 2023-24:
हमारा विकास दर अनुमान 7 फीसदी के आसपास :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

केन्द्रीय बजट 2023:

दुनिया ने हिन्दुस्तान को चमकते सितारे के रूप में पहचान लिया है :वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

आम बजट 2023-24:
आम बजट 2023-24 पेश कर रही हैं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

ये बजट अगले 25 साल के विकास का ब्लू प्रिंट है : निर्मला सीतारमण
समग्र समृद्ध भारत की संकल्पना की गई है. युवाओं को अवसर देने के लिए 

ये बजट अगले 25 साल के विकास का ब्लू प्रिंट है.

कोविड के दौरान 28 महीनों तक सरकार ने लोगों को भूखा नहीं रहने दिया.

विपक्षी नेताओं ने हंगामा शुरू कर किया
संसद में बजट भाषण के दौरान विपक्षी नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया

हमारी विकास दर 7 प्रतिशत है
सीतारमण ने कहा कि वर्तमान साल में हमारी विकास दर 7 प्रतिशत है. यह सभी बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा है.

अमृत काल का यह पहला बजट है
निर्मला सीतारमण ने कहा कि अमृत काल का यह पहला बजट है.

इस कदम से मेक इन इंडिया मिशन को राहत मिलेगी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में आम आदमी को राहत दी है, उन्होंने कुछ कस्टम ड्यूटी में बदलाव का ऐलान किया है. मेक इन इंडिया मिशन में यह थोड़ी-सी राहत है. कस्टम ड्यूटी ही ऐसा इनडायरेक्ट टैक्स है जो अब आम बजट में आता है, वरना अन्य सभी इनडायरेक्ट टैक्स अब जीएसटी के अंतर्गत ही आ जाते हैं.  

सरकार की कमाई से वित्तीय घाटे पर पड़ेगा ये असर

इस साल सरकार की कमाई उम्मीद से ज्यादा हुई है, यह काफी कम देखने को मिलता है. इसकी वजह से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए वित्तीय घाटे का टारगेट साल 2024-25 के लिए 4.5 फीसदी तक रखने की सहूलियत हुई. अगर जीडीपी साल 2023-24 में 6 फीसदी के आसपास रहती है, तब यह टारगेट हासिल करने वाला लगता है.


डिजिटल पर है सरकार का फोकस

इस बजट को लेकर कहते हैं कि सरकार का फोकस इस बार भी डिजिटल पर रहा है, यही कारण है कि 'मेक AI इन इंडिया' की ओर कदम बढ़ाया गया है, KYC के दौरान लोगों में अपने निजी डाटा को खोने का जो डर बना रहता है सरकार उस ओर भी काम कर रही है. सरकार द्वारा ई-कोर्ट्स को दिए गए 7000 करोड़ रुपये के फैसले को अदालतों में पेंडिंग पड़े हज़ारों केस के निदान का एक रास्ता बताया है, सरकार को इन मामलों को भी ई-कोर्ट्स में शिफ्ट करने का विचार करना चाहिए.

नीति आयोग के पूर्व वाइस-चेयरमैन राजीव कुमार ने बजट में ऐलान किए गए विवाद में विश्वास-2 की तारीफ की है. राजीव कुमार का कहना है कि टैक्स को लेकर जो लंबे विवाद चलते आ रहे हैं, उन्हें खत्म करने में मदद मिलेगी. राजनीतिक कॉलमिस्ट शंकर अय्यर कहते हैं कि सरकार की ओर से यह कदम सही है, लेकिन रिफॉर्म करना भी सरकार के लिए अहम होना चाहिए.

'चुनाव को ध्यान में रखकर दी गई स्पीच'

इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटोरियल एडवाइज़र रोहित सरन कहते हैं कि यह आम चुनाव से पहले का बजट है और वित्त मंत्री ने इसका बखूबी ध्यान रखा है. वित्त मंत्री ने अभी तक जो भाषण दिया है, उसमें पैसे खर्च की अधिक बात की गई है और किसानों पर मेन फोकस रखा गया है. 

बता दें कि अगले साल यानी 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं और मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह अंतिम संपूर्ण बजट है. यही कारण है कि लोगों की इस बजट पर नज़रें टिकी हैं.

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