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सोमवार, 13 अप्रैल 2015

साँवरिया" और एक्सिस बेंक की ओर से रक्तदान शिविर 16 अप्रेल 2015 को

"मानवता की सेवा मे समर्पित "साँवरिया" और एक्सिस बेंक की ओर से दिनांक १६ अप्रेल २०१५ को एक्सिस बेंक जोधपुर की  सभी शाखाओं मे "विशाल रक्तदान शिविर" का आयोजन  किया जा रहा है जिसमे साँवरिया के संस्थापक श्री कैलाशचंद्र लढा द्वारा  जोधपुर से समस्त निवासियों से अपील है कि दिनांक 16 अप्रेल 2015 को सुबह 9:30 से दोपहर 1.30 बजे तक रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा रहा है जोधपुर के सभी जागरूक निवासियों से विनम्र प्रार्थना है की इस नेक कार्य मे अधिक से अधिक पधार कर इस आयोजन को सफल बनाए | आपके द्वारा दिया गया रक्त तीन जिन्दगियाँ बचा सकता है
 
"मानवता की सेवा मे समर्पित "साँवरिया" और एक्सिस बेंक की ओर से दिनांक १६ अप्रेल २०१५ को एक्सिस बेंक जोधपुर की  सभी शाखाओं मे "विशाल रक्तदान शिविर" का आयोजन  किया जा रहा है जिसमे साँवरिया के संस्थापक श्री कैलाशचंद्र लढा द्वारा  जोधपुर से समस्त निवासियों से अपील है कि दिनांक 16 अप्रेल 2015 को सुबह 9:30 से दोपहर 1.30 बजे तक रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा रहा है जोधपुर के सभी जागरूक निवासियों से विनम्र प्रार्थना है की इस नेक कार्य मे अधिक से अधिक पधार कर इस आयोजन को सफल बनाए | आपके द्वारा दिया गया रक्त तीन जिन्दगियाँ बचा सकता है

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‘काम करो ऐसा कि पहचान बन जाए,
हर कदम चलो ऐसे कि निशान बन जाए !
यह जिंदगी तो सब काट लेते हैं,
जिंदगी ऐसे जियो कि मिसाल बन जाए’!

अपनी प्रेमिकाओ को अपने "खून" से ख़त लिखकर भेजने वाले मेरे देश के"गुमराह नौजवानो" शहर के हॉस्पिटल में चलो और देखोकि खून की कमी के कारण कितनी ही माँओ की कोख उजाड़ जाती है.
डोनेट ब्लड & सेव लाइफ
अगर माता पिता के खून पसीने से बने "खून" की" कीमत" समझते हो तो जरुरत पड़ने पर समाज-हित में रक्तदान करो।।
अपनी प्रेमिकाओ को अपने "खून" से ख़त लिखकर भेजने वाले मेरे देश के"गुमराह नौजवानो" शहर के हॉस्पिटल में चलो और देखोकि खून की कमी के कारण कितनी ही माँओ की कोख उजाड़ जाती है.
अगर माता पिता के खून पसीने से बने "खून" की" कीमत" समझते हो तो जरुरत पड़ने पर समाज-हित में रक्तदान करो।।







Jai Shree Krishna

Thanks,

Regards,

कैलाश चन्द्र  लढा(भीलवाड़ा)www.sanwariya.org
sanwariyaa.blogspot.com 
Page: https://www.facebook.com/mastermindkailash

मंगलवार, 31 मार्च 2015

लेक्चरर की नौकरी छोड़ मुस्लिम युवक फैज़ सुनाते हैं गौ कथा

लेक्चरर की नौकरी छोड़ मुस्लिम युवक फैज़ सुनाते हैं गौ कथा 
03 सितंबर 2013 वार मंगलवार को मोहम्मद फैज खान जैसे मुस्लिम को मैंने काफी सोच विचारकर राजस्थान के श्री सालासर बालाजी धाम में प्रथम बार "विराट हिन्दू धर्म गर्जना सम्मेलन 2013" में राष्ट्रीय मंच पर गौ रक्षा के लिए भाषण देने हेतू आमंत्रित किया था ?
मित्रों मैंने मोहम्मद फैज खान को मंच दिया तब से मेरे खिलाफ अपने ही भाईयों ने मेरा काफी दिनों तक दुष्प्रचार किया था ! क्या मैंने मोहम्मद फैज खान को राष्ट्र से जोड़कर गलत कार्य किया था ? क्या गौ माता की रक्षा केवल एक धर्म से होगी या सभी पंथ स्वीकार करेंगे तब होगी ?
अपनी राय कमेंट करे...
काशी के अस्सी घाट पर गौ कथा सुनने वालों की इन दिनों भीड़ उमड़ रही है। यह गौ कथा कोई हिंदू नहीं बल्कि एक मुस्लिम युवक मोहम्मद फैज खान सुना रहे हैं, जो तीन दिनों तक चलेगा।
उन्होंने भास्कर को विशेष बातचीत में बताया कि वे शासकीय महाविद्यालय, रायपुर में लेक्चरर के पद पर कार्यरत थे। इस दौरान उन्होंने एक उपन्यास में गाय की कथा पढ़ी। इससे प्रेरित होकर नौकरी छोड़ दिया और गौ हत्या प्रतिबंध के लिए देशभर में निकल पड़े ! तभी महावीर प्रसाद खिलेरी द्वारा आयोजित राजस्थान में विराट हिन्दू धर्म गर्जना सम्मेलन में मंच अतिथि बने उसके बाद राजस्थान में करीब 5 जगह पर दिव्य गौ कथा सुनाना शुरू किया। अब तक वह भारत में 50 से अधिक जगहों पर गौ कथा सुना चुके हैं। इसी क्रम में सोमवार से अस्सी घाट पर कार्यक्रम शुरू किया है।
राजनीतिशास्त्र और हिंदी में एमए मोहम्मद फैज खान छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि तीन साल पहले गिरीश पंकज की उपन्यास (नॉवेल) में एक गाय की कथा पढ़ी थी। इसका हीरो एक मुस्लिम युवक था, जो गौ हत्या बंद कराने को लेकर अभियान चलाया था, उससे काफी प्रेरणा मिली। सालासरकर सम्मेलन के बाद उन्होंने लोगों को गौ कथा सुनाना शुरू कर दी। उन्होंने कहा, ‘मैं ढाई सालों से घर छोड़कर लोगों को चाहे वो हिन्दू हों या मुसलमान, सबको गाय के बारे में जानकारियां देता हूं।’
गाय विश्व की माता है : फैज खान
फैज ने बताया कि वेदों में गाय को विश्व की माता कहा गया है। गाय किसी धर्म विशेष की नहीं बल्कि हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी की मां हैं। गाय की सेवा यदि घर में किया जाए और मां के गर्दन में बंधी घंटी बज जाए, तो 33 करोड़ देवी-देवता प्रसन्न हो जाते हैं। किसी भी धर्म के मंदिर में चमड़े का सामान पहनकर जाने से पूजा और इबादत कबूल नहीं होती।
गौ हत्या पूरे भारत में बंद होनी चाहिए उन्होंने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अस्सी घाट से स्वच्छता अभियान चलाया था, जो पूरे देश ने स्वीकार किया। उसी अस्सी घाट पर गौ को लेकर कथा कर रहा हूं ताकि आवाज पूरे भारत में जाए। महाराष्ट्र और हरियाणा की तरह पूरे भारत में गौ हत्या बंद होना चाहिए। इतना ही नहीं, इसको लेकर सरकार केंद्रीय कानून लाना चाहिए।

दो तथाकथित महात्मा और भक्त रामशरण दास पिलखवावाले !

दो तथाकथित महात्मा और भक्त रामशरण दास पिलखवावाले !

पोस्ट साभार : विनिता डंगवाल (स्वर्णिम दिल्ली व सावरकर टाइमश, दो अखबार में 2014 में प्रकाशित लेख)
गांधीजी के लाड़ले सरकारी संत बिनोवा भावे वैदिक/हिन्दूत्व सिद्धांतों के बचपन से ही विरोधी थे। मां के निधन के समय भी विनोबा का अपने पिता और भाइयों से मतभेद हुआ। विनोबा वैदिक विधि से दाह-संस्कार का विरोध कर रहे थे। लेकिन परिवार वालों की जिद के आगे उनकी एक न चली. विनोबा भी अपने सिद्धांतों पर अडिग थे। नतीजा यह कि जिस मां को वे सबसे अधिक चाहते थे, जो उनकी आध्यात्मिक गुरु थीं, उनके अंतिम संस्कार से वे दूर ही रहे. मां को उन्होंने भीगी आंखों से मौन विदाई दी.

आगे चलकर 29 अक्टूबर 1947 को विनोबा के पिता का निधन हुआ तो उन्होंने कुरान के आदेशों का पालन करते हुए उनकी देह को अग्नि-समर्पित करने के बजाय, मिट्टी में दबाने जोर दिया. तब तक विनोबा संत विनोबा हो चुके थे। गांधी जी का उन्हें आशीर्वाद था। इसलिए इस बार उन्हीं की चली. और वेदो के आगे कुरान जीत गई।
मां की गीता में आस्था थी। वे विनोबा को गीता का मराठी में अनुवाद करने का दायित्व सौंपकर गई थीं। विनोबा उस कार्य में मनोयोग से लगे थे। आखिर अनुवाद कर्म पूरा हुआ। पुस्तक का नाम रखा गया- गीताई. गीता+आई = गीताई. महाराष्ट्र में ‘आई’ का अभिप्राय ‘मां के प्रति’ से है; यानी मां की स्मृति उसके नेह से जुड़ी-रची गीता. पुत्र की कृति को देखने के लिए तो रुक्मिणी बाई जीवित नहीं थीं। मगर उनकी याद और अभिलाषा से जुड़ी गीताई, महाराष्ट्र के घर-घर में माताओं और बहनों के कंठ-स्वर में ढलने लगी. उनकी अध्यात्म चेतना का आभूषण बन गई। गांधी जी ने सुना तो अनुवाद कर्म की भूरि-भूरि प्रशंसा की. क्योंकि इस किताब में गोमांस खाने का समर्थन किया गया था।
जब यह किताब उस समय के महान विद्वान भक्त रामशरण दास जो पिलखुआ के थे और शिवकुमार गोयल के पिता थे उन्होंने पढी तो उनका खून खोल गया और विनोबा को किताब में संशोधन के लिए कई खत लिखे, लेकिन किताब में जब संशोधन नहीं हुआ तो भक्त जी वहीं पहुंच गए और भावे से कहा, ‘‘भारतीय गाय को माता मानते हैं और तुम गीता भाष्य में ही गोमांस खाने की बात लिखे हो ? वहां सही भाष्य यही है कि कृष्ण जी अपने को गौ मानते हैं, न कि गो मांस खाते थे।’’
‘‘ तुम्हें क्या आपत्ति है?’’
‘‘ यह गलत बात है!’’

‘‘ देखो तुम बाजार से संतरे खरीदते हो और यदि एक फांक खराब है तो उसे छोड़कर बाकी संतरा खालो, यानी वह प्रसंग मत पढ़ो।’’ विनोबा जी का तर्क था। पास में गांधी जी बैठे थे, उन्होंने कहा, ‘‘विनोबा जी ठीक ही तो कहते हैं, तुम्हे जो बुरा लगे, उस पर ध्यान न दो।’’
‘‘लेकिन’’ भक्त जी ने कहा, ‘‘जब बाजार में अच्छे संतरे हों तो सडी फांक वाला खाने की जरूरत ही क्या है?’’
गांधी जी और विनोबा की बोलती बंद हो गई थी।
इतिहास की सच्ची कहानियां का एक अंश...
नोट: कोई आपत्ति न करे, क्योंकि यह घटना करीब 15 पुस्तकों में छपी हुई है, जो आज से 60 साल पहले ही भारत और पाकिस्तान दोनों में प्रकाशित हुई थी।

सोमवार, 30 मार्च 2015

लेकिन ये बजट होता क्या है ?? आखिर क्या अर्थ है इस 18 लाख करोड़ रूपये का ??


18 लाख करोड़ का है इस बार का बजट !

वैसे तो 17,77,477 (17 लाख 77 हजार 477 ) करोड़ का है 
लेकिन हम मोटा-मोटा 18 लाख करोड़ मान लेते है 

लेकिन ये बजट होता क्या है ??

आखिर क्या अर्थ है इस 18 लाख करोड़ रूपये का ??

तो मित्रो साधारण व्यक्ति की भाषा मे समझो बजट को !
_____________________________
आपका परिवार है परिवार चलाने वाले मुख्या को महीने की पहली तारीक को पगार मिलती 
फिर वो तय करता है की इसे कहाँ-कहाँ और कितना कितना खर्च करना है !

ऐसे ही देश भी एक परिवार है देश चलाने वाली केंद्र सरकार को आम जनता tax के रूप मे पैसा देती है जिससे सरकार बजट बनाती है ! और तय करती है इसे कहाँ-कहाँ और कितना कितना धन खर्च करना है !

देश मे 28 फरवरी को केंद्र सरकार द्वारा बजट पेश किया जाता है 

तो बजट है 18 लाख करोड़ का !

आप ऐसा समझ लीजिये की 28 फरवरी 2015 से अगले वर्ष 27 फरवरी 2016 
तक ( एक वर्ष मे ) भारत की केंद्र सरकार देश मे 18 लाख करोड़ रूपये खर्च करेगी !

अगर 18 लाख करोड़ सरकार खर्च करेगी ,तो हम पहले ये जान ले की ये 
18 लाख करोड़ सरकार ने कहाँ से जुटाया ??

तो मित्रो 18 लाख करोड़ मे से 1141575 ( 11 लाख 41 हजार 575 ) करोड़ 
रूपये इस देश की जनता ने सरकार को tax दिया है !!

tax थोड़ा विस्तार से जान लीजिये ! (आंखड़े करोड़ मे )
_________________________
निगम कर -( Corporation Tax )--------> 470628 करोड़ 

आय कर - ( Taxes on Income )-------> 327367 करोड़

सीमा शुल्क ( Customs )-------------> 208336 करोड़ 

केंद्रीय उत्पाद ( Union Excise Duties ) ----> 229808 करोड़ 
शुल्क 

सेवा कर Service Tax) -----------------> 209774 करोड़ 

संघ राज्य क्षेत्रों के कर ( Taxes of union )-----> 3577 करोड़ 
__________________________________
तो ये कुल सकल कर (Gross Tax Revenue frown emoticon 14,49,490 करोड़ 

फिर इसमे राष्ट्रीय आपदा (NCCD ) घटा दिया जाता है --> 5690 - करोड़ 
और फिर थोड़ा राज्यो का हिस्सा घटाया जाता है ----------> 523958 - करोड़ 

और अंत भिन्न कर जोड़ा जात है------------------------> + 221733 करोड़ 

और अंत कुल घटा कर और जोड़ कर सरकार के पास पहुंचा 11,41,575 करोड़ !

तो 18 लाख करोड़ मे से 1141575 ( 11 लाख 41 हजार 575 ) करोड़ तो सरकार ने राजस्व जनता से tax से जुटाया ! 
________________________
इसके अतिरिक्त सरकार सरकारी उदमों को कुछ कर्ज देती है .उसकी वसूली करती है 
और कुछ public sector जैसे coal india ,NHPC ,BHEL आदि मे हिस्सेदरी बेच कर धन कमाती है जो Non-debt Receipts मे आता है
तो वहाँ से आया है = 80,253 करोड़ !

तो मित्रो tax का हो गया 1141575 ( 11 लाख 41 हजार 575 ) करोड़ 
और उसमे आप Non-debt Receipts जोड़ लीजिये 80,253 करोड़ 

तो कुल सरकार ने धन जुटाया 12,21,828 करोड़ !! जिसमे जनता ने tax दिया है 
( 11 लाख 41 हजार 575 ) करोड़ ! 
____________________________

लेकिन क्या आप जानते है? सरकार ने 13,12,200 ( 13 लाख 12 हजार 200 ) करोड़ 
रूपये Non-Plan Expenditure ( आयोजना भिन्न व्यय ) पर खर्च कर दिया ? frown emoticon frown emoticon

अर्थात आपका सारा tax का पैसा तो Non-Plan Expenditure 
मे ही खर्च हो गया frown emoticon frown emoticon
___________________

ये Non-Plan Expenditure क्या होता है ???

Non-Plan Expenditure अर्थात व्यवस्था (system ) को चलाने का 
खर्चा ?

कैसी व्यवस्था ? 

पुलिस की व्यवस्था ,सेना की व्यवस्था कानून की व्यवस्था ,न्याय की व्यवस्था ,प्रशासन की व्यवस्था ,संसद की व्यवस्था , 543 MP की पगारे ,प्रधानमंत्री राष्ट्रपति ,उप राष्ट्रपतियों की पगारे,उनके महंगाई भत्ते ,सुरक्षा के खर्चे ,फोन के बिल ,हवाई जहाज के खर्चे ,अस्तपातालों के खर्चे , विदेशी यात्राओ के खर्चे , बिजली के बिल , 
(पिछले कर्जे के लिए व्याज पर खर्चा) , सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र बैंको मे काम करने वाले ,बीमा कंपनियो मे काम करने वाले ,डाक विभाग मे काम करने वाले ,आयकर विभाग मे काम करने उनकी मोटी-मोटी पगारे ,ऐसे अन्य public sector ! साल मे दो बार बढ़ता महंगाई भत्ता ,रिटायर्ड कर्मचरियों की पैनश्नों मे हर साल वृद्धि !! 

और तो और सरकारी कर्मचारी तो 60 साल की आयु मे रिटायर्ड होता ! जबकि मंत्री एक बार चुनाव लड़े जीत जाए अगली बार लड़े हार जाए ,तो उसकी पेंशन लग जाती है सारी ज़िंदगी की ! चाहे कभी दुबारा चुनाव लड़े ना लड़े ! और सरकार के खजाने से मुंह मारते रहते है ये नेता !

तो मित्रो आप समझ लीजिये इस देश की दुर्दशा की आपके द्वारा सारा साल मे दिया गया direct tax और सुबह से शाम तक आप जो कुछ भी खरीदते उसके माध्यम से दिया गया indirect tax सरकार द्वारा जुटाया गया कुल राजस्व 12,21,828 ( 12 लाख 21 हजार 828 ) करोड़ है उससे भी 90372 करोड़ ज्यादा ( 13 लाख 12 हजार 200) ज्यादा सरकार ने तो Non-Plan Expenditure अर्थात व्यवस्था (system ) को चलाने मे खर्च कर डाला ! 

आपके लिए देश के विकास के लिए तो सरकार के पास फूटी-कोड़ी भी नहीं है ??

प्रभु श्री राम रामायण मे बोलकर गए है की व्यवस्था चलाने का खर्च कुल बजट का 5 %
से अधिक नहीं होना चाहिए ! और यहाँ राम राज्य के सबसे बड़े ठेकेदार हमारे नेता 
कुल बजट का 75 से 80% व्यवस्था चलाने मे खर्च कर रहे है ! और कह रहे है हम राम राज्य 
लाएँगे ! 

तो मित्रो अब आपके मन मे ये सवाल आएगा की बजट मे जो इतनी सारी घोषनाए हुई है 
जो मीडिया मे भी दिखाई गई है की 100 करोड़ यहाँ खर्च होंगे,200 करोड़ वहाँ खर्च होंगे 
500 crore यहाँ होंगे ,900 करोड़ वहाँ खर्च होंगे तो ये सब क्या है ??

तो इसके बारे मे भी आराम से जान लीजिये मित्रो ये क्या है ?
______________________________
जैसा की आप जानते है की कुल बजट है 18 लाख करोड़ का है !
वैसे तो 17,77,477 (17 लाख 77 हजार 477 ) करोड़ का है 

जिसमे से 1141575 ( 11 लाख 41 हजार 575 करोड़ तो सरकार ने जनता से tax से जुटाया ! इसके अतिरिक्त Non-debt Receipts से जो आया था = 80,253 करोड़

दोनों को जोड़ के तो कुल सरकार ने जो धन जुटाया वो 
12,21,828 (12 लाख 21 हजार 828 ) करोड़ है !! जो लगभग सारा का सारा non plan expendture मे गया !

लेकिन बजट मे सरकार को जो खर्च करना है वो है 
17,77,477 (17 लाख 77 हजार 477 ) करोड़ !

तो 17,77,477 (17 लाख 77 हजार 477 ) करोड़ मे से 
12,21,828 (12 लाख 21 हजार 828 ) करोड़ घटा दीजिये 

तो बाकी 555649 ( 5 लाख 55 हजार 649 ) करोड़ कहाँ से आया ??

तो ये मित्रो 555649 ( 5 लाख 55 हजार 649 ) करोड़ सरकार ने 
नया कर्ज लिया है !!

जी हाँ पूरे 555649 ( 5 लाख 55 हजार 649 ) का नया कर्ज ! 

आपकी जानकारी के लिए कह दूँ पिछले बजट से पहले हमारा देश पर 56 लाख करोड़ के कर्जे मे डूबा हुआ था फिर पिछले बजट मे मोदी सरकार ने 531177 ( 5 लाख 31 हजार 177 ) करोड़ का नया कर्ज लिया और कुल कर्जा 62 लाख करोड़ को पार कर गया !
और इस बजट मे मोदी सरकार 531177 ( 5 लाख 31 हजार 177 ) करोड़ कर्ज और नया कर्ज लेगी जिससे कुल कर्जा 68 लाख करोड़ को पार कर जाएगा !!

मुझे आशा है अब आपको सारी बात समझ मे आ गई होगी !
की बजट मे कुल खर्चा सरकार को करना है वो है !

17,77,477 (17 लाख 77 हजार 477 ) करोड़ !

सरकार ने जो कुल धन जुटाया था वो था 12,21,828 करोड़ उससे भी ज्यादा सरकार ने Non-Plan Expenditure अर्थात व्यवस्था (system ) को चलाने मे ही खर्च कर डाला !

विकास के लिए फूटी-कोडी नहीं बची तो उसके लिए 555649 ( 5 लाख 55 हजार 649 )करोड़ कर्ज ले लिया ! 

और ऐसे बन गया 17,77,477 (17 लाख 77 हजार 477 ) करोड़ करोड़ का बजट ! 
अर्थात मोटा मोटा 18 लाख करोड़ का बजट !
___________________________

और मित्रो अब जो मैं बात लिखने जा रहा हूँ शायद पढ़ते ही आपके 
रोंगटे खड़े हो जाए और हो सकता है पहली बार मे आप विश्वास ही ना कर पाये !

तो मित्रो जैसा की मैंने ऊपर बताया 17,77,477 (17 लाख 77 हजार 477 ) करोड़ के 
खर्चो को पूरा करने के लिए सरकार ने 555649 ( 5 लाख 55 हजार 649 करोड़ 
नया कर्ज तो ले लिया लेकिन पुराना जो 60 लाख करोड़ का कर्ज है तो उसका व्याज भी तो भरना है ??

तो मित्रो इस बार के बजट मे जो सबसे अधिक धन खर्च हुआ है 
वो पिछले कर्जे का ब्याज भरने मे खर्च हुआ है ??

जैसे की आपने ऊपर पढ़ा की Non-Plan Expenditure मे पिछले कर्जे का ब्याज भी 
आता है तो मित्रो इस बार सरकार ने आपके मेरे tax का 456145( 4 लाख 56 हजार 145 करोड़ ) तो पिछले कर्जे का ब्याज भरने मे खर्च कर दिया !!

सिर्फ ब्याज भरने मे 456145( 4 लाख 56 हजार 145 करोड़ )!
अर्थात मूलधन वही का वही खड़ा है और 456145( 4 लाख 56 हजार 145 करोड़ ) 
ब्याज मे चला गया !

और 555649 ( 5 लाख 55 हजार 649 )करोड़ करोड़ का नया कर्ज ले लिया !!

देश किस विकास की और बढ़ रहा है आप खुद अनुमान लगाइए मित्रो !!
_________________________

456145( 4 लाख 56 हजार 145 करोड़ ) एक वर्ष का ब्याज भरना 
आप इसका अर्थ समझते हैं मित्रो ??

456145 करोड़ को 12 से भाग (divide) करिये 

तो जवाब आएगा 38012 करोड़ ( 38 हजार 12 करोड़ ) एक महीने का ब्याज !

एक महीने मे 30 दिन !

अब इस 38012 करोड़ ( 38 हजार 12 करोड़ ) 30 से भाग (divide) करिये !

तो आ जाएगा 1267 करोड़ ब्याज (एक दिन का ब्याज) !

अब इस 1267 करोड़ को 24 से से भाग (divide) कर दीजिये 

तो आएगा 52 करोड़ (एक घंटे का ब्याज )!

एक घंटे मे 60 मिनट ! तो कर दीजिये 52 करोड़ को 60 से भाग (divide) !!

तो आ जाएगा 86,66,666 ( 86 लाख रूपये एक मिनट का ब्याज ) !

एक मिनट मे 60 सेकेंड ! तो कर दीजिये 86 लाख को 60 से फिर भाग (divide) !

तो आ जाएगा 143000 ( 1 लाख 43 हजार रूपये ) 1 सेकेंड का ब्याज !
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सोचिए मित्रो सोचिए !जो देश प्रति सेकेंड 1 लाख 43 हजार रूपये का पुराने कर्जे का ब्याज भर रहा है वो किस विकास की और बढ़ रहा है ??

गंभीरता से सोचिए ! क्यों बिना कुछ जाने आप सरकारो की अंधभक्ति करने मे लगे है !

क्योंकि आपके लिए देश पीछे छूट गया है ? और सरकारे और नेता आपके लिए बड़े हो गए हैं 

क्यों कल तक जो चीज आपको विनाश दिखती थी आज आपको विकास दिख रही है ??

आप सब जानते है की आप मे से बहुत से लोगो को बजट का अर्थ तक नहीं मालूम 
तो फिर क्यों मात्र मीडिया मे दिखाई योजनाओ को ही बजट समझते है ??
और क्यों सिर्फ उन योजनाओ की घोषणाओ का ही गुणगान करते जा रहे है ???

जबकि वास्तविकता मे कुछ भी नहीं बदला है ! 
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अगर आप पिछले 2 मिनट से मेरी ये post पढ़ रहे तो समझ लीजिये 
प्रति मिनट 86 लाख रूपये ब्याज के हिसाब से 1 करोड़ 72 हजार रूपये तो 
पिछले कर्जे के ब्याज मे चला गया frown emoticon frown emoticon

किस भारत मे जी रहे है हम कल्पना करिए ?

क्यों इस देश की सरकारे विनाश को विकास बता रही है ? 

गंभीरता से विचार करिये मित्रो गंभीरता से !!
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अब जो 555649 ( 5 लाख 55 हजार 649 करोड़ का नया कर्ज लेकर विकास 
की योजनाओ की घोषणा हुई है उसमे भी देश को क्या मिलने वाला आपको एक उदाहरण से स्पष्ट कर देता हूँ !! 

देश की कुल आबादी 120 करोड़ है जिसमे 52 % संख्या किसानो की है !

अर्थात आधी आबादी 62 करोड़ देश मे किसान है खेती से जुड़े है !! 

इस बजट मे Agriculture and Allied Activities ( कृषि और सम्बद्ध क्रियाकलापों )
के लिए मात्र 11657 करोड़ रूपये रखे गए है !! 

अर्थात 62 करोड़ किसानो के लिए 11657 करोड़ रूपये !

11657 करोड़ को 62 करोड़ किसानो मे बांटो !

अर्थात 188 रूपये प्रति किसान सरकार बजट मे से खर्च करेगी वो भी एक वर्ष मे !!

वैसे तो 11657 करोड़ भी सरकार द्वारा बजट मे लिए गए नए कर्जे के ही है !!

तो सोचिए मित्रो मात्र 188 रूपये प्रति वर्ष एक किसान के लिए frown emoticon frown emoticon

और वो भी तब अगर बिना किसी भ्रष्टाचार के खर्च किए जाए !!

एक वर्ष मे मात्र 188 रूपये एक किसान के ऊपर खर्च करके सरकार किसानो की 
क्या हालत सुधारेगी किसानो का क्या विकास करेगी ?
आप कल्पना कर सकते हैं मित्रो frown emoticon frown emoticon

जो किसान पूरे देश का पेट भरता है वो खुद भूख से मरता है 
आत्मह्त्या करता है ! frown emoticon frown emoticon

जिसके घर की छत टपकती है वो खुद बारिश का इंतजार करता है !!

ऐसी ही सरकार ने सिंचाई (Irrigation and Flood Control )की व्यवस्था के लिए 
772 करोड़ खर्च करेगी !!

बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्ष्ण की रिपोर्ट का एक हिस्सा पढ़िये !!

देश 12 करोड़ हेकटियर ऐसी जमीन है जहां अभी खेती होती है 2007 तक ये 
17 करोड़ हेकटियर थी !

तो आप कहेंगे 5 करोड़ हेकटियर कृषि जमीन कहाँ गई ??

ये 5 करोड़ हेकटियर जमीन सरकार ने SEZ ( special economic zone ) 
नाम पर बड़ी- बड़ी कंपनियो को देदी ! और कुछ यूरिया ,DAP डालने से बिलकुल 
बंजर हो गई ! ऊपर से वितमंत्री ने इस बार के बजट मे स्पष्ट कर दिया SEZ जारी रहेंगे !
अर्थात आने वाले दिनो मे और जमीन कम होने वाली है बहुत सी किसानो की जमीन बुलेट ट्रेन के लिए जापानी कंपनियो को दी जानी है !अब 12 करोड़ हेकटियर जमीन ही बची है कृषि के लिए !

उसमे से मात्र 5 करोड़ हेकटियर जमीन पर ही सिंचाई की व्यवस्था है !
बाकी 7 करोड़ हेकटियर आधी से अधिक जमीन पर खेती सिर्फ भगवान भरोसे है 
अर्थात बारिश हो गई तो फसल आ जाएगी ,बारिश नहीं होगी तो फसल मर जाएगी !!

और अगर एक महीना देरी से बारिश हुई तो बीज जो खेत मे डाला हुआ है पूरी तरह खराब हो जाएगा तो ऐसे हालत है देश मे सिंचाई की !! आजादी के 67 साल बाद भी हम देश के किसानो के लिए सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं कर पाये है ! आज भी हमारे किसान सिंचाई के लिए पानी के लिए आसमान की तरफ उम्मीद लगाए देखते रहते हैं !

ऐसे मे सरकार ने मात्र 772 करोड़ रूपये सिंचाई के लिए रखे !
अर्थात प्रति किसान 12 रूपये प्रति वर्ष सिंचाई के लिए सरकार खर्च करेगी !!

आप खुद अनुमान लगा लीजिये मात्र 12 रूपये प्रति वर्ष एक किसान के खेत मे सरकार 
क्या सिंचाई की व्यवस्था कर पाएगी ?? frown emoticon frown emoticon क्या उसका विकास कर पाएगी ?

हर वर्ष 1 करोड़ 80 लाख नये बच्चे देश मे जन्म ले रहे है एक देश है उसका नाम है नीदरलैंड उसकी आबादी 1 करोड़ 70 लाख है अर्थात हर वर्ष 1 नीदरलैंड हमारे बीच जुड़ जाता है !

1 करोड़ 80 लाख ने नये मुंह प्रति वर्ष रोटी के लिए खुल जाते है ! ऐसे मे आज हम
बजट मे किसानो के लिए कृषि की व्यवस्था नहीं करेंगे सिंचाई की व्यवस्था नहीं करेंगे खेती की जमीन SEZ के नाम पर देते जाएंगे तो कल अनाज के लिए फिर हमको विदेशियों से भीख मांगनी पड़ेंगी !! जैसे किसी समय अमेरिका से PL 49 के नाम से सड़ा हुआ गेहूं आता था जिसे अमेरिका मे सूअर भी नहीं खाते थे वो हम भारतीयो को खाना पड़ता था ! वो तो भला हो शास्त्री जी का जिनहोने इसे रुकवाया देश मे अन्न उत्पादन बढ़ाया !
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तो मित्रो देश की जनता के लिए चल रही ये सारी व्यवस्था,प्रशासन अपने ऊपर 13 लाख करोड़ रूपये खर्च कर रही और देश की आधी आबादी 62 करोड़ किसानो के लिए मात्र 11657 करोड़ रूपये वो भी कर्जा लेकर ! और वो भी 187 रूपये प्रति किसान frown emoticon

ये विकास हो रहा है या विनाश गंभीरता से सोचना मित्रो गंभीरता से !

ये तो खेती और सिंचाई का हाल बताया ऐसा ही हाल सड़क ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,ग्रामीण विकास आदि योजनाओ आदि का है ! 
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सरकार एक और बात कहती है की प्रतिवर्ष लगभग 70 हजार करोड़ की सबसिडी
किसानो के लिए केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है !

सुनने मे कितना अच्छा लगता है किसानों को 
70 हजार करोड़ की सबसिडी !

लेकिन दी कैसे जाती है वो जान लीजिये !
दरअसल सबसिडी यूरिया ,डीएपी ,जैसे जहरीले खाद और कीटनाशक बनाने वाली कंपियों को दी जाती ताकि वो किसानों को जहर सस्ते मे बेचे ,जिसे वो अपने खेतो मे डाले ,कर्जे मे दबे, खुद आत्महत्या करे बाद मे वो फल सब्जियाँ खाकर लोग बीमार पड़े ,फिर विदेशी दवा 
कंपनियो को फाइदा हो और फिर देश की आम जनता भी मरे !

आपके ही tax का पैसा आपको मारने के लिए किसान को मारने के लिए 
खर्च होता है frown emoticon frown emoticon frown emoticon

लेकिन ये 70 हजार करोड़ किसानों को गाय के गोबर-गौ मूत्र से खेती करने 
के लिए नहीं खर्च किया जा सकता !! उल्टा पिछले बजट मे मोदी सरकार ने 
कत्ल करने वाली मशीनों पर उत्पादन शुल्क 10 % कम कर 6 % कर दिया 

गौ ह्त्या रोकना तो दूर आपके tax के पैसे से कत्लखानो को सबसिडी दी जाती है !
इससे अधिक शर्मनाक ,और नीच बात क्या होगी frown emoticon frown emoticon

ये विकास हो रहा है या विनाश गंभीरता से सोचना मित्रो गंभीरता से !
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आर्थिक सर्वेक्ष्ण की रिपोर्ट मे कहा गया है हर वर्ष 60 से 65 लाख बच्चे 
ग्रेजुएशन करके निकल रहे है और 30 से 35 लाख हाई सेकेन्डरी करके निकल रहे है 
ऐसे मे प्रति वर्ष 1 करोड़ नए रोजगार चाहिए ! जबकि इसके उल्टा 30 लाख रोजगार खत्म हो 
रहे है ऐसे मे नए रोजगार की व्यवस्था कैसे होगी ?? 
पैसा कर्जे का ब्याज भरने और व्यवस्था चलाने मे खर्च हो गया है !!

ये विकास की तरफ हम बढ़ रहे है या विनाश की तरफ ??
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रक्षा बजट मे सरकार ने 24 हजार करोड़ और बड़ा दिये !

हथियारो की खरीद के लिए मात्र 12 करोड़ ही बढ़ा है ! बाक़ी 12 हजार अन्य खर्चो के 
लिए बढ़ा है !
क्या होगा मात्र 12000 करोड़ बढ़ाने से ???

एक अग्नि 5 मिसाईल जो भारत ने बनाई है जो 5000 किलो मीटर तक मार 
कर सकती है उसकी लागत 2500 करोड़ रूपये प्रति मिसाईल है !

तो सोच लीजिये 12000 हजार करोड़ से साल मे गिनती की 5 मिसाईल बनेगी frown emoticon frown emoticon

वो भी तब जब 5 हजार करोड़ पूरी ईमानदारी से खर्च किया जाएगा !

ऊपर से रक्षा क्षेत्र मे 49% FDI की मंजूरी दे दी गई है 

26% मनमोहन सिंह ने दी थी इनहोने बढ़ा कर 49 % कर दी !

आपकी जानाकारी के लिए कह दूँ ये 49 % FDI technology transfer मे नहीं 
मात्र पूंजी निवेश आ रही है !

तो क्यों बुला रहे है विदेशियों को पूंजी निवेश के लिए ??

क्योंकि हमारे पास पूंजी नहीं है !

कहाँ गई पूंजी ??? 1 लाख 43 हजार रूपये प्रति सेकेंड को कर्जे 
का ब्याज भरा जा रहा है वहाँ चली गई frown emoticon

13 लाख करोड़ व्यवस्था चलाने मे जा रहा है तो वहाँ चली गई !!
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तो मित्रो देश की सरकारे तो पुराने कर्जे का ब्याज भरने और व्यवस्था चलाने मे आपके tax का सब धन खर्च कर रही है किसानो और सीमा पर खड़े जवानो को क्या मिल रहा है 
आप खुद अनुमान लगा लीजिये !

ये विकास हो रहा है या विनाश फिर गंभीरता से सोचना मित्रो गंभीरता से !!
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बजट 18 लाख करोड़ का है पैसा सरकार ने लगभग 12 लाख करोड़ जुटाया !
5 -6 लाख करोड़ कर्ज लिया (जो राजकोषीय घाटा है ) अभी उसे पूरा करने या 
कम करने के प्रयास मे सरकार इधर-उधर मुंह मारती रहती है और योजना बनाती रहती है की लोगो से और ज्यादा tax कैसे वसूला जाए !इसीलिए service tax 12 से 14 %कर दिया है ! service tax सीधा बोझ आपकी जेब पर पड़ेगा !! सरकार को मात्र 5 से 6 हजार करोड़ अगले बर्ष ज्यादा मिलेंगे ! इतने से क्या होगा ? जबकि घाटा 5 लाख 55 हजार करोड़ का है !

सरकार व्यवस्था चलाने का खर्च कम नहीं करेगी !! नेताओ की पगारें ,अपने खर्चे नहीं घटाएगी साल मे 2 -2 बार महंगाई भत्ते बढ़ाएगी ! frown emoticon frown emoticon
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ऐसी ही सरकार बजट का घाटा कम करने के लिए और अन्य हथकंडे अपनाती रहती है 
भारत सरकार के पास पिछले 67 साल मे आपके tax से खड़े किए हुए 251 PSU है ! PSU अर्थात public sector undertakings ! जैसे BHEL ( bharat heavy electricals limited ) 
COAL INDIA
,NHPC,
GAIL INDIA,
AIR INDIA,
Bharat Electronics,
(NTPC) National Thermal Power Corporation ,MMTC ऐसे 251 public sector है !

जो की सरकार की आय का एक बहुत बड़ा स्त्रोत है ! घाटा पूरा करने के लिए सरकार क्या करती है इसमे अपनी हिस्सेदारी कम कर इसे बेचना शुरू कर देती है ! 

आपने अखबरों मे अक्सर ऐसे खबर पढ़ी होगी disinvestment (विनिवेश ) से सरकार जुटाएगी 35 हजार करोड़ ,40 हजार करोड़ ! तो इस विनिवेश का अर्थ क्या है ? सीधा सा अर्थ है निवेश का उल्टा विनिवेश अर्थात अपना पैसा निकाल लेना अपनी हिस्सेदारी कम देना ,बेच देना !!

साधारण भाषा मे समझिए ! आपकी 10 दुकाने है और आप उसमे 80% के हिस्सेदार है ! 
एक साल मे आपको उसमे से 10 लाख की कमाई होती है ! 80 % हिस्सेदारी के कारण 
आपको 8 लाख रूपये प्रति वर्ष मिल रहा है ! एक दिन आपने क्या करा 10 मे से 5 दुकाने 25 लाख की बेच दी ! और शोर मचा दिया की मैंने तो 25 लाख जुटा लिए ! मैंने तो 25 लाख जुटा लिए !

लेकिन ये नहीं बताया की अपनी जायदाद बेचकर जुटाये है !! आज तो आपने 25 लाख एक साथ जुटा लिए लेकिन हर वर्ष जो 10 दुकानों मे से जो आपको 80 % के हिसाब से 8 लाख की कमाई हो रही थी अब वो भी तो आधी रह जाएगी ! ये आपने बताया नहीं !!

ऐसे ही सरकार बजट घाटा कम करने के लिए 251 PSU (PUBLIC )मे अपनी हिस्सेदारी लगातार प्रति वर्ष कम करती जा रही है बेचती जा रही है और शोर मचा रही है की हमने इतने हजार करोड़ जुटाये ! लेकिन ये नहीं बताया की अपनी आय का स्त्रोत भी तो कम कर लिया !! और उस जुटाये हुए पैसे को कहीं और निवेश नहीं करना बल्कि बजट का घाटा कम करना है !

दुनिया के और देश की सरकारे भी थोड़ा बहुत अपने अपने PSU मे विनिवेश करती है !
लेकिन भारत सरकार ने पूरा एक मंत्रालय बना Department of Disinvestment - Ministry 
tongue emoticon ये बताता रहता है की भारत सरकार कहाँ कहाँ से अपनी हिस्सेदारी कम करे ! और Public sector बेचती जाए !

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मित्रो आज 10 ग्राम सोने की कीमत 27000 रु है 
हम 30 हजार मान के चलते है !
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10 ग्राम सोना 30 हजार का,

100 ग्राम सोना 3 लाख का ,

और 1 किलो सोना 30 लाख का, 

10 किलो सोना 3 करोड़ का,

100 किलो सोना 30 करोड़ का, 

1000 किलो सोना 300 करोड़ का, 

10,000 किलो सोना 3000 करोड़ का 

1,00,000 (एक लाख ) किलो सोना 30000 करोड़ का 

1,000,000( 10 लाख) किलो सोना 300000 (तीन लाख ) करोड़ का !
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तो मित्रो 10 लाख किलो सोने की कीमत होगी 300000 (तीन लाख ) करोड़ !

तो 20 लाख किलो सोने की कीमत 600000 (छ लाख ) करोड़ !

तो 40 लाख किलो सोने की कीमत होंगी 1200000( 12 लाख करोड़ )! 

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देश की जनता ने अपने खून पसीने की कमाई से 2015-16 के बजट मे केंद्र की मोदी सरकार को 1141575 ( 11 लाख 41 हजार 575 ) का ( लगभग 12 लाख करोड़ ) का tax दिया है !!

अर्थात जितना tax भारत की जनता ने इस बजट मे सरकार को दिया है मोदी सरकार इससे 40 लाख किलो सोना खरीद सकती है ! फिर भी प्रधानमंत्री साहब कटोरा लेकर चीन ,जापान अमेरिका भाग रहे है विदेशी पूंजी के लालच मे ?? 

क्योंकि अपनी पूंजी व्यवस्था चलाने मे लगा दी ! कर्जे का व्याज भरने मे लगा दी !!
फिर भी पेट नहीं भरा तो service tax और बढ़ा दिया ! रेल बजट मे माल भाड़ा बढ़ा दिया !
80 % माल रेल से आता है सब महंगा !! राजस्थान मे तो कई जिलों मे पानी रेल से आता है सोचिए उन लोगो पर क्या बीतेगी ??
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मित्रो क्या आपने कभी ये खबर सुनी या पढ़ी?? की ये नेता भूख से मर गया ?? 

एक बात याद रखना मित्रो आजतक कोई भी नेता इस देश मे भूख से नहीं मरा है 
भूख से इस देश का किसान ,जवान और आम आदमी ही मरता है !
नेता कभी भूख से नहीं मरा !

अगर ये नेता संकल्प ले ले की जब तक देश की आर्थिक हालत सुधार नहीं जाती तब 
तक 3-4 साल पगार नहीं लेंगे तो क्या आफत आ जाएगी ?? वैसे भी तो ये लोग बोलते है 
राजनीति सेवा है ! तो सेवा का पैसा कैसा ?

सरकारी कर्मचारी पहले से ही इतनी इतनी पगार पाते है और सरकार साल मे दो बार महंगाई भत्ता क्यों बढ़ा देती है ??

क्या महंगाई सिर्फ 3 साढ़े 3 करोड़ सरकारी कर्मचारियो के लिए ही बढ़ती है ??
120 करोड़ जनता से tax वसूल कर मात्र 2 से 3 करोड़ लोगो के लिए साल मे दो 
बार महंगाई भत्ते बढ़ाना कौन सी समझदारी है ???

अगर इन सब फालतू खर्चो को कुछ वर्ष के लिए बंद कर दिया जाए ऐसा करने से इतना भला देश का हो जाएगा आप कल्पना नहीं कर सकते ! बचा हुए पैसे से हम रक्षा बजट बढ़ाएँगे ,किसानो पर लगाएंगे कृषि पर लगाएंगे ,सिंचाई पर लगाएंगे ! पगारे सिर्फ सीमा पर लड़ने वाले सैनिको की ही बढ़ाई जाएँ ! जिसके सर पर हर समय मौत तांडव कर रही है और वो आपके लिए सीमा पर खड़ा है !

गौ ह्त्या को रोक कर किसानो को गाय के गोबर गौ मूत्र से खेती करना सिखाया जाए !
जिससे 70 हजार करोड़ सबसिडी का बचे ! और 5 लाख करोड़ किसानो का बचे जो ये जहर खेतों मे डाल रहे है ! और लाखो करोड़ दवाओ का भी बचेगा क्यों की हमको जहर वाली फल सब्जियाँ नहीं खानी पड़ेगी !!

सरकार विदेशो मे जमा 220 लाख करोड़ का काला धन वापिस लाये और उससे 60 लाख करोड़ का कर्ज उतारे कर्ज उतरते ही इस देश का 1 रुपया 1 डालर बराबर हो जाएगा !!
क्योंकि जब जब आप world BANk,IMF से कर्ज मांगने जाते है आपको अपनी रुपए की 
कीमत डालर की तुलना मे कम करनी पड़ती है ! और कितनी गिरानी पड़ेगी ? इसका कोई फार्मूला नहीं है World bank,IMF जितना बोलता है उतना सरकार गिरा लेती है !

1947 को देश आजाद हुआ 1 रुपया 1 डालर बराबर था ! 1952 मे पहला बजट नेहरू ने कर्ज लिया और एक डालर 7 रूपये का हो गया और फिर ये सिलसिला चलता रहा और आज 1 डालर 60 रूपये का हो गया है ! कर्जा बढ़ता गया तो रुपया गिरता जाएगा !!

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और अंत मे सबसे महत्वपूर्ण बात !

मान लीजिये किसी कैलकुलेटर मे किसी ने कुछ गरबड़ी कर दी !
और उस कलकुलेटर मे 2 और 2 जोड़ने पर 5 आ रहा है !

अब उस कलकुलेटर को आप नेहरू के हाथ मे दीजिये तो भी 2 और 2 जोड़ने पर परिणाम 5 आएगा !मनमोहन के हाथ मे दीजिये तो भी परिणाम 5 आएगा और मोदी के हाथ मे दीजिये तो भी परिणाम 5 ही आने वाला है ! केजरीवाल के हाथ मे दे दीजिए तब भी 2 और 2 पाँच ही आने वाला है !

अर्थात कलूलेटर कोई भी चलाये परिणाम एक जैसा ही आने वाला है क्योंकि समस्या कलकुलेटर चलाने वाले मे नहीं बल्कि कलकुलेटर मे ही है ! इसलिए जबतक कलकुलेटर नहीं बदला जाएगा परिणाम वही रहेगा !

67 साल से हम देश मे कलकुलेटर चलाने वाले को बदल रहे है कलकुलेटर नहीं बदल रहे !
67 साल से हम इस देश मे ड्राईवर बदलते है आ रहे है लेकिन गाड़ी नहीं बदल रहे !!
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ये सारी व्यवस्था नीतियाँ और 34735 कानून अंग्रेज़ो ने भारत की लूट करने के लिए लोगो के साथ अन्याय करने के लिए ,शोषण करने के लिए बनाए थे ,अब व्यवस्था मे आप नेहरू को बैठा दो ,मनमोहन सिंह को बैठा दो ,या मोदी को या केजरीवाल को ! बिना व्यवस्था बदले देश की किसी समस्या का समाधान नहीं होने वाला !

दस महाविद्याएं, संकट का तुरंत करें समाधान

दस महाविद्याएं, संकट का तुरंत करें समाधान 
दिव्योर्वताम सः मनस्विता: संकलनाम ।
त्रयी शक्ति ते त्रिपुरे घोरा छिन्न्मस्तिके च।।

देवी, अप्सरा, यक्षिणी, डाकिनी, शाकिनी और पिशाचिनी आदि में सबसे सात्विक और धर्म का मार्ग है 'देवी' की पूजा, साधना और प्रार्थना करना। कैलाश पर्वत के ध्यानी की अर्धांगिनी सती ने दूसरा जन्म पार्वती के रूप में लिया था। इनके दो पुत्र हैं गणेश और कार्तिकेय। मां पार्वती अपने पूर्व जन्म में सती थीं। नौ दुर्गा भी पार्वती का ही रूप हैं। इस माता सती और पार्वती की पूजा-साधना करना सनातन धर्म का मार्ग है बाकि की पूजा आराधना सनातन धर्म का हिस्सा नहीं है।

शास्त्रों अनुसार इन दस महाविद्या में से किसी एक की नित्य पूजा अर्चना करने से लंबे समय से चली आ रही ‍बीमार, भूत-प्रेत, अकारण ही मानहानी, बुरी घटनाएं, गृहकलह, शनि का बुरा प्रभाव, बेरोजगारी, तनाव आदि सभी तरह के संकट तत्काल ही समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति परम सुख और शांति पाता है। इन माताओं की साधना कल्प वृक्ष के समान शीघ्र फलदायक और सभी कामनाओं को पूर्ण करने में सहायक मानी गई है।

उत्पत्ति कथा : पुराणों अनुसार जब भगवान शिव की पत्नी सती ने दक्ष के यज्ञ में जाना चाहा तब शिवजी ने वहां जाने से मना किया। इस इनकार पर माता ने क्रोधवश पहले काली शक्ति प्रकट की फिर दसों दिशाओं में दस शक्तियां प्रकट कर अपनी शक्ति की झलक दिखला दी। इस अति भयंकरकारी दृश्य को देखकर शिवजी घबरा गए। क्रोध में सती ने शिव को अपना फैसला सुना दिया, 'मैं दक्ष यज्ञ में जाऊंगी ही। या तो उसमें अपना हिस्सा लूंगी या उसका विध्वंस कर दूंगी।'

हारकर शिवजी सती के सामने आ खड़े हुए। उन्होंने सती से पूछा- 'कौन हैं ये?' सती ने बताया,‘ये मेरे दस रूप हैं। आपके सामने खड़ी कृष्ण रंग की काली हैं, आपके ऊपर नीले रंग की तारा हैं। पश्चिम में छिन्नमस्ता, बाएं भुवनेश्वरी, पीठ के पीछे बगलामुखी, पूर्व-दक्षिण में धूमावती, दक्षिण-पश्चिम में त्रिपुर सुंदरी, पश्चिम-उत्तर में मातंगी तथा उत्तर-पूर्व में षोड़शी हैं और मैं खुद भैरवी रूप में अभयदान देने के लिए आपके सामने खड़ी हूं।' यही दस महाविद्या अर्थात् दस शक्ति है। बाद में मां ने अपनी इन्हीं शक्तियां का उपयोग दैत्यों और राक्षसों का वध करने के लिए किया था।

नौ दुर्गा : 1.शैलपुत्री, 2.ब्रह्मचारिणी, 3.चंद्रघंटा, 4.कुष्मांडा, 5.स्कंदमाता, 6.कात्यायनी, 7.कालरात्रि, 8.महागौरी और 9.सिद्धिदात्री।

दस महा विद्या : 1.काली, 2.तारा, 3.त्रिपुरसुंदरी, 4.भुवनेश्वरी, 5.छिन्नमस्ता, 6.त्रिपुरभैरवी, 7.धूमावती, 8.बगलामुखी, 9.मातंगी और 10.कमला।

प्रवृति के अनुसार दस महाविद्या के तीन समूह हैं। पहला:- सौम्य कोटि (त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, मातंगी, कमला), दूसरा:- उग्र कोटि (काली, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी), तीसरा:- सौम्य-उग्र कोटि (तारा और त्रिपुर भैरवी)।

दस महाविद्या रू शक्ति एवं साधन आदि ग्रंथों में दस महाविद्याओं का उल्लेख किया गया है जो विभिन्न शक्तियों की दाता हैं। व्यक्ति आवष्यकतानुसार शक्ति प्राप्त करने हेतु उस महाविद्या के मूल मंत्र द्वारा महाविद्या की साधना कर सकता है और अभीष्ट फल प्राप्त कर सकता है। विभिन्न महाविद्याओं की शक्तियां एवं मूल मंत्र निम्नलिखित हैं- देवी महाकाली महाविद्या देवी काली काम रुपिणी है।

महाकाली साधना के माध्यम से व्यक्ति शत्रुओं को निस्तेज एवं परास्त करने में सक्षम हो जाता है, चाहे वह शत्रु आंतरिक हों या बाहरी। इस साधना के द्वारा साधक उन पर विजय प्राप्त कर लेता है, क्योंकि महाकाली ही मात्र वह शक्ति स्वरूप है, जो शत्रुओं का संहार कर अपने भक्तों को रक्षा कवच प्रदान करती है। इनकी साधना को बीमारी नाश, दुष्ट आत्मा व दुष्ट ग्रह से बचने के लिए, अकाल मृत्यु के भय से बचने के लिए, वाक सिद्धि के लिए तथा कवित्व के लिए किया जाता है।
मंत्र-ऊँ क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं स्वाहाः 

देवी तारा महाविद्या तारा को तारिणी भी कहा गया है। भगवती तारा नित्य अपने साधक को स्वर्णाभूषणों का उपहार देती है। तारा महाविद्या दस महाविद्याओं में एक श्रेष्ठ महाविद्या है। तारा साधना को प्राप्त करने के बाद साधक को जहां आकस्मिक धन प्राप्ति के योग बनने लगते हैं, वहीं उसके अंदर ज्ञान के बीज का भी प्रस्फुटन होने लगता है। इनकी साधना से वाक सिद्धि तो अतिशीघ्र प्राप्त होती है साथ ही साथ तीव्र बुद्धि रचनात्मकता, डाॅक्टर, इंजीनियर, काव्य संबंधीं गुणों का उन्मेष होता है।
तारा शत्रु को जड़ से खत्म कर देती है। 
मंत्र-ऊँ ह्रीं स्रीं हुं फट 
षोडशी त्रिपुर सुंदरी महाविद्या जिस काम में देवता का चयन करने में कोई दिक्कत हो तो देवी त्रिपुर सुंदरी की उपासना कर सकते हैं। यह भोग और मोक्ष दोनों ही साथ-साथ प्रदान करती है। त्रिपुर सुंदरी साधना मन, बुद्धि और चित्त को नियंत्रित करती है, जिससे वह शक्ति जाग्रत होती है।

भू, भुवः, स्वः ये तीनों लोक इसी महाशक्ति से उद्भूत हुए हैं, इसीलिए इसे त्रिपुर सुंदरी कहा जाता है। गृहस्थ सुख, अनुकूल विवाह एवं पौरुष प्राप्ति हेतु इस साधना का विशेष महत्व है। मनोवांछित कार्य-सिद्धि के लिए भी यह साधना उपयुक्त है। मंत्र-ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमःः 
देवी भुवनेश्वरी महाविद्या भुवन अर्थात् इस संसार की स्वामिनी भुवनेश्वरी, जो ‘ह्रीं’ बीज मंत्र धारिणी हैं। वे भुवनेश्वरी ब्रह्मा की भी अधिष्ठात्री देवी हैं।

महाविद्याओं में प्रमुख भुवनेश्वरी ज्ञान और शक्ति दोनों की समन्वित देवी मानी जाती है। जो भुवनेश्वरी सिद्धि प्राप्त करता है, उस साधक का आज्ञा चक्र जाग्रत होकर ज्ञान-शक्ति, चेतना-शक्ति, स्मरण-शक्ति अत्यंत विकसित हो जाती है। भुवनेश्वरी को जगतद्वात्री अर्थात जगत-सुख प्रदान करने वाली देवी कहा गया है। 
दरिद्रता नाश, कुबेर सिद्धि, रतिप्रीति प्राप्ति के लिए भुवनेश्वरी साधना उŸाम मानी गयी है। इस महाविद्या की आराधना एवं साधना करने वाले व्यक्ति की वाणी में सरस्वती का वास होता है- मंत्र-ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं नमः 

देवी छिन्नमस्ता महाविद्या यह देवी शत्रु का तुरंत नाश करने वाली, वाक सिद्धि देने वाली, रोजगार में सफलता, नौकरी में पदोन्नति के लिए कोर्ट के केस से मुक्ति दिलाने में सक्षम, सरकार को आपके पक्ष में करने वाली, कुंडली-जागरण में सहायक, पति-पत्नी को तुरंत वश में करने वाली चमत्कारी देवी है। शत्रु हावी हांे, बने हुए कार्य बिगड़ जाते हों या किसी प्रकार का आपके ऊपर कोई तंत्र प्रयोग हो, तो यह साधना अत्यंत प्रभावी है।
इस साधना द्वारा कारोबार में सुदृढ़ता प्राप्त होती है, आर्थिक अभाव समाप्त हो जाते हैं, साथ ही व्यक्ति के शरीर का कायाकल्प भी होना प्रारंभ हो जाता है। मंत्र-श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरोचनीयै हूं हूं फट स्वाहाः 

देवी भैरवी महाविद्या जीवन में काम, सौभाग्य और शारीरिक सुख के साथ वशीकरण, आरोग्य सिद्धि के लिए इस देवी की आराधना की जाती है। सुंदर पति या पत्नी की प्राप्ति के लिए, प्रेम विवाह, शीघ्र विवाह, प्रेम में सफलता के लिए भैरवी देवी साधना करनी चाहिए।
माता भैरवी साधना से जहां प्रेत बाधा से मुक्ति प्राप्ति होती है, वही शारीरिक दुर्बलता भी समाप्त होती है, असाध्य और दुष्कर से दुष्कर कार्य भी पूर्ण हो जाते है। मंत्र-ऊँ ह्रीं भैरवी कलौं ह्रीं स्वाहाः 

देवी धूमावती महाविद्या हर प्रकार की दरिद्रता के नाश के लिए, तंत्र-मंत्र के लिए, जादू-टोना, बुरी नजर और भूत-प्रेत आदि समस्त भयों से मुक्ति के लिए, सभी रोगों के लिए, अभय प्राप्ति के लिए, साधना में रक्षा के लिए, जीवन में आने वाले हर प्रकार के दुःखों का निदान करने वाली देवी है। आये दिन और नित्य प्रति ही यदि कोई रोग लगा रहता हो या शारीरिक अस्वस्थता निरंतर बनी ही रहती हो, तो वह भी दूर होने लग जाती है। उसकी आखों में प्रबल तेज व्याप्त हो जाता है, जिससे शत्रु अपने आप में ही भयभीत रहते हैं। यदि किसी प्रकार की तंत्र-बाधा या प्रेत बाधा आदि हो, तो इस साधना के प्रभाव से वह भी क्षीण हो जाती है।
मंत्र-ऊँ धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहाः 

देवी बगलामुखी महाविद्या बगलामुखी महाविद्या भगवान विष्णु की संहारक शक्ति है। प्रबल से प्रबल शत्रु को निस्तेज करने एवं सर्व कष्ट बाधा निवारण के लिए इससे अधिक उपयुक्त कोई साधना नहीं है। इसके प्रभाव से रुका धन पुनः प्राप्त हो जाता है। भगवती अपने साधकों को एक सुरक्षा चक्र प्रदान करती हैं, जो साधक को आजीवन हर खतरे से बचाता रहता है। वाक-्शक्ति से तुरंत परिपूर्ण करने वाली, शत्रु का नाश, कोर्ट कचहरी में विजय, हर प्रकार की प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता के लिए, सरकारी कृपा के लिए मां बगलामुखी की साधना करें। इस विद्या का उपयोग तभी किया जाता है जब और कोई रास्ता न बचा हो---
मंत्र-ऊँ ह्लीं बगलामुखी देव्यै ह्लीं ऊँ नमः दूसरा मंत्र-ऊँ ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचंमुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय हुं फट् स्वाहा।

देवी मातंगी महाविद्या देवी मातंगी महाविद्या घर गृहस्थी में आने वाले सभी विघ्नों को हरने वाली है। जिसकी शादी न हो रही हो, संतान प्राप्ति, पुत्र प्राप्ति के लिए या किसी भी प्रकार की गृहस्थ जीवन की समस्या के दुख हरने के लिए देवी मातंगी की साधना उत्तम है। इनकी कृपा से स्त्रियों का सहयोग सहज ही मिलने लगता है चाहे वह स्त्री किसी भी वर्ग की क्यों न हो। जीवन में सरसता, आनंद, भोग-विलास, प्रेम, सुयोग्य पति-पत्नी प्राप्ति के लिए मातंगी साधना अत्यंत उपयुक्त मानी जाती है।

मंत्र-ऊँ ह्रीं ऐं भगवती मतंगेश्वरी श्रीं स्वाहाः 

देवी कमला महाविद्या इस संसार में जितनी भी सुदंर लड़किया हैं, सुंदर वस्तु, पुष्प आदि हैं, ये सब कमला महाविद्या का ही सौंदर्य है। हर प्रकार की साधना में रिद्धि-सिद्धि दिलाने वाली, अखंड धन धान्य प्राप्ति, ऋण का नाश और महालक्ष्मी जी की कृपा के लिए कमल पर विराजमान देवी कमला की साधना करें। प्रत्येक महाविद्या साधना अपने आप में ही अद्वितीय है। साधक अपने पूर्व जन्म के संस्कारों से प्रेरित होकर या गुरुदेव से निर्देश प्राप्त कर इनमें से कोई भी साधना कर सकते हैं। एक महाविद्या की साधना सफल हो जाने पर ही साधक के लिए सिद्धियों का द्वार खुल जाता है और वह एक-एक करके सभी साधनाओं में सफल होता हुआ पूर्णता की ओर अग्रसर हो जाता है।

मंत्र-ऊँ ह्रीं अष्ट महालक्ष्म्यै नमः। 

नवरात्रों में महाविद्या की उपासना शीघ्र फलदायी है। अतः इन दिनों में इच्छित महाविद्या का सवा लाख मंत्र जप व दशांश का हवन करने से इच्छित फल प्राप्त होता है

हनुमान जयंती पर चन्द्रग्रहण की छाया--मनोकामना पूरी करने के लिए करे उपाय ग्रहण के समय

इस बार हनुमान जयंती पर चन्द्रग्रहण की छाया--मनोकामना पूरी करने के लिए करे उपाय ग्रहण के समय
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4 अप्रैल को हनुमान जयंती है। इसी दिन भारतीय समयानुसार शाम 3.45 से शाम 7.15 बजे तक खग्रास चंद्रग्रहण लगेगा, जो अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग समय पर दिखाई देगा। चन्द्रग्रहण भारत सहित अन्य देशों में भी दिखाई देगा। इस दिन जातक को शनि की ढैय्या व साढ़े साती से बचने के लिए हनुमान जी उपासना करें। मंगल दोष नविारण के लिए भी हनुमत उपासना श्रेष्ठ सिद्ध होगी। अल्प खंडग्रास चंद्रग्रहण तुला राशि में स्वाति नक्षत्र में होगा। ग्रहण का सूतक शाम को 4:21 बजे शुरु होगा।

ग्रहण रात 1:21 शुरु तथा 1:54 पर समाप्त होगा। इसलिए पर्वकाल 33 मिनट होगा। यह ग्रहण वृष, सिंह, धनु, मकर राशि वालों के लिए शुभ तथा मेष, मिथुन, कन्या, कुंभ राशि वालों के लिए मध्यम और कर्क, तुला, वृश्चिक, मीन राशि के जातकों के लिए कष्टप्रद हो सकता है। चन्द्रग्रहण के दिन हनुमान जी का विशेष पदार्थों से अभिषेक लाभकारी होगा। पूजा के लिए सुबह 5:57 से 7:34, अमृत लाभ के लिए दोपहर 12:24 से 3:38 तक का समय शुभ रहेगा।


चन्द्रग्रहण के समय क्या करें?
चन्द्रग्रहण लग रहा है। यह इस साल का पहला दृश्य खग्रास चंद्रग्रहण है। चंद्रग्रहण का कारण विज्ञान यह मानता है कि जब चन्द्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी आ जाती है तो चंग्रहण लगता है।

लेकिन ज्योतिषशास्त्र में इसकी अपनी मान्यता है जो ग्रहण का कारण राहु केतु को मानता है। शास्त्रों में बताया गया है कि ग्रहण का समय सिद्घियां और मनोकामना पूरी करने के लिए बहुत ही उत्तम समय होता है।
इसलिए ग्रहण के समय खाने-पीने या विपरीत लिंग के व्यक्तियों के साथ मौज मस्ती करने की बजाय अपनी मनोकामना पूरी करने में लगाएं तो आपका भला हो सकता है।
स्त्री पुरुष नहीं करें ग्रहण के समय यह काम
शास्त्रों में ग्रहण के समय स्त्री पुरुषों के लिए कई निमय बताए गए हैं। इनमें सबसे पहला नियम यह है कि स्त्री पुरुष को ग्रहण की अवधि में रति क्रिया यानी शारीरिक संबंध और प्रेमालाप से बचना चाहिए। इस दौरान काम वासना को मन से दूर रखकर ईश्वर का ध्यान चिंतन करना शुभ होता है। जो स्त्री पुरुष रति क्रिया करते हैं उन्हें मृत्यु के बाद नर्क की यातना भोगनी पड़ती है।
ग्रहण के दौरान गर्भवती स्त्रियों के संदर्भ में शास्त्रों में काफी नियम बताए गए हैं। शास्त्रों के अनुसार ग्रहण की अवधि में गर्भवती स्त्रियों को घर में ही रहना चाहिए, क्योंकि इसका बुरा प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है।
ग्रहण के समय गर्भवती स्त्री को कैंची, चाकू या किसी धारदार वस्तु से कोई चीज काटने से बचना चाहिए। सिलाई का काम भी इस समय करना ठीक नहीं होता। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे के शरीर पर जन्म से ही कटे और सिले का निशान आ जाता है।
ग्रहण काल में चन्द्र के प्रभावों को शुभ करने के लिये चन्द्र की वस्तुओं का दान किया जाता है –
शुभ प्रभाव प्राप्त करने के लिए निम्न उपाय करे -
—ग्रहण में बालक, वृद्ध और रोगी के लिए कोई नियम शास्त्रों में नहीं बताया गया है ।
—-चिटियों को पिसा हुआ चावल व आट्टा डाले ।
— चन्द्र की दान वस्तुओं में मोती, चांदी, चावल, मिसरी, सफेद कपड़ा,सफेद फूल, शंख, कपूर,श्वेत चंदन, पलाश की लकड़ी, दूध, दही, चावल, घी, चीनी आदि का दान करना शुभ रहेगा ,
—कुंडली के अनुसार चन्द्रमा को मन और माँ का कारक माना गया है जन्म कुंडली में चन्द्रमा जिस भाव में हो उसके अनुसार दान करना चाहिए . चन्द्र वृष राशी में शुभ और वृश्चिक राशी में अशुभ होता है , जब चन्द्र जन्म कुण्डली मे उच्च का या अपने पक्के भाव का हो तब चन्द्र से सम्बन्धित वस्तुऑ का दान नही करना चाहिए, अगर चन्द्र दितीय चतुर्थ भाव मे हो तो चावल चीनी दुध का दान न करे , यदि चन्द्र वृश्चिक राशी में हो तो चन्द्र की शुभता प्राप्त करने के लिए मन्दिर,मस्जिद, गुरुद्धारा, शमशान या आम जनता के लिए प्याउ( पानी की टंकी ) बनवाए या किसी मिटटी के बर्तन में चिड़ियों के लिये पानी रखे .
—-चन्द्र का वैदिक मंत्र :-
चंद्रमा के शुभ प्रभाव प्राप्त करने हेतु चंद्रमा के वैदिक मंत्र का 11000 जप करना चाहिए।.
—–“””ऊँ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः “””या “””ऊँ सों सोमाय नमः “”
—-चन्द्र दोष दूर करने के लिए सोमवार, अमावस्या का दिन बहुत ही शुभ होता है। किंतु चन्द्र दोष से पीडि़त के लिए चन्द्रग्रहण के दौरान चन्द्र उपासना बहुत ही जरूरी होती है। शिव जी की आराधना करें। अपने श्री इष्ट देवताये नम:, का जाप करे….
इस चंद्रग्रहण पर करें यह प्रयोग, बिजनेस में जरुर मिलेगी सफलता—-
यदि आपका बिजनेस ठीक नहीं चल रहा है तो घबराईए बिल्कुल मत क्योंकि 4 अप्रैल, को आने वाला चंद्र ग्रहण इस समस्या से छुटकारा पाने का श्रेष्ठ अवसर है। बिजनेस की सफलता के लिए चंद्रग्रहण के दिन यह प्रयोग करें-
ऐसे करें प्रयोग—–
ग्रहण से पहले नहाकर लाल या सफेद कपड़े पहन लें। इसके बाद ऊन व रेशम से बने आसन को बिछाकर उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। जब ग्रहण काल प्रारंभ हो तब चमेली के तेल का दीपक जला लें। अब दाएं हाथ में रुद्राक्ष की माला लें तथा बाएं हाथ में 5 गोमती चक्र लेकर नीचे लिखे मंत्र का 54 बार जप करें-
—-मन्त्र “”””ऊँ कीली कीली स्वाहा”””
अब इन गोमती चक्रों को एक डिब्बी में डाल दें और फिर क्रमश: 5 हकीक के दाने व 5 मूंगे के दाने लेकर पुन: इस मंत्र का 54 बार उच्चारण करें। अब इन्हें भी एक डिब्बी में डालकर उसके ऊपर सिंदूर भर दें। अब दीपक को बुझाकर उसका तेल भी इस डिब्बी में डाल दें।
इस डिब्बी को बंद करके अपने घर, दुकान या ऑफिस में रखें। आपका बिजनेस चल निकलेगा।
—-इस चंद्रग्रहण पर करें यह उपाय/टोटका, होगा अचानक धन लाभ—-
तंत्र शास्त्र के अनुसार ग्रहण के दौरान किया गया प्रयोग बहुत प्रभावशाली होता है और इसका फल भी जल्दी ही प्राप्त होता है। इस मौके का लाभ उठाकर यदि आप धनवान होना चाहते हैं तो नीचे लिखा उपाय करने से आपकी मनोकामना शीघ्र ही पूरी होगी और आपको अचानक धन लाभ होगा।
ऐसे करें उपाय/टोटका —-
ग्रहण के पूर्व नहाकर साफ पीले रंग के कपड़े पहन लें। ग्रहण काल शुरु होने पर उत्तर दिशा की ओर मुख करके ऊन या कुश के आसन पर बैठ जाएं। अपने सामने पटिए(बाजोट या चौकी) पर एक थाली में केसर का स्वस्तिक या ऊँ बनाकर उस पर महालक्ष्मी यंत्र स्थापित करें। इसके बाद उसके सामने एक दिव्य शंख थाली में स्थापित करें।अब थोड़े से चावल को केसर में रंगकर दिव्य शंख में डालें। घी का दीपक जलाकर नीचे लिखे मंत्र का कमलगट्टे की माला से ग्यारह माला जप करें-
ये हें मंत्र—-
सिद्धि बुद्धि प्रदे देवि मुक्ति मुक्ति प्रदायिनी।
मंत्र पुते सदा देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते।।
मंत्र जप के बाद इस पूरी पूजन सामग्री को किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर दें। इस प्रयोग से कुछ ही दिनों में आपको अचानक धन लाभ होगा।
मनोकामना पूरी करने के लिए क्या करें ग्रहण के समय
1 शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के समय गायों को चारा, पक्षियों को अन्न और जरुरतमंदों को वस्त्र एवं अन्य जरुरी सामान देने से अन्य समय में किए गए दान से कई गुणा अधिक पुण्य प्राप्त होता है। इस दान का वर्तमान जीवन से लेकर अगले जन्म तक शुभ फल मिलता है। यह शुभ फल आपकी आयु, स्वास्थ्य, धन और सुख के रुप में प्राप्त होता है।
2 शास्त्रों में यह बताया गया है कि ग्रहण आरंभ होने से पहले स्नान करके शुद्घ वस्त्र पहनें और ग्रहण की अवधि में जिस मंत्र को सिद्घ करना होगा उसका मन ही मन जप करें। इस समय बोलकर मंत्रों का जप नहीं करना चाहिए।
3 ग्रहण के बाद जिस मंत्र का जप किया है उस मंत्र का जप करते हुए हवन करना चाहिए। इसके बाद किसी जरुरतमंद या ब्रह्मण को भोजन करवाएं।
4 ग्रहण काल में ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करने से ग्रहण का कुप्रभाव दूर होगा।
5 अगर आप कोई रत्न या रुद्राक्ष धारण करना चाह रहे हैं तो ग्रहण के समय इसे भगवान की मूर्ति के सामने रखकर उस रत्न से स्वामी का मंत्र जप करें। ग्रहण समाप्त होने के बाद इस रत्न को धारण करने पर रत्न आपको जल्दी लाभ देने शुरु कर देगा। अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए आप यह उपाय कर सकते हैं।

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