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मंगलवार, 25 दिसंबर 2018

भारत में क्रिसमस डे की जगह तुलसी पूजन दिवस की मची है धूम

🚩 *भारत में क्रिसमस डे की जगह तुलसी पूजन दिवस की मची है धूम*

24 दिसंबर 2018

🚩ईसाई समुदाय 25 दिसम्बर को क्रिसमस मनाते हैं, उसकी तैयारी पूर्व से होने लगती है, 25 दिसम्बर से 1 जनवरी तक क्रिसमस-डे मनाया जाता है, जिसमें त्यौहार के नाम पर दारू पीना, मांस खाना, पार्टी में दुष्कर्म करना, महिलाओं से छेड़छाड़ी करना आदि कृत्य होते हैं, ऐसे त्यौहार को कुछ भोले भारतवासी भी मनाने लगे थे पर अब धीरे-धीरे अपनी संस्कृति की तरफ लौट रहे हैं । भारतवासियों को लग रहा है कि क्रिसमस हमारी संस्कृति व सभ्यता को नष्ट कर देगी और हमारा जीवन बर्बाद कर देगी जिसकी वजह से क्रिसमस डे से उपराम हो रहे हैं ।

🚩पश्चिमी संस्कृति का क्रिसमस-डे मनाने जैसा त्यौहार नहीं है इसलिए भारत में ज्यादातर लोगों ने 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाने के लिए पहले से ही तुलसी पूजन शुरू कर दिया है, भारत ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों में भी इस दिन को तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है ।

🚩नीचे दिए गए साइट पर http://www.ashram.org/Ashram/SevaActivities आप देख सकते हैं ,देश-विदेश में 25 दिसम्बर निमित्त तुलसी पूजन की धूम मची है ।

🚩ट्वीटर पर भी सोमवार को 25 दिसंबर तुलसी पूजन दिवस के निमित्त
#संस्कृति_की_ओर_बढ़ते_कदम हैशटैग के जरिये लगातार ट्वीट्स देखने को मिल रही हैं ।

🚩आइये जानते हैं कि क्या कहना चाह रहे हैं ये लोग ट्वीटर के माध्यम से...

🚩1. गार्गी पटेल लिखती हैं कि Sant Shri Asaram Bapu Ji ने एक विश्वव्यापी अभियान शुरू किया👉🏻  25 दिसम्बर को क्रिसमस की नहीं  तुलसी पूजन करने की दिशा में बढ़ाये कदम । #संस्कृति_की_ओर_बढ़ते_कदम।।
https://t.co/pEBFDZLKiE

🚩2 . जागो हिंदुस्तानी हैंडल से ट्वीट करके बताया गया कि देश में सुख शांति स्वास्थ्य सौहार्द से जन-समाज का जीवन मंगलमय हो इस उद्देश्य से Sant Shri Asaram Bapu Ji ने 2014 से 25 दिसंबर को तुलसी पूजन शुरू करवाया। अब करोड़ों लोग मनाते हैं।
#संस्कृति_की_ओर_बढ़ते_कदम
https://t.co/IlbCV9nb0u

🚩3. प्रेम चौधरी ने लिखा है कि वृंदा अभियान चला रहा है एक अभियान घर-घर लगाओ तुलसी क्योंकि तुलसी है प्रकृति का अनमोल उपहार । आओ मनाएं
25 दिसम्बर को तुलसी पूजन दिवस । #संस्कृति_की_ओर_बढ़ते_कदम।
https://t.co/7WEUmagTMC

🚩4. महिला उत्थान मंडल के हैंडल से ट्वीट करके बताया है कि Sant Shri Asaram Bapu Ji  ने 25 दिसंबर को भारतीय संस्कृति की धरोहर तुलसी माता का पूजन करने की अनोखी पहल की थी, जिसकी शुरुआत महिला उत्थान मंडल अहमदाबाद की बहनों ने पूरे देश में कर चुकी हैं
#संस्कृति_की_ओर_बढ़ते_कदम
https://t.co/YZCTtwfcxm

🚩5. दीपिका लिखती हैं कि ना तुम ईसाई, न मैं ईसाई, फिर क्यों क्रिसमस की बधाई! इस 25 दिसम्बर, आओ मनाएँ Sant Shri Asaram Bapu Ji द्वारा प्रेरित तुलसी पूजन दिवस।
#संस्कृति_की_ओर_बढ़ते_कदम
https://t.co/hu4NXgRPnc

🚩इसी प्रकार से आज हजारों ट्वीटस हमें देखने को मिली । जिसमें सभी लोग क्रिसमस नहीं बल्कि तुलसी पूजन दिवस मनाने की बात कहने के साथ-साथ खुद की तुलसी पूजन करके फोटोज भी अपलोड कर रहे हैं ।

🚩केवल भारत के ही लोग नहीं , बल्कि कैलिफोर्निया, दुबई आदि से भी लोग तुलसी पूजन करके ट्वीटस कर रहे हैं ।

🚩आपको बता दें कि 25 दिसम्बर से 1 जनवरी के दौरान शराब आदि नशीले पदार्थों का जमकर सेवन होता है, जिससे आत्महत्या जैसी घटनाएँ, युवाधन की तबाही एवं अवांछनीय कृत्य खूब होते हैं इसलिए देश में सुख, सौहार्द, शांति बढ़े व जन-समाज का जीवन स्वस्थ और मंगलमय हो इस उद्देश्य से हिन्दू संत आसाराम बापू की प्रेरणा से वर्ष 2014 से 25 दिसम्बर को ‘तुलसी पूजन दिवस मनाना प्रारम्भ हुआ । इस पर्व को जनता ने भी खूब सराहा और इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की । इस पर्व की लोकप्रियता विश्वस्तर पर देखी गयी ।
http://www.ashram.org/Ashram/SevaActivities

🚩#तुलसी #पूजन से #बुद्धिबल, #मनोबल, #चारित्र्यबल व #आरोग्यबल #बढ़ता है । #मानसिक #अवसाद, #दुर्व्यसन, #आत्महत्या आदि से लोगों की #रक्षा होती है और लोगों को #भारतीय #संस्कृति के इस सूक्ष्म #ऋषि-विज्ञान का लाभ मिलता है ।

🚩विदेशों में भी होती है तुलसी पूजा-

मात्र भारत में ही नहीं वरन् विश्व के कई अन्य देशों में भी #तुलसी को #पूजनीय व शुभ माना गया है। ग्रीस में इस्टर्न चर्च नामक सम्प्रदाय में तुलसी की पूजा होती थी और सेंट बेजिल जयंती के दिन नूतन वर्ष भाग्यशाली हो इस भावना से चढ़ायी गयी तुलसी के प्रसाद को स्त्रियाँ अपने घर ले जाती थीं।

🚩तुलसी पूजन की शास्त्रों में महिमा
अनेक व्रतकथाओं, धर्मकथाओं, पुराणों में तुलसी महिमा के अनेकों आख्यान हैं ।

🚩#वैज्ञानिक भी #तुलसी को #मानते है लोहा...

डिफेन्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) के वैज्ञानिकों द्वारा किये गये अनुसंधानों से यह सिद्ध हुआ है कि ‘#तुलसी में #एंटी ऑक्सीडंट गुणधर्म है और वह आण्विक विकिरणों से क्षतिग्रस्त कोशों को स्वस्थ बना देती है । कुछ रोगों एवं जहरीले द्रव्यों, विकिरणों तथा धूम्रपान के कारण जो कोशों को हानि पहुँचानेवाले रसायन शरीर में उत्पन्न होते हैं, उनको तुलसी नष्ट कर देती है ।

🚩अतः विष्णुप्रिया तुलसी हर घर में होनी चाहिए । सभी लोग संकल्प लें कि #25 दिसम्बर को #तुलसी जी की #पूजा करके उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करेंगे ।

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गुरुवार, 20 दिसंबर 2018

लिवर क्या है ? लिवर ( यकृत / जिगर ) के कार्य

*लिवर क्या है ? लिवर ( यकृत / जिगर ) के कार्य :*

*यकृत ( लिवर ) का एक अन्य पर्यायवाची जिगर भी होता है । यह शरीर का सबसे बड़ा अंग है , जिसका वज़न तीन से चार पाउंड के लगभग होता है । यह वक्ष के डायफ्राम के नीचे दाईं ओर स्थित होता है , जिसे चिकित्सकीय भाषा में राइट हाइपोकार्डियक रीज़न कहते हैं । इससे पित्ताशय जुड़ा होता है जिसकी नलियां इकट्ठी होकर यकृतीय नलिका से मिल जाती हैं । यह नलिका ग्रहणी ड्यूओडिनम ) तक पित पहुंचाती है । पित एक पीले रंग का तरल पदार्थ होता है जिसमें श्लेष्मा , जल और विशेष लवण ( पित लवण ) का मिश्रण होता है । भोजन को पचाने में पित्त की अहम भूमिका रहती है । पित्त , वसा और तेलों का विघटन करके छोटी - छोटी बूंदों में बदल देता है । यकृत में यदि पित बनता रहे और भोजन के पाचन में प्रयुक्त न हो पाए तो पित्त जमा होता रहता है और पित्त की थैली में एकत्र होकर पित - पथरी का रूप धारण कर लेता है । खपत से अधिक पित्त का उत्पादन और शरीर द्वारा उसका पर्याप्त उपयोग न कर पाना या पित्त पथरी होने पर पित्त का मार्ग अवरुद्ध होने पर पीलिया रोग होने की सम्भावना बढ़ जाती है । पित का अबाधित प्रवाह यदि छोटी आंत तक न हो सके तो पाचन क्रिया में तेजाबी अंश बढ़ जाता है । इस कारण शरीर में गर्मी की मात्रा बढ़ जाती है । इस कारण पेट के अनेक विकार हो सकते हैं , गैस बनने लगती है , स्त्रियों में प्रदर हो सकता है और पुरुषों में नपुसकता हो सकती है । इस असंतुलन के कारण पेट ( आमाशय ) व आंतों में घाव हो सकते हैं , आंखों की ज्योति क्षीण हो सकती है , बाल झड़ने लगते हैं और पीलिया रोग होने के कारण अनेक जटिलताएं हो जाती हैं । स्वभाव में भी चिड़चिड़ापन आ जाता है । इसके अलावा जिगर कार्बोहाइड्रेट्स , प्रोटीन , वसा , लोहा व विटामिनों को शरीर के लिए उपयोगी बनाने का कार्य करता है । आवश्यकतानुसार लिवर , इन तत्त्वों को शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुंचाता है । जिगर अपने अन्दर इस प्रकार वसा संचित रखता है कि वह शरीर को शक्ति तथा उष्णता प्रदान कर सके । इसके अलावा जिगर शुगर को भी अपने में एकत्रित रखता है और जब भी शरीर को उसकी आवश्यकता होती है तो उसकी पूर्ति जिगर ही करता है । रक्त का थक्का बनने के लिए आवश्यक प्रोग्राम्बिन व फाइब्रिनोजन का निर्माण जिगर ( यकृत ) ही करता है । यह रक्त प्रवाह में शामिल होने वाले अनेक हानिकारक तत्वों को भी नष्ट करता है*

*लिवर की कमजोरी के कारण :बीड़ी - सिगरेट , शराब , तेज़ मसाले , मांसाहारी भोजन , मछली , अंग्रेजी औषधियों की अधिकता , हानिकर दवाओं का प्रयोग , अधिक तला चिकनाई युक्त भोजन करने से यकृत पर बुरा प्रभाव पड़ता है*

*लिवर को मजबूत करने के उपाय :*

*1 - 10 ग्राम कसौदी यूंटी के पते , 7 कालीमिर्च पानी के साथ पीसकर छानकर सुबह - शाम पीने से लियर की कमजोरी ठीक हो जाती है*

*2 - 12 ग्राम देशी अजवायन को 125 ग्राम पानी के साथ मिट्टी के बर्तन में रात को भिगो । दें । सुबह इसी पानी को निथार कर पीने से 7 दिनों तक जिगर में खून की कमी दूर हो जाती है*

*3 - 20 से 50 मिलिलीटर अनार का रस पीने से अथवा 20 मिलिलीटर कुंवारपाठे के रस में 1 से 5 ग्राम हल्दी मिलाकर पीने से लिवर मजबूत होता है*

*4 - भोजन से पहले एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका व एक चम्मच मधु । मिलाकर सेवन करने से लीवर में मौजूद विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं । यह शरीर की चर्थी भी घटाता है*

*5 - लीवर को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन चार - पांच कच्चा आंवला खाना चाहिए । इसमें भरपूर विटामिन सी मिलता है जो लीवर के सुचारु संचलन में मदद करता है*

*6 - सोंठ , पीपल , चित्रक मूल , बायविडंग और दंतीमूल 10 - 10 ग्राम एक साथ पीसकर चूर्ण बना लें । इस चूर्ण में 50 ग्राम हरड़ का चूर्ण मिलाकर 3 - 3 ग्राम सुबह - शाम गर्म पानी के साथ सेवन करने से लिवर के रोग में लाभ मिलता है*

*7 - 100 से 500 ग्राम बढिया पके जामुन प्रतिदिन खाली पेट खाने से लिवर की खराबी दूर होती है*

*8 - 4 ग्राम सूखे आंवले का पूर्ण या 25 ग्राम आंवले का रस 150 मिलीलीटर पानी में अच्छी तरह मिलाकर दिन में 4 बार सेवन करने से लिवर मजबूत होता है व लियर के रोग समाप्त होते हैं*

*9 - एक पके कागजी नींबू को 2 टुकड़े करके इसका बीज निकालकर आधे नींबू के बिना काटे चार भाग करके एक भाग में कालीमिर्च का चूर्ण , दूसरे भाग में सेंधानमक , तीसरे में सोंठ । का चूर्ण और चौथे में मिश्री का चूर्ण भर दें । इसके बाद इसे रात को प्लेट में रखकर सि में रख दें । सुबह खाना - खाने से 1 घंटा पहले इस नींबू के फांक को हल्की आग पर गर्म करके चूसें । इससे यकृत विकार ठीक होने के साथ मुंह का जायका भी ठीक होता है । इससे भूख बढ़तीं , सिर दर्द व पुरानी कब्ज दूर होती है । इसका सेवन प्रतिदिन करने से यकृत के सभी रोग दूर होते हैं*

*10 - धनिया , सौठ एवं कालानमक का चूर्ण बनाकर दिन में 3 बार सेवन करने से बदहज़मी व कब्ज दूर होती है । यह लियर को शक्ति देता है और भूख बढ़ती है*

*11 - सेब के सेवन से लिबर को शक्ति मिलती है और रोग आदि में आराम मिलता है*

*12 - बथुआ , उ , लीची , अनार , जामुन , चुकन्दर और अलुबुखारा सेवन करने से यकृत को शक्ति मिलती है और कब्ज दूर होती है ।*

*13 - लौकी को धीमी आग में सेंककर मसलकर रस निकाल लें और इस रस में मिश्री मिलाकर पीएं । इससे यकृत की बीमारी दूर होती है*

*14 - सूरज उगने से पहले उठकर मुंह साफ करके एक चुटकी साबुत कच्चे चावल की फांकी । लेने से यकृत को मजबूती मिलती हैं*

*15• आधा चम्मच सेंधानमक और 4 चम्मच राई पानी में डालकर यकृत वाले जगह पर 5 मिनट तक लेप करने से और फिर धोकर घी लगा देने से यकृत की सूजन व दर्द दूर होता*

*16 - पपीता पेट को साफ करता है और यकृत को शक्तिशाली बनाता है । छोटे बच्चे जिनका यकृत खराब रहता है उन्हें पपीता खिलाना चाहिए ।*

*17 - जिगर की कमजोरी में यदि पतले दस्त आते हों और भूख न लगती हो तो 6 शाम आम के सूखे पते को 250 मिलीलीटर पानी में उबालें और जब पानी केवल 125 मिलीलीटर शेष रह जाए तो इसे छानकर थोड़ा दूध मिलाकर पीएं । इसके सेवन से जिगर का रोग ठीक होता है*

*18 - liver majboot karne ke liye Juice मूली के एक ग्राम रस को सुबह आठ के साथ और शाम को ताजे पानी के साथ लेने से यकृत की दुर्बलता दूर होती है*

*19 - एक बताशे में एक चुटकी पिसी हुई फिटकरी डालकर दिन में 3 बार सेवन करने से यकृत ( जिगर ) के रोग में लाभ मिलता है*

*20 - 5 मिलीलीटर ग्वारपाठे के रस में सेंधानमक य समुद्री नमक मिलाकर सुबह - शाम सेवन करने से यकृत रोग ठीक होता है ।*

*21 - यकृत ( लीवर ) और प्लीहा ( तिल्ली ) की बीमारी में भुनी हुई अजयायन और सेंधानमक को नींबू के रस में मिलाकर पीने से बहुत लाभ होता है ।*

*22 - प्राणायाम या लम्बा श्वास लेना लियर को स्वस्थ अवस्था में रखता है ।*

*23 - खुली और शुद्ध वायु में बाकायदा उचित व्यायाम करना लियर के लिए लाभदायक है । व्यायाम इतना करना चाहिए जिससे बहुत श्रम अनुभव न हो ।*

*24 - लिवर के लिए योगासन - लियर सम्बन्धी रोगियों को नित्य कटि स्नान , प्राणायाम सर्वांगासन , पवनमुक्तासन , बजासन का नित्य अभ्यास करना चाहिए ।*

*25 - यकृत की कमजोरी में अनार का रस सेवन करना लाभकारी होता है ।*

*निरोगी रहने हेतु महामन्त्र*

*मन्त्र 1 :-*

*• भोजन व पानी के सेवन प्राकृतिक नियमानुसार करें*

*• ‎रिफाइन्ड नमक,रिफाइन्ड तेल,रिफाइन्ड शक्कर (चीनी) व रिफाइन्ड आटा ( मैदा ) का सेवन न करें*

*• ‎विकारों को पनपने न दें (काम,क्रोध, लोभ,मोह,इर्ष्या,)*

*• ‎वेगो को न रोकें ( मल,मुत्र,प्यास,जंभाई, हंसी,अश्रु,वीर्य,अपानवायु, भूख,छींक,डकार,वमन,नींद,)*

*• ‎एल्मुनियम बर्तन का उपयोग न करें ( मिट्टी के सर्वोत्तम)*

*• ‎मोटे अनाज व छिलके वाली दालों का अत्यद्धिक सेवन करें*

*• ‎भगवान में श्रद्धा व विश्वास रखें*

*मन्त्र 2 :-*

*• पथ्य भोजन ही करें ( जंक फूड न खाएं)*

*• ‎भोजन को पचने दें ( भोजन करते समय पानी न पीयें एक या दो घुट भोजन के बाद जरूर पिये व डेढ़ घण्टे बाद पानी जरूर पिये)*

*• ‎सुबह उठेते ही 2 से 3 गिलास गुनगुने पानी का सेवन कर शौच क्रिया को जाये*

*• ‎ठंडा पानी बर्फ के पानी का सेवन न करें*

*• ‎पानी हमेशा बैठ कर घुट घुट कर पिये*

*• ‎बार बार भोजन न करें आर्थत एक भोजन पूणतः पचने के बाद ही दूसरा भोजन करें*

*वन्देमातरम जय हिंद*

गुड़ खाने से लाभ

गुड़ खाने से 18 लाभ।
------------------------------

1- गुड़ खाने से नहीं होती गैस की समस्या l

2- खाना खाने के बाद अक्सर मीठा
खाने का मन करता हैं।
इसके लिए सबसे बेहतर है
कि आप गुड़ खाएं।
गुड़ का सेवन करने से आप
हेल्दी रह सकते हैं

3 - पाचन क्रिया को सही रखना

4 - गुड़ शरीर का रक्त साफ
करता है और मेटाबॉल्जिम
ठीक करता है।
प्रतिदिन एक गिलास पानी या दूध
के साथ गुड़ का सेवन पेट को
ठंडक देता है। इससे गैस की
समस्या नहीं होती।
जिन लोगों को गैस की परेशानी है,
वो रोज़ लंच या डिनर के पश्चात
थोड़ा गुड़ ज़रुर खाएं..

5 - गुड़ आयरन का मुख्य स्रोत है।
इसलिए यह एनीमिया के रोगियों
के लिए बहुत लाभदायक है।
विशेषतः महिलाओं के
लिए इसका सेवन बहुत
अधिक आवश्यक है.

6 - त्वचा के लिए, गुड़ ब्लड से
खराब टॉक्सिन दूर करता है,
जिससे त्वचा दमकती है और
मुहांसे की समस्या नहीं होती है।

7 - गुड़ के गुणधर्म गरम है,
इसलिए इसका सेवन जुकाम
और कफ से आराम दिलाता है।
जुकाम के दौरान यदि आप
कच्चा गुड़ नहीं खाना चाहते हैं
तो चाय या लड्डू में भी
इसका प्रयोग कर सकते हैं।

8 - एनर्जी के लिए -बुहत
अधिक थकान और कमजोरी
अनुभव करने पर गुड़ का
सेवन करने से आपका एनर्जी
लेवल बढ़ जाता है।
गुड़ शीघ्र पच जाता है, इससे
शुगर का स्तर भी नहीं बढ़ता.
दिनभर काम करने के बाद
जब भी आपको थकान हो,
तुरंत गुड़ खाएं।

9 - गुड़ शरीर के टेंपरेचर को
नियंत्रित रखता है।
इसमें एंटी एलर्जिक तत्व हैं,
इसलिए दमा के रोगियों के
लिए इसका सेवन काफी
लाभदायक होता है।

10 - जोड़ों के दर्द में आराम--
रोज़ गुड़ के एक टुकड़े के
साथ अदरक का सेवन करें,
इससे जोड़ों के दर्द की
दिक्कत नहीं होगी।

11- गुड़ के साथ पके चावल
खाने से बैठा हुआ गला व
आवाज खुल जाती है।

12 - गुड़ और काले तिल के
लड्डू खानेसे सर्दी में अस्थमा
की परेशानी नहीं होती है।

13 - जुकाम जम गया हो, तो
गुड़ पिघलाकर उसकी पपड़ी
बनाकर खिलाएं।

14 - गुड़ और घी मिलाकर खाने
से कान का दर्द ठीक हो जाता है।

15 - भोजन के बाद गुड़ खा
लेने से पेट में गैस नहीं बनती.

16 - पांच ग्राम सौंठ दस ग्राम
गुड़ के साथ लेने से पीलिया
रोग में लाभ होता है।

17 - गुड़ का हलवा खाने से
स्मरण शक्ति बढती है।

18 - पांच ग्राम गुड़ को इतने ही
सरसों के तेल में मिलाकर खानेसे
श्वास रोग से छुटकारा मिलता है।

अच्छी बातें, अच्छे लोगो, को
अपने मित्रो, को अवश्य शेयर करे.

गुरुवार, 13 दिसंबर 2018

नहीं मालूम कि हजारो काम किये हैं केंद्र सरकार ने हिन्दुओ के लिए

साभार Ranjay Tripathi :
कट्टर की माने तो क्या कारण रहे भाजपा के हारने के  ... कट्टर लोग कहते हैं कि हिंदुत्व मुद्दा था  ... मोदी सरकार और राज्य सरकारें हिंदुत्व भूलकर सेक्युलर हो गई थी  ... क्या है ये हिंदुत्व ? क्या है हिदुत्व का मुद्दा  ...  और ये हिंदुत्व का एजेंडा क्या है ये भी बता दीजिए  ... कट्टर कहते हैं कि राम मंदिर ही हिंदुत्व है .... लेकिन कट्टर खांटी २४ कैरट को नहीं मालूम कि हजारो काम किये हैं केंद्र सरकार ने हिन्दुओ के लिए  ... आपको भी समय समय पर पता लगे हैं, और आपने देखे भी हैं  ....

गंगा में गिरने वाले इतने सीवर बन्द हो गए  ... आज उसी गंगा में डुबकी लगाते आपको एक पल को नही लगता कि ये हिंदुत्व का काम है? 2 साल पहले बद्रीनाथ के चारो ओर विधर्मी बस्तियां उग आई थी ... आज जा कर देखिये ... यही सरकार बचा रही है महाराज  ...  वरना कुछ सालों में बदरुद्दीन की कब्र पर सजदे होते वहां ... उस जगह को बदरुद्दीन बोलना शुरू भी किया जा चूका था ...  एक बात बार बार बोली जाती थी पहले, की मंदिरों का पुनरूत्थान करना चाहिए, इससे हिन्दुओ को आर्थिक चक्र में जोड़ा जा सकेगा और हिन्दू सबल बनेगा। आज चाहे चार धाम के लिए बनने वाला 4 लेन हो, छोटा चार धाम हो, रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट हो, सब जगह काम हुआ है, हो रहा है। इससे कौन सबल होगा? मथुरा में, वृंदावन में ही पिछले दिनों परिक्रमा पथ पर पड़ने वाली अनेकों अवैध मजारों को हटाया गया ... क्या हिन्दू इन बातों को याद रखता है वोट देते समय?

जब हिन्दू को लोल्लिपोप, कर्ज माफी,आरक्षण, मोबाइल फोन ही चाहिए, तो ये धर्म का आडंबर करना बंद कीजिए। इससे वोट नही गिरते  ... चलिये सरकारों की गलतियों को मान लेते हैं। लॉलीपॉप नही दिए, हिंदुत्व पे काम नही किया। लेकिन क्या हम अपनी गलतियों के बारे में बात करने को तैयार हैं? क्या हम अपने झूठ और प्रपंच को मानने को तैयार हैं?

राजस्थान में चुनाव हुआ, किसी भी राजस्थानी से पूछ लीजिये कि क्या उसने वसुंधरा के मंदिर तोड़ने के मुद्दे पर उसे रिजेक्ट किया? आपको एकाध ही मिलेगा, क्योंकि ये मुद्दा था ही नही  ...  इस हिसाब से तो पोखरण में हार नही होनी चाहिए थी, एक साधु सन्यासी थे बीजेपी की तरफ से, हार गए ... हिंदुत्व ही मामला था तो सन्यासी को जिता देते  ...  

असलियत ये है कि इसे मुद्दा किसने बनाया? कांग्रेस ने? नही जी नहीं ... इसे हमारे ही लोगो ने मुद्दा बनवाया ... मुझे याद है अच्छे से, फण्डिंग से निराश मठाधीश लोगों की पोस्ट्स और आर्टिकल्स धड़ल्ले से शेयर किए जाते थे, कि कैसे 70 से भी ज्यादा मंदिरों को जयपुर में तोड़ा गया, उत्तेजक शब्द इस्तेमाल किये जाते थे, शिवलिंग को कटर से काटा गया, ये किया गया, वो किया गया ...  और दूसरे प्रदेश के हिन्दुओ को भड़काया गया  ... बिना बनारस देखे उज्जैन, इंदौर, भोपाल, सतना आदि के मठाधीश और उनके चूं चूं काशी विश्वनाथ पर प्रपंच फैलाए थे ... जबकि बनारस में 3000 वर्ष पूर्व मन्दिर निकल रहे थे  ... हिन्दू ह्रदय सम्राट और ब्राह्मण - पण्डे लोग शिवलिंग को ग़ुसलख़ाने से ढक के उसके ऊपर विष्ठा बहा रहे थे ... कहाँ गया था हिंदुत्व और आस्था ?  लेकिन अपनों द्वारा ही ऊपर से लेकर सबके मन मे ये बात बैठाई गयी कि बीजेपी सरकार हिन्दू विरोधी है  राम मंदिर तो बनवा नही पाई, लेकिन जयपुर में मंदिर उजाड़ दिए, काशी में खुदाई कर दिए ... अब चूंकि ये पोस्ट्स और आर्टिकल्स हिन्दू हृदय सम्राटों द्वारा बनाये जाते थे, तो हमारे निरीह हिन्दू इन्हें हाथो हाथ लेते थे  ... माहौल बनाया गया।

जिन्होंने ये आर्टिकल लिखकर साल भर से माहौल बनाया क्या उनमे हिम्मत है इन लोगो से फॉलो उप करने की? पूछिये तो सही कि क्या हुआ उन मंदिरों का? क्या जयपुर में मंदिर कोई मुद्दा है भी या नही? ये कट्टर हिन्दू आपको कभी नही बताएंगे कि सभी 70 मंदिर नए स्थान पर पहले से कहीं आलीशान तरीके से बनाये गए थे। जो मंदिर एक गुमटी जैसी जगह पर बने हुए थे, आज उनमे भक्तों के पार्किंग,बैठने की जगह,पुजारी का कमरा इत्यादि सब बनाया सरकार ने। लेकिन ये हिंदुत्व के पुरोधा आपको नही बताएंगे। इन्होंने भ्रम फैलाया और सफल हुए  ... ये कभी नहीं बताएँगे कि काशी के पुरातन मन्दिरों का सुंदरीकरण शानदार हो रहा है ...  अब आप सवाल करेंगे कि सरकार क्या हाथ पे हाथ धरे बैठी थी? तो जनाब इसका जवाब है सरकार ने काम किया ... लेकिन सरकार को क्या पता कि कुछ कट्टर छापो की वजह से आज सतना, इंदौर, भोपाल, जयपुर में बैठा कोई मासूम हिन्दू विरोधी बन चुका है।

अब अगर कुछ करना है तो ये भी करिये की लोगो को प्रवक्ता बोल कर दुत्कारने के बजाए इन नकली हिन्दू हृदय सम्राटों को दुत्कारों ... ये नोटा का हव्वा खड़ा करने वाले भी यही हैं।
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लोल्लिपोप? और जब लॉलीपॉप ही देने हैं तो कांग्रेस ही चुनिए - खुल के सामने आइए और बोलिए कि लॉलीपॉप चाहिए, हिदुत्व के पीछे मत छिपिए ... इन्ही लॉलीपॉप के चक्कर मे देश बर्बाद हुआ पड़ा है ... आपको वो ही चाहिए तो साफ़ कहिए  ...

लेकिन जरा बता तो दीजिये होता क्या है हिंदुत्व का एजेंडा .. उत्तर प्रदेश में हिंदुत्व का एजेंडा जैसा चल रहा है वैसे तो कहीं ना चल रहा होगा? फिर क्यों कैराना या गोरखपुर हारते हैं? वही कैराना जिसके अपराधियो के डर से हिन्दू लगभग भाग गया था उनको योगी जी ने ख़त्म कर दिया ... और हार गए  ..  
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कुछ लोग मध्य प्रदेश से आये थे अयोध्या में कुछ माह पहले ? सरकार ने सब सुविधाएं दी थी या नहीं ? बसे दी, रहने खाने की व्यवस्था  ..  सब कुछ दिया था की नहीं .. टोटी चोर ने तो साधुओं की पिटाई करवाई थी सरयू परिक्रमा पे  ... काशी में शंकाराचार्य, ब्राह्मण और पुजारियों को बल भर पिटवाया था और खोपड़ियाँ फोड़ी थी टोटी चोर ने ... उसी टोटी चोर के साथी को आप अपना रहे हैं हिंदुत्व बोलकर ... दो साल पहले से कभी का अयोध्या और दिवाली याद कर लीजिए ... थी हिम्मत पहले ? क्यों नहीं मना पाए सरयू घाट पे ऐसी दिवाली पहले ?  ये क्या हिंदुत्व नहीं है ? ...  ये लोग हिंदुत्व माँग रहे और कैसा हिंदुत्व चाहिए आपको, जरा बता दीजिए  ...  लेकिन आपको पता नहीं कि अगली बार आपको बुरी तरह चलता कर देगा ये आपके एजेंडे का राग ... क्योंकि अब लोग (हिन्दू लिखिए) तंग आ गए हैं आपके गौ रक्षा और गौ सेवा के राग से  ...  मुग़लो के अत्याचार का गान करने से भी ना वोट देगा अब हिन्दू  ..

ये भी मान लीजिए कि राम और राम मंदिर ना कभी मुद्दे थे, और ना होंगे, परख कर देख लीजियेगा। अगर होते तो राम को गाली देने वाले, उन्हें मिथ्या कहने वाले राज ना कर रहे होते। अरे आपके तो बद्रीनाथ तक को बदरुद्दीन कहना शुरू कर दिया था। क्या कर पाए थे आप कट्टर हिन्दू? अब जा कर ऊत्तराखण्ड में सरकार आयी और इस पर काम हो रहा है। कभी मौका लगे तो केदारनाथ हो आइये, लोगो से मिलिए, समझिये, फिर समझ आएगा कि हिंदुत्व के लिए क्या काम किये जा रहे हैं। अरे प्रयाग ही चले जाइये, जो कुछ दिनों पहले तक अल्लाहाबाद था....या फैजाबाद घूम आइए ...
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अब बेशक आप हमें मोदी जी का प्रवक्ता, अंधभक्त, अण्ड या जो भी बतमीज़ी की बात बोल कर पिंड छुड़ा कर भागने लगियेगा, लेकिन सच्चाई यही है कि हिन्दू ने ही हिंदुत्व पर काम करने वाले कि बलि ली है ...  इतिहास रहा है, साबित करने की जरूरत नही ... बाकी आप बजाते रहिये झुनझुना हिंदुत्व का ... बहुसंख्यक हिन्दुओ को चिढ़ होने लगी है इससे ... सारे हिंदुत्व के कामों जैसे गँगा में गंद जाना रोकना, सुचारु रूप से तीर्थ यात्रा, सरयू तट पे भव्य दिवाली, मथुरा - वृंदावन, रामायण सर्किट, रामायण एक्सप्रेस, कृष्णा सर्किट, काशी के मंदिरों का जीर्णोद्धार आदि में राम मंदिर भी एक कार्य है ... जो सारे काम कर रहा है उस पर उसको छोड़िए ... जिसने ये सब काम किया वो ही ये करेगा 
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... इतना सा समझ नहीं है तो आप जश्न मनाइए अपने पार्टी के जीत जिसके आप एजेंट बने बैठे थे हिंदुत्व का लबादा ओढ़ कर ... फेसबुक पर मुँह लटकाने का  प्रपंच मत कीजिए  ... आपका ये सब नाटक देख कर उबकाई आ रहा है  ...

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