जय श्री कृष्णा, ब्लॉग में आपका स्वागत है यह ब्लॉग मैंने अपनी रूची के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है कहीं न कहीं से ली गई है। अगर किसी के कॉपी राइट का उल्लघन होता है तो मुझे क्षमा करें। मैं हर इंसान के लिए ज्ञान के प्रसार के बारे में सोच कर इस ब्लॉग को बनाए रख रहा हूँ। धन्यवाद, "साँवरिया " #organic #sanwariya #latest #india www.sanwariya.org/
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सोमवार, 20 सितंबर 2021
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शनिवार, 18 सितंबर 2021
QR Code क्या है और कैसे काम करता है
QR Code क्या है कैसे बनाए ?
What is QR code in Hindi जाने
What is QR code in Hindi (QR Code क्या है और कैसे काम करता है ?)तो क्या आप भी उन्ही लोगों मे से है जिन्हे QR Code को स्कैन करके पेमेंट करना ज्यादा अच्छा लगता है।
पर क्या आप जानते है QR Code क्या है (What is QR code in Hindi) आज छोटे दुकान से लेके बड़े -बड़े कॉम्पनियों के अपने QR code होते है।जिसे हम स्कैन करके बड़े ही आसानी से उस कंपनी के URL या उस प्रोडक्ट की जानकारी पा लेते है।वैसे तो हर कोई QR code बना सकता है।
QR code कैसे बनाए हम इस आर्टिकल मे जानेंगे।QR code आज हर जगह देखने को मिलता हम जब भी किसी को UPI पेमेंट करते है तो दुकानदार हमे अपना QR code स्कैन करने को कहता है और इंटरनेट की मदद से पेमेंट पूरा जाता है। पलक झपकते ही
QR Code क्या है (What is QR code in Hindi)
Full form of QR code/QR code का पूरा नाम होता है Quick Response Code जो की दिखने मे एक सफेद पेज पर बने चौकोर ग्रिड मे व्यवस्थित काले वर्ग के होते है।
जिसे किसी भी कैमरा द्वारा स्कैन करके पड़ा जा सकता है।इसका स्तेमाल आज ज्यादा तर UPI पेमेंट करने के लिए कीया जाता है तथा किसी भी प्रोडक्ट मे इसे लगाया जाता है।
जिसमे उस प्रोडक्ट की सारी जानकारी होती है। QR code को कोई भी इस्तेमाल कर सकता है
चाहे वह पर्सनल यूज के लिए हो या प्रोफेसनल यूज के लिए इसे आप अपने विजिटिंग कार्ड मे भी प्रिन्ट कर सकते है जिसमे आप अपना ईमेल तथा वेबसाईट और पता स्टोर कर सकते है।
यह बार कोड UPC (universal product code) से तेज पड़ने तथा ज्यादा मेमोरी होने के वजह से महसूर है इसे स्कैन करने पर बहुत ही तेजी से आप इसके अंदर छिपे डेटा को पढ़ सकते है।
QR Code का इतिहास – History of QR Code in Hindi?
इसे सन 1994 में DENSO WAVE द्वारा जापान में announce किया गया है।जो की अपने तेज गति से डेटा को पड़ने के लिए महसूर है।
Smartphone से QR Code कैसे स्कैन करे
यदि आप अपने स्मार्ट फोन से QR Code को स्कैन करना चाहते है तो यह बड़ा ही आसान है।यह निर्भर करता है की आपको QR Code किस काम के लिए स्कैन करना है
जैसे किसी को online payment करना है या किसी भी प्रोडक्ट या विजिटिंग कार्ड की QR Code को स्कैन करना है
Online payment के लिए QR Code कैसे स्कैन करे जाने
यदि आप किसी को UPI payment करना चाहते है तो आप सबसे पहले अपने किसी भी UPI Payment एप को खोले
जैसे Google pay, Phone Pe जब आप इनमे से कोई आप खोलेंगे तो आपको Google pay मे ऊपर left साइड कोने मे और Phone Pe मे ऊपर के Right side मे आपको QR स्कैन का लोगों या फिर ऑप्शन दिखेगा आपको उसे खोलना है
और आपका स्कैनर खुल जाएगा आब किसी भी UPI QR Code के सामने रखे स्कैनर उसे पलक झपकते ही स्कैन कर लेगा।
- किसी अन्य QR Code जैसे किसी विजिटिंग कार्ड के QR Code को कैसे स्कैन करे जाने
यदि आप इसी प्रोडक्ट या फिर विजिटिंग कार्ड पर बने QR Code को स्कैन अपने स्मार्ट फोन से करना चाहते है
तो इसके लिए आप गूगल प्ले स्टोर पर जाए और किसी भी QR Code स्कैनर को डाउनलोड करे और इंस्टाल हो जाने पर उसे खोले और स्कैन करे .
QR Code मे क्या स्टोर करे
QR Code मे क्या स्टोर करे यह सवाल आपके मन मे भी आ रही होगी तो हम जानते है। QR Code आज कोई भी बना सकता अगर आप भी चाहते है
अपने बिजनस या अपने विजिटिंग कार्ड मे QR Code भी जोड़ना चाहते है तो QR Code कैसे बनाए हम आगे जानेंगे फिलहाल जानते है।
QR Code मे क्या स्टोर करे हम QR Code मे किसी भी तरह का URL,LINK,तथा अपने ईमेल आइडी और फोन नंबर और बिजनस का पता स्टोर कर सकते है।
आप अपने वेबसाईट का URL भी स्टोर कर सकते है। ताकि लोग सीधे आपके QR Code को स्कैन करके आपके वेबसाईट पर पहुच जाए । इत्यादि .
QR Code के प्रकार -Types of QR Code in Hindi?
QR code क्या है -What is QR code in Hindi आपने जाना अब हम जानते है QR Code के प्रकार QR Code दो तरह के होते है।
- Static QR Code
- Dynamic QR Code
- Static QR Code को किसी भी आम सूचना को प्रकाशित करने के लिए कीया जाता है। इसे बनाने वाले इससे काफी कम जानकारी ही हासिल कर पते है। जैसे इसे कितनी बार स्कैन कीया गया है और कौन से प्लेटफॉर्म से स्कैन कीया गया है OS या ANDROID.
- वही Dynamic QR Code के निर्माता इस QR Code काफी जानकारी हासिल कर पाते है जैसे -जिसने स्कैन कीया उसका नाम स्कैन करने वाले की ईमेल आईडीQR Code को कितनी बार स्कैन किया गया ,इत्यादि.
QR Code कैसे बनाए – How to Generate QR code in Hindi
QR Code kse bnae यदि आप भी अपने बिजनस के लिए QR Code Generate करना चाहते है।तो यद बिल्कुल ही आसान है। इसे कोई भी Generate कर सकता है।
स्टेप 1- सबसे पहले अपने स्मार्ट फोन के गूगल प्ले स्टोर मे जाए .
स्टेप 2- वहाँ सर्च करे QR code Generator.
स्टेप 3 -अब आपके सामने कई QR code Generator के लिस्ट आएंगे इसनमे से कोई भी इंस्टाल करे.
स्टेप 4- अब आप Generator खोले और बनाए अपना QR code.
मुझे उम्मीद है What is QR code in Hindi (QR Code क्या है)QR code कैसे बनाए ?आपको आपको पूरा समझ आ गया होगाआपने आज QR code को कैसे बनाए ये भी जाना मैंने यह आर्टिकल बहुत ही आसान सबद्धों ने लिखा है ताकि आपको What is QR code in Hindi (QR Code क्या है) अच्छे से समझ आ सके यदि आपका इससे जुड़ा कोई सवाल हो तो हमसे जरूर पूछे और कैसी लगी आपको यह जानकारी नीचे कमेन्ट कर के जरूर बताए और इस आर्टिकल को शेयर करे धन्यबाद.
Android क्या है और इसका इतिहास ?
Android क्या है और इसका इतिहास ?
आज हम जानेंगे आज के दुनिया मे स्मार्ट फोन हम मानव की जरूरत सी बन चुकी है.स्मार्टफोन के मदद से हमारे जीवन के काम करने के तौर तरीकों मे बहुत ही बदलाओ सा हो गया है.
ऐसे मे हम अगर बात करते है स्मार्ट फोन की तो हमे Android शब्द सुनने को जरूर मिलता है और आप मे से बहुतों लोग इसका स्तेमाल बी करते है पर Android Kya Hota Hai इसकी जानकारी हमे पूरी तरह नहीं होती जिसके लिए मुझे लगा क्यू ना आपको एंड्रॉयड क्या है हिन्दी मे इसकी जानकारी आपलोगों तक पहुचाया जाए.
ताकि जब भी Android शब्द का जिक्र हो तो आप इसे दूसरों को भी समझा सके की Android क्या होता है और इसका काम क्या है ताकि आप एक स्मार्ट यूजर कहलाए.Androidके साथ साथ आपने Windows और iOS स्मार्ट फोन के बारे मे भी सुना होगा पर आज हम Android के बारे मे जानेंगे की Android Operating System Kya Hai विस्तार से.
Android एक ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसका स्तेमाल स्मार्टफोन मे सबसे ज्यादा कीया जाता है यह पूरे दुनिया मे ऑपरेटिंग सिस्टम के मामले मे सबसे प्रसिद्ध ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे Google के द्वारा बनाया गया है और यह linux kernel के ऊपर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम है और यह बहुत ही user Friendly है जिसे बड़े ही आसानी से कोई भी स्तेमाल कर सकता है.
Android open source होने के वजह से इसे ज्यादा तर मोबाईल कंपनी द्वारा उनके स्मार्ट फोन मे डाला जाता है और क्यू की यह ओपन सोर्स है इसके चलते Android ऑपरेटिंग सिस्टम वाले फोन हमे सस्ते दामों पर मिल जाता है.
सुरू से लेकर आज तक इसके कई वर्ज़न आ चुके है जिनमे Android 1.0 Alpha ,Android 4.1 Jelly Bean, Android 5.0 Lollipop, 6.0 Marshmallow, Android 10 इत्यादि सामील है जिनके बारे मे हम आगे जानेंगे.
Fact-भारत मे 90% से 94% स्मार्टफोन एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम वाले स्तेमाल कीये जाते है और वही बात करे पूरे दुनिया मे तो करीब 70 %से 85% स्मार्ट फोन एंड्रॉयड के स्तेमाल कीये जाते है . |
Open-source क्या है?
ओपन सोर्स उसे कहते है जिसके सोर्स कोड आम डेवलपर्स के लिए उपलब्ध हो और उसमे किसी भी तरह परिवर्तन कीया जा सके और इसके लिए किसी को किसी भी तरह का कोई चार्ज नहीं देना होता है.
उदाहरण के और पर आप जिस भी कंपनी का स्मार्टफोन स्तेमाल करते है वो रहता तो Android ही है पर कंपनी उसमे कुछ परिवर्तन कर अपने खुद के UI (User interface ) डाल कर देती है जैसे realme के स्मार्ट फोन मे हमे (Realme ui 2.0) और Oneplus के फोन मे (Oxygen OS 11) देखने को मिलता है.
एंड्रॉयड का इतिहास-History of Android in Hindi
गूगल से पहले एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम Android Inc की थी जिसके फाउन्डर Andy Rubin, Rich Miner, Nick Sears और Chris White थे.इहोने इसपर सुरुवात मे काम कीया और क्यू की इनके पास कुछ खास फन्डिंग ना होने के कर इसे गूगल को 2005 मे बेचना पड़ा.
गूगल से पहले एंड्रॉयड (Android Inc) की थी जिसके फाउन्डर Andy Rubin, Rich Miner, Nick Sears और Chris White थे.इहोने इसपर सुरुवात मे काम कीया और क्यू की इनके पास कुछ खास फन्डिंग ना होने के कर इसे गूगल को 2005 मे बेचना पड़ा और गूगल ने Android को खरीदने के बाद इन्ही चारों को उसका मुख्य बनाया.
बाद मे March 2013 मे Andy Rubin को इसे छोड़ किसी और प्रोजेक्ट पर अपना समय देने का सोचा और आगे चलकर Android को Sundar Pichai के देख रेख मे रखा गया और सन 2007 एंड्रॉयड मे अपना पहला वर्ज़न लौंच कीया और एक एक कर इसमे कई सुधार कर नए नए वर्ज़न मार्केट मे लौंच कीया गया.
Android OS की Evolution – Android Beta से Pie तक का सफ़र
यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं की आज एंड्रॉयड दुनिया का सबसे लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे समसे ज्यादा स्मार्टफोन के लिए पसंद कीया जाता है वही आजकल इसका उपयोग कुछ स्मार्ट टीवी इत्यादि मे भी किया जा रहा है.
यदि बात लकरे एंड्रॉयड की तो इसे Google और Open Handset Alliance मिलकर डेवेलप कीया था तब से लकर आज तक बाजार मे इसके कई वर्ज़न आ चुके है वही इसमे पहले से बहुत ज्यादा सुधार हो चुका और अब का एंड्रॉयड एक अड्वान्स OS है.
एंड्रॉयड के बारे मे सबसे रोचक बात यह है की इसके हर वर्ज़न को Alphabetic order के हिसाब से कोड नेम दिए जाते है जैस Cupcake, Donut, Éclair, Froyo, Gingerbread, Honeycomb, Ice cream sandwich, Jelly Bean, KitKat, Lollipop, Marshmallow, Nougat, Oreo और Pie और यह सभी नाम किसी ना किसी desserts के नाम पर रखा गया है.
Android Versions के नाम और API level (Android versions, name, and API level)
हमने एंड्रॉयड क्या है और Android के इतिहास के बारे मे जाना अब हम एंड्रॉयड द्वारा सुरू से लकर अभी तक के वर्ज़न के नाम और उनमे हुए अपडेट के बारे मे जानते है और आपने इन सभी मे से एक दो ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल जरूर कीया होगा अगर आप एंड्रॉइड स्मार्टफोन का स्तेमाल करते होंगे तो.
Code name | Version numbers | API level | Release date |
Alpha | 1.0 | 1 | September 23, 2008 |
Beta | 1.1 | 2 | February 9, 2009 |
Cupcake | 1.5 | 3 | April 27, 2009 |
Donut | 1.6 | 4 | September 15, 2009 |
Eclair | 2.0 – 2.1 | 5 – 7 | October 26, 2009 |
Froyo | 2.2 – 2.2.3 | 8 | May 20, 2010 |
Gingerbread | 2.3 – 2.3.7 | 9 – 10 | December 6, 2010 |
Honeycomb | 3.0 – 3.2.6 | 11 – 13 | February 22, 2011 |
Ice Cream Sandwich | 4.0 – 4.0.4 | 14 – 15 | October 18, 2011 |
Jelly Bean | 4.1 – 4.3.1 | 16 – 18 | July 9, 2012 |
KitKat | 4.4 – 4.4.4 | 19 – 20 | October 31, 2013 |
Lollipop | 5.0 – 5.1.1 | 21- 22 | November 12, 2014 |
Marshmallow | 6.0 – 6.0.1 | 23 | October 5, 2015 |
Nougat | 7.0 | 24 | August 22, 2016 |
Nougat | 7.1.0 – 7.1.2 | 25 | October 4, 2016 |
Oreo | 8.0 | 26 | August 21, 2017 |
Oreo | 8.1 | 27 | December 5, 2017 |
Pie | 9.0 | 28 | August 6, 2018 |
Android 10 | 10.0 | 29 | September 3, 2019 |
Android 11 | 11 | 30 | September 8, 2020 |
Android 12 | no data | no data | no data |
Android Versions और उनके Features
हम यहाँ जानते है सुरू से अभी तक Android Versions के बारे मे.
Android 1.0 Alpha
यह September 23, 2008 मे सबसे पहला variant आया था और इसके बाद दो variant जिनके नाम Astro और Bender जिसे पब्लिक मे लौंच नहीं कीया गया था.
Android 1.5 Cupcake
यह एक variant स्वीट के नाम पर रखा गया था इसमे कोई बदलाओ कीया गया इसमे आपका स्क्रीन अपने आप घूमती थी फोन के हिसाब से और third party virtual keyboard ,video recording and playback ,animated screen transitions इत्यादि का सपोर्ट देखने को मिला.
Android 1.6 Donut
यह variant September 29, 2009 मे लौंच हुआ इसमे GSM के साथ साथ हमे CDMA का भी सपोर्ट देखने को मिला.
Android 2.1 Eclair
Android Donut के लॉन्च होने के ठीक दो महीने बाद October 26 ,2009 Android 2.1 Eclair लौंच हुआ जिसमे हमे Live navigation यानि गूगल मैप का सपोर्ट देखने को मिल और इसके साथ साथ टेक्स्ट तो स्पीच ,expanded Account sync, Exchange email support, Bluetooth 2.1 इत्यादि का सपोर्ट मिला.
Android 2.3 Froyo
Android 2.3 Froyo May 20, 2010 मे लौंच हुआ यह नाम frozen yogurt से मिलकर बना जो Linux kernel 2.6.32 पर based था.इसमे हमे वाईफाई और हॉट स्पॉट का सपोर्ट देखने को मिला.
Android 2.3 Gingerbread
2.3 Gingerbread को December 6, 2010 को लौंच हुआ जिसमे यूजर इंटरफेस मे कई बदलाओ देखने को मिला.इसमे हमे एक्स्ट्रा लार्ज स्क्रीन देखने को मिली साथ ही साथ Faster Text Input, Copy और Paste के फीचर भी हमे देखने को मिले.एंड्रॉयड के इस वर्ज़न के सॉफ्टवेयर मे कई सुधार कीये गए और यह पहले से ज्यादा तेज था और इसमे हमे कई नए हार्डवेयर तथा अन्य सपोर्ट देखने को मिला.
Android 3.2 Honeyco mb
February 22, 2011 को Android 3.2 Honeycomb लौंच हुआ जो बड़े स्क्रीन के लिए डिजाइन कीया गया था जैसे टैबलेट इत्यादि इसमे हमे वर्चुअल और होलोग्राफिक User Interface देखने को मिला साथ ही साथ इसमे हम multiple browser tabs का उपयोग कर सकते थे.
साथ ही साथ इसमे कैमरा पहले से जल्दी खुलता था और यह वर्ज़न वीडियो कॉल को भी सपोर्ट करता था.
Android 4.0 Ice Cream Sandwich
October 19, 2011 को लौंच हुआ Android 4.0 Ice Cream Sandwich जिसमे हमे Face unlock सिस्टम देखने को मिला और यह पहली बार था और साथ ही साथ इसमे कई सुधार भी कीये गए थे.
Android 4.1 Jelly Bean
June 27, 2012 को Android 4.1 Jelly Bean के नाम से लौंच हुआ यह Linux kernel 3.0.31 के ऊपर based था जिसमे हमे bi-directional text, ability to turn off notifications on apps, offline voice detection.
इसके साथ Google Wallet, shortcuts and widgets, multichannel audio, Google Now search application, USB audio, audio chaining इत्यादि देखने को मिले और आगे चलकर इसमे और भी अपडेट आए जो की 4.2 और 4.3 था.
Android 4.4 “KitKat”
October 2013 मे लौंच हुआ Android 4.4 “KitKat” जिसे बहुत ही ज्यादा पसंद कीया गया लौंच होने से पहले इसका नाम Key Lime Pie होना था बर बाद KitKat कंपनी के साथ डील होने के बाद इसका नाम Android 4.4 “KitKat” रखा गया.
Android 5.0 Lollipop
October 15, 2014 को गूगल ने लौंच कीया Android 5.0 Lollipop जिसमे एंड्रॉयड का पूरा फ़ील ही बदल गया इसमे कई बदलाओ कीये गए जैसे इसमे हमे Material Design बहुत ही बेहतर देखने को मिल साथ ही साथ colourful interfaces, playful transitions इत्यादि हमे मिला
Android का यह वर्ज़न को लोगों ने खूब पसंद कीया और इसमे Battery Life मे भी काफी सुधार कीया ज चुका था.
Android 6.0 Marshmallow
Android 6.0 Marshmallow को गूगल ने लौंच कीया October 5, 2015 को जो की इसके पिछले वर्ज़न से काफी मिलता झूलता था पर इसमें हमे कोई और सपोर्ट जैसे फिंगर प्रिन्ट अन्लाक और USB type C देखने को मिला इत्यादि.
Android 7.0 Nougat
October 4, 2016 को Android 7.0 Nougat का अपडेट आया जिसमे हमे Night Light ,Fingerprint swipe down gesture, Daydream VR Mode, Circular app icons support इत्यादि का सपोर्ट देखने को मिला.देखा जाए तो इसमे इसके आलवे भी कोई बड़े अपडेट हमे देखने को मिले.
Android 8.0 OREO
August 18, 2017 को गूगल ने अपना नया अपडेट लोगों के सामने लाया जिसका नाम था Android 8.0 OREO जिसमे हमे कोई बेहतर सुविधा देखने को मिली जैसे Enhanced Battery Life ,Smart Text Selection ,Better Google Assistant, Autofill feature और इत्यादि.
Android 9.0 Pie
August 6, 2018 को गूगल ने लौंच कीया Android 9.0 Pie जिसमे हमे Adaptive Battery, Adaptive Brightness, App Actions इत्यादि जैसे नए फीचर देखने मिला.
Android 10
Android 10 को गूगल ने लौंच कीया September 3, 2019 को जिसमे पहले इसे गूगल के द्वारा इसका नाम Android Q कहा जा रहा था बाद मे इसका नाम Android 10 रखा गया.
- इसमे हमे gesture controls मे काफी सेटिंग देखने को मिला इसके साथ साथ हमे इसमे डार्क मोड का भी सपोर्ट देखने को मिला.
- इसमे जो हमे शेयर शीट मिलती और वह पहले से काफी फास्ट मिला.
- इसमे हमे QR Code द्वारा वाईफाई पसवॉर्ड शेरिंग का ऑप्शन देखने मिल और इत्यादि.
Android 11
इसे गूगल ने लौंच कीया September 8, 2020 जो की गूगल का लेटेस्ट अपडेट है इसमे हमे परफॉरमेंस मे सुधार देखने को मिला उसके साथ साथ इसमे हमे एप के पर्मिसन मे काफी सेटिंग देखने को मिली
वही इसमे हमे ज्यादा इस्तेमाल करने वाले एप को पिन करने का ऑप्शन देखने को मिल इसके अलावे भी हमे इसमे हमे काफी और फीचर्स देखने को मिलता है.
Android 12
Android 12 को बहुत जल्द ही हम स्तेमाल कर पाएंगे फिलहाल गूगल ने इसका developer preview लौंच कीया जिसे हम बीटा टेस्टिंग भी कह सकते है. आने वाले 2021,जुलाई से सप्टेंबर के बीच यह हमे स्तेमाल करने को मिल सकता है.
कहा यह भी जा रहा है की Pixel devices मे हमे इसका अपडेट देखने को सकता है और तो और हमे Pixel flagship फोन मे भी इसका अपडेट देखने को मिल सकता है.
अगर हम बात करे Android 12 मे मिलने वाले फीचर्स की तो इसमे हमे
- Blueish tint.
- Settings menu tweak.
- Enhanced screenshots .
- Share sheet image edit.
- Customization (जैसे -Home Screen grid इत्यादि मे)
- Media Player interface
- Notifications के डिजाइन मे बदलाओ.
- App shortcuts menu.
- Nearby Share for Wifi passwords
- People Space widget.
- New picture-in-picture controls.
- Hidden features ,इत्यादि जैसे फीचर्स देखने को मिलेगा.
Android Version क्या है ?
जैसा की हम सभी जानते किसी भी चीज को बनाने के बाद उसमे और भी सुधार कीया जाता है ठीक उसी प्रकार गूगल समय समय पर अपने Android प्लेटफॉर्म मे बहतेर बनाता है पहले से और उसमे कोई फीचर भी जोड़ता है.
इसके बाद हार्डवेयर कंपनी जी की किसी भी मोबाईल का हार्डवेयर तयार करती है जैसे की Realme ,MI ,सैमसंग इत्यादि.ये सभी Android के लेटेस्ट वर्ज़न को अपने संयत फोन ने डाल कर मार्केट मे बेचती है.
Android का वर्ज़न जितना ही लेटेस्ट होता है उसके लिए उतना मजबूत हार्डवेयर की जरूरत पड़ती है जैसे प्रोसेसर ,रैम इत्यादि क्यू की कोई भी नया वर्ज़न पहले से ज्यादा फीचर्स को जोड़कर आता है.
मोबाईल कंपनी अक्सर कमजोर हार्डवेयर वाले फोन मे Android के पुराने वर्ज़न को डाल कर देती है ताकि हार्डवेयर बैलन्स रहे अच्छे प्रकार से काम करे.
Stock Android क्या है ?
गूगल जो ऑपरेटिंग सिस्टम बनती है उसका नामAndroid है जिसे की बनाने के बाद मोबाईल कंपनी को बेचती है.यह मोबाईल कंपनी गूगल से ऑपरेटिंग सिस्टम खरीदने के बाद क्यू की एंड्रॉयड ओपन सोर्स है.
तो मोबाईल कंपनी उसमे अपने हिसाब से कई बदलाओ कर के उसके डिजाइन मे बदलाओ करते है जैसे की MIUI ,Real-me UI, Oxygen US इत्यादि.ये सभी होते तो Android ही पर क्यू की कंपनी ने उसमे कई बदलाओ कीये होते है उसे वह अपना रखा नाम देकर स्मार्ट फोन मे डालती है.
वही Stock Android गूगल का प्योरAndroid होता है(यानि बिना की छेड़ छाड़ के )जिसे पूरी तरह से गूगल द्वरा ही डिजाइन कीया जाता है.जिसमे कोई भी एक्स्ट्रा एप और कोड ना होने के वजह से इसमे हैंग होने की समस्या कम आती है और फोन की रैम भी काफी बचती है.
Stock Android वाले फोन को गूगल का अपडेट जल्दी से जल्दी मिल जाता है वही बाके UI मे इसकी कोई समय सीमा नहीं होती क्यू की उन्हे इसमे बदलाओ करने मे काफी समय लग जाते है.
गूगल के Nexus फोन इत्यादि मे आपको स्टॉक Android देखने को मिल जाता है.
यदि आप चाहते है की आपको अपने फोन मे कोई भी फालतू के बिना आपके स्तेमाल वाले एप आपको ना मिले और आपको Android के नए अपडेट हमेशा टाइम पर मिले तथा आपका फोन हैंग होने के चांस नहीं के बराबर हो तो आप स्टॉक Android वाला फोन ले सकते है. |
Android के futures
दुनिया मे सबसे ज्यादा स्तेमाल होने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम बन चुका है एंड्रॉयड और यह होने पीछे काही ना कही इसके futures इसके लिए बड़े मैने रखते है जिसके वहज से एंड्रॉयड को इतना पसंद कीया था है तो जानते है एंड्रॉयड के फीचर्स के बारे मे.
- 1. User Interface
एंड्रॉयड के यूजर इंटरफेस को हर पीढ़ी के लोगों द्वारा पसंद कीया है जाता है क्यू की इसका UI बहुत ही यूजर फ़्रेंडली होता है जिसके हर एक विकल्प को आप बड़े ही आसानी से खोज सकते है.इसे सीखने के लिए आपको ज्यादा वक्त नहीं लगता है.
- 2. Multiple Language Support
इसका दूसरा कारण है एंड्रॉयड का की भाषा जी हाँ एंड्रॉयड पूरे 100 से भी ज्यादा भाषा को सपोर्ट करता है आप देश या दुनिया के किसी रिसन मे रहते है हो एंड्रॉयड आप किसी भी भाषा मे उपयोग कर सकते है.
- 3.Multi Tasking
जी हाँ अगर आप एक ही फोन मे एक समय मे अनेकों टास्क करना पसंद करते है तो इसके लिए एंड्रॉयड बेस्ट है क्यू की यह Multi Tasking बहुत ही अच्छे से सपोर्ट करता है और समय-समय पर इसमे कई सुधार भी कीये जाते है.
- 4.Connectivity
अगर बाद कर तो एंड्रॉयड हमे सभी तरह के Network से बेहतर Connectivity प्रदान करता है जैसे Bluetooth, NFC , Wi-Fi ,Hotspot ,CDMA ,GSM ,4 G , 5G इत्यादि.
Android के विशेषता
एंड्रॉयड क्या है आपने जाना अब हम जान लेते है Android के कुछ विशेषता के बारे मे.
- Android की सबसे बड़ा विशेषता यह है की पूरी तह ओपन सोर्स है.
- किसी भी संरत फोन मे Android को डालने के बाद वह एक तेरह का मिनी कंप्युटर बन जात है.
- Android प्लेटफॉर्म के लिए हमे लाखों एप स्तेमाल करने के लिए काफी आसानी से मिल जाता है.
- Android पूरी तरह से user friendly जिसे कोई भी बड़े ही आसानी से स्तेमाल कर सकता है.
- Android काफी तेजी से काम करने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है.
क्या Android updates के पैसे देने पड़ते हैं?
यह सवाल अक्सर हमारे दिमाग मे आता है किस की हमए एंड्रॉयड को अपडेट करने के लिए पैसे देने पड़ते है तो मै आपको बता दु यह बईकुल ही फ्री है यदि आप कोई स्मार्ट फोन लेते है तो कंपनी द्वारा जो एंड्रॉयड वर्ज़न दिया जाता है
उसमे बाद मे कुछ सुधार कर सारे यूजर को फिर से अपडेट प्रवाइड कराया जाता है जिसे करने के बाद आपके फोन की परफॉरमेंस मे सुधार आता है इसके आलवा कई नए फीचर भी आपको देखने को मिलते है.
एंड्रॉयड अपडेट निर्भर करता है आपके आप कौन सा फोन है कंपनी एक ना एक बार किसी भी फोन मे अपडेट जरूर भेजती है.
एंड्रॉयड का मतलब क्या है ?
एंड्रॉयड एक ऑपरेटिंग सिस्टम होता है जो की Linux kernel के ऊपर काम करता है इसे आप सिस्टम सॉफ्टवेयर भी मान सकते है जो किसी भी स्मार्टफोन को संचालित करने मे मदद करता है.
एंड्रॉयड वर्ज़न क्या है ?
जब किसी भी एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम मे कोई सुधार और कई बदलाओ के साथ नए रूप मे लाया जाए तो वही नया वर्ज़न कहलाता है.
एंड्रॉयड के नवीनतम वर्ज़न के नाम क्या है ?
Android 10,Android 11,Android 12 एंड्रॉयड के नवीनतम वर्ज़न है जो नए स्मार्टफोन मे आपको अधिक देखने को मिलता है.
एंड्राइड कौन सा सॉफ्टवेयर है?
एंड्रॉयड एक ऑपरेटिंग सीस्टम है जिसे गूगल द्वारा लौंच किया गया और यह पूरी तरह ओपन सोर्स है.
मुझे उम्मीद है Android क्या है ?
Android Kya Hai (What is Android in Hindi)
आपको अच्छे से समझ मे आ गया होगा एंड्रॉयड क्या होता है हिन्दी मे
function disabled
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