यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 6 फ़रवरी 2013

लोकी के जूस का सेवन जरूर करे !! 2 से 3 महीने आपकी सारी heart की blockage ठीक कर देगा !!

Heart attack // लोकी का जूस पीयों // रोज लोकी का रस निकाल-निकाल कर पियो !! या कच्ची लोकी खायो !
Meri request hai ki aapke ghar me kisiko bhi hriday aghat ho ya mahsus ho to kripa doctor ke paas na jakar use lauki ka juice pilaye ( try at least for 3 month ) !!!! ishwar aapki raksha karey !!! It can use by normal people also.

अमेरिका की बड़ी बड़ी कंपनिया जो दवाइया भारत मे बेच रही है ! वो अमेरिका मे 20 -20 साल से बंद है ! आपको जो अमेरिका की सबसे खतरनाक दवा दी जा रही है ! वो आज कल दिल के रोगी (heart patient) को सबसे दी जा रही है !! भगवान न करे कि आपको कभी जिंदगी मे heart attack आए !लेकिन अगर आ गया तो आप जाएँगे डाक्टर के पास !

और आपको मालूम ही है एक angioplasty आपरेशन आपका होता है ! angioplasty आपरेशन मे डाक्टर दिल की नली मे एक spring डालते हैं ! उसको stent कहते हैं ! और ये stent अमेरिका से आता है और इसका cost of production सिर्फ 3 डालर का है ! और यहाँ लाकर वो 3 से 5 लाख रुपए मे बेचते है और ऐसे लूटते हैं आपको !

और एक बार attack मे एक stent डालेंगे ! दूसरी बार दूसरा डालेंगे ! डाक्टर को commission है इसलिए वे बार बार कहता हैं angioplasty करवाओ angioplasty करवाओ !! इस लिए कभी मत करवाए !

तो फिर आप बोलेंगे हम क्या करे ????!

आप इसका आयुर्वेदिक इलाज करे बहुत बहुत ही सरल है ! पहले आप एक बात जान ली जिये ! angioplasty आपरेशन कभी किसी का सफल नहीं होता !! क्यूंकि डाक्टर जो spring दिल की नली मे डालता है !! वो spring बिलकुल pen के spring की तरह होता है ! और कुछ दिन बाद उस spring की दोनों side आगे और पीछे फिर blockage जमा होनी शुरू हो जाएगी ! और फिर दूसरा attack आता है ! और डाक्टर आपको फिर कहता है ! angioplasty आपरेशन करवाओ ! और इस तरह आपके लाखो रूपये लूटता है और आपकी ज़िंदगी इसी मे निकाल जाती है ! ! !

अब पढ़िये इसका आयुर्वेदिक इलाज !!
______________________
हमारे देश भारत मे 3000 साल एक बहुत बड़े ऋषि हुये थे उनका नाम था महाऋषि वागवट जी !!
उन्होने एक पुस्तक लिखी थी जिसका नाम है अष्टांग हृदयम!! और इस पुस्तक मे उन्होने ने बीमारियो को ठीक करने के लिए 7000 सूत्र लिखे थे ! ये उनमे से ही एक सूत्र है !!

वागवट जी लिखते है कि कभी भी हरद्य को घात हो रहा है ! मतलब दिल की नलियो मे blockage होना शुरू हो रहा है ! तो इसका मतलब है कि रकत (blood) मे acidity(अमलता ) बढ़ी हुई है !

अमलता आप समझते है ! जिसको अँग्रेजी मे कहते है acidity !!

अमलता दो तरह की होती है !
एक होती है पेट कि अमलता ! और एक होती है रक्त (blood) की अमलता !!
आपके पेट मे अमलता जब बढ़ती है ! तो आप कहेंगे पेट मे जलन सी हो रही है !! खट्टी खट्टी डकार आ रही है ! मुंह से पानी निकाल रहा है ! और अगर ये अमलता (acidity)और बढ़ जाये ! तो hyperacidity होगी ! और यही पेट की अमलता बढ़ते-बढ़ते जब रक्त मे आती है तो रक्त अमलता(blood acidity) होती !!

और जब blood मे acidity बढ़ती है तो ये अमलीय रकत (blood) दिल की नलियो मे से निकल नहीं पाता ! और नलिया मे blockage कर देता है ! तभी heart attack होता है !! इसके बिना heart attack नहीं होता !! और ये आयुर्वेद का सबसे बढ़ा सच है जिसको कोई डाक्टर आपको बताता नहीं ! क्यूंकि इसका इलाज सबसे सरल है !!

इलाज क्या है ??
वागबट जी लिखते है कि जब रकत (blood) मे अमलता (acidty) बढ़ गई है ! तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करो जो छारीय है !

आप जानते है दो तरह की चीजे होती है !

अमलीय और छारीय !!
(acid and alkaline )

अब अमल और छार को मिला दो तो क्या होता है ! ?????
((acid and alkaline को मिला दो तो क्या होता है )?????

neutral होता है सब जानते है !!
_____________________
तो वागबट जी लिखते है ! कि रक्त कि अमलता बढ़ी हुई है तो छारीय(alkaline) चीजे खाओ ! तो रकत की अमलता (acidity) neutral हो जाएगी !!! और रक्त मे अमलता neutral हो गई ! तो heart attack की जिंदगी मे कभी संभावना ही नहीं !! ये है सारी कहानी !!

अब आप पूछोगे जी ऐसे कौन सी चीजे है जो छारीय है और हम खाये ?????

आपके रसोई घर मे सुबह से शाम तक ऐसी बहुत सी चीजे है जो छारीय है ! जिनहे आप खाये तो कभी heart attack न आए ! और अगर आ गया है ! तो दुबारा न आए !!
_________________

सबसे ज्यादा आपके घर मे छारीय चीज है वह है लोकी !! जिसे दुदी भी कहते है !! english मे इसे कहते है bottle gourd !!! जिसे आप सब्जी के रूप मे खाते है ! इससे ज्यादा कोई छारीय चीज ही नहीं है ! तो आप रोज लोकी का रस निकाल-निकाल कर पियो !! या कच्ची लोकी खायो !!

स्वामी रामदेव जी को आपने कई बार कहते सुना होगा लोकी का जूस पीयों- लोकी का जूस पीयों !
3 लाख से ज्यादा लोगो को उन्होने ठीक कर दिया लोकी का जूस पिला पिला कर !! और उसमे हजारो डाक्टर है ! जिनको खुद heart attack होने वाला था !! वो वहाँ जाते है लोकी का रस पी पी कर आते है !! 3 महीने 4 महीने लोकी का रस पीकर वापिस आते है आकर फिर clinic पर बैठ जाते है !

वो बताते नहीं हम कहाँ गए थे ! वो कहते है हम न्योर्क गए थे हम जर्मनी गए थे आपरेशन करवाने ! वो राम देव जी के यहाँ गए थे ! और 3 महीने लोकी का रस पीकर आए है ! आकर फिर clinic मे आपरेशन करने लग गए है ! और वो इतने हरामखोर है आपको नहीं बताते कि आप भी लोकी का रस पियो !!

तो मित्रो जो ये रामदेव जी बताते है वे भी वागवट जी के आधार पर ही बताते है !! वागवतट जी कहते है रकत की अमलता कम करने की सबे ज्यादा ताकत लोकी मे ही है ! तो आप लोकी के रस का सेवन करे !!

कितना करे ?????????
रोज 200 से 300 मिलीग्राम पियो !!

कब पिये ??

सुबह खाली पेट (toilet जाने के बाद ) पी सकते है !!
या नाश्ते के आधे घंटे के बाद पी सकते है !!
_______________

इस लोकी के रस को आप और ज्यादा छारीय बना सकते है ! इसमे 7 से 10 पत्ते के तुलसी के डाल लो
तुलसी बहुत छारीय है !! इसके साथ आप पुदीने से 7 से 10 पत्ते मिला सकते है ! पुदीना बहुत छारीय है ! इसके साथ आप काला नमक या सेंधा नमक जरूर डाले ! ये भी बहुत छारीय है !!
लेकिन याद रखे नमक काला या सेंधा ही डाले ! वो दूसरा आयोडीन युक्त नमक कभी न डाले !! ये आओडीन युक्त नमक अम्लीय है !!!!

तो मित्रो आप इस लोकी के जूस का सेवन जरूर करे !! 2 से 3 महीने आपकी सारी heart की blockage ठीक कर देगा !! 21 वे दिन ही आपको बहुत ज्यादा असर दिखना शुरू हो जाएगा !!!
_____

कोई आपरेशन की आपको जरूरत नहीं पड़ेगी !! घर मे ही हमारे भारत के आयुर्वेद से इसका इलाज हो जाएगा !! और आपका अनमोल शरीर और लाखो रुपए आपरेशन के बच जाएँगे !!

और पैसे बच जाये ! तो किसी गौशाला मे दान कर दे ! डाक्टर को देने से अच्छा है !किसी गौशाला दान दे !! हमारी गौ माता बचेगी तो भारत बचेगा !!
__________________

आपने पूरी post पढ़ी आपका बहुत बहुत धन्यवाद !!

आप छिलके को खाए जा रहे है ; जीवन रस की तलाश में ?---

आप छिलके को खाए जा रहे है ; जीवन रस की तलाश में ?---
--------------------------------------------------------------
क्या आपने कभी गन्ना चूसा है? पहले तो बहुत मधुर रस आता है फिर हम चबाते जाते है पर अब बस उसके रेशे है जो अब कोई स्वाद नहीं दे रहे। च्युइंग गम जब तक नई है मुंह में बहुत स्वाद है बाद में वह चबाते रहने पर कोई स्वाद नहीं देती। आखिर में हम परेशान हो कर उसे थूक देते है। आज जीवन में हर कोई सुख की तलाश में है। हर कोई रस चाहता है और उस रसपान में खो कर आखिर में रह जाता है सिर्फ कडवापन , खिन्नता और टूटे रिश्ते।
आज का समय असंयम का है। छोटे छोटे बच्चे फ़िल्में और टी वी देखकर समय से पहले ही सब कुछ जान जाते है। इसलिए उन्हें स्कूलों में इस बात की शिक्षा दी जाती है की किस बात में सावधानी रखनी है! जबकि होना यह चाहिए की यह समय सिर्फ और सिर्फ विद्यार्जन के लिए होना चाहिए। अन्य बातें उनके लिए विष के सामान है।यह बच्चों का स्वभाव होता है की जिस बात के लिए रोका जाए वही करते है।
आज हम अखबारों में और अन्यत्र समाचार पढ़ते है और सुनते है की छोटी छोटी बच्चियों से भी दुष्कर्म हो रहा है। इसके अपराधी कौन है? वह तो है ही जो करते है। पर गहराई से सोचा जाए तो वे भी शिकार है आज के असंयम का। आज फ़िल्मी हीरोइनों और आइटम गानों के रूप में देह का व्यापार करने वालियां इन्हें उकसाती है। इनके वस्त्र , नृत्य और भाव भंगिमाएं सभी उकसाऊ होते है।ये स्वयं तो जनता से दूर सुरक्षा घेरे में रहती है। कभी गलती से जनता के हाथ लग जाती है तो हंगामा करती है। अब उकसाए हुए लोगों को आस पास तो कोई उपलब्ध नहीं हो ; तो जो भी आस पास मिल जाए उन्ही से ये अपनी विकृति शांत कर लेते है। ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।
आज सरकार ही विज्ञापन देती है इमरजेंसी पिल्स और अन्य साधनों के बारे में। यानी की कुछ भी दुष्कर्म करो लेकिन बच्चें ना होने देना बस इतनी सावधानी रखो यह स्वयं प्रशासन सिखा रहा है । क्या जानवर और इंसान में आज कोई फर्क नहीं रह गया? पवित्र गृहस्थाश्रम की अवधारणा आज रह ही नहीं है।माँ बाप भी स्वतंत्रता चाहते है और बेटा बहु तो है ही आज कल के ....
आज वह समय आ गया है की शरीर के सुख के लिए गलत सम्बन्ध बनाने को भी मान्यता देने की मांग होने लगी है। वह दिन दूर नहीं जब अपने ही सम्बन्धियों से , जानवरों से सम्बन्ध को भी सही ठहराने की मांग होने लगे।
सतयुग वह समय था जब संकल्प मात्र से संतान पैदा करने की जीवनी शक्ति इंसान में थी जो आज हमें चमत्कार की तरह असंभव लगता है । द्वापर के प्रारम्भ के साथ इंसान ने शरीर संबंध बनाना शुरू किये जिसका ज़िक्र एडम और इव के सेब खाने के रूप में मिलता है। इससे इंसान की प्राण शक्ति या जीवनी शक्ति में कमी आई। उसकी आयु , उसका शरीर बल और लम्बाई घटती गई। धीरे धीरे आपस में वैमनस्य , शत्रुता , कटुता आती गई और अब तो विकृति भी आ गई है। जिस तरह से पागल खुद को कभी पागल नहीं कहता ; उसी तरह आज इंसान ये नहीं समझ पा रहा की उसमे विकृति आ गई है। बड़े बड़े विद्वान और समझदार लोग अपने शिष्यों को , अपने फँस को गलत संबंधों को अपनाने की , नियमित पर सुरक्षित सम्बन्ध बनाने की ज़रुरत की सलाह देते है। ऐसा ना करना ही वे विकृति समझते है।
वे ऐसा इसलिए करते है क्योंकि असली सुख तो उन्होंने कभी भी चखा ही नहीं। विद्यार्थी जीवन में इसके बारे में पूरी तरह अज्ञान , गृहस्थाश्रम में संयम ही सतत रस की कुंजी है। अन्यथा जीवन च्युइंग गम और चुसे हुए आम के छिलके की तरह रसहीन लगेगा। फिर इस रस की तलाश में पारिवारिक विघटन , गलत सम्बन्ध , अपराध आदि होंगे। परम योगी तो जब समाधि में लीन होते है तो वह चरम सुख पाते है जो कभी समाप्त नहीं हो पाता। वे अपने आप को आत्म रती कहते है और संसारियों का देह सुख उसके सामने कुछ भी नहीं पाते। —

हींग इतने सारे रोगों में काम आती है

हींग ----

हींग कोई फल या फूल नहीं होती ,यह तो पेड़ के तने से निकली हुई गोंद होती है। इसका पेड़ 5 से 9 फीट उंचा होता है। इसके पत्ते 1 से 2 फीट लम्बे होते हैं।

ये हींग इतने सारे रोगों में काम आती है कि आपको जानकार आश्चर्य होगा।आइये कुछ महत्वपूर्ण उपयोगों के बारे में जान लीजिये-

** यदि प्रजनन अंगों से सम्बंधित कोई भी बीमारी है तो 3 चुटकी हींग का चूर्ण सेकिये और 3 ही चुटकी इलायची दाने का चूर्ण आग पर सेंक लीजिये और रोगी को दूध में मिला कर पिला दीजिये।



** किसी महिला को अक्सर गर्भपात हो जाता हो तो यही हिंग उसे रोकने में सक्षम होती है।गर्भवती महिला को चक्कर आने पर या दर्द होने पर हींग को घी में सेंक कर तुरंत पानी से निगलवा दीजिये।



** पेट में दर्द हो या कीड़े हों तो 3-4 चुटकी हींग का पाउडर पानी से खाली पेट निगल लीजिये।



** कोई भी नशा विशेषतः अफीम का हो तो 2 ग्राम हींग का चूर्ण दही या पानी में मिला कर पिला दीजिये।



** दांत में दर्द हो रहा हो तो वहाँ घी में तली हुई हींग दबाइए।



** घाव मे कीड़े पड़ जाएँ तो नीम के पत्तो के साथ हींग पीस का घाव में लगाइए ,कीड़े तो मरेंगे ही घाव जल्दी भरेगा।



** आयुर्वेद में हींग को काफी गुणकारी माना जाता है बस एक सावधानी रखिये की हींग हमेशा घी में ही तली या भुनी जानी चाहिए



** दाद ,खाज खुजली में हींग को पानी में रगड़ कर लेप कर सकते हैं।

गुड के औषधीय गुण

गुड के औषधीय गुण
गुड़ गन्ने से तैयार एक शुद्ध, अपरिष्कृत पूरी चीनी है। यह खनिज और विटामिन है जो मूल रूप से गन्ने के रस में ही मौजूद हैं। यह प्राकृतिक होता है। पर लिए ज़रूरी है की देशी गुड लिया जाए , जिसके रंग साफ़ करने में सोडा या अन्य केमिकल ना हो। यह थोड़े गहरे रंग का होगा।इसे चीनी का शुद्धतम रूप माना जाता है। गुड़ का उपयोग मूलतः दक्षिण एशिया मे किया जाता है। भारत के ग्रामीण इलाकों मे गुड़ का उपयोग चीनी के स्थान पर किया जाता है। गुड़ लोहतत्व का एक प्रमुख स्रोत है और रक्ताल्पता (एनीमिया) के शिकार व्यक्ति को चीनी के स्थान पर इसके सेवन की सलाह दी जाती है। आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार गुड़ का उपभोग गले और फेफड़ों के संक्रमण के उपचार में लाभदायक होता है।
- देशी गुड़ प्राकृतिक रुप से तैयार किया जाता है तथा कोई रसायन इसके प्रसंस्करण के लिए उपयोग नहीं किया जाता है, जिससे इसे अपने मूल गुण को नहीं खोना पड़ता है, इसलिए यह लवण जैसे महत्वपूर्ण खनिज से युक्त होता है।
- गुड़ सुक्रोज और ग्लूकोज जो शरीर के स्वस्थ संचालन के लिए आवश्यक खनिज और विटामिन का एक अच्छा स्रोत है।
- गुड़ मैग्नीशियम का भी एक अच्छा स्रोत है जिससे मांसपेशियों, नसों और रक्त वाहिकाओं को थकान से राहत मिलती है।
- गुड़ सोडियम की कम मात्रा के साथ-साथ पोटेशियम का भी एक अच्छा स्रोत है, इससे रक्तचाप को नियंत्रित बनाए रखने में मदद मिलती है।
- भोजन के बाद थोडा सा गुड खा ले ; सारा भोजन अच्छे से और जल्दी पच जाएगा।
- गुड़ रक्तहीनता से पीड़ित लोगों के लिए बहुत अच्छा है, क्योंकि यह लोहे का एक अच्छा स्रोत है यह शरीर में हीमोग्लोबिन स्तर को बढाने में मदद करता है।
- यह सेलेनियम के साथ एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है।
- गुड़ में मध्यम मात्रा में कैल्शियम, फास्फोरस और जस्ता होता है जो बेहतर स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।
- यह रक्त की शुद्धि में भी मदद करता है, पित्त की आमवाती वेदनाओं और विकारों को रोकने के साथ साथ गुड़ पीलिया के इलाज में भी मदद करता है।
- गुड़ शरीर को विषाक्त पदार्थों से छुटकारा पाने में मदद करता है। सर्दियों में, यह शरीर के तापमान को विनियमित करने में मदद करता है।
- यह खांसी, दमा, अपच, माइग्रेन, थकान व इसी तरह की अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से निपटने में मदद करता है। - यह संकट के दौरान तुरन्त ऊर्जा देता है।
- लड़कियों के मासिक धर्म को नियमित करने यह मददगार होता है।
- गुड़ गले और फेफड़ों के संक्रमण के इलाज में फायदेमंद होता है।
- यह व्यक्ति के तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने में सहायक होता है।
- गुड़ शरीर में जल के अवधारण को कम करके शरीर के वजन को नियंत्रित करता है।
- उपरोक्त गुणों के अतिरिक्त गुड़ उच्च स्तरीय वायु प्रदूषण में रहने वाले लोगों को इससे लड़ने में मदद करता है, संक्षेप में कहें, तो गुड़ एक खाद्य पदार्थ कम, औषधि ज्यादा है।

Call for Pure Organic and Ayurvedic Products
in in all over India

Kailash Chandra Ladha 9352174466
Hemant Bajpai  9414129498

#organic 
#Sanwariya 
#chemicalfree 
#organicfood 
#organicproducts
#chemicalfreeskincare 
#chemicalfreeliving 
#chemicalfreeproducts 
#ayurveda


function disabled

Old Post from Sanwariya