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रविवार, 2 सितंबर 2018

श्रीकृष्‍ण की 5245वीं जयंती जन्‍माष्‍टमी

भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण की कई लीलाओं के बारे में आपने सुना होगा और टीवी पर देखा भी होगा.लेकिन जन्माष्टमी और कृष्ण भगवान के बारे में अपने कुछ हैरान करदेने वाली बात नहीं सुनी होगी,तो चलिए आपको बताते कुछ अद्बुध बाते.

भगवान कृष्ण के कुल 108 नाम हैं, जिनमें गोविंद, गोपाल, घनश्याम, गिरधारी, मोहन, बांके बिहारी, बनवारी, चक्रधर, देवकीनंदन, हरि, और कन्हैया प्रमुख हैं.अपने गुरु संदिपनी को गुरु दक्ष‍िणा देने के लिए भगवान ने उनके मृत बेटे को जीवित कर दिया था.श्रीकृष्ण की कुल 16108 पत्न‍ियां थीं, जिनमें से 8 पटरानी हैं.इन सभी का परिचिए करने के बाद आपको जन्माष्टमी से जुडी कुछ खास बताते है. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर चारों तरफ उत्साह बना हुआ है। लेकिन ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इसबार कृष्ण जन्माष्टमी पर ठीक वैसा ही संयोग बना है, जैसा द्वापर युग में कान्हा के जन्म क समय बना था.
इस खास संयोग को कृष्ण जयंती के नाम से जाना जाता है। भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि में आधी रात यानी बारह बजे रोहिणी नक्षत्र हो और सूर्य सिंह राशि में तथा चंद्रमा वृष राशि में हों, तब श्रीकृष्ण ज
यंती योग बनता है.हम सब के प्‍यारे नटखट नंदलाल, राधा के श्‍याम और भक्‍तों के भगवान श्रीकृष्‍ण के जन्‍मदिन की तैयारियां पूरे देश में चल रही हैं.

इस बार श्रीकृष्‍ण की 5245वीं जयंती है. मान्‍यता है कि भगवान श्रीकृष्‍ण का जन्‍म भाद्रपद यानी कि भादो माह की कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी को हुआ था. हालांकि इस बार कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी (Krishna Janmashtami) की तारीख को लेकर लोगों में काफी असमंजस में हैं.

इस बार जन्‍माष्‍टमी दो दिन पड़ रही है क्‍योंकि यह त्‍योहार 2 सितंबर और सितंबर दोनों ही दिन मनाया जाएगा. वहीं, वैष्‍णव कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी 3 सितंबर को है. अब सवाल उठता है कि व्रत किस दिन रखें? जवाब है 2 सितंबर यानी कि पहले दिन वाली जन्माष्टमी (Janmashtami) मंदिरों और ब्राह्मणों के घर पर मनाई जाती है. 3 सितंबर यानी कि दूसरे दिन वाली जन्माष्टमी वैष्णव सम्प्रदाय के लोग मनाते हैं.
जन्माष्टमी पर भक्तों को दिन भर उपवास रखना चाहिए और रात्रि के 11 बजे स्नान आदि से पवित्र हो कर घर के एकांत पवित्र कमरे में, पूर्व दिशा की ओर आम लकड़ी के सिंहासन पर, लाल वस्त्र बिछाकर, उस पर राधा-कृष्ण की तस्वीर स्थापित करना चाहिए, इसके बाद शास्त्रानुसार उन्हें विधि पूर्वक नंदलाल की पूजा करना चाहिए।
मान्यता है कि इस दिन जो श्रद्धा पूर्वक जन्माष्टमी के महात्म्य को पढ़ता और सुनता है, इस लोक में सारे सुखों को भोगकर वैकुण्ठ धाम को जाता है।
जन्‍माष्‍टमी की तिथि और शुभ मुहूर्त

इस बार अष्टमी 2 सितंबर की रात 08:47 पर लगेगी और 3 तारीख की शाम 07:20 पर खत्म हो जाएगी.
अष्‍टमी तिथि प्रारंभ: 2 सितंबर 2018 को रात 08 बजकर 47 मिनट.
अष्‍टमी तिथि समाप्‍त: 3 सितंबर 2018 को शाम 07 बजकर 20 मिनट.
रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ: 2 सितंबर की रात 8 बजकर 48 मिनट.
रोहिणी नक्षत्र समाप्‍त: 3 सितंबर की रात 8 बजकर 5 मिनट.
निशीथ काल पूजन का समय: 2 सितंबर 2018 को रात 11 बजकर 57 मिनट से रात 12 बजकर 48 मिनट तक.
व्रत का पारण: 3 सितंबर की रात 8 बजकर 05 मिनट के बाद.
वैष्‍णव कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी 3 सितंबर को है और व्रत का पारण अगले दिन यानी कि 4 सितंबर को सूर्योदय से पहले 6:13 पर होगा.

कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी 3 सितंबर को है

कैसे मनाएं जन्माष्टमी का त्यौहार

हम सब के प्‍यारे नटखट नंदलाल, राधा के श्‍याम और भक्‍तों के भगवान श्रीकृष्‍ण  के जन्‍मदिन की तैयारियां पूरे देश में चल रही हैं। इस बार श्रीकृष्‍ण की 5245वीं जयंती है। मान्‍यता है कि भगवान श्रीकृष्‍ण का जन्‍म भाद्रपद यानी कि भादो माह की कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी को हुआ था। हालांकि इस बार कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी  की तारीख को लेकर लोगों में काफी असमंजस में हैं।

इस बार जन्‍माष्‍टमी दो दिन पड़ रही है क्‍योंकि यह त्‍योहार 2 सितंबर और सितंबर दोनों ही दिन मनाया जाएगा। वहीं, वैष्‍णव कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी 3 सितंबर को है। अब सवाल उठता है कि व्रत किस दिन रखें? जवाब है 2 सितंबर यानी कि पहले दिन वाली जन्माष्टमी  मंदिरों और ब्राह्मणों के घर पर मनाई जाती है। 3 सितंबर यानी कि दूसरे दिन वाली जन्माष्टमी वैष्णव सम्प्रदाय के लोग मनाते हैं।

जन्‍माष्‍टमी का महत्‍व
श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी का पूरे भारत वर्ष में विशेष महत्‍व है। यह हिन्‍दुओं के प्रमुख त्‍योहारों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि सृष्टि के पालनहार श्री हरि विष्‍णु ने श्रीकृष्‍ण के रूप में आठवां अवतार लिया था।  देश के सभी राज्‍य अलग-अलग तरीके से इस महापर्व को मनाते हैं। इस दिन क्‍या बच्‍चे क्‍या बूढ़े सभी अपने आराध्‍य के जन्‍म की खुशी में दिन भर व्रत रखते हैं और कृष्‍ण की महिमा का गुणगान करते हैं। दिन भर घरों और मंदिरों में भजन-कीर्तन चलते रहते हैं। वहीं, मंदिरों में झांकियां निकाली जाती हैं और स्‍कूलों में  श्रीकृष्‍ण लीला का मंचन होता है।

जन्‍माष्‍टमी की तिथि और शुभ मुहूर्त
इस बार अष्टमी 2 सितंबर की रात 08:47 पर लगेगी और 3 तारीख की शाम 07:20 पर खत्म हो जाएगी।
अष्‍टमी तिथि प्रारंभ: 2 सितंबर 2018 को रात 08 बजकर 47 मिनट।
अष्‍टमी तिथि समाप्‍त: 3 सितंबर 2018 को शाम 07 बजकर 20 मिनट।

रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ: 2 सितंबर की रात 8 बजकर 48 मिनट।
रोहिणी नक्षत्र समाप्‍त: 3 सितंबर की रात 8 बजकर 5 मिनट।

 निशीथ काल पूजन का समय: 2 सितंबर 2018 को रात 11 बजकर 57 मिनट से रात 12 बजकर 48 मिनट तक।

व्रत का पारण: 3 सितंबर की रात 8 बजकर 05 मिनट के बाद।

वैष्‍णव कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी 3 सितंबर को है और व्रत का पारण अगले दिन यानी कि 4 सितंबर को सूर्योदय से पहले 6:13 पर होगा।

जो भक्‍त जन्‍माष्‍टमी का व्रत रखना चाहते हैं उन्‍हें एक दिन पहले केवल एक समय का भोजन करना चाहिए। जन्‍माष्‍टमी के दिन सुबह स्‍नान करने के बाद भक्‍त व्रत का संकल्‍प लेते हुए अगले दिन रोहिणी नक्षत्र और अष्‍टमी तिथि के खत्‍म होने के बाद पारण यानी कि व्रत खोल सकते हैं। कृष्‍ण की पूजा नीशीत काल यानी कि आधी रात को की जाती है।

जन्‍माष्‍टमी की पूजा विधि
कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी के दिन षोडशोपचार पूजा की जाती है, जिसमें 16 चरण शामिल हैं-

ध्‍यान- सबसे पहले भगवान श्री कृष्‍ण की प्रतिमा के आगे उनका ध्‍यान करते हुए इस मंत्र का उच्‍चारण करें।
ॐ श्री कृष्णाय नम:।  ध्‍यानात् ध्‍यानम् समर्पयामि।।

आवाह्न- इसके बाद हाथ जोड़कर श्रीकृष्‍ण का आवाह्न करें।

आसन- अब श्रीकृष्‍ण को आसन देते हुए श्री कृष्ण का ध्यान करें।

यह भी पढ़ें: Kajri Teej 2018: जानें पूजा की विधि संग व्रत कथा

पाद्य- आसन देने के बाद भगवान श्रीकृष्‍ण के पांव धोने के लिए उन्‍हें पंचपात्र से जल समर्पित करें।

अर्घ्‍य- अब श्रीकृष्‍ण को इस मंत्र का उच्‍चारण करते हुए अर्घ्‍य दें।

आचमन- अब श्रीकृष्‍ण को आचमन के लिए जल अर्पित करें।

स्‍नान- अब भगवान श्रीकृष्‍ण की मूर्ति को कटोरे या किसी अन्‍य पात्र में रखकर स्‍नान कराएं। सबसे पहले पानी से स्‍नान कराएं और उसके बाद दूध, दही, मक्‍खन, घी और शहद से स्‍नान कराएं। अंत में साफ पानी से एक बार और स्‍नान कराएं।

वस्‍त्र- अब भगवान श्रीकृष्‍ण की मूर्ति को किसी साफ और सूखे कपड़े से पोंछकर नए वस्‍त्र पहनाएं. फिर उन्‍हें पालने में रखें और इस मन्त्र का जाप करें-         शति-वातोष्ण-सन्त्राणं लज्जाया रक्षणं परम्।
देहा-लंकारणं वस्त्रमतः शान्ति प्रयच्छ में।।
ॐ श्री कृष्णाय नम:। वस्त्रयुग्मं समर्पयामि।

यज्ञोपवीत- इस मंत्र का उच्‍चारण करते हुए भगवान श्रीकृष्‍ण को यज्ञोपवीत समर्पित करें।

चंदन: अब श्रीकृष्‍ण को चंदन अर्पित करते हुए।

गंध: इस मंत्र का उच्‍चारण करते हुए श्रीकृष्‍ण को धूप-अगरबत्ती दिखाएं।

दीपक: अब श्रीकृष्‍ण की मूर्ति को घी का दीपक दिखाएं।

नैवैद्य: अब श्रीकृष्‍ण को भागे लगाते हुए।

ताम्‍बूल: अब पान के पत्ते को पलट कर उस पर लौंग-इलायची, सुपारी और कुछ मीठा रखकर ताम्बूल बनाकर श्रीकृष्‍ण को समर्पित करें।

दक्षिणा: अब अपनी सामर्थ्‍य के अनुसार श्रीकृष्‍ण को दक्षिणा या भेंट दें।

शुक्रवार, 31 अगस्त 2018

यह देन है कांग्रेस की

आजकल सोशल मीडिया पर कांग्रेसियों द्वारा एक पोस्ट आ रही है कि *आजादी से पहले अपने देश में सुई तक नहीं बनती थी, जो कुछ भी हुआ कांग्रेस के आने के बाद ही हुआ।*

*जरा अपने राजा महाराजाओं के वस्त्र ही देख लेते ये सब बोलने से पहले? क्या उन वस्त्रों की सिलाई नहीं होती थी? अंग्रेज़ो के आने से काफी समय पूर्व तक अपने देश की सभ्यता काफी विकसित हो चुकी थी।*

*शिवाजी अपनी तलवार, राणाप्रताप अपना भाला, पृथ्वीराज चौहान अपने हथियार, परशुराम अपना फरसा, कृष्ण अपना चक्र और राम अपना धनुष क्या इटली से लाए थे ?*

*अपने ही देश को कोसने वाले और उसे नीचा दिखाने वालों ... हमारे प्यारे भारत का तो स्वर्णिम इतिहास रहा है। तभी सारे विदेशी आक्रांताओं ने हमारे प्यारे भारत में आकर अपनी ऐसी तैसी कराई थी। यदि यहां कुछ नहीं था तो फिर  ये क्यों बार बार आ रहे थे ?*

*विदेशी आक्रांताओं ने 1000 साल तक हमें जी भर कर लूटा है हम सभी बातों से संपन्न थे तभी तो हमें लूटा गया है। ग्रहों की चाल से लेकर पृथ्वी से सूर्य की दूरी तक अब से हजारों साल पहले ही बता दी गयी थी।*

*भारत के विश्वविद्यालयों में पूरे विश्व के छात्र शिक्षा ग्रहण करने आते थे .. उस समय अमेरिका जंगली लोगों का देश था , जिन्हें खेती करना भी नहीं आता था *!

*बड़े-बड़े ऊंचे ऊंचे मंदिरो का निर्माण जिसमें पांच सात टन के पत्थर 2 सौ फीट की ऊंचाई पर चढ़ाये गए थे। रामेश्वरम में तो बड़े बड़े विशाल एक हजार खम्बे समुद्र के बीच में कैसे ले जाये गये और उन्हें कैसे खड़ा किया गया यह देख कर ही आँखे फटी रह जाएगी। ५००० साल पहले १३५०० फीट ऊंचाई पर केदारनाथ बाबा का मंदिर बिना टेक्नोलॉजी के बन गया क्या मतिमूढो ??*

*1947 में सुई नहीं बनती थी कहने वाले कांग्रेसियों ... 1947 में एक रुपए का 1 डालर आता था जिसे तुम कांग्रेसियों ने रू 67 का 1 डालर कर दिया।*

*चीन के पास 1950 तक हवाई जहाज नहीं था जबकि भारत के पास 1947 से अपना हवाई जहाज रहा है ..और आज चीन कहां है और तुम कांग्रेसियों ने भारत को कहां रख छोड़ा है?*

*1950 तक जापान के पास रेल इंजन नहीं था .. आज हमें जापान से बुलेट ट्रेन लेना पड़ रहा है ...क्या कांग्रेसी चमचे  इसकी जवाबदारी लेंगे??*

*हे मक्कार और धूर्त कांग्रेसियों......*

*पाकिस्तान को 90 हजार वर्ग किलो मीटर जमीन  तुमने लूटा दी !*

*कश्मीर को तुमने देश की समस्या बना डाला ! *कैबिनेट के न चाहते हुए भी रसिया ने मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाकर हमेशा के लिए मौका गवां दिया।*

*चीन को कैलाश मानसरोवर सहित 62 हजार वर्ग किलोमीटर का भूभाग तुमने लुटावा दिया !*

  *देश में नक्सलवाद तुम्हारी देन है !*

*1975 का आपातकाल तुम्हारी देन है ! और निर्लज्ज आज मानवाधिकार व संविधान की रक्षा की बात करते हो*
*कश्मीरी हिंदुओं का नरसंहार तुमने करवाया!*

*हिन्दू आतंकवाद का झूठा आरोप तुमने थोपा*
*और अब मॉब लिंचिंग , हिंदू पाकिस्तान , हिंदू तालिबान ना जाने क्या क्या ?*

*84 का सिखों के प्रति  वीभत्स दंगा तुमने कराया था !*

*भोपाल गैस कांड कराकर लाशों को तुमने नोच नोच कर तुमने खाया !*

*अरबों खरबों के घोटालों में तुम शामिल !*

*और उन घोटालों के कारण देश के प्रत्येक व्यक्ति अर्थात आज पैदा होने वाले बच्चे पर भी हज़ारों  रुपए का विदेशी कर्ज है !*

*यह देन है कांग्रेस की* !

*हे कांग्रेसियों !आप लोग जो अपने साठ वर्षों का विकास गिना रहे हो ... उस से 50 गुना अधिक देश का विकास हो जाना था। मगर तुम्हारे भ्रष्ट नेता गण अपना ही घर भरने मे लगे रहे, और देश गरीब होता गया।*

*इन्ही 60 सालों में चीन कहाँ से कहाँ पहुँच गया ! जापान  दुनिया का समृद्धतम देश बन गया अमेरिका विश्व शक्ति बन बैठा !*

*सिंगापुर , थाईलैंड , ताइवान , मलेशिया जैसे देश भी हमसे कोसो आगे निकल गए।*

*और तुम्हारी बाँटो , नोचो और खाओ , की राजनीति के चले हम हिंदुस्तान के आम जन आज भी बिजली , पानी , सड़के, भूख और तन ढकने को कपड़ों के लिए तरस रहे हैं।

*इतने बरसों मे तो कई पीढ़ियां गुजर गयी .. शर्म करो अब क्या तुम्हें तीन सौ साल चाहिए , देश का विकास करने के लिए* ।

जाती के आधार पर वोट न करे

जाती के आधार पर वोट न करे
क्योकि आप छात्रसंघ अध्यक्ष चुन रहे हैं
न कि अपने जियाजी vote4ABVP

यह देन है कांग्रेस की

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*आजकल सोशल मीडिया पर कांग्रेसियों द्वारा एक पोस्ट आ रही है कि *आजादी से पहले अपने देश में सुई तक नहीं बनती थी, जो कुछ भी हुआ कांग्रेस के आने के बाद ही हुआ।*

*जरा अपने राजा महाराजाओं के वस्त्र ही देख लेते ये सब बोलने से पहले? क्या उन वस्त्रों की सिलाई नहीं होती थी? अंग्रेज़ो के आने से काफी समय पूर्व तक अपने देश की सभ्यता काफी विकसित हो चुकी थी।*

*शिवाजी अपनी तलवार, राणाप्रताप अपना भाला, पृथ्वीराज चौहान अपने हथियार, परशुराम अपना फरसा, कृष्ण अपना चक्र और राम अपना धनुष क्या इटली से लाए थे ?*

*अपने ही देश को कोसने वाले और उसे नीचा दिखाने वालों ... हमारे प्यारे भारत का तो स्वर्णिम इतिहास रहा है। तभी सारे विदेशी आक्रांताओं ने हमारे प्यारे भारत में आकर अपनी ऐसी तैसी कराई थी। यदि यहां कुछ नहीं था तो फिर  ये क्यों बार बार आ रहे थे ?*

*विदेशी आक्रांताओं ने 1000 साल तक हमें जी भर कर लूटा है हम सभी बातों से संपन्न थे तभी तो हमें लूटा गया है। ग्रहों की चाल से लेकर पृथ्वी से सूर्य की दूरी तक अब से हजारों साल पहले ही बता दी गयी थी।*

*भारत के विश्वविद्यालयों में पूरे विश्व के छात्र शिक्षा ग्रहण करने आते थे .. उस समय अमेरिका जंगली लोगों का देश था , जिन्हें खेती करना भी नहीं आता था *!

*बड़े-बड़े ऊंचे ऊंचे मंदिरो का निर्माण जिसमें पांच सात टन के पत्थर 2 सौ फीट की ऊंचाई पर चढ़ाये गए थे। रामेश्वरम में तो बड़े बड़े विशाल एक हजार खम्बे समुद्र के बीच में कैसे ले जाये गये और उन्हें कैसे खड़ा किया गया यह देख कर ही आँखे फटी रह जाएगी। ५००० साल पहले १३५०० फीट ऊंचाई पर केदारनाथ बाबा का मंदिर बिना टेक्नोलॉजी के बन गया क्या मतिमूढो ??*

*1947 में सुई नहीं बनती थी कहने वाले कांग्रेसियों ... 1947 में एक रुपए का 1 डालर आता था जिसे तुम कांग्रेसियों ने रू 67 का 1 डालर कर दिया।*

*चीन के पास 1950 तक हवाई जहाज नहीं था जबकि भारत के पास 1947 से अपना हवाई जहाज रहा है ..और आज चीन कहां है और तुम कांग्रेसियों ने भारत को कहां रख छोड़ा है?*

*1950 तक जापान के पास रेल इंजन नहीं था .. आज हमें जापान से बुलेट ट्रेन लेना पड़ रहा है ...क्या कांग्रेसी चमचे  इसकी जवाबदारी लेंगे??*

*हे मक्कार और धूर्त कांग्रेसियों......*

*पाकिस्तान को 90 हजार वर्ग किलो मीटर जमीन  तुमने लूटा दी !*

*कश्मीर को तुमने देश की समस्या बना डाला ! *कैबिनेट के न चाहते हुए भी रसिया ने मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाकर हमेशा के लिए मौका गवां दिया।*

*चीन को कैलाश मानसरोवर सहित 62 हजार वर्ग किलोमीटर का भूभाग तुमने लुटावा दिया !*

  *देश में नक्सलवाद तुम्हारी देन है !*

*1975 का आपातकाल तुम्हारी देन है ! और निर्लज्ज आज मानवाधिकार व संविधान की रक्षा की बात करते हो*
*कश्मीरी हिंदुओं का नरसंहार तुमने करवाया!*

*हिन्दू आतंकवाद का झूठा आरोप तुमने थोपा*
*और अब मॉब लिंचिंग , हिंदू पाकिस्तान , हिंदू तालिबान ना जाने क्या क्या ?*

*84 का सिखों के प्रति  वीभत्स दंगा तुमने कराया था !*

*भोपाल गैस कांड कराकर लाशों को तुमने नोच नोच कर तुमने खाया !*

*अरबों खरबों के घोटालों में तुम शामिल !*

*और उन घोटालों के कारण देश के प्रत्येक व्यक्ति अर्थात आज पैदा होने वाले बच्चे पर भी हज़ारों  रुपए का विदेशी कर्ज है !*

*यह देन है कांग्रेस की* !

*हे कांग्रेसियों !आप लोग जो अपने साठ वर्षों का विकास गिना रहे हो ... उस से 50 गुना अधिक देश का विकास हो जाना था। मगर तुम्हारे भ्रष्ट नेता गण अपना ही घर भरने मे लगे रहे, और देश गरीब होता गया।*

*इन्ही 60 सालों में चीन कहाँ से कहाँ पहुँच गया ! जापान  दुनिया का समृद्धतम देश बन गया अमेरिका विश्व शक्ति बन बैठा !*

*सिंगापुर , थाईलैंड , ताइवान , मलेशिया जैसे देश भी हमसे कोसो आगे निकल गए।*

*और तुम्हारी बाँटो , नोचो और खाओ , की राजनीति के चले हम हिंदुस्तान के आम जन आज भी बिजली , पानी , सड़के, भूख और तन ढकने को कपड़ों के लिए तरस रहे हैं।*😡😂😳

*इतने बरसों मे तो कई पीढ़ियां गुजर गयी .. शर्म करो अब क्या तुम्हें तीन सौ साल चाहिए , देश का विकास करने के लिए* ।
👹🤬

आज का पंचांग 31 AUGUST 2018

.                 ।। 🕉 ।।
    🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩
📜««« *आज का पंचांग* »»»📜
कलियुगाब्द........................5120
विक्रम संवत्.......................2075
शक संवत्..........................1940
मास................................भाद्रपद
पक्ष....................................कृष्ण
तिथी.................................पंचमी
रात्रि 10.08 पर्यंत पश्चात षष्ठी
रवि.............................दक्षिणायन
सूर्योदय..................06.09.33 पर
सूर्यास्त...................06.45.57 पर
सूर्य राशि..............................सिंह
चन्द्र राशि..............................मेष
नक्षत्र...............................अश्विनी
रात्रि 08.42 पर्यंत पश्चात भरणी
योग....................................वृद्धि
संध्या 07.25 पर्यंत पश्चात ध्रुव
करण................................कौलव
प्रातः 10.12 पर्यंत पश्चात तैतिल
ऋतु....................................वर्षा
दिन................................शुक्रवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
31 अगस्त सन 2018 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक......................4
🔯 शुभ रंग...............आसमानी

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
प्रात: 10.53 से 12.26 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
पश्चिमदिशा - यदि आवश्यक हो तो जौ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 07.45 से 09.18 तक लाभ
प्रात: 09.18 से 10.52 तक अमृत
दोप. 12.26 से 01.59 तक शुभ
सायं 05.07 से 06.40 तक चंचल
रात्रि 09.33 से 10.59 तक लाभ ।

📿 *आज का मंत्र* :-
।। ॐ सनकादयः नमः ।।

📢 *संस्कृत सुभाषितानि* --
धॄति: क्षमा दमोऽस्तेयं शौचमिन्द्रियनिग्रह:।
धीर्विद्या सत्यमक्रोधो दशकं धर्मलक्षणम्॥
अर्थात :-
धर्म के दस लक्षण हैं - धैर्य, क्षमा, आत्म-नियंत्रण, चोरी न करना, पवित्रता, इन्द्रिय-संयम, बुद्धि, विद्या, सत्य और क्रोध न करना॥   

🍃 *आरोग्यं सलाह* :-
*अजवाइन की पत्ती के फायदे -*

*2. उर्जा को बढ़ाए -*
ओरिगैनो या आजवाइन की पत्तियां उर्जा को बढ़ाने काम करता है। यह मेटाबॉलिज्म या चयापचय की कार्यक्षमता में सुधार करने में मदद करता है तथा शरीर हर समय कायाकल्प और उत्साहित रहता है। यह ब्लड सर्कुलेशन में वृद्धि, आयरन जैसे खनिजों की उपस्थिति के कारण, हमारे शरीर की कोशिकाओं और मांसपेशियों को ऑक्सीजन करने में मदद करता है, जो ऊर्जा को बढ़ावा देता है और हमें शक्ति देता है।

*4. डायबिटीज को करे नियंत्रित -*
आजवाइन की पत्तियां टाइप-1 डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद के लिए भी जाना जाता है। डायबिटीज के विकास को रोकने में आजवाइन की पत्तियों की बड़ी सफलता के कारण, यह भविष्य में मधुमेह के उपचार में स्थिरता ला सकता है।

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
रोजगार मिलेगा। अप्रत्याशित लाभ होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। विवाद न करें। नौकरी करने वालों को ऐच्छिक स्थानांतरण एवं पदोन्नति मिलने की संभावना है। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न करें।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
फालतू खर्च होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें। चिंता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। नवीन मुलाकातों से लाभ होगा। आमदनी बढ़ेगी। रुका धन मिलने से निवेश में वृद्धि होने के योग हैं। उदर संबंधी विकार हो सकते हैं।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
विवाद से क्लेश होगा। शारीरिक कष्ट संभव है। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा सफल रहेगी। आपसी मतभेद, मनमुटाव बढ़ेगा। किसी से मदद की उम्मीद नहीं रहेगी। आर्थिक समस्या बनी रहेगी। व्यसनाधीनता से बचें। व्यापार, रोजगार मध्यम रहेगा।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
घर-बाहर तनाव रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। जल्दबाजी न करें। नई योजना बनेगी। नए अनुबंध होंगे। किसी मामले में कटु अनुभव मिल सकते हैं। सरकारी, कानूनी विवाद सुलझेंगे। जोखिम, लोभ, लालच से बचें। नया काम, व्यवसाय आदि की बात बनेगी।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। यात्रा सफल रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। कानूनी बाधा दूर होकर लाभ होगा। पूंजी निवेश बढ़ेगा। पहले किए गए कार्यों का लाभदायी फल आज मिल सकेगा। संतान के कामों से खुशी होगी। व्यापार-व्यवसाय में तरक्की होगी।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। परिवार की स्थिति अच्छी रहेगी। रचनात्मक काम करेंगे। कर्मचारियों पर निगाह रखें। परिवार की समस्या का उचित समाधान होगा।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
शारीरिक कष्‍ट से बाधा संभव है। भागदौड़ रहेगी। घर-परिवार का सहयोग प्राप्त होगा। राजकीय सहयोग मिलेगा। कार्यकुशलता सहयोग से लाभान्वित होंगे। काम में मन लगेगा। स्वयं का सोच अनुकूल रहेगा। रिश्तेदारों से संबंधों की मर्यादा बनाए रखें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
चोट व रोग से बाधा संभव है। बेचैनी रहेगी। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। रोजगार मिलेगा। संतान के स्वास्थ्य में सुधार होगा। सोचे कामों में मनचाही सफलता मिलेगी। व्यापारिक निर्णय समय पर लेना होंगे। पुरानी बीमारी उभर सकती है।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग को सफलता मिलेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। नए कार्यों, योजनाओं की चर्चा होगी। लाभदायी समाचार आएंगे। समाज में आपके कार्यों की प्रशंसा होगी। साहस, पराक्रम बढ़ेगा। विश्वासप्रद माहौल रहेगा।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
पुराना रोग उभर सकता है। भागदौड़ रहेगी। दु:खद समाचार मिल सकता है। धैर्य रखें। अस्वस्थता बनी रहेगी। खुद के प्रयत्नों से ही जनप्रियता एवं सम्मान मिलेगा। रोजगार के क्षेत्र में संभावनाएं बढ़ेंगी। स्थायी संपत्ति संबंधी खटपट हो सकती है।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
प्रयास सफल रहेंगे। प्रशंसा प्राप्त होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। लाभ होगा। व्यवसाय अच्छा चलेगा। कार्य क्षेत्र में नई योजनाओं से लाभ होगा। लगन, मेहनत का उचित फल मिल सकेगा। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें। विवाद सुलझेंगे।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
पुराने संगी-साथियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ होगा। परिश्रम का पूरा परिणाम मिलेगा। अच्छी व सुखद स्थितियाँ निर्मित होंगी। विरोधी आपकी छवि खराब करने का प्रयास कर सकते हैं। व्यावसायिक सफलता से मनोबल बढ़ेगा।

☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो |

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

सोमवार, 20 अगस्त 2018

पूर्व प्रधानमंत्री  श्री अटल बिहारी वाजपेई  को भावपूर्ण श्रद्धांजलि


मौत खड़ी थी सर पर
इसी इंतजार में थी
ना झूकेगा ध्वज मेरा
15 अगस्त के मौके पर
तू ठहर इंतजार कर
लहराने दे बुलंद इसे
मैं  एक दिन और लड़ूंगा
मौत तेरे से 
मंजूर नही है कभी मुझे
झुके तिंरगा स्वतंत्रता के मौके पे  😢😢

🙏   *कोटि कोटि नमन*  🙏
    *भारत रत्न वाजपेयी जी*
       💐💐🌷🌷💐💐

*अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़े तथ्य- हरदिल अजीज राजनेता के रूप में रही उनकी छवि*

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी खराब स्‍वास्‍थ्‍य के कारण दिल्ली के एम्स में भर्ती हैं। देश उनकी सलामती की दुआएं कर रहा है। तीन बार प्रधानमंत्री रहे,हरदिल अजीज राजनेता अटल जी वाजपेयी की लोकप्रिय राजनेता,ओजस्वी कवि, सम्मानित समाजसेवी और नरम हिंदूत्ववादी के रूप में कई छवियां  हैं।आरएसएस में शामिल होने से पहले वह साम्यवाद से प्रभावित थे,पर बाद में बाबासाहेब आप्टे से प्रभावित होकर साल 1939 में आरएसएस से जुड़ गए। उनके स्‍वभाव और व्‍यक्तित्‍व का ऐसा जादू रहा है कि अपनी पार्टी के लोगों के साथ-साथ विपक्ष भी उनकी प्रशंसा और सम्‍मान करता है।उन्‍हें भारत सरकार की ओर से पद्म विभुषण और भारत रत्‍न का सम्‍मान मिल चुका है। आज हम लाए हैं अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी प्रमुख खास बातें-

🔶 अटल जी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। उनके पिता पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी कवि और अध्यापक थे और मां कृष्णा देवी घरेलू महिला थीं। अटल जी अपने माता-पिता की सातवीं संतान हैं।

🔶 उनकी प्रारंभिक शिक्षा बड़नगर, गोरखी के सरस्‍वती शिशु मंदिर से हुई। उन्‍होंने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेजियट स्कूल से इंटरमीडिएट तक और विक्टोरिया कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली। उन्‍होंने एमए डीएवी कॉलेज, कानपुर से किया।

🔶 वो बचपन से ही प्रतिभा संपन्न थे और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लेते थे व कविताएं भी लिखते थे। उन्होंने कॉलेज जीवन से ही राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना शुरू कर दिया था। पहले वह छात्र संगठन से जुड़े फिर आरएसएस के शाखा प्रभारी के रूप में कार्य किया।

🔶 अटल जी ने राष्ट्रधर्म नामक अखबार में बतौर सह सम्पादक और पांचजन्‍य, वीर अर्जुन व स्‍वेदश जैसे अखबारों में भी संपादन किया अटल जी और उनके पिता ने कानपुर के डीएवी कॉलेज से एक साथ कानून की पढ़ाई की थी। इतना ही नहीं दोनों ने एक ही क्लास में दाखिला लिया था। दोनों को हॉस्टल में भी एक ही कमरा दिया गया था पर राजनीति में आने के कारण वो लॉ की डिग्री ले नहीं पाए।

🔶 साल 1996 चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। सबसे बड़ी पार्टी के नेता के तौर पर अटल जी को सरकार बनाने का न्योता मिला। पहली बार प्रधानमंत्री बने अटलजी विश्वास प्रस्ताव रखने के लिए खड़े हुए और भूल गए कि वो खुद प्रधानमंत्री बन चुके हैं। जैसे ही उन्होंने लोकसभा में खड़े होकर कहा, ‘प्रधानमंत्री जी’, वैसे ही पूरा सदन हंसी से गूंज उठा।

🔶 अटल सबसे लम्बे समय तक सांसद रहे हैं और जवाहरलाल नेहरू व इंदिरा गांधी के बाद सबसे लम्बे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी। वह पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने गठबन्धन सरकार को न केवल स्थायित्व दिया बल्कि सफलता पूर्वक संचालित भी किया।

🔶 साल 2001 में जब अटल जी प्रधानमंत्री थे, तब उनके दाएं घुटने का ऑपरेशन हुआ था। वहीं, साल 2009 में अटल जी को आघात (स्ट्रोक) लगा था और इसके बाद उन्हें बोलने में समस्या होने लगी। बाद में वे डिमेंशिया से भी पीडि़त हो गए।

🔶 अटल ही पहले विदेश मंत्री थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में भाषण देकर देश को गौरवान्वित किया था। उन्‍हें भारतीय नृत्‍य और संगीत बेहद पसंद रहे हैं, उन्‍हें प्रकृति से भी बहुत प्‍यार है। उनकी प्रमुख रचनाओं में 'मृत्यु या हत्या', अमर बलिदान, कैदी कविराय की कुण्डलियां, संसद में तीन दशक, मेरी इक्यावन कविताएं आती हैं।

विनम्र श्रधांजलि....

क्रूर काल के हाथो से देखो हम फिर से छले गए ।
राजनीति के शिखर हिमालय अटल बिहारी चले गए ।

अपनी शर्तों पर जिए सदा कोई टुकड़ा डाल नही पाया ।
अटल, अटल ही रहे सदा कोई उनको टाल नही पाया ।

देश धर्म की बात आए तो मुद्दे पर तन जाते थे ।
देशद्रोहियों के सम्मुख वो स्वयं आग बन जाते थे ।

आँख मूँदकर तीन रंग का कफ़न लपेटा चला गया ।
मन आहत है भारत माँ का प्यारा बेटा चला गया ।

चालीस साल रहे विपक्षी, मंत्री पद भी पाते थे ।
चाहे कोई सरकार रहे सब अटल को गले लगाते थे ।

राजनीति की परिभाषा और उत्कर्षों का नाम अटल है ।
पैरों के छालें ना देखे,,  संघर्षों का नाम अटल है ।

जिससे भारत रोशन था वो रवि भी चला गया ।
राजनेता के साथ साथ में एक कवि भी चला गया ।

वह अग्निपुंज भारत माँ का मृत्यु से हार नही सकता ।
अटल अमर है दुनिया में कोई उनको मार नही सकता ।

जो जो सपने देखे तुमने सबको सफल बनाएँगे ।
और तिरंगा दुनिया के हर कोने में लहराएँगे ।

भारत रत्न मेधावी कवि  परम राष्ट्रभक्त  भारत माता के वीर पुत्र  पूर्व प्रधानमंत्री  श्री अटल बिहारी वाजपेई  को भावपूर्ण श्रद्धांजलि एवं शत शत नमन 💐💐 आप सदैव हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे एवं आपके विचार हमेशा अजर अमर रहेंगे!

🙏🙏वंदे मातरम भारत माता की जय🙏🙏

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