यह ब्लॉग खोजें

गुरुवार, 13 दिसंबर 2018

नहीं मालूम कि हजारो काम किये हैं केंद्र सरकार ने हिन्दुओ के लिए

साभार Ranjay Tripathi :
कट्टर की माने तो क्या कारण रहे भाजपा के हारने के  ... कट्टर लोग कहते हैं कि हिंदुत्व मुद्दा था  ... मोदी सरकार और राज्य सरकारें हिंदुत्व भूलकर सेक्युलर हो गई थी  ... क्या है ये हिंदुत्व ? क्या है हिदुत्व का मुद्दा  ...  और ये हिंदुत्व का एजेंडा क्या है ये भी बता दीजिए  ... कट्टर कहते हैं कि राम मंदिर ही हिंदुत्व है .... लेकिन कट्टर खांटी २४ कैरट को नहीं मालूम कि हजारो काम किये हैं केंद्र सरकार ने हिन्दुओ के लिए  ... आपको भी समय समय पर पता लगे हैं, और आपने देखे भी हैं  ....

गंगा में गिरने वाले इतने सीवर बन्द हो गए  ... आज उसी गंगा में डुबकी लगाते आपको एक पल को नही लगता कि ये हिंदुत्व का काम है? 2 साल पहले बद्रीनाथ के चारो ओर विधर्मी बस्तियां उग आई थी ... आज जा कर देखिये ... यही सरकार बचा रही है महाराज  ...  वरना कुछ सालों में बदरुद्दीन की कब्र पर सजदे होते वहां ... उस जगह को बदरुद्दीन बोलना शुरू भी किया जा चूका था ...  एक बात बार बार बोली जाती थी पहले, की मंदिरों का पुनरूत्थान करना चाहिए, इससे हिन्दुओ को आर्थिक चक्र में जोड़ा जा सकेगा और हिन्दू सबल बनेगा। आज चाहे चार धाम के लिए बनने वाला 4 लेन हो, छोटा चार धाम हो, रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट हो, सब जगह काम हुआ है, हो रहा है। इससे कौन सबल होगा? मथुरा में, वृंदावन में ही पिछले दिनों परिक्रमा पथ पर पड़ने वाली अनेकों अवैध मजारों को हटाया गया ... क्या हिन्दू इन बातों को याद रखता है वोट देते समय?

जब हिन्दू को लोल्लिपोप, कर्ज माफी,आरक्षण, मोबाइल फोन ही चाहिए, तो ये धर्म का आडंबर करना बंद कीजिए। इससे वोट नही गिरते  ... चलिये सरकारों की गलतियों को मान लेते हैं। लॉलीपॉप नही दिए, हिंदुत्व पे काम नही किया। लेकिन क्या हम अपनी गलतियों के बारे में बात करने को तैयार हैं? क्या हम अपने झूठ और प्रपंच को मानने को तैयार हैं?

राजस्थान में चुनाव हुआ, किसी भी राजस्थानी से पूछ लीजिये कि क्या उसने वसुंधरा के मंदिर तोड़ने के मुद्दे पर उसे रिजेक्ट किया? आपको एकाध ही मिलेगा, क्योंकि ये मुद्दा था ही नही  ...  इस हिसाब से तो पोखरण में हार नही होनी चाहिए थी, एक साधु सन्यासी थे बीजेपी की तरफ से, हार गए ... हिंदुत्व ही मामला था तो सन्यासी को जिता देते  ...  

असलियत ये है कि इसे मुद्दा किसने बनाया? कांग्रेस ने? नही जी नहीं ... इसे हमारे ही लोगो ने मुद्दा बनवाया ... मुझे याद है अच्छे से, फण्डिंग से निराश मठाधीश लोगों की पोस्ट्स और आर्टिकल्स धड़ल्ले से शेयर किए जाते थे, कि कैसे 70 से भी ज्यादा मंदिरों को जयपुर में तोड़ा गया, उत्तेजक शब्द इस्तेमाल किये जाते थे, शिवलिंग को कटर से काटा गया, ये किया गया, वो किया गया ...  और दूसरे प्रदेश के हिन्दुओ को भड़काया गया  ... बिना बनारस देखे उज्जैन, इंदौर, भोपाल, सतना आदि के मठाधीश और उनके चूं चूं काशी विश्वनाथ पर प्रपंच फैलाए थे ... जबकि बनारस में 3000 वर्ष पूर्व मन्दिर निकल रहे थे  ... हिन्दू ह्रदय सम्राट और ब्राह्मण - पण्डे लोग शिवलिंग को ग़ुसलख़ाने से ढक के उसके ऊपर विष्ठा बहा रहे थे ... कहाँ गया था हिंदुत्व और आस्था ?  लेकिन अपनों द्वारा ही ऊपर से लेकर सबके मन मे ये बात बैठाई गयी कि बीजेपी सरकार हिन्दू विरोधी है  राम मंदिर तो बनवा नही पाई, लेकिन जयपुर में मंदिर उजाड़ दिए, काशी में खुदाई कर दिए ... अब चूंकि ये पोस्ट्स और आर्टिकल्स हिन्दू हृदय सम्राटों द्वारा बनाये जाते थे, तो हमारे निरीह हिन्दू इन्हें हाथो हाथ लेते थे  ... माहौल बनाया गया।

जिन्होंने ये आर्टिकल लिखकर साल भर से माहौल बनाया क्या उनमे हिम्मत है इन लोगो से फॉलो उप करने की? पूछिये तो सही कि क्या हुआ उन मंदिरों का? क्या जयपुर में मंदिर कोई मुद्दा है भी या नही? ये कट्टर हिन्दू आपको कभी नही बताएंगे कि सभी 70 मंदिर नए स्थान पर पहले से कहीं आलीशान तरीके से बनाये गए थे। जो मंदिर एक गुमटी जैसी जगह पर बने हुए थे, आज उनमे भक्तों के पार्किंग,बैठने की जगह,पुजारी का कमरा इत्यादि सब बनाया सरकार ने। लेकिन ये हिंदुत्व के पुरोधा आपको नही बताएंगे। इन्होंने भ्रम फैलाया और सफल हुए  ... ये कभी नहीं बताएँगे कि काशी के पुरातन मन्दिरों का सुंदरीकरण शानदार हो रहा है ...  अब आप सवाल करेंगे कि सरकार क्या हाथ पे हाथ धरे बैठी थी? तो जनाब इसका जवाब है सरकार ने काम किया ... लेकिन सरकार को क्या पता कि कुछ कट्टर छापो की वजह से आज सतना, इंदौर, भोपाल, जयपुर में बैठा कोई मासूम हिन्दू विरोधी बन चुका है।

अब अगर कुछ करना है तो ये भी करिये की लोगो को प्रवक्ता बोल कर दुत्कारने के बजाए इन नकली हिन्दू हृदय सम्राटों को दुत्कारों ... ये नोटा का हव्वा खड़ा करने वाले भी यही हैं।
.
लोल्लिपोप? और जब लॉलीपॉप ही देने हैं तो कांग्रेस ही चुनिए - खुल के सामने आइए और बोलिए कि लॉलीपॉप चाहिए, हिदुत्व के पीछे मत छिपिए ... इन्ही लॉलीपॉप के चक्कर मे देश बर्बाद हुआ पड़ा है ... आपको वो ही चाहिए तो साफ़ कहिए  ...

लेकिन जरा बता तो दीजिये होता क्या है हिंदुत्व का एजेंडा .. उत्तर प्रदेश में हिंदुत्व का एजेंडा जैसा चल रहा है वैसे तो कहीं ना चल रहा होगा? फिर क्यों कैराना या गोरखपुर हारते हैं? वही कैराना जिसके अपराधियो के डर से हिन्दू लगभग भाग गया था उनको योगी जी ने ख़त्म कर दिया ... और हार गए  ..  
.
कुछ लोग मध्य प्रदेश से आये थे अयोध्या में कुछ माह पहले ? सरकार ने सब सुविधाएं दी थी या नहीं ? बसे दी, रहने खाने की व्यवस्था  ..  सब कुछ दिया था की नहीं .. टोटी चोर ने तो साधुओं की पिटाई करवाई थी सरयू परिक्रमा पे  ... काशी में शंकाराचार्य, ब्राह्मण और पुजारियों को बल भर पिटवाया था और खोपड़ियाँ फोड़ी थी टोटी चोर ने ... उसी टोटी चोर के साथी को आप अपना रहे हैं हिंदुत्व बोलकर ... दो साल पहले से कभी का अयोध्या और दिवाली याद कर लीजिए ... थी हिम्मत पहले ? क्यों नहीं मना पाए सरयू घाट पे ऐसी दिवाली पहले ?  ये क्या हिंदुत्व नहीं है ? ...  ये लोग हिंदुत्व माँग रहे और कैसा हिंदुत्व चाहिए आपको, जरा बता दीजिए  ...  लेकिन आपको पता नहीं कि अगली बार आपको बुरी तरह चलता कर देगा ये आपके एजेंडे का राग ... क्योंकि अब लोग (हिन्दू लिखिए) तंग आ गए हैं आपके गौ रक्षा और गौ सेवा के राग से  ...  मुग़लो के अत्याचार का गान करने से भी ना वोट देगा अब हिन्दू  ..

ये भी मान लीजिए कि राम और राम मंदिर ना कभी मुद्दे थे, और ना होंगे, परख कर देख लीजियेगा। अगर होते तो राम को गाली देने वाले, उन्हें मिथ्या कहने वाले राज ना कर रहे होते। अरे आपके तो बद्रीनाथ तक को बदरुद्दीन कहना शुरू कर दिया था। क्या कर पाए थे आप कट्टर हिन्दू? अब जा कर ऊत्तराखण्ड में सरकार आयी और इस पर काम हो रहा है। कभी मौका लगे तो केदारनाथ हो आइये, लोगो से मिलिए, समझिये, फिर समझ आएगा कि हिंदुत्व के लिए क्या काम किये जा रहे हैं। अरे प्रयाग ही चले जाइये, जो कुछ दिनों पहले तक अल्लाहाबाद था....या फैजाबाद घूम आइए ...
.
अब बेशक आप हमें मोदी जी का प्रवक्ता, अंधभक्त, अण्ड या जो भी बतमीज़ी की बात बोल कर पिंड छुड़ा कर भागने लगियेगा, लेकिन सच्चाई यही है कि हिन्दू ने ही हिंदुत्व पर काम करने वाले कि बलि ली है ...  इतिहास रहा है, साबित करने की जरूरत नही ... बाकी आप बजाते रहिये झुनझुना हिंदुत्व का ... बहुसंख्यक हिन्दुओ को चिढ़ होने लगी है इससे ... सारे हिंदुत्व के कामों जैसे गँगा में गंद जाना रोकना, सुचारु रूप से तीर्थ यात्रा, सरयू तट पे भव्य दिवाली, मथुरा - वृंदावन, रामायण सर्किट, रामायण एक्सप्रेस, कृष्णा सर्किट, काशी के मंदिरों का जीर्णोद्धार आदि में राम मंदिर भी एक कार्य है ... जो सारे काम कर रहा है उस पर उसको छोड़िए ... जिसने ये सब काम किया वो ही ये करेगा 
.
... इतना सा समझ नहीं है तो आप जश्न मनाइए अपने पार्टी के जीत जिसके आप एजेंट बने बैठे थे हिंदुत्व का लबादा ओढ़ कर ... फेसबुक पर मुँह लटकाने का  प्रपंच मत कीजिए  ... आपका ये सब नाटक देख कर उबकाई आ रहा है  ...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी करें

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

function disabled

Old Post from Sanwariya