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बुधवार, 17 फ़रवरी 2021

क्या फेसबुक, व्हाट्स ऍप पर हमारी आपसी बातचीत पर भी कोई नज़र रखता है?

काफी सर्च करने के बाद मुझे ये पता चला के सिर्फ फेसबुक या वाट्सअप ही नहीं बल्कि अगर आप इंटरनेट पर किसी भी जानकारी को शेयर कर रहे है तो ऐसा हो ही नहीं सकता के कोई इस पर नज़र न रखे

या तो आपके फ्रेंड्स आपको देखते है, या तो दुश्मन, या तो हैकर, या कोई अजनबी, या कोई रिश्तेदार, और मानलो अगर इन सब से अगर आप बच भी जाते हो तो कंपनीज़ से आपको कौन बचाएगा जिन्हे आपकी हर चीज़ पर नज़र रखने की इजाज़त आप इनके दरवाज़े में दाखिल होने से पहले खुद ही देकर आये है इनकी टर्म्स एंड कंडीशन को एक्सेप्ट करके ..

तो इन सभी बातो से मैंने इतना ही जाना है के ऑनलाइन प्राइवेसी की बात करना ऐसा है जैसे रेगिस्तान में पानी की नाव चलाना..

खैर वैसे तो कम्पनीज हर किसी बातो पर नज़र नहीं रखती वो सिर्फ ऐड दिखाने के लिए ही ज़्यादातर आपकी जानकारी यूज़ करती है मगर आखिर इन कम्पनीज के पास तो आपकी सारी जानकारी होती ही है ना जिन्हे हैक करना कोई ज़्यादा बड़ी बात नहीं है किसी प्रोफेशनल हैकर के लिए !

यूट्यूब पर जो डेस्पेसिटो जैसे गाने के नाम बदले गए,

अभिताभ बच्चन के ट्विटर अकाउंट को हैक करके जो पोस्ट की गयी थी वो सब शायद आप में से कई लोग जानते होंगे

तो जब इतनी बड़ी बड़ी कंपनीज़ भी हैक हो सकती है तो हमारा अकाउंट क्या है

अंत में बस इतना कहना चाहूंगा के इंटरनेट पर उतना ही शेयर करे जितनी ज़रुरत हो और जिससे अगर किसी को वो जानकारी मिल भी जाती है तो उससे आप पर कोई फर्क ना पड़े क्युकी यहाँ सब पर नज़र रखी जाती है यहाँ तक जो में लिख रहा हूँ उस पर भी!

शुक्रिया ....

क्या आप जानते हैं वर्तमान में बैंक फ्रोड का कौनसा तरीका चल रहा है?

डिजीटल पेमेंट के चलते स्वाइप मशीन रखना अनिवार्य हो गया है। पिछले साल आइसीआइसीआइ बैंक से एक एक्सक्यूटिव शॉप पर आया और अपनी स्वाइप मशीन की बडी तारिफ करने लगा। जरूरत थी, सो बैंक की शाखा में जाकर जरुरी विधि करके मशीन ले लिया। हमें कहा गया कि शुरुआत में चार हजार रुपये लगेंगे, फिर साल में एक बार कुछ रकम रेंट चार्जस के रुप में कटेगी। और यह चार हजार भी जब कोई कार्ड स्वाइप होगा तो अपने आप कटेंगे, हमें कैश देने की जरुरत नहीं है।

यहां बेंकवाले ने यह नहीं बताया कि पहली बार चार हजार कटने के बाद कितनी रकम हर साल कटेंगी। और यहीं गलती हो गई।

पिछले अप्रैल में एक साल मशीन लिए हुए पूरा हुआ। तब लॉकडाउन के कारण सारा बिजनेस ठप था। जून के दूसरे सप्ताह में जब ओड इवन के तहत दुकाने खोलने की छूट दी, तो पहले दिन कुछ पंद्रह सौ रुपये का स्वाइप मशीन से पेमेंट हुआ। अब पेमेंट का मैसेज तो आता हैं, पर बैंक के खाते में पैसा जमा नहीं दिखा रहा था। सोचा खाते में आने को कुछ समय लगता होगा। दो दिन बाद जब दूकान खुली तो फिर से पाच सौ का एक कार्ड हुआ। मैसेज आया पर पैसा खाते में जमा नहीं हुआ। सो ग्राहकों को पेमेंट के लिए गूगल पे वगैरह से पेमेंट करने के लिए कहना पडा।

बैंक की शाखा में जाकर इस विषय में पूछा तो जो जवाब मिला, उसे सुनकर तो दिमाग घूम गया।

कर्मचारी ने बताया कि अप्रैल महीने में मशीन का सालाना चार्ज ड्यु करना था। पर आपने नहीं भरा है। तो अब वो सालाना चार्ज प्लस इंटरेस्ट कट रहा है, इसलिए पैसा आपके खाते में जमा नहीं हो रहा है।

आगे जब पूछा कि ठीक है चार्ज कट रहा है पर इतना कितना चार्ज काट रहे हो?

'चार हजार और इंटरेस्ट ' उसने जवाब दिया। मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आया। ' अरे भाई, चार हजार तो शुरूआती चार्ज था न' मैने कहा। वह बोला, ' नो सर, सालाना चार्ज चार हजार ही है। और जब तक यह पूरा नहीं होगा पैसा आपके अकाउंट में नहीं आएगा। '

मैने कहा 'यार ये तो फ्रोड है। आपने एसा नहीं कहा था कि हर साल चार हजार चार्ज लगेगा। '

वो बोला, ' सर ये आपको मशीन लेते समय बताया गया होगा।'

क्या करता? मेरी गलती कि बैंकवालों के एक सामान्य फ्रोड में फंस गया। वहीं खडे खडे मशीन सरंडर करने का फार्म भर के दे दिया। मशीन सरंडर करने के बाद भी मशीन से संलग्न अकाउंट से दो सौ - दो सौ रुपये करके सोलह सौ रुपये काट लिए है। जब पुनः बैंक वालों को पूछा तो कहते है कि इनक्वायरी करके बताएंगे।

आखिर संलग्न खाते से सारा पैसा दूसरे खाते में ट्रांसफ़र कर दिया है। अब बैंक वाला प्रतिदिन फोन करके ब्रांच में बुलाता हैं। पर मै नहीं जाता।

बस, किसी दिन दूकान पर आए, इतनी देर।

पढने के लिए धन्यवाद।

व्हाट्सअप (Whatsapp) स्टेटस को कैसे अपने मोबाइल में सेव कर सकते है?

इसके दो तरीके है ,

1 ) अगर वो स्टेटस कोई फोटो है तो आप स्क्रीनशॉट बटन को दबाकर अप्प उसे अपने फ़ोन मै सेव कर सकते है .स्क्रीनशॉट लेते ही वो आपके फ़ोन मै सेव हो जायेगा |

2 ) अगर स्टेटस कोई वीडियो है तो आप जैसे ही उसे देखने के लिए क्लिक करते है तो जब उसका प्रीव्यू हो जाता है ( जब आप उसे देख रहे होते है ) उसी समय वो आपके फ़ोन के स्टोरेज डायरेक्टरी मै सेव हो जाती है |

वो डायरेक्टरी ऐसा है , सबसे पहले आप अपने स्टरगे ओपन करे , Whatsapp- Media-Statuses.

स्टैटूसेस - इस फोल्डर मै सारी स्टेटस सेव होंगे |

आपके सन्दर्भ के लिए मै स्क्रीनशॉट जोड़ कर रहत हु |

स्क्रीनशॉट स्रोत : मेरा मोबाइल .

कंप्यूटर हैक दैनिक उपयोग के लिए


 

यहाँ कुछ हैक्स का उपयोग मैं अपने कंप्यूटर ज्ञान में कर रहा हूँ।

एक नया टैब खोलने के लिए Ctrl + T

जब भी आप कंप्यूटर पर बहुत काम करते हैं और आपका संदेश आपका मुख्य टोर है, तो बार-बार एक नया टैब खोलने की आवश्यकता है। माउस के साथ एक नया टैब खोलने के बजाय, आप Ctrl + T का उपयोग कर सकते हैं।

किसी भी सॉफ्टवेयर और ऐप समस्या विशेषज्ञ से पूछने से पहले Google से जांच लें।

अधिकांश आईटी समस्याएं आसान मुद्दा होता है , जिन्हें कुछ स्टेप का पालन करके आसानी से हल किया जा सकता है। हालांकि, ज्यादातर लोग घबरा जाते हैं जब कुछ भी गलत हो जाता है तो एक मिलेजुले पीसी विशेषज्ञ के पास चले जाते हैं । आप Google बार में अपना मुद्दा टाइप कर सकते हैं और पढ़ सकते हैं कि आपको Microsoft या विभिन्न प्रौद्योगिकी मंचों पर क्या दिखाना है। आपको शायद वहां एक समाधान मिल जाएगा और एक विशेषज्ञ पर पैसा खर्च करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।

एयरप्लेन मोड (हवाई जहाज मोड) में, लैपटॉप की बैटरी तेजी से चार्ज होती है।

जब आपका लैपटॉप हवाई जहाज मोड पर होता है, तो इसका मतलब है कि आपके वाई-फाई और ब्लूटूथ जैसी कई सुविधाएँ अक्षम हैं। यह सब आपकी बैटरी पर कुछ दबाव को कम करता है और अधिक तेजी से चार्ज करने की अनुमति देता है।

किसी भी Google चित्र को Alt दबाकर और माउस पर बायाँ-क्लिक करके डाउनलोड करिये ।

अधिकांश लोग तस्वीरों को क्लिक करते हैं और "सेव" विकल्प का चयन करते हैं, लेकिन आपके कंप्यूटर पर फ़ोटो डाउनलोड करने का एक बहुत आसान और सरल तरीका है। आप बस "ऑल्ट" को पुश कर सकते हैं और फिर एक छवि पर बाएं-क्लिक कर सकते हैं और यह आपके कंप्यूटर पर आपके डाउनलोड फोल्डर में सेव हो जाएगा।

अपना आईपी एड्रेस छिपाएं यदि कोई नहीं जानता कि आप क्या कर रहे हैं

ऐसे कई तरीके हैं जो आपके आईपी पते को छिपाने के लिए आपके दो अदृश्य बना सकते हैं। सबसे पहले, आपको अपने इंटरनेट उपयोगकर्ता पर एक अच्छा वीपीएन स्थापित करने की आवश्यकता है ताकि यह आपके वास्तविक स्थान को बदल दे।

यदि आपने रीसायकल बिन को खाली कर दिया है तो आप अभी भी हटाई गई फ़ाइलों को पुनर्प्राप्त कर सकते हैं।

फ़ाइलों को हटाना और बिन को फिर से खाली करना बहुत निराशाजनक साबित हो सकता है, जैसा कि आपको बाद में पता चल सकता है कि स्टैक में एक फ़ाइल थी जिसकी आपको वास्तव में ज़रूरत थी। अब आप क्या कर सकते हैं? हटाए गए फ़ाइलें पुनर्प्राप्त, फ्री! डाउनलोड करें, जो स्थायी रूप से हटाई गई फ़ाइलों को नियंत्रित करने के लिए सबसे अच्छा प्रोग्राम है। आप बस यह चुनिए कि आप किस प्रकार की फ़ाइल खोज रहे हैं और प्रोग्राम आपके लिए सब कुछ खोजता है। यदि आपको किसी फ़ाइल को खोजने में काफी समय लग गया है, तो यह संभावना है कि प्रोग्राम इसे खोजने में सक्षम नहीं होगा।

ट्रोजन हॉर्स क्या है?

अगर आपने ट्रॉय मूवी देखी होगी या होमर की ओडिसी पढ़ी होगी; तो आपको याद होगा ग्रीक सैनिक १० वर्ष तक लड़ने के बाद भी जब सीधी लड़ाई के द्वारा ट्रॉय को हरा नहीं पाते तो वे एक चाल चलते हैं, कुछ सैनिक एक लकड़ी के घोड़े के अंदर छिप जाते हैं और शेष सेना गायब हो जाती है, ट्रॉय के लोग इस घोड़े को अपनी जीत पर देवताओं द्वारा दिया गया उपहार समझते हैं और उसे शहर के अंदर ले आते हैं | रात को जब सब लोग सो रहे होते हैं ग्रीक सैनिक घोड़े के अंदर से निकलते हैं और किले का दरवाजा खोल देते हैं, शहर के बाहर छिपे सैनिक अंदर घुस आते हैं और ट्रॉय को जीत लेते हैं |ट्रोजन हॉर्स शब्द का प्रयोग तभी से शुरू हुआ |

डोमिनीको तिपोलो द्वारा १७७३ में बनाया गया

कम्प्यूटर सुरक्षा के सन्दर्भ में ट्रोजन हॉर्स उन हानिकारक प्रोग्राम्स को कहा जाता है जो दिखने में एक सामान्य प्रोग्राम के जैसे होते हैं पर एक बार किसी सिस्टम के अंदर प्रवेश करने पर उसके डाटा को मिटा सकते हैं या दूसरे हानिकारक प्रोग्राम्स के लिए रास्ता खोल देते हैं | अक्सर यह ई-मेल अटैचमेंट के माध्यम से या वेबसाइट पर दिखने वाले नकली विज्ञापनों से किसी सिस्टम में प्रवेश करते हैं | एंड्राइड ऑपरेटेड उपकरणों में ट्रोजन प्रोग्राम यूटिलिटी एप्लीकेशन के माध्यम से प्रवेश करते हैं , हाल ही में गूगल के प्ले स्टोर में २४ एप्प्स की पहचान की गई है जिनमें ट्रोजन अटैक हुआ है।

एंटी वायरस सॉफ्टवेयर के द्वारा ट्रोजन को कंप्यूटर से हटाया जा सकता है | इसके लिए नियमित रूप से एंटी वायरस सॉफ्टवेयर को अपडेट करते रहें |

साइबर क्राइम से बचने का तरीका


 

दुनिया में साइबर अपराध के मामलों में भारत का स्थान तीसरा है। पिछले पांच महीने में पिछले साल के मुकाबले 10 प्रतिशत साइबर अपराधों में बढ़ोतरी हुई है। सिक्योरिटी फर्म बाराकुडा नेटवर्क के अनुसार एक मार्च से 23 मार्च के बीच 4,67,825 पिशिंग ई-मेल भेजे गए जिनमें 9,116 कोरोना से संबंधित हैं। कोरोना वायरस से संबंधित ई-मेल भेजकर लोगों की निजी जानकारी चोरी की जा रही है और उनके सिस्टम में मैलवेयर इंस्टॉल करवाया जा रहा है।

स्कैम ई-मेल के जरिए लोगों को फ्री मास्क, फ्री सैनिटाइजर देने के दावे वाले ई-मेल भेजे जाते हैं। वास्तव में ये कंपनियां फर्जी होती हैं। इसके अलावा लोगों से फर्जी डोनेशन भी मांगे जाते हैं। वहीं चैरिटी वाले ई-मेल भी आते हैं। सायबर क्राइम में सबसे बड़ी कठिनाई है कि इसमें पीड़ित, शरारतकर्ता, लाभार्थी और इण्टरमीडियरीज अलग-अलग स्थानों पर होते हैं। किसी विवेचक को उन तक पहुंचना बहुत कठिन होता है। इसके लिए एक कॉमन सिस्टम बनाने की जरूरत है|

साइबर क्राइम से बचने का तरीका क्या है?

-अपने जीमेल और सोशल मीडिया अकाउंट्स में टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑन रखें|

-किसी भी ऐसे ई-मेल में दिए गए अटैचमेंट पर क्लिक ना करें जो अंजान ई-मेल आईडी से आया हो|

-किसी भी ई-मेल के साथ आए लिंक को ओपन ना करें और मीडिया फाइल को भी डाउनलोड ना करें।

-ऐसे ई-मेल को ब्लॉक करें, फ्लैग करें या फिर स्पैम मार्क कर दें।

-मज़बूत वाई-फाई नेटवर्क जैसे WPA2, WPA3 इस्तेमाल करें|

-जब जरूरत न हो तो ब्लूटूथ और वाईफाई बंद कर दें|

-एप्लिकेशन और सॉफ्टवेयर का अपडेटेड वर्ज़न का इस्तेमाल करें|

-एंटी वायरस का इस्तेमाल करें|

-किसी भी चीज़ पर क्लिक, फॉर्वरड और डाउनलोड करने से पहले पूरा ध्यान दें|

-किसी एप या प्लेटफॉर्म के टर्म्स ऑफ़ यूज़ को ध्यान से पढ़ें|

-बिज़नेस ओनर वर्क फ्रॉम होम पॉलिसी तैयार करें|

-डाटा का बैकअप लगातार बनाते रहें|

-वीपीएन का इस्तेमाल करें|

-डेटा लॉस प्रिवेंशन का इस्तेमाल करें|

-दूर से किसी समस्या की स्थिति को हल करने की तैयारी रखें|

-सिक्योरिटी का समय-समय पर ऑडिट करते रहें|

-डिजिटल सिग्नेचर के जरिए ऑनलाइन कॉन्ट्रैक्ट के डेटा को सेफ़ रखा जा सकता है. कानून से इसे मान्यता प्राप्त है. इसका इस्तेमाल करें|

मंगलवार, 16 फ़रवरी 2021

बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं


*संत और बसंत में*, 
     *एक ही समानता है*
*जब बसंत आता है* ,
    *तो प्रकृति सुधर जाती है* ,
*और संत आते है* ,
   *तो संस्कृति सुधर जाती है*                  
 
दुख की चिन्ता छोड़िये , ख़ुशियाँ भरी अनन्त ।
गीत बसन्त के गाइये , जीवन एक बसन्त । 

आप सभी को " बसन्त पंचमी " की हार्दिक शुभकामनाए

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता !
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना !!
 
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता !
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा !! १ !!
 
जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की है और जो श्वेत वस्त्र धारण करती है, जिनके हाथ में वीणा ~ दण्ड शोभायमान है, जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा विष्णु एवं शंकर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं, वही संपूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली सरस्वती हमारी रक्षा करें !! १ !!

शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं !
वीणा - पुस्तक - धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌ !!

हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌ !
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌ !! २ !!
 
शुक्लवर्ण वाली, संपूर्ण चराचर जगत्‌ में व्याप्त, आदिशक्ति, परब्रह्म के विषय में किए गए विचार एवं चिंतन के सार रूप परम उत्कर्ष को धारण करने वाली, सभी भयों से भयदान देने वाली, अज्ञान के अंधेरे को मिटाने वाली, हाथों में वीणा, पुस्तक और स्फटिक की माला धारण करने वाली और पद्मासन पर विराजमान्‌ बुद्धि प्रदान करने वाली, सर्वोच्च ऐश्वर्य से अलंकृत, भगवती शारदा ( सरस्वती देवी ) की मैं वंदना करता हूँ !! २ !!

❛❛ समस्त राष्ट्रवासियों, प्रदेशवासियों एव मेरे समस्त सुधीजनो को बसंत पंचमी के महापर्व एवं सरस्वती पूजन की हार्दिक शुभकामनाएँ एव अनेकानेक बधाईयाँ ! ❜❜
❛❛ यह बसंत आप सभी के जीवन में सुख ~ समृद्धि एवं धन वैभव की वर्षा करे ••• !!! ❜❜ ✍

#शुभ_बसंत_पंचमी_महापर्व !
#शुभ_सरस्वती_पूजन_महोत्सव !

रविवार, 31 जनवरी 2021

कल रात से हल्ला मच गया कि टिकैत ने बाजी पलट दी, जाट consolidate हो गया, खेल पलट गया


कल रात से हल्ला मच गया कि टिकैत ने बाजी पलट दी, जाट consolidate हो गया, खेल पलट गया।

भाई सच मे?? क्या ये पहली बार हुआ है? ऐसे खेल पिछले 6 साल में कई बार हुए, 2-4 दिन का उफान हुआ और फिर झाग बैठ गया। 

2015- Hardik Patel आया, गुजरात की स्ट्रांग पटेल कम्युनिटी का मसीहा बन कर। खबर आई कि अब पटेल हमेशा के लिये छिटक जाएंगे। लेकिन हुआ क्या??

लंगोट और समझ का ढीला था। आज कहां है,किसी को नही पता।

2016- Kanhaiya Kumar - छात्रों,मजदूरों, दबे कुचलो का मसीहा और इनके वोट को को consolidate करने वाला । हर छोटे बड़े मंच पर जगह मिली, चुनाव का टिकट भी मिला, लेकिन अब कहाँ है??

2017- Jignesh Mewani - दलितों का राजा, जिसको प्रोजेक्ट करने के लिए गुजरात मे बाकायदा दंगे करवाये गए, दलितों पर अत्याचार की प्लांटेड खबरें चलाई गई। ऐसा बताया गया कि दलित को consolidate हो गए हैं, हमेशा के लिए छिटक जाएंगे। क्या हुआ???

2018- Shehla Rashid - छात्र और मुसलमानों की नेता। JNU में बवाल किया, खुद की पार्टी भी बनाई। आज आपने घरवालों से ही केस लड़ रही है।

2019- Shah Faesal - देश मे पहली रैंक पर आया। फिर भड़काऊ पोस्ट्स और स्टेटमेंट्स दे कर कश्मीर में मुसलमानों को consolidate किया। झक मार कर नौकरी फिर से जॉइन की, आज Covid वैक्सीन की तारीफ में पोस्ट करता है, और जिहादियों से गाली खाता है। क्या हुआ?

इसके अलावा हर 6 महीने में एक नया नेता उभरता है, जिसे विपक्षी मसीहा प्रोजेक्ट करते हैं। भीमा कोरेगांव के बाद हो, चाहे नोटबन्दी के समय के छुटभैय्ये नेता हों, भीम आर्मी का रावण हो, डॉक्टर कफील हो, वरावरा राव हो, केजरीवाल हो, उद्धव ठाकरे हो, देवेगौड़ा का पूत हो, या सोनिया गांधी का कपूत हो.....हर 6 महीने में एक नई मिसाइल लांच होती है.....लेकिन takeoff से पहले ही फुसस हो जाती है।

2021- Rakesh Tikait - अब आते हैं इन साहब पर। हल्ला हो रहा है कि जाट consolidate हो रहा है। भाई कितना हो रहा है? कितने लोग आ गए.....10 हजार, 20 हजार, 50 हजार? ?

इससे ज्यादा तो सिंघू बॉर्डर पर थे, 2 महीने से....क्या हासिल हुआ?

दरअसल नेता वो होता है जिसका जनाधार हो, जो पलटी ना मारे, जिसका सार्वजनिक जीवन और चरित्र साफ हो। टिकैत परिवार तो पैसा लेकर आंदोलन करने के लिए कुख्यात रहा है....आपको लगता है ये लंबा खेल पायेगा? लीगल एक्शन चालू है, एजेंसियां लगी हुई है.....सबूत और फंडिंग सब बाहर आएंगे.....और फिर ये भी भागेगा। जैसे इनके पिताजी भागे थे दिल्ली बोट क्लब से।

तब तक कर लो गुंडई.....लेकिन जनता भी देख रही है। महापंचायत टिकैत के लिए हो रही है, तो वहीं रास्ते खुलवाने के लिए भी हो रही है। हर consolidation का counter consolidation भी होता है....ये नही भूलना चाहिए.....ये राजनीति का पहला नियम है

मै एक नौकरीपेशा हूं कोई सबसिडी नही लेता, हर साल टैक्स भरता हूँ, समाज सेवा, राष्ट्र सेवा करता हूं !


जब दो दो कौड़ी के आदमी देश के प्रधानमंत्री को गालियां देते हैं,
उनकी कब्र खोदने के नारे लगा सकते हैं ,
 गांव से महिलाओं को ट्रैक्टर में बिठाकर दिल्ली  बार्डर पर मोदी को गालियां दिलवा सकते हैं,
तो हम अपने विचार रखने में क्यों हिचकें।देश मेरा भी है।
जिन के कारण और जिनको घोर कष्ट हो रहा है ,वो सब भी हमारे आत्मीयजन हैं।

सरकारें  आती जाती रहती हैं ।
एक महिने से सुन सुन कर कान पक गए, किसान,
किसान,
किसान,
देश का अन्नदाता है, 
पालनहार है।
किसान खेती नहीं करेगा तो देश भूखा मर जायेगा।
हां है,बिल्कुल है अन्नदाता ....
पर  ऐसे तो जो भी जो व्यक्ति कार्य करता है उसकी अबश्यकता होती है, डॉक्टर डाक्टरी ना करे, मास्टर मास्टरी ना करे, टेलर कपड़े ना सिले, सिपाही रक्षा ना करे......... अनगिनत कार्य है ।
कोई मुझे ईमानदारी से बतायेगा कि यदि किसान खेती नहीं करेगा तो किसान का परिवार बचेगा?
उसके परिवार का लालन पालन हो जायेगा?
उसके बच्चों की फीस कपड़े दवाई सब कहां  से आयेगा ? कपड़े कहाँ से लाएगा, अन्य आवश्यकता की वस्तुएँ कहाँ से लाएगा, 
मानते हैं वो कड़ी मेहनत करके अन्न उगाता है तो क्या मुफ्त में बांटता है?
बदले में उसका मूल्य नहीं लेता क्या?
फिर वह दुनिया का पालनहार कैसे माना जाये?
दुनिया का हर व्यक्ति रोजगार करके चार पैसे कमा कर अपना परिवार पालता है।और प्रत्येक कार्य का अपनी जगह अपना महत्व है ..।
तो किसान का रोजगार है खेती करना। सच्चाई तो ये है उन्हे खेती के अलावा और कुछ आता ही नहीं,
और जिन्होंने कुछ सीख लिया कुछ अच्छा  कमा लिया उन्होंने खेती करनी ही छोड़ दी।कोई आढत की दुकानदारी करता है,
तो कोई प्रोपर्टी का धन्धा करता है,
तो कोई हीरो होन्डा आदि की ऐजेन्सी लिये बैठा है,
तो कोई रोड़ी बदरपुर सीमेंट ही बेच रहा है।
और नहीं तो मुर्गा फार्म खोले बैठा है यानि सबसीडी के चक्कर में जोहड़ में मछली ही पाल रहा है।
उन्हें क्या किसान कहेंगे? 
36 प्रकार की सबसिडी किसानों को मिल रही है,
6000 वार्षिक खाते में में आ रहे हैं,
माता पिता पैन्शन ले रहे हैं,
आये गये साल कर्जे माफ करा लेते हैं,
फिर कहते हैं मोदी तेरी कब्र खुदेगी।
किसी रिक्शा वाले की,
किसी ऑटो वाले की,
किसी नाई की,
किसी दर्जी की,
किसी लुहार की,
किसी साइकिल पेन्चर लगाने वाले की,
किसी रेहड़ी वाले की,
ऐसे न जाने कितने छोटे रोजगारों की कोई सबसिडी आई है आज तक?
किसी का कर्जा माफ हुआ है आज तक? क्या ये लोग इस देश के वासी नही हैं?
कल को ये भी आन्दोलन करके कहेंगे देश के पालनहार हम ही हैं।
रही बात MSP की 😀😀 कल हलवाई कहेंगे
सरकार हमारे समोसे की एम एस पी 50 रुपये निश्चित करो।
चाहे उसमें सड़े हुए आलु भरें।
हमारे सब बिकने चाहियें।
नहीं बिके तो सरकार खरीदे,
चाहे सूअरों को खिलाये।
हमें समोसे की कीमत मिलनी चाहिए ।परसों बिरयानी वाले कहेंगे एक प्लेट बिरयानी 90 रुपये एम एस पी रखो चाहे उसमें कुत्ते का मांस डालें या चूहों का सब बिकनी चाहिये।
जो नहीं बिके उसे मोदी  खरीदें और पैसे सीधे हमारे खाते में जमा हों।
ये सब तमाशा नहीं तो क्या हो रहा है।
दिल्ली में जो त्राहि त्राहि हो रही है,
ना दूध पहुंच रहा है,
ना सब्जी पहुंच रही है,
ना कर्मचारी समय पर पहुंच पा रहे हैं उनकी ये दशा बनाने का क्या अधिकार है इन तथाकथित किसानों का?
सत्य कड़ुवा होता है
पंजाब वाले घेराव करें अपने मन्त्रियों का और हरियाणा वाले अपने मन्त्रियों का अपनी माँगो के लिए राज्य सर कार के द्वारा केन्द्र सरकार पर दवाब बनाये!
दिल्ली को घेर कर आम आदमी को क्यों परेशान किया जा रहा है ?
        आम जनता को परेशान होते देखकर यह पोस्ट लिखी जा रही है कृपया जिन जिन लोगों को यह पोस्ट अच्छी लगे और वह भी इस आंदोलन से परेशान हो वह इसे जरूर आगे बढ़ाएं

मै एक नौकरीपेशा हूं 
कोई सबसिडी नही लेता, हर साल टैक्स भरता हूँ, समाज सेवा, राष्ट्र सेवा करता हूं ! 
🙏🙏🙏🙏🙏

सुनने में लगता है कि नाथूराम गोडसे बहुत हिम्मती और दबंग किस्म के इंसान होंगे।


*मोहनदास गांधी की हत्या आज ही के दिन 73 वर्ष पूर्व (30 जनवरी 1948) नाथूराम गोडसे ने भारी भीड़ के बीच गोली मारकर की थी।*

आज उनकी 72वीं पुण्यतिथि है। उनकी हत्या के आरोप में 15 नवंबर 1949 को अंबाला जेल में नाथूराम गोडसे को फांसी दी गई थी। सुनने में लगता है कि नाथूराम गोडसे बहुत हिम्मती और दबंग किस्म के इंसान होंगे। इसके विपरीत गोडसे का बचपन एक अंधविश्वास की वजह से डर के सायें में गुजरा था। बहुत कम लोग जानते हैं कि इसी अंधविश्वास में उन्हें बचपन के कई वर्ष लड़कियों की तरह रह कर बिताने पड़े थे।
जी हां, आपको यकीन नहीं होगा, लेकिन ये सच है। नाथूराम गोड़से का असली नाम ‘नथूराम’ है। उनका परिवार भी उन्हें इसी नाम से बुलाता था। अंग्रेजी में लिखी गई उनके नाम की स्पेलिंग के कारण काफी समय बाद उनका नाम नथूराम से नाथूराम (Nathuram) हो गया। इसके पीछे एक लंबी कहानी है।
दरअसल नाथूराम के परिवार में उनसे पहले जितने लड़के पैदा हुए, सभी की अकाल मौत हो जाती थी। इसे देखते हुए जब नथू पैदा हुए तो परिवार ने उन्हें लड़कियों की तरह पाला। उन्हें बकायदा नथ तक पहनाई गई थी और लड़कियों के कपड़ों में रखा जाता था। इसी नथ के कारण उनका नाम नथूराम पड़ गया था, जो आगे चलकर अंग्रेजी की स्पेलिंग के कारण नाथूराम हो गया था।

मोहनदास गांधी (Mohandas Gandhi) की 30 जनवरी 1948 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।  गाँधी की हत्या नाथूराम विनायक गोडसे (Nathuram Godse) ने की थी। गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को गाँधी का सीना उस वक्‍त छलनी कर दिया जब वे दिल्‍ली के बिड़ला भवन में शाम की प्रार्थना सभा से उठ रहे थे। गोडसे ने गाँधी के साथ खड़ी महिला को हटाया और अपनी सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल से एक बाद के एक तीन गोली मारकर उनकी हत्‍या कर दी। नाथूराम गोडसे को गांधी की हत्या करने के तुरंत बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उस पर शिमला की अदालत में ट्रायल चला। नाथूराम गोडसे को 8 नवंबर, 1949 को फांसी की सजा सुनाई गई थी। जिसके बाद उसे 15 नवंबर, 1949 को फांसी पर चढ़ाया गया था। गांधी की हत्या के बाद उनके पुत्र देवदास गांधी नाथूराम से मिलने पहुंचे। इसके संदर्भ में नाथूराम गोडसे के भाई  ने अपनी किताब ''मैंने गांधी वध क्यों किया'' में लिखा है, ''देवदास (गांधी के पुत्र) शायद इस उम्मीद में आए होंगे कि उन्हें कोई वीभत्स चेहरे वाला, गांधी के खून का प्यासा कातिल नजर आएगा, लेकिन नाथूराम सहज और सौम्य थे। उनका आत्म विश्वास बना हुआ था। देवदास ने जैसा सोचा होगा, उससे एकदम उलट।'' 
गांधी की हत्या में नाथूराम अकेले नहीं थे। गांधी की हत्या में नाथूराम गोड़से अकेले नहीं थे। दिल्ली के लाल किले में चले मुकदमे में न्यायाधीश आत्मचरण की अदालत ने नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को फांसी की सज़ा सुनाई थी। बाक़ी पाँच लोगों विष्णु करकरे, मदनलाल पाहवा, शंकर किस्तैया, गोपाल गोडसे और दत्तारिह परचुरे को उम्रकैद की सज़ा मिली थी। बाद में हाईकोर्ट ने किस्तैया और परचुरे को हत्या के आरोप से बरी कर दिया था।

*अदालत को गोडसे ने बताई थी हत्या की ये वजह* अदालत में चले ट्रायल के दौरान नाथूराम ने गांधी की हत्या की बात स्वीकार कर ली थी। कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए गोडसे ने कहा था कि गांधी जी ने देश की जो सेवा की है, मैं उसका आदर करता हूँ। उन पर गोली चलाने से पूर्व मैं उनके सम्मान में इसीलिए नतमस्तक हुआ था। किंतु जनता को धोखा देकर पूज्य मातृभूमि के विभाजन का अधिकार किसी बड़े से बड़े महात्मा को भी नहीं है। गाँधी जी ने देश को छल कर देश के टुकड़े कर दिए। ऐसा कोई न्यायालय या कानून नहीं था, जिसके आधार पर ऐसे अपराधी को दंड दिया जा सकता, इसीलिए मैंने गाँधी को गोली मारी।
मौत से ठीक पहले गांधी ने कहा था *‘जो देर करते हैं उन्हें सजा मिलती है* गांधी को 30 जनवरी 1948 को शाम 5:15 बजे गाँधी भागते हुए बिरला हाउस के प्रार्थना स्थल की तरफ़ बढ़ रहे थे। उनके स्टाफ़ के सदस्य गुरबचन सिंह ने घड़ी देखते हुए कहा था, "बापू आज आपको थोड़ी देरी हो गई।" इस पर गांधी ने भागते हुए ही हंसकर जवाब दिया था, "जो लोग देर करते हैं उन्हें सज़ा मिलती है।" इसके दो मिनट बाद ही नथूराम गोडसे ने अपनी बेरेटा पिस्टल की तीन गोलियाँ महात्मा गाँधी के शरीर में उतार दी थीं।
गोडसे से जेल में मिलने गए गांधी के बेटे ने कहा थानाथूराम के भाई गोपाल गोडसे की किताब ‘गांधी वध और मैं’ के अनुसार जब गोडसे संसद मार्ग थाने में बंद थे, तो उन्हें देखने के लिए कई लोग जाते थे। एक बार गांधी जी के बेटे देवदास भी उनसे मिलने जेल पहुंचे थे। गोडसे ने उन्हें सलाखों के अंदर से देखते ही पहचान लिया था। इसके बाद गोडसे ने देवदास गांधी से कहा था कि आप आज मेरे कारण पितृविहीन हो चुके हैं। आप पर और आपके परिवार पर जो वज्रपात हुआ है उसका मुझे खेद है। लेकिन आप विश्वास करें, किसी व्यक्तिगत शत्रुता की वजह से मैंने ऐसा नहीं किया है। इस मुलाकात के बाद देवदास ने नथूराम को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने लिखा था आपने मेरे पिता की नाशवान देह का ही अंत किया है और कुछ नहीं। इसका ज्ञान आपको एक दिन होगा, क्योंकि मुझ पर ही नहीं संपूर्ण संसार के लाखों लोगों के दिलों में उनके विचार अभी तक विद्यमान हैं और हमेशा रहेंगे।

*गोड़से की अंतिम इच्छा* 15 नवंबर 1949 को नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को फाँसी दी गई थी। फांसी के लिए जाते वक्त नाथूराम के एक हाथ में गीता और अखंड भारत का नक्शा था और दूसरे हाथ में भगवा ध्वज। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि फाँसी का फंदा पहनाए जाने से पहले उन्होंने *नमस्ते सदा वत्सले* का उच्चारण किया और नारे लगाए थे। गोडसे ने अपनी अंतिम इच्छा लिखकर दी थी कि उनके शरीर के कुछ हिस्से को संभाल कर रखा जाए और जब सिंधु नदी स्वतंत्र भारत में फिर से समाहित हो जाए और फिर से अखंड भारत का निर्माण हो जाए, तब उनकी अस्थियां उसमें प्रवाहित की जाए। इसमें दो-चार पीढ़ियाँ भी लग जाएं तो कोई बात नहीं। उनकी अंतिम इच्छा अब भी अधूरी है और शायद ही कभी पूरी हो।

*नाथूराम गोडसे ने गांधी को क्यों मारा?*
नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse)  गांधी के उस फैसले के खिलाफ था जिसमें वह चाहते थे कि पाकिस्तान को भारत की तरफ से आर्थिक मदद दी जाए। इसके लिए बापू ने उपवास भी रखा था। उसे यह भी लगता था कि सरकार की मुस्लिमों के प्रति तुष्टीकरण की नीति गांधी जी के कारण है। नाथूराम गोडसे का मानना था कि भारत के विभाजन और उस समय हुई साम्प्रदायिक हिंसा में लाखों हिन्‍दुओं की हत्या के लिए महात्मा गांधी जिम्मेदार थे। गोडसे ने दिल्ली स्थित बिड़ला भवन में बापू की हत्या की थी। 30 जनवरी 1948 की शाम नाथूराम गोडसे बापू के पैर छूने बहाने झुका और फिर बैरेटा पिस्तौल से तीन गोलियां दाग कर उनकी हत्या कर दी थी।

*अब भी सुरक्षित हैं नाथूराम की अस्थियां* 
नाथूराम का शव उनके परिवार को नहीं दिया गया था। अंबाला जेल के अंदर ही अंदर एक गाड़ी में डालकर उनके शव को पास की घग्घर नदी ले जाया गया। वहीं सरकार ने गुपचुप तरीके से उनका अंतिम संस्कार कर दिया था। उस वक्त गोडसे के हिंदू महासभा के अत्री नाम के एक कार्यकर्ता उनके शव के पीछे-पीछे गए थे। उनके शव की अग्नि जब शांत हो गई तो, उन्होंने एक डिब्बे में उनकी अस्थियाँ समाहित कर लीं थीं। उनकी अस्थियों को अभी तक सुरक्षित रखा गया है। गोडसे परिवार ने उनकी अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए उनकी अस्थियों को अभी तक नव चाँदी के एक कलश में सुरक्षित रखा हुआ है।

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