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भविष्य में उज्जैन ऐसा होगा । महाकाल मंदिर व शहर जाने कैसा हो जायेगा ।
इसमें पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों के बारे में जानते हैं।
शहद में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व कुछ इस प्रकार हैं :
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
---|---|
पानी | 17.1 ग्राम |
कैलोरी | 304 kcal |
प्रोटीन | 0.3 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 82.4 ग्राम |
फाइबर | 0.2 ग्राम |
शुगर | 82.12 ग्राम |
मिनरल्स | |
कैल्शियम | 6 मिलीग्राम |
आयरन | 0.42 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 2 मिलीग्राम |
फास्फोरस | 4 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 52 मिलीग्राम |
सोडियम | 4 मिलीग्राम |
जिंक | 0.22 मिलीग्राम |
मैंगनीज | 0.08 मिलीग्राम |
कॉपर | 0.036 मिलीग्राम |
सेलेनियम | 0.8 माइक्रोग्राम |
विटामिन | |
विटामिन सी | 0.5 मिलीग्राम |
राइबोफ्लेविन | 0.038 मिलीग्राम |
नियासिन | 0.121 मिलीग्राम |
फोलेट | 2 माइक्रोग्राम |
कोलीन | 2.2 मिलीग्राम |
कभी आपने सोचा है कि शहद के लिए अलग-अलग लेबल क्यों इस्तेमाल किए जाते हैं? रॉ हनी, कमर्शियल हनी, ऑर्गेनिक हनी और अनफिल्टर्ड हनी है? क्या वे सभी अनिवार्य रूप से समान नहीं हैं? खैर, पोषण मूल्य और प्रसंस्करण के संदर्भ में, वे समान नहीं हैं। आइए जानते हैं, रॉ हनी और कमर्शियल हनी के बारे में, और उनमें अंतर क्या होते हैं।
शहद के विभिन्न प्रकार होते हैं, यह कई रूपों में आता है, यह क्रीमयुक्त, रनी, सेट या कॉम्ब शहद हो सकता है। कुछ लोग मधुमक्खी पालक से सीधे शहद खरीदना पसंद करते हैं, अन्य इसे विशेष स्टोर या सुपरमार्केट से उठाते हैं।
हमेशा नकली शहद (फेक हनी) खरीदने का जोखिम होता है जो भारी संसाधित और पास्चुरीकृत होता है। प्रसंस्करण सभी प्राकृतिक विटामिन, खनिज, एमिनो एसिड और एंजाइम को नष्ट कर देता है और शहद के पोषण मूल्य को भी कम करता है।
इसे सीधे शब्दों में कहें, तो कच्चे शहद वह है जिसे फ़िल्टर, पास्चुरीकृत या संसाधित नहीं किया जाता है। कच्चा शहद किसी भी प्रकार के उच्च ताप या प्रसंस्करण से नहीं गुजरता है।
कच्चे शहद को नेचुरल हनी, अनफिल्टर्ड हनी या प्योर हनी भी कहा जाता है।
कच्चे शहद को केवल स्थानीय मधुमक्खी पालकों से खरीदा जाना चाहिए जो किसी भी तरह से अपने शहद को संसाधित नहीं करते हैं।
कच्चे शहद को सीधे मधुकोश से निकाला जाता है और कभी भी पास्चुरीकृत नहीं किया जाता है। मधुमक्खी पालक किसी भी मलबे या अशुद्धियों को हटाने के लिए केवल शहद को छानता है। कच्चा शहद अपारदर्शी या बादलदार दिखता है लेकिन फिर भी इसका सेवन करना सुरक्षित होता है।
कमर्शियल हनी वह होता है जो उच्च तापमान वाली गर्मी में तेजी से ठंडा होने के बाद प्रसंस्करण से गुजरता है।
पैक किए जाने पर शहद की आसान हैंडलिंग को सक्षम करने के लिए इसे पास्चुरीकृत किया जाता है। शहद को गर्म करने के बाद, पानी की तरह हो जाता है, इसलिए कमर्शियल शहद को छानना आसान होता है। इसके अलावा, अशुद्धियों को हटाने के अलावा, छानने से शहद बनावट में चिकना और साफ दिखाई देता है।
शहद का पास्चुरीकरण उसके शैल्फ जीवन को बढ़ाता है, शहद की उपस्थिति को बढ़ाता है, और खमीर कोशिकाओं को भी मारता है जो शहद के स्वाद को बदल सकता है। हालांकि, पाश्चराइजेशन शहद में पोषक तत्वों और एंटीऑक्सिडेंट की संख्या को कम करता है।
कच्चा शहद, शहद का सबसे प्राकृतिक रूप है और इसके सभी स्वस्थ गुणों को बनाए रखता है। मधुमक्खियां विभिन्न वनस्पतियों और फूलों से अमृत इकट्ठा करती हैं।
बाद में मधुमक्खियां इस अमृत को अपने छत्ते में ले जाती हैं और इसे मधुमक्खियों के छत्ते में रख देती हैं। एक बार जब अमृत को संग्रहीत किया जाता है, तो मधुमक्खियां अपने पंखों का उपयोग अमृत से पानी की सामग्री को निकालने के लिए करती हैं।
समय के साथ, अमृत परिपक्व हो जाता है और शहद बन जाता है। इसमें लगभग 2-3 सप्ताह लगते हैं। मधुमक्खी पालक मधुमक्खी के कणों को बनाए रखने के लिए छत्ते से शहद निकालता है और उसे छानता है लेकिन मधुमक्खियों या अन्य अशुद्धियों को हटा देता है।
दुकानों से खरीदा गया कमर्शियल शहद अत्यधिक प्रसंस्करण का अनुभव कराता है। शहद का पास्चुरीकरण किया जाता है जहाँ शहद को लगभग 70 डिग्री सेल्सियस पर गर्म किया जाता है। हालांकि, मधुमक्खी का तापमान केवल 40 डिग्री तक जा सकता है।
इसके कारण, कमर्शियल शहद अपनी सभी प्राकृतिक विशेषताओं को खो देता है।
कमर्शियल शहद को अत्यधिक मात्रा में छान लिया जाता है जिसके कारण यह समृद्ध पौष्टिक मूल्यों को खो देता है, और शहद बहुत साफ और चिकना होता है। कमर्शियल शहद में भी चीनी का सिरप होता है और परिणामस्वरूप, विभिन्न रूपों में आप केवल कमर्शियल शुगर का उपभोग कर रहे होते हैं।
लेकिन अगर आपको शुद्ध ऑर्गेनिक शहद चाहिए तो आप damolik कंपनी का wild forest honey ले सकते है
कच्चे शहद और कमर्शियल हनी के बीच अंतर निम्नलिखित है:
कच्चा शहद विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों से भरा होता है जिसमें अमीनो एसिड, खनिज, विटामिन और एंजाइम शामिल होते हैं। कच्चे शहद में पॉलीफेनॉल्स के रूप में जाना जाने वाला बायोएक्टिव प्लांट यौगिक भी होता है जो एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करता है।
दूसरी ओर, कमर्शियल शहद में भारी प्रसंस्करण के कारण केवल एंटीऑक्सिडेंट और पोषक तत्वों के निशान हो सकते हैं।
कच्चे शहद में मौजूद मधुमक्खी पराग बेहद पौष्टिक होते हैं और इसमें आवश्यक फैटी एसिड और सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं। इसमें उल्लेखनीय स्वास्थ्य लाभ होते हैं और यह सूजन से लड़ने और लिवर के कार्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।
कमर्शियल शहद, अल्ट्राफिल्ट्रेशन और हीट ट्रीटमेंट जैसे प्रसंस्करण विधियों से गुजरता है जो मधुमक्खी पराग को शहद से दूर करते हैं।
कच्चे शहद में पराग होता है और अधिक पौष्टिक होता है। कमर्शियल शहद में शुगर और एडिटिव्स होते है।
सारांश:
जब शहद के फायदे की बात आती है तो कच्चा शहद को लेना चाहिए। यह सभी प्राकृतिक तत्वों को धारण करता है क्योंकि यह संसाधित नहीं होता है, इसलिए यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए अधिक उपयुक्त है जो स्वास्थ्य के लिए शहद का उपयोग करते हैं। कच्चे शहद को केवल हल्के से फ़िल्टर किया जाता है, इसलिए यह इसके अधिकांश पोषक तत्वों और एंटीऑक्सिडेंट्स को बरकरार रखता है।
दुर्भाग्य से, कमर्शियल शहद ग्राहकों के लिए इसे और अधिक आकर्षक बनाने के लिए कई प्रकार के प्रसंस्करण और उपचार से गुजरता है, लेकिन यह पराग जैसे उपयोगी पोषक तत्वों को हटा देता है और शहद में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट के स्तर को भी कम करता है।
जब हेल्दी शहद लेने की बात आती है, तो कच्चा शहद खरीदना सबसे अच्छा होता है। इसलिए, उपभोक्ताओं को सतर्क रहना चाहिए और बड़े सुपरमार्केट से शहद खरीदने से पहले, उन्हें यह पता होना चाहिए कि शहद असली और कच्चा है या नहीं, यह जानने के लिए सामग्री और अन्य पैकेजिंग विवरण के लिए लेबल को पढ़ना चाहिए।
जानते हैं कि शहद को कहां से खरीदा जा सकता है।
आजकल शहद हर जगह आसानी से मिल जाता है। इसको खरीदने की सबसे अच्छी जगह आयुर्वेद की दुकान या फिर मेडिकल स्टोर है। वहां आप इसे इसकी एक्सपायरी डेट देखकर खरीद सकते हैं। लेकिन अगर आपको शुद्ध ऑर्गेनिक शहद चाहिए तो आप damolik कंपनी का wild forest honey ले सकते है
हनी यानी शहद कई गुणों और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसका उपयोग आयुर्वेद में कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता रहा है और प्राचीन काल में इसे देवताओं का अमृत भी कहा जाता है। शहद सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद तो हैं ही साथ में कमजोरी और बीमारियों को भी दूर भगाने में मददगार हो सकता है। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे शहद के गुण के बारे में। साथ ही बीमारियों से बचने के लिए शहद के फायदे भी जानेंगे। वहीं, अगर कोई बीमार है, तो शहद कुछ लक्षणों को कम कर सकता है। साथ ही अगर कोई गंभीर रूप से बीमार है, तो डॉक्टर से इलाज करवाना ही बेहतर है। आर्टिकल में शहद के फायदे और नुकसान के संबंध में दी गई जानकारी कई शोधों के आधार पर है। इनमें से अधिकतर शोध जानवरों पर किए गए है और कुछ मनुष्यों पर
शहद के विभिन्न प्रकार आपको बाजार में मिल जाएंगे, जिन्हें निम्नलिखित रूपों में जाना जाता है:
आयुर्वेद में भी शहद के विभिन्न रूपों का उल्लेख किया गया है, जैसे – माक्षिक, भ्रामर, क्षौद्र, पौतिक, छात्र, आर्ध्य, औद्दालिक और दाल।
आइए, अब शहद के फायदों के बारे में विस्तार से बात करते हैं।
जिस प्रकार शहद कई गुणों से भरपूर होता है, वैसे ही इसके फायदे भी अनगिनत हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं कि सेहत के लिए शहद किस प्रकार से फायदेमंद साबित हो सकता है।
1. वजन घटाने में मददगार
यहां हम बता रहे हैं कि वजन घटाने के लिए हनी का इस्तेमाल किस प्रकार करें। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, शहद में वजन को बढ़ने से रोकने के गुण पाए जाते हैं और यह वजन के बढ़ने की गति को धीमा कर देता है। इसके अलावा, शहद के गुण कुछ हद तक वजन को कम करने में भी कारगर हो सकते हैं। एनसीबीआई की ओर से उपलब्ध एक अन्य शोध में भी कहा गया है कि मोटापे को नियंत्रित करने के लिए शहद का इस्तेमाल दवा की तरह किया जा सकता है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि शहद में एंटीओबेसिटी प्रभाव होता है ।
एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध की बात की जाए, तो रॉ हनी में एंटीडिप्रेसेंट प्रभाव पाया जाता है। इस प्रभाव के कारण शहद में अवसाद या तनाव को कम करने वाला गुण शामिल होते हैं । एक अन्य शोध में भी कहा गया है कि शहद का सेवन करने से तनाव कम हो सकता है। चिंता को कम करने के साथ-साथ शहद के गुण स्मृति में भी सुधार कर सकते हैं । हां, अगर कोई गंभीर रूप से तनाव या डिप्रेशन में है, तो उसे बिना देरी किए डॉक्टर से इलाज करवाना चाहिए।
शहद का उपयोग जलने पर और घावों की स्थिति को सुधारने के लिए किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध से पता चला है कि शहद न सिर्फ जलने की समस्या को ठीक करने में मददगार हो सकता है, बल्कि घाव को भरने में भी फायदेमंद हो सकता है। शोध में पाया गया कि शहद में एंटी इंफेक्शन, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और घाव भरने वाले गुण पाए जाते हैं। शहद में पाए जाने वाले ये गुण स्किन बर्निंग को कुछ हद तक कम करने के साथ ही घाव के उपचार में भी लाभदायक हो सकते हैं । हालांकि, जलने और घाव की गंभीर स्थिति होने पर शहद का उपयोग करने के स्थान पर डॉक्टर को चेकअप करना ज्यादा बेहतर होगा।
रक्तचाप की समस्या के कारण गई प्रकार की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए शहद उपयोगी हो सकता है। जानवरों पर किए एक शोध में पाया गया कि शहद में क्वेरसेटिन (Quercetin) नामक फ्लेवोनोइड पाया जाता है। यह क्वेरसेटिन रक्तचाप की समस्या को कुछ हद तक कम करने में मददगार हो सकता है ।
शहद का सेवन करने से शरीर में ऊर्जा को बनाए रखने में भी मदद मिल सकती है। शोध में पाया गया है कि शहद में विभिन्न तरह के मिनरल्स और विटामिन पाए जाते हैं, जो ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में फायदेमंद हो सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित इस शोध में यह भी पाया गया कि शुगर की अपेक्षा शहद ऊर्जा को बढ़ाने में ज्यादा लाभदायक हो सकता है। शोध में आगे यह भी पता चला है कि शारीरिक व्यायाम के दौरान ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने के लिए ग्लूकोज की जगह शहद का उपयोग किया जा सकता है ।
कमजोर हड्डियों के कारण कई प्रकार की समस्याओं का समाना करना पड़ सकता है, उन्हीं में से एक है ऑस्टियोपोरोसिस। हड्डियों को मजबूत बनाने और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए शहद का उपयोग किया जा सकता है। शोध के अनुसार शहद में एंटीऑक्सीडेंट के साथ-साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं, जो फ्री रेडिकल्स की समस्या के साथ ही सूजन को दूर करने में मदद कर सकते हैं। इन गुणों के कारण ही शहद का उपयोग पोस्टमेनोपॉजल ऑस्टियोपोरोसिस के उपचार के रूप में हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए किया जा सकता है ।
इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने से कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं जैसे कि सर्दी, खांसी व जुकाम आदि। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने के लिए शहद का उपयोग किया जा सकता है। इस संबंध में एनसीबीआई ने एक रिसर्च पेपर प्रकाशित किया है। इस रिसर्च पेपर की माने, तो शहद का सेवन करने से शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण तेज गति से होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने में मदद कर सकता है ।
शहद का उपयोग करने पर यह हृदय की समस्याओं को भी दूर करने में मदद मिल सकती है। जैसा कि लेख में ऊपर बताया गया है कि शहद का उपयोग करने पर हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है, जिससे हृदय रोग का खतरा होता है। इसके अलावा, एक अन्य शोध में पाया गया है कि शहद में क्वेरसेटिन, कैफिक एसिड फेनिथाइल एस्टर जैसे कई फेनोलिक कंपाउंड पाए जाते हैं। शहद में पाए जाने वाले ये आवश्यक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट गुण हृदय रोगों के उपचार में कुछ हद तक फायदेमंद हो सकते हैं ।
शहद अस्थमा के दौरान खांसी का इलाज करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह बलगम की समस्या को भी दूर करने में मदद कर सकता है। शोध में पता चला है कि शहद अस्थमा के उपचार के लिए भी कुछ हद तक फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, शोध में पाया गया है कि अस्थमा के साथ ही शहद का उपयोग बुखार और संक्रमण के लिए भी कारगर हो सकता है। हनी के एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इम्यूनो मॉड्यूलेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण शरीर में अस्थमा के प्रभाव को काफी कम कर सकते हैं ।
अनियंत्रित खान-पान और शरीर में पोषण के अभाव का नकारात्मक प्रभाव दांतों पर भी देखा गया है। इन पोषक तत्वों की कमी के कारण दांत कमजोर होकर टूटने लगते हैं। इस स्थिति को दूर करने में शहद फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके अलावा, दांतों से संबंधी अन्य परेशानियों को दूर करने के लिए भी शहद का इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे कि शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो ओरल बैक्टीरिया को दूर करने में मदद कर सकते हैं। शोध में यह भी पाया गया कि शहद को लगाने से ऑर्थोडॉन्टिक वाले रोगियों में मसूड़े की सूजन और दांतों के टूटने को रोकने में मदद मिल सकती है । ऑर्थोडॉन्टिक्स दंत चिकित्सा का उपयोग बिगड़े हुए दांत और जबड़े में सुधार के लिए किया जाता है।
शहद में पाए जाने वाले फेनोलिक कंपाउंड्स में एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं, जो कैंसर के कई प्रकारों से बचाने में फायदेमंद हो सकते हैं। इसके अलावा, शहद में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो इसे कैंसर को रोकने का सबसे खास खाद्य पदार्थ बनाते हैं। इसके साथ ही शहद प्रतिरक्षा प्रणाली को भी सुधारने का काम कर सकता है, जिससे कैंसर को बढ़ने से रोकने में कुछ हद तक मदद मिल सकती है । बेशक, शहद में एंटीकैंसर प्रभाव पाया जाता है, लेकिन यह कैंसर का इलाज नहीं हो सकता है। अगर कोई कैंसर से पीड़ित है, तो उसे बिना देरी के डॉक्टर से संपूर्ण इलाज करवाना चाहिए।
एसिडिटी के कारण कई बार खट्टी डकार और उल्टी जैसी समस्याओं का समाना करना पड़ सकता है। इस समस्या को एसिड एसोफैगिटिस कहा जाता है। इस समस्या को दूर करने में शहद का सहारा लिया जा सकता है। शोध में पाया गया है कि शहद में एंटीऑक्सीडेंट गुण के साथ ही एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो एसिडिटी का कारण बनने वाले रिफ्लक्स एसोफैगिटिस के इलाज में फायदेमंद हो सकते हैं ।
एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, घाव के संक्रमण को दूर करने के साथ-साथ, शहद डर्मेटोफाइट्स (Dermatophytes) नामक फंगल को बढ़ने से रोकने में भी फायदेमंद हो सकता है। डर्मेटोफाइट्स मुंहासे का कारण बनता है और शहद का उपयोग करने पर संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया की रोकथाम की जा सकती है, जिससे मुंहासों की समस्या को दूर किया जा सकता है। इससे अलावा, शोध में पाया गया है कि प्रोपियोनीबैक्टीरियम एक्ने (propionibacterium acnes) के कारण भी मुंहासों की समस्या हो सकती है। शहद में पाए जाने वाले एंटी माइक्रोबियल गुण बैक्टीरिया और इससे हाेने वाली मुंहासों जैसी समस्या को कम करने में मदद कर सकते हैं ।
समय से पहले त्वचा पर झुर्रियों का दिखाई देना परेशानी का कारण बन सकता है। इसके लिए शहद का उपयोग फायदेमंद हाे सकता है। दरअसल, शहद प्राकृतिक मॉइस्चराइजर की तरह काम कर सकता है, जो त्वचा की परतों को मॉइस्चर करता है। यह प्रक्रिया चेहरे की झुर्रियों को दूर कर स्किन टोन को बेहतर बनाने में मदद करती हैं। इसके अलावा, शहद में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा को जवां बनाए रख सकते हैं ।
शहद का उपयोग मॉइस्चराइजर के अलावा त्वचा के टिश्यू को ठीक करने के लिए भी किया जा सकता है। कॉस्मेटिक सामग्री के साथ ही फटे होंठों पर शहद के फायदे भी देखे गए हैं। फटे होंठ पर शहद लगाने से इस समस्या को दूर करने में मदद मिल सकती है ।
चेहरे पर शहद लगाने के फायदे कई प्रकार से हो सकते हैं। शोध में पाया गया कि शहद त्वचा में जमी हुई गंदगी को हटाने में मदद करता है। इसका उपयोग फेशवॉश, फेशिअल क्लिंजिंग स्क्रब और फेशियल की तरह किया जा सकता है । इसके अलावा, एक अन्य शोध में पाया गया है कि स्वदेशी लोग शहद का उपयोग त्वचा की कई समस्याओं को दूर करने के साथ ही त्वचा को साफ करने वाले एजेंट के रूप में कर सकते हैं ।
रूखे और बेजान बालों में शहद लगाने के फायदे भी हो सकते हैं। शहद में एंटी बैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ ही आवाश्यक पोषक तत्व भी होते हैं। एक शोध के अनुसार, शहद का उपयोग करने से सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस और डैंड्रफ की रोकथाम में मदद मिल सकती है। साथ ही शहद बालों की कई समस्याओं को दूर करने में भी मदद कर सकता है, जैसे – रूसी, बाल टूटना, दोमुंहे बाल व रूखापन आदि। इस लिहाज से कहा जा सकता है कि त्वचा और बालों में शहद लगाने के फायदे कई हैं |
पढ़ते रहें आर्टिकल
शहद में पाए जाने वाले पोषक तत्वों को जानने के बाद इसके उपयोग के संबंध में चर्चा करते हैं।
शहद का उपयोग कई प्रकार से कर सकते हैं। यहां पर शहद के कुछ आसान और फायदेमंद उपयोगों के बारे में बता रहे हैं:
शहद के उपयोग के बाद यह जानते हैं कि इसे स्टोर करके कैसे रखा जाए।
अगर शहद को सही तरीके से स्टोर न किया जाए, तो यह जल्द खराब हो सकता है। इसलिए, शहद खाने के तरीके के साथ यह जानना भी जरूरी है कि शहद को कैसे सुरक्षित रखना है। आइए, जानते हैं:
आर्टिकल के इस हिस्से में हम शहद के नुकसान के बारे में बता रहे हैं।
किसी भी चीज के सकारात्मक पक्ष के साथ नकारात्मक पक्ष भी जरूर होते हैं। जिस प्रकार शहद खाने के तरीके कई हैं वैसे ही शहद खाने के फायदे के साथ शहद के कई नुकसान भी हैं। नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से जानिए, शहद के नुकसान के बारे में।
शहद औषधि गुणों से भरपूर एक प्राकृतिक खाद्य पदार्थ है, जिसका इस्तेमाल आप विभिन्न तरीकों से कर सकते हैं। नए के साथ ही पुराना शहद के फायदे भी कई मामलों में देखे गए हैं। आम शारीरिक समस्याओं से लेकर गंभीर बीमारियों का इलाज शहद के माध्यम से किया जा सकता है, लेकिन ध्यान रहे कि इसका उचित सेवन और इस्तेमाल ही आपको फायदा पहुंचाएगा। अगर कोई किसी गंभीर समस्या से ग्रसित हैं, तो इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर ले।
अच्छी गुणवत्ता वाला शहद कौन-सा होता है?
शहद जो अन्य पदार्थों (जैसे कॉर्न सिरप) के साथ मिश्रित नहीं होता है, उसे अच्छी गुणवत्ता वाला शहद माना जाता है। अच्छी गुणवत्ता वाले शहद में पानी की मात्रा 18 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।
क्या शहद शिशुओं के लिए अच्छा है?
एक वर्ष से कम उम्र के शिशुओं के लिए नहीं । एक वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को भी डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही शहद देना चाहिए।
कौन-सा शहद सबसे अच्छा है?
मनुका शहद आमतौर पर सबसे अच्छा माना जाता है।
क्या शहद के साथ काली चाय वजन घटाने के लिए फायदेमंद है?
हां, शहद और काली चाय दोनों ही वजन को कम करने में फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन, इस विषय पर शोध की आवश्यकता है।
क्या शहद से बाल सफेद होते हैं?
शहद शर्करा और हाइड्रोजन पेरोक्साइड का मिश्रण है। हाइड्रोजन पेरोक्साइड की उच्च मात्रा ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को बढ़ा सकती है, जो बालों के सफेद होने का एक कारण है। इसलिए, सीमित मात्रा में शहद का सेवन करने से बालों पर हाइड्रोजन पेरोक्साइड का नकारात्मक प्रभाव नहीं होता है।
क्या रात को शहद ले सकते हैं?
हां, सोने से कुछ समय पहले रात में शहद ले सकते हैं।
क्या शहद को खाली पेट लिया जा सकता है?
हां, मनुका शहद को खाली पेट ले सकते हैं ।
क्या शहद और दूध साथ लेने से कोई नुकसान होता है?
नहीं, दूध के साथ सीमित मात्रा में शहद का सेवन नुकसान नहीं करता है। फिर भी इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए, क्योंकि इन्हें एक साथ लेने से शहद और दूध के नुकसान भी हो सकते हैं।
नीचे क्रमवार जानिए कि विभिन्न सामग्रियों के साथ हल्दी और शहद का उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है और इसके क्या लाभ हो सकते हैं :
त्वचा के लिए हल्दी और शहद किस प्रकार लाभकारी हैं, ये हम ऊपर बता चुके हैं। वहीं, इसमें अगर दूध मिलाया जाए, तो यह फेस पैक और गुणकारी हो सकता है। दरअसल, विषय से जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि दूध का उपयोग चेहरे की चमक बढ़ाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह त्वचा में नमी बनाए रखने में मदद कर सकता है। साथ ही त्वचा पर दाग-धब्बों को हटाने के साथ-साथ त्वचा को जवां बनाए रखने में भी सहायक साबित हो सकता है।
हल्दी और शहद के साथ नींबू का उपयोग इस फेस पैक को त्वचा के लिए और भी प्रभावी बना सकता है। दरअसल, नींबू में विटामिन-सी पाया जाता है, जो त्वचा को कई मायनों में लाभ पहुंचाने का काम कर सकता है। विटामिन सी त्वचा को मुलायम बनाने में सहयोग कर सकता है। साथ ही यह एंटी-एजिंग प्रभाव दिखा सकता है और झुर्रियों को कम करने में मदद कर सकता है ।
त्वचा के लिए हल्दी और शहद के साथ चंदन का इस्तेमाल भी लाभकारी हो सकता है। विषय से जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि चंदन का उपयोग स्किन एलर्जी में कारगर हो सकता है। यह त्वचा पर कूलिंग और सूदिंग (त्वचा को आराम देने वाला) प्रभाव दिखा सकता है। साथ ही प्रदूषण के प्रभाव से भी त्वचा का बचाव कर सकता है। इसके अलावा, यह एक्ने को कम करने के साथ-साथ त्वचा ग्लोइंग और हेल्दी बनाने में मदद कर सकता है ।
स्किन के लिए हल्दी और शहद के औषधीय गुणों से तो हम आपको परिचित करवा चुके हैं। वहीं, बात करें इस फेस पैक में दही के इस्तेमाल की, तो दही का उपयोग त्वचा को कई तरह से लाभ पहुंचाने में मदद कर सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में जिक्र मिलता है कि दही का उपयोग त्वचा की इलास्टिसिटी में सुधार करने के साथ-साथ त्वचा को चमकदार बना सकता है और त्वचा में नमी को बनाए रखने में मददगार हो सकता है ।
हल्दी और शहद के साथ बेसन का उपयोग त्वचा को कई तरह के लाभ प्रदान कर सकता है। दरअसल, एक अध्ययन से पता चलता है कि बेसन का उपयोग त्वचा को साफ करने और त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने में मदद कर सकता है। साथ ही यह त्वचा से अतिरिक्त तेल को हटाने में मदद कर सकता है और मुंहासों के जोखिम को भी कम कर सकता है। इसके अलावा, त्वचा पर बेसन का फेस पैक स्किन को निखारने में मदद कर सकता है।
त्वचा के लिए हल्दी और शहद का उपयोग जानने के बाद नीचे जानिए इनके उपयोग से जुड़ी सावधानियां।
स्किन के लिए हल्दी और शहद का प्रयोग करते वक्त कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। पढ़ें नीचे :
अंत में जानिए स्किन पर होने वाले हल्दी और शहद के नुकसान।
हल्दी और शहद दोनों ही प्राकृतिक तत्व हैं और त्वचा पर इनके नकारात्मक प्रभाव से जुड़े शोध का अभाव है। फिर भी कुछ संभावित नुकसान देखने को मिल सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं :
त्वचा के लिए हल्दी और शहद वरदान साबित हो सकते हैं। इन्हे आज ही अपने स्किन केयर रूटीन में शामिल करें। आशा करते हैं कि इस लेख में बताए गए फेस मास्क चमकती और दमकती त्वचा प्रदान करने में आपकी मदद करेंगे। वहीं, इन फेस मास्क का इस्तेमाल करने से पहले लेख में दी गई सावधानियों का पालन जरूर करें। अगर ठीक से उपयोग किया जाए, तो त्वचा के लिए हल्दी और शहद के फायदे हासिल किए जा सकते हैं। वहीं, इन फेस पैक को लगाने के बाद किसी भी तरह के दुष्प्रभाव नजर आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। उम्मीद है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा।
क्या हल्दी और शहद काले धब्बों को कम कर सकते हैं?
हल्दी और शहद का उपयोग त्वचा के काले धब्बों को हल्का करने में मदद कर सकता है। दरअसल, हल्दी मेलेनिन (स्किन पिगमेंट यानी रंगद्रव्य) को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभा सकती है। इससे त्वचा को गहरा होने से बचाया जा सकता है (15)। वहीं, शहद का उपयोग त्वचा पर व्हाइटनिंग प्रभाव दिखा सकता है (16)।
क्या हल्दी और शहद त्वचा में निखार ला सकते हैं?
हां, हल्दी और शहद का उपयोग त्वचा में निखार और उसे चमकदार बनाने में मदद कर सकता है। इससे जुड़ी जानकारी हम ऊपर दे चुके हैं।
क्या मैं हल्दी और शहद को रोजाना चेहरे पर लगा सकती हूं?
किसी भी चीज का अत्यधिक उपयोग नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में, हल्दी और शहद का फेस पैक आप हफ्ते में दो बार इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्या हल्दी और शहद को सीधे ही चेहरे पर उपयोग किया जा सकता है?
हां, हल्दी और शहद को आप सीधे चेहरे पर लगा सकते हैं। वहीं, इसे और कारगर बनाने के लिए ऊपर बताए गए हल्दी और शहद के फेस पैक इस्तेमाल में लाए जा सकते हैं।
क्या हल्दी और शहद त्वचा पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं?
जिन्हें हल्दी और शहद से एलर्जी है, उनकी त्वचा पर ये दोनों एलर्जी का कारण बन सकते हैं।
हल्दी और शहद को चेहरे पर कब तक लगा रहने दिया जा सकता है?
हल्दी और शहद को 15-20 मिनट तक लगाकर छोड़ सकते हैं। इसके बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लें।